जनपद और ग्राम पंचायत की संपत्ति कुर्क : कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार ने की कार्रवाई, पीड़ित परिवार को मिलेगी सहायता राशि

बलौदाबाजार-       जिले में पहली बार उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तहसीलदार ने जनपद पंचायत बलौदाबाजार और ग्राम पंचायत देवरी की संपत्ति कुर्क की है. दरअसल मामला 2016 का है. ग्राम पंचायत देवरी के स्कूल में शौचालय निर्माण के दौरान एक मजदूर की 11 हजार केवी लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था. न्यायालय ने ग्राम पंचायत देवरी व जनपद पंचायत बलौदाबाजार की संपत्ति कुर्क कर पीड़ित को 11,02,286 रुपए देने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद आज जनपद पंचायत बलौदाबाजार में तहसीलदार ने संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की.

कोर्ट के आदेश के बाद जनपद सीईओ, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित आफिस के कुर्सी टेबल सहित अन्य सामानों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जानकारी के अनुसार सन 2016 में देवरी पंचायत द्वारा स्कूल में शौचालय निर्माण कराया जा रहा था, जिसके ऊपर से 11 केवी बिजली लाइन गई थी. काम के दौरान इस बिजली लाइन की चपेट में आने से मजदूर की मौत हो गई थी. ललित साहू की मौत के बाद मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी. इस पर न्यायालय ने मृतक के परिवार को जनपद पंचायत व ग्राम पंचायत देवरी से मृतक के परिवार को 11.02.286 रुपए देने का आदेश दिया था. यदि पैसा नहीं दे पाते हैं तो संपत्ति कुर्क कर परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराने कहा, जिस पर आज कार्रवाई की गई.

‌जनपद पंचायत के अधिकारी ने बताया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बीआरसीसी के आदेश पर पंचायत को शौचालय निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था. शौचालय निर्माण के दौरान हादसा हुआ, जिसमें एक मजदूर की की मौत हुई थी. अचानक संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही से हड़कंप मच गया है.

संपत्ति की नीलामी कर पीड़ित परिवार को दी जाएगी सहायता राशि

‌इस मामले में नायब तहसीलदार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर आज कार्रवाई प्रारंभ की गई है. पहले चल संपत्ति को कुर्क किया गया. उसके बाद अचल संपत्ति पर जब्ती की कार्यवाही की जाएगी. इसके नीलामी से जो पैसा आएगा उसमें से पीड़ित परिवार को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सहायता राशि दी जाएगी.

CGPSC 2024 में आबकारी उपनिरीक्षक के 90 पद होने पर सियासी बवाल : पूर्व मंत्री अमरजीत बोले – शराब बेचने का रिकॉर्ड बनाना चाहती है सरकार

रायपुर-     CGPSC-2024 में आबकारी उपनिरीक्षक के सबसे ज्यादा 90 पदों को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाया है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, ”मनपसंद एप” के लिए 90 आबकारी उपनिरीक्षक पद हैं. राज्य सरकार शराब बेचने के मामले में रिकॉर्ड बनाना चाहती है. अमरजीत के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री केदार कश्यप ने कहा, प्रतियोगिता परीक्षाओं को कांग्रेस ने खिलौना बनाया था. अपने मनपसंद लोगों की भर्ती करते थे.

अमरजीत भगत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, शराब को सरकार मुख्य धंधा बना रही है. जिलों में डीसी और तहसीलदारों की आवश्यकता है, लेकिन शराब बेचने सबसे ज्यादा आबकारी विभाग में पद निकाले गए हैं. उन्होंने कहा, सरकार एक तरफ रामराज्य की बात करते हैं दूसरी तरफ शराब बेंचते हैं.

धर्म परिवर्तन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य : केदार कश्यप

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के बयान पर वन मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, प्रतियोगिता परीक्षाओं को कांग्रेस ने खिलौना बनाया था. अपने मनपसंद लोगों की भर्ती करते थे. तत्कालीन सरकार ने पुलिस, एरिकेशन कई विभागों में भर्ती किया है. कांग्रेसी गंगाजल हाथ में लेकर झूठ बोलने वाले लोग हैं. सरकारी नौकरी के लिए धर्म परिवर्तन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को मंत्री केदार कश्यप ने सही बताते हुए कहा, प्रदेश के हर अवैध कार्य पर कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है.

जमीन की खरीदी-बिक्री में अनियमितता, एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से पटवारी को किया निलंबित…

बलरामपुर-  भूमि क्रय-विक्रय में अनियमितता बरते जाने पर पटवारी को एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जांच में पाया गया कि पटवारी ने बिना उचित दस्तावेज़ और सत्यापन के विक्रय प्रक्रिया पूरी की थी. 

जानकारी के अनुसार, ग्राम सेंमली (बलरामपुर) में खसरा नंबर 137/5, 137/7 और 14 की भूमि की बिक्री से जुड़ा मामला है. शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था.

जांच में पाया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन करते हुए बिक्री की गई. भूमि पर पहले से अधिग्रहण की स्थिति थी, लेकिन बिना जानकारी दिए पटवारी विजय लकड़ा ने क्रय-विक्रय की अनुमति दे दी.

इस पर पटवारी विजय लकड़ा को इस अनियमितता पर सिविल सेवा नियम 1965 और 1966 के तहत एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. निलंबन के दौरान पटवारी का मुख्यालय बलरामपुर तहसील कार्यालय होगा.

धान खरीदी के मुद्दे पर कांग्रेस ने उठाई आवाज : PCC चीफ बैज ने कहा – किसानों से धान नहीं खरीदने षड्यंत्र कर रही सरकार
रायपुर-  छत्तीसगढ़ में धान खरीदी समेत किसानों के मुद्दों को लेकर राजीव भवन में कांग्रेस ने प्रेसवार्ता कर भाजपा सरकार पर हमला बोला. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र कर रही है. विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है.

बैज ने कहा, इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है. इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है. शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं. इसका मतलब यह है कि प्रतिदिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की ख़रीदी प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा. वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा. सोसाइटियो को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है. ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आएगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते में रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है. (जो समर्थन मूल्य है उतना) सिर्फ 2300 रुपए प्रति क्विंटल ही आ रहा है।

बैज ने कहा कि अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा, जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा. किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है. बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा. सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जाएगा. सोसायटी में बारदाने की कमी है, किसान परेशान हैं. सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नए, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाए. 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं हैं, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है.

धान खरीदी केंद्रों में जारी नहीं हो रहा टोकन, किसान परेशान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है. किसान घंटों खड़े रहते हैं. आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है. धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपए में करें, क्योंकि 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था. केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है. इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए किया जाए. कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपएमें धान खरीदा था.

भाजपा की नई नीति से धान खरीदी हुई प्रभावित

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने कहा कि धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है. नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफ़र स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है. पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें. अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ़र स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है. धान खरीदी केन्द्रो में जगह की कमी आ रही है. पहले मार्कफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी. अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है. धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को, यानी समितियों/संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा.

धान की मीलिंग करने में राइस मिलराें ने जताई है असमर्थता

उन्होंने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेशभर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं. अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है. इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर है. धान सोसायटी में जाम है. मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फ़ैसले के बाद विभिन्न ज़िलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं.

पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, महामंत्री सकलेन कादार, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, किसान कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, प्रवक्ता सत्य प्रकाश सिंह, प्रवक्ता वंदना राजपूत उपस्थित थे।

ग्रामीण अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव की बढ़ी विश्वसनीयता, 24 घंटे में 2 हॉस्पिटल में 9 नवजातों की गूंजी किलकारी

गरियाबंद-    छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में सुरक्षित प्रसव को लेकर गर्भवती महिलाओं का अस्पतालों पर विश्वास सुदृढ़ होता नजर आरहा है. बीते 24 घंटों में 2 अलग-अलग असपतालों में कुल 9 नवजातों को सुरक्षित प्रसव कराया गया है. देवभोग अस्पताल ने सुरक्षित संस्थागत प्रसव का एक और उदाहरण पेश किया है. शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर अस्पताल में 5 नवजातों ने जन्म लिया, जिससे अस्पताल का परिसर खुशियों से गूंज उठा. इनमें से दो बच्चे जुड़वा हैं. बता दें, तीन महीने पहले भी यहां 16 घंटे में 6 नवजातों की किलकारी गूंजी थी.

टीम वर्क से संभव हुआ सुरक्षित प्रसव

बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू ने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गार्गी यदु के मार्गदर्शन में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. नियमित मॉनिटरिंग और स्वास्थ्य टीम की कड़ी मेहनत से दूरस्थ इलाकों में भी सुरक्षित प्रसव सफल हो पा रहे हैं. इन 5 बच्चों के प्रसव की उपलब्धि में ड्यूटी डॉक्टर रोशन कंचन, नर्स गायत्री, बबीता, समारिन और अनीता साहू का विशेष योगदान रहा.

सरकार की नीतियों का असर

सीएमएचओ डॉक्टर गार्गी यदु ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हांकित करने की जो नीति बनाई है उससे जच्चा बच्चा सुरक्षित हो रहा है. मैदानी स्वास्थ्य अमला गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं के साथ रहता है. टीम वर्क और नियमित निगरानी के कारण ही यह सफलता संभव हो रही है.”

खड़मा पीएचसी ने भी रचा इतिहास

वहीं छुरा ब्लॉक के जनजातीय क्षेत्र खड़मा में भी सुरक्षित प्रसव की सफलता का नया अध्याय जुड़ा है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 घंटे के भीतर 4 सुरक्षित प्रसव कराए गए. यह पहली बार है जब इतने कम समय में इस ग्रामीण क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इस ग्रामीण इलाके में सुरक्षित प्रसव को लेकर विभाग ने कई खामियों को दूर कराया और विशेष अभियान चलाया, जिसके बाद अब जा कर इसके परिणाम नजर आ रहे हैं.

महानदी पर बना मेघा पुल टूटने से लोग परेशान : कुरुद जाने तय करना पड़ रहा लंबा सफर, वैकल्पिक मार्ग बनाने ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
धमतरी-  जिले के मेघा गांव में महानदी पर पुल टूटने के बाद वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों और व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. इसके चलते स्टेट हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई है. बता दें कि मेघा महानदी पुल दो महीने पहले टूटा है. इसके बाद इस मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी गई है. इसके कारण राजिम, मगरलोड क्षेत्र के लोगों को कुरूद जाने के लिए कई किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा.

बता दें कि नब्बे के दशक में तत्कालीन विधायक स्व. दीपा साहू के प्रयास से महानदी पर मेघा पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल के बनने से मगरलोड, नगरी, गरियाबंद क्षेत्र में कुरुद की कन्केक्टिविटी बढ़ी, जिससे वन क्षेत्रों में विकास की किरणें जगने लगी थी, लेकिन रेत माफियाओं ने क्षेत्र की इस अनमोल धरोहर को भी नहीं छोड़ा. गाड़ाडीह और मेघा के बीच महानदी पर बने पुल के तीन पिल्लर गिर गए, नीचे का सपोर्ट खत्म हो जाने से पुल में दरार आ गई है. अब यह पुल धंसता और टूटता जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट से अनवर ढेबर को लगा झटका, हाई कोर्ट से मिली जमानत को किया रद्द…

रायपुर-  प्रदेश के बहुचर्चित शराब घोटाला में आरोपी अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट में जाकर फिर से जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.

जानकारी के अनुसार, जिस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, उसे सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस ने चेलेंज किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को रद्द करते हुए वापस हाई कोर्ट में भेज दिया है.

दरअसल, अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जुलाई में किडनी और गॉलब्लैडर स्टोन की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. ढेबर के वकील ने मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जस्टिस अरविन्द वर्मा की पीठ के सामने जमानत देने का आग्रह किया था.

इस मेडिकल रिपोर्ट को बनाने वाले डीकेएस सुपर स्‍पेशलिटी अस्‍पताल के गेस्‍ट्रो सर्जन को छत्तीसगढ़ सरकार ने बर्खास्त करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी थी. शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद ढेबर को 8 जून को ईलाज के लिए डीकेएस ले जाया गया था.

वकील ने तर्क दिया कि अनवर को किडनी की बीमारी है, और उन्हें पेशाब करने में दिक्कत हो रही है. सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया कि ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है. जेल में गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इलाज नहीं हो पा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट से अनवर ढेबर को लगा झटका, हाई कोर्ट से मिली जमानत को किया रद्द…

रायपुर-  प्रदेश के बहुचर्चित शराब घोटाला में आरोपी अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट में जाकर फिर से जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.

जानकारी के अनुसार, जिस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, उसे सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस ने चेलेंज किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को रद्द करते हुए वापस हाई कोर्ट में भेज दिया है.

दरअसल, अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जुलाई में किडनी और गॉलब्लैडर स्टोन की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. ढेबर के वकील ने मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जस्टिस अरविन्द वर्मा की पीठ के सामने जमानत देने का आग्रह किया था.

इस मेडिकल रिपोर्ट को बनाने वाले डीकेएस सुपर स्‍पेशलिटी अस्‍पताल के गेस्‍ट्रो सर्जन को छत्तीसगढ़ सरकार ने बर्खास्त करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी थी. शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद ढेबर को 8 जून को ईलाज के लिए डीकेएस ले जाया गया था.

वकील ने तर्क दिया कि अनवर को किडनी की बीमारी है, और उन्हें पेशाब करने में दिक्कत हो रही है. सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया कि ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है. जेल में गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इलाज नहीं हो पा रहा है.

महादेव सट्टा एप की जांच के दौरान कार्रवाई, 19 स्थानों पर 200 एकड़ जमीन अटैच… जाने अशोका रत्न समेत कहा-कहा है ये जमीने
रायपुर-  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले के आरोपियों की करीब 500 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति अटैच कर उनकी पहचान भी कर ली है. ईडी ने राज्य शासन के राजस्व विभाग से इन अचल संपत्तियों की जानकारी मांगी थी. ईडी द्वारा पटवारी व तहसीलदार के माध्यम से अभनपुर व रायपुर तहसील के अंतर्गत इन अचल संपत्तियों के खसरों को चिन्हित कर कब्जे में लिया गया है और उनकी खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

बताया गया है कि ईडी द्वारा रायपुर व अभनपुर तहसील के अंतर्गत 19 स्थानों पर लगभग दो सौ एकड़ जमीन अटैच की गई है. अभनपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम कोलर, खोरपा, सलोनी, छछानपैरी तथा रायपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम मुजगहन, टेमरी, छेरीखेड़ी, शंकरनगर तथा बोरियाखुर्द में अटैच की गई जमीनें स्थित हैं. गौरतलब है कि ईडी द्वारा महादेव सट्टा एप मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है. इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और उनकी अचल संपत्तियां अटैच की गई हैं. आरोप है कि ऑनलाइन बैटिंग एप के संचालन से प्रमोटर्स व ऑनलाइन बैटिंग एप से जुड़े पैनल ऑपरेटर्स चेकर्स व उनके साथियों द्वारा वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन सट्टा खिलाकर लगभग 500 करोड़ रुपए मासिक की अवैध आय अर्जित की जाती रही है.

प्रोटेक्शन मनी के रूप में मोटी रकम मिलती रही

यह भी आरोप है कि महादेव बुक एप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन बैटिंग एप के इस आपराधिक कृत्य के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तथा प्रभावशील राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया. इसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध प्रोटेक्शन मनी वितरण के लिए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों का भी उपयोग किया गया. विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रोटेक्शन मनी के रूप में अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की गई है. ईडी द्वारा कई अचल संपत्तियों का पहले प्रोवजनल अटैचमेंट किया गया था. उल्लेखनीय है कि ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा भी महादेव सट्टा एप मामले में भी एफआईआर दर्ज कर 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

यहां की संपत्तियां अटैच

ग्राम कोलर (अभनपुर) में  0.146 हेक्टेयर (खसरा 60/1), 0.540 हेक्टेयर (खसरा 60/7), 1.483 हेक्टेयर (खसरा 60/12) व 0.266 हेक्टेयर (खसरा 60/11) तथा ग्राम खोरपा (अभनपुर) में 0.3300 हेक्टेयर (खसरा 1534) जमीन अटैच की गई है. इसी प्रकार ग्राम सलोनी (अभनपुर) में 0.2030 हेक्टेयर (खसरा 43/1), 1.5740 हेक्टेयर (खसरा 414/12), 1.2720 हेक्टेयर (खसरा 406/3), 1.0450 हेक्टेयर (खसरा 73.26) को अटैच किया गया है. इसके अलावा ग्राम छछानपैरी (अभनपुर) में 1798 वर्गफुट (खसरा 150/2) प्लाट-195, 1798 वर्गफुट (खसरा 150/2) प्लाट-196 तथा ग्राम मुजगहन में 0.3300 हेक्टेयर (खसरा 436/14) व 0.1250 हेक्टेयर (खसरा 143/1) को भी सीज किया गया है. वहीं, ग्राम टेमरी (रायपुर) में 0.1430 हेक्टेयर (खसरा 267/11), ग्राम सेरीखेड़ी (रायपुर) में 1.353 हेक्टेयर (खसरा 244/13), 0.592 हेक्टेयर (खसरा 244/1), 1.061 हेक्टेयर (खसरा 258/2), शंकरनगर अशोकारत्न में 5170.50 वर्गफुट (खसरा 178/1) व बोरियाखुर्द में 0.3200 हेक्टेयर (खसरा 450/1) को भी ईडी ने अटैच किया है.

मंत्री लखन लाल देवांगन ने 900 से अधिक कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों के साथ देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, कहा- अब सच सामने आ गया है…
कोरबा- वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने भाजपा के 900 से अधिक वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ गुरुवार को चित्रा मल्टीप्लेक्स में गोधरा कांड पर आधारित फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखी. इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से अपने समर्थकों के लिए टिकट की व्यवस्था की थी. उन्होंने नागरिकों और राष्ट्रवादियों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक घटना की वास्तविकता को समझें और जानें. 

मंत्री देवांगन ने फिल्म को ऐतिहासिक सत्य के प्रतीक के रूप में बताते हुए कहा कि गोधरा कांड और कारसेवकों के नरसंहार जैसी घटनाओं को वर्षों तक दबाया गया और एकतरफा विमर्श से सत्य को छिपाने का प्रयास किया गया. मंत्री ने देवांगन ने कहा, “साबरमती की सच्चाई को सामने लाने का प्रयास बहुत अच्छा है. यह सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से सच को झूठ और झूठ को सच में बदलने की कोशिश की. लेकिन सौभाग्य से सच हमेशा सामने आता है और अब यह सबके सामने आ चुका है.

उन्होंने कहा कि यह फिल्म केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह उन सच्ची घटनाओं को उजागर करती है जिन्हें आम जनता से दूर रखा गया. गुजरात दंगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार को अदालत से क्लीन चिट मिलने के बावजूद बार-बार राजनीतिक षड्यंत्रों का हिस्सा बनाया गया. उन्होंने नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि वाइब्रेंट गुजरात की सफलता और भारत के विकसित होने की दिशा मोदी के नेतृत्व का परिणाम है.

मंत्री देवांगन ने कहा कि द साबरमती रिपोर्ट झूठे विमर्श और तथ्यों को दबाने के प्रयासों को समाप्त कर देती है. उन्होंने इसे पीड़ितों के साथ हुए अन्याय और सच्चाई को जानने के लिए हर जागरूक नागरिक के लिए जरूरी बताया. फिल्म को देखने के लिए भारी संख्या में समर्थक और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे.

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह, जिला संगठन प्रभारी गोपाल साहू, जिला कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी, अशोक चावलानी, नवीन पटेल, वॉर्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेन्द्र देवांगन, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष योगेश जैन, नरेंद्र पाटनवार, कोरबा मंडल अध्यक्ष परविंदर सिंह, बांकीमोंगर मंडल अध्यक्ष मनीष मिश्रा, कोसाबाड़ी मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, दर्री मंडल अध्यक्ष ईश्वर साहू, संजू देवी राजपूत, कौशल देवांगन, पार्षद धन साहू, पार्षद लुकेश्वर चौहान, अजय राठौर, अनिल यादव, रामकुमार राठौर, वैभव शर्मा सहित अधिक संख्या में कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे.