CGPSC 2023 का रिजल्ट जारी, मुख्यमंत्री ने चयनित युवाओं को दी बधाई

रायपुर-    छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) ने पीएससी 2023 परीक्षा के इंटरव्यू के बाद गुरुवार रात फाइनल नतीजे घोषित कर दिए हैं. राज्य सेवा परीक्षा-2023 के लिए 242 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई है. PSC ने फरवरी में प्रारंभिक परीक्षा और 25 से 27 जून तक मुख्य परीक्षा (मेंस) आयोजित की थी. इसके बाद 703 उम्मीदवारों का इंटरव्यू हुआ, जो 18 नवंबर से 28 नवंबर तक चला. इंटरव्यू प्रक्रिया समाप्त होने के कुछ घंटों के भीतर ही फाइनल मेरिट सूची तैयार कर पीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई. 242 पदों पर नियुक्तियां इसी मेरिट सूची के आधार पर होंगी.

पीएससी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, फरवरी 2023 में हुई प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर 3597 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला. मुख्य परीक्षा के बाद 703 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद गुरुवार रात फाइनल मेरिट सूची जारी कर दी गई.

पीएससी से जारी प्रेस नोट के मुताबिक पीएससी 2023 के लिए फरवरी में हुई प्रारंभिक परीक्षा के बाद मेरिट के आधार पर 3597 उम्मीदवारों को पीएससी-मेंस देने के लिए चयनित किया गया था. इन उम्मीदवारों ने पीएससी मेंस का पेपर 25 से 27 जून तक लिखाि. पीएससी मेंस से 703 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित करते हुए इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था. सभी 703 उम्मीदवारों के इंटरव्यू का सिलसिला 18 नवंबर से शुरू होकर गुरुवार, 28 नवंबर यानी आज तक चला और कुछ घंटे के भीतर फाइनल मेरिट सूची जारी कर दी गई. मेरिट सूची जारी होने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चयनित युवाओं को बधाई दी है.

मुख्यमंत्री ने चयनित युवाओं को दी बधाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2023 में हुए सफल अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं के कंधे पर छत्तीसगढ़ के विकास की महती जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री साय ने उम्मीद जताई कि राज्य सेवा परीक्षा में चयनित युवा शासकीय सेवा में आकर पूरी ईमानदारी से जनता की सेवा करेंगे. उन्होंने चयनित युवाओं को पूरी तन्मयता से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देने की अपील की है.

गरियाबंद जिले में बारदाने की किल्लत : किसानों ने किया हंगामा, राइस मिलों में पहुंचकर अफसर ने किया जुगाड़

गरियाबंद-  बारदाने की किल्लत को लेकर किसानों ने फिंगेश्वर के खरीदी केंद्रों में जमकर हंगामा मचाया. हंगामे के बाद प्रशासन हरकत में आया. राइस मिलो में पहुंचकर अफसर ने बारदाने का बंदोबस्त किया, फिर देर शाम तक 40 केंद्रों में मिलर्स ने पुराना बारदाना पहुंचाया.

आज सुबह से ही जिले के धान खरीदी केंद्रों में किसानों का हंगामा शुरू हो गया था. फिंगेश्वर के बेलटूकरी केंद्र में किसान नेता तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में किसानों ने धान से लदे वाहनों से रास्ता जामकर हंगामा किया. वहीं चरोदा केन्द्र में खरीदी केन्द्र प्रबंधन द्वारा बारदाने विक्रय को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया था. यहां कांग्रेस जिला अध्यक्ष भाव सिंह साहू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने जमकर हल्ला बोला. धान खरीदी में सरकार को नाकामी का आरोप लगाया. हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने बारदाने का जुगाड़ शुरू किया. जिलेभर के राइस मिलो में पहुंचकर राजस्व फूड अफसर ने लाखों बारदाने अपने कब्जे में लिए, जिसे जरूरत के आधार पर खरीदी केंद्रों में पहुंचाया जा रहा है.

हड़ताल पर गए मिलरों ने बढ़ाई समस्या

विभिन्न मांगों को लेकर मिलर हड़ताल पर चले गए हैं. धान के उठाव के लिए किसी ने भी पंजीयन नहीं कराया है. इन्हीं के कारण बारदाने की किल्लत हुई है. खरीदी नीति में उठाव को भी प्राथमिकता में रखा गया था. जिले के 90 खरीदी केन्द्रों में से आधे केंद्र की बफर लिमिट पार हो गई है. ऐसे में उठाव नहीं होने से भी आगे दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

75 हजार मिट्रिक टन से ज्यादा की हो चुकी खरीदी

जिले में 14 नवम्बर से जारी धान खरीदी अभियान के तहत 75 हजार 154 मिट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है, जिसमें जिले के 16 हजार 143 किसान लाभान्वित हो चुके हैं. धान खरीदी के विरुद्ध किसानों को 172 करोड़ 85 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है. जिले में 80 प्रतिशत सीमांत कृषक लाभान्वित हुए हैं.

किसानों को नहीं होगी समस्या : डीएमओ

डीएमओ अमित चन्द्राकर ने बताया कि जिले में मिलर्स द्वारा स्ट्राइक की वजह से पुराने बारदाने की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी. विशेष नीति के तहत जिले में उपलब्ध 100 प्रतिशत खाली पीडीएस बारदाने को समितियों मे पहुंचाया गया है. धान खरीदी की बढ़ती गति को देखते हुए विशेष रणनीति के तहत आज जिला स्तरीय टीम बनाकर सभी उपार्जन केंद्रों मे मिलर्स पुराने बारदाने की व्यवस्था की है, जिसका परिणाम है कि आज ही 40 उपार्जन केंद्रों में मिलर्स ने पुराना बारदाना पहुंचाया है. कल तक शेष केंद्रों में बारदाना पहुंच जाएगा. जिले में धान खरीदी निर्बाध रूप से हो रही है, जिससे किसानों को सहुलियत हो रही है.

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस : सर्वसमाज के बीच गूँजा छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग में शामिल करने का मुद्दा…विधानसभा मार्च की बनी रणनीति
रायपुर-   छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर ‘मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी’ की ओर से सर्मसमाज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य का मुद्दा जोर-शोर से उठा था. साहित्यकारों ने बताया कि 2000 में मध्यप्रदेश से पृथक होने के बाद जब छत्तीसगढ़ नया राज्य बना, तो उसका आधार छत्तीसगढ़ीभाषी क्षेत्र होना था, लेकिन राज्य निर्माण के बाद से ही छत्तीसगढ़ी के साथ छल शुरू हो गया है. साजिश के तहत छत्तीसगढ़ को ‘ख’ वर्ग की जगह से ‘क’ वर्ग में शामिल करा दिया गया था. इसी का नुकसान आज 3 करोड़ छत्तीसगढ़ीभाषी लोगों को उठाना पड़ रहा है. सम्मेलन में छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य के मुद्दे पर सर्वसमाज के साथ विधानसभा मार्च की रणनीति भी बनी. सम्मेलन में पहुना के रूप में विधायक चातूरी नंद सहित साहू, कुर्मी, यादव, पनिका, सेन, ठाकुर, ब्राम्हण, निषाद, चौहान आदि कई छत्तीसगढ़िया समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. इसके साथ ही बड़ी संख्या में कवि, गीतकार, साहित्यकार, पत्रकार और कलाकार जगत के लोग भी मौजूद रहे.

विधानसभा म उठावत रइहूँ मुद्दा- चातूरी नंद

विधायक चातूरी नंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा और रोजगार से संबंधित हर मुद्दे को विधानसभा में मैं प्रमुखता से उठाती रहूँगी. सदन के अंदर और बाहर कहीं महतारीभाषा के लिए मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध हूँ. छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग शामिल कराने के अभियान में मैं हर मोर्चे पर शामिल हूँ.

पाछू के गलती सुधारे काम साय सरकार ल करना चाही- नंदकिशोर शुक्ल

छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संरक्षक और संघ के पूर्व प्रचारक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि 2003 के समय में जो गलती पूर्व की सरकार से हुई है अब उसे सुधारने का काम साय सरकार को करनी चाहिए. क्योंकि महतारीभाषा में पढ़ाई-लिखाई की गारंटी मोदी सरकार की है. इस गारंटी को साय सरकार पहली प्राथमिकता में पूरी करनी चाहिए. लेकिन इसके साथ-साथ साय सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य को ‘ख’ वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर तत्काल केंद्र सरकार भेज देनी चाहिए.

वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ी पूरी तरह से सक्षम- डॉ. सुधीर शर्मा

साहित्यकार डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ी पूरी तरह से वैज्ञानिक भाषा है. छत्तीसगढ़ को चाहे ख वर्ग में शामिल करने की बात हो या आठवीं अनुसूची में तकनीकी रूप से पूरी तरह से छत्तीसगढ़ी सक्षम भाषा है. छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हिन्दी के व्याकरण से 30 साल पूर्व प्रकाशित हो गया था. छत्तीसगढ़ी के पास समृद्ध साहित्य भंडार और 40 से अधिक शब्दकोश है.

महतारीभासा बर परान दे ल परही त देबो- लता राठौर

सम्मेलन की आयोजक साहित्यकार लता राठौर ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी की अस्मिता से बढ़कर कुछ नहीं है. छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राथमिक शिक्षा बच्चों को मिलना चाहिए. इस मांग को हम कई संगठनों के साथ आंदोलन कर रहे हैं, अभियान चला रहे हैं, जनगारण कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ी राज्य की न सिर्फ महतारी भाषा है, बल्कि राजभाषा भी है. हमारी पहचान हमारी भाषा से हैं. ऐसे में अगर इसके लिए हमें जान भी देनी पड़ी तो हम सब आंदोलकारी देने के लिए तैयार हैं.

बेरा हे सर्वसमाज ल एकजुट होय के- अमित बघेल

छत्तीसगढ़ीभाषी आंदोलनकारी अमित बघेल ने कहा कि महतारीभाषा को लेकर सर्वसमाज को एकजुट करना जरूरी है. इसके लिए सभी छत्तीसगढ़िया समाज के बीच हमें जाकर काम करना है, रणनीति बनानी है.

लड़ाई जारी हे, जारी रखबो- जागेश्वर प्रसाद

वरिष्ठ साहित्यकार जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर लड़ाई कई दशकों से जारी है. इसी लड़ाई का परिणाम है कि 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के रूप में गठित हुआ, 2007 में राजभाषा बना और आज जन-जन के बीच में सबसे बड़ा मुद्दा और अभियान है.

समाज के बीच सतत्-सतत् जागरणन जरूरी- आशीष तिवारी

समाजसेवी आशीष तिवारी ने कहा कि महतारीभाषा का मुद्दा हर छत्तीसगढ़िया का मुद्दा होना चाहिए. इसके लिए समाज के बीच सतत्-सतत् जागरण जरूरी है. हम सभी को मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाना जरूरी है.

सम्मेलन कई समाज के पदाधिकारियों, पत्रकारों ने भी सम्बोधित किया. सम्मेलन का संचालन डॉ. वैभव बेमेतरिहा ने और आभार संजीव साहू ने किया.

छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है।

मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री की पहल पर तिलहन फसलों के बीज उत्पादन और वितरण पर अनुदान राशि प्रति क्विंटल 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए करने की स्वीकृति

रायपुर-   कृषक समग्र विकास योजना के तहत अक्ती बीज संवर्धन योजना के अंतर्गत तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर अनुदान में वृद्धि के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर तिलहनी फसलों के लिए बीज उत्पादन और वितरण अनुदान को प्रति क्विंटल 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की स्वीकृति दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से विशेष रूप से तिलहन उत्पादक किसानों को लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि अक्ती बीज संवर्धन योजना की शुरुआत से अब तक बीज उत्पादन और वितरण अनुदान में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। अब तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर प्रति क्विंटल 500 रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा, जो किसानों को बीज की गुणवत्ता सुधारने और उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा है। इस वृद्धि से किसान तिलहन फसलों की कृषि के लिए प्रोत्साहित होंगे और तिलहन की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए बेहतर बीज का भी इस्तेमाल करेंगे। इस पहल से तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार से मिली बड़ी सौगात, 147.66 करोड़ रूपए की मिली स्वीकृति,मुख्यमंत्री के प्रयासों को मिला मजबूत आधार

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को केंद्र सरकार से एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार ने स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2024-25 के तहत राज्य की दो महत्वपूर्ण पर्यटन परियोजनाओं के लिए 147.66 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। इसके अंतर्गत 95.79 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता रायपुर में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण तथा 51.87 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता रायपुर में जनजातीय और सांस्कृतिक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण शामिल है। छत्तीसगढ़ में इन परियोजनाओं के शुरू होने से राज्य में पर्यटन ढांचे को मजबूत करने और स्थानीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। ये योजनाएं रोजगार सृजन, विकास और छत्तीसगढ़ को पर्यटन के वैश्विक मानचित्र में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से 15 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में मुलाकात कर छत्तीसगढ़ की पर्यटन गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट योजना के तहत राजधानी रायपुर में फिल्म सिटी, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसॉर्ट और नेचर सिटी के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे जिसके परिप्रेक्ष में फिल्म सिटी और कन्वेंशन सेंटर निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 147.66 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

पर्यटन मंत्रालय,भारत सरकार के इस ठोस कदम से छत्तीसगढ़ में फिल्म मेकिंग और फिल्म टूरिज्म के लिए फिल्म सिटी निर्माण के माध्यम से अपार संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। यह सफलता छत्तीसगढ़ के पर्यटन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और राज्य को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में नए अवसर खोल रही है।

सरगुजा यूनिवर्सिटी का कारनामा : कोरोना काल में हुआ ऑनलाइन एग्जाम, यूनिवर्सिटी ने खरीदी लाखों की उत्तरपुस्तिका, कुलपति बोले –

सरगुजा-    संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी सरगुजा का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है. यूनिवर्सिटी ने कोरोना काल के समय जब ऑनलाइन एग्जाम हो रहे थे तब 5 लाख रुपए की उत्तरपुस्तिका और 17 लाख रुपए की पूरक उत्तर पुस्तिका खरीदी है. इस मामले में यूनिवर्सिटी के कुलपति ने जांच टीम का गठन किया है.

दरअसल कोरोना काल के समय सभी स्कूलों और कॉलेजो में ऑनलाइन एग्जाम करवाया जा रहा था, लेकिन संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना काल के दौरान 5 लाख की उत्तर पुस्तिका के साथ 17 लाख से अधिक की पूरक उत्तर पुस्तिका की खरीदी की गई. इसकी जानकारी छात्र संगठन ने आरटीआई के माध्यम से निकाली है.

आरटीआई से हुआ मामले का खुलासा

आरटीआई से साफ हो गया कि जब ऑफलाइन एग्जाम हुआ ही नहीं तो उत्तर पुस्तिका क्यों खरीदी गई. विश्वविद्यालय के पास उत्तर पुस्तिका की स्टॉक रजिस्टर में भी दर्ज नहीं है कि उत्तर पुस्तिका कहां गई और कहा है. इस पूरे मामले को लेकर सरगुजा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रेमप्रकाश सिंह का कहना है कि मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है. जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

निगम जोन कार्यालय रायपुर में बवाल : टेंडर को लेकर ठेकेदार और भाजपा पार्षद के बीच मारपीट, दोनों पक्ष पहुंचे थाना

रायपुर- राजधानी के नगर निगम जोन 9 कार्यालय में टेंडर फॉर्म लेने पहुंचे ठेकेदार और भाजपा पार्षद के बीच मारपीट का मामला सामने आया है. ठेकेदार लहूलुहान हो गया है. घटना की जानकारी मिलते ही ठेकेदार संघ मामले की शिकायत करने थाने पहुंचा है. बताया जा रहा पार्षद रोहित साहू को भी चोट आई है. पार्षद भी एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंचा है.

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस वार्ड के पार्षद रोहित कुमार साहू ने ठेकेदार ओम राठौर को पेपर वेट में मारा है, जिससे ठेकेदार की नाक में चोट आई है. जानकारी के मुताबिक, भाजपा पार्षद रोहित साहू और निगम में रजिस्टर्ड ठेकेदार ओम राठौर के बीच टेंडर को लेकर विवाद हो गया था. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस वार्ड के भावना नगर में सीसी रोड निर्माण के लिए टेंडर निकला था, लेकिन पार्षद रोहित साहू नहीं चाहते थे कि ठेकेदार ओम उनके वार्ड में काम करें.

ठेकेदार ओम राठौर

गुरुवार को जब ठेकेदार ओम राठौर टेंडर फॉर्म लेने पहुंचे, तभी पार्षद रोहित साहू भी मौके पर पहुंच गए. दोनों के बीच विवाद छिड़ गया. इसी दौरान टेबल पर पड़े पेपर वेट को रोहित ने ओम की नाक पर दे मारा. इस हमले में ओम को चोट आई है. विवाद के बाद ओम का एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें वह कह रहे हैं कि अगर मैं मरता हूं या मुझे कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार पार्षद रोहित साहू होंगे. ठेकेदार ने अपनी जान को खतरा भी बताया है.

नायब तहसीलदार और तहसीलदारों का तबादला, कलेक्टर ने जारी किया आदेश…
रायपुर-  रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने जिले में पदस्थ कई तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तबादला आदेश जारी किया गया है. कलेक्टर की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक 6 तहसीलदार और 4 नायब तहसीलदारों के प्रभार में फेरबदल किया गया है.
रायपुर आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल के लिए पंजीयन शुरू, जानिए पूरी डिटेल…
रायपुर-  बहुप्रतीक्षित रायपुर आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल (RALFF) 2024 के लिए पंजीयन शुरू हो गया है। कार्यक्रम के निदेशक कुणाल शुक्ला ने बताया कि कला, साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने वाला यह फेस्टिवल इस बार कई नई और खास पहल के साथ प्रस्तुत हो रहा है. शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता के लिए पंजीयन शुरू हो चुका है। फिल्मों की एंट्री जमा करने की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। चयनित फिल्मों की घोषणा 10 जनवरी 2025 को की जाएगी। अवार्ड सेरेमनी 8 और 9 फरवरी 2025 को रायपुर में होगा।

फेस्टिवल के एडवाइजरी बोर्ड मेंबर मनोज वर्मा, अनिरुद्ध दूबे, रॉकी दासवानी ने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में विजेताओं को प्रमाणपत्र और ट्रॉफी के साथ आकर्षक नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा समाज को समर्पित फिल्मों को पहचान देने के लिए “सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म” का पुरस्कार भी दिया जाएगा। यह पहल उन फिल्मों को प्रोत्साहित करेगी, जो सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में योगदान देती है। यह फेस्टिवल न केवल कला और सिनेमा की दुनिया में एक प्रेरणा बनकर उभर रहा है, बल्कि साहित्य और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने सभी कलाकारों, सिने प्रेमियों और युवाओं से आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया है।

कार्यक्रम की संयोजक प्रीति उपाध्याय ने बताया कि शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता में पंजीयन के लिए एक हजार रुपए का शुल्क निर्धारित है, लेकिन विद्यार्थियों के लिए “स्पेशल कूपन कोड” उपलब्ध कराया जाएगा। इस कोड का उपयोग कर विद्यार्थी रियायती दरों पर अपनी प्रविष्टियां जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही 10 दिसंबर तक पंजीयन कराने पर अर्ली बर्ड डिस्काउंट मिलेगा। पंजीयन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म प्लेटफॉर्म www.filmfreeway.com/RALFF के माध्यम से किया जाएगा। डिस्काउंट कोड के साथ फिल्म फेस्टिवल से जुड़ी अपडेट्स के लिए www.ralff.in का अवलोकन किया जा सकता है।

पुरस्कार श्रेणियां

  • प्रोडक्शन अवॉर्ड्स: -सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म, -सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
  • क्रिएटिव अवॉर्ड्स: -सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी
  • परफॉर्मेंस अवॉर्ड्स:- -सर्वश्रेष्ठ अभिनेता-
  • -RALFF 2024 विशेष पुरस्कार: -सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म

महत्वपूर्ण तिथियां और डेडलाइन्स

शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता- प्रवेश की शुरुआत: 25 नवंबर, 2024
प्रवेश की अंतिम तिथि: 25 दिसंबर, 2024
चयन सूचना की तिथि: 10 जनवरी, 2025