कोरोना महामारी में भारत ने दिया था साथ, अब डोमिनिका प्रधानमंत्री मोदी को देगा सर्वोच्च सम्मान

कोविड 19 महामारी के दौरान मदद के लिए डोमिनिका राष्ट्रमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर देने की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री मोदी को 19-21 नवंबर को यह अवॉर्ड जॉर्जटाउन, गुयाना में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान दिया जाएगा. डोमिनिका राष्ट्रमंडल के राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन उन्हें सम्मानित करेंगे.

यह सम्मान COVID-19 महामारी के दौरान डोमिनिका में दिए गए उनके योगदान और भारत सरकार की मजबूत साझेदारी दर्शाता है.यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन के लिए दिया जा रहा है.

पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक- डोमिनिका

डोमिनिका सरकार का कहना है पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक रहे हैं. COVID-19 के दौरान फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन की 70,000 खुराक की आपूर्ति की थी. गंभीर स्वास्थ्य संकट के बीच हमारी जरूरत के समय में उन्होंने साथ दिया. हमारी सरकार कृतज्ञता अर्पित करती है.

स्वास्थ्य, शिक्षा, जयवायु परिवर्तन पर सहयोग

डोमिनिका राष्ट्रमंडल का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ भारत की मोदी सरकार ने वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और समाधानजनक पहल की है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन और युद्ध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया है. पीएम मोदी ने इन मुद्दों के समाधान में डोमिनिका और कैरेबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दुहराया है.

बांग्लादेश में संविधान संशोधन: अटॉर्नी जनरल की बड़ी मांग जानें क्या कहा

सत्‍ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचाने के लिए देश के संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना जरूरी है. यह बात कही है बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने. साथ ही उन्‍होंने संविधान में अहम संशोधन की मांग भी की है. अटॉर्नी जनरल ने 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने का सुझाव दिया है. उन्‍होंने ये सारे तर्क जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी के सामने 15वें संशोधन की वैधता पर अदालती सुनवाई के दौरान. साथ ही 15वें संशोधन को रद्द करने की मांग की है.

देश में 90 फीसदी मुस्लिम

अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने तर्क दिया है कि देश की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में संविधान से 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द हटा देना चाहिए. असदुज्जमां ने कहा, "पहले अल्लाह पर हमेशा भरोसा और यकीन था. मैं चाहता हूं कि यह पहले जैसा ही रहे. आर्टिकल 2ए में कहा गया है कि राज्य सभी धर्मों के पालन में समान अधिकार और समानता तय करेगा. वहीं आर्टिकल 9 'बंगाली नेशनलिज्म' की बात करता है, यह विरोधाभासी है."

अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना चाहिए और सत्ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचना चाहिए. साथ ही उन्होंने आर्टिकल 7ए और 7बी पर भी आपत्ति जताई है, जो ऐसे किसी भी संशोधन या बदलवा पर रोक लगाते हैं, जो "लोकतंत्र को खत्म कर सकता है." उनका कहना है कि ऐसे कानून बदलने चाहिए क्‍योंकि ये सियासी ताकत को मजबूत करके लोकतंत्र को कमजोर करते हैं.

राष्‍ट्रपिता शब्‍द राष्‍ट्र को बांटते हैं

उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को 'राष्ट्रपिता' के रूप में लेबल करने जैसे कई संशोधन राष्ट्र को बांटते हैं और अभिव्यक्ति की आजादी में बाधा डालते हैं. ये ठी है कि शेख मुजीब के योगदान का सम्मान किया जाए, लेकिन इसे कानून द्वारा लागू करना विभाजन पैदा करता है. ये सारे तर्क रखते हुए उन्‍होंने कोर्ट से 15वें संशोधन की असंवैधानिकता पर विचार करने की गुजारिश की है.

बिहार के सहरसा जिले से आए बौने घोड़े-घोड़ी ने सोनपुर मेले में मचाया धमाल

बिहार के वैशाली में हर साल विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला लगता है, जो दुनिया के सबसे बड़े पशु मेले के नाम से मशहूर है. इस बार विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला घोड़ा बाजार में कई राज्यों और अन्य जिलों से कई नस्ल के 200 से ज्यादा घोड़ा-घोड़ी पहुंचे हैं. यहां सोनपुर मेले के घोड़ा बाजार में सहरसा जिले के भटन भगत दो फीट एक इंच का बौना बादल घोड़ा और साथ में एक फिट एक इंच की शेरनी बौनी घोड़ी लेकर आए हैं लेकिन वह इन्हें बेचने के लिए नहीं लाए हैं.

यह दोनों बादल और शेरनी घोड़ा-घोड़ी बौना-बौनी है, जिसे देखने के लिए हर रोज लोगों की भीड़ जुट रही है और लोग इन दोनों बौना बौनी घोड़ा-घोड़ी के साथ अपने अपने मोबाईल से सेल्फी भी ले रहे है. यह दोनों बादल, शेरनी बौना बौनी घोड़ा-घोड़ी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. दुनिया भर में मशहूर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में घोड़ा लेकर पहुंचे बिहार के सहरसा जिले के भटन भगत ने बताया कि इस बार मेला में कई नस्ल के 32 घोड़ा-घोड़ी लाए गए हैं.

22 लाख तक लगी कीमत

उन्होंने बताया कि साथ में बादल, शेरनी नाम का बौना बौनी घोड़ा-घोड़ी भी लाए हैं. बादल बौना घोड़ा है जो दो फिट एक इंच का है, जबकि इस बार साथ में बौनी घोड़ी लाए हैं, जिसका नाम शेरनी है, जिसकी लंबाई एक फिट 6 इंच है. घोड़ा मालिक भटन भगत ने आगे बताया कि बीते 2023 में दो फिट का बादल घोड़ा लाए थे, जो घोड़ा बाजार में इकलौता बौना घोड़ा था. घोड़ा मालिक ने बताया कि यह बौनी घोड़ी शेरनी को मेरे ननिहाल सहरसा के मामा के लड़के रंजीत भगत ने तोहफे में दिया है. यह दोनों बौना बौनी घोड़ा,घोड़ी उन्होंने अपने शौक के लिए रखे हुए हैं. सिर्फ प्रदर्शनी के लिए वह इन्हें लेकर लाए हैं लेकिन यह दोनों बौना बौनी घोड़ा,घोड़ी को वह बेचेंगे नहीं. लोगों ने बौना घोड़ा घोड़ी की कीमत तो 22 लाख तक लगा दी है.

22 करोड़ में भी नहीं बेचेंगे

उन्होंनेआगे कहा कि कोई इनके लिए 22 करोड़ भी देगा तो नही बेचेंगे. घोड़ा मालिक ने बौनी शेरनी घोड़ी को लेकर कहा कि वह बच्चों की तरह गोद मे लेकर घुमाते हैं. प्यार दुलार करते हैं. उन्होंने बताया कि बौना बौनी घोड़ा,घोड़ी इसलिए रखे हैं, जिससे के बिहार के सहरसा जिले का नाम रोशन हो. बौना बौनी घोड़ा भूसा, चोकर, घास खाते हैं. 30 किलो की शेरनी बौनी घोड़ी है. पिछले साल भी घोड़ा मालिक भटन भगत 02 फिट का बौना घोड़ा बादल को लेकर मेले में आए थे, जिनका वीडियो काफी वायरल हुआ था.

एसडीएम थप्पड़ कांड में आरोपी नरेश मीणा गिरफ्तार

टोंक : देवली उनियारा उपचुनाव में बवाल के बाद राजस्थान पुलिस ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। SDM अमित चौधरी को मतदान के दौरान बुधवार को नरेश मीणा को थप्पड़ मारा था। देवली उनियारा में उपचुनाव के दौरान इस घटना के बाद जमकर उपद्रव हुआ। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के समर्थकों ने पथराव किया, आगजनी की घटनाएं भी हुईं।

देवली उनियारा में SDM को थप्पड़ मारने के बाद गांव समरावता में तनाव का माहौल बन हुआ है। पुलिस बुधवार रात से ही नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी। दरअसल, समर्थकों के उत्पात के बाद पुलिस गिरफ्त से नरेश मीणा फरार हो गया था। गुरुवार सुबह अपने समर्थकों के साथ नरेश मीणा वापस लौटा। इसके बाद आखिरकार गुरुवार दोपहर पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया।

नरेश मीणा पहले पुलिस की गिरफ्त से भागे, फिर बोले 'मैं भाग नहीं हूं'

बुधवार देर रात नरेश मीणा पुलिस की पकड़ से दूर हो गए थे। फरार होने के बाद रात 2:40 पर उनका पोस्ट सामने आया, 'मैं ठीक हूं... ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जायेगी!।' इसी रणनीति के तहत गुरुवार को वापस गांव में पुलिस के बीच पहुंचे। इसके बाद अपनी सफाई दी और पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया।

नरेश मीणा और उनके समर्थकों ने यह बवाल नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में काटा। जबरन वोटिंग का विरोध के नाम पर नरेश मीना ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया। रात को यहां जमकर उत्पात हुआ। गाड़ियों में आग लगा दी गई। पथराव हुआ। पुलिस को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

कुल्हड़ पिज्जा कपल को मिली पुलिस सुरक्षा, निहंगों की धमकी के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर

पंजाब के जालंधर का फेमस यूट्यूबर जोड़ी जिन्हें कुल्हड़ पिज्जा कपल (Kulhad Pizza Couple) के नाम से जाना जाता है, उन्हें पुलिस पुलिस प्रोटेक्शन मिली है. जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने दोनों की सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मियों (Police Protection) को तैनात किया है. यूट्यूबर दंपति ने निहंगों से मिली धमकी के बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. अब एक पीसीआर नियमित तौर पर उनके घर और रेस्त्रां की पेट्रोलिंग करेगी.

बाबा बुड्ढा ग्रुप के निहंगों ने कुल्हड़ पिज्जा शॉप पर जमकर हंगामा किया था. इसके बाद कुल्हड़ पिज्जा कपल के नाम से फेमस दंपति सहज अरोड़ा और गुरप्रीत ने जान-माल की सुरक्षा के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. निहंगों के विरोध के बाद कपल ने अपना एक वीडियो (Kulhad Pizza Couple Video) भी जारी किया था. इस वीडियो में कपल ने कहा था- हम परिवार के साथ श्री दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) जाएंगे और वहां अपनी अर्जी लगाएंगे. पति सहज ने कहा था कि श्री दरबार साहिब पहुंचकर पूछूंगा कि मैं दस्तार (पगड़ी) सजा सकता हूं या नहीं. अगर मैं गलत हूं तो मुझे सजा मिलनी चाहिए.

कुल्हड़ पिज्जा कपल के वकील ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana Highcourt) को बताया था- पिछले दो हफ्तों से सहज-गुरप्रीत को कुछ गैंगस्टर से धमकियां मिल रही हैं. अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट को वो लिखित में इसकी पूरी जानकारी दे देंगे. इस मामले अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

कौन हैं सहज-गुरप्रीत?

दंपति का अपना एक रेस्टोरेंट है. पति सहज अरोड़ा के इंस्टाग्राम पर करीब 12 लाख फॉलोवर्स हैं. जबकि, पत्नी गुरप्रीत के करीब साढ़े 6 लाख फॉलोवर्स हैं. दोनों सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं. कुल्हड़ पिज्जा के लिए तो यह दंपति फेमस था ही. लेकिन फिर अचानक से उनका एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद दोनों पहले से भी ज्यादा सुर्खियों में आ गए. आरोप था कि उन्हीं के रेस्टोरेंट में काम करनी वाली एक कर्मचारी ने दोनों के कुछ निजी और अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे. वीडियो वायरल हुआ तो कपल ने कहा कि वीडियो फेक है. बाद में इसकी शिकायत कपल ने कमिश्नरेट पुलिस से की.

कपल ने कहा- हमारा ही था वीडियो

फिर मामले में सहज के रेस्टोरेंट में काम करने वाली पूर्व कर्मचारी तनिषा वर्मा और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, तनिषा के परिवार ने आरोप लगाया था कि जॉब के दौरान लड़की का मोबाइल जमा कर लेते थे. बीच में एक दिन सहज अरोड़ा ने तनिषा का फोन यूज किया था. इस बीच एक पॉडकास्ट में यह कपल पहुंचा तो उन्होंने माना कि उक्त वीडियो उन्होंने बनाया था. लेकिन ये नहीं सोचा था कि वो वायरल हो जाएगा.

निहंगों ने क्या दी धमकी?

एक महीने पहले बाबा बुड्ढा दल के निहंग बाबा मान सिंह अकाली ने कपल के रेस्टोरेंट के बाहर पहुंचकर विरोध किया. कहा कि सहज अपनी पगड़ी उतारकर हमें दे दें या फिर वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पत्नी के साथ वीडियो डालने बंद कर दें. बस इसके बाद से धमकियों का सिलसिला जारी रहा. परेशान होकर कुल्हड़ कपल ने पुलिस से मदद मांगी

*बम की धमकी के बाद रायपुर में इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, जांच जारी

भारत में विमानों को बम से धमकी मिलने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक और इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. नागपुर से कोलकाता जा रही इस फ्लाइट में बम की सूचना मिलने पर यह कदम उठाया गया. जैसे ही फ्लाइट में बम की सूचना मिली, एहतियात के तौर पर फ्लाइट को रायपुर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और तत्काल प्रभाव से सुरक्षा उपाय लागू किए गए.

बम की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई और तलाशी अभियान चलाया गया. यात्रियों को सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकालकर विमान को खाली कर दिया गया. इसके बाद बम निरोधक दस्ते को बुलाकर जांच की जा रही है.

मामले की जांच जारी

हालांकि, फ्लाइट में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं. घटना के बाद रायपुर एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए उड़ानें प्रभावित रहीं. फिलहाल विमान की जांच जारी है. इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि इस तरह की हरकत कौन कर रहा है. रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि बम की धमकी मिलने के बाद 187 यात्रियों और चालक दल के 6 सदस्यों को तुरंत एयरपोर्ट पर उतारा गया. अनिवार्य सुरक्षा जांच की गई और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई. बम निरोधक दस्ते को बुलाकर सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और विमान की जांच की जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां कर रही जांच

वहीं, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने लगातार मिल रही फ्लाइटों की धमकियों को लेकर कहा है कि इन फर्जी खतरों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां, कानून प्रवर्तन शाखा, और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीमें लगातार मामले की जांच में जुटी हुई हैं. इसके साथ ही, केंद्र सरकार एविएशन कानूनों में बदलाव लाने पर भी विचार कर रही है.

यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी,पुलिस ने कई छात्रों को लिया हिरासत में

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अभ्यर्थी पिछले चार दिनों से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों को आज पुलिस ने आयोग के बाहर से जबरदस्ती हटाना शुरू कर दिया है. इस मौके पर काफी संख्या पुलिस मौजूद है और प्रदर्शन स्थल पर पुलिस और छात्रों के बीच तनाव जारी है. पुलिस अपने कई छात्रों को पुलिस स्टेशन ले गई है. इसमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल है.

मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. धरना स्थल के चारों तरफ बैरिकेडिंग और ज्यादा कर दी गई है. इसके अलावा पुलिस ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर धरना स्थल को तीनों तरफ से सील कर दिया गया है ताकि कोई अंदर जाने ना पाए. छात्र one shift one exam को लेकर आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

छात्रों को समझाने के बाद भी नहीं बनी बात

प्रयागराज के DM रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार समेत कुछ अन्य अधिकारी बीती रात लोक सेवा आयोग के गेट नंबर दो पर छात्रों से बात करने पहुंचे थे. डीएम ने तकरीबन आधा घंटा तक छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद कोई बात नहीं बनी.

आयोग अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी

इससे पहले मंगलवार को छात्रों ने थाली बजाकर आयोग के खिलाफ विरोध किया था. साथ ही आयोग के मेन गेट पर कालिख से लूट सेवा आयोग भी लिख दिया.वहीं मंगलवार रात प्रदर्शनकारी छात्रों ने कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर आयोग-सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी. बुधवार कोकुछ छात्रों ने आयोग के अध्यक्ष के पोस्टर हाथ में लेकर उन्हें गुमशुदा बताकर उन्हें ढूंढने वाले को एक रुपए का इनाम देने का नारा लगाते दिखे.

कब से चल रहा है प्रदर्शन?

यूपी लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है. आयोग के इस फैसले के खिलाफ यूपी के प्रयागराज में लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर 20 हजार से ज्यादा प्रतियोगी छात्र सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

राजस्थान के टोंक में हिंसा: पुलिस की बड़ी कार्रवाई अब तक 60 लोगों किया गिरफ्तार, आरोपी नरेश मीणा फरार

राजस्थान के टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को भारी हिंसा हुई है। क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद जब पुलिस नरेश मीणा को पकड़ने गई तो समरावता गांव के लोगों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया और जमकर हिंसा की। नरेश मीणा के समर्थकों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। अब पुलिस इस मामले में सख्त एक्शन ले रही है।

अब तक 60 लोग गिरफ्तार

टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की थी। हालांकि, इस दौरान समरावता गांव में हंगामे, पथराव और आगजनी की घटना हुई। अजमेर रेंज आईजी, ओम प्रकाश ने बताया है कि पुलिस ने इस मामले में अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नरेश मीणा की तलाश जारी

टोंक हिंसा में हिंसा को लेकर जिले के एडिशनल SP बृजेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि हम स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हमने कुछ गिरफ्तारियां की हैं। हम नरेश मीणा की तलाश कर रहे हैं। हम बाद में विस्तृत जानकारी देंगे। देवली उनियारा के समरावता गांव में कल रात हुई हिंसा के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इलाके में पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

नरेश मीणा फरार

इस पूरे बवाल के बीच निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा मौके का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस ने लाठीचार्ज कर समर्थकों को खदेड़ने का प्रयास किया है। मौके पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस ने नरेश मीणा के कई समर्थकों को हिरासत में लिया है। मौके पर हवाई फायर की भी सूचना है।

दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों की बहाली के लिए एलजी से की सिफारिश

दिल्ली सरकार ने राजधानी की डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) बसों की सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शलों को तत्काल बहाल करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना से की है. कैबिनेट ने इस निर्णय पर जोर देते हुए कहा कि बस मार्शलों की नियुक्ति से यात्रियों, खासकर महिला यात्रियों, को सुरक्षा का माहौल देने में मदद मिली है. सरकार का कहना है कि ये मार्शल बसों के भीतर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाते हैं और उनकी बहाली से छेड़छाड़, अपराध और हिंसा जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस मसले पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया और उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे इसे मानवीय दृष्टिकोण से देखें. दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को महिलाओं की सुरक्षा के रूप में प्रमुखता दी है, और बस मार्शलों की बहाली को प्राथमिकता दी गई है.

बस मार्शलों की बहाली पर कैबिनेट का जोर

दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से उपराज्यपाल को यह सिफारिश भेजी कि दिल्ली के डीटीसी और क्लस्टर बसों में तैनात बस मार्शलों को तत्काल बहाल किया जाए. मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, और इसके लिए मार्शलों का योगदान बहुत अहम है. कैबिनेट का कहना है कि इस योजना को सेवा के साथ कानून-व्यवस्था का हिस्सा मानते हुए एलजी के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है, इसलिए इस पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार उन्हीं के पास है. लेकिन, सरकार ने एलजी से अनुरोध किया कि इस मामले को संवेदनशीलता से देखें और त्वरित निर्णय लें.

महिला सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम

दिल्ली सरकार का मानना है कि डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे यात्रियों को विशेष रूप से महिलाओं को सुरक्षा का एक आश्वासन मिला है. सरकार का दावा है कि बस मार्शलों की उपस्थिति के कारण बसों में अपराध के मामलों में कमी आई है. महिलाओं को छेड़छाड़ और अन्य अपराधों से बचाने के लिए बस मार्शलों का योगदान काफी अहम साबित हुआ है. सरकार ने उम्मीद जताई है कि उपराज्यपाल दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इन मार्शलों को फिर से बहाल करने की अनुमति देंगे.

दिल्ली सरकार की कैबिनेट का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में बताया कि बस मार्शलों को काम पर रखने के लिए विभाग को कई निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस विषय का अधिकार उपराज्यपाल के क्षेत्राधिकार में होने के कारण एलजी ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं. उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि इस मसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखते हुए जल्द फैसला लिया जाए. दिल्ली सरकार की मंशा है कि जब तक बस मार्शलों की बहाली के लिए कोई नई योजना नहीं बन जाती, तब तक इन्हें 31 अक्टूबर 2023 से पहले की तरह तत्काल काम पर वापस भेजा जाए.

राजस्थान में थप्पड़बाज नरेश मीणा का ट्वीट: "न डरे थे, न डरेंगे...",नरेश मीणा की तलाश में जुटी पुलिस

राजस्थान के टोंक में पोलिंग बूथ पर SDM को थप्पड़ मारने वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा फिलहाल फरार है. बुधवार को उपचुनाव (Rajasthan By-Election) के दौरान नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी से हाथापाई कर उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था. इसके बाद बवाल ऐसा मचा कि देर रात पुलिस और नरेश मीणा के समर्थक आमने-सामने हो गए. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को पकड़ने पहुंची पुलिस पर गुस्साएं लोगों ने जमकर पथराव किया. तभी नरेश मीणा वहां से फरार हो गया. लेकिन अब उसके एक ट्वीट से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है.

देर रात ढाई बजे नरेश मीणा ने ट्वीट किया- मैं ठीक हूं…ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जायेगी. नरेश के इस ट्वीट के बाद पुलिस की कई टीमों ने उसकी तलाश और तेज कर दी है. प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके में देर रात से इंटरनेट सेवा बाधित कर रखी है. फिलहाल पूरा समरावता गांव छावनी में तब्दील हो रखा है. रातभर से अभी तक यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है.

पुलिस ने बताया- एसडीएम थप्पड़कांड में नरेश मीणा को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची तो समरावता (अलीगढ़) में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर आगजनी कर दी. पथराव में कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. वहीं, कई महिलाओं और पुरुषों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है. अब तक 20 जनों को अशांति व उपद्रव फैलाने के आरोप में पकड़ा है. आरोपियों पर सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा.

घरों और पुलिस वाहनों में लगाई आग

एक पुलिस अधिकारी ने बताया- जब पुलिस रात 9 बजे नरेश मीणा को समरावता गांव पकड़ने पहुंची तो भारी तादाद में भीड़ मौजूद थी. वहां रोष का माहौल था. ऐसे में उग्र भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ ही आंसू गैस के गोले दागने पड़े. ऐसे में मामला बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने मौके पर खड़े पुलिस वाहनो में आग लगा दी. जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई.

गुस्साए लोगों ने कच्चे मकानों में भी आग लगा दी. ऐसे में घरों में बैठे लोगों ने मकान से भागकर अपनी जान बचाई. इसके बाद नरेश मीना को हिरासत में लिया गया. लेकिन, देर रात भीड़ ने पुलिस पर अचानक से हमला कर दिया और नरेश मीणा को छुड़ा लिया. इस हंगामे के बीच नरेश मीना भी घायल हुआ.

कहां और कैसे शुरू हुआ विवाद?

राजस्थान में 14 नवंबर तो 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. दोपहर के समय वोटिंग के दौरान देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा तब अचानक पोलिंग बूथ पहुंचा. वह मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश कर रहा था. प्रशासन और पुलिस के जवानों ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो उनसे उसकी हाथापाई हो गई.

नरेश मीणा आरोप लगा रहा था कि ईवीएम में उसके चुनाव चिन्ह को काफी हल्का कर दिया है. इससे उनके मतदाताओं को वोटिंग करने में परेशानी हो रही है. इसके साथ ही नरेश मीणा का कहना था कि इस गांव के लोगों की उपखंड मुख्यालय बदलवाने की मांग है. इसलिए उन्होंने वोटिंग का बहिष्कार किया है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी जबरन लोगों को धमकाकर वोट डलवा रहे हैं. बस यही बहस

नरेश मीणा को कांग्रेस ने क्यों निकाला?

नरेश मीणा पहले कांग्रेस पार्टी का नेता था. लेकिन देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय उपचुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने नरेश मीणा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया था. कांग्रेस ने देवली-उनियारा सीट से केसी मीणा को आधिकारिक प्रत्याशी बनाया है, जबकि इसी सीट से नरेश मीणा भी टिकट मांग रहा था. पार्टी ने उसे चेतावनी भी दी थी कि वो अपना नामांकन वापस ले ले. लेकिन नरेश ने उनकी बात नहीं मानी. जिस कारण उसे कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया.

इससे पहले भी नरेश मीणा कांग्रेस से बगावत कर चुका था. 2023 के विधानसभा चुनाव में बगावत करते हुए नरेश ने छाबड़ा सीट से चुनाव लड़ा था. इसके बाद उसे राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उसकी पार्टी में वापसी हो गई थी. उसने लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था, लेकिन बाद में पार्टी नेताओं ने उसे मना लिया था.

देवली-उनियारा सीट पर कांटे की टक्कर

सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. देवली-उनियारा सीट पर सबसे ज्यादा 3.02 लाख वोटर्स हैं. 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 69 कैंडिडेट मैदान में है. उपचुनाव के नतीजे सरकार और विपक्ष दोनों के सियासी नरेटिव को तय करेगा. देवली-उनियारा सीट पर कांटे की टक्कर है.

देवली-उनियारा सीट कांग्रेस विधायक हरीश चंद्र मीणा के टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद बनने के बाद खाली हुई है. कांग्रेस ने इस सीट पर केसी मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा ने पहले विधायक रह चुके राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया है. नरेश मीणा कांग्रेस के बागी के तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है.