जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने आज नवीन एसटीपी का किया निरीक्षण
मुजफ्फरनगर । जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने आज शहर मुजफ्फरनगर में किदवईनगर में 32.5 एमएलडी क्षमता का एस.बी. आर. तकनीकी पर आधारित नवीन एस०टी०पी० का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नगर मजिस्ट्रेट, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद, उ०प्र० जल निगम एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारीगण उपस्थित रहे। उक्त एस०टी०पी० की कुल निर्माण लागत 91.00 करोड है। उक्त एस०टी०पी० उ०प्र० जल निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान एस०टी०पी० की इकाईयां मात्र आआंशिक रूप से संचालित पायी गयी। उक्त एस०टी०पी० में शहर के 04 प्रमुख नालों में जनित सीवेज का शुद्धिकरण किया जाना प्रस्तावित है, परन्तु वर्तमान में मात्र 02 नालों को ही एस०टी०पी० से जोड़ा गया है, जिससे वर्तमान में एस०टी०पी० में सीवेज का कुल फ्लो 4.5 एमएलडी ही शुद्धिकृत किया जा रहा है, शेष 28 एमएलडी का फ्लो शेष 02 नालों के माध्यम से एस०टी०पी० में शुद्धिकृत किया जाना है, परन्तु दोनों ड्रेन (खादरवाला ड्रेन एवं कृष्णापुरी ड्रेन) एस०टी०पी० से टैप नहीं की गयी है।
अत: वर्तमान में एस०टी०पी० मात्र 14 प्रतिशत क्षमता पर ही संचालित किया जा रहा है, जिस कारण एस०टी०पी० की समस्त इकाईयां भी पूर्णरूपेण र३ुं्रह्ण्र९ी नहीं हो पायी हैं। एस०टी०पी० में सीवेज के शुद्धिकरण के उपरान्त आंशिक रूप से शुद्धिकृत सीवेज/अशुद्धिकृत सीवेज नाले के माध्यम से काली नदी पश्चिमी में निस्तारित हो रहा है, जो कि जल प्रदूषण अधिनियम का उल्लंघन है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निस्तारित किये जा रहे जल का नमूना भी एकत्रित किया गया, जिसको प्रयोगशाला में जमा कराया गया है। जल निगम द्वारा दिये गये प्रस्ताव के अनुसार उक्त एस०टी०पी० का निर्माण एवं संचालन जून 2023 तक किया जाना था, परन्तु वर्तमान तक भी एस०टी०पी० को पूर्ण रूप से संचालित नहीं किया गया है। उपरोक्त कमियों के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा असंतोष व्यक्त करते हुए जल निगम के अधिकारियों को तत्काल पाई गई कमियों का निराकरण किये जाने तथा एस०टी०पी० के सतत् संचालन हेतु निर्देश दिये गये तथा उ०प्र० जल निगम एवं सम्बन्धित ठेकेदार से इस क्रम में स्पष्टीकरण भी मांगे जाने हेतु जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा एस०टी०पी० के संचालन हेतु अधिकृत एजेन्सी को यह भी निर्देश दिये गये कि एस०टी०पी० से शुद्धिकृत हो रहे सीवेज को नदी में निस्तारित न करते हुए विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे टैंकर द्वारा डस्ट सप्रेशन हेतु वाटर स्प्रिंकलिंग, सिंचाई, निर्माण परियोजनाओं में उपयोग आदि में ही प्रयोग किया जाये एवं मात्र आवश्यकता पड़ने पर ही नदी में निस्तारित किया जाये। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा एस०टी०पी० के आसपास जनित स्लज/कूड़े का उचित प्रकार से निस्तारण किये जाने हेतु अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद को निर्देशित किया गया।
Dec 06 2024, 17:00