केंद्र में कांग्रेस थी तो रोज शहीद होता था झारखंड का जवान, अब आतंकियों की निकलती है जहन्नुम की यात्रा: योगी आदित्यनाथ

धनबाद/बोकारो/लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को झारखंड में तीसरे दिन चुनावी रण में पहुंचे। उन्होंने 15 नवंबर को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पावन जयंती और झारखंड के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ ही कांग्रेस, राजद व वामपंथी उनके निशाने पर रहे। बोले कि पहले चरण के मतदान का रुझान बता रहा कि झारखंड को लूटने वाले झामुमो, कांग्रेस व राजद सत्ता से बेदखल होने जा रहे हैं और भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।

सीएम ने कहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट, झामुमो व राजद वाले यहां दिखावा करते हैं और रांची में एक ही थाली में खाकर लूट-खसोट करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को निरसा विधानसभा से प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता, सिंदरी से तारा देवी, बोकारो से बिरंची नारायण, चंदनक्यारी से अमर कुमार बाउरी व बेरमो से रविंद्र कुमार पांडेय, गोमिया से लंबोदर महतो के लिए जनसभा कर जिताने की अपील की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 15 नवंबर 2000 को झारखंड का निर्माण किया था। उनका सपना था कि झारखंड विकास करेगा तो भारत भी विकास करेगा, लेकिन झारखंड को और भी बदतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जब झारखंड का निर्माण हो रहा था, तब कांग्रेस व राजद विरोध कर रही थी।

झामुमो की गोद में बैठकर दोनों पार्टियां झारखंड को गुमराह कर रही हैं। एक तरफ यह लूट रहे हैं तो दूसरी तरफ लुटेरों के सरदार वामपंथियों को सिर पर उठाकर झारखंड को नक्सलवाद का गढ़ बनाने की तरफ उतारू हैं। इन्हें पनपने नहीं देना है। सीएम योगी ने कहा कि धनबाद कोयले की राजधानी भी कही जाती है। यहां का कोयला मजदूर वामपंथियों की ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहा है। वामपंथी संघर्ष का नारा लगवाएंगे, हड़ताल करवाते हैं, फिर ब्लैकमेल करके माल कमाते हैं। मजदूर वहीं का वहीं रह जाता है और लाल सलाम वाले मालामाल बन जाते हैं। कोई बैरियर बनता है तो यह लोग उसकी निर्मम हत्या भी करते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता के पति के साथ क्या हुआ था। लालसलाम वालों को धक्का देकर बाहर करना है। सीएम योगी ने आरोप लगाया कि मोदी जी राशन भेजते हैं, लेकिन यहां झामुमो, कांग्रेसी, राजद व कम्युनिस्ट खा जाते हैं।

जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तो झारखंड का जवान रोज शहीद होता था। यह लोग जवानों से कहते थे कि जब दुश्मन गोली चलाएगा, तब गोली चलाना लेकिन नया भारत घुसपैठ करने वाले आतंकियों का काम तमाम कर उसकी जहन्नुम की यात्रा निकाल देता है। आतंकियों का हाल देख आका पाकिस्तान भी कांप जाता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि झारखंड को लव और लैंड जेहाद का अड्डा बना दिया है। दूसरी, तीसरी, चौथी शादी कराकर जनजाति बेटियों को बहकाकर जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। झामुमो, राजद व कांग्रेस वाले रोटी, माटी व बेटी की सुरक्षा में सेंध लगाने आए हैं। लव जेहाद व लैंड जेहाद के माध्यम से बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या मुसलमानों को घुसाकर यहां के अस्तित्व से खिलवाड़ करना चाहते हैं।

यह बेटी की इज्जत से खिलवाड़ करेंगे, रोजगार पर डाका डालकर रोटी की समस्या खड़ा करेंगे। इसे केवल भाजपा ही रोकेगी। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस प्रभारी कह रहे थे कि सरकार आएगी तो सिलेंडर देंगे। जब तुम्हारी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। वे लोग हिंदुओं-जनजातियों का अधिकार घुसपैठियों को भी देंगे। भाजपा कहती है कि योजना का लाभ जनजातीय और झारखंडवासियों को मिलेगा, घुसपैठियों को नहीं। झामुमो, कांग्रेस व राजद ने लूटखसोट के अलावा क्या किया है। कांग्रेस के एक सांसद के घर 350 करोड़ रुपये तो झामुमो सरकार के मंत्री के घर में 35 करोड़ रुपये मिले। यह झारखंड का पैसा है, जो चंद लोग लूटकर घर को भरने का कार्य कर रहे हैं। भ्रष्टाचारियों के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है। इसे रोकने के लिए भाजपा आवश्यक है।
यूपीपीएससी :दो परीक्षा का फैसला वापस,पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराने का फैसला
लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय (यूपीपीएससी) ने दो शिफ्ट, दो परीक्षा का फैसला वापस ले लिया है। प्रयागराज में आयोग के सामने 4 दिनों से डटे  हजार छात्रों के आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा है।आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। गुरुवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। यूपीपीएससी ने पीसीएस की प्रारम्भिक परीक्षा को एक ही दिन में कराने का निर्णय लिया है। साथ ही दिसंबर में प्रस्तावित आरओ व एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। आयोग के इस फैसले से लाखों छात्रों को राहत मिली है।

प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीपीएससी को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसके बाद यूपीपीएससी ने यह निर्णय लिया है। अब पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही स्थगित की गयी आरओ/एआरओ (प्रा.) परीक्षा-2023 का प्रारूप तय करने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अतिशीघ्र अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यूपीपीएससी के मुताबिक समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।

आयोग ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। गुरुवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। आयोग के भीतर हुई बैठक में जिलाधिकारी, कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। कई घंटे चली बैठक के बाद आयोग ने छात्रों के पक्ष में फैसला लिया। छात्रों की मांग मानने के अलावा आयोग के पास कोई रास्ता नहीं था। छात्र एक ही मांग पर अड़े थे कि परीक्षा एक दिन एक ही शिफ्ट में कराई जाए। सात व आठ दिसंबर 2024 को होनी वाली पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 स्थगित कर दी गई है।  जानकारी के लिए बता दें कि अगर पीसीएस-2024 की परीक्षा समय पर हो गई होती, तो अब तक इसका अंतिम परिणाम भी घोषित हो चुका होता। आयोग ने पीसीएस-2023 का चयन परिणाम प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन से नौ माह के भीतर घोषित कर दिया था और पीसीएस-2024 के लिए आयोग की योजना आठ माह में परिणाम घोषित करने की थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

आयोग के आज के फैसले के बाद यह परीक्षा चौथी बार स्थगित हो चुकी है। शुरूआत में पीसीएस प्रारंभिक-2024 परीक्षा आयोग के कैलेंडर में 17 मार्च को होनी थी, लेकिन इससे पहले 11 फरवरी को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक होने से आयोग को कैलेंडर में शामिल पीसीएस सहित पांच परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ गई थीं। पहली बार पीसीएस परीक्षा स्थगित होने पर इसे जून में प्रस्तावित किया गया, लेकिन समय पर परीक्षा नहीं कराई जा सकी। इसके बाद पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्तूबर को प्रस्तावित की गई लेकिन पर्याप्त संख्या में केंद्र उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण आयोग ने दो दिन 26 एवं 27 अक्तूबर को परीक्षा कराने के लिए प्रदेश के 51 जिलाधिकारियों से केंद्रों की सूची मांगी। हालांकि, आयोग ने अक्तूबर में प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को भी स्थगित कर दिया।  अक्तूबर के बाद आयोग ने हाल ही में परीक्षा कैलेंडर जारी किया, जिसमें बताया गया कि परीक्षा 07 और 8 अक्तूबर को दो पालियों में आयोजित कराई जाएगी। कैलेंडर देखने के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और धरना प्रदर्शन किया गया। आयोग ने छात्रों के आगे झुकते हुए चौथी बार 14 नवंबर, 2024 परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय सुनाया। हालांकि, परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।

छात्रों के साथ योगी सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता राहुल गांधी ने प्रयागराज में आंदोलन कर रही प्रतियोगी छात्रों की मांग को उचित ठहाराते हुए गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का रवैया उनके प्रति असंवेदनशील और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार तथा लोक सेवा आयोग को प्रतियोगिताओं के साथ क्रूर व्यवहार करने की बजाय उनकी मांग मान लेनी चाहिए और उनका पुलिस उत्पीड़न बंद करवाया जाना चाहिए। उन्होंने एक्स पर कहा, प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है।

नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा,शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आखिर छात्र क्यों चुकायें। 'पढ़ाई करने वाले छात्रों को सड़क पर लड़ाई करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर साधना कर रहे युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे। प्रतियोगी छात्रों की मांग का पूरी हम तरह से समर्थन करते हैं। उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को तानाशाही से नहीं दबाया जा सकता।



चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज : अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी मांग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। जब भाजपा जाएगी तब नौकरी आएगी।
योगी सरकार का बड़ा एक्शन: खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारी निलंबित

लखनऊ । प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।

यहां बता दें कि लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलक्ट्रेट परिसर गए और बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।

इस मामले में तत्काल उच्चस्तर से जांच के आदेश दिए गए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें यह पूछा कि छह साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया है।
केंद्रीय मंत्री ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय मनोहर लाल ने यूपी के ऊर्जा और नगर विकास के क्षेत्रों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और कार्



लखनऊ।केंद्रीय मंत्री उर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय मनोहर लाल एक दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे। जहां चौधरी चरण हवाई अड्डे पर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा राज्यमंत्री राकेश राठौर महापौर सुषमा खार्कवाल जी ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया।केंद्रीय मंत्री ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय मनोहर लाल बुधवार को नगरीय निकाय निदेशालय में प्रदेश के ऊर्जा और नगर विकास विभाग से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर विभागीय मंत्री एके शर्मा और राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू की मौजूदगी में  अधिकारियो से विभागीय कार्यों की चर्चा की।

उन्होंने दोनों विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली तकनीकी समस्याओं और केंद्र से सहयोग पर भी वार्ता की। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में केंद्र सरकार पूर्ण रूप से सहयोग करेंगी। केंद्रीय मंत्री ने ऊर्जा विभाग के कार्यों के क्रियान्वयन पर वार्ता करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों के ट्रांसफार्मर को मुफ्त और शीघ्र बदलने की कार्यवाही की जाये, जिससे किसानों के नलकूपों में रात में अंधेरा न रहे, इसके लिए उन्हें रात में भी सिंगल फेज लाइट दी जाये। साथ ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी कालोनियों और वाणिज्यक प्रतिष्ठानों में 31 मार्च 2025 तक लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने पर बल दिया।

उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्ता पूर्ण बिजली देने के लिए ट्रांसफार्मर की क्षतिग्रस्तता को कम करने, तथा जर्जर लाइनों को बदलने पर ध्यान देने को कहा। प्रदेश में लाइन लॉस और विद्युत चोरी रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जाएं। फीडर के साथ ही ट्रांसफार्मर में भी मीटर लगाए जाएं। उन्होंने अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में भी मोबाइल सब स्टेशन संचालित करने तथा ट्रांसमिशन लाइन की स्ट्रेंथ जाँचने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करने की बात कही। उन्होंने उपभोक्ताओं को सुलभ करायी जा रही सुविधाओं तथा ऊर्जा विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री ने नगर विकास के कार्यों और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के चयन में गड़बड़ी न हो। भारत सरकार को भेजे जाने वाले पात्र व्यक्तियों की सूची में विशेष सावधानी बरतें। इसी प्रकार एनयूएलएम के लाभार्थियों की आमदनी बढ़ाने तथा उनके जीवन स्तर को सुधारने तथा रोजगार के अवसर सुलभ कराने के प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के तहत कराये जा रहे कार्यों को जमीनी स्तर पर लागू करने के ठोस प्रयास किये जाये।

निकायों से निकलने वाले के सोर्स सेग्रीगेशन और वेस्ट प्रोसेसिंग की स्थिति में सुधार करें। उन्होंने निकायों में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा। उन्होंने साफ किये गए कूड़ा स्थलों और सीटीयू स्थलों का सुंदरीकरण कराने, नगरीय तलाबों, झीलों व नदियों की साफ-सफाई पर भी ध्यान केंद्रित किया। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने निकायों के स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम एवं नगरी सड़कों को केंद्र की योजना से सम्बद्ध करने का आग्रह किया।

डीसीसीसी एक अभिनव पहल : केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री ने निदेशालय में स्थापित डीसीसीसी (डेडिकेटेड कॉमण्ड एंड कण्ट्रोल सेंटर) का निरिक्षण किया। उन्होंने केंद्र द्वारा स्वच्छता कार्यों और अन्य योजनाओं के प्रगति कार्यों की मॉनिटरिंग ऑनलाइन माध्यम से करने की सराहना की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की निकायों के अधिशासी अधिकारियों और स्वच्छता के कार्यों जुटे अन्य कर्मचारियों से ऑनलाइन माध्यम से संवाद भी किया। उन्होंने निकायों में स्वच्छता और अन्य कार्यों की मॉनिटरिंग से लिए स्थापित डीसीसीसी को एक अभिनव पहल बताते हुए सराहना की।

बैठक में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा, राज्य मंत्री राकेश राठौर 'गुरू', प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण, अध्यक्ष यूपीपीसीएल डॉ. आशीष गोयल, संयुक्त सचिव भारत सरकार, सचिव नगर विकास अजय शुक्ला जी, एमडी ट्रांसमिशन, एमडी यूपीपीसीएल पंकज कुमार, निदेशक नगरीय निकाय अनुज कुमार झा, निदेशक नेडा अनुपम शुक्ला, विशेष सचिव और दोनों विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने पीड़ितों की सुनीं समस्याएं ,165 प्रार्थना प्रत्रों पर कार्रवाई करने के दिये निर्देश

लखनऊ । राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलायें जाने के उद्देश्य से अध्यक्ष  डॉ. बबीता सिंह चौहान द्वारा बुधवार को आयोग मुख्यालय  पर महिला जनसुनवाई की गयी। इस दौरान 10 प्रचलित प्रकरणों के साथ  आयोग मुख्यालय पर विभिन्न जनपदों से आये 16 पीड़ित आवेदिकाओं व आवेदकों द्वारा दिये गये नवीन प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कर उनके निस्तारण के निर्देश दिये गये व साथ ही विभिन्न माध्यमों से आयोग कार्यालय में प्राप्त 165 नवीन प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये गये। 

इसके अतिरिक्त अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान के निदेर्शानुसार प्रदेश के 21 जनपदों में क्रमश: देवरिया, उन्नाव, सीतापुर, शामली, मेरठ, बुलन्दशहर, बिजनौर, औरैया, मऊ, झांसी, लखीमपुर खीरी, हाथरस,  सोनभद्र, फतेहपुर, बरेली, पीलीभीत, ललितपुर, संतकबीरनगर, कौशाम्बी, कासगंज व बदायूं में आयोग की उपाध्यक्ष एवं  सदस्यों के द्वारा भी मिशन-शक्ति फेज-5 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं की जानकारी विभिन्न महिला गृहो एवं आगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण तथा महिला उत्पीड़न की घटनाओं की उक्त जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ महिला जनसुनवाई व समीक्षा बैठक कर पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कराया गया।
वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: छोटे भाई प्रशांत ने किया बड़ा खुलासा, अकेले भतीजे विक्की ने खत्म कर दिया ताऊ का परिवार, यह रही वजह

लखनऊ/वाराणसी । यूपी के काशी के भदैनी निवासी एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या में शक के घेरे में आए बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के छोटे भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू ने परिवार के बारे में अहम जानकारियां दी। जुगनू ने पुलिस को बताया कि उसके पिता कृष्णा और मां बबिता की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने गोली मार कर कराई थी। मां-बाप का केस खत्म हो गया तो विक्की अकसर दादी से लड़ता था कि उसे गवाह क्यों नहीं बनाया गया? वह गवाही देता और बताता कि उसके मां-बाप की किसने और कैसे हत्या कराई थी। जुगनू ने पुलिस को बताया कि जब उसके मां-बाप की हत्या की गई थी तो उसे धकेल कर विक्की ने ही बचाया था। हालांकि इसके बावजूद उसके पेट और बाजू में गोली लगी थी। जुगनू ने कहा कि उसके बड़े पापा ने कभी उसे, विक्की और बहन डाली को एकसाथ नहीं बैठने दिया। तीनों बस दादी के सहारे किसी तरह से पले-बढ़े। बड़े पापा का डर ऐसा था कि वो जहां कहते थे, वह वहां आंख मूंद कर दस्तखत कर देता था। विक्की बचपन से ही बड़े पापा को पसंद नहीं करता था और कभी-कभार उनकी बात का विरोध करता था। इसी चक्कर में उसकी पिटाई भी होती रहती थी। भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी का शव गत पांच नवंबर को उनके घर में मिला था। पांचों की गोली मार कर हत्या की गई थी। वारदात के बाद से ही राजेंद्र का बड़ा भतीजा विक्की लापता है, जबकि छोटा भतीजा पुलिस की निगरानी में है। पुलिस के लाख जतन के बाद वारदात के आठवें दिन मंगलवार को भी विक्की का पता नहीं लग सका। इस संबंध में डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुलिस टीमें हरसंभव प्रयास कर रही हैं कि विक्की गिरफ्त में आ जाए। उम्मीद है कि जल्द ही हमें बेहतर परिणाम मिलेंगे। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट और क्राइम सीन के अनुसार पुलिस का अब मानना है कि विक्की ने अकेले ही अपने बड़े पापा सहित पांचों लोगों की हत्या की है। पुलिस के अनुसार भदैनी स्थित घर में नीतू, नमनेंद्र, गौरांगी और सुबेंद्र में किसी का भी शव बेड पर नहीं था। पुलिस का कहना है कि विक्की के साथ शूटर होते तो वह कहीं न कहीं कैमरे में जरूर कैद होते। वहीं, सोये हुए राजेंद्र को बिस्तर पर लगी मच्छरदानी के बाहर से गोली मारी गई थी। पुलिस के अनुसार, वारदात में एक असलहा और दो मैगजीन के इस्तेमाल की प्रबल संभावना है। विक्की की दादी शारदा देवी दो रोटी खाती हैं। मगर, एक रात वह अपनी बड़ी बहू नीतू को तीन रोटी अतिरिक्त बनाने को कहीं थी। इस पर नीतू ने पूछा भी था कि आज आखिरकार इतनी भूख कैसे लगी है। हालांकि उम्र ज्यादा होने की वजह से शारदा देवी को याद नहीं है कि वह तीन अतिरिक्त रोटी दीपावली की रात बनवाई थी या उससे एक रात पहले बनवाई थीं। पुलिस से बातचीत करने के दौरान भी शारदा देवी भूल जाती हैं कि उन्होंने कुछ देर पहले क्या बताया था। उनकी उम्र को देखते हुए पुलिस कर्मी भी उनसे परिवार के सदस्य की तरह ही बातचीत करते हुए नए तथ्यों को टटोलने की कोशिश करते हैं। राजेंद्र अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गया है। राजेंद्र सहित परिवार के पांचों सदस्यों को मुखाग्नि उसके छोटे भतीजे जुगनू ने पुलिस की निगरानी में दी थी। उसके बाद भी जुगनू पुलिस की निगरानी में ही है। ऐसे में मृत्यु के बाद हिंदू धर्म के अनुसार पांचों का क्रिया-कर्म भी नहीं हो पा रहा है। दसवां और तेरही पर भी संशय है। कारण कि राजेंद्र के रिश्तेदार उसके घर से दूरी बनाए हुए हैं। मां शारदा देवी बुजुर्ग होने के साथ ही बीमार भी हैं। एकाध रिश्तेदार जो घर पर मौजूद हैं, उनकी भी उम्र इतनी है कि अकेले कुछ कर पाना उनके वश की बात नहीं है। इसे लेकर भदैनी इलाके के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। जानकारी के अनुसार, भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे। मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नमनेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।
मथुरा रिफाइनरी में ब्लास्ट के बाद लगी भीषण आग, प्रोडक्श मैनेजर समेत दस लोग झुलसे

लखनऊ/मथुरा। थाना रिफाइनरी क्षेत्र अंतर्गत मंगलवार की शाम इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में अचानक ब्लास्ट हो गया। इसकी आवाज एक किलोमीटर तक सुनाई दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने वहां पर झुलसे सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चार की हालत गंभीर होने पर उन्हें सिटी अस्पताल भेजा गया।थाना रिफाइनरी क्षेत्र स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन मंगलवार शाम को एबीयू प्लांट के अंदर टेस्टिंग के दौरान प्लांट में अचानक आग लग गई। बताया गया कि 40 दिन से शटडाउन रखा गया था। सब कुछ फाइनल होने के बाद इसको दोबारा चालू किया गया। अनुमान है कि इसमें लीकेज रह गया। फर्नेस फटने से ब्लास्ट हो गया। इसके बाद प्लांट में आग लग गई। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।

बताया जा रहा है कि प्लांट में काम चल रहा था। हादसे के बाद करीब 10 लोग घायल हो गए। घायलों में प्रोडक्शन मैनेजर राजीव भी शामिल है। झुलसे लोगों में चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। उपचार के लिए इन्हें सिटी हॉस्पिटल एवं दिल्ली मेट्रो भेज दिया गया है। रिफाइनरी प्रशासन ने गंभीर रूप से झुलसे हरिशंकर, इरफान, अजय शर्मा, राजीव कुमार को सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां उनकी गंभीर हालत होने के चलते चिकित्सकों ने दिल्ली स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। प्राइवेट अस्पताल में घायल लोगों की परिजन पहुंच चुके हैं। घायलों का आईसीयू में इलाज चल रहा है।

इटावा में पूरे परिवार की हत्या करने के बाद खुदकुशी करने जा रहे कारोबारी को पुलिस ने बचाया, किया चौकाने वाला खुलासा
लखनऊ । इटावा में परिवार की हत्या करने के बाद खुदकुशी करने जा रहे कारोबारी को बचा लिया गया। कारोबारी ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने यह भी बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम क्यों दिया गया? सराफा कारोबारी ने सोमवार सुबह लगभग पांच बजे अपनी पत्नी, तीन बच्चों को नींद की गोलियां खिलाकर बेसुध किया। फिर एक-एक कर रस्सी से गला दबाकर चारों की हत्या कर दी। वह खुद भी ट्रेन से कटकर जान देने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।

पूछताछ में आरोपी सराफा कारोबारी ने बताया कि पत्नी की सहमति पर ही उसने चारों की हत्या की। पुलिस ने कारोबारी के साले की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है।कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लालपुरा निवासी सराफा कारोबारी मुकेश वर्मा (51) ने पुलिस पूछताछ में सहमति से पूरे परिवार के जान देने की बात स्वीकार की है। बताया कि वह पारिवारिक कलह की वजह से दो साल से मानसिक तनाव में चल रहा था। कुछ पारिवारिक सदस्यों ने उससे 15 लाख रुपये हड़प लिए थे, साझे की जमीन को लेकर भी प्रताड़ित कर रहे थे। पारिवारिक सदस्यों से लेनदेन के विवाद में परेशान चल रहा था। इसे लेकर करवाचौथ से पहले पत्नी से मरने की बात कही थी। पत्नी ने समझाकर कहा था कि खुद अकेले क्यों मारोगे हम सब भी साथ मरेंगे। पत्नी के समझाने पर निर्णय बदल लिया था।


पत्नी-बच्चों की हत्या करने के बाद रात करीब 8:20 पर पत्नी के फोन पर स्टेट्स लगाया कि ये सब खत्म हो गए। इसके बाद सीओ सिटी के सीयूजी नंबर पर सुसाइड नोट और ये सब खत्म का संदेश भी भेजा। सुसाइड नोट में परिवार और खुद मरने की बात लिखी थी। स्टेशन के पास मरुधर एक्सप्रेस से कटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी ने बताया कि 2004 में कैंसर पीड़ित पहली पत्नी नीतू को भी उसने नींद की गोलियां देकर मुक्ति दी थी। बच्चों की तकलीफ देखकर पत्नी ने फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की, लेकिन बेसुध होने की वजह से वह फंदे पर नहीं झूल सकी। बच्चों की तकलीफ देख पत्नी के कहने पर सबसे पहले रस्सी से उसी का गला कसकर मार डाला।

फिर भूतल पर ही भाव्या और अभीष्ट की भी रस्सी से गला कसकर हत्या कर दी। इसके बाद पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रही काव्या को भी बेहोशी की हालत में मार डाला। चारों की हत्या करने के बाद वह करीब तीन घंटे तक बाथरूम में ही पड़ा रहा। इसके बाद लगभग नौ बजे दोनों कमरों में ताले डालकर बाहर चला गया।मुकेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जब बच्चों को नींद की गोलियां दीं तो उन्होंने पूछा, पापा ये क्या कर रहे हो। इस पर मैंने सिर पर हाथ फेरते हुए कहा कि बेटा अकेला छोड़कर नहीं जा सकता। तुम्हें भी लेकर जा रहे हैं। मुझे कोई पछतावा नहीं।


दीपावली पर कारोबारी की पहली पत्नी की बेटी भाव्या (20) घर आई थी। वह दिल्ली विवि. से बीकॉम की पढ़ाई कर रही थी। पूरा परिवार साथ में ही था। रविवार को सराफ ने पत्नी से फिर मरने की इच्छा जताई तो उसने सबके साथ मरने की बात कही। कहा मुझे पहले मार देना। बच्चों को तड़पता नहीं देख पाउंगी। उसकी सहमति पर ही सोमवार सुबह लगभग पांच बजे पत्नी रेखा (40), भाव्या, काव्या (15) और अभीष्ट को पानी में नींद की गोलियां खिला दीं। । सभी के मुंह से झाग आने लगा और वह बेसुध होने लगे।
यूपी: मीट कारोबारियों के ठिकानों में खुलासा, 1200 करोड़ नगदी का हिसाब नहीं, भूमिका संदिग्ध
लखनऊ। मीट कारोबारियाें के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के बाद हुई जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आयकर विभाग ने उच्चाधिकारियों को भेजी अपनी गोपनीय रिपोर्ट में कहा कि इन कंपनियों ने 1200 करोड़ रुपये नकदी को कहां खपाया है, इसका जांच में पता नहीं चल सका है। इतना ही नहीं, ये कंपनियां कश्मीर की निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं ले रही हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरे का सबब बन सकता है, लिहाजा उच्चस्तरीय जांच कराना जरूरी है।

आयकर विभाग ने दिसंबर 2022 में बरेली के मारिया ग्रुप, रहबर ग्रुप, अल-सुमामा ग्रुप, लखनऊ एवं उन्नाव के रुस्तम ग्रुप और आगरा के एचएमए ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा था। यहां मिले दस्तावेजों की करीब एक साल तक हुई गहन पड़ताल में सामने आया कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने मीट कंपनियों को मनी लांड्रिंग के जरिए 524 करोड़ रुपये की नकद दिए थे। रहबर ग्रुप की 68 करोड़ की काली कमाई का खुलासा भी हुआ। साथ ही, रुस्तम ग्रुप का 535 करोड़ रुपये और मारिया ग्रुप की 102 करोड़ रुपये की बोगस बिक्री का पता चला।

आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में 1200 करोड़ रुपये की इस रकम को संदिग्ध गतिविधियों में खपाने में आशंका जताई है। खासकर देश के संवेदनशील इलाके के युवाओं को सुरक्षा का काम देने और बड़ी तादाद में नकद ट्रांजेक्शन कराना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। जम्मू-कश्मीर से जुड़ी निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कई अन्य मीट कारोबारियों को भी सुरक्षा दिए जाने के प्रमाण मिले थे। जिसके बाद आयकर विभाग ने इन एजेंसियों के बारे में भी सुराग जुटाए तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई।

रिपोर्ट के मुताबिक मीट कारोबारियों की फैक्टरी और आवास पर सुरक्षा का काम कश्मीरी युवा कर रहे हैं, जो संदेहास्पद है। यह रकम जमात-ए-उलेमा हिंद और देवबंद जैसे संगठनों को भेजी गई। 40 देशों को भैंस का मांस निर्यात करने वाली आगरा की एचएमए एग्रो की जांच में सामने आया कि उसने एक अरबी अनुवादक भी रखा है, जो खाड़ी देशों के कुछ लोगों के लगातार संपर्क में रहता है। इसके संचालक आगरा के पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो हैं।
वाराणसी सामूहिक हत्या कांड : जीजा की बातें सुनकर पुलिस हैरान, जानिये क्यों
लखनऊ/वाराणसी। यूपी काशी में भदैनी निवासी परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में लापता बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के दिल्ली में रहने वाले बहनोई से पुलिस ने पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बताया कि जून 2023 में जब उनकी शादी हुई थी तो विशाल नहीं आया था। विक्की से वह कभी मिले नहीं थे, बल्कि एकाध-दो बार ही उनकी बातचीत हुई थी। उन्हें परिवार की आपराधिक घटनाओं की भी जानकारी नहीं दी गई थी।यह सुनकर पुलिस भी आश्चर्यचकित रह गई कि जो युवक अपनी सगी बहन की शादी में नहीं आया था। वह दो साल बाद बड़े पापा के परिवार और दादी के साथ दीपावली का त्योहार मनाने अचानक ही चला आया। हालांकि अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरू और दिल्ली में कई स्थानों पर दबिश के बावजूद वारदात के छठे दिन रविवार को भी विशाल का पता नहीं लगा।

परिवार के पांच लोगों की हत्या
भदैनी के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी की गोली मार कर हत्या की गई है। पांचों का शव उनके मकान में गत पांच नवंबर को मिला था। राजेंद्र पर उसके छोटे भाई व उसकी पत्नी, पिता और चौकीदार की हत्या का आरोप था।राजेंद्र के छोटे भाई कृष्णा का बड़ा बेटा विशाल वारदात के बाद से लापता है। जबकि, वह चार जून को राजेंद्र के घर के आसपास ही देखा गया था। उससे पहले उसने अपनी दादी शारदा देवी को कहा था कि वह बड़े पापा की हत्या दीपावली पर ही करेगा।

पुलिस ने दिल्ली में रहने वाली उसकी बहन और बहनोई से संपर्क किया। पुलिस को पता लगा कि बहन गर्भवती है। बहनोई ने बताया कि वह गारमेंट्स का काम करते हैं। विक्की ने आखिरी बार अक्तूबर में अपनी बहन के लिए प्रसाद भिजवाया था। विक्की की बहन से भी उसकी खास बातचीत नहीं होती थी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुलिस की 10 टीमें विक्की की तलाश में लगी हैं। उसके गिरफ्त में आते ही वारदात की गुत्थी सुलझने में देरी नहीं लगेगी।

मुंबई से लाए गए युवकों से हुई पूछताछ
गत चार नवंबर की भोर में राजेंद्र के घर से कुछ दूरी पर चार युवक सामान लेकर जाते हुए सीसी कैमरे में कैद हुए थे। पुलिस उनकी खोजबीन करते हुए उन्हें मुंबई से वापस लाई। पूछताछ में चारों ने बताया कि वह पूजा-पाठ का काम करते हैं। पांच नवंबर की सुबह उन्हें मुगलसराय से मुंबई के लिए ट्रेन में सवार होना था। पुलिस ने चारों की हर तरह से तस्दीक कराई और पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया। उन युवकों में से एक ने पुलिस को बताया कि नीतू आंटी ही रोजाना सुबह पांच बजे अपने घर का पंप वाला मोटर स्टार्ट करती थी।पुलिस का मानना है कि विक्की वारदात को अकेले भी अंजाम दे सकता है। इसके लिए उसने दो असलहे का इंतजाम किया होगा। कारण कि भदैनी स्थित राजेंद्र के घर पर बाहरी आदमी आते तो इलाके के किसी न किसी व्यक्ति की नजर जरूर पड़ी होती।


नीतू की सहेली शिल्पी ने पुलिस को बताया कि विक्की के खाते में प्रतिमाह उसकी बड़ी मां 10 हजार रुपये भेजती थी। नीतू कहती थी कि विक्की साफ्टवेयर डेवलपर का काम फ्रीलांसिंग में करता है। इसलिए उसको बहुत पैसे नहीं मिल पाते हैं। पुलिस की जांच में भी सामने आया कि सितंबर महीने तक नीतू ने विक्की के खाते में प्रतिमाह 10 हजार भेजा था।

वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या
वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से पांच नवंबर को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी।

दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था।

फ्लैट में रहता था राजेंद्र गुप्ता का परिवार
जानकारी के अनुसार, भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे।

सफाई करने वाली आई तो हुआ हत्याकांड का खुलासा
मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नमनेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।

हत्या, दो शादी और एक महिला से करीबी
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व छोटे भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटना वर्ष 1997 की है। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल रहती है।