जेल प्रहरी परीक्षा के टॉपर को मिले 100 में से 101 अंक, परिणाम पर उठे सवाल

डेस्क:–मध्यप्रदेश में ईसीबी भर्ती परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल उठ रहे है। सवाल उठना भी लाजिमी है। इस प्रमुख कारण 100 नंबर के पेपर में परीक्षार्थी को 101 नंबर मिलना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसा कौन सा सिस्टम है कि 100 नंबर के पेपर में टॉपर को 101 नंबर मिल गए। जानकारी के अनुसार जेल प्रहरी परीक्षा के टॉपर सतना जिले के राजा भैया प्रजापति को 100 में से 101.66 अंक मिले है। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित वनरक्षक और जेल प्रहरी परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठ रहे है। परीक्षा का आयोजन मई- जून 2023 में किया गया था। इस परीक्षा में 6 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मामले में मध्यप्रदेश सरकार को जादूगर बताते हुए कहा कि-पहले व्यापमं, फिर पटवारी भर्ती और नर्सिंग घोटाला सामने आ चुका है। इन गड़बड़ियों से भी सरकार सबक नहीं ले रही है। गड़बड़ियों के सरकार का एक साल पूरा हुआ है। त्रिपाठी ने कहा- मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। युवाओं का भविष्य चौपट करने में भाजपा सरकार लगी है। कहा कि- डिग्री बेची जा रही है और नौकरियां भी बेची जा रही है। 16 तारीख को विधानसभा घेराव में सरकार से जवाब मांगेंगे। भ्रष्ट सरकार में युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है।

राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों पर झुंझुनू जिले की कोतवाली थाने में मामला दर्ज

डेस्क:–राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों पर झुंझुनू जिले की कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है। यह मामला खनन क्षेत्र में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ करने और धमकी देने के आरोप में दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता श्याम सिंह कटेवा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि राजेंद्र गुढ़ा और उनके साथियों ने हर महीने मंथली मांगने के लिए दबाव बनाया। जब यह राशि देने से इनकार किया गया, तो खनन कार्य रोकने और जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद खनन क्षेत्र में घुसकर दीवार और कांटेदार तार तोड़ दी गई, डीजल के ड्रम में आग लगा दी गई, और मशीनों में मिट्टी डालकर तोड़फोड़ की गई।

कुछ दिन पहले पीर पहाड़ पर 15 साल बाद खनन कार्य शुरू हुआ था, लेकिन भारी ब्लास्टिंग के कारण स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। इस विरोध के बीच राजेंद्र गुढ़ा अपने समर्थकों के साथ खनन स्थल पर पहुंचे और काम रुकवा दिया। प्रशासन ने खनन कार्य को रोक दिया, लेकिन इसके बाद खनन पट्टा धारक ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों और 500-1000 अज्ञात व्यक्तियों पर मामला दर्ज किया है। फिलहाल मामले की जांच एसआई सुरेश रोलन कर रहे हैं। घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित किया और खनन कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया।

यह मामला प्रशासन, खनन विभाग और स्थानीय निवासियों के बीच लंबे समय से चल रहे टकराव को उजागर करता है। मामले की जांच जारी है और पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘जय हनुमान ज्ञान गुन सागर’… 46 साल से बंद मंदिर में श्रद्धालुओं ने की आरती, जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा परिसर

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के संभल में 46 सालों से बंद पड़े भगवान शिव और हनुमान के मंदिर को डीएम और एसपी ने खुलवाया था। इस मंदिर में भगवान हनुमान की भी प्रतिमा मौजूद है। जहां रविवार को श्रद्धालुओं ने हनुमान जी की आरती की गई और जय श्रीराम के जयकारे लगाए गए।

बता दें कि मंदिर संभल जिले के दीपा सराय के पास है. प्रशासन ने जैसे ही मंदिर खोला, वहां पर लोगों को भीड़ उमड़ पड़ी और सभी ने जय हनुमान के नारे लगाए। सीओ और एसपी ने मंदिर की शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति को साफ किया था। मंदिर के पास एक प्राचीन कूप होने की जानकारी मिली जिसके बाद नगर पालिका ने खुदाई की तो यहां प्राचीन कूप निकलकर सामने आ गया।

बताया जा रहा है कि 1978 में हुए विवाद के बाद से यह मंदिर बंद था। पुलिस प्रशासन की टीम जब अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ चेकिंग अभियान चला रही थी, तभी अधिकारियों को यह मंदिर दिखा. जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों से पूछताछ की और फिर मंदिर को खुलवाया था।

यह भी बताया जा रहा है कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर जहां हिंसा हुई थी, वहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर यह शिव मंदिर है। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी कहते है कि हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारे पास पास में ही (खग्गू सराय इलाके में) एक घर है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है। हमने यह इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए. इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता है। 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था, क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह पाते थे. किसी पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। यह मंदिर 1978 से बंद था और शनिवार को इसे खोल दिया गया।

वहीं एडिशनल SP श्रीश चंद्र ने बताया था कि “जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया था। मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में भगवान शिव और भगवान हनुमान की मूर्तियां हैं। इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया था. मंदिर के पास एक प्राचीन कुएं के बारे में भी जानकारी मिली है।

गाजियाबाद पुलिस की बदमाश से मुठभेड़,बदमाश के पैर में लगी गोली,पुलिस ने आरोपी सलमान को दबोचा

डेस्क:–शालीमार गार्डन थाना पुलिस की बदमाश से मुठभेड़ हो गई। गोली लगने से घायल बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के पास पुलिस ने दिल्ली से चोरी बाइक, तमंचा और कारतूस बरामद किया है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

सहायक पुलिस आयुक्त शालीमार गार्डन सलोनी अग्रवाल ने बताया कि शालीमार गार्डन थाना पुलिस वजीराबाद रोड की तरफ से आने वाले रास्ते पर चेकिंग कर रही थी। तभी डीएवी कट वजीराबाद रोड की तरफ से एक बाइक पर संदिग्ध आता दिखाई दिया। रुकने का इशारा किया गया तो नहीं बाइक मोड़ कर भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया।

इस दौरान स्पीड ब्रेकर पर अनियंत्रित होकर बाइक फिसल गई। खुद को घिरता देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली बदमाश के पैर में जा लगी। वह घायल हो गया।

पुलिस ने उसे दबोच लिया। पकड़ा गया आरोपित दिल्ली वेलकम का सलमान है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपित के खिलाफ दिल्ली गाजियाबाद में चोरी, लूट आर्म्स एक्ट के 12 मुकदमे दर्ज हैं।
इस कारण से नहीं लग पा रही है साइबर ठगी पर लगाम? अपराधियों को मिल रहा बढ़ावा

डेस्क:–फर्जी दस्तावेजों पर हासिल किए गए मोबाइल नंबरों और बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों से साठगांठ कर इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों के साइबर ठगी में इस्तेमाल के कारण साइबर अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए पहले ही मुश्किल बना हुआ है।

इसे लेकर कमजोर कानून के कारण भी साइबर अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यदि साइबर लुटेरे पकड़े भी जाते हैं तो भी उन्हें तुरंत जमानत मिल जाती है और वे जेल से बाहर आते ही नया ठिकाना बनाकर फिर से आपराधिक वारदात शुरू कर देते हैं।

कानून में इतने पेंच हैं कि साइबर अपराधियों पर लगाम लगा पाना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है और पीड़ितों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। स्वयं को और अपने रिश्तेदारों-दोस्तों को साइबर ठगी से बचाने का एकमात्र जरिया जागरूकता व सतर्कता ही है।

साइबर क्राइम से जुड़े कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल बताते हैं कि साइबर ठगी के मामले आईटी एक्ट की धारा 66 व 67 में दर्ज होते हैं, जो स्पेशल एक्ट यानी विशेष कानून है। कानूनन इन धाराओं के साथ कोई अन्य धारा नहीं लगाई जानी चाहिए, लेकिन आईटी एक्ट जमानती और हल्की धारा है, जिसमें थाने से जमानत मिलने का प्रविधान है।

इसे गैर-जमानती बनाने के लिए पुलिस को इस धारा के साथ धोखाधड़ी व अन्य धाराएं जोड़नी पड़ती हैं। पुलिस को कोर्ट को बताना होता है कि आरोपित साक्ष्य मिटा रहा है और पीड़ित को धमकी भी दे रहा है, ताकि उसे जमानत न मिल पाए। साइबर लुटेरे पीड़ित से यूपीआई, आरटीजीएस या आइएमपीएस के जरिये पैसे ट्रांसफर कराते हैं। डिजिटल लेन-देन में पुलिस को जांच करने का पूरा समय मिलना चाहिए, लेकिन पुलिस को तय समय पर आरोप पत्र दायर करना होता है।

जैसे-तैसे जांच होती है, लेकिन मजबूत साक्ष्यों के अभाव में आरोपित को सजा नहीं मिल पाती है। सुप्रीम कोर्ट का दिशानिर्देश है कि सात साल से कम सजा के प्रविधान वाले मामलों में आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जाय। साइबर ठगी के मामलों में तीन साल तक की सजा का ही प्रविधान है। उसमें भी साक्ष्य नहीं मिल पाने के कारण ही देश में साइबर अपराधियों के मामले में सजा की दर महज दो से चार प्रतिशत ही है।

दुग्गल के अनुसार, साइबर लुटेरे गरीब लोगों के नाम पर खुलवाए गए खातों का इस्तेमाल करते हैं। वे एक खाते में कई पीड़ितों से पैसे मंगवाते हैं। ऐसे में खातों में पुलिस द्वारा पैसे होल्ड कराने के बाद भी पैसे उन्हीं लोगों को मिल पाते हैं, जिन्होंने पैसे की बरामदगी के लिए पहले कोर्ट में आवेदन किया होता है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस बैंकों से उन्हें पैसे दिलवा देती है।

साइबर ठगी के मामले में पहले आओ पहले पाओ का हिसाब चलता है। जो लोग केवल पुलिस में शिकायत कर बैठ जाते हैं और अपने पैसों की रिकवरी के लिए जल्द कोर्ट में आवेदन नहीं करते हैं, उनके पैसे जल्द नहीं मिल पाते हैं। ऐसे पीड़ितों के पैसे आरोपितों से वापस दिलवाने का कानून में कोई प्रविधान नहीं है। आरोपित पकड़े भी जाते हैं तो पुलिस उनसे पीड़ित के पैसे नहीं दिला सकती है।

साइबर अपराध से इतर लोगों से धोखाधड़ी के जो सामान्य मामले दर्ज होते हैं, उन मामलों में पीड़ितों के पैसे वापस मिल जाते हैं। पैसे नहीं देने पर कोर्ट से आरोपित को जमानत भी नहीं मिल पाती है या कोर्ट से आरोपितों को शर्त के अनुसार जमानत मिलती है, लेकिन साइबर ठगी के मामले में ऐसा प्रविधान नहीं होने से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

साइबर अपराध के मामले में पुलिस भी साइबर पुलिस थानों की परेशानी बढ़ा रही है। अगर कोई व्यक्ति वाट्सएप की डीपी पर किसी पुलिस अधिकारी की तस्वीर लगाकर किसी को काल कर ठगी करता है तो शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस उक्त मामले को भी साइबर सेल थाने में भेज देती है, जबकि इस तरह के अपराध को साइबर अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाना चाहिए।

साइबर पुलिस के अधिकारी का कहना है कि इस तरह की ठगी में किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं होता है। साइबर सेल थाने में इस तरह के मामले भेजे जाने से उसपर मामलों का बोझ बढ़ रहा है, जिसका दुष्परिणाम यह है कि साइबर ठगी के सही मामलों की जांच और निपटारा नहीं हो पा रहा है। एक बड़ी समस्या यह भी है कि साइबर अपराध के मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ही कर सकते हैं। देश में प्रतिदिन साइबर ठगी के जितने मामले आ रहे हैं, उतनी बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर किसी भी राज्य की पुलिस में नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में तैनात पवन कुमार का कहना है कि साइबर लुटेरे ठगी का पैसा जिन व्यक्तियों के खाते में भेजते हैं, अधिकतर मामलों में उन खाताधारकों को पता नहीं होता है कि उनके खाते में कहीं से ठगी का पैसा आया है। पीड़ित जब 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत करता है तो उसके खाते से निकले पैसे जिन खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं, उनमें पैसे होल्ड कर दिए जाते हैं और वे खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं।

ऐसी स्थिति में ये खाताधारक अपने बैंक खाते का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ठगी का पैसा उनके खाते में होने के कारण उन्हें फ्रीज किया हुआ खाता एक्टिव कराने में भारी परेशानी आती है। उन्हें पुलिस और बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और बेवजह परेशानी झेलनी पड़ती है। बहुत मुश्किल से उनका खाता एक्टिव हो पाता है।
सर्दी का लुत्फ उठाने माउंट आबू पहुंचे पर्यटक, तापमान 1.4 डिग्री

डेस्क:–तापमान में गिरावट जारी रहने के कारण, राजस्थान के एक हिल स्टेशन माउंट आबू में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गुरुवार को सबसे कम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो शुक्रवार को गिरकर 1.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। तापमान में गिरावट जारी रहने के कारण सड़कों और घास के मैदानों, खासकर माउंट आबू में, पर बर्फ जमने के कारण लोग गर्म रहने के लिए अलाव जला रहे हैं। सुबह-सुबह घास के मैदानों, वाहनों की विंडस्क्रीन और दोपहिया वाहनों के सीट कवर पर बर्फ जमी दिखाई दे रही है।

ठंड के मौसम का लुत्फ उठाने के लिए माउंट आबू आने वाले पर्यटक खूब मौज-मस्ती कर रहे हैं। एक पर्यटक ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, "पिछले दो दिनों से मौसम बहुत बढ़िया रहा है; ठंड है। यह पहली बार है जब हम इतने कम तापमान का अनुभव कर रहे हैं। हम गर्म चाय पी रहे हैं और मौसम का आनंद लेने के लिए घूम रहे हैं।" गुजरात के एक अन्य पर्यटक ने कहा, "यहाँ बहुत ठंड है; हर कोई स्वेटर और जैकेट पहने हुए है। यह हमारे लिए एक नया अनुभव है। अभी दो दिन पहले, यहाँ ठंड थी, लगभग 5 डिग्री। आज, यह तब की तुलना में थोड़ा ठंडा है।"

एक अन्य स्थानीय ने कहा, "यह बहुत ठंडी रात थी। कल, बहुत ठंड थी। तापमान माइनस 3 डिग्री था। यहाँ कई रेस्तरां हैं। टेबल पर, पार्किंग में, कारों पर, सब कुछ बर्फ से ढका हुआ था। बहुत ठंड थी। बहुत ठंड थी। सुबह, शाम या रात में बाहर निकलना बहुत मुश्किल था। यह माइनस 3 डिग्री था। हमें जलाऊ लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ा। बहुत ठंड है।" तापमान गिर रहा है, और चल रही शीत लहर के परिणामस्वरूप माउंट आबू के चारों ओर ठंढ है। निवासी और आगंतुक समान रूप से ठंड के मौसम के अनुकूल हो रहे हैं, कई लोग अलाव के पास शरण ले रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 'खराब श्रेणी' में बनी हुई है।

आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक गिरने के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में कोहरे की एक पतली परत छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर अलीपुर में 280, अशोक विहार में 296, आईटीओ में 280 और डीटीयू में 228 दर्ज किया गया। आनंद विहार जैसे अन्य क्षेत्रों में एक्यूआई 309 दर्ज किया गया, द्वारका सेक्टर 8 में 315, नेहरू नगर में 334 और आईजीआई हवाई अड्डे (टी 3) में 281, रोहिणी 329, पूसा 309 और मुंडका 307 दर्ज किया गया।
राजस्थान में पारा लुढ़कर पहुंचा 2 डिग्री पर, 6 जिलों में येलो अलर्ट जारी

डेस्क:–राजस्थान में चार दिनों से पारा माइनस में है। सीकर के फतेहपुर में पारा माइनस 2 डिग्री दर्ज हुआ था। इस सीजन में पहली बार तापमान इतना नीचे आया है। फतेहपुर, चूरू में कड़ाके की ठंड के कारण बर्फ जमने लगा है। हिल स्टेशन माउंट आबू का न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री रहा। शनिवार के लिए 6 जिलों में कोल्ड वेव का येलो अलर्ट जारी हुआ है। इनमें चूरू, झुंझुनूं, सीकर, करौली, अजमेर और कोटा शामिल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक 15 से लेकर 19 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम ड्राय रहेगा और तापमान बढ़ेगा। लोगों को ठंड से राहत मिलेगी।

15 दिसंबर से ठंड कम होने की संभावना है। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने की वजह से उत्तरी हवा का प्रभाव कम हो रहा है। इस चलते 15 से 19 दिसंबर तक दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के ज्यादातर शहरों में शुक्रवार को सर्द हवा चली। इस कारण दिन का तापमान गिरा। जोधपुर, जैसलमेर, कोटा, जयपुर, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, गंगानगर में अधिकतम तापमान 25 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 25.4 डिग्री रहा।

जैसलमेर में अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह जोधपुर में 24.3, जयपुर में 23, अजमेर में 22.8, गंगानगर में 22.7, कोटा में 23.5, चूरू में 22.8, फलोदी में 21.9, उदयपुर में 20.8 डिग्री दर्ज हुआ।

9 शहरों में शुक्रवार को तापमान 5 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। इनमें सीकर, माउंट आबू (सिरोही), बारां, चित्तौड़गढ़, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, पिलानी (झुंझुनूं), सीकर, सिरोही शामिल हैं।

चूरू में आज सुबह कड़ाके की ठंड रही। खेतों में ओस की बूंदें बर्फ में तब्दील हो गईं। न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने पंजाब और चंडीगढ़ में शीतलहर और कड़ाके की ठंड को लेकर किया अलर्ट जारी

डेस्क:–मौसम विभाग ने पंजाब और चंडीगढ़ में शीतलहर और कड़ाके की ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है। चंडीगढ़ समेत पंजाब के अधिकतर जिलों में ठंडी हवा चल रही है। राहत की बात है कि दोपहर में धूप खिल रही है, जिससे ठंड से थोड़ी राहत मिल जाती है। पंजाब में शुक्रवार को सबसे कम पारा संगरूर में दर्ज हुआ। यहां का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री दर्ज किया गया। चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र ने पंजाब के सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर शामिल हैं।

इन जिलों में शीतलहर और पाला पड़ने के आसार हैं। ऐसे ही अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, मोगा, बठिंडा, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला, एसएएस नगर में शीतलहर का अलर्ट जारी हुआ है।

पहाड़ों से आने वाली हवा के कारण पंजाब और चंडीगढ़ में तापमान में गिरावट है। कुछ दिनों में पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में तापमान गिर रहा था। अब पारा सामान्य स्थिति में पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 16 दिसंबर से राहत मिलने के आसार हैं। सुबह में थोड़ी कम होगी। इस बीच बारिश के आसार नहीं हैं, जिससे आने वाला सप्ताह शुष्क रह सकता है।

*इन शहरों का पूर्वानुमान*

चंडीगढ़ : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 4 से 23 डिग्री रहने का अनुमान।

अमृतसर : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 4 से 20 डिग्री रहने का अनुमान।

जालंधर : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 4 से 20 डिग्री रहने का अनुमान।

लुधियाना : आसमान साफ रहेगा। पारा 5 से 21 डिग्री रहने का अनुमान।

पटियाला : आसमान साफ रहेगा। पारा 7 से 22 डिग्री रहने का अनुमान।

मोहाली : कोल्ड वेव का अलर्ट। पारा 6 से 22 डिग्री रहने का अनुमान।
इस सप्ताह आधा दर्जन मोबाइल होंगे लॉन्च

डेस्क:–दिसंबर का दूसरा सप्ताह इंडियन स्मार्टफोन मार्केट में कई मोबाइल को लेकर आ रहा है। 9 से 13 दिसंबर के बीच आधा दर्जन फोन लॉन्च हो रहे हैं। इन अपकमिंग मोबाइल की लिस्ट, लॉन्च डेट, स्पेसिफिकेशन्स की डिटेल आप पढ़ सकते हैं। 9 दिसंबर (आज) को रेडमी नोट 14 5जी फोन भारत में लॉन्च होगा। फोन एंड्रॉयड 14 आधारित है। Hyper OS के साथ Dimensity 7025 Ultra प्रोसेसर लगा है। 12GB RAM है। इसमें 50MP LYT-600 डुअल रियर कैमरा तथा सेल्फी के लिए 16MP फ्रंट कैमरा मिलेगा। फोन 6.67 इंच की 120Hz फुल एचडी+एमोलेड डिस्प्ले सपोर्ट करता है। 45W फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी से लैस 5110mAh बैटरी है।

*Redmi Note 14 Pro*

9 दिसंबर (आज) नोट 14 सीरीज में Note 14 Pro भी भारत में लाया जाएगा। यह 12GB RAM के साथ MediaTek Dimensity 7300 Ultra प्रोसेसर पर काम करता है। इसमें 50MP LYT-600 ट्रिपल रियर कैमरा और 20MP सेल्फी कैमरा मिलेगा। 45W फास्ट चार्जिंग तकनीक से लैस 5500mAh बैटरी है। 6.67 इंच की 1.5K OLED स्क्रीन है।

*Redmi Note 14 Pro Plus*

रेडमी नोट 14 प्रो प्लस ब्रांड की सबसे लेटेस्ट नोट सीरीज का सबसे पावरफुल मोबाइल है, जो आज इंडिया में लॉन्च होगा। इसमें Hyper OS के साथ Snapdragon 7s Gen 3 प्रोसेसर है। 50MP+50MP+8MP रियर कैमरा तथा 20MP सेल्फी कैमरा मिल सकता है। स्मार्टफोन 6000mAh बैटरी सपोर्ट करेगा, जिसके साथ 90W फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी मिलेगी। इसे 6.67 इंच 1.5K OLED डिस्प्ले पर लॉन्च किया जा सकता है।

*Moto G35 5G*

मोटो जी35 5जी फोन 10 दिसंबर को लॉन्च होगा। कीमत 10 हजार रुपये से कम हो सकती है। मोटोरोला ने इसे 12 5G Bands वाला सेग्मेंट का सबसे तेज 5जी फोन बताया है। फोन 4GB रैम पर लॉन्च होगा, जो यूनिसोक टी760 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर पर काम करेगा। इसमें RAM Boost टेक्नोलॉजी मिलेगी। फोन 120हर्ट्ज़ रिफ्रेश रेट वाली 6.72-इंच की फुलएचडी+ डिस्प्ले सपोर्ट करेगा। 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 16 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिलेगा। 5000 एमएएच बैटरी मिलेगी।

*Vivo X200*

12 दिसंबर को इंडिया में वीवो एक्स200 सीरीज एंट्री लेगी। मोबाइल ट्रिपल रियर कैमरा और 32 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा सपोर्ट करेगा। इसमें 12जीबी रैम के साथ मीडियोटेक डाइमेंसिटी 9400 चिपसेट दिया जाएगा। फोन में V3+ Imaging Chip भी मौजूद रहेगी। 5800 एमएएच बैटरी और 90वॉट फास्ट चार्जिंग तकनीक दी जाएगी। यह फोन 120Hz रिफ्रेश रेट और 4500निट्स ब्राइटनेस आउटपुट वाली 6.67 इंच डिस्प्ले पर लॉन्च किया जाएगा।

*Vivo X200 Pro*

कंपनी ने वीवो एक्स200 प्रो को इंडिया का पहला 200MP ZEISS APO Telephoto Camera वाला फोन कहा है। इसका 200 मेगापिक्सल सेंसर दिया 1X से 20X HyperZoom सपोर्ट करेगा। फ्रंट पर 32MP camera दिया जाएगा। यह MediaTek Dimensity 9400 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर पर काम करेगा। फोन में 6.67 इंच की Quad Curved डिस्प्ले मिलेगी। फोन 90W फास्ट चार्जिंग और 30W wireless फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी के साथ 6000mAh Battery सपोर्ट करेगा।
कौन-सा स्मार्टफोन लें? Redmi K80 Pro या Oppo Reno 13 Pro

डेस्क:–शियोमी (Xiaomi) ने हाल में भारतीय बाजार में Redmi K80 Pro लॉन्च किया है। इस फोन की तुलना Oppo Reno 13 Pro से हो रही। दरअसल, दोनों स्मार्टफोन के फीचर्स काफी समान हैं। Oppo Reno 13 Pro में डिस्प्ले 6 .83 इंच की फुल एचडी प्लस है। Redmi K80 Pro में 6.67 इंच की TCL M9 OLED 2K फ्लैट डिस्प्ले है। Redmi K80 Pro 12GB RAM से लैस है। इसके 256GB वेरिएंट की कीमत 43,000 रुपये है। जबकि, 16GB RAM और 1TB स्टोरेज वेरिएंट 55,900 रुपये में आया है।

दूसरी ओर Oppo Reno 13 Pro के 12GB RAM और 256GB स्टोरेज वेरिएंट 39,300 रुपये में लॉन्च हुआ है। 24GB RAM+1TB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 52,400 रुपये है। कलर ऑप्शन की बात करें तो ओप्पो का फोन ब्लैक, ग्लेशियर सिल्वर, बैम्बू मून ब्लू और लाइट पर्पल में आ रहा। रेडमी का स्मार्टफोन स्नो रॉक व्हाइट, माउंटेन ग्रीन, मिडनाइट ब्लैक कलर्स में आ रहा है।

*दोनों स्मार्टफोन के प्रोसेसर में क्या अंतर?*

Oppo Reno 13 Pro में ऑक्टा कोर MediaTek Dimensity 8350 प्रोसेसर लगा है। Redmi K80 Pro में ऑक्टा कोर Qualcomm Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर है। ओप्पो स्मार्टफोन एंड्रॉयड ColorOS 15 पर काम करता है। वहीं, रेडमी स्मार्टफोन एंड्रॉयड HyperOS 2 पर बेस्ड है।

*रैम और स्टोरेज की तुलना*

Reno 13 Pro में 16GB LPDDR5X RAM और 1TB UFS 3.1 इनबिल्ट स्टोरेज है। दूसरी ओर रेडमी K80 Pro में 16GB रैम और 1TB तक इनबिल्ट स्टोरेज मिल रही है।

*क्या है कैमरा सेटअप?*

Reno 13 Pro के रियर में OIS सपोर्ट के साथ 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा है। जबकि, 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड एंगल कैमरा और 50 मेगापिक्सल का टेलीफोटो कैमरा सेटअप है। फ्रंट में 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा लगा है। वहीं, रेडमी K80 Pro के रियर में OIS सपोर्ट सपोर्ट के साथ-साथ 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी, 32 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा है। 50 मेगापिक्सल का टेलीफोटो कैमरा भी है। फ्रंट में 20 मेगापिक्सल का कैमरा है।

*रेडमी स्मार्टफोन की बैटरी दमदार*

ओप्पो ने अपने इस स्मार्टफोन में 5800mAh की बैटरी है। यह 80W वायर्ड और 50W वायरलेस फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है। Redmi K80 Pro में 6000mAh की बैटरी है, जो 120W वायर्ड फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है।

*फिंगरप्रिंट सेंसर- स्कैनर का फीचर*

Reno 13 Pro में इन डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर है। फोन IP69 रेटिंग से लैस है। दूसरी ओर Redmi K80 Pro में अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट स्कैनर है।