आर्थिक अनियमितता पर दो सीएमओ निलंबित, बिना स्वीकृति के कराए थे लाखों के कार्य…
रायपुर- नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को आर्थिक अनियमितता पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबित होने वाले अधिकारियों में महासमुंद नगर पालिका के तत्कालीन सीएमओ टामसन रात्रे और पेण्ड्रा नगर पालिका के सीएमओ कन्हैया लाल निर्मलकर शामिल हैं. 
  इसी तरह महासमुंद नगर पालिका के तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी टामसन रात्रे को बिना स्वीकृति 50 लाख रुपए की दवा खरीदी कर गंभीर अनियमितता बरते जाने का दोषी पाया गया है, जिस पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर मुख्यालय तय किया गया है.
बलौदाबाजार हिंसा : विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित…

बिलासपुर-  बलौदाबाजार हिंसा मामले में आरोपी भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है. मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर भीड़ को उकसाने का आरोप है.

बता दें कि बलौदाबाजार जिले में 10 जून को हुई आगजनी की घटना में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया है. उनके खिलाफ बलौदाबाजार पुलिस ने 449 पेज का विस्तृत अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में पेश किया था.

अभियोग पत्र में देवेंद्र यादव पर हिंसा, दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मामले में उनको बलौदाबाजार पुलिस ने 17 अगस्त को भिलाई स्थित निवास से गिरफ्तार किया था.

अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने ढेर किए सात नक्सली, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताई बड़ी सफलता…

रायपुर-  नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के दक्षिण अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में 7 नक्सलियों के मारे गए हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में जानकारी साझा करते हुए इसे सुलक्षाबलों की बड़ी सफलता करार देते हुए जवानों को बधाई दी है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा कि इस अभियान में शामिल सभई सुरक्षा अधिकारियों, जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूं, बधाई देता हूं. नक्सलवाद के खात्मे तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी.

बता दें कि अबूझमाड़ क्षेत्र में 40 से 50 बड़े कैडर की नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोण्डागांव और बस्तर जिले से जवानों ने इलाके की घेराबंदी की थी. इंद्रावती एरिया कमेटी के नक्सलियों की मौजूदगी की खबर पर इलाके को घेरने पहुंचे जवानों ने रात तीन बजे से ही नक्सलियों पर फायरिंग चालू कर दी थी.

भू-माफिया पर कसी नकेल, दूसरी तहसील के क्षेत्र में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर देनी होगी बड़ी रकम…
रायपुर-  प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर राज्य सरकार के नए नियम ने भू-माफिया और संपत्ति की खरीदी-बिक्री करने वालों की नींद उड़ा दी है. दरअसल, अब एक तहसील क्षेत्र की प्रॉपर्टी को अब दूसरे तहसील या ब्लॉक क्षेत्र के पंजीयन दफ्तर में जाकर रजिस्ट्री कराने पर 23,900 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होगा, जबकि पहले यह काम महज 11 सौ रुपए में हो जाता था. 

जानकार बताते हैं कि पूर्व में नियम ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे, जो शारीरिक रूप से बीमार हों या फिर दूर का सफर तय नहीं कर सकते थे. उनसे सिर्फ 11 सौ रुपए की फीस लेकर जिले के किसी भी पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री कर दी जाती थी. यह सहुलियत थी, लेकिन इसका फायदा उठाकर जमीन दलाल और रसूखदार शासन को नुकसान पहुंचाने लगे.

इस संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 10 दिसंबर से यह नियम लागू हो गया है. जारी अधिसूचना में अनुच्छेद सात के कंडिका क में उल्लेख किया गया है कि रजिस्ट्रार द्वारा किसी भी दस्तावेज के रजिस्ट्रीकरण के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. लेकिन जमीन कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि यह आदेश पर्याप्त और स्पष्ट नहीं है. कंडिका में निर्धारित निर्देश ही बार नियम का आधार है.

जमीन कारोबारियों का शातिराना खेल

इस नए नियम को लागू करने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि जमीन के कारोबारी अब तक मुख्य सड़क से लगी जमीन की टुकड़ों में रजिस्ट्री कराकर स्टाम्प शुल्क में सेंध लगा रहे थे. इसमें मुख्य मार्ग से लगी जमीन को टुकड़ों में बांट दिया जाता है, जिसमें जमीन का छोटा हिस्सा सड़क से लगे भले ही रहे, लेकिन बड़ा हिस्सा सड़क से अंदर हो जाता है.

रजिस्ट्री के लिए देनी होगी निर्धारित फीस

इस कयावद की वजह से मुख्य मार्ग से लगी कम जमीन की रजिस्ट्री के लिए भले ही अधिक स्टांप शुल्क अदा कर देते थे, लेकिन अंदर के बड़े भू-भाग के लिए बहुत कम स्टाम्प शुल्क लगता था. इसी शुल्क से बचने के लिए लोग शासन के खजाने में सेंध लगा रहे थे. इस गड़बड़ी को रोकने शासन ने नया नियम लागू किया है. इस नई पहल के बाद चाहे कही भी रजिस्ट्री कराए शासन नुकसान की राशि को निर्धारित फीस के जरिए वसूल कर लेगी.

गड़बड़ी पर लगेगी रोक

पंजीयक शासन की नई अधिसूचना से भली-भांति परिचित हो चुके हैं. पंजीयक ने पुष्टि की कि तहसील क्षेत्र बदलकर जमीन की रजिस्ट्री कराने की सुविधा शुल्क में वृद्धि की गई है. नए नियम के तहत अब दूसरे तहसील क्षेत्र में जाकर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर 25 हजार रुपए शुल्क लगेगा. इससे पहले यह राशि 11 सौ रुपए थी. इस नए नियम से गड़बड़ी पर भी रोक लगेगी.

अरबपति धमतरी : सालभर में 3 अरब से ज्यादा की शराब गटक गए मदिरा प्रेमी

धमतरी-    छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में मदिरा प्रेमियाें ने जमकर जाम छलकाया है. यहां इस साल 300 करोड़ से ज्यादा की शराब बिक्री हुई है. आबकारी विभाग से मिलह जानकारी के मुताबिक, धमतरी में रोजाना एक करोड़ से ज्यादा के शराब की बिक्री होती है. आबकारी विभाग धमतरी जिले को कमाऊ पुत के रूप में देख रहा है. बता दें कि शराब बिक्री से सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होती है. इस राजस्व की कमाई में धमतरी का अहम योगदान सामने आया है.

बता दें कि धमतरी जिले में 27 शराब दुकानें हैं. इनमें से 11 शहर के भीतर हैं. बीते साल नवम्बर से इस साल नवंबर की बात की जाए तो धमतरी में 3 अरब से ज्यादा रुपए की शराब बिक्री हुई है. आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल 15 फीसदी से ज्यादा शराब बिकी है.

पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी से ज्यादा बिकी शराब

आबकारी अधिकारी प्रभाकर शर्मा ने बताया कि धमतरी में साल 2023 की तुलना में शराब की बिक्री साल 2024 में ज्यादा हुई है. पिछले साल जनवरी से नवंबर तक 2 अरब 70 करोड़ 19 लाख 51 हजार 530 रुपए की शराब बिक्री हुई थी. वहीं वर्ष 2024 में नवंबर माह तक एक साल में 3 अरब 12 करोड़ 40 लाख 69 हजार 610 रुपए की शराब बिक्री हुई है. पिछले साल की तुलना में इस साल 15 फीसदी से ज्यादा शराब बिकी है. इससे सरकार के आय में वृद्धि हुई है.

लाेहारीडीह कांड में बड़ा अपडेट : दोबारा पीएम करने कब्र से निकाली जा रही शिव प्रसाद की लाश, 23 लोगों को कोर्ट से मिली जमानत
कवर्धा- कबीरधाम जिले के बहुचर्चित लोहारीडीह कांड में बड़ा अपटेड आया है. मृतक शिव प्रसाद साहू की बेटी ने दोबारा पीएम कराने याचिका लगाई थी. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोबारा पीएम करने का आदेश दिया था. अब कब्र खोदकर शिव प्रसाद साहू की लाश को बाहर निकाली जा रही है. वहीं 23 लोगों को कोर्ट ने जमानत दे दी है.

बता दें कि हत्या के आरोप में पुलिस ने 166 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें 33 महिला सहित 69 लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं हत्या के शक में बंद विचाराधीन कैदी प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई थी. रेंगाखार थाने में इन सभी के खिलाफ अलग-अलग कुल पांच मामले पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें ग्रामीणों ने आवेदन दी थी. 23 लोग निर्दोष हैं. उनको भी सलाखों के भीतर रखा गया, इस पर कबीरधाम पुलिस ने एसआईटी टीम गठित की थी, जिसमें इन 23 लोगो के खिलाफ पुलिस कोई सबूत नहीं जुटा पाई थी. इसके चलते इन लोगों के खिलाफ दर्ज चार एकआईआर को समाप्त कर दिए गए हैं. एक मामला दर्ज है, जिसमें पुलिस के साथ लोहारीडीह कांड में बदसलूकी और मारपीट का मामला अभी भी चल रहा है, लेकिन पुलिस साथ मारपीट, पथराव करने के आरोप में अभी भी मामला दर्ज है. इस मामले में अदालत ने 23 अरोपियों को कल देर शाम 84 दिन बाद जमानत दी है.

जानिए पूरा मामला

14 सितंबर की दरमियानी रात को शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की हत्या कर मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के गांव में हत्या कर शव को पेड़ में लटका दिए थे और अरोपियों ने जुर्म को छुपाने के लिए फांसी का रूप दे दिया था. इस मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने प्राथिमक जांच में आत्महत्या करार दे दिए थे. इसके बाद इस मामले में खूब राजनीति भी हुई. मृतक कचरू साहू की बेटी ने आरोप लगाई थी कि मेरे पिता ने आत्महत्या नहीं की है. उसको मार कर लटकाया गया है. इस आधार पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें दोबारा पीएम हुई. उसके बाद मध्यप्रदेश प्रदेश पुलिस ने घटना की बारीकी से जांच पड़ताल की तब जाकर स्पष्ठ हुआ कि कचरू साहू की हत्या हुई है. इस मामले में 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है. वहीं आज कचरू साहू की 83 दिन बाद कब्र खोदकर लाश को निकाल रहे हैं, जिसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की संयुक्त टीम शमिल है.

सरकार के एक साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बड़ा ऐलान, 2028 तक छत्तीसगढ़ का जीडीपी 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य…
रायपुर- प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘विष्णु की पाती’ नाम से जनता के लिए संदेश जारी किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2028 तक छत्तीसगढ़ की जीडीपी 10 लाख करोड़ करने का है. हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रही है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव के साथ उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव, विजय शर्मा सहित मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य मौजूदगी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर मैं अपने मंत्रिमंडल के सभी साथियों को बधाई देता हूँ. संगठन के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई देता. जनता का आभार जताता हूँ, जिन्होंने ऐतिहासिक जनादेश देकर हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा का अवसर दिया है. इस एक साल को हमने विश्वास का साल दिया है

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में अविश्वास का माहौल था. लोकतंत्र पर खतरा मंडरा गया था. लेकिन हमारी सरकार में लोकतंत्र को कायम करने, संविधान की रक्षा करने का काम किया है. मोदी की गांरटी में जो हमने वादें किये थे, उसे हमने एक साल में पूरा करने का सौभाग्य प्राप्त किया है.

उन्होंने कहा कि एक साल में सुशासन की सरकार जनता के सामने हमने पेश किया है. भ्रष्टाचार पर लगाम, गुनहगारों पर कार्रवाई, किसानों के साथ न्याय, धान का कटोरा भरा हुआ है, महतारियों का वंदन, गरीबों को पीएम आवास, पीएससी के युवाओं के साथ न्याय यह सब हमारी सरकार के एक साल में हुआ है.

उप मुख्यमंत्री ने दी मुख्यमंत्री को बधाई

मुख्यमंत्री साय के पहले उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि आज से ठीक एक साल पहले विष्णुदेव साय सरकार का गठन हुआ था. जनता ने ऐतिहासिक जनादेश दिया था. इस एक साल में मोदी की गारंटी को हमारी सरकार ने पूरा किया. हमारा नारा था हमने बनाया, हम ही सवारेंगे. यह नारा आज साकार हो रहा है. मैंने मुख्यमंत्री सहित अपने सभी साथियों के उपलब्धियों भरे एक साल के लिये बधाई देता हूं.

तीन हाथियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, CSPDCL के मैनेजिंग डायरेक्टर और ऊर्जा सचिव ने पेश किया शपथ पत्र

बिलासपुर-  हाईकोर्ट ने रायगढ़ जिले में घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में तीन हाथियों की मौत के मामले में स्वयं संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है. बुधवार को मामले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और ऊर्जा सचिव ने कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया. मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी.

दरअसल, रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में पिछले माह बिजली तार में प्रवाहित करंट की चपेट में तीन हाथी आ गये थे. इन तीनों की मौत हो गई. मीडिया में आई खबरों पर हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है. इस याचिका पर ऊर्जा सचिव के अलावा , प्रबंध निदेशक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, राज्य शासन को पक्षकार बनाया गया. इस घटना के कुछ दिनों बाद दीपावली से ठीक पहले अचानकमार वन क्षेत्र में भी इसी तरह करंट लगाये जाने से एक और हाथी मारा गया.

बताया गया कि यहां शिकारियों ने जमीन पर करंट बिछाकर इस घटना को अंजाम दिया. चीफ जस्टिस की डीबी में पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उर्जा सचिव को जवाब पर कहा, इस तरह ऊपर लगे हुए तार के सम्पर्क में हाथी कैसे आ गये? मैनेजिंग डायरेक्टर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी से भी कोर्ट ने यही सवाल किया. दोनों ही प्राधिकारियों से शपथपत्र पर लिखित जवाब मांगा गया था.

बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में उर्जा सचिव और विद्युत् वितरण कंपनी के एमडी ने अपने शपथ पत्र पेश किये. इसमें विभाग द्वारा की गई कार्रवाई और कार्य योजना की जानकारी दी गई. इसमें तार ऊपर करने सहित संबंधितों पर कार्रवाई की जानकारी दी गई. डिवीजन बेंच ने इस पर अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद जनवरी माह में निर्धारित की है.

साय सरकार के 1 साल पूरे होने पर 13 दिसंबर को होगा भव्य कार्यक्रम, डिप्टी सीएम साव बोले-

रायपुर-    राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में कल भाजपा की अहम बैठक संपन्न हुई. बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी कि यह बैठक 13 दिसंबर को सरकार के 1 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर थी. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रायपुर आएंगे.

अरुण साव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का मार्गदर्शन भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को मिलेगा. राजधानी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश भर के कार्यकर्ता जुटेंगे. कार्यक्रम में सरकार द्वारा 1 साल में पूरे किए गए मोदी की गारंटी की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. संगठन के कार्यक्रम को लेकर सभी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हुई.

बता दें कि 13 दिसंबर को साय सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा है. रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में जनादेश कार्यक्रम की तैयारियां की गई है. इस कार्यक्रम में जेपी नड्डा छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. इसके लेकर राज्य सरकार की तरफ से विशेष तैयारियां की गई है.

भाजपा पार्षद पर जमीन हड़पने का आरोप, हाईकोर्ट ने निगम के बेदखली नोटिस पर लगाई रोक

बिलासपुर-  दुर्ग जिले के रिसाली नगर निगम के आयुक्त ने जिस जमीन को पहले निजी बताते हुए भूमि स्वामी महिला को क्लीन चिट दी थी, भाजपा पार्षद के इशारे पर उसी जमीन काे विवादित बताते हुए बेदखली का नोटिस जारी कर दिया है. याचिकाकर्ता नीलिमा नैयर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भाजपा पार्षद पर सत्ता का दुरुपयोग करते हुए उसकी जमीन को विवादित बातकर हड़पने का आरोप लगाते हुए याचिका लगाई है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई तक नोटिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. रिसाली निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई जस्टिस एन के चंद्रवंशी की सिंगल बेंच में हुई.

याचिकाकर्ता नीलिमा नैयर ने खसरा नंबर 398/2 क्षेत्रफल 4600 वर्ग फीट भूमि खरीदी है. यह जमीन वार्ड क्रमांक 61 प्रगति नगर, रिसाली, भिलाई में पंजीकृत विक्रय विलेख 5-9-2019 के तहत स्थित है. जमीन की खरीदी के बाद याचिकाकर्ता ने उस भूमि को सुरक्षित रखने के लिए तार और लोहे की छड़ से घेर दिया. इससे पहले संजय कुमार वर्मा और अन्य द्वारा शिकायत किए जाने पर जांच की गई और आयुक्त, नगर निगम, रिसाली द्वारा 6-3-2023 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. रिपाेर्ट में शिकायत को झूठा बताते हुए उक्त जमीन को उसका होना बताया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि याचिकाकर्ता ने अपनी जमीन पर एंगल लगाया है और उसने कोई अवैध कब्जा नहीं किया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भाजपा का एक वार्ड पार्षद उक्त जमीन को उसे बेचने के लिए दबाव बना रहा है. इसलिए उसके प्रभाव में आकर रिसाली नगर निगम के आयुक्त ने 4-12-2024 को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण होना बताया है.

मामले में कोर्ट ने कहा कि आयुक्त नगर पालिक निगम रिसाली द्वारा प्रस्तुत विरोधाभासी दस्तावेजों अर्थात 6-3-2023 और 4-12-2024 को जारी नोटिस पर विचार करने के पश्चात, यह निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता को 4-12-2024 को निगम कमिश्नर द्वारा जारी किए गए विवादित नोटिस के प्रभाव और संचालन पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई गई है.