सीएम नीतीश ने निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क तथा राज्य आपदा मोचन बल, मुख्यालय के निर्माण कार्य की प्रगति का लिया जायजा, दिए कई दिशा-

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज रविवार को निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क तथा राज्य आपदा मोचन बल, मुख्यालय के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

निर्माणाधीन बिहटा दानापुर एलिवेटेड सड़क के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को एन०एच०ए०आई० तथा निर्माण कम्पनी के अधिकारियों ने कन्हौली में बने सेगल इंडिया लिमिटेड के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निर्माण कार्य के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि इस पथ की कुल लंबाई 25.081 कि०मी० है। यह पटना-बक्सर 4 लेन सड़क का हिस्सा है। इस पथ में चार बाईपास का निर्माण भी हो रहा है। पहला बाईपास नेऊरागंज के पास 1.20 कि०मी० का, दूसरा पैनाल के पास 1.75 कि0मी0 का, तीसरा कन्हौली के पास 1.70 कि०मी० का, चौथा विशुनपुरा के पास 0.600 कि०मी० का है। इस पथ के निर्माण कार्य में राज्य सरकार की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है।

वहीं निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें, इससे लोगों का आवागमन और सुलभ होगा साथ ही उनके समय की भी बचत होगी। इस पथ को दानापुर स्टेशन के पास के आर०ओ०बी० से जोड़ा जाएगा। इसके निर्माण से बिहटा एयरपोर्ट जाना सुगम हो जाएगा।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री बिहटा के दिलावरपुर में बनाए जा रहे राज्य आपदा मोचन बल (एस०डी०आर०एफ०) मुख्यालय के भवन के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने साइट प्लान के माध्यम से स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एस०डी०आर०एफ०) के निर्माणाधीन कैंपस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परिसर में विभिन्न भवनों- प्रशासनिक भवन, 500 क्षमता का ऑडिटोरियम, 290 प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण केन्द्र, 30 जवानों की त्वरित आपदा टीम भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, बाढ़ राहत के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल तथा 108 पदाधिकारियों, 150 कर्मचारियों के लिए पारिवारिक आवासन एवं 330 जवानों के लिए बैरक का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराया जा रहा है। योजना के प्रथम चरण अन्तर्गत प्रशासनिक भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, प्रशिक्षण भवन, त्वरित आपदा टीम भवन, बैरक, कमाण्डेंट आवास, डिप्टी कमाण्डेंट आवास, कांस्टेबल आवास एवं मेस का निर्माण अंतिम चरण में है जिसे जनवरी 2025 तक एवं शेष भवनों का निर्माण जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एस०डी०आर०एफ०) मुख्यालय परिसर में बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन०डी०आर०एफ०) की तर्ज पर वर्ष 2010 में राज्य आपदा मोचन बल (एस०डी०आर०एफ०) का गठन किया गया। पहले राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को प्रशिक्षण केन्द्र के अभाव में प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था। अब इन समस्याओं के समाधान हेतु राज्य आपदा मोचन बल के लिए स्थायी संरचना निर्माण किया जा रहा है। जवानों एवं अधिकारियों के रहने सहित अन्य सुविधाओं की यहां व्यवस्था की जा रही है ताकि जवानों को सभी कार्यों के निष्पादन में सहूलियत हो सके।

निरीक्षण के दौरान विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप पुदुकलकट्टी, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, राज्य आपदा मोचन बल के कमांडेंट मो० फरोगुद्दीन सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहे।

देश जात पात नहीं, सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है : अरविन्द सिंह

डेस्क : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और बिहार एवं अन्य राज्यों के उपचुनावों में एनडीए को जनता का भरपूर समर्थन मिला है,जिससे साफ है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर है,और दूसरा सबसे बड़ा स्टील एवं सीमेंट निर्माता है। वहीं चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है।

श्री अरविन्द ने कहा कि साथ ही आज भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया का हर देश विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जबकि राजद कांग्रेस जैसी पार्टियों देश को जात-पात में बाटकर अपना स्वार्थ और अपने एजेंडा साधने में लगे हुआ है। वहीं देश की जनता ने एक रहोगे तो सेफ रहोगे मूल मंत्र मानकर एनडीए को प्रचंड समर्थन देकर दिखा दिया कि देश की जनता जात पात नहीं,सिर्फ और सिर्फ विकास चाहती है।

घरेलू विवाद में पति-पत्नी ने उठाया खौफनाक कदम, जहर खा दोनो ने दी जान

डेस्क : बिहार के नालंदा जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां पति-पत्नी ने मामूली घरेलू विवाद ने जहर खाकर अपनी जान दे दी है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले के नूरसराय थाना क्षेत्र के नदीऔना गांव में आज रविवार को पति-पत्नी ने घरेलू विवाद के चलते जहर खा लिया। मृतकों की पहचान अरुण कुमार और उनकी पत्नी नीलू देवी के रूप में हुई है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि सुबह दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। दोनों को गंभीर हालत में सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

मृतक के भतीजे संटू ने बताया कि आपसी झगड़ा के बाद चाचा-चाची ने आत्महत्या कर ली। दोनों सुबह-सुबह झगड़ रहे थे लोगों को यह लग रहा था कि पति-पत्नी का झगड़ा है खुद निपट लेंगे। लेकिन जब पता चला कि दोनों ने खुदकुशी कर ली है तब इलाके में हड़कंप मच गया।

मृतका की बेटी ने भी बताया कि मां-बापू जी झगड़ने के दौरान इतना बड़ा कदम उठा लिये हैं। इस घटना से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

फिलहाल, विवाद का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

चिंता : राजधानी पटना के इस इलाके की वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचा 400 के पार, प्रदेश के इन शहरों की आवोहवा लगातार हो रही खराब

डेस्क : राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई शहर का आवोहवा प्रदूषण बढता जा रहा है। वहीं राजधानी पटना का पॉस इलाका समनपुरा की स्थिति सबसे खराब है। इस इलाके का शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 424 तक पहुंच गया।

बीते शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जारी सूची के अनुसार बिहार में सबसे प्रदूषित शहर कटिहार रहा। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 है, जो खराब श्रेणी में माना जाता है। इधर राजधानी में समनपुरा की आवोहवा भी लगातार खराब होती जा रही है। इस इलाके का शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 424 तक पहुंच गया।

जिन इलाकों में निर्माण कार्य बगैर मानक के किया जा रहा है वहां प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। हालांकि पटना नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि स्प्रींकल मशीन शहर की मुख्य सड़कों को छोड़ कहीं अन्य जगहों पर भ्रमण नहीं करती है इसीलिए प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है।

प्रदेश के जिन शहरों की आवोहवा खराब है उसमें कटिहार के अलावा हाजीपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 351, बक्सर 318, पटना 298, मुजफ्फरपुर 293, भागलपुर 282, बिहारशरीफ 260, छपरा, 200, किशनगंज 227, मुंगेर 214, पूर्णिया 285, सासाराम 245, सहरसा 286 शामिल है। राजधानी पटना में समनपुरा का 424, राजवंशीनगर का 308, , तारामंडल का 262, दानापुर का 319, गांधी मैदान का 302 तथा पटना सिटी का 174 वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा।

विस उपचुनाव में चारो सीटों पर एनडीए की जीत से बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी, जदयू भी हुआ मजबूत

डेस्क : बिहार विधान सभा के चार सीटों पर हुए उपचुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत हुई है। एनडीए ने महागठबंधन और खासकर राजद को बड़ा झटका देते हुए चारों सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं उपचुनाव के परिणाम ने बिहार में एनडीए को और विस्तार दिया है। राज्य में सत्ताधारी दल की ताकत पहले की तुलना में अब और बढ़ गई है। जहां एनडीए के तीन घटक दल जदयू, भाजपा, हम के विधायकों की संख्या बढ़ गई है, वहीं महागठबंधन में राजद और भाकपा माले की ताकत पहले की तुलना में कम हो गई है।

राजद -कांग्रेस के बागी विधायकों की संख्या को जोड़ दें तो 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए का आंकड़ा 137 हो चुका है। वहीं विपक्षी खेमे के विधायकों की संख्या अब 106 ही रह गई है। भाजपा पहले ही नंबर वन पार्टी बन चुकी थी। रामगढ़ और तरारी में जीत के बाद भाजपा विधायकों की संख्या सदन में 78 से बढ़कर 80 हो गई है।

बेलागंज में जीत के बाद जदयू विधायकों की संख्या 44 से बढ़कर 45 हो गई है। वहीं हम की संख्या फिर से चार हो गई है। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी के सांसद बनने के बाद उनकी बहू दीपा मांझी इमामगंज से चुनकर सदन में आ गई हैं। एनडीए के खेमे में निर्दलीय सुमित सिंह पहले से ही हैं। वे सरकार में मंत्री भी हैं। दूसरे निर्दलीय शंकर प्रसाद का झुकाव भी सत्ताधारी दल की ओर ही है।

राजद विधायकों की संख्या तकनीकी तौर पर 77 है, लेकिन उसके चार विधायक बगावत कर सरकार के साथ जा चुके हैं। ऐसे में राजद के वास्तविक विधायकों की संख्या 73 ही रह गई है। इसी तरह कांग्रेस के 19 विधायक हैं, लेकिन इनके भी दो विधायक पाला बदलकर सरकार के साथ जा चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस के भी मौजूदा विधायकों की संख्या 17 ही रह गई है।

मौसम का मिजाज : बिहार में बढ़ने लगने का ठंढ का प्रकोप, राजधानी पटना समेत इन शहरों के तापमान में आई गिरावट

डेस्क : बिहार में ठंढ ने अपना असर दिखने लगा है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के 24 शहरों में दिन के तापमान में गिरावट आई है। वहीं पटना सहित 28 शहरों का न्यूनतम तापमान नीचे आया है। राज्यभर में सबसे ठंडी रात सीवान के जीरादेई में रही। यहां न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं सर्वाधिक न्यूनतम तापमान अररिया के फारबिसगंज में 17.2 डिग्री रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिले आंकड़ों से पता चला कि राज्य के अलग-अलग भागों में न्यूनतम तापमान की स्थिति अलग-अलग है। पछुआ का प्रभाव स्थापित होने में हुई लेटलतीफी से ठंड अपने रंग में नहीं दिखा है। अगले एक हफ्ते में तापमान में गिरावट के आसार हैं। इस बीच कई जगहों पर कोहरे की सघनता बढ़ेगी।

बीते शनिवार को पटना के न्यूनतम तापमान में 1.9 डिग्री की कमी आई। न्यूतम तापमान में आई गिरावट से रात में ठंड बढ़ी है। दिन में धुंध की भी आंशिक बढ़ोतरी रविवार को देखी गई। वहीं राजधानी का अधिकतम तापमान में 0.8 डिग्री की बढ़ोतरी हुई। राज्यभर में न्यूनतम तापमान में सबसे अधिक कमी 4.2 डिग्री जमुई में आई। इसके अलावा शेखपुरा में 3.6 डिग्री, नालंदा में 3.8 डिग्री, वैशाली में 2.1 डिग्री कमी आई है। गया में न्यूनतम तापमान दो डिग्री नीचे आया है। मुंगेर में 3.1 डिग्री की कमी दर्ज की गई।

शिक्षा विभाग का नया फरमान : 6 माह के विशेष प्रशिक्षण के बाद ही बी.एड डिग्रीधारी शिक्षकों को मिलेगा यह लाभ

डेस्क : बिहार में छठे चरण की शिक्षक बहाली में नियुक्त बीएड डिग्रीधारियों के वेतन को लेकर नया विवाद उभर आया है। कक्षा 1 से 5 के लिए बहाल बीएड शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ तभी मिलेगा जब वे छह महीने का विशेष प्रशिक्षण पूरा करेंगे।

दरअसल जमुई जिले से जारी एक आदेश के अनुसार कक्षा 1 से 5 के लिए बहाल बीएड शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ तभी मिलेगा जब वे छह महीने का विशेष प्रशिक्षण पूरा करेंगे। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के तरफ से जो आदेश जारी किया गया है। उसमें कहा गया है कि नियुक्ति के समय बीएड योग्यता होने के बावजूद,शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। पहले जिन शिक्षकों को दो साल की सेवा के बाद प्रशिक्षित वेतनमान दिया गया था, उनका आदेश भी रद्द कर दिया गया है। अब सभी प्रभावित शिक्षकों को अप्रशिक्षित वेतनमान मिलेगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी के मुताबिक, नियुक्ति के समय बीएड योग्यता होने के बावजूद, शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। पहले जिन शिक्षकों को दो साल की सेवा के बाद प्रशिक्षित वेतनमान दिया गया था, उनका आदेश भी रद्द कर दिया गया है। अब सभी प्रभावित शिक्षकों को अप्रशिक्षित वेतनमान मिलेगा।

इस फैसले से शिक्षक वर्ग में काफी रोष है। उनका कहना है कि नियुक्ति के समय बीएड योग्यता मांगी गई थी और अब प्रशिक्षण की शर्त जोड़ना उनके अधिकारों का हनन है।शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति के समय बीएड योग्यता को मान्य किया गया था और अब उन्हें अप्रशिक्षित वेतन दिया जाना उनके अधिकारों का हनन है।

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव का गेम बिगाड़ा, उपचुनाव में ऐसे बदली सियासी तस्वीर

बिहार के उपचुनाव से सियासी दमखम दिखाने उतरे प्रशांत किशोर की पार्टी बुरी तरह पिट गई है. विधानसभा उपचुनाव की 4 में से 3 सीटों पर जनसुराज के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई है. एक सीट पर तो पार्टी के उम्मीदवार चौथे नंबर पर पहुंच गए. पीके के साथ हुए इस सियासी खेल की बिहार से लेकर दिल्ली तक चर्चा है.

हालांकि, खुद बुरी तरह हारने वाले पीके ने उपचुनाव में तेजस्वी यादव को जरूर नुकसान पहुंचाया है. पीके की वजह से तेजस्वी के एक उम्मीदवार हार गए हैं तो दूसरे उम्मीदवार सियासी दांवपेच मे फंस गए हैं.

चारों सीट पर पीके के उम्मीदवार हारे

तराड़ी सीट पर प्रशांत किशोर ने किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया था. किरण यहां पर सिर्फ 5622 वोट ला पाईं. बीजेपी के विशाल प्रशांत ने इस सीट से जीत हासिल की है. माले के उम्मीदवार यहां दूसरे नंबर पर रहे. 2020 के चुनाव में माले को यहां जीत मिली थी.

रामगढ़ सीट पर प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सुशील यहां लड़ाई में भी नहीं दिखे. सुशील को इस सीट पर 6513 वोट मिले. बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने यहां से जीत हासिल की है.

ईमामगंज सीट पर प्रशांत ने जितेंद्र पासवान को खड़ा किया था. यहां से जीतन राम मांझी की बहू चुनाव लड़ रही थी. पीके के उम्मीदवार यहां जमानत बचाने में कामयाब रहे हैं. पीके उम्मीदवार को यहां पर करीब 35 हजार वोट मिले हैं.

बेलागंज सीट पर जेडीयू की मनोरमा देवी ने जीत हासिल की है. यहां पर पीके के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे हैं. उन्हें सिर्फ 17 हजार वोट मिले हैं.

पीके ने सभी को पटकने का किया था दावा

इसी साल 2 अक्टूबर को जनसुराज लॉन्च करते हुए पीके ने दावा किया था कि बिहार के चुनाव से पहले ही सभी पार्टियों को पटखनी देंगे. पीके ने कहा था कि बिहार के उपचुनाव में सबको हराकर एक मैसेज देंगे. इसके बाद से ही पीके फील्डिंग में जुट गए थे.

प्रशांत खुद इन सीटों पर कैंपेन को लेकर मोर्चा खोले हुए थे. लगातार घूम-घूमकर प्रचार कर रहे थे. हालांकि, उनकी कवायद काम नहीं आई.

तेजस्वी यादव का खेल जरूर खराब हुआ

बिहार उपचुनाव के जो नतीजे आए हैं, उसमें प्रशांत किशोर के साथ-साथ आरजेडी को भी झटका लगा है. आरजेडी इस उपचुनाव में सीटिंग की 2 सीटें हार गई है. ईमामगंज में आरजेडी उम्मीदवार को करीब 6 हजार वोटों से हार मिली है. यहां पर पीके के उम्मीदवार को 35 हजार वोट मिले हैं.

इसी तरह बेलागंज में आरजेडी के विश्वनाथ सिंह 21 हजार वोट से हार गए हैं. यहां पीके के उम्मीदवार को करीब 18 हजार वोट मिले थे. पीके ने बेलागंज में मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था.

सियासी मिजाज को समझने में चूक गए पीके

प्रशांत किशोर राजनीति में आने से पहले चुनावी रणनीतिकार थे. उन्हें सियासी समझ भी है, लेकिन बिहार के उपचुनाव में जिस तरह से उनकी पार्टी की दुर्गति हुई है. उससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार के सियासी मिजाज को समझने में पीके चूक गए?

बिहार की जिन 4 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, वो सभी सीटें दक्षिण बिहार की है. इनमें भोजपुर की तराड़ी, गया की ईमामगंज और बेलागंज और कैमूर की रामगढ़ सीट शामिल हैं.

अब आगे क्या करेंगे प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर की नजर 2025 के विधानसभा चुनाव पर है. बिहार में अक्टूबर 2025 में विधानसभा की 243 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित है. कहा जा रहा है कि पीके उपचुनाव के जरिए लिटमस टेस्ट करना चाह रहे थे.

आने वाले वक्त में जनसुराज की राजनीति में इसका असर देखने को मिल सकता है. पीके के उम्मीदवार इस बार वोटकटवा ही साबित हुए हैं. ऐसे में पीके अगली बार उम्मीदवारों के सिलेक्शन में भी सावधानी बरत सकते हैं.

बिहार चुनाव परिणाम: दिग्गजों की साख दांव पर, कौन जीता और कौन हारा? यहाँ जानें विस्तार से

इस चुनाव को अग्रिपरीक्षा कहें तो गलत न होगा। इस बार दांव पर सरकार नहीं, बल्कि सरकार और विपक्ष के दिग्गजों की साख थी।

तरारी, बेलागंज, रामगढ़, इमामगंज में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि उनके सरपरस्तों का इम्तिहान था। वोट की गिनती के बीच उम्मीदवार से ज्यादा उनके अपने बेचैन थे। वजह भी थी, बात अगर रामगढ़ की करें तो यहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह मैदान में थे। तरारी में दिग्गज और पूर्व MLC सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत बीजेपी के टिकट पर पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे। वहीं बेलागंज में वर्तमान सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को राजद ने मैदान में उतारा। जबकि इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी थीं।

मांझी, जगदानंद, सुनील पांडे, PK की अग्निपरीक्षा

इन सबके बीच अगर किसी एक शख्स की अग्निपरीक्षा सबसे कठिन थी तो वो थी जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर की। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने अपनी मुहिम में काफी जोर लगाया। लेकिन नतीजों में उन्हें जनता ने पास नहीं किया।

चारों सीटों की हाइलाइट एक जगह पढ़ लीजिए

पहली सीट तरारी- एक युवा और नौसिखिए नौजवान BJP उम्मीदवार ने CPI ML के राजू यादव और जनसुराज के उम्मीदवार किरण सिंह को अकेले पानी पिला दिया। उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की।

दूसरी सीट बेलागंज- यहां JDU की मनोरमा देवी ने RJD के विश्वनाथ यादव को आसानी से शिकस्त दे दी। उम्मीदवार के पिता और राजद सांसद सुरेंद्र यादव के वोटरों को अपने पाले में करने के सारे दांव फेल हो गए।

तीसरी सीट इमामगंज- इस सीट पर काफी कड़ा मुकाबला रहा। यहां केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी बड़ी मुश्किल से जीत पाईं।

उन्हें आखिर तक RJD के रौशन मांझी ने कड़ी टक्कर दी।

चौथी सीट रामगढ़- यहां का मुकाबला तो सांस रोक देने वाला रहा। कयास लगाए जा रहे थे कि राजद के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह सांसद बन चुके बड़े भाई सुधाकर सिंह की सीट बरकरार रखेंगे। लेकिन ये क्या, उन्हें जनता ने तीसरे नंबर पर ढकेल दिया। आखिर में BJP के अशोक सिंह और BSP के सतीश यादव के बीच दिल की धड़कन रोक देने वाली टक्कर हुई। आखिर में बीजेपी के अशोक सिंह मामूली अंतर से चुनाव जीते।

बिहार उपचुनाव परिणाम: एनडीए दो सीटों पर आगे, तरारी में एनडीए जीत का लहराया परचम .

बिहार विधानसभा उपचुनाव में जीत का सेहरा किस गठबंधन के सिर बंधेगा, इसका फैसला आज होगा। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हो चुकी है और दोपहर होते-होते तस्वीर साफ हो जाएगी। नतीजों से जुड़ा हर अपडेट यहां देखें।

इमामगंज में ग्यारहवें राउंड में भी केंद्रीय मंत्री मांझी की बहू पहले नंबर पर

इमामगंज विधानसभा से ग्यारहवें राउंड का रुझान आ गया है। इसमें केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू और हम की प्रत्याशी दीपा कुमारी पहले नंबर पर रही। उन्हें 45523 वोट मिले हैं। दूसरे नंबर पर राजद प्रत्याशी रोशन कुमार मांझी हैं। उन्हें 41651 वोट मिले हैं। वहीं तीसरे नंबर पर जनुसराज पार्टी के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान हैं। उन्हें 32902 वोट मिले हैं। इमामगंज में

तरारी विधानसभा से भाजपा के विशाल प्रशांत जीते

तरारी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्यासी विशाल प्रशांत की जीत हो गई है। उन्होंने भाकपा माले के राजू यादव को करीब 11 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया है। प्रशांत किशोर की पार्टी की प्रत्याशी किरण सिंह तीसरे नंबर पर रहीं। हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है। एनडीए के समर्थकों में जश्न का माहौल है।

बेलागंज में सातवें राउंड में भी जदयू पहले नंबर पर

बेलागंज विधानसभा में सातवें राउंड का रुझान आ गया है। इसमें जदयू की मनोरमा देवी आगे चल रही हैं। उन्हें 44612 वोट मिले हैं। वहीं राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह को 31250 वोट मिले हैं। वह दूसरे नंबर पर हैं। जनसुराज के मो. अमजद को 12898 वोट मिले हैं। वह तीसरे नंबर पर हैं।