आजमगढ़:-अयोध्या और काशी के मध्य स्थित दुर्वाषा धाम का है पौराणिक महत्व, कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा है सैलाब

वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। फूलपुर तहसील मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर पौराणिक दुर्वाषा धाम लोगों की आस्था और पर्यटन का बड़ा केंद्र है। यहां तमसा-मंजूषा नदियों के संगम के एक छोर पर ऋषि दुर्वाषा का मंदिर तो दूसरी छोर पर प्राचीन शिव मंदिर है। कहा जाता है कि ऋषि दुर्वाषा की तपस्या से प्रसन्न होकर शिवलिंग स्वत: प्रकट हुआ। यहां श्रावण मास के अलावा कार्तिक पूर्णिमा पर तीन दिन का बड़ा मेला लगता है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं दिखता।

  काशी और अयोध्या की दूरी समान

यहां स्थित शिव मंदिर से जितनी दूरी अयोध्या की उतनी ही दूरी काशी की है। दो तीर्थस्थलों के बीच होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। काशी और अयोध्या दोनों की दूरी ट्रेन से 91 और 97 किमी है।

  दो भागों में बंटा है धाम

फूलपुर तहसील के बनहर मय चक गजड़ी गांव में मंजूषा के एक छोर पर मंदिर में ऋषि दुर्वाषा की प्रतिमा स्थापित है, तो दूसरे छोर पर निजामाबाद तहसील के दुर्वाषा गांव मेें प्राचीन शिव मंदिर है, जहां मेला लगता है। मेलार्थी स्नान के बाद ऋषि की प्रतिमा का दर्शन-पूजन करते फिर मेले का आनंद लेते हैं।


मान्यता :::: -फूलपुर तहसील मुख्यालय से सात किमी दूर स्थित धाम के बारे में पुराणों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार महर्षि दुर्वाषा तमसा-मंजूषा नदियों के संगम पर तपस्या के बाद धरती में समाहित हो गए थे। सृष्टि के निर्माण के समय ही अत्रि मुनि और अनुसुइया के तीन पुत्र दुर्वाषा, दत्तात्रेय और चंद्रमा का जन्म हुआ था। भगवान राम जनकपुर जाते समय दुर्वाषा होकर गए थे।

  ऐसे पहुंंचे धाम तक::: -वाराणसी से आने वाले जिला मुख्यालय से 18 किमी पहले मुहम्मदपुर उतरकर निजी साधन से फरिहां, सरायमीर, फूलपुर होते हुए जा सकते हैं। अयोध्या से आने वाले निजी साधन से कप्तानगंज उतरकर अहरौला होते हुए धाम तक पहुंचेंगे।

-पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के साथ ही ट्रेनों से की जा सकती है यात्रा

अयोध्या से दुर्वाषा धाम पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का सहारा लिया जा सकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से फुलवरिया उतरकर माहुल होते हुए 6 किमी फूलपुर पहुँचकर दुर्वाषा धाम पहुँच सकते हैं। वहीं ट्रेन से 97 किमी जौनपुर जनपद के शाहगंज जंक्शन पर उतरकर 14 किमी फूलपुर पहुँचकर दुर्वाषा धाम जाया जा सकता है। जनपद मुख्यालय से एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही सवारी गाड़ी का प्रयोग फूलपुर तक के लिए उपलब्ध है। कुल दूरी लगभग 40 किमी है। फूलपुर से आटो रिक्सा से दुर्वाषा धाम पहुँच सकते हैं। काशी से ट्रेनों के साथ ही रोडवेज बसों से फूलपुर पहुँचकर दुर्वाषा धाम जाया जा सकता है। काशी से कई ट्रेनें शाहगंज जंक्शन तक आती हैं। काशी से शाहगंज जंक्शन की दूरी 91 किमी है। ट्रेन से यात्रा करने के लिए अयोध्या और काशी से लगभग समान दूरी तय करनी होगी।

-युवक युवतियों से लेकर बुजुर्ग तक पहुँचते हैं दुर्वाषा धाम

दुर्वाषा धाम की महत्त्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पर दुर्वाषा ऋषि के साथ ही शिवजी का दर्शन करने युवक युवतियों से लेकर बुजुर्ग तक पहुँचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले में एक लाख के करीब श्रद्धालु पहुँचते हैं। बाकी समय में भी दिन भर लोग पूजा पाठ के साथ ही कड़ाही चढ़ाते हैं। इस साल 14 नवंबर को बटोर, 15 नवंबर को मुख्य नहान जबकि 16 नवंबर को स्थानीय मेला है।
आजमगढ़:- महर्षि दुर्वाषा की तपोस्थली पर उमड़ा आस्था का सैलाब, तमसा और मंजूषा के संगम पर डुबकी लगाकर सुख संवृद्धि की श्रद्धालुओं ने की कामना

वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। महर्षि दुर्वाषा की तपोस्थली दुर्वाषा धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना कर अपने और परिवार की सुख संवृद्धि की कामना की। मेले में लोगों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदारी किया। मेला परिसर में जरूरत के सामानों के साथ ही मनोरंज की भी व्यवस्था है।

पुलिस प्रशासन मेला सकुशल संपन्न कराने के लिए लगा रहा। इस पौराणिक स्थली पर महर्षि दुर्वाषा ने 88 हजार ऋषियों के साथ कठोर तपस्या की थी। लगभग 7 हजार साल तक चली कठोर तपस्या के बाद भगवान शिवजी प्रकट हुए थे। उनकी इसी तपोस्थली पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों श्रद्धालुओं डुबकी लगाने पहुँचे।

महिलाओं और बच्चों ने अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी किया। बच्चों और युवाओं के लिए मेला में लगाये गए झूले आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं घरेलू समानों की जनकर खरीदारी भी हुई। गुब्बारे, चोटहिया जलेबी, पिपिहिरी, हाथा, फावड़ा, कुदार, शृंगार की वस्तुओं की भी खरीददारी हुई। तमसा मंजूषा के संगम पर महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्था का अभाव दिखाई दिया। श्रद्धालुओं द्वारा महर्षि दुर्वाषा और शिवजी के दर्शन पूजन किए गए। मंदिरों में बज रहे घंटा घड़ियाल और भक्ति गीतों से पूरा परिसर भक्तिमय हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से मेला परिसर से पहले ही पुलिस प्रशासन द्वारा वाहनों को रोका गया। फूलपुर, निजामाबाद की टीम मेले की सुरक्षा में लगे रहे। मंगलवार को मेले का आयोजन किया जाएगा। कई जगहों पर लोगों को भीड़ और जाम का भी सामना करना पड़ा।

अत्रि मुनि की तपस्या से शिवजी दुर्वाषा के रूप में हुए थे अवतरित


भागवत पुराण के अनुसार अत्रि मुनि ने पुत्र की प्राप्ति के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी की कठोर तपस्या की थी। जिसके चलते शिवजी दुर्वाषा के रूप में, ब्रह्मा जी चन्द्रमा के रूप में और विष्णु जी दत्तात्रेय के रूप में अत्रि मुनि और अनुसुइया के पुत्र के रूप में अवतरित हुए थे। वहीं ब्रह्मानन्द पुराण के अनुसार ब्रह्मा और शिवजी के बीच की गरमा गरम बहस देख पार्वती ने शिवजी के साथ रहने से मना कर दिया था। इस दौरान शिवजी ने अपना क्रोध अनुसुइया में समाहित कर दिया था। जिसके चलते सनुसूइया को पुत्र के रूप में दुर्वाषा की प्राप्ति हुई थी।
आजमगढ़:- महर्षि दुर्वाषा की तपोस्थली पर उमड़ा आस्था का सैलाब, तमसा और मंजूषा के संगम पर डुबकी लगाकर सुख संवृद्धि की  श्रद्धालुओं ने की कामना
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। महर्षि दुर्वाषा की तपोस्थली दुर्वाषा धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना कर अपने और परिवार की सुख संवृद्धि की कामना की। मेले में लोगों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदारी किया। मेला परिसर में जरूरत के सामानों के साथ ही मनोरंज की भी व्यवस्था है। पुलिस प्रशासन मेला सकुशल संपन्न कराने के लिए लगा रहा। 
इस पौराणिक स्थली पर महर्षि दुर्वाषा ने 88 हजार ऋषियों के साथ कठोर तपस्या की थी। लगभग 7 हजार साल तक चली कठोर तपस्या के बाद भगवान शिवजी प्रकट हुए थे। उनकी इसी तपोस्थली पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों श्रद्धालुओं डुबकी लगाने पहुँचे। महिलाओं और बच्चों ने अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी किया। बच्चों और युवाओं के लिए मेला में लगाये गए झूले आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं घरेलू समानों की जनकर खरीदारी भी हुई। गुब्बारे, चोटहिया जलेबी, पिपिहिरी, हाथा, फावड़ा, कुदार, शृंगार की वस्तुओं की भी खरीददारी हुई। तमसा मंजूषा के संगम पर महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्था का अभाव दिखाई दिया। श्रद्धालुओं द्वारा महर्षि दुर्वाषा और शिवजी के दर्शन पूजन किए गए। मंदिरों में बज रहे घंटा घड़ियाल और भक्ति गीतों से पूरा परिसर भक्तिमय हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से मेला परिसर से पहले ही पुलिस प्रशासन द्वारा वाहनों को रोका गया। फूलपुर, निजामाबाद की टीम  मेले की सुरक्षा में लगे रहे। मंगलवार को मेले का आयोजन किया जाएगा। कई जगहों पर लोगों को भीड़ और जाम का भी सामना करना पड़ा।
अत्रि मुनि की तपस्या से शिवजी दुर्वाषा के रूप में हुए थे अवतरित
भागवत पुराण के अनुसार अत्रि मुनि ने पुत्र की प्राप्ति के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी की कठोर तपस्या की थी। जिसके चलते शिवजी दुर्वाषा के रूप में, ब्रह्मा जी चन्द्रमा के रूप में और विष्णु जी दत्तात्रेय के रूप में अत्रि मुनि और अनुसुइया के पुत्र के रूप में अवतरित हुए थे। वहीं ब्रह्मानन्द पुराण के अनुसार ब्रह्मा और शिवजी के बीच की गरमा गरम बहस देख पार्वती ने शिवजी के साथ रहने से मना कर दिया था। इस दौरान शिवजी ने अपना क्रोध अनुसुइया में समाहित कर दिया था। जिसके चलते सनुसूइया को पुत्र के रूप में दुर्वाषा की प्राप्ति हुई थी।
आजमगढ़:-अधीक्षण अभियंता के फूलपुर उपकेंद्र का किया निरीक्षण, राजस्व वृद्धि पर दिया जोर
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  आजमगढ़ सर्किल-2 के नए अधीक्षक अभियंता ने चार्ज लेते ही फूलपुर सबस्टेशन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। 
चार्ज लेते ही नवागत अधीक्षक अभियंता छैल बिहारी  गुरुवार को फूलपुर सबस्टेशन का निरीक्षण करने पहुँच गए। उन्होंने सबस्टेशन का विधिवत निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्युत आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश दिया। साथ ही बकायेदारों से राजस्व वसूली की बात भी कही। कहा कि उपभोक्ताओं से टर्न ओवर बढ़ाने तथा वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से शत प्रतिशत वसूली सुनिश्चित की जाए। इस मौके पर अधिशासी अभियंता केके वर्मा, उपखण्ड अधिकारी एसएन सिंह अवर अभियंता मनीष कुमार आदि रहे।

आजमगढ़:-अधीक्षण अभियंता के फूलपुर उपकेंद्र का किया निरीक्षण, राजस्व वृद्धि पर दिया जोर
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  आजमगढ़ सर्किल-2 के नए अधीक्षक अभियंता ने चार्ज लेते ही फूलपुर सबस्टेशन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। 
चार्ज लेते ही नवागत अधीक्षक अभियंता छैल बिहारी  गुरुवार को फूलपुर सबस्टेशन का निरीक्षण करने पहुँच गए। उन्होंने सबस्टेशन का विधिवत निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्युत आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश दिया। साथ ही बकायेदारों से राजस्व वसूली की बात भी कही। कहा कि उपभोक्ताओं से टर्न ओवर बढ़ाने तथा वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से शत प्रतिशत वसूली सुनिश्चित की जाए। इस मौके पर अधिशासी अभियंता केके वर्मा, उपखण्ड अधिकारी एसएन सिंह अवर अभियंता मनीष कुमार आदि रहे।

आजमगढ़:-अयोध्या और काशी के मध्य स्थित दुर्वाषा धाम का है पौराणिक महत्व, कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा है सैलाब
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। फूलपुर तहसील मुख्यालय से लगभग 7  किलोमीटर दूर पौराणिक दुर्वाषा धाम लोगों की आस्था और पर्यटन का बड़ा केंद्र है। यहां तमसा-मंजूषा नदियों के संगम के एक छोर पर ऋषि दुर्वाषा का मंदिर तो दूसरी छोर पर प्राचीन शिव मंदिर है। कहा जाता है कि ऋषि दुर्वाषा की तपस्या से प्रसन्न होकर शिवलिंग स्वत: प्रकट हुआ। यहां श्रावण मास के अलावा कार्तिक पूर्णिमा पर तीन दिन का बड़ा मेला लगता है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं दिखता।
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काशी और अयोध्या की दूरी समान---
यहां स्थित शिव मंदिर से जितनी दूरी अयोध्या की उतनी ही दूरी काशी की है। दो तीर्थस्थलों के बीच होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। काशी और अयोध्या दोनों की दूरी ट्रेन से 91 और 97 किमी है। 
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दो भागों में बंटा है धाम ::::
-फूलपुर तहसील के बनहर मय चक गजड़ी गांव में मंजूषा के एक छोर पर मंदिर में ऋषि दुर्वाषा की प्रतिमा स्थापित है, तो दूसरे छोर पर निजामाबाद तहसील के दुर्वाषा गांव मेें प्राचीन शिव मंदिर है, जहां मेला लगता है। मेलार्थी स्नान के बाद  ऋषि की प्रतिमा का दर्शन-पूजन करते फिर मेले का आनंद लेते हैं।
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मान्यता ::::
-फूलपुर तहसील मुख्यालय से सात किमी दूर स्थित धाम के बारे में पुराणों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार महर्षि दुर्वाषा तमसा-मंजूषा नदियों के संगम पर तपस्या के बाद धरती में समाहित हो गए थे। सृष्टि के निर्माण के समय ही अत्रि मुनि और अनुसुइया के तीन पुत्र दुर्वाषा, दत्तात्रेय और चंद्रमा का जन्म हुआ था। भगवान राम जनकपुर जाते समय दुर्वाषा होकर गए थे। 
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ऐसे पहुंंचे धाम तक:::
-वाराणसी से आने वाले जिला मुख्यालय से 18 किमी पहले मुहम्मदपुर उतरकर निजी साधन से फरिहां, सरायमीर, फूलपुर होते हुए जा सकते हैं। अयोध्या से आने वाले निजी साधन से कप्तानगंज उतरकर अहरौला होते हुए धाम तक पहुंचेंगे।
-पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के साथ ही ट्रेनों से की जा सकती है यात्रा::::
 अयोध्या से दुर्वाषा धाम पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का सहारा लिया जा सकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से फुलवरिया उतरकर माहुल होते हुए 6 किमी फूलपुर पहुँचकर दुर्वाषा धाम पहुँच सकते हैं। वहीं ट्रेन से 97 किमी जौनपुर जनपद के शाहगंज जंक्शन पर उतरकर 14 किमी फूलपुर पहुँचकर दुर्वाषा धाम जाया जा सकता है। जनपद मुख्यालय से एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही सवारी गाड़ी का प्रयोग फूलपुर तक के लिए उपलब्ध है। कुल दूरी लगभग 40 किमी है। फूलपुर से आटो रिक्सा से दुर्वाषा धाम पहुँच सकते हैं। काशी से ट्रेनों के साथ ही रोडवेज बसों से फूलपुर पहुँचकर दुर्वाषा धाम जाया जा सकता है। काशी से कई ट्रेनें शाहगंज जंक्शन तक आती हैं। काशी से शाहगंज जंक्शन की दूरी 91 किमी है।  ट्रेन से यात्रा करने के लिए अयोध्या और काशी से लगभग समान दूरी तय करनी होगी।
-युवक युवतियों से लेकर बुजुर्ग तक पहुँचते हैं दुर्वाषा धाम:::;::
दुर्वाषा धाम की महत्त्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पर दुर्वाषा ऋषि के साथ ही शिवजी का दर्शन करने युवक युवतियों से लेकर बुजुर्ग तक पहुँचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले में एक लाख के करीब श्रद्धालु पहुँचते हैं। बाकी समय में भी दिन भर लोग पूजा पाठ के साथ ही कड़ाही चढ़ाते हैं। इस साल 14 नवंबर को बटोर, 15 नवंबर को मुख्य नहान जबकि 16 नवंबर को स्थानीय मेला है।

आजमगढ़:-अधीक्षण अभियंता के फूलपुर उपकेंद्र का किया निरीक्षण, राजस्व वृद्धि पर दिया जोर
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  आजमगढ़ सर्किल-2 के नए अधीक्षक अभियंता ने चार्ज लेते ही फूलपुर सबस्टेशन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। 
चार्ज लेते ही नवागत अधीक्षक अभियंता छैल बिहारी  गुरुवार को फूलपुर सबस्टेशन का निरीक्षण करने पहुँच गए। उन्होंने सबस्टेशन का विधिवत निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्युत आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश दिया। साथ ही बकायेदारों से राजस्व वसूली की बात भी कही। कहा कि उपभोक्ताओं से टर्न ओवर बढ़ाने तथा वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से शत प्रतिशत वसूली सुनिश्चित की जाए। इस मौके पर अधिशासी अभियंता केके वर्मा, उपखण्ड अधिकारी एसएन सिंह अवर अभियंता मनीष कुमार आदि रहे।

आजमगढ़:- 27 वीं वाराणसी जोन की अन्तर-जनपदीय जूडो कलस्टर (महिला/पुरूष), बुशु, ताइक्वांडो, कराटे और पेंचक सिलाट प्रतियोगिता  का शुभारम्भ
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। गुरुवार को पुलिस लाइन्स आजमगढ़ के प्रांगण में 27वीं वाराणसी जोन की अन्तर-जनपदीय जूडो कलस्टर (महिला/पुरूष), बुशु, ताइक्वांडो, कराटे और पेंचक सिलाट प्रतियोगिता  का शुभारम्भ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना द्वारा किया गया।  प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को अभिप्रेरित कर शपथ दिलाते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी। प्रतियोगिता दो दिन चलेगी। प्रतियोगिता में कुल 6 जनपदों के 76 (पुरूष-55 व महिला-21) प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया है। आजमगढ़ से 29, जौनपुर से 24, चंदौली व गाजीपुर से 8-8, भदोही से 5 तथा जनपद वाराणसी से 2 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया है। उक्त कार्यक्रम अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल, सहायक पुलिस अधीक्षक अनन्त चन्द्रशेखर, अन्य अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
आजमगढ़:-राजकीय महाविद्यालय अंबारी की  शोध छात्रा ज्योति यादव को मिली पीएचडी की उपाधि
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबारी,   के हिंदी विभाग से डा उदयभान यादव के निर्देशन में " कबीर की सामाजिक चेतना और आज का समय " शीर्षक पर शोध कर रही ज्योति यादव को पूर्वांचल विश्वविद्यालय  जौनपुर से मिली पीएचडी की उपाधि मिली है। महाविद्यालय द्वारा शुभकामनाएं दी गयी हैं। 
शोध निर्देशक डॉ उदयभान यादव वर्तमान में  शहीद स्मारक राजकीय महाविद्यालय, यूसुफ़पुर, मुहम्मदाबाद, गाजीपुर में तैनात हैं ने बताया कि " कबीर की सामाजिक चेतना और आज का समय " विषय पर पीएचडी मौखिकी परीक्षा विश्वविद्यालय के शोध सभागार में संपन्न हुई। पू.वि.वि. के कुलपति द्वारा नामित वाह्य विशेषज्ञ इलाहाबाद विश्वविद्यालय,प्रयागराज के हिन्दी विभाग में कार्यरत डाॅ संतोष कुमार सिंह एवं शोध निर्देशक डाॅ.उदयभान यादव हिन्दी विभाग,शहीद स्मारक राजकीय महाविद्यालय, यूसुफ़पुर, मुहम्मदाबाद, गाजीपुर द्वय परीक्षक रहे।  शोधार्थिनी का शोध केंद्र हिन्दी विभाग,गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबारी है। अंत में शोधार्थिनी को पीएचडी मौखिकी परीक्षा संपन्न होने पर प्रशासनिक अधिकारी शैक्षणिक डाॅ सैयद मोहम्मद अफसर, शोध गंगा पोर्टल प्रभारी डाॅ बिदुतमल, हिन्दी विषय के पटल सहायक रघुनंदन प्रसाद यादव, शोधार्थी अश्वनी कुमार एवं उपस्थित कर्मचारीगण ने बधाई दी।


आजमगढ़:-वृंदावन मैरेज हाल का मंत्री दारा सिंह ने फीता काटकर किया शुभारंभ
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। मार्टीनगंज तहसील क्षेत्र के फुलेश स्थित दीदारगंज खेतासराय मार्ग व फुलेश जैगहां मार्ग  के मध्य स्थित नव्य भब्य दिब्य बहुप्रतीक्षित वृंदावन मैरेज हाल का शुभारंभ मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान नें क्षेत्रवासियों की गरिमामई उपस्थिती में अपने कराम्बुज से फीता काटकर कर्तल ध्वनि के बीच उद्घाटन किया। इसके बाद मंत्री ने मैरेज हाल का अवलोकन किया तत्पश्चात आमगांव निवासी जगजीवन सिंह ने मंत्री दारा सिंह चौहान को अंगवस्त्रम व भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति भेंट की इस अवसर पर पं0 आशुतोष मिश्र, जगजीवन सिंह, राम जीवन सिंह, अवधेश सिंह, सूरज सिंह, दीपक सिंह, नीरज सिंह, विपुल सिंह, उपेंद्र सिंह गुड्डू प्रधान, क्रांति सिंह, उमेश सिंह सुड्डू,दुर्गेश सिंह, विवेक सिंह, आकाश सिंह, दीपक यादव ,आशीष सिंह, थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार आदि लोग उपस्थित थे।