प्रशासन की अनदेखी का शिकार सुकमा का गोगुंडा गांव, मलेरिया से पखवाड़े भर में 10 आदिवासियों की हुई मौत…
सुकमा- 2,200 से अधिक जनसंख्या वाला सुकमा जिले का गोगुंडा गांव आज भी बुनियादी सेवाओं के लिए तरस रहा है. नक्सली दहशत और दुर्गम पहाड़ी इलाका में बसा यह गांव बीते 15 दिनों में 10 आदिवासियों की मौत के बाद चर्चा में है.
गोगुंडा हमेशा से मलेरिया हाई-रिस्क जोन रहा है. 2018 में यहां 350 से अधिक मलेरिया के मामले सामने आए थे, जो 2020 में बढ़कर 587 तक पहुंच गया. इसके बावजूद प्रशासन ने कभी भी इस क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया, जिसका परिणाम है कि बीते 15 दिनों में 10 आदिवासियों की मलेरिया से मौत हो गई. अब खानापूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब तक 400 ग्रामीणों की जांच की, जिनमें 158 मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें 43 बच्चे भी शामिल हैं. हालत देखिए स्वास्थ्य अमले के पास केवल मलेरिया जांच की आरडी किट है. अन्य बीमारियों की जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है. मरीजों को लक्षण के आधार पर ही दवाइयां दी जा रही हैं. अगर कोई अन्य बीमारी ग्रामीणों को हुई, तो काफी खतरनाक साबित हो सकती है.
मलेरिया से ग्रामीणों की मौत महज एक उदाहरण है गोगुंडा गांव के प्रति प्रशासन की उदासीनता का. गोगुंडा की स्थिति प्रशासन की असफलता की कहानी बयां करती है. नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में केवल खानापूर्ति नहीं बल्कि ठोस और निरंतर प्रयासों की जरूरत है. क्या सरकार इस ओर ध्यान देगी या गोगुंडा जैसे गांव इसी हाल में रहने को मजबूर रहेंगे?
पहुंच में बाधा
गांव तक पहुंचने के लिए 8 किमी लंबी खड़ी पहाड़ी चढ़नी पड़ती है. राशन और दवाइयां पहुंचाने में ग्रामीणों की मदद ली जा रही हैस लेकिन पर्याप्त दवाइयों की कमी से इलाज प्रभावित हो रहा है.
पानी की समस्या
गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. गांव में हैंडपंप तक नहीं हैं. ग्रामीण खुद एक दर्जन से अधिक रिंग कुएं बनाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
बिजली की समस्या
क्रेडा विभाग द्वारा लगाए गए सोलर लाइट्स खराब हो चुके हैं. ऐसे में गांव में शाम 6 बजे के बाद घना अंधेरा छा जाता है.
बदहाल स्वास्थ्य सेवा
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं हैं. मात्र 6 कर्मचारी बड़ी आबादी के इलाज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
नक्सली प्रभाव और
गोगुंडा नक्सली गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. गांव में प्रशासन की अन्य योजनाएं पहुंच ही नहीं पातीं स्वास्थ्य केंद्र की दीवारों पर सरकार के विरोधी नारे लिखे गए हैं, जो स्पष्ट संकेत देते हैं कि यह इलाका प्रशासन की पकड़ से बाहर है.
क्या चाहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों का कहना है कि उनके लिए स्थायी समाधान की जरूरत है. उन्हें नियमित स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत सुविधाएं और नक्सल भय से मुक्त जीवन चाहिए.

सुकमा- 2,200 से अधिक जनसंख्या वाला सुकमा जिले का गोगुंडा गांव आज भी बुनियादी सेवाओं के लिए तरस रहा है. नक्सली दहशत और दुर्गम पहाड़ी इलाका में बसा यह गांव बीते 15 दिनों में 10 आदिवासियों की मौत के बाद चर्चा में है. 
रायपुर- आखिरकार छत्तीसगढ़ में ठंड का असर नजर आया शुरू हो गया है. प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से दो डिग्री तक नीचे तापमान पहुंच गया है. इसके साथ ही आगामी पांच दिनों तक तापमान में विशेष बदलाव आने की आशंका कम है.
आरंग- प्रदेश में शासकीय शिक्षकों के नेटवर्क मार्केटिंग एजेंट बनने की लगातार खबरों के बीच आरंग में भी यह संक्रमण फैलता जा रहा है. स्कूल में बच्चों को पढ़ाना छोड़ कर ये लापरवाह शिक्षक नेटवर्क मार्केटिंग का एजेंट बनकर इसके फायदे बता रहे है.
बिलासपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुरक्षा में एक बड़ी चूक हो गई. रिवर व्यू के कार्यक्रम के दौरान अनुमति नहीं होने के बावजूद ड्रोन को उड़ाया जा रहा था. सिविल लाइन पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से ड्रोन भी बरामद किया गया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का शनिवार को बिलासपुर दौरा था. इस दौरान वह अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए. ऐसा ही एक कार्यक्रम अरपा रिवर व्यू में रखा गया था. इस दौरान क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया था. इसके बावजूद आसमान में बिना अनुमति के ड्रोन उड़ रहा थे. यह ड्रोन मुख्यमंत्री के आसपास भी मंडराता नजर आया.
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की रायपुर से बिलासपुर ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी सहजता एवं सरलता ने यात्रियों का दिल जीत लिया। उन्होंने यात्रियों से आत्मीय चर्चा के दौरान कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य यही है कि मैं आमजन के मन में क्या है, उनकी सरकार से इच्छा और अपेक्षाएं क्या है,यह जान सकूं। हमारी सरकार के काम को लेकर लोग क्या सोचते हैं, इसको जानने का यह यात्रा मुझे अच्छा अवसर देगी, इसीलिए मैंने बिलासपुर जाने के लिए ट्रेन का सफर चुना। बातचीत के दौरान उन्होंने यात्रियों से कुशलक्षेम पूछते हुए सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी चर्चाएं भी की।
रायपुर- इस वर्ष फरवरी से अब तक रायपुर जिले में कुल 7970 अपराध दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल के इसी अवधि में दर्ज 8224 अपराधों के मुकाबले 3 प्रतिशत कम हैं. यह आंकड़ा रायपुर पुलिस ने जारी किया है. रायपुर पुलिस की तरफ से अपराधों में कमी लाने के लिए प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों, बदमाशों पर कार्रवाई, विजिबल पुलिसिंग और नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अब ट्रेन से भी प्रदेश के विविध क्षेत्रों का दौरा करेंगे। यह निर्णय श्री साय ने उस वक्त अचानक लिया जब बिलासपुर में आयोजित कवि सम्मेलन में शामिल होने के लिए बिलासपुर जाने की तैयारियों की बात चली।

रायपुर- महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की कार को कुसमी जाते वक्त ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी, जिससे उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. हादसे में मंत्री और उनके साथ चल रहे लोग सुरक्षित रहे, जिससे सभी ने राहत की सांस ली. इस हादसे सूचना मिलते ही सीएम विष्णुदेव साय ने मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से फोन पर बात की और उनका हालचाल जाना.

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के शंकर नगर में काशी स्पाइन हॉस्पिटल का लोकार्पण किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक मोती लाल साहू और पुरंदर मिश्रा, पूर्व विधायक विजय अग्रवाल, अस्पताल परिवार के संतोष अग्रवाल, लीलाधर सुल्तानिया, डॉ. विमल अग्रवाल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अस्पताल के संचालकों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
Nov 25 2024, 13:27
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