भदोही के सौ शैय्या अस्पताल में न खून की जांच न एक्स-रे की सुविधा

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में ढाई साल बाद भी जरूरी सुविधाएं नदारद है। अस्पताल में सिर्फ 100 बेड की सुविधा है। अस्पताल में ना तो खून की जांच न अल्ट्रासाउंड और न एक्स - रे की सुविधा है। डिजिटल एक्स-रे मशीन कब चालू होती है। स्वास्थ्यकर्मियों को भी नहीं पता है। इससे अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशानी होती है। अस्पताल की नींव वर्ष 2007 में रखी गई थी। इसके लिए करीब 14 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। अधूरे संसाधनों के साथ 2022 में अस्पताल शुरू कर दिया गया।

 अस्पताल में अभी भी पांच भवन अर्धनिर्मित है। ढाई साल भी अस्पताल में जरूरी व्यवस्थाएं नहीं है। अस्पताल केवल ओपीडी तक सीमित है। यहां रोजाना 200 से 250 लोगों की ओपीडी होती है। इसमें से 35 लोगों को अल्ट्रासाउंड एक्स-रे खून की जांच की जरूरत पड़ती है। अस्पताल में इन सुविधाओं के न होने पर मरीज को निजी लैब की ओर रुख करना पड़ता है। अस्पताल परिसर में टीबी अस्पताल, बर्न यूनिट और डायलिसिस यूनिट है। बर्न यूनिट का संचालन केवल कोरमपूर्ति है। यहां बर्न का केस आने पर डॉक्टर मरीज को रेफर कर देते हैं। वहीं टीबी अस्पताल दवा के गोदाम में तब्दील हो गया है। वहीं अस्पताल के गोदाम में करोड़ों रुपए के उपकरण धूल फांक रहे हैं। इनमें लैब, फिजियोथेरेपी,सीआर्म,दंत सहित अन्य मशीनें शामिल हैं। वहीं सीएम?एसडी स्टोर में भी क?ई उपकरण डंप है। इसे इंस्टाल कराने में जिम्मेदार रुचि नहीं है। 

अस्पताल को पूरी क्षमता से संचालित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जो उपकरण मौजूद हैं उन्हें इंस्टॉल कराने और नए उपकरणों को मंगाने के लिए लागातार पत्राचार किया जा रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों और नर्सों की ड्यूटी न?ए सिरे से लगाई गई है। जो कमियां हैं उन्हें जल्द ही दूर की जाएगी। 

डॉ सुनील पासवान सीएमएस सौ शैय्या

भदोही में 2 साल से वेडिंग जोन में सन्नाटा पटरी पर दुकानें, सड़क पर जाम

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के नगर निकायों में स्ट्रीट वेंडरों के लिए वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। इसका मकसद था कि सभी को एक स्थान पर बैठने के लिए दुकानें उपलब्ध कराई जाएं। इससे सड़क किनारे ठेले-फड़ से होने वाले अतिक्रमण से मुक्ति मिल सकेगी, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ। वेंडिंग जोन खाली पड़े हैं। ठेला और रेहड़ी वाले सड़क पर अतिक्रमण किए हैं।

निकायों की तरफ से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। जिससे नगरों में जाम की समस्या बनी रहती है।जिले की दो नगर पालिका भदोही, गोपीगंज और पांच नगर पंचायत ज्ञानपुर, घोसिया, खमरिया, सुरियावां और नई बाजार हैं। ज्ञानपुर, गोपीगंज, भदोही, खमरिया, सुरियावां और नई बाजार में वेंडिग जोन 2022 और 2023 में बनाया गया। जिस पर करीब 15 लाख की लागत आई थी। वेंडरों को दुकानें भी आवंटित की गई, लेकिन इक्का-दुक्का को छोड़कर कोई दुकान नहीं लगाता। जिससे दो साल से वेंडिंग जोन में सन्नाटा पसरा हुआ है। ज्ञानपुर के विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज के पास बने वेंडिंग जोन में दुकानें तो नहीं लगती लेकिन आसपास के कुछ लोग रात्रि विश्राम करते हैं। भदोही नगर के इंदिरा मिल में 22 दुकानें आवंटित हैं, लेकिन सिर्फ तीन से चार दुकान लगती हैं। सुरियावां, खमरिया में वेंडिंग जोन खाली पड़े हैं।

घोसिया में वेंडिंग जोन के लिए जमीन चिन्हित की गई, लेकिन बाद में वहां पुलिस चौकी बन गई। जिसके कारण यहां अब तक वेंडिंग जोन नहीं बन सका। वेंडिंग जोन में दुकानदारों के न जाने से ज्ञानपुर के हरिहरनाथ मंदिर, दुगार्गंज तिराहा, शीतल पाल तिराहा, केएनपीजी कॉलेज, गोपीगंज के राष्ट्रीय राजमार्ग चौराहा, मीरजापुर तिराहा व नगर के अन्य प्रमुख स्थानों पर अभी दुकानें सजी हैं। जिससे जाम की समस्या होती है। इससे सरकारी मुहिम को झटका लग रहा है। ठेला और रेहड़ी दुकानदार वेंडिंग जोन में कारोबार को लेकर चिंतित है। एक दुकानदार ने बताया कि वेंडिंग जोन नगर के दूसरे हिस्से में बनाया गया है। वहां पर ग्राहक आएंगे या नहीं, इसे लेकर असमंजस है। दो से तीन दिन अगर दुकानदारी नहीं हुई तो रोज कमाने खाने वाले दुकानदारों को दिक्कत खड़ी हो जाएगी। अधिकतर दुकानदार इसी को लेकर परेशान है।

वेंडिंग जोन में दुकानें आवंटित की गई हैं। कारोबार बेहतर न होने पर आवंटन के बाद भी कई दुकानदार अब नहीं लगाते। जल्द ही अभियान चलाकर दुकानों को लगवाया जाएगा। राजेंद्र दूबे, ईओ ज्ञानपुर

प्रदेश के अमन चैन को बिगड़ने में लगी है भाजपा सरकार, गांधी पार्क में मौन व्रत रखकर कांग्रेसियों ने जताया विरोध

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कांग्रेस कार्यकर्ता पदाधिकारी संभल घटना के विरोध में ज्ञानपुर गांधी पार्क में मौन व्रत रखा। कांग्रेसियों ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर अमन चैन बिगड़ने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट से मांग किया कि तत्काल भाजपा सरकार के ऐसे कृत्य पर रोक लगाए। जिस देश व प्रदेश मे अमन चैन बना रहे।इस अवसर पर जिला अध्यक्ष राजेंद्र दुबे ने कहा कि संभल में जिस प्रकार से सरकार द्वारा जल्दबाजी में निर्णय लिया गया वह पूरी तरह निन्दनीय है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश के अमन चयन को बिगड़ने का कुचक्र रच रही है। कहा कि सभी धर्म व वर्ग का यह देश है। किंतु भाजपा सरकार हिंदू मुस्लिम करके प्रदेश में आपसी भाई चारे में नफरत की बीज बोने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह से भाजपा सरकार कार्य करती रही तो प्रदेश का अमन चयन बीगडना लाजमी है । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संभल की घटना को संज्ञान में लेकर भाजपा सरकार के कृत्य पर रोक लगाने की मांग किया। इस अवसर पर वसीम अंसारी, हसनैन अंसारी,सुरेश उपाध्याय, सत्येंद्र प्रकाश त्रिपाठी सहित अन्य लोग मौजूद रहे

भदोही में 24 बैटरी के साथ दो शातिर अरेस्ट, टावर से करते थे चोरी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ज्ञानपुर कोतवाली पुलिस ने मोबाइल टावरों की बैटरी चुराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पुलिस ने चोरी की 24 बैटरी, 68 हजार नकद, बिना नंबर की आटो एवं तमंचा-मारतूस बरामद किया। आरोपियों से पूछताछ के बाद जेल भेजा गया। एक अन्य साथी की तलाशी में पुलिस जुट गई।करीब एक महीने पूर्व निजी मोबाइल कंपनी के सिक्योरिटी फील्ड आॅफिसर शैलेश यादव ने ऊंज, सुरियावां और ज्ञानपुर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

जिसमें कहा कि ऊंज के हरिहरपुर सानी, सुरियावां ख्यौंखर और ज्ञानपुर के सिंहपुर गांव में लगे मोबाइल टावर में चोरी हुई।तीनों टावरों से चोरों ने 24-24 बैटरी चोरी किया हैं। एसपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन के निर्देश पर पुलिस टीमें शातिर चोरों की गिरफ्तारी में जुट गई। ज्ञानपुर कोतवाली पुलिस ने सिंहपुर मोबाइल टावर के पास बैटरी चोरी करने वाले गिरोह के शातिर चोर जितेंद्र पांडेय निवासी कौलापुर को गिरफ्तार कर लिया।उसके पास से बैटरी को बेचने से मिले पैसे 68 हजार 400, एक तमंचा और कारतूस बरामद किया। पूछताछ में उसने एक कबाड़ी का नाम बताया। जो उक्त घटना में शामिल रहा।

पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विहरोजपुर मार्ग पर आॅटो सवार जयप्रकाश बिंद उर्फ नेता निवासी मदनपुर को पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर सिंहपुर एयरटेल मोबाइल टावर से चोरी की गई 24 अदद बैटरी, बिना नंबर की आटो बरामद किया। पुलिस ने आरोपियों पर आर्म्स एक्ट का मुकदमा बढ़ाते हुए जेल भेज दिया। गिरफ्तारी टीम में प्रभारी निरीक्षक अरूण कुमार दूबे, शकील खां, नफीस अहमद, मंगरू, अमृतांशु गौतम आदि रहे। सीओ ज्ञानपुर चमन सिंह चावड़ा ने कहा कि कबाड़ी समेत दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य साथी की तलाश की जा रही है।

सपा विधायक की पत्नी सीमा बेग की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। एमपी-एमएलए सुबोध सिंह की अदालत ने भदोही के सपा विधायक जाहिद जमाल बेग की पत्नी सीमा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। विधायक आवास से बरामद किशोरी के बाद बाल श्रम में दर्ज मुकदमे में एमपीएमएलए सुबोध सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में विधायक की पत्नी की याचिका पहले ही खारिज कर दी है।

भदोही विधायक के मालिकाना मोहल्ला स्थित आवास पर नौकरानी के आत्महत्या के बाद भदोही विधायक जाहिद जमाल बेग, उनकी पत्नी सीमा बेग और बेटे जईम बेग पर आत्महत्या के लिए उकसाने, बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी समेत अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है।

विधायक और उनके बेटे जेल में हैं। वहीं उनकी पत्नी सीमा बेग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। विधायक के अधिवक्ता की ओर से बाल श्रम मामले में दर्ज मुकदमे को लेकर कोर्ट में विधायक की पत्नी सीमा बेग के अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। वहीं सीडब्ल्यूसी और श्रम विभाग की ओर से पेश की गई रिपोर्ट को केंद्र में रखकर विधायक की पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

Street Buzz की खबर का असर, रैन बसेरा का निरीक्षण करने पहुंचे एडीएम, व्यवस्थाएं दुरूस्त करने का निर्देश

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। एडीएम वित्त व राजस्व कुंवर वीरेंद्र मौर्य ने नगर के इकलौते शेल्टर होम का जायजा लिया। इन दौरान उन्होंने कहा कि शेल्टर होम में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराएं। लकड़ी की व्यवस्था कराएं।

किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाएं। Street buzz News ने 50 बेड के शेल्टर होम में बचे सिर्फ 28 बेड, चादर - कंबल भी फटे पुराने खबर को चलाया था। इसके बाद एडीएम शेल्टर होम का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्हें सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिली। खबर देखने के बाद अधिकारियों ने टूटे बेड को सही सही कराया और फटे चादर को बदलवाया। शौचालय में सफाई कराई।

ज्ञानपुर का शेल्टर होम जिले का स्थायी इकलौता रैन बसेरा है। यहां राहगीर सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर रात गुजार सकते हैं। बता दें कि ज्ञानपुर में जिले का इकलौता 50 बेड का स्थायी शेल्टर होम विभुति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज के ठीक सामने संचालित है। करीब पांच साल पहले बने इस पंडित दीनदयाल आश्रय स्थल की देखरेख का जिम्मा नगर पंचायत के ऊपर है।

नगर पंचायत ने इसकी देखरेख के लिए कार्यदायी संस्था नामित की है।

जिले के सीएचसी पर लगेगी अल्ट्रासाउंड मशीनें बेहतर होगी व्यवस्था

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर स्वास्थ्य महकमा प्रयासरत हैं। जिले के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जल्द ही अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाई जाएगी। डीघ, गोपीगंज,औराई सीएचसी पर मशीन लगाने की तैयारी है। तीनों सीएचसी पर मशीन लगने से करीब आठ लाख की आबादी को इसका लाभ मिल सकेगा। पहले चरण में गोपीगंज सीएचसी पर 15 दिसंबर के पहले अल्ट्रासाउंड मशीन लगेगी। वहीं विभागीय पहल पर डीघ और औराई में भी अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने की तैयारी है।

जिले में कुल छह सीएचसी है। जिसमें गोपीगंज, डीघ, औराई के अलावा भानीपुर, भदोही और सुरियावां सीएचसी है। बड़े अस्पतालों के बाद अधिकतर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचने की जिम्मेदारी इन्हीं सीएचसी पर होती है। इन सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड मशीन न होने के कारण मरीजों को निजी पैथोलॉजी सेंटरों पर जाना होता है।‌ खासकर हाईवे पर स्थित गोपीगंज और औराई सीएचसी पर इसकी खलती है। वहीं दूरस्थ इलाका होने के कारण डीघ क्षेत्र में भी लोगों को परेशानी होती है।

इन सीएचसी पर करीब आठ लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी है। ऐसे में यहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगने पर बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा। बीते दिनों शासन स्तर से प्रदेश में चार अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने की स्वीकृति मिली थी। इसमें गोपीगंज सीएचसी का नाम भी शामिल था। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की पहल पर औराई और डीघ सीएचसी में भी इसकी तैयारी जोरों पर है। सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो गोपीगंज में 15 दिसंबर से पहले ही लोगों को अल्ट्रासाउंड का लाभ मिलने लगेगा। अल्ट्रासाउंड के मरीजों को कहीं भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगा।

सुरियावा लूट कांड का हुआ खुलासा तीन आरोपी गिरफ्तार, 32000 नकद दो एंड्रॉयड फोन

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सुरियावा थाना क्षेत्र के भीखमपुर गांव के पास 30 अक्टूबर को बाइक सवार बदमाशों ने बैंक ऑफ़ बड़ौदा की फ्रेंचाइजी चलने वाले से तमंचे के बल पर एक लाख की लूट कर ली थी। जिस मामले का खुलासा करते हुए सुरियावा पुलिस व स्वाट टीम ने तीन लुटेरे को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी के पास से 32000 नकद एक आईफोन तीन एंड्राइड मोबाइल के साथ घटना में प्रयुक्त दो पिस्तौल चार जिंदा कारतूस तमंचा 315 व फर्जी नंबर प्लेट के बाइक को बरामद किया।

लूट कांड का खुलासा करते हुए एसपी डॉ मीनाक्षी कात्यान ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी।सुरियावा थाना क्षेत्र के मकनपुर रोही निवासी शारदा प्रसाद मौर्य से 30 अक्टूबर को बाइक सवार बदमाशों ने तमंचे के बल पर एक लाख की लूट कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंचकर मामले की छानबीन की। पुलिस अधीक्षक ने जल्द घटना का खुलासा करने का निर्देश दिया। जिसके क्रम में सुरियावा थाना पुलिस व स्वाट टीम ने संयुक्त रूप से बड़ी सफलता हासिल की।

टीम ने चेकिंग के दौरान गुवाली नहर पुलिया के पास से तीनों लुटेरे को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लुटेरों के पास से 32 हजार नकद रुपया एवं लूट के रुपए से खरीदे गए आईफोन एवं तीन एंड्राइड मोबाइल बरामद किया। पुलिस ने लूट में प्रयुक्त दो पिस्टल चार जिंदा कारतूस एक तमंचा दो जिंदा करतू फर्जी नंबर प्लेट की बाइक बरामद किया। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर मीनाक्षी कात्यायन पुलिस लाइन में घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि लूटरों की पहचान सीसीटीवी फुटेज की मदद से की गई । सुरियावा पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीनों लटूरों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की ।

उन्होंने बताया कि तीनों लुटेरों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है, एवं उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा रही है।गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि हम लोग अपने आर्थिक भौतिक लाभ के लिए संगठित होकर रेकी कर लूट की घटनाओं को अंजाम देते थे। 30 अक्टूबर को बैंक मित्र के साथ तमंचे से डरा कर बैग सहित एक लाख रुपए लूट लिया था। लूट के उपरांत हम लोगों द्वारा लूट के पैसे को आपस में बांट लिया। लुटेरे रोहित यादव ने बताया कि मैं अपने हिस्से के पैसे से 17000 का एंड्राइड मोबाइल फोन खरीदा। शेष पैसों अपनी जरूरत के वस्तु के लिए खर्च कर लिया।

भदोही में 50 बेड के शेल्टर होम में बचे सिर्फ 28 बेड, चादर - कंबल भी फटे - पुराने

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के इकलौते स्थायी शेल्टर होम में दुर्व्यवस्थाओं की भरमार है। स्थिति यह है कि 50 बेड के इस आश्रय गृह में केवल 28 बेड बचे हैं। जिसमें 10 चौकिंयां नयी आयी हैं। शेल्टर होम के कमरे गंदगी और बिखरे सामान इसकी हकीकत को बयां कर रहे हैं। आश्रय स्थल में चादर और कंबल भी काफी गंदे व बदहाल मिले। जिले में ठंडक ने दस्तक दे दी है। शाम होते ही गुलाबी ठंड लोगों को स्वेटर और फुल बांह की शर्ट पहनने को मजबूर कर रही है।

निराश्रित लोगों ठिठुरती ठंड में खुले आसमान के नीचे न सोना पड़े। इसके लिए निकायों में आश्रय स्थल बनाए जाते हैं। वहीं ज्ञानपुर में जिले का इकलौता 50 बेड का स्थायी शेल्टर होम वीएनजीआईसी कॉलेज के ठीक सामने संचालित है। करीब पांच साल पहले बने इस पंडित दीनदयाल आश्रय स्थल की देखरेख का जिम्मा नगर पंचायत के ऊपर है। नगर पंचायत ने इसकी देखरेख के लिए कार्यदायी संस्था नामित की है, लेकिन कार्यदायी संस्था की अनदेखी के कारण शेल्टर होम दुर्दशा का शिकार हो रहा है। Street buzz News की टीम शेल्टर होम की पड़ताल की। जहां शेल्टर होम केवल 28 बेड मिले। उसमें भी कई ऐसे थे, जिस पर ढंग के बिस्तर भी नहीं पड़े हैं। शेल्टर के होम के कमरे गंदगी ऐसी पसरी थी। जैसे लग रहा था कि कई महीनों से इसकी सफाई नहीं की गयी है। इसके अलावा शौचालय व वाशरूम भी अच्छे तरीके से साफ नहीं मिले। ठंड के दस्तक के साथ निराश्रित लोगों को शेल्टर होम की जरूरत पड़ती है, लेकिन बिना चादर और कंबल के किस तरह से लोग रात बितायेंगे यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

भदोही में रानी लक्ष्मीबाई की संकल्प दिवस के रुप में मनी जयंती

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। रानी लक्ष्मीबाई की जयंती आज यानी 19 नवंबर को मनाई जा रही है। हर साल इस दिन झांसी की रानी की वीरता को नमन किया जाता है और अंग्रेजों के खिलाफ उनकी शौर्य गाथा को याद किया जाता है। स्कूल के दिनों से ही बच्चे-बच्चे को रानी लक्ष्मी बाई की जीवनी या शौर्य गाथा सुनाई जाने लगती है।

वह झांसी की रानी थीं, जो अपने पति और पुत्र को खो चुकी हैं और दत्तक पुत्र के लायक होने तक खुद एक महिला होकर झांसी का शासन संभाल रही थीं। हालांकि अंग्रेज हुकूमत ने झांसी को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने का प्रयास किया और झांसी के किले पर आक्रमण कर दिया। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के आक्रमण का मुंह तोड़ जवाब दिया। घोड़े पर सवार लक्ष्मी बाई की पीठ पर उनका पुत्र था और वह अंग्रेजों के सीने को चीरते हुए अपना रास्ता बना रही थीं।बनारस में 19 नवंबर 1828 को जन्मी लक्ष्मीबाई का बचपन का नाम मणिकर्णिका था। प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था।

उनके पिता मोरोपंत तांबे और मां भागीरथी सप्रे थीं। वह मनु चार साल की थीं, तभी उनकी मां की निधन हो गया। पिता बिठूर जिले के पेशवा बाजी राव द्वितीय के लिए काम करते थे। उन्होंने लक्ष्मी बाई का पालन पोषण किया। इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी, तीरंदाजी, आत्मरक्षा और निशानेबाजी की ट्रेनिंग ली। 14 साल की उम्र में 1842 में मनु की शादी झांसी के शासक गंगाधर राव नेवलेकर से कर दी गई। शादी के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई पड़ा। उस दौर में शादी के बाद लड़कियों का नाम बदल जाता था। विवाह के बाद लक्ष्मी बाई ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसकी मृत्यु महज चार महीने में ही हो गई।

बाद में उनके पति और झांसी के राजा का भी निधन हो गया। पति और बेटे को खोने के बाद लक्ष्मी बाई ने खुद ही अपने साम्राज्य और प्रजा की रक्षा की ठान ली।उस समय ब्रिटिश इंडिया कंपनी के वायसराय डलहौजी ने झांसी पर कब्जे का यह बेहतर समय समझा क्योंकि राज्य की रक्षा के लिए कोई नहीं था। उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई पर दबाव बनाना शुरू किया कि झांसी को अंग्रेजी हुकूमत के हवाले कर दें। रानी ने रिश्तेदार के एक बच्चे को अपना दत्तक पुत्र बनाया, जिनका नाम दामोदर थाअंग्रेजी हुकूमत ने दामोदर को झांसी का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया और झांसी का किला उनके हवाले करने को कहा। अंग्रेजों ने साम्राज्य पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन लक्ष्मी बाई ने काशी बाई समेत 14000 बागियों की एक बड़ी फौज तैयार की। 23 मार्च 1858 को ब्रिटिश फौज ने झांसी पर आक्रमण कर दिया और 30 मार्च को बमबारी करके किले की दीवार में सेंध लगाने में सफल हुए। 17 जून 1858 को लक्ष्मीबाई आखिरी जंग के लिए निकली। पीठ पर दत्तक पुत्र को बांधकर हाथ में तलवार लिए झांसी की रानी ने अंग्रेजों से जंग की। लाॅर्ड कैनिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मीबाई को एक सैनिक ने पीछे से गोली मारी। फिर एक सैनिक ने एक तलवार से उनकी हत्या कर दी।नगर पंचायत स्थित शहीद मार्क में मंगलवार को लक्ष्मीबाई की जयंती संकल्प दिवस के रुप में मनाया गया। बाबा बर्फानी ग्रुप के लोगों ने झांसी की रानी को नमन कर उनके व्यक्तित्व को आत्मसात करने का संकल्प लिया। रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर चर्चा की गई। इस दौरान बाबा बर्फानी ग्रुप के अध्यक्ष ब्रह्मा मोदनवाल ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में 19 नवंबर वर्ष 1828 में हुआ था ‌बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका था। सब उन्हें प्यार से मनु कहकर बुलाते थे। सिर्फ चार साल की उम्र में ही उनकी माता का निधन हो गया था। इसलिए मनु के पालन - पोषण की जिम्मेदारी उनके पिता पर आ गई थी। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हुई थी। झांसी की रानी के नाम मात्र से ही अंग्रेज कांप उठते थे। रानी लक्ष्मीबाई के व्यक्तित्व को आत्मसात कर उनके बताए मार्ग पर चलने की जरूरत है। इनके त्याग व बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।