भारत और कुवैत संबंध: एक विस्तृत विश्लेषण
भारत और कुवैत के बीच एक मजबूत और दीर्घकालिक संबंध है, जो व्यापार, ऊर्जा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और श्रम सहयोग के कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध समय के साथ बढ़े हैं, विशेष रूप से भारत के कुवैत में बड़े प्रवासी समुदाय और ऊर्जा सुरक्षा की बढ़ती आवश्यकता के कारण।
आर्थिक और व्यापारिक संबंध
भारत कुवैत का एक प्रमुख व्यापारिक साझीदार है, और द्विपक्षीय व्यापार हाल के वर्षों में नए उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। व्यापार संबंध मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों के इर्द-गिर्द केंद्रित हैं, क्योंकि कुवैत भारत का एक प्रमुख कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है। इसके बदले में, भारत कुवैत को मशीनरी, रसायन, वस्त्र और खाद्य उत्पादों का निर्यात करता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, कुवैत भारत के तेल आयात का एक प्रमुख स्रोत है, और यह ऊर्जा संबंध भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
2023 में, दोनों देशों के बीच व्यापार का वॉल्यूम $5 बिलियन से अधिक पहुंच गया था, जो एक निरंतर वृद्धि को दर्शाता है। दोनों देश अपनी आर्थिक साझेदारी को विविध बनाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं, खासकर अवसंरचना, सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए।
श्रम और प्रवासी कार्यबल
भारत का प्रवासी समुदाय कुवैत में सबसे बड़े विदेशी समुदायों में से एक है, जिसमें कुवैत में लगभग 9 लाख भारतीय नागरिक निवास करते हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। कुवैत में भारतीय श्रमिकों की अधिकांश संख्या निर्माण, घरेलू काम, स्वास्थ्य देखभाल और खुदरा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है। भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण भारतीय सरकार के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है, और भारतीय सरकार कुवैती अधिकारियों के साथ मिलकर अपने नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
2024 में, भारत और कुवैत ने श्रम समझौतों को बढ़ाने पर चर्चा की है ताकि प्रवासी श्रमिकों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान की जा सके और मानव संसाधन विकास में सहयोग बढ़ाया जा सके। दोनों देश कुवैत में भारतीय प्रवासियों को शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग
कुवैत भारत के लिए मध्य-पूर्व में एक महत्वपूर्ण सहयोगी देश रहा है, विशेष रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग के संदर्भ में। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी हाल के वर्षों में मजबूत हुई है, जिसमें दोनों पक्षों ने खाड़ी क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया है।
भारत और कुवैत कई सुरक्षा और रक्षा मुद्दों पर सहयोग कर रहे हैं, जिसमें आतंकवाद विरोधी, समुद्री सुरक्षा और आपदा राहत शामिल हैं। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय दौरे इस सहयोग को और सुदृढ़ करते हैं।
सांस्कृतिक और जन से जन संपर्क
सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर कुवैत में अत्यधिक सराही जाती है, और वहां भारतीय सांस्कृतिक महोत्सव, कला प्रदर्शनियाँ और बॉलीवुड कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होते हैं। इसके अलावा, भारतीय व्यंजन कुवैत में एक प्रमुख सांस्कृतिक निर्यात है, और कुवैत में भारतीय संस्थाओं, स्कूलों और सांस्कृतिक केंद्रों की उपस्थिति जन से जन संपर्क को बढ़ावा देती है।
2024 में, दोनों देशों ने इन सांस्कृतिक आदान-प्रदानों को बढ़ाने में रुचि दिखाई है, ताकि आपसी समझ और सम्मान को बढ़ावा दिया जा सके।
हाल की घटनाएँ और भविष्य की संभावनाएँ*
हाल के महीनों में, वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के संदर्भ में रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने पर एक नया जोर देखा गया है। कुवैत में अवसंरचना और प्रौद्योगिकी में बढ़ते निवेश के कारण, इन क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के लिए बढ़ते अवसर हैं। इसके अलावा, दोनों देश हरित ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा में सहयोग की दिशा में भी काम कर रहे हैं, जो उनके स्थायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
भारतीय सरकार कुवैत के साथ राजनीतिक संबंधों को भी मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक साथ काम कर सकें, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर।
भारत और कुवैत के बीच रिश्ते आपसी मित्रता, सम्मान और सहयोग पर आधारित रहे हैं, और इन दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में व्यापार, सुरक्षा, संस्कृति और मानव विकास के क्षेत्रों में और अधिक उपलब्धियाँ प्राप्त करने की संभावना है।
Dec 06 2024, 12:37