पूर्व मंत्री लखमा का बड़ा बयान, कहा – ईवीएम से चुनाव होगा तो कांग्रेस नहीं लड़ेगी चुनाव…
जगदलपुर- देशभर में हो रहे ईवीएम मशीनों से चुनाव और बस्तर के ज्वलंत मुद्दों को लेकर पूर्व मंत्री व कोंटा विधायक कवासी लखमा ने बड़ा बयान दिया है. प्रेसवार्ता में लखमा ने कहा, आगे होने वाले विधानसभा में ईवीएम मशीन से चुनाव होता है कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी. कांग्रेस बड़ा आंदोलन करने जा रहा है. बैलेट पेपर से ही चुनाव होना चाहिए. कांग्रेस को किसी का डर नहीं है. भाजपा के नेता डरने वाले हैं.
विधायक लखमा ने कहा, कांग्रेस ने देशभर में ईवीएम मशीन के खिलाफ आंदोलन करने की योजना बनाई है. विश्व के बड़े-बड़े देशों अमेरिका जैसे देशों में बैलेट पेपर से चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में वर्तमान में डोनॉल्ट ट्रंप ने चुनाव जीता है. पहले के नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के समय में भी इतने वोटों का अंतर नहीं रहा. जिस प्रकार से आज के चुनावों में वोटों का अंतर देखने को मिल रहा है.
जनता कह रही कांग्रेस को वोट दे रहे पर मशीन अलग चल रहा : लखमा
कवासी लखमा ने कहा, चाहे महाराष्ट्र का चुनाव हो या केरल का चुनाव हो, केवल कांग्रेस के लोग ही नहीं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों की जनता भी कह रही है कि कांग्रेस को वोट दे रहे हैं, लेकिन मशीन अलग चल रहा है. ऐसी स्थिति में देश में क्यों सरकार बैलेट पेपर से चुनाव नहीं करा रही है. बैलेट पेपर से चुनाव को लेकर पूरे इंडिया गठबंधन द्वारा विरोध प्रदर्शन की चर्चा चल रही है. बस्तर के नेता भी विरोध का समर्थन कर रहे हैं.
कांग्रेस नगर पालिका अध्यक्ष और सभापति ने पूर्व पार्षद पर लगाया मारपीट का आरोप, थाने के बाहर लगी समर्थकों की भारी भीड़
महासमुंद- छत्तीसगढ़ के महासमुंद में आज नगरपालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिंलाग, सभापति पवन पटेल और पूर्व उपाध्यक्ष त्रिभुवन के साथ पूर्व पार्षद पंकज साहू की मारपीट हो गई. दोनों पक्षों ने घटना के बाद कोतवाली थाना पहुंच कर एक-दूसरे पर मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है. वहीं पुलिस इस मामले को लेकर दोनों पक्षों का मेडिकल चेकअप करा कर काउंटर रिपोर्ट की तैयारी में जुट गई है.
बता दें, आज शाम पूर्व पार्षद पंकज साहू अपने समर्थकों के साथ मौके पर कुछ जानकारी लेने पहुंचे थे. इसी दौरान वहां मौजूद नगरपालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिंलाग, सभापति पवन पटेल और पूर्व उपाध्यक्ष त्रिभुवन के साथ उनकी झड़प हो गई. इसे लेकर अब क्षेत्र में महौल गरम हो गया है.
कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और सहयोगी पर FIR दर्ज, जमीन कब्जा और धोखाधड़ी का है आरोप
रायपुर- शहर के कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और उसके साथी दिनेश राठौर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज हुआ है. दोनों पर जबरदस्ती जमीन कब्जा कर बेचने का आरोप लगा है. पंडरी पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है.
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने 5 मई 2012 को योगेश वार्ष्णेय नाम के व्यक्ति से जमीन खरीदने का सौदा किया था. यह जमीन शंकर नगर इलाके में विधानसभा रोड पर स्थित है. जमीन का एग्रीमेंट होने के बाद 45 लाख रुपये पीड़ित योगेश को दिए गए. हालांकि, बाद में जमीन के ऊपर से हाई टेंशन वायर जाने की बात बोलकर सौदा रद्द हो गया और पैसे वापस ले लिए गए.
कई साल बाद जब पीड़ित योगेश वार्ष्णेय अपने जमीन पर गया तो उसने देखा कि वहां पर बाउंड्री वॉल का निर्माण किया गया है. जब योगेश ने आपत्ति जताई तब दिनेश ने जमीन को कामरान अंसारी को बेचना बताया. इस दौरान कामरान अंसारी ने भी जमीन खरीदने की बात कही. जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत पहले पंडरी थाने में की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट का रुख किया, जिसके निर्देश पर पुलिस ने FIR दर्ज किया है. अब इस मामले की जांच की जा रही है.
कांग्रेस की बैठक के बाद हंगामा, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की मौजूदगी में नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक
बिलासपुर- बिलासपुर के कांग्रेस भवन में आयोजित बैठक के बाद उस समय हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब कांग्रेस के बिलासपुर लोकसभा प्रभारी सुबोध हरितवाल और वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मेयर राजेश पांडे के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. घटना के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी मौजूद थे.
जानकारी के अनुसार, बिलासपुर कांग्रेस भवन में आज नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में एक बड़ी बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्य रूप से पीसीसी चीफ दीपक बैज भी शामिल हुए थे. इसी बैठक पूर्व मेयर राजेश पांडे को बोलने का मौका नहीं दिया गया. जिसके बाद राजेश पांडे और सुबोध हरितवाल के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. वहीं बैठक में उपस्थित कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने हस्तक्षेप कर दोनों नेताओं के बीच सुलह कराई. विवाद शांत होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज रायपुर के लिए रवाना हो गए.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ से केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने की मुलाकात
नई दिल्ली- केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए बिलासपुर हवाई अड्डे से सटी सेना की भूमि के हस्तांतरण पर चर्चा की। परियोजना के महत्व पर बोलते हुए, मंत्री तोखन साहू ने कहा, “बिलासपुर हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण से न केवल क्षेत्र के लिए हवाई संपर्क बढ़ेगा बल्कि रोजगार, व्यवसाय और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ के विकास को गति देने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने की हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
मंत्री तोखन साहू ने मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार उस भूमि के बदले आवश्यक राशि जमा करने के लिए तैयार है, जो पहले सेना को दी गई थी लेकिन उसका उपयोग नहीं किया गया है। सेना की भूमि का हस्तांतरण और उसके बाद बिलासपुर हवाई अड्डे का विस्तार छत्तीसगढ़ से कनेक्टिविटी बढ़ाने, क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने और समग्र आर्थिक संभावनाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुलाकात के दौरान ने रक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि वह संबंधित अधिकारियों को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने और हस्तांतरण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं और शेष प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दें, ताकि हवाई अड्डे के विस्तार को बिना किसी देरी के आगे बढ़ाया जा सके।
राजधानी में ट्रैफिक बाधित करने वालों पर जिला प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई, 3 लाख रुपये का लगाया जुर्माना, ठेले और ऑटो किए जब्त
रायपुर- रायपुर शहर में सड़कों पर ट्रैफिक बाधित करने वालों के खिलाफ अब जिला प्रशासन सख्ती के साथ कार्रवाई करेगा. आज से मुख्य मार्गाें में जिला प्रशासन का अमला कार्रवाई करने के लिए उतर गया है. शहर के व्यस्त मार्गाें मेकाहारा चैक से लेकर स्टेशन रोड, नहरपारा, तेलघानी नाका तक ट्रैफिक बाधित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिन पर करीब तीन लाख रुपये का जुर्माना किया गया. साथ ही व्यवस्त मार्गाें के बड़े भवनों में पार्किंग की जगह पर गोदाम बनाने वालों पर भी शिकंजा कसा गया है. उन पर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए गोदाम को सील कर दिया है।
कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन, नगर निगम और यातायात पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई है. यह टीम सड़कों के किनारे खड़ी वाहनों और अतिक्रमण पर कार्रवाई करेगी. आज से शुरू कार्रवाई में पुलिस ने दो ऑटो को जब्त किया है और अन्य वाहनों पर भी कार्रवाई की है. नगर निगम की टीम ने सड़कों के किनारे ठेले लगाने वालों पर भी कार्रवाई करते हुए उनका ठेला जब्त किया. साथ ही अन्य वाहन चालकों को समझाइश भी दी गई. जिन-जिन स्थानों पर अवैध तरीके से पार्किंग होने पर यातायात बाधित हो रहा है, उन स्थानों पर भी कार्रवाई की गई है.
सड़कों के किनारे वाहन खड़ी होने और अतिक्रमण होने की वजह से सड़कें सकरी हो रही है. इस वजह से सुबह और शाम के समय में शहर में यातायात बाधित हो रहा है. इस यातायात बाधित होने की वजह से जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है. साथ ही जहां बड़े-बड़े बेसमेंट में पार्किंग पर अवैध तरीके से गोदाम बनाया गया है, उन पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए है जैसे नयापारा चैक इत्यादि. साथ ही गोदाम में कचरा फैलाने पर भी कार्रवाई की जाएगी. जिन सड़कों से आगे बढ़ाकर होर्डिंग्स लगाई गई है, उसे भी जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी. शहर के उन स्थानों भीड़-भाड़ हो वहां से अवैध ठेलों की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी. सड़कों के किनारे खड़ी कंडम गाड़ियों की भी जब्ती की जाएगी.
एसएसपी संतोष सिंह एवं नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने सड़कों पर अवैध अतिक्रमण और यातायात बाधित करने वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है. यह टीम प्रतिदिन यातायात बाधित होने वाले सड़कों पर पहुंचेगी और कार्रवाई करेगी. आज कार्रवाई के दौरान डीएसपी गुरजीत सिंह एवं नगर निगम की टीम उपस्थित रहे. अब निरंतर कार्रवाईयां भी की जाएगी और वाहनों पर जुर्मानें भी किए जाएंगे.
रायपुर संभाग आयुक्त की बड़ी कार्रवाई: कमिश्नर कावरे ने PIT NDPS एक्ट में 2 आरोपियों को 6 महीने और 2 को 3 महीने के लिए भेजा जेल…
रायपुर- रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे ने मादक पदार्थ (गांजा) तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए PIT एनडीपीएस एक्ट, 1988 की धारा 10 के तहत चार आरोपियों को जेल भेजने का आदेश जारी किया है। इनमें उदय जैन (थाना खमतराई) और बाबू उर्फ देंगा सरदार (थाना माना कैंप) को 6-6 महीने के लिए, जबकि अजीत सिंह (थाना आमा नाका) और बैशाखू ध्रुव (थाना उरला) को 3-3 महीने के लिए जेल भेजा गया है। यह कार्रवाई नशा तस्करी पर रोक लगाने और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
जानिए क्या होता है PIT NDPS एक्ट
पिट यानी PIT एनडीपीएस एक्ट 1988 उन गंभीर नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है जो लगातार उस अपराध में शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से की जाती है। यह उन अपराधियों के खिलाफ लगाया जाता है जिनका जेल में बंद किया जाना बेहद जरूरी हो जाता है।
PIT NDPS एक्ट के तहत ऐसे अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है, जिनके द्वारा लगातार अवैध रूप से मादक पदार्थों का व्यापार, गतिविधि की जा रही है। तथा निरुद्ध के बिना ऐसे कार्य को रोकने के अन्य कोई विकल्प नहीं हो।
5 साल के बच्चे को गोद में बैठाकर किरणमयी नायक ने पूछा – किसके साथ रहना है, बेटे ने कहा – मम्मी-पापा दोनों के साथ
रायगढ़- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की टीम ने आज रायगढ़ में महिला उत्पीड़न से संबंधित 25 प्रकरणों पर जनसुनवाई की. एक मामले में 5 साल के बच्चे को गोद में बैठाकर आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पूछा कि किसके साथ रहना है. बच्चे ने कहा, मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है. इसके बाद आयोग की समझाइश पर पति-पत्नी सुलह करने तैयार हुए. बता दें कि दोनों का साढ़े पांच साल का बेटा है. दोनों पक्ष की कानूनी प्रक्रिया चल रही है. अब तीन दिसंबर 2024 को दोनों पक्ष को अपने-अपने ईकरारनामा लेकर रायपुर बुलाया गया है. दोनों को निरंतर सखी की प्रशासिका एवं प्रोट्रेक्शन ऑफिसर की निगरानी में रखा जाएगा.
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 289वीं एवं रायगढ़ जिले में 8वीं सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष को विस्तार से सुना गया. जिला मुख्यालय स्थित स्व. लखीराम मेडिकल काॅलेज की छात्राओं ने एक डाॅक्टर पर पढ़ाई के दौरान अश्लील छेड़छाड़ की शिकायत महिला आयोग से की थी. इस पर महिला आयोग की टीम ने छात्राओं से अलग-अलग चर्चा करने के बाद शाम तक पूरे प्रकरण को नस्तीबद्ध किया.
छात्राएं जनसुनवाई में उपस्थित हुई थी. उन्होंने अपने साथ कोई छेडछाड़ नही होने की बात कही और इस सुनवाई में 7 से 8 छात्राएं अनुपस्थित थीं. महिला आयोग की टीम ने मेडिकल काॅलेज के डीन को इस मामले में गंभीरता बरतने के निर्देश देने के साथ-साथ काॅलेज में आंतरिक परिवाद समिति का डिस्पले लगाने की बात कही।
आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पत्रकारों को बताया कि पहले भी जो शिकायत मिली थी उस पर आयोग के सदस्यों ने मेडिकल काॅलेज जाकर जांच की थी. जांच के बाद हमारे पास फीडबैक आया था कि हमको इतना अधिक दबाव में रखा गया था कि कोई भी कुछ बोलेगा तो कैरियर खराब कर देंगे. चूंकि 60 प्रतिशत नंबर प्रैटिकल के जरिये मिलता है और रिर्टन के भी नंबर होते हैं इसलिए इस प्रकरण को फिर से रखा गया था. बंद कमरे में काॅलेज की छात्राओं से बात की. इस दौरान 19 छात्राएं मौजूद थी और 7 छात्राएं बाहर होने की वजह से नही पहुंच सकीं.
छात्राओं से बातचीत के बाद मामला निरस्त
अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि हमारी सदस्य कोसरिया और जूदेव ने एक-एक छात्राओं से अलग-अलग बात करके उनकी समस्याओं को सुना, ताकि कोई यह शिकायत न कर सके कि उनकी सुनवाई नहीं हुई. सभी छात्राओं ने यह कहा कि उनके द्वारा शिकायत इस संबंध में नहीं की गई. आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि 2022 में उनके पास जब शिकायत आई थी तब शिकायत करने वाली छात्राएं फस्ट ईयर की छात्राएं थी. अब दो साल बाद वहीं छात्राएं फायनल ईयर में पहुंच गई है. अब उनकी शिकायत को हम दिरकिनार नहीं कर सकते. छात्राओं से बातचीत के बाद इस प्रकरण को समाप्त कर रहे हैं.
दोनों पक्षों में सुलह के बाद साथ रह रहे पति-पत्नी
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वर्तमान में दोनों पक्षों के मध्य सुलह हो गई है. आवेदिका प्रकरण वापस लेना चाहती है. अब 2 माह से साथ रह रहे हैं. इसके बाद इस मामले को नस्तीबद्ध किया गया. अन्य प्रकरण में आवेदिका डीएलएड की पढ़ाई कर रही थी. अनावेदक सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है. अनावेदक द्वारा आवेदिका को फीस जमा नहीं किये जाने की बात कहकर परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. चूंकि आज अनावेदक अनुपस्थित था. इस पर थाना चक्रधर नगर के माध्यम से आगामी सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को 16 जनवरी 2025 को रायपुर बुलाया गया.
ससुराल पक्ष पर जहर देकर मारने का मामला, आयोग ने एसपी ने मांगी रिपोर्ट
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि ससुराल पक्ष (पति, ससुर, सास) ने जहर खिलाया था. आवेदिका मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी. 04-05 दिन बाद आवेदिका के पिता ने थाना जूटमिल में शिकायत की, परंतु एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. पुलिस ने काउंसलिंग करके न्यायालय जाने की सलाह दी. दोनों पक्ष को सुनने के बाद महिला आयोग की टीम ने कहा, मामला दहेज प्रताड़ना एवं जहर देकर मारने का लग रहा है. पुलिस अधीक्षक को डीपीओ के माध्यम से ऑर्डरसीट व शिकायत आवेदन आज ही भेजे जाने और एक माह के अंदर आयोग को रिपोर्ट भेजने कहा गया.
ट्रांसफर आर्डर को नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी: 7 दिन के भीतर जॉइनिंग नहीं देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने ट्रांसफर आर्डर का पालन नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों को लेकर सख्त निर्देश जारी किये है। GAD ने इस संबंध में सभी विभाग प्रमुखों को अलग-अलग 7 बिंदुओं में दिशा निर्देश जारी किये है। इसके अलावा आदेश का पालन नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ ब्रेक-इन-सर्विस” की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने 7 बिंदुओं में जारी किये कड़े निर्देश –
(1) स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक को स्थानातरण आदेश जारी होने के 10 दिवस के भीतर कार्यमुक्त किया जाए। यदि संबंधित शासकीय सेवक निर्धारित समयावधि में कार्यमुक्त नहीं होता है तो उसे सक्ष्म अधिकारी द्वारा एकक्षीय भारमुक्त करने के आदेश दिए जाए तथा स्थानांतरण आदेश क्रियान्वित हुआ माना जाए। यदि शासकीय सेवक द्वारा स्थानातरण आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।
(2) शासकीय सेवकों द्वारा 07 दिवस के भीतर स्थानांतरण आदेश का पालन न किए जाने की स्थिति में संबंधित शासकीय सेवक के विरुद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जाए और अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित व्यक्ति के विरूद्ध ब्रेक-इन-सर्विस” की कार्यवाही की जाए।
(3) स्थानांतरित शासकीय सेवक यदि 07 दिनो से अधिक अवधि के लिए लघुकृत अवकाश लेता है तो उसे मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा जाए। यदि मेडिकल बोर्ड द्वारा अनुशंसा नहीं की जाती है अथवा शासकीय सेवक अन्य अवकाश के लिए आवेदन करता है या अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहता है तो ऐसी अवधि को अनाधिकृत अनुपस्थिति मानकर इसे “डाईज नॉन” किया जाए।
(4) स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना बाले कार्यालय से ही स्वीकृत किया जाएगा।
(5) यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है, तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जी गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन (इमबैलेंस) है, उसे सतुलित (बेलेस) करने का विशेष ध्यान रखा जाए।
(6) अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त न किया जाए, जब तक कि उसका एवजीदार कार्य पर उपस्थित न हो जाए, तथापि अत्यावश्यक परिस्थितियों में यदि संबंधित कार्यालय में दो तिहाई पद यदि भरे हो तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानांतरित शासकीय सेवक को कार्यमुक्त करने पर विचार किया जा सकता है।
(7) यदि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिये निवास स्थान में परिवर्तन के बिना स्थानांतरण हुआ है. तो शासकीय सेवक के कार्यमुक्त पश्चात् एक दिन से अधिक पदग्रहणकाल की पात्रता नहीं होगी। स्थान से तात्पर्य नगरपालिका वा नगर निगम की सीमा से आने वाले क्षेत्र से है, जिसमें उपनगरीय नगरपालिकायें, अधिसूचित क्षेत्र, केन्टोनमेन्ट और उसी नगर पालिका के आस-पास का क्षेत्र सम्मिलित है। स्थानांतरण के फलस्वरूप मुख्यालय परिवर्तन होने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए संबंधित विभाग/कार्यालय दूरी के आधार पर पदग्रहण काल की सीमा निर्धारित करने के लिए सक्षम है तथापि यह सीमा किसी भी स्थिति में एक सप्ताह से अधिक नहीं होना चाहिए।
राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को जारी किया पत्र
राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को एक पत्र जारी कर नायब तहसीलदार और तहसीलदारों को तत्काल भारमुक्त करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही 10 दिनों के भीतर जॉइनिंग करने के निर्देश दिए है.
पत्र में कहा गया है कि 13 सितंबर 2024 को तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों का स्थानांतरण कर विभिन्न जिलों में पदस्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर तहसीलदार/नायब तहसीलदारों को पूर्व में भी स्थानांतरित किया गया है। शासन के संज्ञान में आया है कि कुछ अधिकारियों ने अपने नवीन पदस्थापना स्थान में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इसके अलावा कुछ तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने उक्त स्थानांतरण के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसका न्यायालय के निर्णय के परिपालन में अधिकारियों द्वारा विभाग में अभ्यावेदन प्रस्तुत किये गए थे। प्राप्त अभ्यावेदनों में विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के निर्णय का पालन कर विभागीय पत्र 25 नवंबर 2024 को निराकरण किया गया है।
गौरतलब है कि स्थानांतरित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को जिले से भारमुक्त करने और नवीन पदस्थापना स्थान में कार्यभार ग्रहण करने के साथ सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 25.11.2024 के निर्देश का पालन किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव अन्वेष घृतलहरे ने इसका निर्देश जारी किया है।
संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए राज्यपाल रमेन डेका
रायपुर- हमारा संविधान दुनिया का सबसे सुंदर संविधान है। दुनिया के 60 देशों के संविधान का अध्ययन कर हमारे संविधान का निर्माण हुआ है। संविधान को केवल पढ़े नहीं बल्कि इसे समझे और इसका पालन करें। यह उद्गार राज्यपाल रमेन डेका ने आज संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किया।
श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल एवं कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित संगोष्ठी मे राज्यपाल श्री डेका बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। श्री डेका ने संगोष्ठी में भारत के संविधान के संबंध में अपने प्रासंगिक विचार रखे। उन्होंने संविधान की विभिन्न धाराओं के तहत उल्लेखित नियमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते 75 वर्षाे की यात्रा में बहुत चुनौतियां रही, इसलिए समय-समय पर संविधान में कई संशोधन किए गए जो देश की बदलती जरूरतों के अनुसार आवश्यक थे। किन्तु इन परिवर्तनों के बावजूद संविधान की मूलभावना, समानता, स्वतंत्रता और न्याय अक्षुण्ण रही। यह हमारे संविधान की अद्वितीय विशेषता है कि यह स्थिरता और लचीलापन दोनों का संतुलन बनाए रखता है।
राज्यपाल ने कहा कि भाषण की स्वतंत्रता हमारे संविधान ने हमें दी है। लोकतंत्र में राजनीति का बहुत महत्व है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संविधान में प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजनीति में भागीदारी करना चाहिए। महिलाओं में नेतृत्व क्षमता और सही निर्णय लेने की क्षमता तथा ज्ञान होना आवश्यक है जिससे महिलाएं सशक्त होंगी।
संगोष्ठी में उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने भी अपना उद्बोधन दिया। उन्होेंने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद देश आजाद हुआ और संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा बनाई गई। सभा के 284 सदस्यों ने संविधान के प्रारूप का अनुमोदन किया फिर 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत किया गया। मूल संविधान अंग्रेजी में था, छत्तीसगढ़ के श्री घनश्याम दास गुप्ता के नेतृत्त्व में उसका हिन्दी अनुवाद हुआ। यह हमारे लिए गर्व की बात है। श्री साव ने कहा कि आज भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है इसका मूल कारण हमारा संविधान ही है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता ‘‘हमारा संविधान भाव एवं रेखांकन‘‘ तथा ‘‘संविधान की जन्म कथा‘‘ पुस्तकों के लेखक लक्ष्मीनारायण भाला ने संविधान निर्माण के इतिहास को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने के सरकार के निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया। स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता धनीराम पटेल ने दिया।
इस अवसर पर बसना के विधायक संम्पत अग्रवाल, पवन साय, बालाजी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. देवेन्द्र नायक, एमडी डॉ. नीता नायक, संचालक डॉ. वीरेन्द्र पटेल, डॉ. नितिन पटेल,एवं अन्य अधिकारी, प्रबुद्धजन तथा छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
Nov 27 2024, 23:52