पांच दिवसीय समेकित नोडल शिक्षक प्रशिक्षण प्रारंभ

प्रयागराज। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार समेकित शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा हेतु प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी करछना अरूण कुमार अवस्थी द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया । यह प्रशिक्षण परिषदीय विद्यालयों में अध्यनरत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु दिया जा रहा है यह प्रशिक्षण विशेष शिक्षक आलोक राय वीरेंद्र पाल नीलम के द्वारा बीआरसी में दिया जा रहा है।

निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु नोडल/सहायक नोडल अधिकारियोें के साथ की बैठक

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन करने एवं जिम्मेदारियों का पूरी तनमयता के साथ निर्वहन करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराये जाने के लिए कहा

जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँंदड़ सोमवार को संगम सभागार में 256-फूलपुर विधान सभा उप निर्वाचन-2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्वाचन कार्य में लगे हुए अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का पूरी संवेदनशीलता एवं मनोयोग से निर्वहन करते हुए निर्वाचन कार्य को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्देशित किया है। उन्होंने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी सेक्टर मजिस्टेज्टों को अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर मतदान केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराये जाने एवं उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने मतदान केन्द्रों पर दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने पार्टी रवानगी स्थल पर प्रकाश, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, साइनेज, टेबिल सहित अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, डीसीपी गंगापार श्री कुलदीप सिंह गुनावत, उप जिला निर्वाचन अधिकारी पूजा मिश्रा, अपर जिलाधिकारी नगर मदन कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी नजूल प्रदीप कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी श्री कुंवर पंकज, अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति राजेश सिंह सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

40 हजार से ज्यादा रिचार्जेबल लाइट्स से रोशन होगा महाकुंभ

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज,। इस बार महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता में रौशनी का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। महाकुंभ के दौरान शाम के समय मेला क्षेत्र की चमचमाती रौशनी गंगा और यमुना की कलकल बहती निर्मल धारा को और भी अलौकिक रूप प्रदान करेगी। इस अलौकिक दृश्य को श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी आंखों से निहार सकें, इसके लिए योगी सरकार इस बार अनूठी पहल करने जा रही है। पहली बार पूरे मेला क्षेत्र को 24७7 रौशन बनाए रखने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में 40 हजार से अधिक रिचार्जेबल लाइट्स (रिचार्जेबल बल्ब) का उपयोग किया जा रहा है। ये बल्ब खुद को रिचार्ज करते हैं और बिजली जाने पर भी रौशनी देते रहते हैं। इससे यदि किसी फॉल्ट या अन्य वजह से अचानक बिजली चली जाती है तो भी ये बल्ब कभी अंधेरा नहीं होने देते। महाकुंभ ही नहीं, उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तरह की लाइट्स का उपयोग किसी बड़े आयोजन में होने जा रहा है।

नहीं होगी जीरो लाइट की स्थिति

मेला क्षेत्र में विद्युत विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार सिन्हा ने बताया कि जो विद्युत संयोजन हम लोग कैंप्स में देंगे उसमें हमने इस बार नॉर्मल एलईडी बल्ब के साथ ही रिचार्जेबल बल्ब भी उपयोग में लाने का निर्णय लिया है। इस बार पूरे मेला क्षेत्र में हमें साढ़े चार लाख कनेक्शन देने हैं तो उसके 1/10 के आसपास यानी 40 से 45 हजार के बीच रिचार्जेबल बल्ब भी लगाए जाएंगे। रिचार्जेबल बल्ब में इनबिल्ट बैटरी होती है, जो लाइट चालू रहने पर चार्ज होती रहती है. बिजली जाने पर, ये बैटरी ही बल्ब को रोशन रखती है। इसका लाभ ये होगा कि यदि किसी कैंप में 5-6 बल्ब लगे हैं और किसी कारण से लाइट चली गई तो एक रिचार्जेबल बल्ब भी जलता रहेगा तो जीरो लाइट या अंधेरे की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। उन्होंने बताया कि हमने बैकअप लाइट की भी व्यवस्था की है, जिसके लिए जेनसेट वगैरह का उपयोग व्यापक पैमाने पर होगा, जहां हम सप्लाई को एक से दो मिनट में रिस्टोर कर लेंगे। लेकिन इस एक से दो मिनट के बीच में भी हमारा प्रयास जीरो लाइट्स की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देना है।

पहली बार महाकुंभ में होगा उपयोग

उन्होंने बताया कि ये रिचार्जेबल लाइट्स नॉर्मल बल्ब के साथ ही लगाई जाएंगी। नॉर्मल बल्ब की तरह ही इनकी भी रोशनी होगी। हालांकि यदि किसी वजह से लाइट जाती है तो बाकी बल्ब आॅफ हो जाएंगे, लेकिन यह बल्ब काम करता रहेगा। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग की जो परियोजनाएं महाकुंभ मेला क्षेत्र में चल रही हैं, उसी में से इन बल्ब के लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी। अमूमन एक रिचार्जेबल बल्ब की कीमत लगभग 600 से 700 के बीच होती है। ऐसे में 45 हजार बल्ब लगाने पर इसमें करीब 2.7 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। हालांकि, बल्ब की संख्या कैंप्स की संख्या के अनुपात में घट और बढ़ भी सकती है। उन्होंने बताया कि रिचार्जेबल बल्ब का कांसेप्ट अभी एक-दो साल पहले ही आया है। अभी यह प्रयोग प्रदेश के अंदर किसी बड़े मेले या बड़े आयोजन में नहीं किया गया है। पहली बार महाकुंभ में इसका उपयोग किया जा रहा है।

2 हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स का भी होगा उपयोग

मेला क्षेत्र में स्थापित कैंप्स ही नहीं, बल्कि कैंप्स के बाहर भी लाइट जाने पर अंधेरा न हो, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि कैंप्स के बाहर हम 67 हजार नॉर्मल लाइट्स की व्यवस्था कर रहे हैं और इसके भी बैकअप के लिए हमने 2 हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स की व्यवस्था की है। सोलर हाईब्रिड लाइट्स ऐसी लाइट्स होती हैं जो लाइट जाने पर भी लगातार काम करती रहेगी। इसमें बैटरी का बैकअप है जो सूर्य की किरणों से चार्ज होती है। लाइट जाने की स्थिति में यह बैट्री के माध्यम से रोशनी देती है। ये दो हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स भी जीरो लाइट्स की आशंका को खत्म करने के लिए उपयोग में लाई जा रही हैं।

डीएपी खाद की मारामारी में भिड़े किसान, सचिव ने पुलिस प्रशासन की ली मदद

विश्वनाथ प्रताप सिंह

मेजा, प्रयागराज। किसानों को खेत की बुवाई के लिए इस समय डीएपी खाद की नितांत आवश्यकता है जिसको लेकर कोहड़ार बहु-उद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति बी-पॉक्स पर सुबह 6:00 से ही किसानों की भारी भीड़ जुट गई। समिति पर रहे सचिव बालेंद्र प्रसाद द्वारा धरावल गांव निवासी मुंशी अभिषेक शुक्ला द्वारा समिति पर पहुंचे किसानों के आधार कार्ड जमाकर खाद बांटने की तैयारी कर ही रहे थे कि लापर क्षेत्र के कुछ बड़े किसान पहुंच अधिक खाद की मांग की जाने लगी, जिससे विवाद हो गया। विवाद बढ़ता देख सचिव द्वारा पुलिस प्रशासन को सूचना देकर बुला लिया गया। किसानों के इस विवाद में पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूट गये। अंत मे बढ़ते विवाद के कारण सचिव द्वारा समिति पर ताला जड़ खाद विक्रय को बंद कर दिया गया।

मौलाना आजाद ने देखा था शिक्षित भारत का सपना: प्रोफेसर सत्यकाम

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के शिक्षा विद्या शाखा के तत्वावधान में सोमवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया ।

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि मौलाना आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे जिन्होंने भारत को शिक्षित करने में पूरा योगदान दिया और उन्होंने शिक्षा के माध्यम से एक शिक्षित भारत बनाने का सपना देखा था उसी के अनुक्रम में अनेक शिक्षण संस्थाओ के विकास में अपना योगदान दिया। उनका सपना था कि सभी बच्चे शैक्षिक रूप से सक्षम होते हुए रोजगार परक शिक्षा प्राप्त करें और उसी के अनुक्रम में अपने जीवन यापन करते हुए देश व समाज के विकास में अपना योगदान दें।

मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर धनंजय यादव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी , शिक्षाविद और बेहतरीन लेखक थे। मौलाना आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनके कार्यकाल में विभिन्न साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी का गठन हुआ। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में सांस्कृतिक संबंध परिषद भी स्थापित हुआ।

प्रोफेसर यादव ने कहा कि आज नई शिक्षा नीति 2020 मूर्त रूप में है। सभी लोग सामूहिक जिम्मेदारी लेते हुए देश की शिक्षा नीति में अपना योगदान दें। मौलाना आजाद ने स्वतंत्र भारत के बाद शिक्षा नीति की जो बागडोर संभाली थी उसको आगे बढ़ाने के क्रम में प्रयास जारी है। इसको अमलीजामा पहना पाए तो निश्चित रूप से भारत 2047 तक विकसित भारत के रूप में परिवर्तित हो जाएगा, ऐसी अपेक्षा है। उसके लिए हम सभी का सामाजिक, समावेशी एवं सामूहिक प्रयास होना चाहिए, जो भारत के लिए श्रेष्ठ होगा ।

इस अवसर पर कार्यक्रम के निदेशक प्रोफेसर पी.के. स्टालिन ने सभी अतिथियों का वाचिक स्वागत तथा कार्यक्रम की रूपरेखा एवं विषय प्रवर्तन परविंद कुमार वर्मा ने किया। संचालन डॉक्टर रविंद्र नाथ सिंह ने तथा संयोजक प्रोफेसर छत्रसाल सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं शोध छात्र उपस्थित रहे। उक्त जानकारी जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन की तैयारी के मद्देनजर जिला प्रशासन और आयोग प्रशासन में खलबली मच गई है। इसको देखते हुए सोमवार को सुबह से ही भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। आयोग की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है और पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।आयोग की तरफ बढ़ रहे प्रतियोगी छात्रों को पुलिस ने खदेड़ दिया। इससे छात्रों की भीड़ में भगदड़ मच गई। पूरे जिले की फोर्स को मौके पर बुला ली गई है। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद पुलिस ने छात्रों के ऊपर बल प्रयोग करना पड़ा। छात्रों में भगदड़ मच गई। बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्राएं भी आंदोलन में पहुंची थीं। लाठीचार्ज के बाद छात्र तितर बितर हो गए। मौके पर पीएसी और पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां बुला ली गई हैं।


प्रतियोगी छात्र एक ही मांग पर अड़े हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए। एक्स पर ‘हैशटैग यूपीपीएससी आरओ/एआरओ वनशिफ्ट’ नाम से चलाए गए अभियान को 2.40 लाख अभ्यर्थियों ने अपना समर्थन दिया। हालांकि, इतने व्यापक विरोधा के बावजूद आयोग ने शाम को दोनों ही परीक्षाएं दो दिन कराए जाने का निर्णय ले लिया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है।पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के यूपीपीएससी के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन शुरू कर दिए हैं। वहीं आयोग दो दिन परीक्षा कराने पर अड़ गया है। परीक्षा प्रदेश के 44 जिलों में कराई जानी है। इसके लिए आयोग ने सभी जिलाधिकारियों की बैठक 21 नवंबर को बुलाई है, इसमें आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।  पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) की प्रक्रिया निरस्त किए जाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्र आंदोलन कर रहे हैं। उनके ऊपर लाठीचार्ज भी किया गया। बावजूद इसके छात्र डंटे हुए हैं।

प्रतियोगी छात्रों के धरने में यूपी समेत दिल्ली, एमपी, बिहार, उत्तराखंड व अन्य राज्यों से अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। अभ्यर्थियों की ओर से घोषित धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर आयोग परिसर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अभ्यर्थी किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
महाकुम्भ में प्लास्टिक बैन, लगेंगे दोने-पत्तल और कुल्हड़ के स्टॉल, जूट व कपड़े के थैले, दोने-पत्तल व कुल्हड़ के लिए जारी हुई निविदा

प्रयागराज। संगमनगरी में लगने वाले महाकुम्भ को योगी सरकार स्वच्छ और ग्रीन महाकुम्भ बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जिसके अंतर्गत महाकुम्भ को पूरी तरह प्लास्टिक फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम योगी की आकांक्षा के मुताबिक पूरे प्रयागराज को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है। महाकुम्भ में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करने के साथ ही प्राकृतिक उत्पाद दोना, पत्तल, कुल्हड़, जूट व कपड़े के थैलों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए मेला क्षेत्र में स्टॉल खोले जाएंगे। इसके लिए निविदा भी जारी की गई है।

-पूरे मेला क्षेत्र में होगी सप्लाई

प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से महाकुम्भ के दौरान प्लास्टिक के सामानों के विकल्प के तौर पर प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग करने के स्टॉल लगाने की योजना है। इसके लिए महाकुम्भ में दोने, पत्तल, कुल्हड़ व कपड़े या जूट के थैलों के स्टॉल लगाने की निविदा जारी की गई है। इन स्टॉल से महाकुम्भ के दौरान प्राकृतिक उत्पादों की सप्लाई पूरे मेला क्षेत्र में की जाएगी। दुकानदारों को भी प्राकृतिक उत्पादों का ही प्रयोग करने का निर्देश जारी किया गया है। इस दौरान किसी भी तरह की सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के उत्पादों के प्रयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ बनाने का अभियान शुरू

प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ अभियान में तेजी लाने के लिए प्रयागराज के मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत ने शहर को विभिन्न जोन में बांटते हुए हर जोन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है, जो अपने जोन को स्वच्छ और प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए कार्ययोजना के तहत काम करेंगे। उनके कार्यों की प्रगति की समीक्षा साप्ताहिक तौर पर की जाएगी। साथ ही उन्होंने शहर में सभी पॉलिथीन बैग के थोक विक्रेताओं को शहर में पॉलिथीन की सप्लाई रोकने के भी निर्देश जारी किये हैं।

इसके अलावा, प्रयागराज को प्लास्टिक मुक्त बनाने का जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। पूरे शहर में स्वच्छ महाकुम्भ, स्वच्छ प्रयागराज के तहत ‘‘नो प्लास्टिक यूज व पॉलिथीन का प्रयोग न करें’’ के पोस्टर, होर्डिंग लगाए जाएंगे। शहर में जगह-जगह नुक्कड़ नाटकों का भी मंचन किया जाएगा। मण्डलायुक्त ने जिलाधिकारी के साथ संगम तट पर “से नो प्लास्टिक“ का प्लेज लेते हुए शहरवासियों से भी प्लेज लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।
प्रयागराज का बदल रहा स्वरूप, यूनिवर्सिटी और विभिन्न कॉलेजों से पहुंचे छात्रों ने दिखाया हुनर

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। महाकुम्भ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विराट, भव्य और दिव्य बनाने के क्रम में रविवार से प्रदेश सरकार के साथ प्रदेश भर के युवा भी ग्राउंड जीरो पर उतर गए हैं। हरित महाकुम्भ के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए अयोध्या, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, कानपुर, कुशीनगर समेत प्रदेश भर के युवा और बच्चे चंद्रशेखर आजाद पार्क में एकत्रित हुए। महाकुम्भ के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के चित्र कैनवास पर उकेरे। इसमें महाकुम्भ के धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व से लेकर इसे स्वच्छ बनाने के मनमोहक चित्र बनाए गए हैं।

एसडीएम, मेला प्राधिकरण अभिनव पाठक के नेतृत्व में प्रयागराज को एक नया स्वरूप देने के लिए पेंट माई सिटी अभियान चलाया गया। इस अभियान में प्रदेश के तमाम कॉलेज के बच्चों के साथ प्रयागराज में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अभिनव पाठक ने बताया कि ग्रीन महाकुम्भ के दौरान दुनिया के इस सबसे बड़े सांस्कृतिक महा आयोजन को प्लास्टिक फ्री बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। रविवार से शुरू इस अभियान को हर वीकेंड पर चलाए जाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि हरित महाकुंभ का यह अभियान घर-घर पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में युवा आगे आ रहे हैं।

इस अभियान में बड़ी संख्या में स्थानीय युवा, बच्चे और वृद्ध भी शामिल हुए। हरे भरे पर्यावरण का संदेश देने के लिए प्रदेश भर से आए बच्चों ने प्रकृति सम्बंधी चित्र बनाए, जो महाकुम्भ के दौरान आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा स्रोत का काम करेंगे।

यूनिवर्सिटी और विभिन्न कॉलेजों से प्रयागराज पहुंचे छात्रों ने महाकुम्भ में आने वाले लोगों के स्वागत की रूपरेखा तैयार की है। यही नहीं, हरित महाकुम्भ के उद्देश्य के तहत गंगा नदी की बेल्ट में पहले चरण में 1,34,364 पौधे लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा अभी भी पौधरोपण का काम लगातार जारी है। महाकुम्भ के दौरान चौतरफा हरियाली के लिए परेड में भी प्लांटेशन का काम चल रहा है।

महाकुम्भ की तैयारी के लिए कॉलेजों में चलेगा अभियान

महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रृद्धालुओं के स्वागत की तैयारी के लिए योगी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। प्रयागराज के तमाम डिग्री कॉलेजों और विद्यालयों में वीकेंड पर सामाजिक सरोकार, वर्कशॉप के अलावा पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को जागरूक करने की तैयारी है। ये युवा महाकुम्भ को लेकर प्रदेश भर में घर घर लोगों तक दिव्य, भव्य के साथ-साथ स्वच्छ और हरित महाकुम्भ की योजना साकार करेंगे।

*महाकुंभ से पहले NDRF टीम ने नाविक संगठन को दी ट्रेनिंग*

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज- एनडीआरएफ वाराणसी की 11 टीमें आपदा प्रबंधन व प्रशिक्षण के लिए वृहद पैमाने पर सामुदायिक जागरूकता, स्कूल सुरक्षा एवं क्षमता निर्माण के कार्यक्रम के अभियान चला रही है। इसी क्रम में रविवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम 11G टीम कमांडर निरीक्षक अनिल कुमार एवं राम सिंह व टीम के द्वारा अरैल घाट संगम प्रयागराज में लगभग 200 से नाविक व स्थानीय नागरिक को समुदाय जगरूकता व जल आपदा बचाव की प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में आगामी महाकुंभ को देखते हुए पानी मे डूबने से कैसे बचे तथा आने वाले श्रधालुओ को कैसे ध्यान रखे ,सी पी आर देने का तकनिक , इंप्रोवाइज राफ्ट बनाने तकनीक व उपयोग तथा अस्पताल ले जाने पूर्व चिकित्सा आदि की जानकारी दी गयी साथ ही दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इंप्रोवाइज मेथड से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने स्ट्रेचर बनाना, फर्स्ट एड देना, सर्पदंश के समय उपचार देने के तरीके शामिल थे।

आपदा प्रबंधन जागरूकता अभियान के तहत आपदाओं से बचने व उसके नुकसान को कम करने के तरीके बताएं गए तथा करीब 150 स्थानिय नाविक को जल आपदा बचाव की प्रशिक्षण दिया गया तथा सभी लोगो को प्रमान पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में आपदा प्राधिकरण से कड़ेदीन यादव तथा विभिन्न घाटो पे नाव चलाने वाले आम नागरिक उपस्थित थे।

*जेल में बंद कैदी ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, हत्या के प्रयास का था आरोपी*

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज- युवक को गोली मारने के आरोप में जिला जेल में बंद एक बंदी का शव गमछा और ग्रिल की मदद से लटकता हुआ मिला। बताया जाता है की बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। जिससे मृतक के परिजनों में कोहराम मचा रहा। जबकि परिजन कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। जांच पड़ताल के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में एक बंदी रक्षक के खिलाफ जेल प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है। हालांकि पूरे मामले की जांच पड़ताल जारी है।

जानकारी के मुताबिक नैनी कोतवाली क्षेत्र के इंदलपुर निवासी अफरोज (25) पुत्र अफसर पर आरोप था कि बीते कुछ माह पूर्व रात्रि प्रहर में उसने इंदलपुर में ही अपने एक अन्य साथी के संग मिलकर एक युवक को निशाना बनाते हुए गोली मार दिया था। हालांकि फायरिंग में युवक बाल बाल बच गया था। पुलिस ने पीड़ित युवक की तहरीर पर नैनी कोतवाली में हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बीते 7 जून को नैनी कोतवाली पुलिस ने अफरोज को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे सलाखों के पीछे भेज दिए थे। बीते दो दिन पूर्व उसकी तबीयत खराब होने पर वह जिला जेल के अंदर स्थापित अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल था। शनिवार दोपहर बाद लगभग ढाई और तीन बजे के बीच वह अस्पताल के हाथे में पहुंचा और फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने लगा।

यह ज्ञात नहीं हो पाया कि बंदी ने फांसी कैसे और किन परिस्थितियों में लगाया था। सूत्रों पर यदि हम यकीन करें तो गमछा अपने गले में फंसा कर उसने बाउंड्रीवॉल और अस्पताल की दीवार के खाली स्थान पर लगे ग्रील की मदद से उसने फांसी लगाया था। बताते हैं कि अस्पताल के हाथे में तैनात बंदी रक्षक भी नदारत थे। हालांकि उसे आनन फान में फांसी के फंदे से उतारते हुए जेल अस्पताल ले आए। जहां पर डॉक्टरों ने गंभीर हालत देख उसे रेफर कर दिए। बंदी रक्षकों की टीम उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए स्वरूप रानी चिकित्सालय में दाखिल कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जैसे ही मृतक के परिजनों को सूचना मिली तो वह सभी जिला अस्पताल पहुंचे और शव देख कोहराम मच गया। वहीं परिजनों ने जेल में बंद बंदी की मौत को लेकर कई प्रकार के आरोप लगा रहे हैं। मामला तूल पकड़ा तो फौरीतौर पर जेल प्रशासन की ओर से एक बंदी रक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई।