भगवान न करे झांसी अग्निकांड हो , कई मासूमों की जाएगी जान
नितेश श्रीवास्तव
भदोही भगवान न करे कि जिले में झांसी कांड हो। ऐसा हुआ तो कई मासूमों की जान चली जाएगी। झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से 10 मासूमों की मौत से यहां हर कोई मर्माहत है। बहरहाल, जनपद में लोगों के इलाज के लिए सरकारी तौर पर जिला अस्पताल, एमबीएस अस्पताल और छह सीएचसी है। सरकारी व्यवस्था में तमाम खामियां है। बात अगर सरकारी अस्पतालों की करें तो कहीं आईसीयू नहीं है। दो जगह 25 बेड का एनाआईसीयू जरूर है। वर्षों पहले इनका विद्युतीकरण तो कराया गया।
आलम यह है कि किसी भी सरकारी अस्पताल में आग बुझाने का पर्याप्त इंतजाम नहीं है। सबकुछ भगवान भरोसे है। जिले की आबादी करीब 20 लाख है। इसमें बच्चों की संख्या भी तीन लाख के आसपास है। ज्ञानपुर जिला अस्पताल, भदोही स्थित एमबीएस अस्पताल और छह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उनके इलाज की व्यवस्था है। डाक्टरों की ठीक ठाक संख्या है। सरकार पर्याप्त धन भी देती है। इसके बाद भी व्यवस्था पर भरोसा नहीं होने से अभिभावक अपने बच्चों के इलाज के लिए वाराणसी और प्रयागराज का रूख करते हैं।
जिले के अस्पतालों में आईसीयू और आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना पूरे तंत्र पर बड़ा सवाल है। जिले के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में विद्युतीकरण स्तरीय नहीं है। सरकारी अस्पतालों में सारी व्यवस्था भगवान भरोसे है। निजी अस्पतालों के भवन तो बना दिए गए। लेकिन विद्युतीकरण के तारों के जंलाल छोड़ दिया गया। आग बुझाने के समुचित उपकरण नहीं लगाए गए। सबकुछ पुराना है। शुक्र है कि अभी यहां झांकी कांड नहीं हुआ। अगर ऐसा हुआ तो बड़ा हादसा हो जाएगा। इस संबंध में आला अफसरों को तत्काल कदम उठाने होंगे।
सरकारी अस्पतालों आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। भदोही और औराई के अस्पतालों में 83 बेड है। ज्ञानपुर जिला अस्पताल में 10 बेड का एनाआईसीयू है। एमबीएस में 15 बेड है। दोनों बड़े अस्पतालों के अलावा छह सीएचसी में आग बुझाने के व्यापक बंदोबस्त हैं।
डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही
Nov 18 2024, 17:40