दूसरी सक्षमता परीक्षा में शामिल शिक्षक अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक मिलान होगा, बोर्ड ने सभी डीईओ-डीपीओ को लिखा पत्र


* डेस्क : शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी खबर है। स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए आयोजित दूसरी सक्षमता परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक मिलान होगा, उनके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखा है। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को संबंधित जिला शिक्षा कार्यालय में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के पास अपना मूल प्रवेश पत्र जमा करना होगा। इसी दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों का थंब और बायोमेट्रिक मिलान कार्यालय में किया जाएगा। डीपीओ मूल प्रवेश पत्र को समिति के पोर्टल पर मिलान के बाद अपलोड करेंगे। मूल प्रवेश अपने पास भी कार्यालय में सुरक्षित रखेंगे। यह काम 4 दिसंबर से शुरू होगा और 8 दिसंबर तक पूरा होगा। मिलान कार्य के लिए एजेंसी का चयन किया गया है। चयनित एजेंसी की ओर से दो-दो मशीन सभी जिले के डीईओ कार्यालय में उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ मिलान के लिए तकनीशियन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। डीईओ कार्यालय में इन्हें स्थान उपलब्ध कराए जाने को कहा गया है। गौरतलब है कि दूसरी सक्षमता परीक्षा 23 से 28 अगस्त तक चली थी। इसके बाद सात विषयों की पुनपर्रीक्षा 13 नवंबर को हुई थी। इसमें 80 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
बड़ी उपलब्धि : बिहार को मिला फिक्की द्वारा दिया जाने वाला देश का प्रतिष्ठित इंडिया स्पोर्ट्स अव़ॉर्ड


* डेस्क : खेल के क्षेत्र में बिहार का कदम बढ़ रहा है। इसी कड़ी में राज्य को एक बड़ा सम्मान मिला है। खेल के क्षेत्र में फिक्की द्वारा दिया जाने वाला देश का प्रतिष्ठित इंडिया स्पोर्ट्स अवॉर्ड 2024 इस वर्ष बिहार को मिला है। खेल के क्षेत्र में बिहार की निरंतर बढ़ती भागीदारी, उत्कृष्ट प्रयास और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के बेहतर और सफल आयोजन के मद्देनजर बिहार को इस वर्ष इंडिया स्पोर्ट्स अवॉर्ड 2024 के लिए चुना गया है। बीते शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित फिक्की के कमीशन हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने इस पुरस्कार को ग्रहण किया। देश की प्रतिष्ठित संस्था फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) द्वारा इमर्जिंग स्टेट प्रमोटिंग स्पोर्ट्स श्रेणी के अंतर्गत दिया जाता है। यह पुरस्कार फिक्की टर्फ 2024: 14वें वैश्विक खेल शिखर सम्मेलन का हिस्सा है। निर्णायक मंडल के अध्यक्ष प्रो कबड्डी लीग के सह संस्थापक चारु शर्मा हैं। अन्य प्रतिष्ठित लोगों में प्रसिद्ध खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली, जीएमआर स्पोर्ट्स के अध्यक्ष पी के एस सागर, मानव रचना समूह के उपाध्यक्ष डॉ.अमित भल्ला ,भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महाप्रबंधक अमृत माथुर , एसएआई के कार्यकारी निदेशक मंजूश्री दयानंद, ड्रीम 11 के कॉर्पोरेट मामले समूह जनरल काउंसल के अध्यक्ष दीपक जैकब, खेल पत्रकार एंकर सोनाली चंदर चारु शर्मा, जूरी की अध्यक्ष - सह संस्थापक पीकेएल विजय लोकपल्ली, खेल पत्रकार पीकेएसवी सागर- अध्यक्ष, जीएमआर स्पोर्ट्स डॉ. अमित भल्ला - उपाध्यक्ष, मानव रचना समूह, अमृत माथुर - पूर्व महाप्रबंधक, भारतीय क्रिकेट टीम मंजूश्री दयानंद - कार्यकारी निदेशक, एसएआई, दीपक जैकब - अध्यक्ष, कॉर्पोरेट मामले समूह जनरल काउंसल आदि शामिल हैं।
नशा के खिलाफ पटना में मैराथन का आयोजन, बैडमिटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने दिखाई हरी झंडी*

डेस्क : नशा के खिलाफ आज राजधानी पटना में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया है। इस बार का थीम नशा मुक्त बिहार है। इस मैराथन दौड़ में विश्व प्रसिद्ध बैडमिटन खिलाड़ी सायना नेहवाल और अंतरराष्ट्रीय धावक सहित बिहार के सैकड़ों युवाओं ने पटना के गांधी मैदान गेट नंबर 1 से सुबह 5 बजे मैराथन दौड़ में भाग लिया है। सायन नेहवाल ने हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ की है। मैराथन दौड़ को चार कैटेगरी में बांटा गया जिसमे फूल मैराथन 42 km , हॉफ मैराथन 21 km,10 km व 5 km का है। वही सुरक्षा इंतजाम को देखते हुए आयोजित दौड़ के रूटों में वाहनों के परिचालन पर कार्यक्रम समाप्ति तक रोक लगाते हुए रूटों को डायवर्ट किया गया है। मैराथन दौड़ गांधी मैदान गेट नंबर एक से शुरू होकर गोलघर ,गंगा पथ, व अटल पथ होते हुए शिवपुरी फूट ओवर ब्रिज तक वही वहां से यू टर्न होते हुए वापस गांधी मैदान में मंच के पास कार्यक्रम में शामिल धावक पहुंचे। धावकों की हौसला अफजाई के लिए अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी मौजूद रहीं। पटना मैराथन में चार प्रकार की दौड़ हुई जिसमें 42 किमी की फुल मैराथन, 21 किमी की हाफ मैराथन के साथ दस किमी और पांच किमी की दौड़ हुई। ट्रैफिक एसपी ने बताया कि मैराथन का रूट गांधी मैदान से गोलघर, जेपी गंगा पथ होते हुए अटल पथ के शिवपुरी फुटओवर ब्रिज तक होगा। यहां की दूरी 10.5 किमी है। इसके बाद हाफ मैराथन और फुल मैराथन के लिए धावक यू-टर्न लिया। धावकों के पास इलेक्ट्र्रानिक डिवाइस लगा था। चारो श्रेणी के विजेताओं में 50 लाख रुपए का इनाम रखा गया है।वही सुरक्षा के मद्देनजर मैराथन दौड़ आयोजन में जगह जगह 35 मजिस्ट्रेट सहित 250 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की तैनाती की गई है।
पप्पू यादव को फिर आया धमकी भरा मैसेज, बदमाशों ने 24 घंटे की मोहलत दी

डेस्क: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को एक बार फिर से जान से मारने की धमकी दी गई है। धमकी देने वाले ने खुद को लारेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए कहा है कि आज तुम्हारा आखिरी दिन है। उसने 24 घंटे की मोहलत दी है। सांसद के निजी वाट्सएप पर धमकी का यह संदेश भेजा गया है। सांसद को 92 336 0968377 नंबर से धमकी वाला मैसेज भेजा गया है।

यह पाकिस्तान का बताया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले भी लॉरेंस गैंग का सदस्य बताने वाले युवक ने पप्पू यादव के पीए के व्हाट्सऐप पर धमकी भरा मैसेज भेजा था। उसमें जान से मारने की बात कही थी।

धमकी में कहा गया है कि 24 घंटे में तुम्हारी हत्या कर देंगे। हमारी तैयारी मुकम्मल है। हमारे साथी तेरे बहुत पास पहुंच गए हैं। तुम्हारे गार्ड भी तुम्हें नहीं बचा पाएंगे। तुझे हैप्पी बर्थडे लारेंस भाई और उनकी टीम की तरफ से। पूर्णिया संसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपना आखिरी दिन एन्जाय कर लो।

धमकी देने वाले ने सात सेकेंड का धमाके से जुड़ा एक वीडियो भी सांसद के मोबाइल नंबर पर भेजा है। इस मैसेज के बाद से पूर्णिया में सांसद के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पप्पू यादव फिलहाल पूर्णिया में ही हैं। सिक्योरिटी मशीन से चेकिंग के बाद ही किसी को उनसे मिलने के लिए भेजा जा रहा है।

बता दें कि पप्पू यादव पूर्णिया से निर्दलीय सांसद हैं। पहले वह कांग्रेस से लड़ने वाले थे लेकिन बाद में उनका टिकट कट गया तो फिर उन्होंने निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया। पप्पू यादव को बाहुबली छवि का नेता माना जाता है। पप्पू यादव इन दिन धमकी भरे मैसेज और कॉल से परेशान चल रहे हैं। हाल में उन्हें हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में देखा गया था।

पप्पू यादव ने लॉरेंस बिबिश्नोई को धमकी देते हुए कहा था कि वे उन्हें 2 मिनट में खत्म कर सकते हैं, फिर क्या था इसके बाद ही उन्हें मैसेज और कॉल से धमकी आने लगी।

मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी: ऑनलाइन डॉक्टर के यहां नंबर लगाने के लिए दिये 10 रुपये, निकल गए 2.87 लाख रुपये, पुलिस ने शुरू की जांच

बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां मझौलिया खेतल इलाके के अमरेश कुमार को ऑनलाइन डॉक्टर के यहां नंबर लगाना महंगा पड़ गया. साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 2.87 लाख रुपये की निकासी कर ली. मामले को लेकर अमरेश ने सदर थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर कराई है.

पीड़ित अमरेश ने बताया कि वह अतरदह रोड के डॉक्टर आरोही कुमार के यहां दिखाने के लिए नंबर लगाने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट तलाश रहे थे.

इसमें डॉक्टर का नाम और नंबर मिला. जब उन्होंने उसपर फोन किया तो कहा कि वाट्सऐप पर भेजे गए लिंक पर मरीज का नाम व पता लिख कर दे. इसके बाद दस रुपया का ऑनलाइन भुगतान करने को कहा गया. रूपये भुगतान करने के बाद उनकी बारी कन्फर्म हो जाएगी.

लिंक पर क्लिक करते ही खाते से निकल गए 2.87 लाख रुपए

अमरेश ने बताया कि उन्हें लिंक पर क्लिक कर ब्योरा भर दिया और ₹10 का ऑनलाइन भुगतान भी कर दिया. उन्हें लगा कि डॉक्टर की फीस अधिक है.

मात्र 10 के भुगतान पर उन्हें संदेह हुआ. इस पर उन्होंने नंबर को ब्लॉक कर दिया. लेकिन तब तक साइबर अपराधी उनके खाते में 2.87 लाख रुपए उड़ा चुके थे. पैसा निकासी का मैसेज आने लगा.

सदर थाने में पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत

जब तक पीड़ित ने अपना खाता बंद कराया, तब तक 2.87 लाख रुपए की निकासी हो चुकी थी. मामले को लेकर उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल और इसके बाद सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

वहीं, इस मामले पर अधिकारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच की जा रही है. साथ ही अपील की है कि अपने बैंक खातों की डिटेल किसी भी अपरिचित को न दें.

किसी भी वैसे लिंक पर क्लिक न करें जोकि संदेहास्पद हो. वाट्सऐप सहित अन्य ऐप के जरिए फर्जीवाड़ा हो रहा है. ऐसा भी देखा गया है कि किसी अपने का प्रोफाइल फोटो लगाकर जालसाज ठगी कर रहे हैं. इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है.

बिहार: नीतीश कुमार वक्फ बिल पर अचानक साइलेंट क्यों हो गए हैं?

वक्फ बिल पर पूरे देश में मचे सियासी घमासान के बीच नीतीश कुमार की चुप्पी चर्चा में है. वक्फ बिल पर नीतीश के साइलेंट होने का मुद्दा बिहार विधानसभा में भी गूंज चुका है. नीतीश की चुप्पी पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि 3 महीने पहले अपने मुस्लिम नेताओं से वक्फ बिल का उन्होंने विरोध करने की बात कही थी.

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर नीतीश कुमार 3 महीने बाद ही इस बिल को लेकर साइलेंट क्यों हो गए हैं?

नीतीश ने कही थी बिल के विरोध की बात

मानसून सत्र में जब वक्फ बिल का जेडीयू ने समर्थन कर दिया, तब पार्टी के भीतर सियासी खलबली मच गई. पार्टी के अल्पसंख्यक नेता नीतीश कुमार के पास पहुंच गए. अल्पसंख्यक नेताओं के अगुवा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान थे.

बैठक में मुस्लिम नेताओं ने नीतीश कुमार को जब पूरी बात बताई, तो नीतीश ने किसी भी अल्पसंख्यक के अहित न होने देने की बात कही. नीतीश कुमार ने सभी नेताओं को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को खुद देखेंगे.

फिर नीतीश क्यों हो गए साइलेंट?

नीतीश कुमार की राजनीति जनता पार्टी के जरिए शुरू हुई है. नीतीश गांधी को अपना आदर्श मानते हैं और सेक्युलर राजनीति को तरजीह देते रहे हैं. ऐसे में वक्फ बिल पर नीतीश का साइलेंट हो जाना सवालों में है. 3 प्वॉइंट्स में जानते हैं कि नीतीश आखिर इस बिल पर चुप क्यों हैं?

मुसलमानों को लेकर ललन सिंह का बयान

जेडीयू की तरफ से केंद्र में मंत्री ललन सिंह ने हाल ही में एक बयान दिया है. सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि मुसलमान जेडीयू को वोट नहीं करते हैं. यह जानकारी नीतीश कुमार को भी है, लेकिन फिर भी हम लोग मुसलमानों के लिए लगातार काम कर रहे हैं.

ललन के इस बयान पर मुजफ्फरपुर में शिकायत भी दर्ज कराया गया है. कहा जा रहा है कि ललन का यह बयान 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में आया है.

2024 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार जैसी सीटों पर जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तो जेडीयू के एक भी मुस्लिम विधायक जीतकर सदन नहीं पहुंचे, जबकि नीतीश कुमार ने इस चुनाव में 11 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था.

2025 का चुनाव और मजबूत होती बीजेपी

बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. नीतीश कुमार की पार्टी एनडीए में शामिल है. 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को भले ही बहुमत नहीं मिली, लेकिन नीतीश कुमार से उसे ज्यादा खतरा नहीं है.

हालिया हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में जिस तरीके से बीजेपी ने मजबूत वापसी की है, उससे गठबंधन के भीतर उसका रुतबा और ज्यादा बढ़ गया है. महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद बीजेपी की नजर बिहार पर ही है.

ऐसी स्थिति में नीतीश कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वो भी तब, जब बीजेपी ने नीतीश को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर रखा है.

जेडीयू में मजबूत मुस्लिम नेता मौजूद नहीं

नीतीश जब सेक्युलर पॉलिटिक्स करते थे, तब उनके पास अली अनवर अंसारी, गुलाम गौस, मंजर आलम, मोनाजिर हसन और शाहिद अली खान जैसे कद्दावर नेता हुआ करते थे, लेकिन अब नीतीश के पास मुस्लिम नेताओं का अकाल है.

जेडीयू में एक-दो मुस्लिम नेता जरूर हैं, लेकिन वे डिसिजन मेकिंग से बाहर चल रहे हैं. नीतीश के चुप्पी के पीछे ये भी एक बड़ी वजह है.

जेपीसी कमेटी के पास वक्फ बिल

वक्फ बिल वर्तमान में संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) के अधीन है. कमेटी में इस पर समीक्षा की जा रही है. सुपौल के एक सांसद दिलेश्वर कामत इस कमेटी में जेडीयू की तरफ से सदस्य हैं.

जेपीसी की सिफारिश पर ही सरकार वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश करेगी. इसके बाद वक्फ को लेकर पूरे देश में एक कानून बन जाएगा.

विधान मंडल शीतकालीन सत्र : विपक्ष के हंगामें के बाद बागी विधायकों के लिए विस अध्यक्ष ने तय किया सीट

डेस्क : बीते गुरुवार को बिहार विधानसभा के अंदर शीतकालीन सत्र के दौरान सीटिंग अरेंमेंट को लेकर हुए हंगामे के बाद आज एक बार फिर सीटिंग अरेंजमेंट में बड़ा बदलाव हुआ है। आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राजद के बागी विधायक सीएम नीतीश कुमार के ठीक पिछले वाली कुर्सी पर बैठ रहे थे। उसके बाद आज विधानसभा के स्पीकर के निर्देश के बाद वह वापस से इनके लिए तय सीट पर जाकर बैठे, यह सीट विधानसभा स्पीकर के ठीक सामने तय की गई है। मतलब यह न तो विपक्ष के तरफ हैं और न ही सत्ता पक्ष के तरफ है।

वहीं सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर बागी विधायक चेतन आनंद ने कहा कि हम लोगों का सीटिंग अरेंजमेंट तय है। सीट नंबर 202 हमारा सीट है। यहीं पर हम लोग बैठते हैं सत्र की शुरुआत से ही हम लोग के लिए तय कर दिया था। उसको लेकर कोई बबाल की बात ही नहीं है। लेकिन जिस तरह से कल बवाल हुआ यह गलत है।

वहीं, सत्ता पक्ष बेंच पर बैठने को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। कभी किसी काम के लिए उधर गया तो उसमें कोई बड़ी बात नहीं है। मंत्रियों से बातचीत होती है तो ऐसा हो सकता है। लेकिन, हां सरकार गठन के समय हमलोग जरूर सत्ता पक्ष के तरफ बैठे थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्पीकर ने तय कर दिया था तो उसमें समस्या क्या है। अब कुछ डिमांड एंड सप्लाई वाली सोच रखते है कि इसमें क्या ही कहना है। हमलोग सत्ता के साथ हैं।

अपने पिता की पुण्य-तिथि पर पैतृक गांव पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता अमर स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत कविराज रामलखन सिंह की आज पुण्य तिथि है। इस अवसर पर सीएम नीतीश कुमार अपने पैतृक गाँव कल्याण बिगहा पहुंच 'कविराज रामलखन सिंह स्मृति वाटिका' में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने अपनी माता स्व० परमेश्वरी देवी एवं धर्मपत्नी स्व० मंजू सिन्हा की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार सहित मुख्यमंत्री के परिवार के अन्य सदस्यों तथा निकट संबंधियों ने अमर स्वतंत्रता सेनानी स्व० कविराज रामलखन सिंह, स्व० परमेश्वरी देवी एवं स्व० मंजू सिन्हा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की।

वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने पैतृक गाँव कल्याण बिगहा के भगवती मंदिर (देवी स्थान) में पूजा अर्चना की। कल्याणबिगहा एवं आसपास के लोग मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर अत्यधिक प्रफुल्लित थे। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और उनका अभिवादन स्वीकार किया।

मौके पर उपस्थित अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदय कांत, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा, पूर्व विधायक ई० सुनील कुमार सहित अनेक सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता एवं परिजनों ने अमर स्वतंत्रता सेनानी स्व० कविराज रामलखन सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन : सीएम नीतीश कुमार पहुंचे सदन, विपक्ष का सदन के बाहर भारी हंगामा

डेस्क : बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है। आज भी सदन के अंदर हंगामे के पूरे आसार दिख रहे है। आज सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही विपक्ष के विधायकों ने सदन पार्टीकों में जमकर हंगामा किया है। वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम नीतीश सदन पहुंच गए हैं।

विपक्षी विधायक ने कई मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान राजद, माले और कांग्रेस के विधायक भूमि अधिग्रहण के मामले को लेकर हंगामा कर रहे हैं, उनका कहना है कि सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण का काम कर रही है इसपर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

राजद के विधायक रोजगार, जमीन, स्मार्ट मीटर समेत कई मुद्दों को लेकर सदन के बाहर हंगामा कर रहे हैं, उनका कहना है कि एनडीए सरकार कभी भी रोजगार पर बात नहीं करती है। बिहार में नौकरी का मतलब तेजस्वी यादव है। इसके साथ ही यह सरकार लूटेरों कि सरकार है यह सिर्फ लोगों कि जमीन पर अधिग्रहण करने जा रही है।

विपक्ष सदन के बाहर पोस्टर लेकर बवाल काट रहा हैं। विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने के लिए तैयार है।

BPSC 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में महिलाओं का जलवा, टॉप 20 में 16 महिलाएं

डेस्क : बीपीएससी ने 32वीं बिहार न्यायिक सेवा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें 153 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित किया गया है। इस बार के रिजल्ट में महिलाओं का प्रदर्शन शानदार रहा है। पूरे रिजल्ट में भी 75 महिलाओं का चयन हुआ है। जिसमें टॉप 20 में 16 महिलाएं है।

वहीं टॉपर हर्षिता सिंह बनी है। दूसरे स्थान पर सुकृति अग्रवाल, तीसरे पर सुप्रिया गुप्ता, चौथे पर शांभवी, पांचवें पर शिल्पी रानी और छठा स्थान शिवानी श्रीवास्तव को मिला हैं।

मुख्य परीक्षा में 1489 अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे। इनमें 463 को सफल घोषित किया गया था। साक्षात्कार में चार अनुपस्थित रहे। साक्षात्कार के बाद 153 सफल उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी किया गया है।

वरीय पुलिस उपाधीक्षक राज किशोर बैठा के पुत्र राहुल राज को पहली बार में सफलता प्राप्त हुई और 26वीं रैंक मिली है। उन्होंने सीएनएलयू से सत्र 2017-22 पढ़ाई की थी।