टिकट निरीक्षक ने यात्री का गाड़ी में गिरा स्वर्ण आभूषण वापस सौंपा

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज । गाड़ी संख्या 11061, लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर पवन एक्सप्रेस में अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे गयासुद्दीन के किसी परिवारजन का स्वर्ण पेंडेंट गाड़ी में गिर गया । टिकट निरीक्षक संतोष कुमार तृतीय को गाड़ी में मानिकपुर-प्रयागराज जंक्शन में चेकिंग के दौरान स्वर्ण पेंडेंट मिल गया । इसके संबंध में टिकट निरीक्षक संतोष कुमार तृतीय ने स्टेशन अधिकारियों को अवगत कराया । गायसुद्दीन ने अपने स्वर्ण आभूषण के लिए प्रयागराज जंक्शन पर संपर्क किया। टिकट निरीक्षक संतोष कुमार तृतीय एवं स्टेशन निदेशक/प्रयागराज जंक्शन, वी के द्विवेदी ने यात्री गयासुद्दीन से पूंछताछ कर आश्वस्त होने के बाद एवं आवश्यक कार्यवाही के बाद यात्री को स्वर्ण आभूषण वापस कर दिया । यात्री ने रेल प्रशासन का बहुत ही आभार व्यक्त किया। स्वर्ण आभूषण की अनुमानित कीमत लगभग 40,000/- रुपये बतायी गई।

अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगकार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी है। अभ्यर्थियों के धरने को आज तीसरे दिन है। वे मांग कर रहे हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक दिन और एक शिफ्ट में आयोजित की जाएं। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं।

इससे पहले, प्रयागराज में धरना स्थल पर मंगलवार को ड्रम और नगाड़ों के शोर में यह नारा गूंजता रहा- जुड़ेंगे और जीतेंगे भी। अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ आयोग पर तंज कसते हुए पोस्टर के जरिये पदों की रेट लिस्ट भी जारी की।इससे पूर्व मंगलवार सुबह पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे और उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि वह भी कभी प्रतियोगी छात्र रहे हैं। नियम कानून से ऊपर कोई नहीं। उन्होंने अभ्यर्थियों को सलाह दी कि आयोग के सामने से उठें और उनके साथ सिविल लाइंस स्थित धरना स्थल पर चलें, क्योंकि इससे रास्ता बंद हो गया है और आम लोगों को दिक्कत तो रही है।

कमिश्नर ने कहा कि धरना स्थल पर अभ्यर्थियों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, अभ्यर्थी भड़क गए और कहा कि अब वे कहीं नहीं जाएंगे।धरना स्थल पर सुबह 11 बजे तक फिर से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे। अभ्यर्थियों को अलग-अलग जत्था अपने-अपने अंदाज में पहुंचा। कोई ढोल नगाड़ों के साथ नाचते-गाते पहुंचा तो किसी सांकेतिक रूप से शवयात्रा लेकर पहुंचा। आयोग के सामने दिनभर ढोल और नगाड़ों का शोर रहा। अभ्यर्थियों ने कहा कि न तो सोएंगे और न ही सोने देंगे।कई अभ्यर्थियों के हाथ में पोस्टर नजर आए, जिस पर लिखा था, 'पहले आओ पहले पाओ। यदि नॉर्मलाइजेशन लागू है तो रेट लिस्ट- एसडीएम 70 लाख, डिप्टी एसपी 65 लाख, एआरटीओ 60 लाख, बीएसए 55 लाख, पीसीएस जे 70 लाख। यूपीआई व ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार।' इसी तरह आयोग के गेट नंबर-2 के सामने सड़क पर लिखा गया, 'हम छात्रों की एक ही इच्छा, एक पाली में हो परीक्षा।

प्रतियोगी छात्र आज काला दिवस मना रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह का कहना है कि प्रतियोगी छात्र 13 नवंबर को काला कपड़ा पहनकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। साथ ही अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट को भी काले रंगे में प्रदर्शित कर दिया है।प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने आरोप लगाया है कि आंदोलन के मद्देनजर पुलिस ने उनके परिवार वालों को धमकाया है। प्रशांत का कहना है कि एलआईयू वाले उन्हें लगातार फोन कर रहे हैं और उनके फोन नंबर के माध्यम से प्रशांत के पैतृक आवास का पता लगाया। आरोप है कि गोपीगंज थाने की पुलिस ज्ञानपुर स्थित प्रशासन के आवास पर पहुंची और उनके 70 वर्षीय पिता व बड़े भाई को धमकाया कि प्रशांत को समझा लें, वह आंदोलन में शामिल न हों।

प्रयागराज दरोगा ने बच्चियों के साथ की अश्लील हरकत, वीडियो वायरल होने के बाद किया गया लाइन हाजिर. मुकदमा दर्ज

विश्वनाथ प्रताप सिंह

बारा प्रयागराज क्षेत्र में तैनात एक दरोगा पर बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर बच्चियों जुबानी वायरल होने के बाद पुलिस विभाग हरकत में आया और तत्काल प्रभाव से दरोगा को पुलिस लाइन हाजिर कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 1.51 मिनट के वीडियो में चार बच्चियां दिख रही है। अपना दर्द बयां करते हुए बोल रही है कि हम लोग जा रहे थे। यहां बहुत अंधेरा था। हम लोगों ने कहा नमस्ते अंकल जी। उसने गोद में उठाकर गाड़ी में बिठाया और तेज रफ्तार में निकल गया। आगे बहुत अंधेरा था। फिर उसने कहा कि अपने कपड़े उतारो। पीठ से कसकर पकड़ लिया था।

इस पर मना करते कहा कि मम्मी बहुत मारेंगी। फिर हमको छोड़ दिया और फिर दूसरे से रास्ता पूछते हुए आए थे। वायरल वीडियो में किसी शख्स के पूछने पर बच्चियों ने बताया कि वह दरोगा था। हमको छोड़ने के बाद दूसरे बच्चियों को बुलाने आया था। परिजन पहुंचे थाने शिकायत देने बारा थाना क्षेत्र में शनिवार को कथा का आयोजन किया जा रहा था। ग्रामीणों में चर्चा है कि यहां की रहने वाली बच्चियां इस कथा में शामिल होने आई थीं। इस दौरान थाने में तैनात दरोगा ने बच्चियों को आइसक्रीम खिलाने के बाद अपने साथ ले गया था। बच्चियां वापस लौटी तो परिजनाें को आपबीती बताई। जिसके बाद परिजन और आसपास के लोग रविवार को थाने पहुंचे। बवाल को बढ़ता देख दरोगा की पहचान करवाने की कोशिश की गई।

परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज बाद में मामले का खुलासा और दरोगा का नाम सामने आया। वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव के निर्देश पर बारा एसीपी संत लाल सरोज ने परिजनों का बयान लेने की कोशिश की। लेकिन, परिजनों ने तहरीर देने से इन्कार कर दिया है। बाद में परिजनों की तहरीर पर आरोपी दरोगा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। मामला संज्ञान में आने के बाद दरोगा को लाइन हाजिर कर पुलिस लाइन में संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही विभागीय जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। जांच पूरी होने के बाद अग्रीम कार्रवाई की जाएगी। - विवेक चंद्र यादव, डीसीपी, यमुनानगर

हाईकोर्ट वेबसाइट ठप, अधिवक्ताओं को झेलनी पड़ रही मुसीबत

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट एक तरफ आनलाइन दाखिले व बहस की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ पिछले तीन दिन से हाईकोर्ट की वेबसाइट ठप होने से अधिवक्ताओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

जब न्यायालय प्रशासन से शिकायत की गई तो उन्हें इसका पता ही नहीं था कि वेबसाइट बंद पड़ी है। हालांकि कम्प्यूटर इंचार्ज ने शीघ्र ही वेबसाइट चालू कराने का आश्वासन दिया।

अधिवक्ता अगम नारायण राय, अशोक सिंह, बी के सिंह रघुवंशी, बी डी निषाद, रमेश चंद्र शुक्ल ने बताया कि वेबसाइट आए दिन कुछ समय के लिए ठप हो जा रही है। 2009 से कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था चालू की गई है, किन्तु आए दिन वेबसाइट धड़ाम होने से अधिवक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ती है।

हाईकोर्ट प्रशासन ने प्रदेश की जिला अदालतों में दाखिले का सेंटर बनाते हुए वादकारियों को आनलाइन दाखिले की व्यवस्था की है। अब दाखिले के लिए हाईकोर्ट आने की आवश्यकता नहीं होती। जिला अदालत से ही दाखिला हो रहा है। हाईकोर्ट में भी आनलाइन दाखिले का काउंटर बनाए गए हैं और दाखिला भी हो रहा।

जब सिस्टम लागू किया गया था तो कहा गया कि कोर्ट कार्यवाही देश में कहीं से भी देखी जा सकेगी। यह चालू है। किंतु आए दिन वेबसाइट बंद रहने से न्यायपालिका के कंप्यूटरीकरण को गति देने की प्रक्रिया में बड़ा अवरोध व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। अधिवक्ताओं ने महानिबंधक से सिस्टम दुरुस्त रखने की मांग की है।

पांच दिवसीय समेकित नोडल शिक्षक प्रशिक्षण प्रारंभ

प्रयागराज। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार समेकित शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा हेतु प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी करछना अरूण कुमार अवस्थी द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया । यह प्रशिक्षण परिषदीय विद्यालयों में अध्यनरत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु दिया जा रहा है यह प्रशिक्षण विशेष शिक्षक आलोक राय वीरेंद्र पाल नीलम के द्वारा बीआरसी में दिया जा रहा है।

निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु नोडल/सहायक नोडल अधिकारियोें के साथ की बैठक

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन करने एवं जिम्मेदारियों का पूरी तनमयता के साथ निर्वहन करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराये जाने के लिए कहा

जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँंदड़ सोमवार को संगम सभागार में 256-फूलपुर विधान सभा उप निर्वाचन-2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्वाचन कार्य में लगे हुए अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का पूरी संवेदनशीलता एवं मनोयोग से निर्वहन करते हुए निर्वाचन कार्य को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्देशित किया है। उन्होंने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी सेक्टर मजिस्टेज्टों को अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर मतदान केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराये जाने एवं उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने मतदान केन्द्रों पर दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने पार्टी रवानगी स्थल पर प्रकाश, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, साइनेज, टेबिल सहित अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, डीसीपी गंगापार श्री कुलदीप सिंह गुनावत, उप जिला निर्वाचन अधिकारी पूजा मिश्रा, अपर जिलाधिकारी नगर मदन कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी नजूल प्रदीप कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी श्री कुंवर पंकज, अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति राजेश सिंह सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

40 हजार से ज्यादा रिचार्जेबल लाइट्स से रोशन होगा महाकुंभ

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज,। इस बार महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता में रौशनी का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। महाकुंभ के दौरान शाम के समय मेला क्षेत्र की चमचमाती रौशनी गंगा और यमुना की कलकल बहती निर्मल धारा को और भी अलौकिक रूप प्रदान करेगी। इस अलौकिक दृश्य को श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी आंखों से निहार सकें, इसके लिए योगी सरकार इस बार अनूठी पहल करने जा रही है। पहली बार पूरे मेला क्षेत्र को 24७7 रौशन बनाए रखने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में 40 हजार से अधिक रिचार्जेबल लाइट्स (रिचार्जेबल बल्ब) का उपयोग किया जा रहा है। ये बल्ब खुद को रिचार्ज करते हैं और बिजली जाने पर भी रौशनी देते रहते हैं। इससे यदि किसी फॉल्ट या अन्य वजह से अचानक बिजली चली जाती है तो भी ये बल्ब कभी अंधेरा नहीं होने देते। महाकुंभ ही नहीं, उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तरह की लाइट्स का उपयोग किसी बड़े आयोजन में होने जा रहा है।

नहीं होगी जीरो लाइट की स्थिति

मेला क्षेत्र में विद्युत विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार सिन्हा ने बताया कि जो विद्युत संयोजन हम लोग कैंप्स में देंगे उसमें हमने इस बार नॉर्मल एलईडी बल्ब के साथ ही रिचार्जेबल बल्ब भी उपयोग में लाने का निर्णय लिया है। इस बार पूरे मेला क्षेत्र में हमें साढ़े चार लाख कनेक्शन देने हैं तो उसके 1/10 के आसपास यानी 40 से 45 हजार के बीच रिचार्जेबल बल्ब भी लगाए जाएंगे। रिचार्जेबल बल्ब में इनबिल्ट बैटरी होती है, जो लाइट चालू रहने पर चार्ज होती रहती है. बिजली जाने पर, ये बैटरी ही बल्ब को रोशन रखती है। इसका लाभ ये होगा कि यदि किसी कैंप में 5-6 बल्ब लगे हैं और किसी कारण से लाइट चली गई तो एक रिचार्जेबल बल्ब भी जलता रहेगा तो जीरो लाइट या अंधेरे की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। उन्होंने बताया कि हमने बैकअप लाइट की भी व्यवस्था की है, जिसके लिए जेनसेट वगैरह का उपयोग व्यापक पैमाने पर होगा, जहां हम सप्लाई को एक से दो मिनट में रिस्टोर कर लेंगे। लेकिन इस एक से दो मिनट के बीच में भी हमारा प्रयास जीरो लाइट्स की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देना है।

पहली बार महाकुंभ में होगा उपयोग

उन्होंने बताया कि ये रिचार्जेबल लाइट्स नॉर्मल बल्ब के साथ ही लगाई जाएंगी। नॉर्मल बल्ब की तरह ही इनकी भी रोशनी होगी। हालांकि यदि किसी वजह से लाइट जाती है तो बाकी बल्ब आॅफ हो जाएंगे, लेकिन यह बल्ब काम करता रहेगा। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग की जो परियोजनाएं महाकुंभ मेला क्षेत्र में चल रही हैं, उसी में से इन बल्ब के लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी। अमूमन एक रिचार्जेबल बल्ब की कीमत लगभग 600 से 700 के बीच होती है। ऐसे में 45 हजार बल्ब लगाने पर इसमें करीब 2.7 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। हालांकि, बल्ब की संख्या कैंप्स की संख्या के अनुपात में घट और बढ़ भी सकती है। उन्होंने बताया कि रिचार्जेबल बल्ब का कांसेप्ट अभी एक-दो साल पहले ही आया है। अभी यह प्रयोग प्रदेश के अंदर किसी बड़े मेले या बड़े आयोजन में नहीं किया गया है। पहली बार महाकुंभ में इसका उपयोग किया जा रहा है।

2 हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स का भी होगा उपयोग

मेला क्षेत्र में स्थापित कैंप्स ही नहीं, बल्कि कैंप्स के बाहर भी लाइट जाने पर अंधेरा न हो, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि कैंप्स के बाहर हम 67 हजार नॉर्मल लाइट्स की व्यवस्था कर रहे हैं और इसके भी बैकअप के लिए हमने 2 हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स की व्यवस्था की है। सोलर हाईब्रिड लाइट्स ऐसी लाइट्स होती हैं जो लाइट जाने पर भी लगातार काम करती रहेगी। इसमें बैटरी का बैकअप है जो सूर्य की किरणों से चार्ज होती है। लाइट जाने की स्थिति में यह बैट्री के माध्यम से रोशनी देती है। ये दो हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स भी जीरो लाइट्स की आशंका को खत्म करने के लिए उपयोग में लाई जा रही हैं।

डीएपी खाद की मारामारी में भिड़े किसान, सचिव ने पुलिस प्रशासन की ली मदद

विश्वनाथ प्रताप सिंह

मेजा, प्रयागराज। किसानों को खेत की बुवाई के लिए इस समय डीएपी खाद की नितांत आवश्यकता है जिसको लेकर कोहड़ार बहु-उद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति बी-पॉक्स पर सुबह 6:00 से ही किसानों की भारी भीड़ जुट गई। समिति पर रहे सचिव बालेंद्र प्रसाद द्वारा धरावल गांव निवासी मुंशी अभिषेक शुक्ला द्वारा समिति पर पहुंचे किसानों के आधार कार्ड जमाकर खाद बांटने की तैयारी कर ही रहे थे कि लापर क्षेत्र के कुछ बड़े किसान पहुंच अधिक खाद की मांग की जाने लगी, जिससे विवाद हो गया। विवाद बढ़ता देख सचिव द्वारा पुलिस प्रशासन को सूचना देकर बुला लिया गया। किसानों के इस विवाद में पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूट गये। अंत मे बढ़ते विवाद के कारण सचिव द्वारा समिति पर ताला जड़ खाद विक्रय को बंद कर दिया गया।

मौलाना आजाद ने देखा था शिक्षित भारत का सपना: प्रोफेसर सत्यकाम

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के शिक्षा विद्या शाखा के तत्वावधान में सोमवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया ।

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि मौलाना आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे जिन्होंने भारत को शिक्षित करने में पूरा योगदान दिया और उन्होंने शिक्षा के माध्यम से एक शिक्षित भारत बनाने का सपना देखा था उसी के अनुक्रम में अनेक शिक्षण संस्थाओ के विकास में अपना योगदान दिया। उनका सपना था कि सभी बच्चे शैक्षिक रूप से सक्षम होते हुए रोजगार परक शिक्षा प्राप्त करें और उसी के अनुक्रम में अपने जीवन यापन करते हुए देश व समाज के विकास में अपना योगदान दें।

मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर धनंजय यादव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी , शिक्षाविद और बेहतरीन लेखक थे। मौलाना आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनके कार्यकाल में विभिन्न साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी का गठन हुआ। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में सांस्कृतिक संबंध परिषद भी स्थापित हुआ।

प्रोफेसर यादव ने कहा कि आज नई शिक्षा नीति 2020 मूर्त रूप में है। सभी लोग सामूहिक जिम्मेदारी लेते हुए देश की शिक्षा नीति में अपना योगदान दें। मौलाना आजाद ने स्वतंत्र भारत के बाद शिक्षा नीति की जो बागडोर संभाली थी उसको आगे बढ़ाने के क्रम में प्रयास जारी है। इसको अमलीजामा पहना पाए तो निश्चित रूप से भारत 2047 तक विकसित भारत के रूप में परिवर्तित हो जाएगा, ऐसी अपेक्षा है। उसके लिए हम सभी का सामाजिक, समावेशी एवं सामूहिक प्रयास होना चाहिए, जो भारत के लिए श्रेष्ठ होगा ।

इस अवसर पर कार्यक्रम के निदेशक प्रोफेसर पी.के. स्टालिन ने सभी अतिथियों का वाचिक स्वागत तथा कार्यक्रम की रूपरेखा एवं विषय प्रवर्तन परविंद कुमार वर्मा ने किया। संचालन डॉक्टर रविंद्र नाथ सिंह ने तथा संयोजक प्रोफेसर छत्रसाल सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं शोध छात्र उपस्थित रहे। उक्त जानकारी जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन की तैयारी के मद्देनजर जिला प्रशासन और आयोग प्रशासन में खलबली मच गई है। इसको देखते हुए सोमवार को सुबह से ही भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। आयोग की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है और पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।आयोग की तरफ बढ़ रहे प्रतियोगी छात्रों को पुलिस ने खदेड़ दिया। इससे छात्रों की भीड़ में भगदड़ मच गई। पूरे जिले की फोर्स को मौके पर बुला ली गई है। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद पुलिस ने छात्रों के ऊपर बल प्रयोग करना पड़ा। छात्रों में भगदड़ मच गई। बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्राएं भी आंदोलन में पहुंची थीं। लाठीचार्ज के बाद छात्र तितर बितर हो गए। मौके पर पीएसी और पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां बुला ली गई हैं।


प्रतियोगी छात्र एक ही मांग पर अड़े हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए। एक्स पर ‘हैशटैग यूपीपीएससी आरओ/एआरओ वनशिफ्ट’ नाम से चलाए गए अभियान को 2.40 लाख अभ्यर्थियों ने अपना समर्थन दिया। हालांकि, इतने व्यापक विरोधा के बावजूद आयोग ने शाम को दोनों ही परीक्षाएं दो दिन कराए जाने का निर्णय ले लिया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है।पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के यूपीपीएससी के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन शुरू कर दिए हैं। वहीं आयोग दो दिन परीक्षा कराने पर अड़ गया है। परीक्षा प्रदेश के 44 जिलों में कराई जानी है। इसके लिए आयोग ने सभी जिलाधिकारियों की बैठक 21 नवंबर को बुलाई है, इसमें आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।  पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) की प्रक्रिया निरस्त किए जाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्र आंदोलन कर रहे हैं। उनके ऊपर लाठीचार्ज भी किया गया। बावजूद इसके छात्र डंटे हुए हैं।

प्रतियोगी छात्रों के धरने में यूपी समेत दिल्ली, एमपी, बिहार, उत्तराखंड व अन्य राज्यों से अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। अभ्यर्थियों की ओर से घोषित धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर आयोग परिसर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अभ्यर्थी किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।