जिला उपभोक्ता आयोग ने फ्रिज की कीमत ब्याज एवं क्षतिपूर्ति सहित वापस करने दिया आदेश

संभल- रिलायंस डिजिटल स्टोर मुरादाबाद से सैमसंग इंडिया द्वारा निर्मित फ्रिज खरीदा, फ्रिज का फ्रिजर कार्य नहीं कर रहा था करंट आ रहा था,गारंटी अवधि में होने पर बार शिकायतें भी की गई कोई सुनवाई नहीं हुई तो जिला उपभोक्ता आयोग ने परेशान उपभोक्ता की शिकायत सुन सैमसंग इंडिया लिमिटेड के विरुद्ध फैसला सुना दिया और फ्रिज की कीमत ब्याज एवं क्षतिपूर्ति सहित वापस करने आदेश दिया।

          

वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के अनुसार आनंद बिहार,संभल निवासी माधव अग्रवाल पुत्र सुमित अग्रवाल ने दिनांक 20 अक्टूबर,2021 को सैमसंग इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित एक फ्रिज रिलायंस डिजिटल स्टोर मुरादाबाद से रुपए 99176/ अदा करके खरीदा था फ्रिज की 5 साल की गारंटी भी दी गई थी और बताया गया कि फ्रिज में खराबी आने पर बदल जाएगा अथवा उसकी कीमत वापस की जाएगी आरोप है कि फ्रिज ने शुरू से कार्य नहीं किया बर्फ न जमाना, करंट आने, धुआं निकलने शिकायतें फ्रिज में थीं लगभग 9 बार शिकायतें कर फ्रिज में आए दोषों को दूर करने का अनुरोध किया गया लेकिन निर्माता कंपनी ने नहीं सुना जिस पर उपभोक्ता ने अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल में परिवाद योजित किया।

 जिसमें सैमसंग इंडिया लिमिटेड की और से स्वीकार किया गया कि सर्विस इंजीनियर शिकायत पर पाया कि फ्रिज की पीसीबी व आइस मेकर खराब पाया गया था फ्रिज मरम्मत की कीमत मांगने पर उपभोक्ता ने नहीं अदा की और वाद निरस्त करने का अनुरोध किया जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने सैमसंग इंडिया लिमिटेड को आदेश दिया कि वह उपभोक्ता को उसी मॉडल का नया फ्रिज दे अथवा फ्रिज की कीमत 7 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करें साथ 5 हजार क्षतिपूर्ति व 5 हजार वाद व्यय हेतु भी अदा करें।

संभल हिंसा : तुर्क और पठानों में वर्चस्व विवाद पर भी नजर,चूंकि पुलिस कर रही यह बड़ा दावा

संभल । तुर्क और पठान बिरादरी के नेताओं के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में भी संभल बवाल के कारण तलाशे जा रहे हैं। पुलिस ने भी दावा भी किया है कि दो बड़े नेताओं के भड़काने पर ही बवाल हुआ है। केस में दोनों को नामजद भी किया गया है। संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महबूब के परिवारों के बीच लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व की जंग है। बर्क तुर्क बिरादरी से हैं और इकबाल महमूद पठान हैं। संभल में दोनों अपना-अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं।

सोशल मीडिया और शहर के कुछ हलकों में भी चर्चा है कि पथराव करने वालों को दूसरे मोहल्ले से बुलाया गया था, जबकि मरने वाले सभी जामा मस्जिद के आसपास के ही रहने वाले हैं। सपा सांसद ने बयान दिया था कि मस्जिद को बचाना है। इसके बाद ही भीड़ इकट्ठा हुई थी। संभल के डीएम ने भी अपने बयान में यही कहा है कि सर्वे पूरी तरह से शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। इसकी जानकारी लोगों को दी गई थी। बावजूद इसके भीड़ को उकसाया गया और पथराव कर दिया गया। इस बीच बवाल के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ से हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि आकलन के बाद नुकसान की भरपाई उपद्रवियों और मुचलकों में पाबंद लोगों से जाएगी। पुलिस सभी वीडियो और फुटेज की बारीकी से जांच कर एक-एक उपद्रवी को चिह्नित कर रही है। बवाल के दौरान जामा मस्जिद की छत से बनाया गया वीडियो भी पुलिस के पास है, जिसमें उपद्रवियों के चेहरे स्पष्ट दिख रहे हैं। 48 घंटे तक आरोपियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जाएगा।संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए रविवार सुबह सात बजे कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। अचानक टीम के पहुंचने की सूचना पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया।

हिंसक हुई भीड़ ने चंदौसी के सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। संभल के जिला अधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने एक अधिसूचना जारी कर किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जन प्रतिनिधि को अधिकारियों के आदेश के बिना संभल में प्रवेश करने पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी है।

सर्वे टीम कोर्ट कमिश्नर चंदौसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह राघव की अगुवाई में आई थी। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भी टीम के साथ थे। बाहर हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाकर सर्वे टीम को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस के आक्रमक होते ही उपद्रवी भागने लगे, लेकिन कुछ देर बाद भीड़ फिर जुट गई और पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान छतों से फायरिंग होने लगी। मौके पर पहुंची अन्य जिलों की पुलिस और पीएसी के साथ अधिकारियों ने उपद्रव करती भीड़ से मोर्चा लिया। इसके बावजूद करीब डेढ़ घंटे हालात बेकाबू रहे।


सपा सांसद और विधायक के बेटे समेत 2500 पर एफआईआर

संभल में बवाल के दूसरे दिन सोमवार को शांति के बीच पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल समेत 2500 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। बर्क और सुहेल पर बलवा कराने की साजिश का आरोप है। वहीं तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया। सीओ अनुज चौधरी, एसपी के पीआरओ संदीप कुमार, दरोगा दीपक राठी और शाह फैसल की तहरीर पर संभल कोतवाली में पांच और नखासा थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें 2500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

संभल जाएगा सपा का एक प्रतिनिधमंडल

सपा का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव की अध्यक्षता में संभल जाएगा। इसमें सांसद जावेद अली, हरिंदर मलिक, रुचि वीरा, जिया उर रहमान बर्क व नीरज मौर्य और बरेली के जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप और मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष जयवीर यादव शामिल रहेंगे। राज्यसभा सांसद जावेद अली ने बताया कि शीघ्र ही यह प्रतिनिधिमंडल संभल में जाकर लोगों के दुख-दर्द बांटेगा।

डिप्टी सीएम ने कहा संयम बरतने की जरूरत

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उपचुनाव में पराजय के दर्द से इतने आहत हैं कि अब संभल मामले में धैर्य और शांति की अपील करने के बजाय भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे बयान न केवल अनावश्यक हैं, बल्कि समाज में तनाव बढ़ाने का काम करते हैं। जिम्मेदार राजनीति का तकाजा है कि संयम बरता जाए।
संभल हिंसा के बाद मुरादाबाद में बढ़ी चौकसी, डीएम-एसएसपी के साथ सीओ व थानाध्यक्षों ने किया पैदल मार्च

संभल । शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार सुबह संभल में हुई हिंसा और आगजनी के बाद मुरादाबाद पुलिस अलर्ट मोड में है। सभी पुलिस क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में पैदल मार्च कर रहे हैं। ड्रोन कैमरा से निगरानी हो रही है। जिलाधिकारी अनुज सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने सोशल मीडिया विंग को भी सक्रिय कर दिया है।

सदर कोतवाली क्षेत्राधिकारी सुनीता दहिया ने थाना प्रभारी मुगलपुरा को मय पुलिस बल के साथ अपराध नियन्त्रण, कानून एवं शान्ति, सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत ब्रीफ किया है। इसके साथ ही मुगलपुरा क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने सर्किल के सभी थाना अध्यक्ष चौकी प्रभारी को ब्रीफ किया और अगवानपुर चौकी क्षेत्र के साथ ही थाना सिविल थाना इलाके में फ्लैग मार्च किया।

क्षेत्राधिकारी कटघर ने भी थाना प्रभारी गलशहीद मय पुलिस फोर्स को ब्रीफ किया गया है और गलशहीद क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया है। वहीं जिलाधिकारी अनुज सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने भी कई क्षेत्रों में पहुंचकर पैदल मार्च किया।

जामा मस्जिद सर्वे विवाद: तीन की मौत, सूनी गलियां, छावनी में तब्दील हुआ संभल, दो दर्जन पुलिस कर्मी हुए चोटिल

संभल । उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद पर दोबारा सर्वे को लेकर हुए पर विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव और आगजनी कर दी। जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में बीस से अधिक पुलिस कर्मी और दो दर्जन लोग चोटिल हो गए। दो लोगों की माैत की खबर है।हिंसक घटना में अब तक तीन युवकों की मौत की खबर है, हालांकि अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। मृतकों की पहचान रोमान, बिलाल और नईम के तौर पर की गई है। इसके अलावा बीस से अधिक पुलिसकर्मी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

संभल शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चंदौसी चौराहा, शंकर चौराहा, अस्पताल चौराहा और यशोदा चौराहा समेत सभी प्रमुख चौराहों पर बेरिकेडिंग कर आम लोगों को रोका गया है। जो लोग इन रास्तों से गुजरने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें डाइवर्ट करके अन्य मार्गों से भेजा जा रहा है। शहर भर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इस हिंसक घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।हिंसक बवाल के बाद जिले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी मौके पर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने अदालत की कार्रवाई का हवाला देते हुए सभी से संयम बरतने की अपील की है। इस बवाल में डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए हिंसक बवाल पर एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दंगाई पूरी प्लानिंग के तहत पुलिस की गाड़ियों को निशाना बना रहे थे। खासतौर पर पुलिस की गाड़ियों को चुन-चुनकर फूंक डाला गया जबकि आम लोगों की गाड़ियां सुरक्षित रहीं। एसपी ने बताया कि दंगाइयों के खिलाफ रासुका (NSA) लगाया जाएगा। उनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने इस हिंसा के लिए अन्य को उकसाया उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि वे जिंदगी भर इस अपराध को याद रखें।

संभल जामा मस्जिद विवाद : सर्वे टीम पर पथराव की घटना का मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, डीजीपी को दिए कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ/संभल । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल जनपद में जामा मस्जिद को लेकर हुए उपद्रव की घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने डीजीपी को जिले के हालात पर नजर रखने और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने पथराव करने के आराेप में छह लाेगाें काे गिरफ्तार किया है। डीजीपी के आदेश पथराव करने वालाें की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिले में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है और माैके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वे कराया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति नियंत्रण में, पुलिस पथराव करने वालों की पहचान करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। पत्थरबाजों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सर्वे पूर्ण हो चुका है और सर्वेक्षण टीम को हमने सुरक्षित अपनी जगह पर पहुंचा दिया है। स्थिति नियंत्रण में है। जो भी शरारती तत्व हैं, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

एसपी कृष्ण कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें पत्थर फेंकने वाले युवाओं से कहते हुए नजर आ रहे हैं कि इन नेताओं के जाल में फंसकर अपना भविष्य बर्बाद न करें। घटना की जानकारी पर डीआईजी मुनिराज और एसपी के साथ मौके पर पहुंचे है। एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया जाना था। सर्वेक्षण के विरोध में कुछ लोग एकत्र हुए और सर्वेक्षण के समय पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने इस पर जवाबी कार्रवाई की। जामा मस्जिद के परिसर के पास खड़ी उप-निरीक्षकों की कुछ गाड़ियों को आग लगा दी गई। वर्तमान में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। हर जगह शांति और व्यवस्था कायम है। फिर से ड्यूटी लगाई जा रही है। पुलिस ने छह दंगाइयों को गिरफ्तार किया है।

घटना के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है, यह संवैधानिक मूल्यों का आदर भी कराएगी और कानून का पालन भी करना पड़ेगा। देश का कानून सभी लोगों पर लागू है और इसे सभी को मानना पड़ेगा। इस तरह की अराजकता, गुंडई और न्यायालय के आदेश की अवहेलना मुख्यमंत्री योगी की सरकार में चलने वाला नहीं है।कानून से ऊपर कोई नहीं हो सकता है और इस सरकार में तो ये बिल्कुल संभव नहीं है। कोर्ट में अपना पक्ष रखें लेकिन न्यायालय आदेशानुसार जो भी सर्वेक्षण के लिए टीम गई है उस पर पथराव आदि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई होगी। यह मुगलिया सल्तनत का दौर नहीं है। कोर्ट के आदेश से आपत्ति है तो ऊपरी काेर्ट जाएं। न्यायपालिका का आदेश सुनिश्चित होगा। सभी लोग शांति व्यवस्था बनाए रखें। बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने मुस्लिम समुदाय से अमन और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोई भी मुद्दा हिंसा से नहीं सुलझता। इस्लाम हमेशा शांति और संयम का संदेश देता है। इसे कानूनी लड़ाई के जरिए बचाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि जामा मस्जिद पर रविवार को दोबारा सर्वे को लेकर हुए पर विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। सर्वे को लेकर नाराज भीड़ ने पुलिस और सर्वें करने पहुंची टीम पर पथराव कर दिया। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया,जिससे हालात बेकाबू हो गए। पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में बीस से अधिक पुलिस कर्मी और कई लोग चोटिल हो गए। अब जिले की स्थिति नियंत्रण में है। भारी संख्या में पुलिस बल लगाये गए हैं। हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

संभल मस्जिद के सर्वे पर बवाल के बाद बोले डीजीपी, बख्शे नहीं जाएंगे पत्थरबाज
लखनऊ । यूपी के संभल में कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे करने के दौरान पत्थरबाजी करने वालों पर पुलिस कड़ा एक्शन लेगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने यह साफ किया है कि पत्थरबाज बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वे कराया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस पत्थरबाजों की पहचान करके उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।बताते चलें कि जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर प्रकरण को लेकर पुलिस-प्रशासन निगरानी बनाए हुए हैं। वर्ष 2019 में हुए बवाल से सबक लेते हुए ही जुमे की नमाज के दौरान मुरादाबाद और बरेली मंडल के जिलों की पुलिस और पीएसी व आरआरएफ की तैनाती की गई। इस बार सर्वे के दौरान शहर में 1500 से ज्यादा फोर्स तैनात की गई थी।

20 दिसंबर 2019 में जुमे की नमाज के बाद ही भीड़ नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में सड़कों पर उतर गई थी। इस दौरान बवाल हो गया था। दो लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस बवाल से एक दिन पहले यानि 19 दिसंबर को भी रोडवेज बसों में आग लगा दी थी। पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी। इन दोनों ही दिन के बवाल में फोर्स का अभाव रहा था। तत्कालीन आईजी मुरादाबाद रमित शर्मा जो वर्तमान में एडीजी बरेली हैं। उन्हें 15 दिन कैंप करना पड़ा था। बवाल की तस्वीर उन्होंने देखी थी। इसके चलते ही शासन को पत्र लिखकर पीएसी बटालियन की मांग भी की थी। संभल के लिए पीएसी बटालियन मंजूर हो गई है। मुरादाबाद की 24वीं बटालियन को स्थानांतरण संभल में किया गया है।
संभल में  मस्जिद सर्वे के दौरान पथराव-आगजनी,उग्र भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज, भीड़ ने गाड़ी फूंकी, मौके पर पहुंची डीआईजी


संभल । शहर की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद दूसरे चरण का सर्वे आज (रविवार) सुबह ही शुरू किया गया था। जैसे ही लोगों को पता लगा मस्जिद की ओर भीड़ पहुंचने लगी सुबह करीब 9:00 बजे भीड़ को हटाने का प्रयास किया गया तो पहले धक्का मुक्की हुई और बाद में भीड़ ने पथराव कर दिया। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को भगाने का प्रयास किया। बताया जाता है की दूसरी ओर से भी फायरिंग की गई है। स्थिति बेहद तनाव पूर्ण बनी हुई है।

जामा मस्जिद व हरिहर मंदिर प्रकरण के बाद से ही शहर में शांति व सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था। इसी मामले में मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और प्रतिवादी पक्ष की काफी लोग लोग मौजूद थे।शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान मुरादाबाद और बरेली मंडल के करीब आठ जिलों का पुलिस बल तैनात किया गया था। उस समय सुरक्षा की दृष्टि से जामा मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बांस बल्ली से बेरिकेडिंग करके पीएसी जवानों को तैनात कर दिया गया था, जिससे लोगों की भीड़ उस ओर ना जा सके।

रविवार की सवेरे अचानक एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव अपनी टीम के साथ जामा मस्जिद पर पहुंचे।जहां उनके साथ डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भारी संख्या में पुलिस बल व अन्य अधिकारियों के साथ शामिल रहे।इस दौरान बेरिकेडिंग पर भारी पीएसी व आरआरएफ जवानों को तैनात किया गया था। जोकि उस ओर जाने वाले सभी लोगों को रोक रहे थे।अचानक से अधिकारियों के जामा मस्जिद पर पहुंचने और भारी संख्या में पुलिस बल होने पर शहर के लोगों में खलबली मच गई थी। विवाद को देखते हुए डीआईजी मौके पर पहुंच गए हैं।
मस्जिद के सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, भीड़ को काबू करने के लिए दागे गए आंसू गैस के गोले

संभल । यूपी के संभल की जामा मस्जिद विवाद को लेकर रविवार को लोगों का गुस्सा भड़क उठा। मस्जिद के सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भी भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों से सर्वेक्षण टीम के पहुंचने पर पथराव न करने की अपील की है। पथराव के बाद पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।

हिंदू पक्ष की ओर से न्यायालय में जो वाद दायर किया गया है। उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है। मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। इस सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस वाद को दायर करने में वादीगण में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पर्थ यादव, महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल सिंह यादव, मदनपाल, वेदपाल और दीनानाथ शामिल हैं। हरिशंकर जैन के बेटे विष्णु शंकर जैन इस मामले में अधिवक्ता के तौर शामिल हैं।
*आजाद अधिकार सेना का विरोध प्रदर्शन*

आजाद अधिकार सेना के जिला अध्यक्ष सरोश अहमद ने बीते दिनों हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जबरदस्ती एक संप्रदाय विशेष के लोगों को वोट देने से रोके जाने के मामले में जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर चुनाव आयोग के नाम प्रत्यावेदन दिया।

प्रत्यावेदन में कहा गया कि सत्ताधारी पार्टी के दबाव में उन्हें राजनीतिक लाभ देने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को वोट देने से रोका गया क्योंकि सत्ताधारी पार्टी का यह मानना है कि उन्हें ये वोट नहीं मिलेंगे।

इस संबंध में सोशल मीडिया तथा समाचार चैनलों पर तमाम साक्ष्य और तथ्य उपलब्ध हैं। चुनाव आयोग ने इनमें कुछ मामलों में कार्यवाही की है, किंतु अभी भी तमाम मामलों में कार्रवाई नहीं हुई है।

आजाद अधिकार सेना ने चुनाव आयोग से इन सभी मामलों का संज्ञान लेते हुए इनमें दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष सरोश अहमद आजाद अधिकार सेना विरोध प्रदर्शन में उपस्थित रहे सरोश अहमद खिज़र गौस ज़रीफ मिर्जा नौशाद शेख रागिब हुसैन किशन पाल मोहम्मद तय्यब जिया उल इस्लाम हाजी नईम और एडवोकेट मो. अदनान

आसिफ एडवोकेट युसूफ तुर्की एडवोकेट अजीम एडवोकेट उस्मान खान आरिफ मसूदी इलियास कुरैशी जावेद अंसारी सदिल अंसारी अकरम अंसारी फुरकान अल्वी आदि उपस्थित रहे।

पार्लियामेंट द्वारा बनाए गए कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां: जियाउर्रहमान बर्क

सम्भल में जुमे की नमाज सकुशल संपन्न हो गई मस्जिद इलाके के भारी फोर्स तैनात रही है सकुशल नमाज हो जाने से जहां प्रशासन को राहत मिली है।सम्भल सपा सांसद नमाज़ के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाया साथ शहर की फिजा खराब करने वालो पर कार्यवाही की मांग करते हुए प्लेस ऑफ़ वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए न्यायालय पर भी सवाल खड़े किए हैं।

जुमे की नमाज के मद्देनजर जिले भर में प्रशासन अलर्ट पर रहा है। नमाज के लिए सैकड़ो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। ताजा विवाद को देखते प्रशासन समूचे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। जुमे की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद सांसद जियाउर्रहमान ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि यह जामा मस्जिद सैकड़ो साल पुरानी है सम्भल में सुकून कायम है कोई किसी प्रकार का हिंदू मुस्लिम झगड़ा नहीं है कुछ शरारती तत्व बाहर से आकर शहर और जिले की फिजा को खराब करना चाहते हैं सरकार को संज्ञान लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। जल्द कार्यवाही होने पर उन्होंने कोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं कोर्ट के आदेश से सहमत नहीं हूँ।

कोर्ट को दूसरे पक्ष को नोटिस देकर सुनना चाहिए था। आगे सम्भल पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदेश होते ही पुलिस प्रशासन अमले को लेकर सर्वे के लिए पहुंच गया उन्हें कौन सा नोबेल पुरस्कार मिलने वाला था। जब मैं पहुंचा तो कमेटी द्वारा जामा मस्जिद का सर्वे कराया जा रहा था पुलिस प्रशासन को जल्दबाजी और भी तरह के क्राइम में दिखनी चाहिए। प्लेस ऑफ़ वरशिप एक्ट 1991 जो पार्लियामेंट द्वारा बनाया गया था जो 15 अगस्त 1947 से पहले धार्मिक स्थल जैसे हैं वैसे रहेंगे और कोई पेंडिंग केस है तो उसे भी बंद कर दिया जाएगा। यहां तो उल्टा केस दायर किया जा रहे हैं। पार्लियामेंट द्वारा बनाए गए कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है संविधान की धज्जियां उड़ाना बंद करें। मौका मिला तो इस मसले को पार्लियामेंट में उठाया जाएगा यह मस्जिद किसी धार्मिक स्थल को तोड़कर नहीं बनाई गई है यह सरासर गलत है। हम अपनी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई को लड़ेंगे हम अपनी मस्जिदों को इस तरह छिनने नहीं देंगे।