पीएचसी में कैंप लगाकर 30 महिलाओं की नसबंदी की गई

खजनी गोरखपुर।पीएचसी में गुरुवार को आयोजित मुफ्त नसबंदी शिविर में 31 महिलाओं की नसबंदी के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया, जिनमें से 30 महिलाओं की सफलता पूर्वक नसबंदी की गई।

पीएचसी के एमओआईसी डॉक्टर प्रदीप त्रिपाठी ने बताया कि 31 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया था, किंतु किसी कारणवश एक महिला नहीं आ सकी शेष सभी 30 महिलाओं की नसबंदी सफलता पूर्वक जिले से आए सर्जन डॉ धनंजय के द्वारा की गई।

नसबंदी में गांवों की आशाओं एवं पीएचसी के चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ का सहयोग रहा।

*संदिग्ध परिस्थितियों में मनोरोगी युवक ने फंदा लगाकर जान दी*

खजनी गोरखपुर।।

तहसील क्षेत्र अंतर्गत बांसगांव थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव के निवासी सुरेंद्र सिंह के पुत्र मोहन सिंह उम्र लगभग 34 वर्ष ने घर के कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। परिवार के लोग सहजनवां में अपना निजी मकान बना कर वहीं रहते थे।बताया गया कि मोहन सिंह बिजली का काम करते थे, दो भाईयों में बड़े थे तथा गीडा की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। वे क्रमश: 6 वर्ष और 2 वर्ष की दो बेटियों के पिता थे। मानसिक स्थिति ठीक न रहने के कारण पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। आज अपराह्न अपनी ड्यूटी से लौट कर घर आए उनकी पत्नी छत पर कोई काम कर रही थीं नीचे आने पर कमरे में फंदे से लटका देख कर बदहवास हो कर परिवार के लोगों को सूचना दी फंदे से उतार कर मोहन सिंह को अस्पताल ले जाया गया किन्तु रास्ते में ही उनकी मौत हो चुकी थी।

बिजली का अच्छा कारीगर होने के कारण पैतृक गांव गोपालपुर और आसपास के गांवों के लोग मोहन सिंह को अच्छी तरह से जानते थे और बिजली से संबंधित काम करने के लिए उन्हें बुलाया करते थे। परिवार का बड़ा बेटा होने के कारण मोहन सिंह के आकस्मिक निधन पर परिवार के सदस्यों का रो कर बुरा हाल है।

पुरुष फुटबाल प्रतियोगिता में सहारा एफ सी एवं केरला पुलिस नें अपने-अपने जीते मैच

गोरखपुर। खेल निदेशालय उ0प्र0 एवं क्षेत्रीय खेल कार्यालय, गोरखपुर के तत्वावधान में दिनांक 17 से 24 दिसम्बर तक अखिल भारतीय प्राइजमनी पुरुष फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन रीजनल स्पोर्टस स्टेडियम गोरखपुर में किया जा रहा है जिसमें देश की 12 सर्वश्रेष्ठ टीमें प्रतिभाग कर रही है। आज दिनांक 19 दिसम्बर 2024 को प्रथम मैच सहारा एफ सी बनाम पंजाब पुलिस के मध्य खेला गया तथा इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में प्रवीण कुमार सिंह, मुख्य कोषाधिकारी गोरखपुर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ0 अमिल हयात खान, मनोचिकित्सक गोरखपुर उपस्थित थें।

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि को धर्मवीर सिंह एवं आजाद सिंह उप क्रीड़ाधिकारी गोरखपुर नें बैच लगाकर एवं बुके, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह भेट कर उनका स्वागत किया तद्उपरान्त मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि नें खिलाड़ियों एवं आफिसियल्स से परिचय प्राप्त कर मैच प्रारम्भ कराया। इस अवसर पर अतिथि के रुप में मो0 हमजा सचिव जिला फुटबाल संघ, विशाल, राजेन्द्र सिंह राजू, अमित कन्नौजिया, विजय पाल एवं अन्य उपस्थित थें। मैच के प्रथम हॉफ के शुरूआत से दोनो टीमों के खिलाड़ियों नें बेहतर तालमेल का प्रदर्शन किया तथा प्रथम हॉफ के अन्तिम क्षणों में पंजाब पुलिस के खिलाड़ियों नें अक्रामक शैली अपनाई जिसके फलस्वरुप खेल के 32वें मिनट में जसप्रीत सिंह नें दर्शनीय गोल कर पंजाब पुलिस टीम की बढ़त दिलायी परन्तु द्वितीय हॉफ का खेल शुरू होते ही सहारा एफ सी के खिलाड़ियों द्वारा आक्रमण तेज कर दिया तथा मैच के 72वें मिनट में सहारा एफ सी के तेजतर्रार स्ट्राइकर हिमांशू नें मैदानी गोल कर स्कोर बराबर कर दिया। दोबारा 94वें मिनट में हिमांशू ने एक और गोल कर सहारा एफ सी को बढ़त दिला दी सहारा एफ सी की टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही जिसके परिणाम स्वरुप खेल के 97वें मिनट में सहारा एफ सी के बुध्द देव नें एक और गोल कर बढ़त को 03-01 कर दिया। पंजाब पुलिस पिछड़नें के बाद आक्रमण तेज कर दिया परन्तु गोल नही कर सकी और सहारा एफ सी नें पंजाब पुलिस को 03-01 गोल के अन्तर से पराजित किया।

द्वितीय मैच केरला पुलिस बनाम उत्तराखण्ड एकादश के मध्य खेला गया तथा इस अवसर पर मुख्य अतिथि मारकंडेय सिंह जिला कमांडेंट होमगार्ड गोरखपुर उपस्थित थें तथा मैच से पूर्व मुख्य अतिथि नें खिलाड़ियों एवं आफिसियल्स से परिचय प्राप्त कर मैच प्रारम्भ कराया। मैच के प्रथम हॉफ से ही दोनो टीमों नें सराहनीय खेल का प्रदर्शन किया परन्तु केरला पुलिस की खिलाड़ियों नें अनुभव का फायदा उठाते हुए 20वे मिनट में बेवल नें हेड गोल कर केरला पुलिस को बढ़त दिला दी प्रथम हॉफ के समाप्ति तक स्कोर 01-0 रहा। दूसरे हॉफ के खेल में केरला पुलिस की खिलाड़ियों नें बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया जिसके परिणाम स्वरुप खेल के 62वें मिनट में गोकुल नें केरला पुलिस की तरफ से एक और गोल कर बढ़त 02-0 कर दिया। उत्तराखण्ड एकादश के खिलाड़ियों नें भी गोल करने के कई मौके बनाए परन्तु केरला पुलिस के खिलाड़ियों नें उत्तराखण्ड के प्रयासों को विफल कर दिया और केरला पुलिस नें उत्तराखण्ड एकादश को 02-0 गोल के अन्तर से पराजित किया।इस मैच में निर्णायक की भूमिका कमलेश पाण्डेय, देवजीत सिंह यादव, शशि मोहन मिश्रा, रमेश चन्द्र जायसवाल, मनोज तिवारी, अजय यादव, नित्या सरदार, मेहरुद्दीन, महेश चन्दर, हाजी मुनव्वर अली आदि ने निभायी।

वस्तुओं के वास्तविकता को समझना व देखना विपश्यना है – डॉ. कंडेगमा

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ द्वारा कुलपति प्रो. पूनम टण्डन के संरक्षण में चल रहे सप्तदिवसीय शीतकालीन योग कार्यशाला विषय ’योग एवं दर्शन’ के अंतर्गत अपरान्ह 1 बजे बौद्ध दर्शन में विपश्यना विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के स्वागत के साथ शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र जी के द्वारा हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बुद्धिस्ट एवं पालि विश्वविद्यालय, श्रीलंका के पालि विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. कंडेगमा दीपावंसालंकार थेरो रहे।

डॉ. कंडेगमा थेरो इससे पहले शोधपीठ एवं उसके पुस्तकालय का भ्रमण किया। उन्होंने अपना व्याख्यान शोधपीठ के आडियो-विजुअल कक्ष से दिया। उन्होंने बौद्ध दर्शन में विपश्यना के सभी आयामों अनुपश्चयना, चित्तानुपश्चयना, कायानुपश्चयना, वेदनानुपश्चयना पर विस्तृत प्रकाश डाला। डॉ. थेरो ने ध्यान के दो रूप समथ एवं विपश्यना पर चर्चा करते हुए कहा कि विपश्यना ध्यान की प्रभावी पद्धति है। उन्होंने कहा कि वस्तुओं के वास्तविकता को समझना व देखना विपश्यना है। हमें अपने मन को शांत रखना चाहिए। आसक्त नहीं होना चाहिए। हमे मानसिक गतिविधियों को समझना चाहिए। अपने अंदर देखना चाहिए। हमारे मन में अनंत विचार उत्पन्न होते है। ये विचार क्षणिक होते है। इन्हे मन से देखना चाहिए। इन्हे नियंत्रित करने के लिए हमे विपश्यना करना चाहिए।

प्रशिक्षण सत्र के तीसरे दिन भी प्रतिभागियों की काफी संख्या रही। योग प्रशिक्षण डा. विनय कुमार मल्ल के द्वारा दिया गया। योग प्रशिक्षण में लगभग 30 लोगों ने भाग लिया। इसमें स्नातक, परास्नातक, शोध छात्र आदि विद्यार्थी एवं अन्य लोग सम्मिलित हुए।

इस कार्यक्रम का संचालन शोधपीठ के रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार द्वारा किया गया। शोधपीठ के सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह द्वारा मुख्य वक्ता एवं समस्त प्रतिभागियों एवं श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के आचार्य सहित डॉ. रंजन लता, डॉ. मृणालिनी, डॉ. श्रीनिवास मिश्र, शोधपीठ के सहायक ग्रन्थालयी डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी, वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ. हर्षवर्धन सिंह, चिन्मयानन्द मल्ल आदि उपस्थित रहे।

खजनी के चौतरवां गांव में चोरों ने घर खंगाला, विरोध कर रही महिला की पिटाई

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के चौतरवां गांव में बीती रात घर में घुसे अज्ञात चोरों ने पूरा घर खंगाल डाला खटपट की आवाज सुनकर बरामदे में सो रही अधेड़ महिला जाग गई। चोरों ने महिला से घर के सेफ (लाॅकर) की चाभी मांगी किंतु महिला ने बताया कि चाभी उसके पास नहीं है।

जिसपर चोरों ने महिला को मारपीट कर घायल कर दिया और उसके कान में पहने हुए सोने के टाॅप्स जबरन नोंच ले गए।

मिली जानकारी के अनुसार चौतरवां गांव के निवासी स्वर्गीय जगमोहन की पत्नी दुर्गावती घटना के दौरान घर में अकेली थीं। उनकी बहू बड़े बेटे अनिल की पत्नी अपने मायके गई हुई थीं। बताया गया कि बड़ा बेटा अनिल 30 वर्ष और सूरज 22 वर्ष जयपुर में रह कर मेहनत मजदूरी करते हैं। गांव में महिला अपनी बहू और अपनी बेटी के लड़के के साथ रहती है। बीती रात लगभग 12-1 बजे के दौरान घर में घुसे अज्ञात चोरों के खटपट की आवाज सुनकर महिला जाग गई, पहले उसे लगा कि उसका नाती घर में आया है लेकिन पूरा घर खंगाल चुके चोरों ने महिला से सेफ की चाभी मांगी विरोध करने पर मारपीट कर कान में पहने जेवर खींच कर भाग निकले।

महिला के शोर मचाने पर आसपास के लोग आ गए। घटना की सूचना तत्काल पुलिस को दी गई। घटना से भयभीत महिला गहनों और कीमती सामानों की चोरी का ब्यौरा नहीं दे पाई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू कर दी है, मौके पर पहुंचे एसपी साउथ जितेंद्र कुमार थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने पुलिस टीम डाॅग स्क्वायड, फारेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। खजनी पुलिस ने पीड़ित महिला के भतीजे सुनील साहनी की तहरीर पर मुकदमा अपराध संख्या 485/2024 के तहत बीएनएस की धाराओं 331(4), 305, 351(2) में चोरी मारपीट के आरोप में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

इस संदर्भ में एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने बताया कि टीम लगा दी गई है, घटना का जल्द ही पर्दाफाश कर लिया जाएगा।

संविधान रचयिता पर टिप्पड़ी के विरोध में छात्र नेताओं ने डीडीयू के मुख्य द्वार पर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर। आज गोरखपुर विश्वविद्यालय मुख्य गेट पर राज्यसभा कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा महामानव भारत रत्न बाबा डॉ0 भीम राव अंबेडकर जी पर अमर्यादित बयान को लेकर पूरे देश के जनमानस आक्रोश में हैं।

जहाँ मूलनिवासियों दलितों, पिछड़ों के मसीहा जिन्होंने वंचित समाज को अधिकार दिलाया उस बाबा साहब का अपमान किसी कीमत पर स्वीकार नही करेंगे,

जिसकों लेकर आज छात्रनेताओं ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करतें हुए, उपजिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी द्वारा अमित शाह को गृह मंत्री पद से बर्खास्त करें, आंदोलन में मुख्य रूप से भस्कार चौधरी, शिव शंकर गोंड, पवन कुमार, सतीश चंद्र सिंघम, प्रशान्त कुमार, शुभम यादव, अंकित गोंड, अरस्तू, चंद्रन यादव, अनूप चौधरी, अभिषेक कुमार,संजीव कुमार, आशीष, सौरभ, राहुल यादव, राम प्रताप यादव, बुध्देश मणि, दीनानाथ साहनी, अजय कुमार आदि लोग उपस्थिति रहे ||

‘ठंड में विशेष सतर्कता रखें गर्भवती, सेहत खराब हो तो चिकित्सक की सलाह पर ही लें दवा

गोरखपुर, बढ़ती ठंड के बीच स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती को विशेष सतर्कता रखने की सलाह दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने अपील की है कि अगर किसी गर्भवती को सर्दी, जुकाम, फ्लू समेत स्वास्थ्य संबंधी कोई भी दिक्कत हो तो वह चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें। अपने मन से दवा का सेवन करना उनकी और उनके गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए हानीकारक हो सकता है। ठंड में बरती गई सावधानियां न केवल उन्हें बल्कि उनके गर्भस्थ शिशु को भी सुरक्षा प्रदान करेंगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग ने इक्कीस नवम्बर तक करीब 1.10 लाख गर्भवती का पंजीकरण किया है, जिन्हें प्रसव पूर्व चिकित्सकीय जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है। इनके अलावा बड़ी संख्या में गर्भवती निजी अस्पतालों में भी जांच और इलाज करवाती हैं। निरंतर कम होते तापमान, मौसम में अप्रत्याशित बदलाव और बढ़ रही ठंड के बीच इन गर्भवती का ध्यान रखना विभाग के साथ साथ उनके परिजनों और खुद गर्भवती की भी जिम्मेदारी है। बदले हुए मौसम में अगर कोई गर्भवती बीमार पड़ती हैं तो वह 102 नंबर एम्बुलेंस के जरिये किसी भी सरकारी अस्पताल पहुंच कर चिकित्सकीय परामर्श का लाभ ले सकती है। एम्बुलेंस के जरिये उन्हें वापस घर छोड़ने का भी प्रावधान है।

डॉ दूबे ने बताया कि गर्भवती को एस्पिरिन या डिस्प्रिन, वोल्टेरेन या नूरोफेन अथवा स्यूडोएफेड्रिन युक्त कोई भी सर्दी और फ्लू की दवा नहीं लेनी चाहिए। कई बार झोलाछाप के यहां से या मेडिकल स्टोर से यह दवाएं खरीद कर गर्भवती को दे दी जाती हैं जो उनके लिए जटिलताएं बढ़ा देती हैं। जिले में पचास से अधिक ऐसी स्वास्थ्य इकाइयां है जहां गर्भवती को बुखार होने पर दिखा कर परामर्श और दवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। गर्भवती को इन केंद्रों तक ले जाने और घर वापस छोड़ने के लिए करीब पचास 102 नंबर एम्बुलेंस भी जिले में मौजूद हैं।

अवश्य रखें सतर्कता

आयुष्मान आरोग्य मंदिर कालेपुर की चिकित्सा अधिकारी डॉ राजश्री प्रवीण का कहना है कि ठंड में प्रयास होना चाहिए कि गर्भवती को बुखार या स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो ही न। इसके लिए छोटी छोटी सावधानियां रखनी होंगी। गर्भवती को हाथों की स्वच्छता, संतुलित आहार, बीमार लोगों के निकट सम्पर्क से दूरी रखना, घर से बाहर अनावश्यक न निकलना, कान बांध कर रखना और सर्दी से बचाव के कपड़े पहनना, भरपूर नींद, नियमित व्यायाम और तनाव को दूर रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके बावजूद अगर कोई दिक्कत होती है तो गर्भावस्था में बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

परीक्षा एजेंसी के द्वारा विद्यार्थियों का आर्थिक शोषण बंद हो- मयंक राय

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में व्याप्त घोर अनियमितता, परीक्षा परिणामों में व्याप्त त्रुटियों को अविलंब ठीक करने एवं बुनियादी समस्याओं के निवारण हेतु कुलपति को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में प्रमुख रूप से गोरखपुर विश्वविद्यालय के समस्त शोधार्थियों को फेलोशिप प्रदान करने जिन्हें किसी प्रकार की अन्य फेलोशिप प्राप्त नहीं होती है, विश्वविद्यालय के सभी संकायों में पेयजल की व्यवस्था करने और कक्षाओं व बाथरूम के स्वच्छता की समुचित व्यवस्था करने, विश्वविद्यालय द्वारा नामित एजेंसी (परीक्षा से सम्बन्धित) के लापरवाही और आर्थिक शोषण के कारण अधिकतर विद्यार्थियों के अंकपत्र में नंबर तथा नाम में त्रुटि को अविलंब सही करने और दोषियों पर कारवाई करने, गोरखपुर विश्वविद्यालय के संबंधित महाविद्यालयों में नकल विहीन परीक्षा को सुनिश्चित किया करने, केंद्रीय पुस्तकालय में नई पुस्तकों को उपलब्ध कराने, कृषि संकाय में प्रयोगशाला की व्यवस्था करने, क्रीड़ा संकुल के छात्रों के लिए खेल के सामग्री उपलब्ध कराने, विश्वविद्यालय के समस्त कक्षाओं के अटेंडेंस में अनियमितता को दुरुस्त करने, विधि विभाग के सत्र 2021- 2024 के लगभग 150 विद्यार्थियों का 6th सेमेस्टर का 300 से अधिक अंकपत्र गलत छपकर विभाग में आ गया है, सभी अंक पत्रों में एनरोलमेंट नंबर गलत है जिससे इनका सत्र बर्बाद हो गया है, जिसे अविलंब सही करने जैसे विषयों पर समाधान हेतु ध्यान आकृष्ट किया।

प्रांत मंत्री श्री मयंक राय ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने निरंतर शैक्षिक संस्थानों में छात्र हितों से जुड़े समास्याओं के समाधान के साथ-साथ सामाजिक विषयों को भी प्रमुखता से उठाया है। परीक्षा एजेंसी के द्वारा विद्यार्थियों का आर्थिक शोषण शर्मनाक है, विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा और अंकपत्रों से संबंधित त्रुटियों का तत्काल निवारण करना चाहिए और संबंधित एजेंसी पर कारवाई करते हुए प्रतिबंधित करना चाहिए। विधि के अंतिम वर्ष के सैकड़ों विद्यार्थियों के अंकपत्र में एनरोलमेंट नंबर में गड़बड़ी भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करता है, साथ ही 4 साल से कृषि संकाय के विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशाला ना होना उनके शैक्षिक भविष्य के साथ धोखा है जिसपर विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल निर्णय लेना चाहिए।

राज्य विश्वविद्यालय कार्य संयोजक और रा०का०स० ऋषभ सिंह ने कहा कि परीक्षाओं में नकल विश्वविद्यालय प्रशासन के लापरवाही को प्रदर्शित करता है, सकारात्मक शैक्षिक वातावरण के ले संदेहास्पद है, जिसपर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।

विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि नैक A++ रैंकिंग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आज बुनियादी सुविधाओं जैसे पेयजल, स्वच्छता और पुस्तकालय में पुस्तकों की कमी जैसे समस्याओं से जूझ रहे, जिसपर तत्काल समाधान की आवश्यकता है।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय इकाई मंत्री निखिल राय, महानगर मंत्री शुभम गोविंद राव, पीयूष मिश्रा, अंशुमान दुबे, रोशन कुमार, दीपांशु त्रिपाठी, भानु प्रताप सिंह, आदित्य राज तिवारी, ऋषि प्रताप सिंह, बिपुल तिवारी, सात्विक जायसवाल, गौरव वर्मा आदि उपस्थित रहे।

फूड विभाग के टीम की छापेमारी के दौरान मिले एक्सपायरी मसाले

गोरखपुर । आम जनमानस को शुद्ध खाद्य पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य मुख्यमंत्री के आदेश पर सहायक आयुक्त खाद्य (द्वितीय) डॉ सुधीर कुमार सिंह के निर्देशन व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी के नेतृत्व में फूड विभाग की टीम ने आज लक्ष्मीपुर साकेत एनक्लेव ग्रीन इन रेस्टोरेंट पर छापेमारी के दौरान 20 किलो से अधिक मसाले, टॉपिंग आदि एक्सपायरी मिले।

टीम ने तीन नमूने भरकर रेस्टोरेंट संचालक को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है टीम ने ग्रीन इन रेस्टोरेंट से पनीर सॉस चटनी के नमूने भरे गए हैं ।

सहायक आयुक्त खाद्य (द्वितीय) डॉ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी के नेतृत्व में आज टीम ने लच्छीपुर साकेत एंक्लेव ग्रील इन रेस्टोरेंट पर छापेमारी की गई तो वहां से एक्सपायरी डेट के मसले मिले हैं टीम ने वहां से तीन नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला हेतु जांच के लिए भेजा गया है । रेस्टोरेंट संचालक द्वारा मांसाहारी और शाकाहारी पदार्थ एक ही फ्रीजर में पाया गया जिस तेल में छाने जा रहे थे उसे कई बार इस्तेमाल किया गया था।

उन्होंने आगे बताया कि सहजनवा क्षेत्र में आटा फैक्ट्री में जांच की तो पाया कि कई कंपनियों की पैकिंग की आटे तैयार किया जा रहे थे। टीम ने वहां से नमूने भरकर प्रयोगशाला हेतु जांच के लिए भेजा गया है और कंपनी के निर्माण कार्य को रोकने का आदेश जारी किया गया है, उन्होंने बताया कि नमूने संग्रहित किए गए हैं जांच रिपोर्ट आने के बाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी नागेंद्र, कमल नारायण, आभा, प्रतिमा, नरेंद्र आदि शामिल रहे।

गोरखपुर एम्स में सुगम परिवार नियोजन मॉडल का सफल शुभारंभ

गोरखपुर। एम्स गोरखपुर में आज स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा "सुगम परिवार नियोजन मॉडल" का औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह मॉडल, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य परिवार नियोजन सेवाओं के लिए जन जन तक जागरुकता फैलाना और उपलब्ध साधनों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, आदरनीय निदेशक डॉ प्रो अजय सिंह ने मॉडल का उद्घाटन करते हुए कहा, "सुगम मॉडल न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा बल्कि पूरे परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण को भी सुदृढ़ करेगा।

गर्भधारण की स्वतंत्रता, महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है ।"

प्रसूति एवं स्त्री रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रो शिखा सेठ, ने इस अवसर पर कहा, " सुगम मॉडल परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी के साथ सभी महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से अपने जरूरत के मुताबिक उनको चुनने और इस्तमाल कर परिवार को नियोजित करने और गर्भधारण के समय निर्धारित करने में मददगार होगा.

गर्व की बात है कि हम 'सुगम' मॉडल के माध्यम से महिलाओं और परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर सकेंगे। यह पहल न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाएगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।"

डॉ. आराधना सिंह, विभाग की एडिशनल प्रोफेसर ने कहा, "परिवार नियोजन के द्वारा अनचाहे गर्भ से बचाव एवं दो बच्चों के बीच सही अंतर रख मां एवं बच्चे स्वस्थ्य रह सकते हैं।

सुगम मॉडल क्या है?

सुगम परिवार नियोजन मॉडल एक व्यापक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य है परिवार नियोजन सेवाओं को हर वर्ग और क्षेत्र तक पहुँचाना एवं मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।

इस मॉडल के माध्यम से:

महिलाओं को परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी और परामर्श दिया जाएगा।

समुदाय में परिवार नियोजन के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी।महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।

आप "सुगम" का हिस्सा कैसे बन सकते हैं?

हमारे अस्पताल के परिवार नियोजन केंद्र पर आएँ: हमारे अनुभवी और प्रशिक्षित काउंसलर आपके सभी सवालों के जवाब देंगे और आपको सही मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

सलाह लें: परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें और अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें।

"सुगम" मॉडल के तहत उपलब्ध विकल्प:

हमारे केंद्र पर आपको कई प्रकार के गर्भ निरोधक विकल्प मिलेंगे, जैसे:

गोली: आसानी से उपलब्ध और प्रभावी।

आईयूडी: लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करता है।

कंडोम: सुरक्षित यौन संबंध के लिए सबसे अच्छा विकल्प।

नसबंदी: स्थायी गर्भनिरोधक का विकल्प।

इंजेक्शन: लंबे समय तक प्रभावी।

इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष, फैकल्टी, रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग आफिसर के साथ बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित रहा। रेजिडेंट डॉक्टर सौम्या एवं नर्सिग आफिसर स्वाती भारती ने भी परिवार नियोजन की जानकारी साझा किया। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यह कार्यक्रम विभाग के सामूहिक प्रयास और संस्थान के नेतृत्व के तहत सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।