छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की बढ़ाई जाएगी सुरक्षा, गृहमंत्री विजय शर्मा ने धमकी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहा –

रायपुर-  छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद अब उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज डॉ. सलीम राज को मिल रही धमकियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को धमकी मिली है, क्योकि उन्होने स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखने के लिए ऐसे मदरसों में जहां धार्मिक की जगह राजनीतिक गतिविधियां संचालित हो रही थीं, उन्हें रोकने का प्रयास किया था। गृहमंत्री शर्मा ने कहा की उनकी सुरक्षा और बढ़ाई जाएगी। स्पष्टता के साथ वह काम करें, सरकार उनके साथ है।

जानें पूरा मामला

बता दें कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने हाल ही में मस्जिदों के मुतवल्लियों को निर्देश जारी किया था. निर्देश के मुताबिक मस्जिदों में होने वाली तकरीर की जानकारी मुतवल्ली अब वक्फ बोर्ड को देंगे. वक्फ बोर्ड का फरमान जारी होने के बाद सलीम राज को जान से मारने की धमकी का मामला सामने आया है. उन्होंने कहा कि छह इंच छोटा और सिर कलम करने की भी धमकी मिली है.

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, “मैं मस्जिदों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने दूंगा और धमकी से डरने वाला भी नहीं हूं. मैंने जो नियम बनाया है वह देशहित के लिए और सर्वहित के लिए है. इस नियम में साफ है कि तकरीर के दौरान राजनीतिक भाषण न हो, जिससे सामाजिक सौहार्द और वातावरण बना रहे. हमारे निर्णय के बाद 154 मुतवल्ली ने टॉपिक भेजा था जिसे हमने अप्रूव कर दिया है. जो वक्फ बोर्ड का अवगत नहीं कराएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.”

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने EVM पर उठाया सवाल, कहा- लोस चुनाव में जिस बूथ से हम जीते, वहां विस चुनाव में एक वोट नहीं मिला!, यह कैसे संभव…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में जिस पोलिंग बूथ से हम जीते थे, आज वहां एक भी वोट नहीं मिल रहा है, ये कैसे संभव है? आदमी जुड़े घटाए और ग़लत हो जाए तो समझ आता है. लेकिन मशीन का जोड़ना-घटाना ग़लत हो जा रहा है, ये कैसे संभव है? 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा की. इस दौरान ईवीएम को लेकर किए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब हम बैलेट पेपर से चुनाव करवाते थे, तो शाम-रात तक मतदान का प्रतिशत पता चल जाता था. लेकिन आज ईवीएम में दूसरे दिन तक आंकड़े बदलते रहते हैं. इसका अंतर थोड़ा बहुत नहीं लाखों-करोड़ों में होता है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हमले पर भाजपा क्यों? भारत सरकार को आवाज उठाना चाहिए न, भारत सरकार क्या सोई हुई है. दुनिया में कहीं भी भारतीय हैं, तो उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार की है. इसकी जिम्मेदारी विश्व गुरु की है, हर जगह भाजपा राजनीति न करे. घड़ियाली आँसू न बहाए. भारत सरकार को प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से बात कर सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए. ये शर्मनाक बात हैं, उन्हें इस्तीफ़ा देना चाहिए.

छत्तीसगढ़ सरकार के गुड गवर्नेंस पर भूपेश बघेल ने कहा कि राजधानी समेत पूरे प्रदेश में हत्याएं, लूट, बलात्कार और सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएँ हो रही हैं. लेकिन सरकार गुड गवर्नेंस की बात करती है. शिक्षक अपनी छात्रा के साथ बलात्कार कर रहे हैं. ऐसी सरकार से भगवान बचाए.

वहीं कवर्धा में फर्जी मतदाता पर कहा कि बृजमोहन अग्रवाल सहित सारे लोग घुसपैठियों की बात करते थे. सालभर हो गया सरकार बने, कितने घुसपैठियों को चिन्हित किया और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई किए सरकार बताएं.

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आगामी 29 तारीख को कांग्रेस अध्यक्ष ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है. बैठक में कोई ठोस निर्णय होगा, ऐसा मैं मानता हूँ. सविधान दिवस के अवसर पर खड़गे के वक्तव्य से लगता है कि हम उस दिशा में आगे बढ़ेंगे. महाराष्ट्र, हरियाणा समेत अन्य राज्यो में हमारे मुताबिक निर्णय नहीं आया है, लेकिन हम इसका आकलन करेंगे.

जिला सहकारी बैंक में करोड़ों का घोटाला, NSUI ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई नहीं होने पर उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी

रायपुर-  जिला सहकारी बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर NSUI ने कलेक्टर गौरव कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर एनएसयूआई ने उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी. इस दौरान NSUI जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी समेत सैकड़ों की संख्या में NSUI कार्यकर्ता मौजूद रहे.

जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने बताया कि सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर प्रदेश का सबसे बड़ी और पुरानी वित्तीय संस्था है, जहां लाखों किसानों के करोड़ों रुपए शेयर के रूप में जमा है. बीते सालों में बैंक के अधिकारियों द्वारा ही करोड़ों रुपए का गबन किया है. बैंक कर्मी ही जब बैंक को लुटेंगे तो बाहरी चोर और डकैतों की जरूरत ही नहीं है.

प्रशांत ने बताया, बैंक के सीओडी शाखा में बीते सालों में दस करोड़ से अधिक का गबन हुआ है. पिछले साल सितंबर 2023 में हमारे पार्टी के नेता और बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष पंकज शर्मा के निर्देशों पर कुछ अधिकारियों के खिलाफ मौदहापारा पुलिस थाने में अपराध दर्ज कराया गया था. अब भाजपा सरकार आने पर घोटालेबाज अधिकारी और कर्मचारियों को बचाया जा रहा है. इस घोटाले में बैंक में 20 से ज्यादा कर्मचारी सीधे तौर पर शामिल हैं, जिन पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. किसी भी कर्मचारी को अब तक निलंबित भी नहीं किया गया है

जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा बैंक प्रबंधन

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने बताया, कर्मचारी नेता मोहनलाल साहू के खाते में 20 लाख से अधिक रकम जमा हुआ है फिर भी कार्रवाई नहीं की गई है. बैंक प्रबंधन द्वारा जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. मीडिया मे लगातार बैंक में गबन संबंधी खबरें प्रकाशित हो रही है. उसके बाद भी घोटालेबाजों पर बैंक प्रबंधन कार्रवाई नही कर पा रहा है. दोषी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर अपराध दर्ज कराएं. एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर बैंक मुख्यालय का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी बैंक प्रबंधन की होगी.

हाई कोर्ट की पुख्ता की जा रही सुरक्षा, कोर्ट अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अधिवक्ताओं को मिलेगा QR कोड वाला पहचान पत्र…

बिलासपुर-  उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. इस लिहाज से कोर्ट के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा अधिवक्ताओं, सहायकों और परिसर में कार्यरत अन्य शासकीय विभागों के कर्मियों के लिए क्यूआर कोड/बार कोड मय फोटो पहचान पत्र की व्यवस्था बनाई जा रही है.

रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश में शासकीय कर्मचारी-अधिकारियों के अलावा अधिवक्ताओं और सुरक्षा कर्मियों से पहचान पत्र बनवाकर, संबंधित जानकारी कोर्ट में आने-जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन की जानकारी एडिशनल रजिस्ट्रार कार्यालय में 15 जनवरी, 2025 तक उपलब्ध कराने कहा गया है.

एसीबी ने रिश्वत लेते पटवारी को रंगे हाथों पकड़ा, फौती नामांतरण के लिए मांगा था पैसा

बलरामपुर-  छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी/ईओडब्ल्यू की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. आज फिर बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक के ओकरा पथलपारा में पदस्थ पटवारी को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, फौती नामांतरण के एवज में पटवारी ने पैसे की मांग की थी. लंबे समय से पटवारी पैसे के लिए आवेदक पर दबाव बना रहा था. इसकी शिकायत पर एसीबी की टीम ने पटवारी पवन पाण्डेय को 12 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

छत्तीसगढ़ में पहली बार MMI नारायणा अस्पताल में अचेत मरीज की सफल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी

रायपुर-    एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर ने छत्तीसगढ़ में पहली बार जागते हुए मरीज की क्रैनियोटोमी और न्यूरोमॉनिटरिंग तकनीक का उपयोग करते हुए ब्रेन ट्यूमर हटाने की सफलतापूर्वक सर्जरी की. यह उन्नत प्रक्रिया 25 वर्षीय मरीज के लिए नई उम्मीद लेकर आई. साथ ही अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में उत्कृष्टता को दर्शाती है.

इस सर्जरी का नेतृत्व डॉ. घनश्याम ससापारधी ने किया, जो ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में विशेषज्ञ हैं. मरीज को बार- बार दौरे पड़ रहे थे और मस्तिष्क के उस हिस्से में ट्यूमर पाया गया था जो बोलने और शरीर के दाहिने हिस्से की गतिविधियों को नियंत्रित करता है. ट्यूमर की संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने जागते हुए क्रैनियोटोमी करने का निर्णय लिया.

इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को स्थानीय एनेस्थीसिया देकर पूरी तरह चेतना में रखा गया. ऑपरेशन के दौरा डॉक्टर मरीज से बात करते रहे और अपने शरीर के भागो में गतिविधि करने के लिए कहते रहे, जिससे वास्तविक समय में मरीज के मस्तिष्क की गतिविधियों में निगरानी करने में मदद मिलती है. न्यूरोमॉनिटरिंग तकनीक ने सर्जरी को अत्यधिक सटीक और सुरक्षित बनाया, जिससे स्वस्थ मस्तिष्क संरचना को किसी भी क्षति से बचाया जा सका. इस तकनीक से मरीज को लकवा होने का खतरा नहीं रहता है एवं मरीज का मनोबल बना रहता है और रिकवरी भी जल्दी होती है. ब्रेन ट्यूमर की इस एडवांस तकनीक से राज्य के मरीजों को हैदराबाद, मुंबई जैसे बड़े शहरो में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

डॉ. घनश्याम ससापारधी ने इस उपलब्धि पर कहा, “हमें गर्व है कि हम अपने मरीजों को बिना बेहोश किये क्रैनियोटोमी सर्जरी किया है. यह तकनीक हमें ट्यूमर को पूरी तरह हटाने में मदद करती है और मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्य, जैसे बोलना, याददाश्त और गतिविधियों को सुरक्षित रखने का अवसर देती है.” सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार आया और सर्जरी के तीसरे दिन अस्पताल से स्वस्थ होकर छुट्टी ले ली. इस सफलता में डॉ. एच.पी. सिन्हा (न्यूरोलॉजिस्ट), डॉ. राकेश चंद, डॉ. धर्मेश कुमार लाड (एनेस्थीसियोलॉजिस्ट) और टीम, और डॉ. प्रदीप शर्मा (क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ) और टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा नारायणा अस्पताल

एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर अजित बेलमकोंडा ने कहा, “यह सर्जरी हमारी मेडिकल टीम की उत्कृष्टता और उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है. हमारा लक्ष्य नवीनतम तकनीक और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के साथ मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है.” इस ऐतिहासिक सर्जरी के साथ एमएम आई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर ने मरीज-केंद्रित और उन्नत चिकित्सा सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है. अस्पताल आधुनिक तकनीक और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जिससे मरीजों को जीवन में नई उम्मीदें मिल रही है.

व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश, सूझबूझ से बचा व्यापारी, केस दर्ज
सरगुजा-  छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के केदारपुर इलाके में रहने वाले युवा व्यापारी  के साथ डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है. हालांकि, व्यापारी की सतर्कता के चलते वह साइबर ठगों के झांसे में नहीं आया. शिवेश ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने मामले में अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.

जानिए कैसे हुआ डिजिटल अरेस्ट का प्रयास

युवा व्यापारी शिवेश सिंह को व्हाट्सएप के जरिए एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया कि शिवेश के नंबर से कई लोगों को आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं. कार्रवाई का डर दिखाते हुए ठग ने व्यापारी को एक कमरे में बंद होने के निर्देश दिए।

व्यापारी शिवेश सिंह

इसके बाद, कॉलर ने शिवेश से आधार नंबर और पैन कार्ड की जानकारी मांगी. लेकिन, व्यापारी की सतर्कता और जागरूकता ने उसे ठगी का शिकार होने से बचा लिया. शिवेश ने कॉल पर किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की और कॉल काट दी.

वीडियो रिकॉर्डिंग ने खोली ठगों की पोल

शिवेश ने इस पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ठग किस तरह मानसिक दबाव बनाकर डिजिटल तरीके से अरेस्ट करने की कोशिश कर रहे थे.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, की सावधान रहने की अपील

सरगुजा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ने बताया कि व्यापारी की शिकायत के बाद वीडियो के आधार पर पुलिस ने मामले में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस तरह के साइबर ठग पीड़ित को मानसिक दबाव में डालकर उनकी गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं और ठगी को अंजाम देते हैं.

सतर्क रहें, तत्काल दें सूचना

इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने लोगों को इस प्रकार के कॉल से बचने और सतर्क रहने की अपील की है. साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस तरह की घटना का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें. डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग फोन कॉल या मैसेज के जरिए दबाव बनाते हैं. किसी भी संदिग्ध कॉल पर अपनी गोपनीय जानकारी साझा न करें और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट तुरंत साइबर क्राइम शाखा को दें.

भाजपा नेता के करीबी कारोबारी ने की आत्महत्या, लेन-देन के विवाद से थे परेशान…

बिलासपुर- भाजपा नेता के करीबी कारोबारी ने आत्महत्या कर ली. तिफरा परसदा निवासी ट्रांसपोर्टर नरेंद्र कौशिक ने जहर खा लिया था. इलाज के दौरान अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई. 

बताया जा रहा है कि नरेंद्र कौशिक कोयला कारोबार से जुड़े हुए थे, जिसमें लेन-देन को लेकर उपजे विवाद के बाद से परेशान थे. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पूछताछ के बाद आत्महत्या के कारण स्पष्ट होंगे.

GST विभाग की बड़ी कार्रवाई: बिना पेपर के लोहे से भरा ट्रक पकड़ा, 50 लाख से अधिक का माल जब्त…
बेमेतरा-  जीएसटी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लोहा लदे ट्रक को पकड़ा है, जिसमें करीब 40 टन लोहा भरा हुआ है. लोहे की कीमत करीब 50 लाख के आसपास बताई गई है. 

मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर GST विभाग की टीम ने बीती रात बेमेतरा में रायपुर पासिंग ट्रक CG 04 JD 3551 को पकड़ा. रायपुर से जबलपुर जा रही ट्रक में करीब 40 टन लोहा भरा हुआ था. यह लोहा रायपुर के एक बड़े इस्पात कारोबारी का बताया जा रहा है.

जीएसटी टीम ने ड्राइवर से लोहे के संबंध में पूछताछ की. ड्राइवर ने बताया कि रायपुर से लोहा लेकर वह जबलपुर के लिए निकला है, लेकिन ड्राइवर कोई दस्तावेज नहीं दे पाया. इस पर ट्रक को जब्त कर बेमेतरा रक्षित केंद्र में खड़ा किया गया है.

डॉक्टर सहारे की याचिका खारिज, स्टे लिया वापस स्वास्थ्य मंत्री ने किया था निलंबित

बिलासपुर-   हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के डीन रहे डॉ. केके सहारे को दिए गए स्टे को हटा लिया है. इस के साथ ही सहारे की याचिका खारिज कर दी गई है. दरअसल स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बिलासपुर प्रवास के दौरान सिम्स में बैठक ली थी. इस दौरान बैठक में अनुपस्थित रहने पर पर डीन डॉ. केके सहारे को निलंबित करने का आदेश दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. 

कोर्ट ने इस पर स्टे दे दिया था. इस स्टे के खिलाफ शासन ने कोर्ट में अपील की. शासन की ओर से कहा गया कि पूरे मामले में अभी जांच चल रही है, कोई नया अपडेट भी नहीं है इसलिए स्टे जारी रखना सही नहीं होगा. हाई कोर्ट ने शासन की बात को स्वीकार कर दिया है.

गौरतलब है कि अपने निलंबन आदेश के खिलाफ डॉ. केके सहारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया 22 सितंबर 2024 को उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था. इसमें अपने भाई के निधन होने के कारण तीन दिन की छुट्टी ली थी. इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स में शासी निकाय की बैठक बुलाई थी, तब उन्होंने बैठक में अनुपस्थित रहने की जानकारी पहले ही दे दी थी.

याचिकाकर्ता डॉ. सहारे के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि भाई के निधन की जानकारी देने के बाद भी दुर्भावना के चलते उन्हें निलंबित किया गया है. शासन के नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को अनुपस्थित होने पर पर्याप्त कारण के अभाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन उन्होंने पहले ही छुट्टी पर जाने का कारण बता दिया था. इसके बावजूद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.

इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. सहारे के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी और साथ ही प्रकरण में राज्य शासन, स्वास्थ्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस पर शासन की ओर से कोर्ट में कहा गया कि डॉ सहारे के निलंबन आदेश में ही लिखा है कि उनके द्वारा वित्तीय गड़बड़ी की गई है, जिसके खिलाफ जांच जारी है.

इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना में लापरवाही बरतने, अस्पताल में नियमित नहीं पहुंचने और ऑपरेशन के दौरान भी लापरवाही बरती गई. कोर्ट ने फैसले में कहा कि शासन की जांच जारी है, और इसमें किसी प्रकार की रोक या हस्तक्षेप सही नहीं होगा. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी भी जताई कि जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है. हालांकि. कोर्ट ने डॉ. सहारे को इस बात की छूट दी है कि वे दूसरे कोर्ट में अपील कर सकते हैं.