सुप्रीम कोर्ट से अनवर ढेबर को लगा झटका, हाई कोर्ट से मिली जमानत को किया रद्द…

रायपुर-  प्रदेश के बहुचर्चित शराब घोटाला में आरोपी अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट में जाकर फिर से जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.

जानकारी के अनुसार, जिस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, उसे सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस ने चेलेंज किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को रद्द करते हुए वापस हाई कोर्ट में भेज दिया है.

दरअसल, अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जुलाई में किडनी और गॉलब्लैडर स्टोन की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. ढेबर के वकील ने मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जस्टिस अरविन्द वर्मा की पीठ के सामने जमानत देने का आग्रह किया था.

इस मेडिकल रिपोर्ट को बनाने वाले डीकेएस सुपर स्‍पेशलिटी अस्‍पताल के गेस्‍ट्रो सर्जन को छत्तीसगढ़ सरकार ने बर्खास्त करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी थी. शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद ढेबर को 8 जून को ईलाज के लिए डीकेएस ले जाया गया था.

वकील ने तर्क दिया कि अनवर को किडनी की बीमारी है, और उन्हें पेशाब करने में दिक्कत हो रही है. सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया कि ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है. जेल में गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इलाज नहीं हो पा रहा है.

महादेव सट्टा एप की जांच के दौरान कार्रवाई, 19 स्थानों पर 200 एकड़ जमीन अटैच… जाने अशोका रत्न समेत कहा-कहा है ये जमीने
रायपुर-  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले के आरोपियों की करीब 500 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति अटैच कर उनकी पहचान भी कर ली है. ईडी ने राज्य शासन के राजस्व विभाग से इन अचल संपत्तियों की जानकारी मांगी थी. ईडी द्वारा पटवारी व तहसीलदार के माध्यम से अभनपुर व रायपुर तहसील के अंतर्गत इन अचल संपत्तियों के खसरों को चिन्हित कर कब्जे में लिया गया है और उनकी खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

बताया गया है कि ईडी द्वारा रायपुर व अभनपुर तहसील के अंतर्गत 19 स्थानों पर लगभग दो सौ एकड़ जमीन अटैच की गई है. अभनपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम कोलर, खोरपा, सलोनी, छछानपैरी तथा रायपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम मुजगहन, टेमरी, छेरीखेड़ी, शंकरनगर तथा बोरियाखुर्द में अटैच की गई जमीनें स्थित हैं. गौरतलब है कि ईडी द्वारा महादेव सट्टा एप मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है. इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और उनकी अचल संपत्तियां अटैच की गई हैं. आरोप है कि ऑनलाइन बैटिंग एप के संचालन से प्रमोटर्स व ऑनलाइन बैटिंग एप से जुड़े पैनल ऑपरेटर्स चेकर्स व उनके साथियों द्वारा वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन सट्टा खिलाकर लगभग 500 करोड़ रुपए मासिक की अवैध आय अर्जित की जाती रही है.

प्रोटेक्शन मनी के रूप में मोटी रकम मिलती रही

यह भी आरोप है कि महादेव बुक एप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन बैटिंग एप के इस आपराधिक कृत्य के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तथा प्रभावशील राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया. इसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध प्रोटेक्शन मनी वितरण के लिए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों का भी उपयोग किया गया. विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रोटेक्शन मनी के रूप में अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की गई है. ईडी द्वारा कई अचल संपत्तियों का पहले प्रोवजनल अटैचमेंट किया गया था. उल्लेखनीय है कि ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा भी महादेव सट्टा एप मामले में भी एफआईआर दर्ज कर 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

यहां की संपत्तियां अटैच

ग्राम कोलर (अभनपुर) में  0.146 हेक्टेयर (खसरा 60/1), 0.540 हेक्टेयर (खसरा 60/7), 1.483 हेक्टेयर (खसरा 60/12) व 0.266 हेक्टेयर (खसरा 60/11) तथा ग्राम खोरपा (अभनपुर) में 0.3300 हेक्टेयर (खसरा 1534) जमीन अटैच की गई है. इसी प्रकार ग्राम सलोनी (अभनपुर) में 0.2030 हेक्टेयर (खसरा 43/1), 1.5740 हेक्टेयर (खसरा 414/12), 1.2720 हेक्टेयर (खसरा 406/3), 1.0450 हेक्टेयर (खसरा 73.26) को अटैच किया गया है. इसके अलावा ग्राम छछानपैरी (अभनपुर) में 1798 वर्गफुट (खसरा 150/2) प्लाट-195, 1798 वर्गफुट (खसरा 150/2) प्लाट-196 तथा ग्राम मुजगहन में 0.3300 हेक्टेयर (खसरा 436/14) व 0.1250 हेक्टेयर (खसरा 143/1) को भी सीज किया गया है. वहीं, ग्राम टेमरी (रायपुर) में 0.1430 हेक्टेयर (खसरा 267/11), ग्राम सेरीखेड़ी (रायपुर) में 1.353 हेक्टेयर (खसरा 244/13), 0.592 हेक्टेयर (खसरा 244/1), 1.061 हेक्टेयर (खसरा 258/2), शंकरनगर अशोकारत्न में 5170.50 वर्गफुट (खसरा 178/1) व बोरियाखुर्द में 0.3200 हेक्टेयर (खसरा 450/1) को भी ईडी ने अटैच किया है.

मंत्री लखन लाल देवांगन ने 900 से अधिक कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों के साथ देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, कहा- अब सच सामने आ गया है…
कोरबा- वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने भाजपा के 900 से अधिक वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ गुरुवार को चित्रा मल्टीप्लेक्स में गोधरा कांड पर आधारित फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखी. इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से अपने समर्थकों के लिए टिकट की व्यवस्था की थी. उन्होंने नागरिकों और राष्ट्रवादियों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक घटना की वास्तविकता को समझें और जानें. 

मंत्री देवांगन ने फिल्म को ऐतिहासिक सत्य के प्रतीक के रूप में बताते हुए कहा कि गोधरा कांड और कारसेवकों के नरसंहार जैसी घटनाओं को वर्षों तक दबाया गया और एकतरफा विमर्श से सत्य को छिपाने का प्रयास किया गया. मंत्री ने देवांगन ने कहा, “साबरमती की सच्चाई को सामने लाने का प्रयास बहुत अच्छा है. यह सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से सच को झूठ और झूठ को सच में बदलने की कोशिश की. लेकिन सौभाग्य से सच हमेशा सामने आता है और अब यह सबके सामने आ चुका है.

उन्होंने कहा कि यह फिल्म केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह उन सच्ची घटनाओं को उजागर करती है जिन्हें आम जनता से दूर रखा गया. गुजरात दंगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार को अदालत से क्लीन चिट मिलने के बावजूद बार-बार राजनीतिक षड्यंत्रों का हिस्सा बनाया गया. उन्होंने नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि वाइब्रेंट गुजरात की सफलता और भारत के विकसित होने की दिशा मोदी के नेतृत्व का परिणाम है.

मंत्री देवांगन ने कहा कि द साबरमती रिपोर्ट झूठे विमर्श और तथ्यों को दबाने के प्रयासों को समाप्त कर देती है. उन्होंने इसे पीड़ितों के साथ हुए अन्याय और सच्चाई को जानने के लिए हर जागरूक नागरिक के लिए जरूरी बताया. फिल्म को देखने के लिए भारी संख्या में समर्थक और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे.

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह, जिला संगठन प्रभारी गोपाल साहू, जिला कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी, अशोक चावलानी, नवीन पटेल, वॉर्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेन्द्र देवांगन, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष योगेश जैन, नरेंद्र पाटनवार, कोरबा मंडल अध्यक्ष परविंदर सिंह, बांकीमोंगर मंडल अध्यक्ष मनीष मिश्रा, कोसाबाड़ी मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, दर्री मंडल अध्यक्ष ईश्वर साहू, संजू देवी राजपूत, कौशल देवांगन, पार्षद धन साहू, पार्षद लुकेश्वर चौहान, अजय राठौर, अनिल यादव, रामकुमार राठौर, वैभव शर्मा सहित अधिक संख्या में कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे.

CGPSC परीक्षा 2023 के सफल अभ्यर्थियों को मंत्री ओपी चौधरी ने दी बधाई, कहा-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा-2023 का परिणाम घोषित कर दिया है। इस बार कुल 703 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार के लिए अपनी जगह बनाई थी, जिनमें से 243 पदों पर भर्ती के लिए चयन किया गया है। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा- ”प्रिय युवा साथियों, छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा-2023 के सफल अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। कठिन परिश्रम व दृढ़ निश्चय ने आपको इस मुकाम तक पहुँचाया है। यह सफलता आपके व्यक्तिगत प्रयासों के साथ परिवार, शिक्षकों व समर्पित मार्गदर्शन का फल है।”

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आगे कहा कि ”यह केवल आपके लिए एक नया अध्याय है, बल्कि राज्य की सेवा में कार्यरत होकर आप अपने प्रदेश की विकास यात्रा में योगदान देंगे। यह अवसर न केवल आपके लिए एक गर्व का विषय है, बल्कि आपके कार्यों से प्रदेश के नागरिकों का जीवन भी बेहतर होगा। आप जैसे समर्पित युवा प्रदेश के उज्जवल भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पुनः आप सभी को बधाई।”

देखें वित्त मंत्री ओपी चौधरी की एक्स पोस्ट –

गौरतलब है कि पीएससी के इंटरव्यू का आज अंतिम दिन था और आज 28 नवंबर की रात को ही फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया। इस भर्ती में कुल 242 पदों के लिए 703 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू दिया था, जिसकी शुरुआत 18 नवंबर से हुई थी। इस बार टॉप-10 लिस्ट में 6 पुरुष और 4 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। टॉप-10 में रविशंकर वर्मा, मृन्मयी शुक्ला, आस्था शर्मा, किरण राजपूत, नंदिनी, सोनल यादव, दिव्यांश सिंह चौहान, शशांक कुमार, पुनित राम और उत्तम कुमार शामिल हैं।

आधी रात गश्त पर निकले SSP रायपुर संतोष सिंह: पुलिस थानों का किया औचक निरीक्षण

रायपुर-  रायपुर के एसएसपी संतोष सिंह देर रात गश्त पर निकले। इस दौरान उन्होंने शहर के कई थानों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने नाइट पेट्रोलिंग, पंडरी बस स्टैंड और अन्य चेक प्वाइंट का भी जायजा लिया। इसके पूर्व उनके निर्देश पर वीआईपी रोड पर एक विशेष एसपी क्रैक टीम द्वारा निर्धारित समय से ज्यादा देर तक खुले बार और रेस्टोरेंट्स की जांच की गई।

एसएसपी के निर्देश पर, वीआईपी रोड पर विशेष एसपी क्रैक टीम ने निर्धारित समय से ज्यादा देर तक खुले रहने वाले बार और रेस्टोरेंट्स की जांच की। जांच के दौरान, फ्लोरेंस, शीतल जूक, देशी ठाट, एफटीबी, और स्काई लाउंज जैसे होटल और रेस्टोरेंट्स अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए। इन प्रतिष्ठानों के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों को थाने लाकर आबकारी एक्ट और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई।

गौरतलब है कि कार्रवाई के दौरान सीएसपी सिविल लाइन अजय कुमार, आईपीएस पुलिस बल के साथ देर रात तक चेकिंग करवाते रहे।

CGPSC 2023 Result: रविशंकर वर्मा ने हासिल किया पहला स्थान, टॉप 5 में 4 लड़कियां, यहां देखें पूरा परिणाम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा-2023 (CGPSC 2023) का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस बार टॉप 5 में 4 लड़कियों ने जगह बनाई है. रविशंकर वर्मा ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है, दूसरे स्थान पर मृणमयी शुक्ला, तीसरे स्थान पर आस्था शर्मा, चौथे पर किरण राजपूत और नंदिनी ने पांचवा स्थान हासिल किया है. टॉप 10 में 5 ओबीसी और 5 सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी शामिल हैं.

बता दें कि राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 24 से 27 जून 2024 के बीच आयोजित की गई थी, जबकि साक्षात्कार 18 से 28 नवंबर 2024 के बीच हुआ. साक्षात्कार के लिए कुल 703 अभ्यर्थियों को चिन्हांकित किया गया, जिनमें से सभी ने साक्षात्कार में हिस्सा लिया. जिसके बाद राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2023 के लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के कुल योग के आधार पर 703 अभ्यर्थियों की समेकित मेरिट सूची जारी की गई है.

इन अभ्यर्थियों ने टॉप 10 में बनाई जगह (CGPSC 2023 Result)

पहले स्थान पर रविशंकर वर्मा, दूसरे स्थान पर मृणमयी शुक्ला, तीसरे स्थान पर आस्था शर्मा, चौथे पर किरण राजपूत, पांचवे पर नंदिनी, छठवें पर सोनल यादव, सातवें पर दिव्यांश सिंह चौहान, आठवें पर शशांक कुमार, नवमें पर पुनीत राम और दसवें पर उत्तम कुमार ने जगह बनाया है.

देखिये पूरी मेरिट लिस्ट-

CGPSC 2023 का रिजल्ट जारी, मुख्यमंत्री ने चयनित युवाओं को दी बधाई

रायपुर-    छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) ने पीएससी 2023 परीक्षा के इंटरव्यू के बाद गुरुवार रात फाइनल नतीजे घोषित कर दिए हैं. राज्य सेवा परीक्षा-2023 के लिए 242 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई है. PSC ने फरवरी में प्रारंभिक परीक्षा और 25 से 27 जून तक मुख्य परीक्षा (मेंस) आयोजित की थी. इसके बाद 703 उम्मीदवारों का इंटरव्यू हुआ, जो 18 नवंबर से 28 नवंबर तक चला. इंटरव्यू प्रक्रिया समाप्त होने के कुछ घंटों के भीतर ही फाइनल मेरिट सूची तैयार कर पीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई. 242 पदों पर नियुक्तियां इसी मेरिट सूची के आधार पर होंगी.

पीएससी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, फरवरी 2023 में हुई प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर 3597 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला. मुख्य परीक्षा के बाद 703 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद गुरुवार रात फाइनल मेरिट सूची जारी कर दी गई.

पीएससी से जारी प्रेस नोट के मुताबिक पीएससी 2023 के लिए फरवरी में हुई प्रारंभिक परीक्षा के बाद मेरिट के आधार पर 3597 उम्मीदवारों को पीएससी-मेंस देने के लिए चयनित किया गया था. इन उम्मीदवारों ने पीएससी मेंस का पेपर 25 से 27 जून तक लिखाि. पीएससी मेंस से 703 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित करते हुए इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था. सभी 703 उम्मीदवारों के इंटरव्यू का सिलसिला 18 नवंबर से शुरू होकर गुरुवार, 28 नवंबर यानी आज तक चला और कुछ घंटे के भीतर फाइनल मेरिट सूची जारी कर दी गई. मेरिट सूची जारी होने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चयनित युवाओं को बधाई दी है.

मुख्यमंत्री ने चयनित युवाओं को दी बधाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2023 में हुए सफल अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं के कंधे पर छत्तीसगढ़ के विकास की महती जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री साय ने उम्मीद जताई कि राज्य सेवा परीक्षा में चयनित युवा शासकीय सेवा में आकर पूरी ईमानदारी से जनता की सेवा करेंगे. उन्होंने चयनित युवाओं को पूरी तन्मयता से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देने की अपील की है.

गरियाबंद जिले में बारदाने की किल्लत : किसानों ने किया हंगामा, राइस मिलों में पहुंचकर अफसर ने किया जुगाड़

गरियाबंद-  बारदाने की किल्लत को लेकर किसानों ने फिंगेश्वर के खरीदी केंद्रों में जमकर हंगामा मचाया. हंगामे के बाद प्रशासन हरकत में आया. राइस मिलो में पहुंचकर अफसर ने बारदाने का बंदोबस्त किया, फिर देर शाम तक 40 केंद्रों में मिलर्स ने पुराना बारदाना पहुंचाया.

आज सुबह से ही जिले के धान खरीदी केंद्रों में किसानों का हंगामा शुरू हो गया था. फिंगेश्वर के बेलटूकरी केंद्र में किसान नेता तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में किसानों ने धान से लदे वाहनों से रास्ता जामकर हंगामा किया. वहीं चरोदा केन्द्र में खरीदी केन्द्र प्रबंधन द्वारा बारदाने विक्रय को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया था. यहां कांग्रेस जिला अध्यक्ष भाव सिंह साहू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने जमकर हल्ला बोला. धान खरीदी में सरकार को नाकामी का आरोप लगाया. हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने बारदाने का जुगाड़ शुरू किया. जिलेभर के राइस मिलो में पहुंचकर राजस्व फूड अफसर ने लाखों बारदाने अपने कब्जे में लिए, जिसे जरूरत के आधार पर खरीदी केंद्रों में पहुंचाया जा रहा है.

हड़ताल पर गए मिलरों ने बढ़ाई समस्या

विभिन्न मांगों को लेकर मिलर हड़ताल पर चले गए हैं. धान के उठाव के लिए किसी ने भी पंजीयन नहीं कराया है. इन्हीं के कारण बारदाने की किल्लत हुई है. खरीदी नीति में उठाव को भी प्राथमिकता में रखा गया था. जिले के 90 खरीदी केन्द्रों में से आधे केंद्र की बफर लिमिट पार हो गई है. ऐसे में उठाव नहीं होने से भी आगे दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

75 हजार मिट्रिक टन से ज्यादा की हो चुकी खरीदी

जिले में 14 नवम्बर से जारी धान खरीदी अभियान के तहत 75 हजार 154 मिट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है, जिसमें जिले के 16 हजार 143 किसान लाभान्वित हो चुके हैं. धान खरीदी के विरुद्ध किसानों को 172 करोड़ 85 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है. जिले में 80 प्रतिशत सीमांत कृषक लाभान्वित हुए हैं.

किसानों को नहीं होगी समस्या : डीएमओ

डीएमओ अमित चन्द्राकर ने बताया कि जिले में मिलर्स द्वारा स्ट्राइक की वजह से पुराने बारदाने की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी. विशेष नीति के तहत जिले में उपलब्ध 100 प्रतिशत खाली पीडीएस बारदाने को समितियों मे पहुंचाया गया है. धान खरीदी की बढ़ती गति को देखते हुए विशेष रणनीति के तहत आज जिला स्तरीय टीम बनाकर सभी उपार्जन केंद्रों मे मिलर्स पुराने बारदाने की व्यवस्था की है, जिसका परिणाम है कि आज ही 40 उपार्जन केंद्रों में मिलर्स ने पुराना बारदाना पहुंचाया है. कल तक शेष केंद्रों में बारदाना पहुंच जाएगा. जिले में धान खरीदी निर्बाध रूप से हो रही है, जिससे किसानों को सहुलियत हो रही है.

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस : सर्वसमाज के बीच गूँजा छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग में शामिल करने का मुद्दा…विधानसभा मार्च की बनी रणनीति
रायपुर-   छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर ‘मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी’ की ओर से सर्मसमाज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य का मुद्दा जोर-शोर से उठा था. साहित्यकारों ने बताया कि 2000 में मध्यप्रदेश से पृथक होने के बाद जब छत्तीसगढ़ नया राज्य बना, तो उसका आधार छत्तीसगढ़ीभाषी क्षेत्र होना था, लेकिन राज्य निर्माण के बाद से ही छत्तीसगढ़ी के साथ छल शुरू हो गया है. साजिश के तहत छत्तीसगढ़ को ‘ख’ वर्ग की जगह से ‘क’ वर्ग में शामिल करा दिया गया था. इसी का नुकसान आज 3 करोड़ छत्तीसगढ़ीभाषी लोगों को उठाना पड़ रहा है. सम्मेलन में छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य के मुद्दे पर सर्वसमाज के साथ विधानसभा मार्च की रणनीति भी बनी. सम्मेलन में पहुना के रूप में विधायक चातूरी नंद सहित साहू, कुर्मी, यादव, पनिका, सेन, ठाकुर, ब्राम्हण, निषाद, चौहान आदि कई छत्तीसगढ़िया समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. इसके साथ ही बड़ी संख्या में कवि, गीतकार, साहित्यकार, पत्रकार और कलाकार जगत के लोग भी मौजूद रहे.

विधानसभा म उठावत रइहूँ मुद्दा- चातूरी नंद

विधायक चातूरी नंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा और रोजगार से संबंधित हर मुद्दे को विधानसभा में मैं प्रमुखता से उठाती रहूँगी. सदन के अंदर और बाहर कहीं महतारीभाषा के लिए मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध हूँ. छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग शामिल कराने के अभियान में मैं हर मोर्चे पर शामिल हूँ.

पाछू के गलती सुधारे काम साय सरकार ल करना चाही- नंदकिशोर शुक्ल

छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संरक्षक और संघ के पूर्व प्रचारक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि 2003 के समय में जो गलती पूर्व की सरकार से हुई है अब उसे सुधारने का काम साय सरकार को करनी चाहिए. क्योंकि महतारीभाषा में पढ़ाई-लिखाई की गारंटी मोदी सरकार की है. इस गारंटी को साय सरकार पहली प्राथमिकता में पूरी करनी चाहिए. लेकिन इसके साथ-साथ साय सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर तत्काल केंद्र सरकार भेज देनी चाहिए.

वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ी पूरी तरह से सक्षम- डॉ. सुधीर शर्मा

साहित्यकार डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ी पूरी तरह से वैज्ञानिक भाषा है. छत्तीसगढ़ को चाहे ख वर्ग में शामिल करने की बात हो या आठवीं अनुसूची में तकनीकी रूप से पूरी तरह से छत्तीसगढ़ी सक्षम भाषा है. छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हिन्दी के व्याकरण से 30 साल पूर्व प्रकाशित हो गया था. छत्तीसगढ़ी के पास समृद्ध साहित्य भंडार और 40 से अधिक शब्दकोश है.

महतारीभासा बर परान दे ल परही त देबो- लता राठौर

सम्मेलन की आयोजक साहित्यकार लता राठौर ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी की अस्मिता से बढ़कर कुछ नहीं है. छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राथमिक शिक्षा बच्चों को मिलना चाहिए. इस मांग को हम कई संगठनों के साथ आंदोलन कर रहे हैं, अभियान चला रहे हैं, जनगारण कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ी राज्य की न सिर्फ महतारी भाषा है, बल्कि राजभाषा भी है. हमारी पहचान हमारी भाषा से हैं. ऐसे में अगर इसके लिए हमें जान भी देनी पड़ी तो हम सब आंदोलकारी देने के लिए तैयार हैं.

बेरा हे सर्वसमाज ल एकजुट होय के- अमित बघेल

छत्तीसगढ़ीभाषी आंदोलनकारी अमित बघेल ने कहा कि महतारीभाषा को लेकर सर्वसमाज को एकजुट करना जरूरी है. इसके लिए सभी छत्तीसगढ़िया समाज के बीच हमें जाकर काम करना है, रणनीति बनानी है.

लड़ाई जारी हे, जारी रखबो- जागेश्वर प्रसाद

वरिष्ठ साहित्यकार जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर लड़ाई कई दशकों से जारी है. इसी लड़ाई का परिणाम है कि 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के रूप में गठित हुआ, 2007 में राजभाषा बना और आज जन-जन के बीच में सबसे बड़ा मुद्दा और अभियान है.

समाज के बीच सतत्-सतत् जागरणन जरूरी- आशीष तिवारी

समाजसेवी आशीष तिवारी ने कहा कि महतारीभाषा का मुद्दा हर छत्तीसगढ़िया का मुद्दा होना चाहिए. इसके लिए समाज के बीच सतत्-सतत् जागरण जरूरी है. हम सभी को मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाना जरूरी है.

सम्मेलन कई समाज के पदाधिकारियों, पत्रकारों ने भी सम्बोधित किया. सम्मेलन का संचालन डॉ. वैभव बेमेतरिहा ने और आभार संजीव साहू ने किया.

छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है।

मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।