प्रदेश के इन तीन नदियों पर बनेगा नया बराज, हर साल होने वाले को बाढ़ और सुखाड़ के नुकसान से मिलेगा निजात

डेस्क : उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ और सुखाड़ से हर साल होने वाले नुकसान से जल्द ही निजात मिलेगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य की तीन बड़ी नदियों पर नया बराज बनेगा। महानंदा पर किशनगंज और बागमती नदी पर सीतामढ़ी के ढेंग व कटौंझा के निकट बराज का निर्माण होगा। इसके लिए डीपीआर तैयार किया जाएगा। वहीं, मधुबनी के जयनगर में कमला नदी पर निर्मित वीयर को बराज में बदला जाएगा।

बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में 43 प्रस्तावों पर सहमति प्रदान की गयी।

बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि महानंदा नदी पर किशनगंज के तैयबपुर में बराज निर्माण के लिए डीपीआर बनाया जाएगा। इसके लिए 20.15 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है। इसके अलावा सीतामढ़ी में बागमती पर बराज निर्माण के लिए डीपीआर बनाने पर 25.37 करोड़ रुपये खर्च को मंजूरी दी गयी है।

मधुबनी के जयनगर में कमला नदी पर निर्मित वीयर को बराज में बदलने के लिए 642 करोड़ रुपये की योजना पर सहमति दी गई। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य में प्रत्यक वर्ष बाढ़ और सूखे से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए जल का सदुपयोग किया जाएगा।

बिहार में देश-विदेश के निवेशकों की बढ़ रही रुचि, वैश्विक निवेशक सम्मेलन के आज दूसरे दिन सीएम की उपस्थिति में 350 कंपनियों के निवेश समझौत पर होगा

डेस्क : बिहार के लिए एक अच्छी खबर है। बिहार में निवेश बढ़ाने में देश-विदेश के निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। पटना के ज्ञान भवन में चल रहे वैश्विक निवेशक सम्मेलन के पहले दिन गुरुवार को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश प्रस्ताव पर सहमति बनी है। वहीं आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में 350 कपंनियों के इन निवेश प्रस्तावों के समझौते पत्र पर हस्ताक्षर होंगे।

इन कंपनियों ने संबंधित विभागों को लेटर ऑफ इंटेंट दे दिया है। खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, विनिर्माण, सीमेंट उद्योग, विवरेज, पर्यटन आदि क्षेत्रों में निवेश करने की इच्छा निवेशकों ने जताई है।

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि इस बार एक लाख करोड़ से ज्यादा निवेश प्रस्ताव के एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। पिछले वर्ष 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए थे।

बता दें बीते गुरुवार को बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 के तहत निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाली वो कंपनियां भी हैं, जिनकी औद्योगिक इकाई पहले से राज्य में स्थापित हैं। ऐसी कंपनियां प्रदेश में अपने उद्योग का विस्तार करना चाहती हैं।

मौसम का हाल : कल शनिवार से बिहार में फिर कड़ाके ठंड पड़ने के आसार, इन जिलों में घना कोहरा का येलो अलर्ट

डेस्क : बिहार में एकबार फिर से मौसम का मिजाज बदलने वाला है। बीते तीन-चार दिनो से ठंड से मिल राहत के बाद एकबार फिर कड़ाके के ठंड की मार झेलनी पड़ सकती है। कल शनिवार से ठंड बढ़ने के आसार हैं। इस दौरान पूरे प्रदेश में घना से मध्यम कोहरा छाया रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से प्रदेश में रात के तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। वहीं शनिवार को 12 जिलों में घना कोहरा छाए रहने को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं शुक्रवार को पूरे प्रदेश में हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा छाया रह सकता है।

बीते गुरुवार को राजधानी पटना सहित प्रदेश के 19 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट और 25 शहरों के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। पटना के न्यूनतम तापमान में 0.1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। राजधानी का अधिकतम तापमान 26.5 और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

वहीं प्रदेश का सबसे ठंडा शहर सात डिग्री सेल्सियस के साथ सासाराम का डेहरी और सबसे गर्म शहर 30.3 डिग्री सेल्सियस के साथ नालंदा का राजगीर रहा। इस दौरान एक-दो शहरों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहा। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहा। हालांकि प्रदेश के अधिकतर शहरों में दिन में धूप निकलने के कारण लोग राहत महसूस कर रहे हैं।

प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पिछले कुछ दिनों के दौरान रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई थी। इस कारण सुबह के समय आंशिक तौर पर ही कोहरा देखा जा रहा था। जबकि शाम में कोहरा का कोई असर नहीं था। कल से लोगों को एक बार फिर रात के तापमान में गिरावट आने के कारण कोहरे का सामना करना होगा।

बिहार सरकार के कर्मचारियों/ पेंशनधारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने महंगाई भत्ते ने इतने प्रतिशत बढ़ोत्तरी का किया एलान

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। सचिवालय के कैबिनेट हॉल में शाम पांच बजे से हुई इस बैठक में कैबिनेट के सभी मंत्री मौजूद रहे। राज्य मंत्री परिषद की हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 43 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है।

कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। वेतन और पेंशन प्राप्त करनेवाले राज्य सरकार के कर्मियों को बिहार सरकार ने नए साल का तोहफा देते हुए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने को मंजूरी प्रदान की गई है। कैबिनेट की मीटिंग में इस पर चर्चा करते हुए पांचवें केंद्रीय वेतनमान में एक जुलाई 2024 से महंगाई भत्ते में 12 परसेंट की वृद्धि को मंजूरी दी गई है। अब पांचवे वेतनमान में महंगाई भत्ता 443 परसेंट से बढ़ाकर 455 परसेंट कर दिया गया है।

इसी तरह छठवें केंद्रीय वेतनमान प्राप्त करनेवाले राज्य सरकार के वर्तमान और पूर्व कर्मियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। इन कर्मियों को एक जुलाई 2024 से 239 परसेंट की जगह 246 परसेंट महंगाई भत्ता दिया जाएगा।

वहीं बैठक में महत्वपूर्ण फैसलों में विशिष्ट शिक्षक नियमावली को स्वीकृति तीन के बजाय पांच बार कराने पर मंजूरी दी गई।

सेवा संपुष्टि होने पर वेतनमान देने को लेकर मंजूरी दी गई। इसके साथ ही बिहार विद्यालय विशेष शिक्षक नियमावली को भी मंजूरी दी गई। वहीं उसमें जो शिक्षक जहां पढ़ रहे हैं, उन्हें वहीं योगदान देने का फैसला लिया गया है।

नीतीश कैबिनेट ने प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 459 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 43 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। सचिवालय के कैबिनेट हॉल में शाम पांच बजे से हुई इस बैठक में कैबिनेट के सभी मंत्री मौजूद रहे

राज्य मंत्री परिषद की हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 43 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है।

बैठक में महत्वपूर्ण फैसलों में विशिष्ट शिक्षक नियमावली को स्वीकृति तीन के बजाय पांच बार कराने पर मंजूरी दी गई। बैठक में जिन महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी गई। सेवा संपुष्टि होने पर वेतनमान देने को लेकर मंजूरी दी गई।

इसके बिहार विद्यालय विशेष शिक्षक नियमावली को भी मंजूरी दी गई। वहीं उसमें जो शिक्षक जहां पढ़ रहे हैं, उन्हें वहीं योगदान देने का फैसला लिया गया है।

नीतीश कैबिनेट ने प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 459 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।

ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को सीएम ने दिया बड़ा तोहफा, 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदान के निर्माण कार्य का किया शुभारंभ

डेस्क : ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा तोहफा दिया है। उन्हें जल्द ही खेल के लिए मैदान समेत अन्य सुविधाए मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गुरुवार को ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदान के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, आयुक्त, मनरेगा अभिलाषा शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे तथा कार्यारंभ स्थल पर वेब कास्टिंग के माध्यम से पंचायत जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में युवा भी कार्यक्रम से जुड़े थे।

ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के, 533 प्रखंडों के, 5671 ग्राम पंचायतों में प्रथम चरण में 6659 खेल मैदानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें कुल 63,827.35 लाख रुपये की राशि सन्निहित है। खेल मैदान निर्माण कार्य में अनुमानित 41 लाख मानव दिवस का सृजन होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कार्यारंभ की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

गौरतलब है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल कूद के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ खेल की आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं।

खेल मैदान के विकास के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उत्साहवर्द्धन भी होगा। खेल मैदान विकसित होने से युवाओं के बीच खेल प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्द्धाओं के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। खेल मैदान के विकास के क्रम में ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

भूमि की उपलब्धता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न तीन प्रकार के खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं।

पहले प्रकार के खेल मैदान बड़े आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 04 एकड़ तक का है। बड़े खेल मैदान में गाँव के युवाओं को खेलने के लिए क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद, लम्बी कूद, कबड्डी और खो-खो खेलों की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी।

दूसरे प्रकार के खेल मैदान मध्यम आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 01 से 1.5 एकड़ तक का है। मध्यम आकार के खेल मैदान में क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद और लम्बी कूद की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी।

जबकि तीसरे प्रकार के खेल मैदान छोटे आकार के हैं जिनका क्षेत्रफल एक एकड़ से कम है। इसमें कुल चार प्रकार की खेल सुविधाओं बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक और बैडमिंटन को शामिल किया गया है।

संसद में भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच धक्कामुक्की में दो भाजपा सांसदों को लगी चोट के बाद पटना में बवाल, बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के

डेस्क : संसद में भाजपा और कांग्रेस सांसदों की धक्कामुक्की में दो भाजपा सांसदों को लगी चोट को लेकर राजधानी पटना में जमकर बवाल हुआ। बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम के पास बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़ गए और दोनो ओर से जमकर लाठी-डंडे चले। जिसमें दोनो ओर से कई कार्यकर्ताओं को चोट लगी।

दरअसल संसद में आज गुरुवार की सुबह I.N.D.I.A. ब्लॉक आंबेडकर पर दिये गये बयान को लेकर अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान भाजपा और विपक्षी सांसद आमने-सामने आ गए। इस दौरान धक्का-मुक्की होने लगी। बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि राहुल ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है। जिसके कारण उनके सिर में चोट आई। बीजेपी के एक अन्य सांसद मुकेश राजपूत ने भी राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया। इस मामले पर राहुल गांधी ने उल्टे बीजेपी सांसदों पर ही आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों ने उन्हें संसद में जाने से रोका, धमकाया और धक्का-मुक्की की।

उस घटना के विरोध में बिहार के बीजेपी कार्यकर्ता सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस के दफ्तर के पास प्रदर्शन करने लगे और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वही इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गये और फिर जमकर हंगामा हुआ। दोनों तरफ के लोग लाठी-डंडे एक दूसरे पर दिखाने लगे। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की हुई। समय रहते मौजूद पुलिस कर्मियों ने दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं को शांत कराया। जिसके बाद यातायात बहाल हो सका।

नये वर्ष में पटनावासियों को मिलेगी बड़ी सौगात, अशोक राजपथ के डबल डेकर पुल पर इस माह से दौड़ेंगी गाड़िया

डेस्क : नये वर्ष में राजधानी पटनावासियों को बड़ी सौगात मिलने वाली है। पटना गांधी मैदान से सांयस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर बन रहे डबल डेकर पुल पर फरवरी से गाड़ियां दौड़ेंगी। निर्माणाधीन डबल डेकर पुल फरवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। निर्माण कार्य में तीन जगहों पर आ रही बाधा को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मेट्रो और पुल निर्माण निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर दूर कराया। इस पहल के बाद बचे हुए काम को तेजी से पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। डीएम बुधवार को निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

डीएम ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक की मौजूदगी में गांधी मैदान से कारगिल चौक होते हुए मेट्रो और डबल डेकर पुल के निर्माण कार्य का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से करगिल चौक-गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए पटना सायंस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर 2.2 किलोमीटर की लंबाई में डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। स्थल निरीक्षण में देखा गया कि कार्य में अच्छी प्रगति है।

अशोक राजपथ में डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य 15 जनवरी 2022 में शुरू हुआ था और फरवरी 2025 तक पूरा होना है। अंजुमन इस्लामिया हॉल के पास डबल-डेकर फ्लाईओवर के स्पैन नंबर 26 से 32 तक पुल निर्माण निगम लिमिटेड के आरओडब्ल्यू (राइट ऑफ वे) में मेट्रो की ओर से बैरिकेडिंग किये जाने के कारण डबल-डेकर फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में समस्या आ रही है। डीएम ने मेट्रो के अधिकारियों को रोड के किनारे बाउंड्री वॉल की तरफ बैरिकेडिंग बोर्ड चार मीटर पीछे करते हुए डबल डेकर निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा ताकि पुल निर्माण निगम को भी कार्य करने में कोई समस्या न हो।

डीजीपी विनय कुमार का सख्त निर्देश, अब कोई वारदात होने पर थानाध्यक्ष के साथ एसपी को भी करना होगा यह काम

डेस्क : डीजीपी विनय कुमार ने सभी जिलों को सख्त हिदायत दी है। किसी बड़ी वारदात या खासतौर से आपराधिक घटना होने पर संबंधित थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर से लेकर जिला के एसपी तक को स्वयं घटना स्थल पर जाना होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय में मौजूद कंट्रोल रूम को अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। सभी थाना से लेकर जिला मुख्यालय तक सीधे मुख्यालय कंट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे। घटना के बाद संबंधित थाने से लेकर एसपी तक को यहां से फोन कर जानकारी ली जाएगी कि वे कितनी देर में वहां पहुंचे। फिर इसकी क्रॉस चेकिंग की जाएगी।

पुलिस मुख्यालय से सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे फोन पर किसी घटना की सूचना आने पर औपचारिकता पूरी नहीं करें। स्पॉट पर जाकर स्वयं तफ्तीश कर उचित दिशा-निर्देश दें। नए डीजीपी ने पद संभालने के अगले दिन सभी जिलों के एसपी के मूवमेंट की जानकारी ली, तो पता चला कि मधुबनी एसपी को छोड़कर अन्य किसी जिले के एसपी ने घटना स्थल पर जाकर किसी मामले की तफ्तीश नहीं की है।

साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि पेट्रोलिंग के दौरान वे अपने साथ अनिवार्य रूप से पिस्टल या अन्य छोटे हथियार रखें। बिना हथियार के पेट्रोलिंग नहीं करें। अगर बिना हथियार कोई पेट्रोलिंग करते पाया गया, तो कार्रवाई होगी। सभी जिलों की पुलिस लाइन में हथियारों की कोई कमी नहीं है। हथियार पुलिस वर्दी का हिस्सा होता है। इस कारण भी इसे रखना आवश्यक है।

शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश, बच्चों के अभिभावक को महीने में एकबार करना होगा यह काम

डेस्क : महीने में एक दिन बच्चे के साथ अभिभावक भी स्कूल आएंगे। अभिभावकों को अलग-अलग समय पर स्कूल बुलाया जाएगा। माह में किसी एक शनिवार को सभी स्कूलों में शिक्षक-अभिवाक संगोष्ठी होगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने बुधवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें उक्त आदेश का अनुपालन कराने को कहा है।

विभाग ने सरकारी स्कूलों में प्रभावी रूप से शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी के आयोजन को लेकर बताया है कि इस दिन कौन-कौन सी गतिविधियां करनी हैं। प्रधानाध्यापक और शिक्षक की जवाबदेही भी तय की है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने जिलों को लिखे पत्र में कहा है कि महीने के प्रारंभ में ही संगोष्ठी की तिथि तय कर अभिभावकों को फोन पर अथवा संपर्क कर सूचना दी जाएगी। स्कूल में बच्चों की संख्या अधिक होगी तो प्राथमिक और मध्य विद्यालय के बच्चों के लिए अलग-अलग तिथि रखी जाएगी। हर अभिभावक को अलग-अलग समय में स्कूल बुलाया जाएगा, ताकि भीड़ नहीं हो। इससे शिक्षक बच्चे के बारे में पूरी बात अभिभावक से कह सकें।

शिक्षक अभिभावकों को बताएंगे कि उनके बच्चे की पढ़ाई में क्या प्रगति है, किन सुधारों की जरूरत है। अभिभावकों से शिक्षक आग्रह करेंगे कि उनके बच्चे घर में प्रतिदिन कम-से-कम एक घंटे के लिए हिन्दी और अंग्रेजी का पाठ जोर-जोर से बोलकर पढ़ें। अभिभावक अपने बच्चों से जरूर पूछें कि वे गृह कार्य पूरा किये हैं या नहीं। बच्चों को साफ-सुथरे स्कूल ड्रेस और जूता-चप्पल पहना कर भेजें। हर दिन बच्चों को अभिभावक स्कूल भेजें, इसका भी आग्रह करें।