टोकन कटने के बाद भी किसान धान नहीं बेच पा रहे: कांग्रेस टोकन कटने के बावजूद किसान नहीं बेच पा रहे धान : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर-     प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि टोकन काटने के बाद भी किसान अपना धान बेच नहीं पा रहे है, क्योंकि टोकन कटने की तारीख से 3 से 7 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। साथ ही सोसाइटियों ने 2 दिसंबर तक टोकन काटने के बाद टोकन काटना बंद कर दिया है। सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है। सरकार भले ही घोषणा कर रही है पूरा धान खरीदेंगे, लेकिन जिस रफ्तार से खरीदी हो रही उससे  किसान चिंतित है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था, बारदानों की कमी तथा टोकन के लिये सरकार द्वारा जारी किये गये निर्देशों तथा मीलरों द्वारा धान का उठाव नहीं करने के कारण किसान परेशान है। समितियों में बारदाने की कमी है। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार धान खरीदी सुचारू रूप से चलाने का झूठा दावा कर रही है। सरकार किसानों को तथा समस्या उठाने वालों को धमकाने के बजाय कमियां दुरूस्त करें। धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था और सरकार द्वारा जारी फरमान के कारण किसानों को धान बेचने में परेशानी हो रही। सरकार दावा कर रही है कि सभी किसानों का पूरा धान 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदा जायेगा, लेकिन जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है। सरकार द्वारा घोषित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होना असंभव है। सरकार के द्वारा 14 नवंबर से 31 जनवरी तक कुल 75 दिन के अंदर धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है, इसमें से 30 दिनों लगभग एक महिना से अधिक छुट्टी है, अर्थात लगभग 45 दिन ही सरकार धान खरीदी करेगी। मात्र 45 दिनों में 30 लाख से अधिक किसानों के धान की खरीदी संभव नही। प्रतिदिन 3.5 लाख से 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जायेगी तभी निर्धारित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पायेगी। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है। रकबा बढ़ा है, पैदावार बढ़ा है, पैदावार भी ज्यादा हुआ है। प्रति एकड़ खरीदी की लिमिट भी बढ़ी है, अतः धान खरीदी अवधि अभी से बढ़ाने की घोषणा की जाये।

शुक्ला ने कहा कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था। 

छात्रा से गैंगरेप मामले में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, आरोपी डिप्टी रेंजर बनवारी सिंह निलंबित

रायपुर- छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले में नाबालिग से गैंगरेप मामले में 4 आरोपी सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी कर ली गई है और आगे की कार्रवाई जारी है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने उप वन क्षेत्रपाल बनवारी सिंह को निलंबित कर दिया है. आरोपी जनकपुर वन मंडल मनेंद्रगढ़ में पदस्थ था. यह निलंबन आदेश मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वनवृत्त अंबिकापुर से जारी हुआ है.

जानिए क्या है मामला

मनेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर जनकपुर क्षेत्र में आज नाबालिग छात्रा से दरिंदगी का मामला सामने आया. शासकीय स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को प्रिंसिपल अशोक कुमार कुशवाहा (55 साल), लेक्चरर कुशल सिंह परिहार (50 साल) और हेडमास्टर (CSC) रावेन्द्र कुशवाहा (48 साल) और वनकर्मी बनवारी सिंह एक साथ मिलकर किराए के मकान में ले गए. इसके बाद सभी ने बारी-बारी से नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया. जब पीड़िता ने जब इसका विरोध किया तो दरिंदों ने उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी. साथ ही यह भी कहा कि अगर इस बात की जानकारी किसी को दोगी तो जान से मार देंगे.

इस घटना से डरी सहमी छात्रा दस दिनों तक चुप रही, जिसके बाद हिम्मत कर पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी परिजनों को दी. इसके बाद परिजन छात्रा को लेकर जनकपुर थाना पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी पुलिस दी. पुलिस ने मामले की गंभीरता समझते हुए उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद मामले में कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया.

शहर के दायरे में घुसे बाघ का सफल रेस्क्यू, CM साय ने वन विभाग को दी बधाई

रायपुर-   कसडोल शहर के बिल्कुल एक किमी के दायरे में पहुंच गये बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक काबू पा लिया। यह वाकया कसडोल शहर से लगे ग्राम कोट का है। बाघ एक पैरे के ढेर में छिप गया था। वन विभाग की टीम पहुंची और बेहद कुशलता से बाघ को ट्रैक्यूलाइज किया। टैक्यूलाइज करने के बाद बाघ कुछ देर तक होश में रहा और पास ही के पेट्रोल पंप के पीछे की तरफ आ गया लेकिन उसे तेजी से बेहोशी आई और फिर उसे नियंत्रित कर लिया गया। बाघ के बिल्कुल शहर के पास आने से लोगों के लिए कौतूहल का विषय था कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के अमले ने इसकी योजना बनाई और बेहद सफलतापूर्वक यह कार्य संपन्न किया गया। बताया जाता है कि यह बाघ ओडिशा के रास्ते से बारनवापारा पहुंचा होगा। आठ महीने से यह बारनवापारा में सक्रिय था। बाघ की सक्रियता केवल कोर एरिया में रहे इसके लिए वन विभाग ने पर्याप्त प्रयास किये थे। जब बाघ का मूवमेंट कोर एरिया से बाहर होने की खबर मिली तो अमले ने सतर्कता से अपनी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि अब बाघ को किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा ताकि इसे और भी सुरक्षित परिवेश मिले।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को रेडियो कालर लगा दिया गया है। इससे बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके रक्त का नमूना भी लिया गया है। बाघ पूरी तरह स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि बाघ के शहर के पास होने की सूचना प्राप्त होते ही वन विभाग एवं वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर डॉ. पी.के. चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी नंदन वन जू एवं जंगल सफारी नवा रायपुर डॉ. राकेश वर्मा तथा डॉ. रश्मिलता राकेश पशु चिकित्सा अधिकारी कसडोल के टीम ने तत्काल ग्राम कोट पहुंच कर ग्रामीण श्री धीराजी के बाड़ी में रखे पैरा के ढेर में छुपे बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने की प्रयास किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रायपुर व्ही. श्रीनिवास राव प्रधान, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर राजु अगसिमनी, मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर सतोविशा समाजदार, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल, आनंद कुदरया अधीक्षक बारनवापारा भी मौजूद थे।

टाइगर रिजर्व बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में मिलेगा बेहतर परिवेश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। इस टाइगर रिजर्व के बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में बेहतर परिवेश मिल पाएगा और इनके बेहतर संवर्धन के अवसर मिलेंगे। छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते पहले ही टूरिस्टों ने अचानकमार में टाइगर साइट किया था। टाइगर रिजर्व बनने से एक बार छत्तीसगढ़ पुनः बाघों से गुलजार हो जाएगा।

CGPSC ने प्राध्यापकों के 595 पदों पर भर्ती के लिए दस्तावेज़ सत्यापन का नोटिफिकेशन किया जारी, जानिए डिटेल्स
रायपुर-   छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापक के 595 पदों पर भर्ती के लिए दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया के संबंध में सूचना पत्र जारी किया है। अभ्यर्थियों का दस्तावेज़ सत्यापन 2 दिसंबर 2024 से 16 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। इस सत्यापन में कुल 1546 अभ्यर्थी शामिल होंगे, जिनका दस्तावेज़ सत्यापन निर्धारित तिथियों पर दो पालियों में सुबह 10 बजे और दोपहर 2 किया जाएगा।
मुख्यमंत्री से नवनिर्वाचित विधायक सुनील सोनी ने की सौजन्य मुलाकात
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नवनिर्वाचित विधायक सुनील सोनी ने सौजन्य मुलाकात की। विधायक श्री सोनी विगत दिनों हुए उप चुनाव में दक्षिण विधानसभा क्षेत्र रायपुर से निर्वाचित हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने श्री सोनी को मिले उनके नए दायित्व के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र पूर्व सांसद सुनील सोनी के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा रहा है और मैं आशा करता हूं कि उन्हें मिले इस नए दायित्व तथा उनके अनुभव के लाभ से रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विकास को नई ऊंचाइयां मिलेगी।
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से सिकलसेल से जूझ रही आशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए मिली 20 लाख की आर्थिक सहायता

रायपुर-    जब जीवन में हर तरफ अंधेरा दिखाई देने लगे तब उम्मीद के एक छोटी सी रोशनी भी पूरे जीवन को प्रकाशवान कर जाती है। ऐसी ही कहानी है कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रेमते में रहने वाली 15 साल की आशा चक्रेश की। सिकलसेल से पीड़ित आशा के जीवन में कई उतार चढ़ाव आये पर कहीं भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। यहां पर आशा के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना एक नई उम्मीद बन कर आई।

आशा को जन्म से ही सिकलीन की बीमारी है। यह जानकारी मजदूर माता पिता के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। चिकित्सकों ने बताया था कि आशा को सिकलसेल की बीमारी का वह प्रकार है जो 10 लाख लोगों में एक व्यक्ति को होने वाली बीमारी है। इस संबंध में आशा की माता बिमला बाई चक्रेश ने बताया कि आशा के पिता स्व. मंगलराम चक्रेश उसके स्वास्थ्य और इलाज के लिए हमेशा चिंतित रहा करते थे। आशा के ईलाज के लिए दंपत्ति ने अपनी छोटी सी बचत और आयुष्मान भारत योजना की सहायता से कई अस्पतालों का चक्कर लगाया। रायपुर से लेकर इंदौर, मुंबई सभी जगह आशा की जांच कराने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी थी।

बचपन से हर महीने आशा को खून चढ़ाने अस्पताल का चक्कर लगाना ही पड़ता था और इसका खर्च भी वहन करना पड़ता था। ऐसे में एक दिन एक दुखद दुर्घटना में पिता मंगलराम का भी निधन हो गया। इस हालात में आशा का आगे का इलाज असंभव लगने लगा था। एक दिन जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल कैम्प आयोजित किया गया था जहां जांच उपरांत चिकित्सकों ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। हमारे लिए इसका खर्च उठा पाना संभव नहीं था तब जिला प्रशासन से जांच हेतु 01 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई, जिससे रायपुर जाकर जांच संभव हो सका। परन्तु महंगे ईलाज की समस्या अभी भी बनी हुई थी।

चिकित्सकों ने उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी दी। जहां से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवेदन को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यालय भेजा गया। त्वरित कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकृति प्रदान करते हुए ईलाज के लिए 20 लाख रुपये प्रदान किया गया। जिसके बाद रायपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए दाता की पहचान की गई। दाता का सैम्पल मैच होने पर आशा का बोन मैरो ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद आशा को नया जीवन प्राप्त हुआ। इस नए जीवन के लिए आशा और उनकी माता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया और कहा कि यदि मुख्यमंत्री से सहायता ना मिलती तो शायद आशा का जीवन बचा पाना उनके लिए संभव नहीं होता।

CG सिविल सोसाइटी ने नवजोत सिंह सिद्धू के नाम जारी किया लीगल नोटिस
रायपुर-    हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के 4थ स्टेज के कैंसर से बिलकुल ठीक होने को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था, जिसमें नवजोत सिद्धू ने दावा किया था कि उनकी पत्नी केवल 40 दिनों में बिना किसी मेडिकल ट्रीटमेंट या दवाई के ठीक हो गईं, वो भी सिर्फ अपने खान-पान में कुछ बदलाव करके. इस मामले को लेकर अब छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने आज नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी के नाम पर लीगल नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में सोसाइटी ने सिद्धू दम्पत्ति को 7 दिन के भीतर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के स्वास्थ्य दस्तावेज मंगाए गए हैं, जिससे उनके (नवजोत सिंह सिद्धू) की तरफ से किए गए दावों को वे साबित कर सकें. वहीं ऐसा नहीं करने पर उनपर 850 करोड़ का क्षतिपूर्ती का दावा करने की चेतावनी दी है.

सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी के असाध्य कैंसर रोग के सम्बंध में अमृतसर स्थित आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस व मीडिया में बोलते हुए खुलासा किया कि उनकी पत्नी का स्टेज 4 कैंसर को लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर मात दे दी है. उन्होंने दावा किया कि, सिर्फ डाइट में कुछ चीजों को शामिल करके उनकी पत्नी 40 दिन में कैंसर को मात दे दी है. जिसे सुनकर देश विदेश के कैंसर ग्रसित मरीजों में भ्रम व एलोपेथी मेडिसिन के विरोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसलिए हम इस लीगल नोटिस के जरिये सिद्धू परिवार से स्पष्टीकरण व दस्तावेज की मांग कर रहे हैं.

CG सिविल सोसाइटी ने पत्र में पूछे ये सवाल:

1. जो दावा नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर किया है, क्या श्रीमती सिद्धू उनके बयान का पूर्ण समर्थन करते हैं?

2. क्या श्रीमती सिद्धू को लगता है कि एलोपेथी मेडीसिन का जो इलाज आपने विभिन्न अस्पतालों में करवाया है उनके इलाज उपचार से आपको कोई भी लाभ नहीं हुआ है?

3. क्या आपके कैंसर फ्री होने में सिर्फ आपकी डाइट, नीम पत्ता, नींबू पानी, तुलसी पत्ता, हल्दी का ही सेवन किया है किसी भी एलोपेथी मेडीसीन का उपयोग नहीं किया है?

4. यदि आप अपने पति के दावे के समर्थन करती हैं तो वे सभी प्रमाणित दस्तावेज हमें 7 दिनों के भीतर उपलब्ध करावें, जिनसे यह साबित हो सके कि आपने महज 40 दिनों में बिना मेडिसिन लिए, बिना चिकित्सकीय सहायता के मात्र डाइट को बदलाव करके स्टेज 4 के कैंसर को समाप्त कर आप कैंसर फ्री हो गए हैं.

CG सिविल सोसाइटी ने इसके साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी को लिखा- अगर आप अपने पति के दावों के समर्थन में कोई प्रमाणित दस्तावेज और मेडिकल प्रमाण नहीं रखते हैं तो आप फिर से एक प्रेस वार्ता कर स्पष्टीकरण देवें. क्योंकि अन्य कैंसर मरीजों को भ्रम हो रहा है और वे अपनी मेडिसिन, इलाज, चिकित्सकीय उपचार छोड़कर आपके व आपके पति के कहे बातों पर भरोसा कर के अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं जिनके जिम्मेदार आप होंगे.

उन्होंने पत्र में आगे लिखा- प्रेस वार्ता में आपकी (सिद्धू दंपत्ति) तरफ से दिए गए बयानों से एलोपेथी पद्धति, एलोपेथी मेडिसिन, उसके चिकित्सकों व चिकित्सकीय मापदंडों के लिए भ्रम फैला गए हैं जिससे होने वाले सभी जनहानि, स्वास्थ्य की क्षति, मानहानि और मरीजों के जीवन के साथ होने वाले खिलवाड़ के साथ ही मरीजों के बिगड़ने वाले हालातों के जवाबदार आप दंपत्ति होंगे. इस स्थिति में 100 मिलियन डॉलर (Rs 850 crores) की राशि भी कम ही आंकलित होगी.

CG सिविल सोसाइटी ने शो कॉज नोटिस में लिखा कि (सिद्धू दंपत्ति) आप 7 दिनों के भीतर सभी स्वास्थ्य दस्तावेज भेज कर 40 दिनों में में ठीक होने वाले कथन को प्रमाणित करें, या प्रेस कांफ्रेंस कर अपने बयान (झूठे दावों) को वापिस ले और कथनों से फैले भ्रम को दूर करें, ताकि लोगों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य हानी या जन हानि न हो.

वहीं 7 दिनों के भीतर ऐसा नहीं करने पर आप (सिद्धु दम्पत्ति) आपके कारण फैले भ्रम से होने वाली सभी घटना, दुर्घटना, जन-हानि, धन-हानि, सभी प्रकार की क्षति के लिए जिम्मेदार होंगे. इसके लिए आप पर 100 मिलियन डॉलर यानि 850 करोड़ रुपए का विधिवत क्षतिपूर्ति दावा किया जाएगा.

शीतला मंदिर में चोरी, दानपेटी और सोने का हार ले गए चोर, CCTV फुटेज आया सामने

दुर्ग-  भिलाई के मां कल्याणी शीतला मंदिर से चोरी का मामला सामने आया है. अज्ञात चोरों ने मंदिर का ताला तोड़कर दानपेटी से नगदी और माता के गर्भगृह में रखे सोने के हार पर हाथ साफ कर दिया. मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. इस चोरी की घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. यह मामला नेवई थाना क्षेत्र का है.

मिली जानकारी के अनुसार, भिलाई के रिसाली नगर पालिक निगम क्षेत्र में स्थित मां कल्याणी शीतला मंदिर में अज्ञात चोरों ने हाथ साफ किया है. चोर मंदिर का ताला तोड़कर दान पेटी से रुपये पार कर दिए. साथ ही गर्भ गृह में घुसकर माता के गले का सोने का हार भी ले गए. मंदिर समिति के अनुसार दानपेटी में पचास हजार से अधिक की राशि होने की संभावना है. इस घटना के बाद मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने नेवई थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है.

मंदिर के चारों तरफ लगे सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से आरोपी की तलाश कर रही है. सीसीटीवी में एक युवक मुंह में गमछा बांधे मंदिर में घुसते नजर आ रहा है. इस मामले की जानकारी होते ही नेवई पुलिस तत्परता दिखाते हुए मामले की जांच में जुट गई है.

हाईकोर्ट ने पुलिस बल आरक्षक संवर्ग भर्ती 2023-24 पर लगाईं रोक, जानें पूरा मामला

बिलासपुर-  पुलिस बल आरक्षक संवर्ग 2023-24 के पदों पर होने वाली भर्तियों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। भर्ती प्रक्रिया के तहत राज्य के जिलों में आरक्षकों के अलग-अलग पदों पर भर्तियां होने वाली थीं। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई।

बता दें कि हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता बेदराम टंडन द्वारा दाखिल याचिका के मुताबिक यह आरक्षक संवर्ग 2023-24 भर्ती प्रक्रिया का पूरा मामला है, जिसके तहत राज्य के सभी जिलों में अलग-अलग पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें याचिकाकर्ता के पुत्र ने राजनांदगांव में होने वाले कांस्टेबल जनरल ड्यूटी के लिए आवेदन दिया था। राजनांदगांव जिले में इस श्रेणी के तहत 143 पद जारी किए गए थे, लेकिन विज्ञापन जारी होने और फॉर्म भरने के बाद डीजी पुलिस ने सचिव को इस नियुक्ति प्रक्रिया में पुलिस विभाग में कार्यरत/EX SERVICEMEN कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने संबंधी पत्र लिखा था।

पत्र में सुझाव देते हुए लिखा गया था कि भर्ती नियम 2007 की कंडिका 9(5) के तहत भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों को शिथिल किया जा सकता है, जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान सीने की चौड़ाई और ऊंचाई जैसे कुल 9 बिंदुओं में शामिल थे। अवर सचिव ने इस सुझाव को स्वीकार भी कर लिया। इससे आहत होकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि केवल अपने विभाग के कर्मचारियों को छूट देना आम नागरिकों के साथ भेदभाव है, इसलिए इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। मामले में वकील द्वारा पेश की गई दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरक्षक संवर्ग 2023-24 के अलग-अलग पदों पर होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि क्योंकि नियमों को शिथिल करने का लाभ सभी पदों पर मिलता है, इसलिए सभी पदों पर होने वाली भर्ती पर रोक लगा दी गई है।

निर्वाचन कार्याे की तैयारी के संबंध में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न

रायपुर-    राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह की अध्यक्षता मे बिलासपुर कलेक्टोरेट के मंथन सभाकक्ष मे स्थानीय निकायों के निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में बिलासपुर और सरगुजा संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में दोनों संभाग के संभाग आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और उप जिला निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने बैठक में चुनाव संबंधी सभी तैयारियां समय पूर्व सुनिश्चित करने के दिए।

बैठक में मुख्य रूप से चुनाव की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केंद्रों की स्थिति, और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण विषयों की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक के माध्यम से चुनाव के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान होने वाली चुनौतियों और संभावित समस्याओं पर भी चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, मतदाता जागरूकता बढ़ाने, और मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के निर्देश दिए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कहा कि निर्वाचन नामावली का कार्यक्रम जारी है। कल 27 नवंबर तक नाम जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा की 01 अक्टूबर 2024 की स्थिति मे 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी पात्र लोगों का नाम मतदाता सूची मे आवश्यक रूप से दर्ज होना चाहिए। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के पूर्व यह सुनिश्चित कर ले की भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची मे सम्मिलित सभी नाम स्थानीय निकाय चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में शामिल हो। मतदाता सूची की शुद्धता से समस्याएं नहीं आती है। उन्होंने कहा की समय-समय पर निर्वाचन आयोग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गए, उन्हीं निर्देशों के पालन प्रतिवेदन की समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने जिलों के निर्वाचन की तैयारी की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कहा कि आप सभी अपनी तैयारियों की समीक्षा करते रहें। आगामी 29 नवम्बर को रायपुर और दुर्ग संभाग तथा 4 दिसंबर को जगदलपुर संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर चुनाव तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। अभी आरक्षण की कार्यवाही भी होनी है। आगामी समय में राज्य स्तर की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक शामिल होंगे। इसके बाद निर्वाचन कार्यक्रम जारी किया जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सुरक्षा उपायों और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, कर्मचारियों की तैनाती, और निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की भी समीक्षा की ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय और सहयोग बना रहे ताकि चुनाव प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को समय पर सही जानकारी प्रदान करें। इस अवसर पर बिलासपुर संभाग के संभागायुक्त महादेव कावरे, सरगुजा संभाग के जी आर चुरेन्द्र, सरगुजा संभाग के आईजी अंकित गर्ग, बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे सहित सभी प्रमुख अधिकारी उपस्थित थें।