हाई कोर्ट की पुख्ता की जा रही सुरक्षा, कोर्ट अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अधिवक्ताओं को मिलेगा QR कोड वाला पहचान पत्र…

बिलासपुर-  उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. इस लिहाज से कोर्ट के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा अधिवक्ताओं, सहायकों और परिसर में कार्यरत अन्य शासकीय विभागों के कर्मियों के लिए क्यूआर कोड/बार कोड मय फोटो पहचान पत्र की व्यवस्था बनाई जा रही है.

रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश में शासकीय कर्मचारी-अधिकारियों के अलावा अधिवक्ताओं और सुरक्षा कर्मियों से पहचान पत्र बनवाकर, संबंधित जानकारी कोर्ट में आने-जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन की जानकारी एडिशनल रजिस्ट्रार कार्यालय में 15 जनवरी, 2025 तक उपलब्ध कराने कहा गया है.

एसीबी ने रिश्वत लेते पटवारी को रंगे हाथों पकड़ा, फौती नामांतरण के लिए मांगा था पैसा

बलरामपुर-  छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी/ईओडब्ल्यू की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. आज फिर बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक के ओकरा पथलपारा में पदस्थ पटवारी को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, फौती नामांतरण के एवज में पटवारी ने पैसे की मांग की थी. लंबे समय से पटवारी पैसे के लिए आवेदक पर दबाव बना रहा था. इसकी शिकायत पर एसीबी की टीम ने पटवारी पवन पाण्डेय को 12 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

छत्तीसगढ़ में पहली बार MMI नारायणा अस्पताल में अचेत मरीज की सफल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी

रायपुर-    एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर ने छत्तीसगढ़ में पहली बार जागते हुए मरीज की क्रैनियोटोमी और न्यूरोमॉनिटरिंग तकनीक का उपयोग करते हुए ब्रेन ट्यूमर हटाने की सफलतापूर्वक सर्जरी की. यह उन्नत प्रक्रिया 25 वर्षीय मरीज के लिए नई उम्मीद लेकर आई. साथ ही अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में उत्कृष्टता को दर्शाती है.

इस सर्जरी का नेतृत्व डॉ. घनश्याम ससापारधी ने किया, जो ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में विशेषज्ञ हैं. मरीज को बार- बार दौरे पड़ रहे थे और मस्तिष्क के उस हिस्से में ट्यूमर पाया गया था जो बोलने और शरीर के दाहिने हिस्से की गतिविधियों को नियंत्रित करता है. ट्यूमर की संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने जागते हुए क्रैनियोटोमी करने का निर्णय लिया.

इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को स्थानीय एनेस्थीसिया देकर पूरी तरह चेतना में रखा गया. ऑपरेशन के दौरा डॉक्टर मरीज से बात करते रहे और अपने शरीर के भागो में गतिविधि करने के लिए कहते रहे, जिससे वास्तविक समय में मरीज के मस्तिष्क की गतिविधियों में निगरानी करने में मदद मिलती है. न्यूरोमॉनिटरिंग तकनीक ने सर्जरी को अत्यधिक सटीक और सुरक्षित बनाया, जिससे स्वस्थ मस्तिष्क संरचना को किसी भी क्षति से बचाया जा सका. इस तकनीक से मरीज को लकवा होने का खतरा नहीं रहता है एवं मरीज का मनोबल बना रहता है और रिकवरी भी जल्दी होती है. ब्रेन ट्यूमर की इस एडवांस तकनीक से राज्य के मरीजों को हैदराबाद, मुंबई जैसे बड़े शहरो में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

डॉ. घनश्याम ससापारधी ने इस उपलब्धि पर कहा, “हमें गर्व है कि हम अपने मरीजों को बिना बेहोश किये क्रैनियोटोमी सर्जरी किया है. यह तकनीक हमें ट्यूमर को पूरी तरह हटाने में मदद करती है और मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्य, जैसे बोलना, याददाश्त और गतिविधियों को सुरक्षित रखने का अवसर देती है.” सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार आया और सर्जरी के तीसरे दिन अस्पताल से स्वस्थ होकर छुट्टी ले ली. इस सफलता में डॉ. एच.पी. सिन्हा (न्यूरोलॉजिस्ट), डॉ. राकेश चंद, डॉ. धर्मेश कुमार लाड (एनेस्थीसियोलॉजिस्ट) और टीम, और डॉ. प्रदीप शर्मा (क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ) और टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा नारायणा अस्पताल

एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर अजित बेलमकोंडा ने कहा, “यह सर्जरी हमारी मेडिकल टीम की उत्कृष्टता और उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है. हमारा लक्ष्य नवीनतम तकनीक और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के साथ मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है.” इस ऐतिहासिक सर्जरी के साथ एमएम आई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर ने मरीज-केंद्रित और उन्नत चिकित्सा सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है. अस्पताल आधुनिक तकनीक और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जिससे मरीजों को जीवन में नई उम्मीदें मिल रही है.

व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश, सूझबूझ से बचा व्यापारी, केस दर्ज
सरगुजा-  छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के केदारपुर इलाके में रहने वाले युवा व्यापारी  के साथ डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है. हालांकि, व्यापारी की सतर्कता के चलते वह साइबर ठगों के झांसे में नहीं आया. शिवेश ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने मामले में अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.

जानिए कैसे हुआ डिजिटल अरेस्ट का प्रयास

युवा व्यापारी शिवेश सिंह को व्हाट्सएप के जरिए एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया कि शिवेश के नंबर से कई लोगों को आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं. कार्रवाई का डर दिखाते हुए ठग ने व्यापारी को एक कमरे में बंद होने के निर्देश दिए।

व्यापारी शिवेश सिंह

इसके बाद, कॉलर ने शिवेश से आधार नंबर और पैन कार्ड की जानकारी मांगी. लेकिन, व्यापारी की सतर्कता और जागरूकता ने उसे ठगी का शिकार होने से बचा लिया. शिवेश ने कॉल पर किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की और कॉल काट दी.

वीडियो रिकॉर्डिंग ने खोली ठगों की पोल

शिवेश ने इस पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ठग किस तरह मानसिक दबाव बनाकर डिजिटल तरीके से अरेस्ट करने की कोशिश कर रहे थे.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, की सावधान रहने की अपील

सरगुजा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ने बताया कि व्यापारी की शिकायत के बाद वीडियो के आधार पर पुलिस ने मामले में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस तरह के साइबर ठग पीड़ित को मानसिक दबाव में डालकर उनकी गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं और ठगी को अंजाम देते हैं.

सतर्क रहें, तत्काल दें सूचना

इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने लोगों को इस प्रकार के कॉल से बचने और सतर्क रहने की अपील की है. साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस तरह की घटना का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें. डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग फोन कॉल या मैसेज के जरिए दबाव बनाते हैं. किसी भी संदिग्ध कॉल पर अपनी गोपनीय जानकारी साझा न करें और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट तुरंत साइबर क्राइम शाखा को दें.

भाजपा नेता के करीबी कारोबारी ने की आत्महत्या, लेन-देन के विवाद से थे परेशान…

बिलासपुर- भाजपा नेता के करीबी कारोबारी ने आत्महत्या कर ली. तिफरा परसदा निवासी ट्रांसपोर्टर नरेंद्र कौशिक ने जहर खा लिया था. इलाज के दौरान अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई. 

बताया जा रहा है कि नरेंद्र कौशिक कोयला कारोबार से जुड़े हुए थे, जिसमें लेन-देन को लेकर उपजे विवाद के बाद से परेशान थे. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पूछताछ के बाद आत्महत्या के कारण स्पष्ट होंगे.

GST विभाग की बड़ी कार्रवाई: बिना पेपर के लोहे से भरा ट्रक पकड़ा, 50 लाख से अधिक का माल जब्त…
बेमेतरा-  जीएसटी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लोहा लदे ट्रक को पकड़ा है, जिसमें करीब 40 टन लोहा भरा हुआ है. लोहे की कीमत करीब 50 लाख के आसपास बताई गई है. 

मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर GST विभाग की टीम ने बीती रात बेमेतरा में रायपुर पासिंग ट्रक CG 04 JD 3551 को पकड़ा. रायपुर से जबलपुर जा रही ट्रक में करीब 40 टन लोहा भरा हुआ था. यह लोहा रायपुर के एक बड़े इस्पात कारोबारी का बताया जा रहा है.

जीएसटी टीम ने ड्राइवर से लोहे के संबंध में पूछताछ की. ड्राइवर ने बताया कि रायपुर से लोहा लेकर वह जबलपुर के लिए निकला है, लेकिन ड्राइवर कोई दस्तावेज नहीं दे पाया. इस पर ट्रक को जब्त कर बेमेतरा रक्षित केंद्र में खड़ा किया गया है.

डॉक्टर सहारे की याचिका खारिज, स्टे लिया वापस स्वास्थ्य मंत्री ने किया था निलंबित

बिलासपुर-   हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के डीन रहे डॉ. केके सहारे को दिए गए स्टे को हटा लिया है. इस के साथ ही सहारे की याचिका खारिज कर दी गई है. दरअसल स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बिलासपुर प्रवास के दौरान सिम्स में बैठक ली थी. इस दौरान बैठक में अनुपस्थित रहने पर पर डीन डॉ. केके सहारे को निलंबित करने का आदेश दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. 

कोर्ट ने इस पर स्टे दे दिया था. इस स्टे के खिलाफ शासन ने कोर्ट में अपील की. शासन की ओर से कहा गया कि पूरे मामले में अभी जांच चल रही है, कोई नया अपडेट भी नहीं है इसलिए स्टे जारी रखना सही नहीं होगा. हाई कोर्ट ने शासन की बात को स्वीकार कर दिया है.

गौरतलब है कि अपने निलंबन आदेश के खिलाफ डॉ. केके सहारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया 22 सितंबर 2024 को उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था. इसमें अपने भाई के निधन होने के कारण तीन दिन की छुट्टी ली थी. इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स में शासी निकाय की बैठक बुलाई थी, तब उन्होंने बैठक में अनुपस्थित रहने की जानकारी पहले ही दे दी थी.

याचिकाकर्ता डॉ. सहारे के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि भाई के निधन की जानकारी देने के बाद भी दुर्भावना के चलते उन्हें निलंबित किया गया है. शासन के नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को अनुपस्थित होने पर पर्याप्त कारण के अभाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन उन्होंने पहले ही छुट्टी पर जाने का कारण बता दिया था. इसके बावजूद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.

इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. सहारे के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी और साथ ही प्रकरण में राज्य शासन, स्वास्थ्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस पर शासन की ओर से कोर्ट में कहा गया कि डॉ सहारे के निलंबन आदेश में ही लिखा है कि उनके द्वारा वित्तीय गड़बड़ी की गई है, जिसके खिलाफ जांच जारी है.

इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना में लापरवाही बरतने, अस्पताल में नियमित नहीं पहुंचने और ऑपरेशन के दौरान भी लापरवाही बरती गई. कोर्ट ने फैसले में कहा कि शासन की जांच जारी है, और इसमें किसी प्रकार की रोक या हस्तक्षेप सही नहीं होगा. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी भी जताई कि जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है. हालांकि. कोर्ट ने डॉ. सहारे को इस बात की छूट दी है कि वे दूसरे कोर्ट में अपील कर सकते हैं.

टोकन कटने के बाद भी किसान धान नहीं बेच पा रहे: कांग्रेस टोकन कटने के बावजूद किसान नहीं बेच पा रहे धान : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर-     प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि टोकन काटने के बाद भी किसान अपना धान बेच नहीं पा रहे है, क्योंकि टोकन कटने की तारीख से 3 से 7 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। साथ ही सोसाइटियों ने 2 दिसंबर तक टोकन काटने के बाद टोकन काटना बंद कर दिया है। सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है। सरकार भले ही घोषणा कर रही है पूरा धान खरीदेंगे, लेकिन जिस रफ्तार से खरीदी हो रही उससे  किसान चिंतित है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था, बारदानों की कमी तथा टोकन के लिये सरकार द्वारा जारी किये गये निर्देशों तथा मीलरों द्वारा धान का उठाव नहीं करने के कारण किसान परेशान है। समितियों में बारदाने की कमी है। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार धान खरीदी सुचारू रूप से चलाने का झूठा दावा कर रही है। सरकार किसानों को तथा समस्या उठाने वालों को धमकाने के बजाय कमियां दुरूस्त करें। धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था और सरकार द्वारा जारी फरमान के कारण किसानों को धान बेचने में परेशानी हो रही। सरकार दावा कर रही है कि सभी किसानों का पूरा धान 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदा जायेगा, लेकिन जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है। सरकार द्वारा घोषित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होना असंभव है। सरकार के द्वारा 14 नवंबर से 31 जनवरी तक कुल 75 दिन के अंदर धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है, इसमें से 30 दिनों लगभग एक महिना से अधिक छुट्टी है, अर्थात लगभग 45 दिन ही सरकार धान खरीदी करेगी। मात्र 45 दिनों में 30 लाख से अधिक किसानों के धान की खरीदी संभव नही। प्रतिदिन 3.5 लाख से 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जायेगी तभी निर्धारित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पायेगी। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है। रकबा बढ़ा है, पैदावार बढ़ा है, पैदावार भी ज्यादा हुआ है। प्रति एकड़ खरीदी की लिमिट भी बढ़ी है, अतः धान खरीदी अवधि अभी से बढ़ाने की घोषणा की जाये।

शुक्ला ने कहा कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था। 

छात्रा से गैंगरेप मामले में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, आरोपी डिप्टी रेंजर बनवारी सिंह निलंबित

रायपुर- छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले में नाबालिग से गैंगरेप मामले में 4 आरोपी सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी कर ली गई है और आगे की कार्रवाई जारी है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने उप वन क्षेत्रपाल बनवारी सिंह को निलंबित कर दिया है. आरोपी जनकपुर वन मंडल मनेंद्रगढ़ में पदस्थ था. यह निलंबन आदेश मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वनवृत्त अंबिकापुर से जारी हुआ है.

जानिए क्या है मामला

मनेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर जनकपुर क्षेत्र में आज नाबालिग छात्रा से दरिंदगी का मामला सामने आया. शासकीय स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को प्रिंसिपल अशोक कुमार कुशवाहा (55 साल), लेक्चरर कुशल सिंह परिहार (50 साल) और हेडमास्टर (CSC) रावेन्द्र कुशवाहा (48 साल) और वनकर्मी बनवारी सिंह एक साथ मिलकर किराए के मकान में ले गए. इसके बाद सभी ने बारी-बारी से नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया. जब पीड़िता ने जब इसका विरोध किया तो दरिंदों ने उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी. साथ ही यह भी कहा कि अगर इस बात की जानकारी किसी को दोगी तो जान से मार देंगे.

इस घटना से डरी सहमी छात्रा दस दिनों तक चुप रही, जिसके बाद हिम्मत कर पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी परिजनों को दी. इसके बाद परिजन छात्रा को लेकर जनकपुर थाना पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी पुलिस दी. पुलिस ने मामले की गंभीरता समझते हुए उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद मामले में कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया.

शहर के दायरे में घुसे बाघ का सफल रेस्क्यू, CM साय ने वन विभाग को दी बधाई

रायपुर-   कसडोल शहर के बिल्कुल एक किमी के दायरे में पहुंच गये बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक काबू पा लिया। यह वाकया कसडोल शहर से लगे ग्राम कोट का है। बाघ एक पैरे के ढेर में छिप गया था। वन विभाग की टीम पहुंची और बेहद कुशलता से बाघ को ट्रैक्यूलाइज किया। टैक्यूलाइज करने के बाद बाघ कुछ देर तक होश में रहा और पास ही के पेट्रोल पंप के पीछे की तरफ आ गया लेकिन उसे तेजी से बेहोशी आई और फिर उसे नियंत्रित कर लिया गया। बाघ के बिल्कुल शहर के पास आने से लोगों के लिए कौतूहल का विषय था कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के अमले ने इसकी योजना बनाई और बेहद सफलतापूर्वक यह कार्य संपन्न किया गया। बताया जाता है कि यह बाघ ओडिशा के रास्ते से बारनवापारा पहुंचा होगा। आठ महीने से यह बारनवापारा में सक्रिय था। बाघ की सक्रियता केवल कोर एरिया में रहे इसके लिए वन विभाग ने पर्याप्त प्रयास किये थे। जब बाघ का मूवमेंट कोर एरिया से बाहर होने की खबर मिली तो अमले ने सतर्कता से अपनी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि अब बाघ को किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा ताकि इसे और भी सुरक्षित परिवेश मिले।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को रेडियो कालर लगा दिया गया है। इससे बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके रक्त का नमूना भी लिया गया है। बाघ पूरी तरह स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि बाघ के शहर के पास होने की सूचना प्राप्त होते ही वन विभाग एवं वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर डॉ. पी.के. चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी नंदन वन जू एवं जंगल सफारी नवा रायपुर डॉ. राकेश वर्मा तथा डॉ. रश्मिलता राकेश पशु चिकित्सा अधिकारी कसडोल के टीम ने तत्काल ग्राम कोट पहुंच कर ग्रामीण श्री धीराजी के बाड़ी में रखे पैरा के ढेर में छुपे बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने की प्रयास किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रायपुर व्ही. श्रीनिवास राव प्रधान, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर राजु अगसिमनी, मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर सतोविशा समाजदार, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल, आनंद कुदरया अधीक्षक बारनवापारा भी मौजूद थे।

टाइगर रिजर्व बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में मिलेगा बेहतर परिवेश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। इस टाइगर रिजर्व के बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में बेहतर परिवेश मिल पाएगा और इनके बेहतर संवर्धन के अवसर मिलेंगे। छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते पहले ही टूरिस्टों ने अचानकमार में टाइगर साइट किया था। टाइगर रिजर्व बनने से एक बार छत्तीसगढ़ पुनः बाघों से गुलजार हो जाएगा।