महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम: महायुति की जीत के बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने क्या कहा? जानें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. कई सीटों पर जीत-हार का ऐलान हो चुका है. कई जगह अभी काउंटिंग जारी है. महायुति (बीजेपी, शिवसेना ‘एकनाथ शिंद’, एनसीपी ‘अजित पवार’) 220 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए ये ऐतिहासिक जीत है. चुनाव परिणाम को लेकर महायुति के तीनों दलों (देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, एकनाथ शिंदे) के बड़े नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आइए जानते हैं किस नेता ने क्या कहा…

चुनाव परिणाम पर अजित पवार ने कहा, लोकसभा में हमसे जो भी गलतियां हुई थीं, हमने उनको दुरुस्त करने की कोशिश की. हमने कुछ योजनाएं शुरू कीं. इसमें लाडली बहन योजना भी थी, जो निर्णायक साबित हुई. जब से मैं राजनीति कर रहा हूं, मैंने कभी नहीं देखा कि राज्य में किसी गठबंधन को 2 सौ से ज्यादा सीटें मिली हों. इस चुनाव में हमारी विरोधी पार्टियां पस्त हो गईं.

हमने आंकड़े देखे और देवेंद्र को फोन किया

अजित ने कहा, जैसे-जैसे हमने आंकड़े देखे और देवेंद्र को फोन किया और कहा कि हमें बहुत काम करना होगा. हमें केंद्र सरकार का सपोर्ट है, ये बड़ा आधार है. आज इन नतीजों को लेकर बहुत सारे लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं. ये वही लोग हैं जो लोकसभा चुनाव में खुश थे. राज्य का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जहां हमें निराशा मिली हो.

उन्होंने कहा, बहुत जगह अभी वोटों की गिनती चल रही है. हमारी सीटें और भी बढ़ सकती हैं. हमें लोगों के लिए बहुत काम करना पड़ेगा क्योंकि लोगों ने इतनी बड़ी जीत दी है. जनता ने जो भरोसा जताया है, उस पर हम खरे उतरेंगे. लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम राज्य को आगे ले जाएंगे.

जनता के भरोसे को हम कायम रखेंगे

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, थोड़ी देर पहले ही मैंने अपनी बात रखी है. मैं राज्य की जनता के सामने नतमस्तक हूं. ये जीत हमारी जिम्मेदारी बढ़ाने वाली जीत है. जनता ने पीए मोदी पर भरोसा जताया है. जनता के भरोसे को हम कायम रखेंगे.

एकनाथ शिंदे ने कहा, आज महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक दिन है. पिछले बहुत सालों से आप चुनाव देख रहे हैं लेकिन यह चुनाव लोगों ने अपने हाथ में लिया था. यह ऐतिहासिक विजय है. लोगों ने हम पर प्रेम और वोटों की बारिश की है. लाडली बहन योजना, लाडला किसान योजना को लेकर लोगों ने बहुत प्रेम जताया है. इसके लिए मैं जनता का आभार व्यक्त करता हूं.

हमने सबके लिए काम किया

उन्होंने कहा, पिछले सवा दो साल में हमने बहुत काम किया है. हमने जो फैसला लिए वो पहले कभी नहीं लिए गए. महाविकास अघाड़ी ने जो काम बंद कर दिए थे, हमने वो शुरू किए. हमने चुनाव में कहा था कि पूरे राज्य का विकास हो और सभी को लाभ मिले. अटल सेतु, मेट्रो जैसे हमने कल्याणकारी काम किए. जिसका हमें लाभ भी मिला.

शिंदे ने कहा, हमने बुजुर्गों के लिए काम किया. किसानों के लिए काम किया. किसानों को हमने 15 हजार करोड़ का मुआवजा भी दिया है. हमारा मकसद राज्य को आगे लेकर जाना है. केंद्र सरकार से हमें इसके लिए मदद मिलती रही. लोग हम पर आरोप लगाते रहे कि हम रेवड़ियां बांट रहे हैं. हमने इन आरोपों का सामना किया. लाडली बहन योजना जैसी योजनाओं का बहनों को लाभ मिला. हमने इसका प्रोसेस भी सरल किया. जिससे लोगों को भरोसा हुआ कि बात करने वाली नहीं काम करने वाली सरकार है.

लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया

उन्होंने कहा, ये आम लोगों की सरकार है. लोगों को इस बात का भरोसा है. हम कॉमन मैन के लिए काम करके उसे सुपरमैन बनाना चाहते हैं. विपक्ष ने लोकसभा के चुनाव में फेक नैरेटिव चलाया था. बावजूद इसके लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया और उनको फिर से पीएम बनाया. हम जब से सत्ता में आए तब से ये लोग सरकार गिरने की बातें कर रहे थे. हमने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया. हमने अपने काम से जवाब दिया. हम लोग जनता के बीच रहने वाले लोग हैं.

शिंदे ने कहा, कार्यकर्ता घर में नहीं लोगों के दरवाजे पर अच्छा लगता है. 2019 में जो सरकार बननी चाहिए थी वो सरकार नहीं बनी, ये चीज लोगों को पसंद नहीं आई. फिर लोगों ने तय कर लिया कि शिवसेना और एनसीपी किसकी है… शिंदे की इस बात पर देवेंद्र और अजित खिलखिलाकर हंस पड़े.

उन्होंने कहा, इस चुनाव में हमने मिलकर काम किया. मोदी जी ने विकास के लिए एक साथ आने की अपील की थी, लोगों ने इसका गलत अर्थ निकालने की कोशिश की, जिन लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, उन्हें जवाब मिल चुका है. शिंदे ये बात पीएम मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर कही.

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद गौतम अडानी के अच्छे दिन आएंगे? महायुति की जीत के बाद अडानी के शेयरों में तेजी की उम्मीद.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ महायुति की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है. भले ही अभी ये तय ना हो कि राज्य में चीफ मिनिस्टर के तौर पर कौन शपथ लेगा? यहां एक सवाल और भी है, वो ये कि इस जीत के बाद क्या गौतम अडानी के अच्छे दिन आएंगे? ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योकि गौतम अडानी चुनाव के दौरान एक प्रमुख मुद्दा थे. जिसे विपक्ष ने भुनाने की कोशिश की थी. विपक्ष के नेताओं ने तो यहां तक कह डाला था कि अगर उनकी महाराष्ट्र में सरकार बनी तो अडानी के तमाम प्रोजेक्ट्स को कैंसल कर दिया जाएगा. जिसमें धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट काफी अहम हैं.

इसके अलावा अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से आई रिपोर्ट और गिरफ्तारी वॉरंट की खबर के बाद गुरुवार को शेयरों में काफी बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. शुक्रवार को रिकवरी जरूर हुई, लेकिन शेयरों में गिरावट जारी रही. महायुति की सरकार बनने के बाद क्या इन शेयरों में भी इजाफा देखने को मिलेगा? आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर महाराष्ट्र की जीत गौतम अडानी के लिए क्यों अहम बन गई है और इसका फायदा गौतम अडानी को कैसे मिल सकता है?

महाराष्ट्र में महायुति जीत, फोकस में अडानी के शेयर

सोमवार को शेयर बाजार जब ओपन होगा तो अडानी ग्रुप के शेयर फोकस में रहेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है महाराष्ट्र में महायुति यानी बीजेपी की अगुवाई में मिली जीत का असर गौतम अडानी के शेयरों में देखने को मिल सकता है. अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट एंड एसईजेड, अडानी पॉवर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अंबूजा सीमेंट, एसीसी लिमिटेड के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है. उससे पहले गुरुवार को न्यूयॉर्क से आई खबर के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. वहीं शुक्रवार को कंपनियों के शेयरों में रिकवरी तो जरूर देखी गई, लेकिन कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई. सोमवार को अडानी के शेयरों में तेजी का माहौल बनता हुआ दिखाई दे सकता है.

धारावी प्रोजेक्ट पर बड़ी राहत

वहीं महायुति की जीत के बाद अडानी को धारावी प्रोजेक्ट पर बड़ी राहत मिल गई है. जैसा कि हमने आपको बताया कि गौतम अडानी को धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट देने का मुद्दा पूरे चुनाव में गर्माया रहा. राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे लगातार गौतम अडानी को केंद्र में रखकर राज्य और केंद्र सरकार को घेरते हुए नजर आए थे. जिस तरह के नतीजे महायुति के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, उससे साफ हो गया है कि धारावी के मामले में आम लोगों को अडानी से कोई दिक्कत नहीं है. आने वाले दिनों में धारावी प्रोजेक्ट पर गौतम अडानी तेजी के साथ काम शुररू कर सकते हैं. ये कुल प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ रुपए का है. जिसमें 80 फीसदी स्टेक गौतम अडानी का है. जबकि 20 फीसदी की हिस्सेदारी है. जिसके पहले फेज में करीब 5,100 करोड़ रुपए खर्च होगा.

दो दिनों में दौलत में कितनी आई गिरावट

गुरुवार और उसके बाद शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आने की वजह से गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग बिलेलियर्स इंडेक्स आंकड़ों के अनुसार गौतम अडानी को दो दिनों में 14.7 अरब डॉलर यानी 1.24 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जिसके बाद गौतम अडानी की कुल दौलत 70.8 अरब डॉलर हो चुकी है. जिसकी वजह से गौतम अडानी की दुनिया के टॉप 20 अरबपतियों की लिस्ट से भी बाहर हो गए हैं. सोमवार को जब शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलगी तो अडानी की दौलत में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इसका मतलब है कि महायुति की जीत गौतम अडानी के लिए काफी बड़ी हो गई है.

मध्य प्रदेश: विजयपुर सीट पर कांग्रेस की जीत, रामनिवास रावत ने ईवीएम पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश की विजयपुर सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने जीत दर्ज की है. उन्होंने 7228 वोटों से वन मंत्री रामनिवास रावत को हराया है. रावत ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने रिकाउंटिंग कराने की मांग की है. इसके लिए आवदेन देने जा रहे हैं.

विजयपुर सीट पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था. विधानसभा चुनव में रामनिवास कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया. हालांकि, इस चुनाव में उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा है.

6 बार विधायक रहे हैं रामनिवास रावत

रामनिवास रावत की गिनती मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है. वो 6 बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस से उनकी नाराजगी सामने आई थी. मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से सत्यपाल सिंह सिकरवार को मिलने की वजह से वो नाराज थे. रामनिवास 8 बार विधानसभा और 2 बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.

15वें राउंड की गिनती के बाद पिछड़ते गए रावत

20 राउंड की गिनती के बाद विजयपुर में कांग्रेस ने 6523 वोटों की लीड ली.

18वें राउंड के बाद भी कांग्रेस ने लीड बरकरार रखी. इस राउंड में मुकेश मल्होत्रा ने 4747 वोटों की बढ़त बनाई.

17 राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस 4925 वोटों से आगे रही.

16वें राउंड की गिनती के बाद मुकेश 1842 वोटों से आगे रहे. इससे पहले रामनिवास आगे चल रहे थे.

15वें राउंड की गिनती में बीजेपी की लीड घटी और रावत की बढ़त 1496 रह गई.

14वें राउंड की गिनती के बाद रावत 5043 वोटों से आगे थे.

13वें राउंड की गिनती के बाद रामनिवास 6487 वोटों से आगे थे.

12वें राउंड के बाद रामनिवास रावत की लीड 11वें से थोड़ी कम हुई और 5435 वोटों की बढ़त रह गई.

11वें राउंड की गिनती के बाद रामनिवास कांग्रेस प्रत्याशी से 6098 वोटों से आगे थे.

10 राउंड की गिनती के बाद रावत ने 5001 वोटों की लीड ली.

9वें राउंड की गिनती के बाद रावत की 6876 रही.

8वें राउंड की गिनती के बाद रावत ने 8661 वोटों से लीड बनाई.

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

West Bengal By Election Live: सिताई, मदारीहाट, नैहाटी सीट पर लहराया TMC का परचम

महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों को लेकर मतगणना जारी है. साथ ही कई राज्यों में हुए उपचुनाव के लिए भी वोटों की गिनती की जा रही है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा दिख रहा है. संगीता रॉय ने सिताई सीट पर, मदारीहाट सीट पर जयप्रकाश टोप्पो जबकि नैहाटी सीट पर सनत डे जीत चुके हैं. बाकी 3 सीटों पर भी ममता बनर्जी की पार्टी भारी बढ़त बनाए हुए है.

अन्य राज्यों की तरह यहां पर भी मतों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हुई. पश्चिम बंगाल में 2 रिजर्व सीटों के साथ-साथ अन्य 4 सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. इसमें सिताई सीट अनुसूचित जाति के लिए तो मदारीहाट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इसके अलावा मेदिनीपुर, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव कराए गए थे.

उत्तर 24 परगना क्षेत्र के नैहाटी विधानसभा सीट और बांकुरा के तलडांगरा विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही आगे है. हरोआ सीट पर भी टीएमसी की बढ़त बनी हुई है.

मेदिनीपुर, मदारीहाट, सिताई, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटें पश्चिम बंगाल के दक्षिण क्षेत्र में पड़ती हैं और इसे तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है जबकि मदारीहाट सीट राज्य के उत्तरी हिस्से में पड़ता है और इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है.

उपचुनाव में टीएमसी के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ-साथ सीपीएम की अगुवाई वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस भी अलग-अलग मैदान पर उतरे. ये दोनों साल 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग मैदान में उतरे.

किस सीट पर क्या चल रहा

अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व सिताई सीट पर टीएमसी की संगीता रॉय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बीजेपी के दीपक कुमार रे को 1,30,636 मतों के भारी अंतर से हरा दिया है. संगीता रॉय को 1,65,984 वोट मिले जबकि दीपक कुमार को महज 35,348 मत हासिल हुए.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व मदारीहाट सीट पर टीएमसी के जयप्रकाश टोप्पो ने बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोहार को महज 28,168 वोटों से हरा दिया है. जयप्रकाश टोप्पो को 79,186 वोट मिले जबकि राहुल लोहार 50,602 मत हासिल कर सके. 2021 के विधानसभा चुनाव में ये सीट बीजेपी ने जीती थी.

नैहाटी सीट पर टीएमसी के सनत डे ने बीजेपी प्रत्याशी रूपक मित्रा को हरा दिया है. रूपक मित्रा को 29,495 वोट हासिल हुए जबकि सनत डे 78,772 वोट हासिल कर 49,277 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की.

हरोआ सीट पर टीएमसी के एसके रबीउल इस्लाम आगे चल रहे हैं. उन्होंने अब तक 1,25,958 वोट हासिल किए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट के पियारुल इस्लाम को 1,03,144 वोटों से पीछे चल रहे हैं.

मेदिनीपुर सीट पर टीएमसी के सुजॉय हाजरा 80,508 वोटों के साथ आगे निकल गए हैं, जो बीजेपी के सुभाजीत रॉय (बंटी) से 24,161 वोटों के अंतर से आगे हैं.

तालडांगरा सीट पर टीएमसी की फल्गुनी सिंघाबाबू 63,201 वोटों के साथ आगे चल रही हैं, जो बीजेपी की अनन्या रॉय चक्रवर्ती से 23,341 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं.

Nanded Lok Sabha By Election Result 2024 LIVE Updates: नांदेड़ सीट पर बीजेपी को झटका, कांग्रेस लगातार बना रही बढ़त

महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतगणना हो रही है. कांग्रेस ने रवींद्र चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने डॉ. संतुक हंबार्डे को मैदान में उतारा है. इस सीट पर कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण आगे चल रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक, रवींद्र चव्हाण को अब तक 65546 वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. संतुक हंबार्डे को 61175 वोट मिले हैं. कांग्रेस के चव्हाण 4371 वोटों से आगे चल रहे हैं. वहीं, तीसरे नंबर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी है, जिसे 8037 वोट मिले हैं.

यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन की वजह से खाली हुई है. लोकसभा चुनाव के महज दो महीने बाद ही अगस्त, 2024 में कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया था.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत

इससे पहले अप्रैल-मई में कराए गए लोकसभा चुनाव में नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी के निवर्तमान सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत चह्वाण के बीच मुकाबला था. वसंत चह्वाण ने 59,442 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. वसंत को चुनाव में 5,28,894 वोट मिले थे, जबकि प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 4,69,452 वोट आए थे. नांदेड़ राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक होने के साथ एक जिला भी है.

साल 2019 के संसदीय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई और प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर सांसद बने. चिखलकर को 486,806 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 4,46,658 वोट मिले.

नांदेड़ के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. इस सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव टेलकीकर को जीत हासिल हुई थी. फिर 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने देवराव नामदेवराव कांबले को टिकट दिया और वो विजयी हुए. 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव को जीत हासिल हुई. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला और वेंकटराव तिरोडकर को मैदान में उतारा और वह भी विजयी रहे.

राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान, देखें कौन हैं आगे और कौन पीछे

राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरु हो गए हैं.

भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी के साथ कुछ अन्य दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.13 नवंबर को इन सभी सीटों पर मतदान हुए थे.

दौसा: दौसा सीट पर कांग्रेस के दीन दयाल रुझानों में आगे चल रहे हैं.

खींवसर: बीजेपी के रेवंत राम डांगा रुझानों में आगे चल रहे हैं.

झुंझुनूं: इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भांबू चार हजार वोटों से रुझानों में आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर निर्दलीय राजेंद्र सिंह गुढा हैं.

चौरासी: भारत आदिवासी पार्टी के अनिल कुमार कटारा रुझानों में आगे चल रहे हैं.

देवली उनियारा बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर रुझानों में आगे चल रहे हैं.

सलूंबर: इस सीट पर भारत आदिवासी पार्टी के जितेश कुमार कटारा रुझानों में आगे चल रहे हैं.

रामगढ़: बीजेपी के सुखवंत सिंह रुझानों में आगे चल रहे हैं.

उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर, जाने कौन आगे कौन पीछे

उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत के बीच मुख्य मुकाबला है. इस सीट पर कुल 6 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. भाजपा विधायक शैलारानी रावत का जुलाई में निधन हो गया था, जिसके कारण केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी. बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हार के बाद भाजपा के लिए केदारनाथ उपचुनाव नाक का सवाल बन गया है. इस सीट पर 57.64 फीसदी मतदान हुआ था. केदारनाथ सीट पर तीसरे राउंड की गिनती पूरी हो गई है. अभी बीजेपी की आशा नौटियाल वोटों से आगे चले रही हैं.

LIVE Result

सुबह 9:45 बजे केदारनाथ सीट पर तीसरे राउंड की गिनती पूरी हो गई है, यहां से बीजेपी प्रत्याशी 1535 वोटों से आगे चल रही हैं.

सुरक्षा के चाक चौबंद

चुनाव अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मतगणना स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों की तैनाती की गयी है. बिना प्रवेश पत्र के किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा मतगणना केंद्र के अंदर किसी को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी.

पूरी हुई मतगणना की तैयारी

EVM काउंटिंग के लिए 14 टेबल और पोस्टल बैलेट काउंटिंग के लिए 10 टेबल अतिरिक्त लगाए गए हैं. सभी कर्मचारियों की रेंडमाइजेशन की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है. इसके अलावा पोस्टल बैलेट के लिए अतिरिक्त ARO नामित करने की अनुमति भी भारत निर्वाचन आयोग से मिल गई है.

बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला

इस केदारनाथ विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. यहां भारतीय जनता पार्टी से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है.नौटियाल और रावत, दोनों ही केदारनाथ विधानसभा का पूर्व में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

साल 2017 में केदारनाथ सीट से पहली बार विधायक बने 54 वर्षीय रावत को 2022 के विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था. नौटियाल दो बार—2002 और 2007 में केदारनाथ सीट से विधायक रह चुकी हैं, जबकि 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.55 वर्षीय नौटियाल फिलहाल पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रही हैं.

MP Bypoll Result: मध्य प्रदेश में BJP को करारा झटका, बुधनी और विजयपुर में कांग्रेस ने बनाई बढ़त

मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीट बुधनी और विजयपुर पर हुए उपचुनावों के नतीजे सामने आने लगे हैं. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस ने बीजेपी को करारा झटका दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ कही जाने वाली बुधनी विधानसभा सीट पर शुरुआती रुझानों में कांग्रेस आगे चल रही है. वहीं अगर श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से मंत्री रामनिवास रावत पीछे चल रहे हैं.

LIVE Result

MP की विजयपुर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस 277 वोटों से आगे चल रही है.

बुधनी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल सुबह 9 बजे तक 5600 मतों से आगे चल रहे हैं.

दोपहर तक हो जाएगी तस्वीर साफ

बुधनी में 13 राउंड में गिनती होनी है. यहां दोपहर 1 बजे तक रिजल्ट आने की उम्मीद है. इस उपचुनाव में बुधनी विधानसभा सीट से 20 प्रत्याशी मैदान में थे. मुख्य मुकाबला पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव और कांग्रेस के राजकुमार पटेल के बीच है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सांसद चुने जाने के बाद इस्तीफे से बुधनी सीट खाली हुई थी..

बुधनी में पोस्टल बैलेट के लिए अगल से टेबल

सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट के लिए भी 13 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. 363 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने वोटिंग की थी. बुधनी विधानसभा उप चुनाव के लिए काउंटिंग शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज सीहोर में हो रही है. 2 कक्षों में 14-14 टेबल्स लगाई गई हैं. एक टेबल पोस्टल वैलेट की गिनती के लिए अलग से है.

हाई प्रोफाइल सीट में शुमार बुधनी

बुधनी विधानसभा सीट मध्यप्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार है, इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 बार विधायक रहे हैं, 2024 के के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के बाद शिवराज ने इस्तीफा दिया. फिर यह सीट खाली हो गई. उनकी जगह पार्टी ने उनके ही करीबी रमाकांत भार्गव को चुनाव मैदान में उतारा है.

तेलंगाना के जयशंकर भूपालपल्ली जिले में हनुमान जी की मूर्ति जलने से गांव में दहशत.

तेलंगाना के जयशंकर भूपालपल्ली जिले के अंबातिपल्ली गांव में एक चौंकाने वाली घटना हुई है. वहीं घटना के बाद गांव वाले में डरे हुए हैं. गांव में हनुमान जी की मूर्ति जलने से पूरा गांव सकते में आ गया. वहीं मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति जलने की घटना एक रहस्य बनी हुई है. लोग इस बात से चिंतित हैं कि आग कैसे लगी. वहीं कुछ लोग आग लगने की घटना को अनहोनी से जोड़ कर देख रहे हैं. हनुमान जी की मूर्ति जलने से सभी ग्रामीण चिंतित हैं. लोगों ने कहा कि हनुमान जी हम लोगों की रक्षा करते थे. ऐसे में उनकी मूर्ति का जल जाना गांव के लिए अशुभ है.

यह घटना महादेवपुर क्षेत्र के अंबातिपल्ली गांव में हुई. आग लगने से हनुमान जी प्रतिमा जल गई वहीं आग पूरी प्रतिमा में फैल गई. जानकारी के मुताबिक, गांव के अमरेश्वर मंदिर परिसर में हनुमान की एक मूर्ति है. लोगों ने कहा कि यह तो पता नहीं कि क्या हुआ, लेकिन गुरुवार की शाम हनुमान की मूर्ति में आग लग गई. आग पूरी हनुमान मूर्ति में लग गई.

आग में जली हनुमान मूर्ति

जब स्थानीय लोगों ने हनुमान की मूर्ति में आग लगी देखी तो लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की. लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके. धीरे-धीरे आग की चपेट में पूरी प्रतिमा आ गई और गर्भगृह में धुंआं भर गया. लोगों ने कहा कि ये आग कैसे लगी ये किसी को पता नहीं. वहीं आग लगने की घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं.

लोगों के मन में अब यही सवाल उठ रहे हैं कि मंदिर के गर्भगृह में आग कैसे लगी..? प्रतिमा पर आग कैसे फैली. कोई कुछ भी समझ नहीं पा रहा. वहीं लोग ये कह रहे है कि ऐसा तो नहीं किसी दैवीय शक्ति के कारण ऐसा हुआ है. वहीं ऐसे कई तरह के संदेह व्यक्त किए जा रहे हैं. लेकिन आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है.

लोगों में डर का माहौल

वहीं ग्रामीण इस बात से चिंतित हैं कि हनुमान की प्रतिमा का आग में जलना गांव के लिए शुभ संकेत नहीं है. ऐसी घटनाओं से गांव के लोगों को नुकसान होने का अंदेशा है. वहीं ग्रामीणों ने आग की घटना को लेकर पुलिस को सूचित कर दिया. उसके बाद सभी गांव वालों ने बैठक कर सामूहिक निर्णय लेने और आगे क्या करना है. अगर कोई अनहोनी हो तो उससे कैसे बचा जा सकता है. हालांकि आग लगने की घटना के बाद पूरा गांव चिंता में डूबा हुआ है कि अब क्या होगा.