वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास से सामाजिक अंधविश्वास हटेंगे- डॉ. दिनेश मिश्र
रायपुर-    किसी भी व्यक्ति को बचपन से ही अक्षर ज्ञान के साथ सामाजिक अंधविश्वासों व कुरीतियों के संबंध में सचेत किया जाना चाहिए. वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास से विभिन्न अंधविश्वासों व कुरीतियों का निर्मूलन संभव है, व्यक्ति को अपनी असफलता का दोष ग्रह-नक्षत्रों पर न थोपने की बजाय स्वयं की खामियों पर विश्लेषण करना चाहिए, उक्त विचार दौलत राम शर्मा शासकीय महाविद्यालय कसडोल द्वारा आयोजित व्याख्यान में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्र ने व्यक्त किए.

डॉ. मिश्र ने अंधविश्वास एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आयोजित कार्यक्रम कहा हमारे देश के विशाल स्वरूप में अनेक जाति, धर्म के लोग हैं जिनकी परंपराएँ व आस्था भी भिन्न-भिन्न है लेकिन धीरे धीरे कुछ परंपराएँ, अंधविश्वासों के रूप में बदल गई है. जिनके कारण आम लोगों को न केवल शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा से गुजरना पड़ता है बल्कि ठगी का शिकार होना पड़ता है. कुछ चालाक लोग आम लोगों के मन में बसे अंधविश्वासों, अशिक्षा व आस्था का दोहन कर ठगते हैं. उन अंधविश्वासों व कुरीतियों से लोगों को होने वाली परेशानियों व नुकसान के संबंध में समझा कर ऐसे कुरीतियों का परित्याग किया जा सकता है. विभिन्न सामाजिक व चिकित्सा के संबंध में व्याप्त अंधविश्वासों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा देश के विभिन्न प्रदेशों में अनेक प्रकार के अंधविश्वास प्रचलित हैं जो न केवल समाज की प्रगति में बाधक हैं बल्कि आम व्यक्ति के भ्रम को बढ़ाते हैं, उसके मन की शंका-कुशंका में वृद्धि करते हैं.

डॉ. मिश्र ने कहा छत्तीसगढ़ में टोनही के नाम पर महिला प्रताडऩा की घटनाएँ आम है जिनमें किसी महिला को जादू-टोना करके नुकसान पहुँचाने के संदेह में हत्या, मारपीट कर दी जाती है जबकि कोई नारी टोनही या डायन नहीं हो सकती, उसमें ऐसी कोई शक्ति नहीं होती जिससे वह किसी व्यक्ति, बच्चों या गाँव का नुकसान कर सके. जादू-टोने के आरोप में महिला प्रताडऩा रोकना आवश्यक है. अंधविश्वासों के कारण होने वाली टोनही प्रताडऩा/बलि प्रथा,तथा सामाजिक बहिष्कार जैसी घटनाओं से भी मानव अधिकारों का हनन हो रहा है. अंधविश्वासों एवं सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन के लिये प्रदेश में पिछले 29 वर्षों से कोई नारी टोनही नहीं अभियान चलाया जा रहा है.

डॉ. मिश्र ने कहा कि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास अतिआवश्यक है. कई बार लोग चमत्कारिक सफलता प्राप्त करने की उम्मीद में ठगी के शिकार हो जाते हैं, जबकि किसी भी परीक्षा, साक्षात्कार, नौकरी प्रमोशन के लिए कठोर परिश्रम व सुनियिोजित तैयारी आवश्यक है. तुरन्त सफलता के लिए किसी चमत्कारिक अँगूठी, ताबीज, तंत्र-मंत्र कथित बाबाओं के चक्कर में फँसने की बजाय परिश्रम का रास्ता अपनाना ही उचित है.

डॉ. मिश्र ने कहा समाज में जादू-टोना, टोनही आदि के संबंध में भ्रामक धारणाएँ काल्पनिक है, जिनका कोई प्रमाण नहीं है. पहले बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ न होने से लोगों के पास झाड़-फूँक व चमत्कारिक उपचार ही एकमात्र रास्ता था, लेकिन चिकित्सा विज्ञान के बढ़ते कदमों व अनुसंधानों ने कई बीमारियों, संक्रामकों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है तथा कई बीमारियों के उपचार की आधुनिक विधियाँ खोजी जा रही है. बीमारियों के सही उपचार के लिए झाड़-फूँक, तंत्र-मंत्र की बजाय प्रशिक्षित चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. कोरोना काल में भी आधुनिक चिकित्सा के सहयोग से महामारी पर नियंत्रण पाया जा रहा है.

डॉ मिश्र ने कहा आमतौर पर अंधविश्वासों के कारण होने वाली घटनाओं की शिकार महिलाएँ ही होती है. अपनी सरल प्रवृत्ति के कारण से सहज ही चमत्कारिक दिखाई देने वाली घटनाओं व अफवाहों पर विश्वास कर लेती है व ठगी व प्रताडऩा की शिकार होती है, जिससे भगवान दिखाने के नाम पर रूपये, गहने दुगुना करने के नाम पर ठगी की जाती है. अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन व सामाजिक जागरण में अपना अमूल्य योगदान विद्यार्थी एवं स्थानीय ग्रामीण भी दे सकते हैं. उन्हें आस-पास के लोगों को इस संदर्भ में विज्ञान सम्मत जानकारी देनी चाहिए. कार्यक्रम में व्याख्यान के बाद चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या भी प्रस्तुत की गई व प्रश्नोत्तर हुए . कार्यक्रम को डॉ शैलेश जाधव, महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ एच के एस गजेंद्र ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ. पटेल, डॉ बर्मन, सहित छात्र , उपस्थित रहे.

रेत और मुरूम का अवैध परिवहन, खनिज विभाग ने पकड़ी 7 गाड़ियां

अभनपुर-  राजिम नवापारा क्षेत्र में अवैध रेत व मुरूम खनन और परिवहन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इसकी सूचना पर रायपुर खनिज विभाग ने गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात एक बार फिर नवापारा से अवैध रेत और मुरुम परिवहन करते 7 गाड़ियों के विरुद्ध कार्रवाई की है. सभी वाहनों को थाना गोबरा नवापारा परिसर में खड़ा कराया गया है.

SDM के सरकारी वाहन ने बच्चे को मारी टक्कर, नशे में धुत था चालक, जांच में जुटी पुलिस

गरियाबंद-  जिले के देवभोग में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां निजी स्कूल से छुट्टी के बाद घर जा रहे पहली कक्षा के छात्र को एसडीएम के सरकारी वाहन ने टक्कर मार दी. घटना में बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया है. जिसका इलाज अस्पताल में जारी है.

जानकारी के अनुसार, आज दोपहर देवभोग एसडीएम तुलसी दास मरकाम ड्यूटी पर निकले हुए थे. बस स्टैंड के आगे तभी सरकारी वाहन ने छात्र को टक्कर मार दी, जिससे छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया. हादसे के बाद वहां मौजूद राहगीरों ने तुरंत घायल बच्चे को अस्पताल पहुंचाया. एसडीएम भी कुछ ही देर में अस्पताल पहुंचे.

हादसे के बाद बच्चे के परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला. यादव समाज के अध्यक्ष सुशील यादव भी अस्पताल पहुंचे और देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई. लोगों ने आरोपी चालक की मेडिकल जांच (एमएलसी) कराने की मांग की है. वहीं देवभोग थाना प्रभारी आरोपी चालक लेखराम ठाकुर के खिलाफ एमएलसी प्रपत्र भरा और डॉक्टर ने जांच में चालक के शरीर से 156 प्वाइंट एल्कोहल की पुष्टि किया.

मामले में थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने कहा कि डॉक्टर ने एल्कोहल की पुष्टि किया है. बल्ड यूरीन जांच रिपोर्ट आना बाकी है. फिलहाल मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

15 दिन में दूसरी बार हादसा

SDM तुलसी दास के वाहन का 15 दिन के भीतर यह दूसरा हादसा है. 13 नवंबर की रात उनकी निजी वाहन धवलपुर के पास टकरा गई थी. वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.वाहन उस दिन नायब तहसीलदार चला रहे थे, एसडीएम बैठे हुए थे.

छत्तीसगढ़ में लोन वर्राटू अभियान का असर, जन मिलिशिया कमांडर धनरू ने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा-   छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान लोन वर्राटू (घर वापसी) के तहत एक और सफलता मिली है. पूर्वी बस्तर डिवीजन के बयानार एरिया कमेटी के जन मिलिशिया कमांडर धनरू ने पुलिस अधीक्षक (SP) गौरव रॉय के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

सरकार की पुनर्वास नीति का मिलेगा लाभ

बता दें, सरकार की समर्पण और पुनर्वास नीति के तहत धनरू को 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके साथ ही, वह समर्पित नक्सलियों के लिए लागू सभी योजनाओं का लाभ उठाएगा.

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ को 2026 तक नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत लगातार कोर नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा बल नक्सलियों का खात्मा कर रहे हैं. वहीं सरकार माओवादियों को अवसर भी दे रही है, जो मुख्य धारा से जुड़ कर प्रदेश के विकास में भागीदार बनना चाहते हैं. उनके लिए लोन वर्राटू यानि घर वापसी अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत आत्म समर्पण करने वाले माओवादियों (नक्सलियों) के जीवन को एक नई दिशा मिलती है.

लोन वर्राटू अभियान की उपलब्धि

दंतेवाड़ा में चल रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 206 इनामी नक्सलियों सहित कुल 884 नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं. यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है. लोन वर्राटू अभियान ने न केवल नक्सलियों को पुनर्वास का मौका दिया है, बल्कि क्षेत्र में शांति और विकास के नए दरवाजे भी खोले हैं.

जनपद और ग्राम पंचायत की संपत्ति कुर्क : कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार ने की कार्रवाई, पीड़ित परिवार को मिलेगी सहायता राशि

बलौदाबाजार-       जिले में पहली बार उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तहसीलदार ने जनपद पंचायत बलौदाबाजार और ग्राम पंचायत देवरी की संपत्ति कुर्क की है. दरअसल मामला 2016 का है. ग्राम पंचायत देवरी के स्कूल में शौचालय निर्माण के दौरान एक मजदूर की 11 हजार केवी लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था. न्यायालय ने ग्राम पंचायत देवरी व जनपद पंचायत बलौदाबाजार की संपत्ति कुर्क कर पीड़ित को 11,02,286 रुपए देने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद आज जनपद पंचायत बलौदाबाजार में तहसीलदार ने संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की.

कोर्ट के आदेश के बाद जनपद सीईओ, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित आफिस के कुर्सी टेबल सहित अन्य सामानों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जानकारी के अनुसार सन 2016 में देवरी पंचायत द्वारा स्कूल में शौचालय निर्माण कराया जा रहा था, जिसके ऊपर से 11 केवी बिजली लाइन गई थी. काम के दौरान इस बिजली लाइन की चपेट में आने से मजदूर की मौत हो गई थी. ललित साहू की मौत के बाद मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी. इस पर न्यायालय ने मृतक के परिवार को जनपद पंचायत व ग्राम पंचायत देवरी से मृतक के परिवार को 11.02.286 रुपए देने का आदेश दिया था. यदि पैसा नहीं दे पाते हैं तो संपत्ति कुर्क कर परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराने कहा, जिस पर आज कार्रवाई की गई.

‌जनपद पंचायत के अधिकारी ने बताया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बीआरसीसी के आदेश पर पंचायत को शौचालय निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था. शौचालय निर्माण के दौरान हादसा हुआ, जिसमें एक मजदूर की की मौत हुई थी. अचानक संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही से हड़कंप मच गया है.

संपत्ति की नीलामी कर पीड़ित परिवार को दी जाएगी सहायता राशि

‌इस मामले में नायब तहसीलदार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर आज कार्रवाई प्रारंभ की गई है. पहले चल संपत्ति को कुर्क किया गया. उसके बाद अचल संपत्ति पर जब्ती की कार्यवाही की जाएगी. इसके नीलामी से जो पैसा आएगा उसमें से पीड़ित परिवार को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सहायता राशि दी जाएगी.

CGPSC 2024 में आबकारी उपनिरीक्षक के 90 पद होने पर सियासी बवाल : पूर्व मंत्री अमरजीत बोले – शराब बेचने का रिकॉर्ड बनाना चाहती है सरकार

रायपुर-     CGPSC-2024 में आबकारी उपनिरीक्षक के सबसे ज्यादा 90 पदों को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाया है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, ”मनपसंद एप” के लिए 90 आबकारी उपनिरीक्षक पद हैं. राज्य सरकार शराब बेचने के मामले में रिकॉर्ड बनाना चाहती है. अमरजीत के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री केदार कश्यप ने कहा, प्रतियोगिता परीक्षाओं को कांग्रेस ने खिलौना बनाया था. अपने मनपसंद लोगों की भर्ती करते थे.

अमरजीत भगत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, शराब को सरकार मुख्य धंधा बना रही है. जिलों में डीसी और तहसीलदारों की आवश्यकता है, लेकिन शराब बेचने सबसे ज्यादा आबकारी विभाग में पद निकाले गए हैं. उन्होंने कहा, सरकार एक तरफ रामराज्य की बात करते हैं दूसरी तरफ शराब बेंचते हैं.

धर्म परिवर्तन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य : केदार कश्यप

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के बयान पर वन मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, प्रतियोगिता परीक्षाओं को कांग्रेस ने खिलौना बनाया था. अपने मनपसंद लोगों की भर्ती करते थे. तत्कालीन सरकार ने पुलिस, एरिकेशन कई विभागों में भर्ती किया है. कांग्रेसी गंगाजल हाथ में लेकर झूठ बोलने वाले लोग हैं. सरकारी नौकरी के लिए धर्म परिवर्तन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को मंत्री केदार कश्यप ने सही बताते हुए कहा, प्रदेश के हर अवैध कार्य पर कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है.

जमीन की खरीदी-बिक्री में अनियमितता, एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से पटवारी को किया निलंबित…

बलरामपुर-  भूमि क्रय-विक्रय में अनियमितता बरते जाने पर पटवारी को एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जांच में पाया गया कि पटवारी ने बिना उचित दस्तावेज़ और सत्यापन के विक्रय प्रक्रिया पूरी की थी. 

जानकारी के अनुसार, ग्राम सेंमली (बलरामपुर) में खसरा नंबर 137/5, 137/7 और 14 की भूमि की बिक्री से जुड़ा मामला है. शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था.

जांच में पाया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन करते हुए बिक्री की गई. भूमि पर पहले से अधिग्रहण की स्थिति थी, लेकिन बिना जानकारी दिए पटवारी विजय लकड़ा ने क्रय-विक्रय की अनुमति दे दी.

इस पर पटवारी विजय लकड़ा को इस अनियमितता पर सिविल सेवा नियम 1965 और 1966 के तहत एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. निलंबन के दौरान पटवारी का मुख्यालय बलरामपुर तहसील कार्यालय होगा.

धान खरीदी के मुद्दे पर कांग्रेस ने उठाई आवाज : PCC चीफ बैज ने कहा – किसानों से धान नहीं खरीदने षड्यंत्र कर रही सरकार
रायपुर-  छत्तीसगढ़ में धान खरीदी समेत किसानों के मुद्दों को लेकर राजीव भवन में कांग्रेस ने प्रेसवार्ता कर भाजपा सरकार पर हमला बोला. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र कर रही है. विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है.

बैज ने कहा, इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है. इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है. शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं. इसका मतलब यह है कि प्रतिदिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की ख़रीदी प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा. वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा. सोसाइटियो को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है. ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आएगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते में रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है. (जो समर्थन मूल्य है उतना) सिर्फ 2300 रुपए प्रति क्विंटल ही आ रहा है।

बैज ने कहा कि अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा, जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा. किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है. बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा. सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जाएगा. सोसायटी में बारदाने की कमी है, किसान परेशान हैं. सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नए, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाए. 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं हैं, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है.

धान खरीदी केंद्रों में जारी नहीं हो रहा टोकन, किसान परेशान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है. किसान घंटों खड़े रहते हैं. आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है. धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपए में करें, क्योंकि 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था. केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है. इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए किया जाए. कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपएमें धान खरीदा था.

भाजपा की नई नीति से धान खरीदी हुई प्रभावित

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने कहा कि धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है. नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफ़र स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है. पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें. अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ़र स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है. धान खरीदी केन्द्रो में जगह की कमी आ रही है. पहले मार्कफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी. अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है. धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को, यानी समितियों/संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा.

धान की मीलिंग करने में राइस मिलराें ने जताई है असमर्थता

उन्होंने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेशभर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं. अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है. इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर है. धान सोसायटी में जाम है. मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फ़ैसले के बाद विभिन्न ज़िलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं.

पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, महामंत्री सकलेन कादार, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, किसान कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, प्रवक्ता सत्य प्रकाश सिंह, प्रवक्ता वंदना राजपूत उपस्थित थे।

ग्रामीण अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव की बढ़ी विश्वसनीयता, 24 घंटे में 2 हॉस्पिटल में 9 नवजातों की गूंजी किलकारी

गरियाबंद-    छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में सुरक्षित प्रसव को लेकर गर्भवती महिलाओं का अस्पतालों पर विश्वास सुदृढ़ होता नजर आरहा है. बीते 24 घंटों में 2 अलग-अलग असपतालों में कुल 9 नवजातों को सुरक्षित प्रसव कराया गया है. देवभोग अस्पताल ने सुरक्षित संस्थागत प्रसव का एक और उदाहरण पेश किया है. शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर अस्पताल में 5 नवजातों ने जन्म लिया, जिससे अस्पताल का परिसर खुशियों से गूंज उठा. इनमें से दो बच्चे जुड़वा हैं. बता दें, तीन महीने पहले भी यहां 16 घंटे में 6 नवजातों की किलकारी गूंजी थी.

टीम वर्क से संभव हुआ सुरक्षित प्रसव

बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू ने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गार्गी यदु के मार्गदर्शन में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. नियमित मॉनिटरिंग और स्वास्थ्य टीम की कड़ी मेहनत से दूरस्थ इलाकों में भी सुरक्षित प्रसव सफल हो पा रहे हैं. इन 5 बच्चों के प्रसव की उपलब्धि में ड्यूटी डॉक्टर रोशन कंचन, नर्स गायत्री, बबीता, समारिन और अनीता साहू का विशेष योगदान रहा.

सरकार की नीतियों का असर

सीएमएचओ डॉक्टर गार्गी यदु ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हांकित करने की जो नीति बनाई है उससे जच्चा बच्चा सुरक्षित हो रहा है. मैदानी स्वास्थ्य अमला गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं के साथ रहता है. टीम वर्क और नियमित निगरानी के कारण ही यह सफलता संभव हो रही है.”

खड़मा पीएचसी ने भी रचा इतिहास

वहीं छुरा ब्लॉक के जनजातीय क्षेत्र खड़मा में भी सुरक्षित प्रसव की सफलता का नया अध्याय जुड़ा है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 घंटे के भीतर 4 सुरक्षित प्रसव कराए गए. यह पहली बार है जब इतने कम समय में इस ग्रामीण क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इस ग्रामीण इलाके में सुरक्षित प्रसव को लेकर विभाग ने कई खामियों को दूर कराया और विशेष अभियान चलाया, जिसके बाद अब जा कर इसके परिणाम नजर आ रहे हैं.

महानदी पर बना मेघा पुल टूटने से लोग परेशान : कुरुद जाने तय करना पड़ रहा लंबा सफर, वैकल्पिक मार्ग बनाने ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
धमतरी-  जिले के मेघा गांव में महानदी पर पुल टूटने के बाद वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों और व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. इसके चलते स्टेट हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई है. बता दें कि मेघा महानदी पुल दो महीने पहले टूटा है. इसके बाद इस मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी गई है. इसके कारण राजिम, मगरलोड क्षेत्र के लोगों को कुरूद जाने के लिए कई किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा.

बता दें कि नब्बे के दशक में तत्कालीन विधायक स्व. दीपा साहू के प्रयास से महानदी पर मेघा पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल के बनने से मगरलोड, नगरी, गरियाबंद क्षेत्र में कुरुद की कन्केक्टिविटी बढ़ी, जिससे वन क्षेत्रों में विकास की किरणें जगने लगी थी, लेकिन रेत माफियाओं ने क्षेत्र की इस अनमोल धरोहर को भी नहीं छोड़ा. गाड़ाडीह और मेघा के बीच महानदी पर बने पुल के तीन पिल्लर गिर गए, नीचे का सपोर्ट खत्म हो जाने से पुल में दरार आ गई है. अब यह पुल धंसता और टूटता जा रहा है.