फिनटेक क्षेत्र की लोकप्रिय कंपनी Klarna, ने इंसानों के बदले AI को काम पर लगाने का लिया फैसला

डेस्क:–फिनटेक क्षेत्र की लोकप्रिय कंपनी Klarna, ने इंसानों के बदले AI को काम पर लगाने जैसा बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के CEO सेबेस्टियन सिएमियातकोव्स्की ने दावा किया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब उन ज्यादातर कामों को संभाल सकता है, जिन्हें पहले इंसान करते थे।

सिएमियातकोव्स्की ने खुलासा किया कि Klarna ने पिछले एक साल से नई भर्तियां बंद कर दी हैं। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या पहले 4,500 थी, जो अब 3,500 रह गई है। CEO का कहना है कि टेक कंपनियों में हर साल 20% कर्मचारियों का स्वभाविक रूप से इस्तीफा देना आम बात है। इसके चलते Klarna ने रिक्त पदों को भरने के बजाय अपने कार्यबल को स्वभाविक रूप से कम होने दिया।

उन्होंने कहा, “हर टेक कंपनी में एक स्वाभाविक कर्मचारी घटाव होता है। लोग औसतन पांच साल तक काम करते हैं, जिसके बाद 20% कर्मचारी हर साल छोड़ देते हैं। नई भर्तियां न करके, हम अपने कार्यबल को स्वाभाविक रूप से घटने दे रहे हैं।”

सिएमियातकोव्स्की ने यह भी कहा कि बचे हुए कर्मचारियों की सैलरी में कटौती नहीं की जाएगी। इसके बजाय, कम कर्मचारियों की वजह से बचत का फायदा मौजूदा कर्मचारियों को वेतन बढ़ाने के रूप में दिया जा सकता है।

Klarna का यह कदम वैश्विक स्तर पर उन चर्चाओं को बल देता है, जहां AI के कारण नौकरी के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं। McKinsey & Company की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI के विकास के साथ, 2030 तक लाखों कर्मचारियों को नई भूमिकाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।

Klarna की वेबसाइट पर अभी भी कुछ पदों के लिए भर्तियां जारी हैं, लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ये केवल आवश्यक पदों के लिए हैं, खासतौर पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में।

Klarna का यह कदम वैश्विक स्तर पर उन चर्चाओं को बल देता है, जहां AI के कारण नौकरी के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं। McKinsey & Company की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI के विकास के साथ, 2030 तक लाखों कर्मचारियों को नई भूमिकाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।

Klarna की वेबसाइट पर अभी भी कुछ पदों के लिए भर्तियां जारी हैं, लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ये केवल आवश्यक पदों के लिए हैं, खासतौर पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में।

Klarna के इस फैसले से पहले, अमेरिकी टेक कंपनी IBM ने भी AI और ऑटोमेशन के प्रति अपना समर्थन दिखाया था। IBM के CEO अरविंद कृष्णा ने पिछले साल कहा था कि आने वाले पांच सालों में कई नौकरियां AI द्वारा की जा सकती हैं। उन्होंने मानव संसाधन (HR) विभाग का उदाहरण देते हुए कहा था कि इसका 30% हिस्सा AI और ऑटोमेशन द्वारा संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा था, “आने वाले पांच सालों में HR का 30% हिस्सा AI और ऑटोमेशन द्वारा संभाल लिया जाएगा।”

Klarna का यह कदम स्पष्ट संकेत है कि AI धीरे-धीरे कार्यस्थलों को बदल रहा है। हालांकि, इससे यह सवाल उठता है कि इंसानी रोजगार पर इसका कितना गहरा असर पड़ेगा। कंपनियों की ऐसी रणनीतियां न केवल आर्थिक बचत का जरिया बन रही हैं, बल्कि काम के पारंपरिक तरीकों को भी बदल रही हैं।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार में केरल को दूसरा स्थान, मुख्यमंत्री ने की तारीफ

डेस्क:–केरल ने प्रमुख क्षेत्रों में अपनी अनुकरणीय ऊर्जा दक्षता पहलों के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024 में दूसरा स्थान जीता। सोशल मीडिया पर बात करते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को अपने पोस्ट में लिखा कि यह मान्यता स्थिरता और नवाचार के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। केरल ने प्रमुख क्षेत्रों में अनुकरणीय ऊर्जा दक्षता पहलों के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024 में दूसरा स्थान जीता है! यह मान्यता स्थिरता और नवाचार के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उपलब्धि हमें एक साथ मिलकर हरित, अधिक ऊर्जा-कुशल भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करे।

बाद में अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में, सीएम ने लिखा कि यह पुरस्कार ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों को मान्यता देता है। पोस्ट में लिखा गया है, "यह ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की मान्यता है।

ऊर्जा संरक्षण के महत्व का संदेश फैलाने और ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में राष्ट्र की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इससे पहले, विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और उनसे हस्तक्षेप करने और वित्त मंत्रालय के उस फैसले को वापस लेने का आग्रह किया, जिसमें राज्य को विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) चुकाने की आवश्यकता थी।

10 दिसंबर को लिखे पत्र में केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, "चूंकि भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई 817.80 करोड़ रुपये की राशि शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) के आधार पर चुकाई जानी है, इसलिए इसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने से वास्तविक रूप से 10,000 से 12,000 करोड़ रुपये की राशि चुकानी होगी, जिसकी गणना अनुमानित ब्याज दरों और पुनर्भुगतान के लिए बंदरगाह से प्राप्त राजस्व के आधार पर की जाएगी।"
जेल प्रहरी परीक्षा के टॉपर को मिले 100 में से 101 अंक, परिणाम पर उठे सवाल

डेस्क:–मध्यप्रदेश में ईसीबी भर्ती परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल उठ रहे है। सवाल उठना भी लाजिमी है। इस प्रमुख कारण 100 नंबर के पेपर में परीक्षार्थी को 101 नंबर मिलना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसा कौन सा सिस्टम है कि 100 नंबर के पेपर में टॉपर को 101 नंबर मिल गए। जानकारी के अनुसार जेल प्रहरी परीक्षा के टॉपर सतना जिले के राजा भैया प्रजापति को 100 में से 101.66 अंक मिले है। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित वनरक्षक और जेल प्रहरी परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठ रहे है। परीक्षा का आयोजन मई- जून 2023 में किया गया था। इस परीक्षा में 6 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मामले में मध्यप्रदेश सरकार को जादूगर बताते हुए कहा कि-पहले व्यापमं, फिर पटवारी भर्ती और नर्सिंग घोटाला सामने आ चुका है। इन गड़बड़ियों से भी सरकार सबक नहीं ले रही है। गड़बड़ियों के सरकार का एक साल पूरा हुआ है। त्रिपाठी ने कहा- मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। युवाओं का भविष्य चौपट करने में भाजपा सरकार लगी है। कहा कि- डिग्री बेची जा रही है और नौकरियां भी बेची जा रही है। 16 तारीख को विधानसभा घेराव में सरकार से जवाब मांगेंगे। भ्रष्ट सरकार में युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है।

राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों पर झुंझुनू जिले की कोतवाली थाने में मामला दर्ज

डेस्क:–राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों पर झुंझुनू जिले की कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है। यह मामला खनन क्षेत्र में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ करने और धमकी देने के आरोप में दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता श्याम सिंह कटेवा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि राजेंद्र गुढ़ा और उनके साथियों ने हर महीने मंथली मांगने के लिए दबाव बनाया। जब यह राशि देने से इनकार किया गया, तो खनन कार्य रोकने और जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद खनन क्षेत्र में घुसकर दीवार और कांटेदार तार तोड़ दी गई, डीजल के ड्रम में आग लगा दी गई, और मशीनों में मिट्टी डालकर तोड़फोड़ की गई।

कुछ दिन पहले पीर पहाड़ पर 15 साल बाद खनन कार्य शुरू हुआ था, लेकिन भारी ब्लास्टिंग के कारण स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। इस विरोध के बीच राजेंद्र गुढ़ा अपने समर्थकों के साथ खनन स्थल पर पहुंचे और काम रुकवा दिया। प्रशासन ने खनन कार्य को रोक दिया, लेकिन इसके बाद खनन पट्टा धारक ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों और 500-1000 अज्ञात व्यक्तियों पर मामला दर्ज किया है। फिलहाल मामले की जांच एसआई सुरेश रोलन कर रहे हैं। घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित किया और खनन कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया।

यह मामला प्रशासन, खनन विभाग और स्थानीय निवासियों के बीच लंबे समय से चल रहे टकराव को उजागर करता है। मामले की जांच जारी है और पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘जय हनुमान ज्ञान गुन सागर’… 46 साल से बंद मंदिर में श्रद्धालुओं ने की आरती, जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा परिसर

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के संभल में 46 सालों से बंद पड़े भगवान शिव और हनुमान के मंदिर को डीएम और एसपी ने खुलवाया था। इस मंदिर में भगवान हनुमान की भी प्रतिमा मौजूद है। जहां रविवार को श्रद्धालुओं ने हनुमान जी की आरती की गई और जय श्रीराम के जयकारे लगाए गए।

बता दें कि मंदिर संभल जिले के दीपा सराय के पास है. प्रशासन ने जैसे ही मंदिर खोला, वहां पर लोगों को भीड़ उमड़ पड़ी और सभी ने जय हनुमान के नारे लगाए। सीओ और एसपी ने मंदिर की शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति को साफ किया था। मंदिर के पास एक प्राचीन कूप होने की जानकारी मिली जिसके बाद नगर पालिका ने खुदाई की तो यहां प्राचीन कूप निकलकर सामने आ गया।

बताया जा रहा है कि 1978 में हुए विवाद के बाद से यह मंदिर बंद था। पुलिस प्रशासन की टीम जब अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ चेकिंग अभियान चला रही थी, तभी अधिकारियों को यह मंदिर दिखा. जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों से पूछताछ की और फिर मंदिर को खुलवाया था।

यह भी बताया जा रहा है कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर जहां हिंसा हुई थी, वहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर यह शिव मंदिर है। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी कहते है कि हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारे पास पास में ही (खग्गू सराय इलाके में) एक घर है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है। हमने यह इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए. इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता है। 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था, क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह पाते थे. किसी पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। यह मंदिर 1978 से बंद था और शनिवार को इसे खोल दिया गया।

वहीं एडिशनल SP श्रीश चंद्र ने बताया था कि “जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया था। मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में भगवान शिव और भगवान हनुमान की मूर्तियां हैं। इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया था. मंदिर के पास एक प्राचीन कुएं के बारे में भी जानकारी मिली है।

गाजियाबाद पुलिस की बदमाश से मुठभेड़,बदमाश के पैर में लगी गोली,पुलिस ने आरोपी सलमान को दबोचा

डेस्क:–शालीमार गार्डन थाना पुलिस की बदमाश से मुठभेड़ हो गई। गोली लगने से घायल बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के पास पुलिस ने दिल्ली से चोरी बाइक, तमंचा और कारतूस बरामद किया है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

सहायक पुलिस आयुक्त शालीमार गार्डन सलोनी अग्रवाल ने बताया कि शालीमार गार्डन थाना पुलिस वजीराबाद रोड की तरफ से आने वाले रास्ते पर चेकिंग कर रही थी। तभी डीएवी कट वजीराबाद रोड की तरफ से एक बाइक पर संदिग्ध आता दिखाई दिया। रुकने का इशारा किया गया तो नहीं बाइक मोड़ कर भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया।

इस दौरान स्पीड ब्रेकर पर अनियंत्रित होकर बाइक फिसल गई। खुद को घिरता देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली बदमाश के पैर में जा लगी। वह घायल हो गया।

पुलिस ने उसे दबोच लिया। पकड़ा गया आरोपित दिल्ली वेलकम का सलमान है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपित के खिलाफ दिल्ली गाजियाबाद में चोरी, लूट आर्म्स एक्ट के 12 मुकदमे दर्ज हैं।
इस कारण से नहीं लग पा रही है साइबर ठगी पर लगाम? अपराधियों को मिल रहा बढ़ावा

डेस्क:–फर्जी दस्तावेजों पर हासिल किए गए मोबाइल नंबरों और बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों से साठगांठ कर इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों के साइबर ठगी में इस्तेमाल के कारण साइबर अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए पहले ही मुश्किल बना हुआ है।

इसे लेकर कमजोर कानून के कारण भी साइबर अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यदि साइबर लुटेरे पकड़े भी जाते हैं तो भी उन्हें तुरंत जमानत मिल जाती है और वे जेल से बाहर आते ही नया ठिकाना बनाकर फिर से आपराधिक वारदात शुरू कर देते हैं।

कानून में इतने पेंच हैं कि साइबर अपराधियों पर लगाम लगा पाना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है और पीड़ितों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। स्वयं को और अपने रिश्तेदारों-दोस्तों को साइबर ठगी से बचाने का एकमात्र जरिया जागरूकता व सतर्कता ही है।

साइबर क्राइम से जुड़े कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल बताते हैं कि साइबर ठगी के मामले आईटी एक्ट की धारा 66 व 67 में दर्ज होते हैं, जो स्पेशल एक्ट यानी विशेष कानून है। कानूनन इन धाराओं के साथ कोई अन्य धारा नहीं लगाई जानी चाहिए, लेकिन आईटी एक्ट जमानती और हल्की धारा है, जिसमें थाने से जमानत मिलने का प्रविधान है।

इसे गैर-जमानती बनाने के लिए पुलिस को इस धारा के साथ धोखाधड़ी व अन्य धाराएं जोड़नी पड़ती हैं। पुलिस को कोर्ट को बताना होता है कि आरोपित साक्ष्य मिटा रहा है और पीड़ित को धमकी भी दे रहा है, ताकि उसे जमानत न मिल पाए। साइबर लुटेरे पीड़ित से यूपीआई, आरटीजीएस या आइएमपीएस के जरिये पैसे ट्रांसफर कराते हैं। डिजिटल लेन-देन में पुलिस को जांच करने का पूरा समय मिलना चाहिए, लेकिन पुलिस को तय समय पर आरोप पत्र दायर करना होता है।

जैसे-तैसे जांच होती है, लेकिन मजबूत साक्ष्यों के अभाव में आरोपित को सजा नहीं मिल पाती है। सुप्रीम कोर्ट का दिशानिर्देश है कि सात साल से कम सजा के प्रविधान वाले मामलों में आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जाय। साइबर ठगी के मामलों में तीन साल तक की सजा का ही प्रविधान है। उसमें भी साक्ष्य नहीं मिल पाने के कारण ही देश में साइबर अपराधियों के मामले में सजा की दर महज दो से चार प्रतिशत ही है।

दुग्गल के अनुसार, साइबर लुटेरे गरीब लोगों के नाम पर खुलवाए गए खातों का इस्तेमाल करते हैं। वे एक खाते में कई पीड़ितों से पैसे मंगवाते हैं। ऐसे में खातों में पुलिस द्वारा पैसे होल्ड कराने के बाद भी पैसे उन्हीं लोगों को मिल पाते हैं, जिन्होंने पैसे की बरामदगी के लिए पहले कोर्ट में आवेदन किया होता है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस बैंकों से उन्हें पैसे दिलवा देती है।

साइबर ठगी के मामले में पहले आओ पहले पाओ का हिसाब चलता है। जो लोग केवल पुलिस में शिकायत कर बैठ जाते हैं और अपने पैसों की रिकवरी के लिए जल्द कोर्ट में आवेदन नहीं करते हैं, उनके पैसे जल्द नहीं मिल पाते हैं। ऐसे पीड़ितों के पैसे आरोपितों से वापस दिलवाने का कानून में कोई प्रविधान नहीं है। आरोपित पकड़े भी जाते हैं तो पुलिस उनसे पीड़ित के पैसे नहीं दिला सकती है।

साइबर अपराध से इतर लोगों से धोखाधड़ी के जो सामान्य मामले दर्ज होते हैं, उन मामलों में पीड़ितों के पैसे वापस मिल जाते हैं। पैसे नहीं देने पर कोर्ट से आरोपित को जमानत भी नहीं मिल पाती है या कोर्ट से आरोपितों को शर्त के अनुसार जमानत मिलती है, लेकिन साइबर ठगी के मामले में ऐसा प्रविधान नहीं होने से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

साइबर अपराध के मामले में पुलिस भी साइबर पुलिस थानों की परेशानी बढ़ा रही है। अगर कोई व्यक्ति वाट्सएप की डीपी पर किसी पुलिस अधिकारी की तस्वीर लगाकर किसी को काल कर ठगी करता है तो शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस उक्त मामले को भी साइबर सेल थाने में भेज देती है, जबकि इस तरह के अपराध को साइबर अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाना चाहिए।

साइबर पुलिस के अधिकारी का कहना है कि इस तरह की ठगी में किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं होता है। साइबर सेल थाने में इस तरह के मामले भेजे जाने से उसपर मामलों का बोझ बढ़ रहा है, जिसका दुष्परिणाम यह है कि साइबर ठगी के सही मामलों की जांच और निपटारा नहीं हो पा रहा है। एक बड़ी समस्या यह भी है कि साइबर अपराध के मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ही कर सकते हैं। देश में प्रतिदिन साइबर ठगी के जितने मामले आ रहे हैं, उतनी बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर किसी भी राज्य की पुलिस में नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में तैनात पवन कुमार का कहना है कि साइबर लुटेरे ठगी का पैसा जिन व्यक्तियों के खाते में भेजते हैं, अधिकतर मामलों में उन खाताधारकों को पता नहीं होता है कि उनके खाते में कहीं से ठगी का पैसा आया है। पीड़ित जब 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत करता है तो उसके खाते से निकले पैसे जिन खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं, उनमें पैसे होल्ड कर दिए जाते हैं और वे खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं।

ऐसी स्थिति में ये खाताधारक अपने बैंक खाते का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ठगी का पैसा उनके खाते में होने के कारण उन्हें फ्रीज किया हुआ खाता एक्टिव कराने में भारी परेशानी आती है। उन्हें पुलिस और बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और बेवजह परेशानी झेलनी पड़ती है। बहुत मुश्किल से उनका खाता एक्टिव हो पाता है।
सर्दी का लुत्फ उठाने माउंट आबू पहुंचे पर्यटक, तापमान 1.4 डिग्री

डेस्क:–तापमान में गिरावट जारी रहने के कारण, राजस्थान के एक हिल स्टेशन माउंट आबू में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गुरुवार को सबसे कम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो शुक्रवार को गिरकर 1.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। तापमान में गिरावट जारी रहने के कारण सड़कों और घास के मैदानों, खासकर माउंट आबू में, पर बर्फ जमने के कारण लोग गर्म रहने के लिए अलाव जला रहे हैं। सुबह-सुबह घास के मैदानों, वाहनों की विंडस्क्रीन और दोपहिया वाहनों के सीट कवर पर बर्फ जमी दिखाई दे रही है।

ठंड के मौसम का लुत्फ उठाने के लिए माउंट आबू आने वाले पर्यटक खूब मौज-मस्ती कर रहे हैं। एक पर्यटक ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, "पिछले दो दिनों से मौसम बहुत बढ़िया रहा है; ठंड है। यह पहली बार है जब हम इतने कम तापमान का अनुभव कर रहे हैं। हम गर्म चाय पी रहे हैं और मौसम का आनंद लेने के लिए घूम रहे हैं।" गुजरात के एक अन्य पर्यटक ने कहा, "यहाँ बहुत ठंड है; हर कोई स्वेटर और जैकेट पहने हुए है। यह हमारे लिए एक नया अनुभव है। अभी दो दिन पहले, यहाँ ठंड थी, लगभग 5 डिग्री। आज, यह तब की तुलना में थोड़ा ठंडा है।"

एक अन्य स्थानीय ने कहा, "यह बहुत ठंडी रात थी। कल, बहुत ठंड थी। तापमान माइनस 3 डिग्री था। यहाँ कई रेस्तरां हैं। टेबल पर, पार्किंग में, कारों पर, सब कुछ बर्फ से ढका हुआ था। बहुत ठंड थी। बहुत ठंड थी। सुबह, शाम या रात में बाहर निकलना बहुत मुश्किल था। यह माइनस 3 डिग्री था। हमें जलाऊ लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ा। बहुत ठंड है।" तापमान गिर रहा है, और चल रही शीत लहर के परिणामस्वरूप माउंट आबू के चारों ओर ठंढ है। निवासी और आगंतुक समान रूप से ठंड के मौसम के अनुकूल हो रहे हैं, कई लोग अलाव के पास शरण ले रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 'खराब श्रेणी' में बनी हुई है।

आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक गिरने के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में कोहरे की एक पतली परत छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर अलीपुर में 280, अशोक विहार में 296, आईटीओ में 280 और डीटीयू में 228 दर्ज किया गया। आनंद विहार जैसे अन्य क्षेत्रों में एक्यूआई 309 दर्ज किया गया, द्वारका सेक्टर 8 में 315, नेहरू नगर में 334 और आईजीआई हवाई अड्डे (टी 3) में 281, रोहिणी 329, पूसा 309 और मुंडका 307 दर्ज किया गया।
राजस्थान में पारा लुढ़कर पहुंचा 2 डिग्री पर, 6 जिलों में येलो अलर्ट जारी

डेस्क:–राजस्थान में चार दिनों से पारा माइनस में है। सीकर के फतेहपुर में पारा माइनस 2 डिग्री दर्ज हुआ था। इस सीजन में पहली बार तापमान इतना नीचे आया है। फतेहपुर, चूरू में कड़ाके की ठंड के कारण बर्फ जमने लगा है। हिल स्टेशन माउंट आबू का न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री रहा। शनिवार के लिए 6 जिलों में कोल्ड वेव का येलो अलर्ट जारी हुआ है। इनमें चूरू, झुंझुनूं, सीकर, करौली, अजमेर और कोटा शामिल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक 15 से लेकर 19 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम ड्राय रहेगा और तापमान बढ़ेगा। लोगों को ठंड से राहत मिलेगी।

15 दिसंबर से ठंड कम होने की संभावना है। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने की वजह से उत्तरी हवा का प्रभाव कम हो रहा है। इस चलते 15 से 19 दिसंबर तक दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के ज्यादातर शहरों में शुक्रवार को सर्द हवा चली। इस कारण दिन का तापमान गिरा। जोधपुर, जैसलमेर, कोटा, जयपुर, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, गंगानगर में अधिकतम तापमान 25 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 25.4 डिग्री रहा।

जैसलमेर में अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह जोधपुर में 24.3, जयपुर में 23, अजमेर में 22.8, गंगानगर में 22.7, कोटा में 23.5, चूरू में 22.8, फलोदी में 21.9, उदयपुर में 20.8 डिग्री दर्ज हुआ।

9 शहरों में शुक्रवार को तापमान 5 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। इनमें सीकर, माउंट आबू (सिरोही), बारां, चित्तौड़गढ़, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, पिलानी (झुंझुनूं), सीकर, सिरोही शामिल हैं।

चूरू में आज सुबह कड़ाके की ठंड रही। खेतों में ओस की बूंदें बर्फ में तब्दील हो गईं। न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने पंजाब और चंडीगढ़ में शीतलहर और कड़ाके की ठंड को लेकर किया अलर्ट जारी

डेस्क:–मौसम विभाग ने पंजाब और चंडीगढ़ में शीतलहर और कड़ाके की ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है। चंडीगढ़ समेत पंजाब के अधिकतर जिलों में ठंडी हवा चल रही है। राहत की बात है कि दोपहर में धूप खिल रही है, जिससे ठंड से थोड़ी राहत मिल जाती है। पंजाब में शुक्रवार को सबसे कम पारा संगरूर में दर्ज हुआ। यहां का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री दर्ज किया गया। चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र ने पंजाब के सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर शामिल हैं।

इन जिलों में शीतलहर और पाला पड़ने के आसार हैं। ऐसे ही अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, मोगा, बठिंडा, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला, एसएएस नगर में शीतलहर का अलर्ट जारी हुआ है।

पहाड़ों से आने वाली हवा के कारण पंजाब और चंडीगढ़ में तापमान में गिरावट है। कुछ दिनों में पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में तापमान गिर रहा था। अब पारा सामान्य स्थिति में पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 16 दिसंबर से राहत मिलने के आसार हैं। सुबह में थोड़ी कम होगी। इस बीच बारिश के आसार नहीं हैं, जिससे आने वाला सप्ताह शुष्क रह सकता है।

*इन शहरों का पूर्वानुमान*

चंडीगढ़ : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 4 से 23 डिग्री रहने का अनुमान।

अमृतसर : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 4 से 20 डिग्री रहने का अनुमान।

जालंधर : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 4 से 20 डिग्री रहने का अनुमान।

लुधियाना : आसमान साफ रहेगा। पारा 5 से 21 डिग्री रहने का अनुमान।

पटियाला : आसमान साफ रहेगा। पारा 7 से 22 डिग्री रहने का अनुमान।

मोहाली : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 6 से 22 डिग्री रहने का अनुमान।