मलेरिया मरीजों की पहचान और इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रखंड के आशा कर्मियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
मलेरिया मरीजों की पहचान और इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रखंड के आशा कर्मियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण -आशा कर्मियों को मलेरिया के लक्षण और अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की दी जा रही है जानकारी -जनवरी से नवंबर 2024 तक जिले में मलेरिया से ग्रसित पाए गए हैं 31 मरीज -मलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है सिंथेटिक पाराथ्राइड (एसपी) का छिड़काव पूर्णिया, 24 दिसंबर जिले में मलेरिया बीमारी से ग्रसित मरीजों की समय पर पहचान करते हुए नजदीकी अस्पताल में इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंड के आशा कर्मियों को दो अलग-अलग बैच बनाते हुए एकदिवसीय प्रशिक्षण राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच), पूर्णिया में दिया जा रहा है। इस दौरान सभी आशा कर्मियों को संबंधित क्षेत्र में लक्षण के अनुसार मलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से जांच और इलाज सुविधा उपलब्ध कराने की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान भीडीसीओ रवि नंदन सिंह, भीडीसीओ सोनू कुमार, मलेरिया स्वास्थ्य केंद्र लिपिक रामकृष्ण परमहंस, पिरामल स्वास्थ्य प्रोग्राम लीड अवधेश कुमार सहित जिला मलेरिया स्वास्थ्य विभाग के सभी स्वास्थ्य कर्मी और सभी आशा कर्मी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में आशा कर्मियों को मलेरिया के लक्षण और अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की दी गई है जानकारी : जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि प्लाज्मोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होने वाले बीमारी को मलेरिया कहते हैं। यह एक प्रकार का बुखार है जिसमें संक्रमित व्यक्ति को प्रतिदिन, एक दिन के अंतराल पर या हर 3-4 दिन के अंतराल पर बुखार होने लगता है। मलेरिया बुखार किसी भी उम्र के व्यक्ति, महिला या बच्चों को कभी भी हो सकता है। मलेरिया ग्रसित होने पर संबंधित व्यक्ति को कंपकपी के साथ तेज बुखार (103°F से 105°F तक) होने लगता है। ग्रसित मरीजों को बहुत दिनों तक लगातार बुखार होना, कुछ घंटों के बाद पसीनों के साथ बुखार का उतर जाना पुनः कुछ अंतराल के बाद उन्ही लक्षणों के साथ बुखार का आना मलेरिया ग्रसित होने के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर स्थानीय आशा कर्मियों द्वारा संबंधित मरीज को नजदीकी अस्पताल पहुँचाते हुए खून की जांच करवाना सुनिश्चित करना चाहिए।
जांच में संबंधित व्यक्ति मलेरिया ग्रसित पाए जाने पर चिकित्सकों द्वारा संबंधित मरीज को आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाती है। मरीजों को मलेरिया से सुरक्षा के लिए चिकित्सकों द्वारा निर्धारित दवा का पूरा उपयोग करना सुनिश्चित करना चाहिए। प्रशिक्षण के दौरान सभी आशा कर्मियों को अपने क्षेत्र में मलेरिया बुखार से ग्रसित ऐसे मरीजों की पहचान होने पर तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराते हुए लोगों को मलेरिया से सुरक्षित रखने की जानकारी दी जा रही है। सही समय पर जांच और पूर्ण इलाज से संबंधित मरीज मलेरिया बुखार ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं। जनवरी से नवंबर 2024 तक जिले में मलेरिया से ग्रसित पाए गए हैं 31 मरीज : भीडीसीओ रवि नंदन सिंह ने बताया कि वर्ष 2024 में जनवरी से नवंबर तक पूर्णिया जिले में मलेरिया बुखार से ग्रसित होने के 30 मरीज पाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक मलेरिया ग्रसित मरीज पूर्णिया पूर्व प्रखंड के शहरी क्षेत्रों में दर्ज हुए हैं। जनवरी से नवंबर 2024 तक पूर्णिया शहरी क्षेत्र में 22 मरीज मलेरिया ग्रसित पाए गए हैं जिन्हें अस्पताल से चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराते हुए सुरक्षित किया गया है। इसके अलावा 2024 में पूर्णिया पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में 03 मरीज, डगरुआ प्रखंड में 02 मरीज, बायसी प्रखंड में 01 मरीज, धमदाहा प्रखंड में 01 मरीज, भवानीपुर प्रखंड में 01 मरीज और रुपौली प्रखंड में 01 मरीज मलेरिया बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी मरीजों को नजदीकी अस्पताल द्वारा चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए स्वास्थ और सुरक्षित किया गया है। भीडीसीओ ने बताया कि वर्ष 2024 में पूर्णिया जिले के शेष 08 प्रखंड में कोई व्यक्ति मलेरिया बुखार से ग्रसित नहीं पाए गए हैं। सभी आशा कर्मियों को प्रशिक्षण के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों को मलेरिया से सुरक्षा के लिए जागरूक करते हुए अन्य सभी प्रखंड को भी मलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने की जानकारी दी जा रही है। मलेरिया से सुरक्षा के लिए किया जाता है सिंथेटिक पाराथ्राइड (एसपी) का छिड़काव : भीडीसीओ रवि नंदन सिंह ने बताया कि मलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में हर छह महीने के अंतराल पर सिंथेटिक पाराथ्राइड (एसपी) का छिड़काव किया जाता है। इस दौरान आशा कर्मियों द्वारा क्षेत्र के लोगों को मलेरिया से सुरक्षा के लिए अपने घरों में सिंथेटिक पाराथ्राइड छिड़काव कराने के लिए जागरूक किया जाता है। छिड़काव के दौरान आशा कर्मियों द्वारा छिड़काव कर्मियों से लोगों के घर के सभी कमरों के अंतर तथा किवाड़ों के पिछले भाग में छिड़काव कराना सुनिश्चित किया जाता है। आशा कर्मियों द्वारा छिड़काव से पहले क्षेत्र के लोगों को जानकारी देते हुए छिड़काव के दौरान घर के सभी सामान एक जगह एकत्रित करते हुए ढकने या घर से बाहर निकालने की सलाह देना सुनिश्चित किया जाता है। आशा द्वारा गृहस्वामी को छिड़काव के बाद तीन महीने तक घर की लिपाई-पोताही नहीं कराने की सलाह दी जाती है जिससे कि घर में उपलब्ध मलेरिया कीटाणु सम्पूर्ण नष्ट हो सके और लोग मलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रख सकें। मलेरिया के सुरक्षा के लिए लोग ध्यान रखें कि : -सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। -पूरे बदन को ढकने वाले कपड़ों का उपयोग करें। -घर के आसपास बने जल जमाव वाले जगहों को मिट्टी से पाट दें।
जल जमे स्थानों पर पानी में मिट्टी का तेल या डीजल डाल कर मलेरिया मच्छर को होने से रोकें। -घर के आसपास बहने वाले नाली की बराबर साफ सफाई करें ताकि पानी का बहाव निरंतर बना रहे।

मलेरिया मरीजों की पहचान और इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रखंड के आशा कर्मियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण -आशा कर्मियों को मलेरिया के लक्षण और अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की दी जा रही है जानकारी -जनवरी से नवंबर 2024 तक जिले में मलेरिया से ग्रसित पाए गए हैं 31 मरीज -मलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है सिंथेटिक पाराथ्राइड (एसपी) का छिड़काव पूर्णिया, 24 दिसंबर जिले में मलेरिया बीमारी से ग्रसित मरीजों की समय पर पहचान करते हुए नजदीकी अस्पताल में इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंड के आशा कर्मियों को दो अलग-अलग बैच बनाते हुए एकदिवसीय प्रशिक्षण राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच), पूर्णिया में दिया जा रहा है। इस दौरान सभी आशा कर्मियों को संबंधित क्षेत्र में लक्षण के अनुसार मलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से जांच और इलाज सुविधा उपलब्ध कराने की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान भीडीसीओ रवि नंदन सिंह, भीडीसीओ सोनू कुमार, मलेरिया स्वास्थ्य केंद्र लिपिक रामकृष्ण परमहंस, पिरामल स्वास्थ्य प्रोग्राम लीड अवधेश कुमार सहित जिला मलेरिया स्वास्थ्य विभाग के सभी स्वास्थ्य कर्मी और सभी आशा कर्मी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में आशा कर्मियों को मलेरिया के लक्षण और अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की दी गई है जानकारी : जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि प्लाज्मोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होने वाले बीमारी को मलेरिया कहते हैं। यह एक प्रकार का बुखार है जिसमें संक्रमित व्यक्ति को प्रतिदिन, एक दिन के अंतराल पर या हर 3-4 दिन के अंतराल पर बुखार होने लगता है। मलेरिया बुखार किसी भी उम्र के व्यक्ति, महिला या बच्चों को कभी भी हो सकता है। मलेरिया ग्रसित होने पर संबंधित व्यक्ति को कंपकपी के साथ तेज बुखार (103°F से 105°F तक) होने लगता है। ग्रसित मरीजों को बहुत दिनों तक लगातार बुखार होना, कुछ घंटों के बाद पसीनों के साथ बुखार का उतर जाना पुनः कुछ अंतराल के बाद उन्ही लक्षणों के साथ बुखार का आना मलेरिया ग्रसित होने के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर स्थानीय आशा कर्मियों द्वारा संबंधित मरीज को नजदीकी अस्पताल पहुँचाते हुए खून की जांच करवाना सुनिश्चित करना चाहिए।

पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर पवन कुमार झा ने कहा कि सुरेश यादव फर्जी तरीके से पूर्णिया विश्वविद्यालय में 2023 तक परीक्षा विभाग में टैबुलेटर थे। लेकिन उसकी बहाली का कागज या किसी तरह का अटेंडेंस विश्वविद्यालय में नहीं है। यहां तक की आरएल कॉलेज माधव नगर के प्रिंसिपल मोहम्मद कमाल ने भी पत्र लिखकर कुलपति को बताया कि सुरेश यादव कभी भी उस कॉलेज में प्राध्यापक के रूप में नहीं रहे है । लेकिन पूर्व कुलपति और पूर्णिया विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक द्वारा गलत तरीके से उन्हें पूर्णिया विश्वविद्यालय का टेबुलेटर बना दिया गया था। जानकार सूत्रों की माने तो इस दौरान उसने पूर्णिया विश्वविद्यालय से लाखों रुपए भी उठाया था । लेकिन जब पवन कुमार झा कुलपति बने तो उससे पहले ही वह हट गए थे। कुलपति ने कहा कि पूर्व के कुलपति और परीक्षा नियंत्रक ने किस आधार पर उन्हें विश्वविद्यालय में टैबुलेटर के पद पर रखा यह तो वही बताएंगे। लेकिन सुरेश यादव खुद फर्जी है । एसएससी ने उन्हें बगैर विश्वविद्यालय को बताए किस आधार पर उन्हें एसएससी एमटीएस परीक्षा का पर्यवेक्षक बना दिया यह भी बड़ा सवाल है।
पूर्णिया में आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ कार्यकर्ता दर्शन और संवाद किया। इस मौके पर पूर्णिया में प्रेस वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी पर से लोगों का विश्वास उठ गया है । राहुल गांधी पर सदन में संसद को धक्का देने के आरोप मामले में एफआईआर के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बेकार का एफआईआर है । सब लोग जानते हैं कि बाबा साहब अंबेडकर पर अमित शाह ने जो बयान दिया है उसे ध्यान भटकाने का यह बीजेपी का षड्यंत्र है। जनता सब समझती है । वही लालू यादव द्वारा ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने के बाबत तेजस्वी ने कहा कि जब सब लोग एक साथ बैठेंगे तब सबके विचार से किसी को कोई पद दिया जाएगा। यह लालू या तेजस्वी तय नहीं कर सकते हैं। वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अधिकारी मुख्यमंत्री की बात नहीं सुनते हैं।
बड़े से बड़ा मुद्दा पर मुख्यमंत्री चुप्पी साथ लेते हैं। सत्र में एक बार भी मुख्यमंत्री उठकर कोई जवाब नहीं दिए । बिहार के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री दोनों सदनों की बैठक में एक बार भी नहीं बोले हैं। या तो वह मौन रहते हैं या उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। उनकी उम्र काफी हो गई है । वह जनता से संवाद करने के लिए 225 करोड रुपए खर्च कर रहे हैं। 20 सालों तक आपने जो यात्राएं की है उसे कौन सा जनता का समाधान हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा के भी दो-दो उपमुख्यमंत्री है वह क्या सिर्फ बंगला और सिक्योरिटी लेने के लिए हैं। वहीं तेजस्वी ने कहा कि यह यात्रा अधिकारियों को लूट की छूट देने की यात्रा है ।जनता का इससे कुछ भला नहीं होने वाला है । थाना, ब्लॉक हर जगह भ्रष्टाचार चरम पर है । वही बीपीएससी की परीक्षा कैंसिल होने के बाबत तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ एक ही सेंटर का परीक्षा क्यों कैंसिल हुआ । छात्रों की मांग जायज है की सभी केंद्रो पर परीक्षा कैंसिल हो और फिर से परीक्षा हो। उन्होंने कहा कि यह नॉर्मलाइजेशन नहीं तो और क्या है। जब छात्र आवाज उठाते हैं तो डीएम थप्पड़ मारते हैं। पुलिस लाठी मारती है। जनता की आवाज को दबाने का काम करती है और छात्रों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है ।
जिला पदाधिकारी पूर्णिया के द्वारा अपर समाहर्ता पूर्णिया, जिला भू अर्जन पदाधिकारी पूर्णिया के साथ पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण का समीक्षा बैठक किया गया। बैठक में सबसे पहले पूर्णिया एयरपोर्ट के चहारदीवारी निर्माण की स्थिति की समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता पूर्णिया को पूर्णिया एयरपोर्ट के चहारदीवारी निर्माण हेतु एलाइनमेंट का कार्य कार्यपालक अभियंता , भवन प्रमंडल पूर्णिया के साथ पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण आगामी 30-40 वर्षों के फुटफॉल को ध्यान में रख कर किया जा रहा है, इसलिए ये जरूरी है कि इसके लिए एयरपोर्ट से सड़कों का बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराया जाय। जिला पदाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता पूर्णिया जिला भू अर्जन पदाधिकारी पूर्णिया को पटना- पूर्णिया ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे से पूर्णिया एयरपोर्ट को जोड़ने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पटना पूर्णिया ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे का एलाइनमेंट अभी फाइनल नहीं हुआ है तो अभी इसे पूर्णिया एयरपोर्ट से जोड़ना आसान होगा। जिला पदाधिकारी द्वारा पटना पूर्णिया ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे को पूर्णिया एयरपोर्ट से जोड़ने हेतु एनएचएआई के वरीय पदाधिकारी से वार्ता करने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्णिया एयरपोर्ट को पटना पूर्णिया ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे से जोड़ने से सीमावर्ती जिलों के लोगों को एयरपोर्ट की सुविधा का लाभ मिलेगा। पूर्व में ही एएआई के वास्तुविद द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट का डिजाईन तैयार कर लिया गया है। एएआई के द्वारा तैयार डिजाइन में पूर्णिया एयरपोर्ट को अत्याधुनिक एयरपोर्ट बनाने की सभी आवश्यकताओं को समाहित किया गया है। एएआई के वास्तुविद द्वारा अगले 30 से 40 वर्षों के फुट फॉल को ध्यान में रख कर डिजाइन तैयार किया गया है। पूर्णिया एयरपोर्ट पर पांच एयरोब्रिज के निर्माण को भी डिजाईन में समाहित किया गया है। पूर्णिया एयरपोर्ट को स्टेट ऑफ द आर्ट एयरपोर्ट बनाया जाना है। पूर्णिया एयरपोर्ट में एप्रोन, टर्मिनल बिल्डिंग, कार्गो कॉम्प्लेक्स, एसी चिल्लर प्लांट, एसटीपी, वॉटर एंड फायर टैंक, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, एविएशन फ्यूल फॉर्म, एडमिन ऑफिस, कमर्शियल प्लाजा, सर्फेस पार्किंग, एयरोब्रिज आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। अगस्त माह में ही एएआई के द्वारा स्थलीय सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया एवं सर्वे के दौरान प्रस्तावित हवाई अड्डे पर डीजीपीस मशीन के द्वारा लगभग 3000 डेटा पॉइंट्स लिया गया। सर्वे में एएआई के टीम के द्वारा टोपोग्राफी के साथ कंटूर मैपिंग का कार्य किया गया जिससे पूरे भूमि का अक्षांश, देशांतर तथा भूमि का एलिवेशन आदि का सर्वे भी किया जा चुका है। सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के टीम के द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित भूमि का सॉयल टेस्टिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि पूर्णिया एयरपोर्ट तथा अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण पूर्णिया के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है इसलिए इसे जल्द से जल्द पूर्ण करने में सभी को अपना शत प्रतिशत योगदान देना सुनिश्चित करना होगा। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्णिया एयरपोर्ट से पटना पूर्णिया ग्रीन एक्सप्रेसवे को जोड़ने तथा जिले में प्रस्तावित अन्य नए बाईपास के बन जाने से पूर्णिया के साथ साथ अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा कटिहार यह तक की नेपाल के यात्रियों को भी पूर्णिया एयरपोर्ट से सुखद जाम रहित यात्रा का लाभ मिलेगा । बैठक में अपर समाहर्ता पूर्णिया, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था पूर्णिया, निदेशक डीआरडीए सह विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय शाखा पूर्णिया, अनुमंडल पदाधिकारी सदर पूर्णिया, प्रभारी पदाधिकारी जिला राजस्व शाखा पूर्णिया तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे ।
Dec 24 2024, 18:28
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