ट्रैक्टर से दबकर युवक की मौत:सफाई के दौरान अचानक चालू होने से हुआ हादसा

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम सभा पट्टी बेजांव,( कांति रामपुर) निवासी 55 वर्षीय हरि शंकर उपाध्याय की मंगलवार को अपने ही ट्रैक्टर की सफाई के दौरान अचानक चालू हो जाने के चलते दब जाने से मौत हो गई। एकादशी के पर्व को देखते हुए हरि शंकर उपाध्याय सुबह 11 बजे दो माह पूर्व एक नया ट्रैक्टर सोनालिका खेती करने के उद्देश्य से खरीदा गया था। ट्रैक्टर की सफाई के दौरान अचानक ट्रैक्टर चालू हो गया और जमीन पर गिर पड़े जिसमें फार भी लगा हुआ था उन्हे घसीटते हुए एक दीवार से टकराकर गाड़ी रुक गया।

अचानक ट्रैक्टर चालू हो जाने से परिजन भी अवाक हो गए और दौड़ कर कर उन्हें फार में फंसे हुए निकाला। पैर एवं गुप्तांग जख्मी हो जाने पर परिजन तत्काल सुरियावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल कर्मी के द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। सब इंस्पेक्टर राम दर्शन अस्पताल में पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के एक मात्र पुत्री थी जिसकी शादी बहुत पहले कर दिए थे पत्नी का भी बहुत पहले देहांत हो गया था। एकादशी पर्व पर इस घटना से गांव में भी मातम छा गया।

*भदोही में बोर्ड परीक्षा के लिए बने 85 केंद्र, परिषद ने जारी की सूची, 14 नवंबर तक मांगी गई आपत्तियां*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 2025 में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए रविवार की देर शाम केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी हो गई। जिले में कुल 85 केंद्र बनाए गए हैं, जो 2024 से 11 कम हैं। प्रधानाचार्यों से छात्र आवंटन एवं केंद्रों की दूरी आदि को लेकर 14 नवंबर तक आपत्ति मांगी गई है। प्रधानाचार्य ऑनलाइन परिषद की वेबसाइट और डीआईओएस कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। फरवरी-मार्च में संभावित बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की तैयारी सितंबर से ही चल रही है। स्कूलों की तरफ से आवेदन मांगे गए। राजकीय, वित्तपोषित और वित्तविहीन समेत कुल 190 विद्यालयों ने केंद्र बनने की इच्छा जताते हुए आवेदन किया।

डीएम के निर्देश पर गठित टीमों ने करीब 15 दिनों तक विद्यालयों का सत्यापन किया। जियो लोकेशन भी परिषद की वेबसाइट पर अपलोड की गई। कुछ जिलों में प्रक्रिया पूर्ण न होने पर पांच नवंबर को जारी होने वाली केंद्रों की सूची रविवार शाम को जारी की गई। इसमें जिले के लिए 85 केंद्र बनाए गए। इसमें वित्तपोषित और राजकीय विद्यालयों की संख्या कम है।60 से अधिक वित्तविहीन विद्यालय ही केंद्र बनाए गए हैं। परिषद की तरफ से सूची जारी होने के बाद 14 नवंबर तक आपत्ति मांगी गई है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में इस बार करीब 54 हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होंगे। 2023 में कुल 105 तो 2024 में 96 केंद्र बनाए गए थे।

प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक अरविंद कुमार पटेल ने बताया कि परिषद ने बोर्ड परीक्षा के लिए ऑनलाइन 85 परीक्षा केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी कर दी है। इस बार 12 विद्यालयों को नया परीक्षा केंद्र बनाया गया है। प्रधानाचार्यों से कहा गया है कि वह परीक्षा केंद्रों एवं छात्र आवंटन में आपत्ति या शिकायत हो तो प्रत्यावेदन 14 नवंबर तक परिषद की वेबसाइट एवं जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत कर दें। जिससे उसका निस्तारण किया जा सके।

*बढ़ती ठंड में नहीं रहेंगे सतर्क तो होगी आंखों की परेशान, लोगों को बरतनी चाहिए विशेष सावधानी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- सुबह-शाम चल रही सर्द हवा से गलन में इजाफा होने लगा है। बढ़ते ठंड में आंख के प्रति विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ठंड से बचाव को गर्म कपड़ा से पूरा शरीर ढका रहता है लेकिन आंख हमेशा खुला होता है। ऐसे विशेष सावधानी बरत तमाम बीमारी से बचा जा सकता है। क्योंकि धुंध में व्याप्त धूल आंखों में चुभती है। जिससे एलर्जी होने लगता है। सर्दी में बच्चों व वृद्धों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।

शीत से आंख में सूजन आना व बाइक चलाते समय आंख से पानी गिरने लगता है। वृद्धों व बच्चों को सुबह-शाम पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़ा पहनाएं। ऐसे में किसी तरह की लापरवाही बरतना घातक साबित हो सकता है। बदलते मौसम में ज्यादा देर तक पढ़ने पर आंखें दुखने लगती है। सिर दर्द होने लगता है। चश्मा लगाने के बाद भी यह समस्या होने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें जरूरत पड़ने पर चश्मा भी लगवाएं।

महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के नेत्र चिकित्सक डॉ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि ठंड के दिनों में आंख की समस्याएं काफी बढ़ जाती है। बच्चों व वृद्धों में आंख संबंधित तमाम समस्या उत्पन्न होने लगती है। ऐसे में बिना समय गंवाए चिकित्सकीय सलाह लेकर उचित इलाज कराएं। ठंड में अचानक इजाफा होने से लोग शीत की चपेट में न जाएं। इसलिए सुबह-शाम पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़ा पहनें। वृद्धा को गर्म पानी पीने को दें। शीत से बचाव को सुबह-शाम अलाव के पास बैठाएं। खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बदलते मौसम में लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी एवं तिलहन मेला का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी एवं तिलहन मेला का आयोजन जिलाधिकारी विशाल सिंह की अध्यक्षता में कृषि भवन घरांव परिसर में सम्पन्न हुआ। जिलाधिकारी द्वारा कृषकों से अपील किया गया कि अधिकारियों एवं कृषकों द्वारा बतायी गयी तकनीकी ज्ञान को अपने खेतों में अपनायें, जिससे उत्पादन बढे एवं उसका लाभ मिल सके। उनके द्वारा गोष्ठी की उपयोगिता के बारे में बताया गया कि रबी की बुवाई प्रारम्भ हो गयी है।

कृषकों को अच्छी प्रजाति के बीज का चयन कर, मृदा स्वास्थ्य कार्ड की संस्तुति के आधार पर उर्वरक का प्रयोग करते हुए बुवाई करें। जिससे अधिक उत्पादन हो सके। जिलाधिकारी द्वारा कृषकों से अपील किया गया कि पराली को न जलायें, बल्कि उसे सड़ा दें, जिससे खेत की उर्वरता बढ़ सके और उत्पादन को बढ़ाया जा सके। उन्होंने सरकार द्वारा चलायी जा रही कृषक कल्याणकारी योजनाओं के बारें में भी बताया। दीपक मिश्र जिलाध्यक्ष भाजपा द्वारा कृषकों के हितार्थ सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार कृषकों के कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है। कृषकों को किसी भी प्रकार की समस्याएं न हो पाये इसके लिए ऐसे कार्यक्रम सम्पादित किये जाते रहते हैं।

डा० शिवाकान्त द्विवेदी मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मृदा की जीवाश्म कार्बन को बढ़ाने एवं उसके उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए कृषकों से अपील किया कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बतायी गयी तकनीकी जानकारी को स्वयं के साथ अन्य कृषकों को भी प्रदान करें। जिससे जनपद का उत्पादन बढ़ सके और कृषक लाभान्वित हो सके। उप कृषि निदेशक डा०अश्वनी कुमार सिंह द्वारा गोष्ठी को रेखांकित करते हुए बताया कि रबी सीजन की बुवाई शुरू हो गयी है। इसके लिए खाद, बीज एवं सिंचाई की व्यवस्था के बारे में रूपरेखा तैयार की जाती है।

इन्होंने बताया कि तिलहन मेला से जनपद में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कृषकों से अपील किया गया कि पराली को न जलायें। बल्कि आधा किलो यूरिया डालकर खेत का पलेवा करने से पराली सड़ जायेगी और इससे जीवांश्म कार्बन की मात्रा बढ़ेगी, जबकि पराली जलाने से उत्पादन घटता है एवं जीवांश्म कार्बन का क्षरण होता है। उनके द्वारा एफ०पी०ओ० एवं कृषि यंत्रीकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

सतीश कुमार पाण्डेय जिला कृषि अधिकारी द्वारा कृषि निवेश के बारे में बताया गया कि जनपद में उर्वरक एवं बीज की कोई कमी नहीं है। कृषक राजकीय कृषि बीज भण्डारों, सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से कय कर बुवाई करें। डा० विश्ववेन्दु द्विवेदी हेड एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक के०वी० के० बेजवां द्वारा मृदा स्वास्थ्य, जैविक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। इनके द्वारा श्री अन्न के उत्पादन एवं उसके लाभ के बारे में भी जानकारी दी गयी। डा० किरन कुमार कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र बेजवां के द्वारा सम-सामायिक जानकारी देते हुए बताया कि सरसों की बुवाई, गेहूँ, चना, मटर आदि की बुवाई एवं उसमें लगने वाले रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

डा० ताराचन्द बैरवा द्वारा मृदा स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। सीआॅट्स वि०वि० नैनी के कृषि वैज्ञानिक डा० शिशिर कुमार द्वारा खेतों में रासायनिक खाद एवं दवाओं का कम या न के बराबर प्रयोग करने पर बल दिया गया। इनके द्वारा बताया गया कि जैविक विधि से खेती करें एवं बीज शोधन हेतु ट्राइकोडर्मा, राइजोबियम कल्चर आदि का प्रयोग करें। ममता यादव जिला उद्यान अधिकारी द्वारा एकीकृत बागवानी योजनान्तर्गत सब्जी की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया। इनके द्वारा स्प्रिंकलर सेट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। रामेश्वर सिंह प्रगतिशील कृषक द्वारा तिलहन खेती के बारे में जानकारी दी गयी। ओमकार नाथ राय द्वारा पराली प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गयी।

मेले में हृदयतोष कुमार उपाध्याय, राम अकबाल तिवारी, इन्द्रजीत मौर्य सहित जनपद के समस्त विकास खण्डों से बड़ी संख्या में कृषकों की सहभागिता रही। मेले में विभिन्न विभागों एवं निजी विकतों द्वारा स्टाल के माध्यम से कृषकों को जानकारी दी गयी। रत्नेश कुमार सिंह जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा अध्यक्ष महोदय की अनुमति से उपस्थित समस्त अधिकारियों, कृषकों एवं पत्रकार बन्धुओं का आभार प्रकट करते हुए गोष्ठी का समापन किया गया।

हेमटेक्स्टिल 2025 में भारतीय कालीन उद्योग का प्रतिनिधित्व: सीईपीसी का आमंत्रण, नए अवसरों की उम्मीद

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भारतीय कालीन उद्योग को हाल ही में एक बड़ा झटका तब लगा, जब हनोवर, जर्मनी में जनवरी 2025 में होने वाला प्रतिष्ठित "डोमोटेक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला" रद्द कर दिया गया। यह मेला भारतीय कालीन उद्योग के लिए वैश्विक मंच पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और नए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण अवसर था।कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के अध्यक्ष कुलदीपराज वाटल और उनकी प्रशासनिक समिति ने इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए अपने प्रयास तेज किए। उनके अथक प्रयासों और सरकार के सहयोग से वाणिज्य विभाग की एमएआई उप-समिति ने "हेमटेक्स्टिल 2025" में भारतीय भागीदारी को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। यह मेला 14 से 17 जनवरी 2025 के बीच जर्मनी के फ्रैंकफर्ट स्थित मेसे फ्रैंकफर्ट प्रदर्शनी स्थल में आयोजित होगा, जो कालीन निर्यातकों के लिए एक नया वैश्विक मंच प्रदान करेगा।

उच्चस्तरीय समिति की अंतिम मंजूरी का इंतजार

इस प्रस्ताव पर अंतिम अनुमोदन उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा होना बाकी है। डीओसी (वाणिज्य विभाग) की ओर से मंजूरी के बाद भारतीय भागीदारी का आधिकारिक ऐलान किया जाएगा। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने इस अवसर को भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है और सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए तत्पर है। इस मंजूरी के बाद भारतीय कालीन उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने विस्तार की एक नई दिशा मिल सकती है।

हेमटेक्स्टिल 2025: एक नई संभावनाओं का मंच

हेमटेक्स्टिल, विश्व के सबसे प्रमुख व्यापार मेलों में से एक है, जहाँ घरेलू वस्त्र और इंटीरियर डिजाइन से जुड़े उत्पादों का प्रदर्शन होता है। यह मेला विश्व के कोने-कोने से खरीदारों, डीलरों, और व्यवसायियों को आकर्षित करता है, जो इस क्षेत्र में संभावित भागीदारियों और खरीद के अवसरों की तलाश में होते हैं। भारतीय कालीन उत्पादों की बेहतरीन शिल्पकला और गुणवत्ता को देखते हुए, यह मंच भारत के कालीन उद्योग को नया आयाम दे सकता है।

मेला विवरण और भागीदारी आमंत्रण

मेला विवरण:

तिथि: 14-17 जनवरी 2025

स्थान: हॉल 3.0, मेसे फ्रैंकफर्ट, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी

आयोजन अवधि: 4 दिन

सीईपीसी ने हेमटेक्स्टिल 2025 में भाग लेने के लिए सभी भारतीय कालीन निर्यातकों और निर्माताओं को आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। इसके बाद कोई भी रजिस्ट्रेशन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

कालीन उद्योग के लिए नए अवसर

हेमटेक्स्टिल 2025 में भागीदारी भारतीय कालीन उद्योग को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा और पहुँच को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी। यह मेला न केवल व्यापारिक समझौतों और निर्यात को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक शिल्प कौशल को भी विश्व पटल पर पेश करेगा।

सीईपीसी के अध्यक्ष ने कहा, "हेमटेक्स्टिल 2025 में भारत की उपस्थिति न केवल व्यापारिक हितों के लिए बल्कि भारतीय शिल्पकला और गुणवत्ता को प्रदर्शित करने का एक शानदार मौका है। हम उम्मीद करते हैं कि इस मंच से भारतीय कालीन उद्योग को नई ऊंचाइयाँ प्राप्त होंगी।"

उद्योग को नई दिशा

हेमटेक्स्टिल 2025 में भारतीय उपस्थिति से अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के साथ बेहतर संबंध स्थापित होने की उम्मीद है। भारतीय निर्यातकों के लिए यह मेला नई तकनीकों और रुझानों से रूबरू होने का भी एक सुनहरा अवसर होगा। इस मेले में भागीदारी से भारतीय उत्पादों की मांग में वृद्धि हो सकती है, जो अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।

सीईपीसी ने सभी इच्छुक कंपनियों और निर्यातकों से अनुरोध किया है कि वे इस अवसर का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द आवेदन करें और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समय से पूरा करें।

*छात्रवृत्ति परीक्षा में 2023 विद्यार्थियों ने दर्ज की योग्यता, भदोही के चार केंद्रों पर रही कड़ी सुरक्षा; 197 अनुपस्थित*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति के लिए परीक्षा रविवार को जिले के चार केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई। चारों केंद्रों पर मिलाकर परीक्षा में पंजीकृत 2230 विद्यार्थियों में 2023 बच्चों ने प्रतिभाग किया, जबकि 197 बच्चे परीक्षा देने नहीं पहुंचे। परीक्षा को लेकर केंद्रों पर गहमागहमी का माहौल रहा। कक्षा आठ में अध्ययनरत बच्चों को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए जिले में चार केंद्र बनाए गए थे।

रविवार को सुबह आठ बजे के बाद से ही विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज और जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज ज्ञानपुर में छात्र-छात्राओं संग उनके अभिभावक पहुंचने शुरू हुए। जांच के बाद सभी को केंद्र परिसर में प्रवेश दिया गया। सुबह 11 बजे से एक बजे तक परीक्षा हुई। जिसके बाद बच्चे अभिभावक संग घर गए। विभूति नारायण राजकीय इंटर काॅलेज ज्ञानपुर में पंजीकृत 600 में से 448 बच्चों ने प्रतिभाग। इसी तरह काशिराज महाविद्यालय इंटर कालेज औराई में 600 में से 541, जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज ज्ञानपुर में बने केंद्र पर पंजीकृत 420 व इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कालेज भदोही में 600 में 546 ने परीक्षा दी।

*16 नवंबर को मनाया जाएगा ऊदा देवी का शहादत दिवस:भदोही में पूर्वांचल के कजरी कलाकार बांधेंगे समा, तैयारियों में जुटे लोग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- 16 नवंबर को ज्ञानपुर नगर के अर्पित लोन में वीरांगना ऊदा देवी पासी का शहादत दिवस ऐतिहासिक रूप से मनाया जाएगा। कार्यक्रम में कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया है। समाज के लोगों ने आज बैठक कर कार्यक्रम के सफलता के लिए पदाधिकारी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई।

बैठक में समाज के संयोजक रमेश पासी ने कार्यकर्ता पदाधिकारी को संबोधित करते हुए कहा कि 16 नवंबर को आयोजित ऊदा देवी पासी का शहादत दिवस ऐतिहासिक होगा। जिसके लिए आप सभी कार्यकर्ताओं मनोयोग के साथ कार्यक्रम के सफलता में लग जाए। उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को ऐतिहासिक कजरी महोत्सव का भी आयोजन किया गया है। जिसमें जनपद समेत पूर्वांचल के कजरी गायक कलाकार शामिल होंगे। रमेश पासी ने कहा कि शहादत दिवस में जहां समाज के लोग शामिल होंगे तो वही सर्व समाज के संभ्रांत जन भी कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाना हम सभी कार्यकर्ता का दायित्व है। बैठक में काफी संख्या में पैसी समाज के लोग मौजूद रहे।

पशु पालन विभाग के बेड़े में शामिल कैटल कैचर वाहन बना शो-पीस

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए पशुपालन विभाग के बेड़े में करीब एक साल पूर्व शामिल कैटल कैचर वाहन शोपीस बनकर मंडलीय पॉली क्लीनिक में महीनों से खड़ा है। छुट्टा पशुओं को पकड़ने वाला वाहन अब किसी का नहीं है। विभाग का कहना है कि उसके लिए न तो अलग से डीजल का बजट है और न ही चालक की तैनाती है। जिससे उसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है।

जिले में शहर से लेकर गांव तक छुट्टा पशुओं टहल रहे हैं। इन्हें संरक्षित करने में पशुपालन विभाग, ग्राम पंचायत और निकाय प्रशासन पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। हाल ही मोढ़ में एक सांड के हमले से एक गोवंश की मौत हो गई थी। पूर्व में जनहानि भी हो चुकी है, लेकिन इन पर रोक नहीं लगाया जा रहा है। जिले में तीन स्थायी और 28 अस्थायी सहित कुल 31 गोशाला है। इसमें आठ हजार गोवंश संरक्षित है।

पशु पालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कैटल कैचर वाहन के लिए अगल से बजट नहीं है। विभागीय मद से इधर - उधर करके डीजल की व्यवस्था की जाती है। इसे चलाने के लिए शासन स्तर से ड्राइवर की तैनाती भी नहीं की गई है। उच्चाधिकारियों का दबाव पड़ने पर वाहन रोड पर निकलता है। इसके बाद ज्ञानपुर जीआईसी मैदान पर खड़ा हो जाता है। सीवीओ डॉ डीपी सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर छुट्टा पशु पकड़े है। डीजल के लिए कोई अलग से मद नहीं है।

जयंती पर याद किए गए दत्तोपंत ठेंगड़ी, उनके मार्ग पर चलने का दोहराया गया संकल्प

आज दुनिया के सामने पर्यावरण, आर्थिक असमानता, आतंकवाद जैसे संकट गहराते जा रहे हैं। विश्व के कुछ देश और वर्ग की अधिनायकत्व वाली प्रवृत्ति के कारण एक ओर जहां संसाधनों का केंद्रीयकरण बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर दुनिया के एक बड़े तबके के बीच विकास की कोई पदचाप सुनाई नहीं देती। ऐसे समय में महान चिंतक, दार्शनिक एवं समाज सुधारक दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ गई है। दत्तोपंत ठेंगड़ी बौद्धिक प्रवर्तक, संगठनकर्ता और दार्शनिक से आगे बढ़कर समाज सुधारक इसलिए थे, क्योंकि उन्होंने भारतीयता के दर्शन को अपने कृतित्व से फलीभूत किया।

10 नवंबर, 1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी में जन्मे दत्तोपंत ठेंगड़ी महज 12 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन में शामिल हुए। ठेंगड़ी ने भारतीय मजदूर संघ (1955), भारतीय किसान संघ (1979), सामाजिक समरसता मंच (1983) और स्वदेशी जागरण मंच (1991) जैसे अनेक संगठनों की स्थापना की। ये सभी संगठन आज अपने-अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। दत्तोपंत ठेंगड़ी सामाजिक जीवन के विभिन्न पक्षों पर इतनी सूक्ष्म दृष्टि रखते थे कि उनके आख्यान भविष्य की राह बताने वाले होते थे। शीत युद्ध की समाप्ति के दौर में ही उन्होंने भविष्यवाणी कर दी थी कि दुनिया से लाल झंडे की विदाई का समय आ गया है। यह बात आज सच प्रतीत होती है। रविवार को भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ के संस्थापक स्व. दत्तोपंत ठेंगड़ी की जयंती मनाई गई है।

स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वालंबी भारत अभियान के तत्पावधान में सुर्यबलि सिंह भवन सोनखरी गोपीगंज भदोही में राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की जयंती मनायी गयी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ईश्वर शरण सिंह ने दत्तोपंत ठेगडी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की। ईश्वर शरण सिंह ने कहा कि दत्तोपंत ठेगड़ी समाज व देश के लिए जीवन पर्यंत काम किया। उन्होंने कहा कि आज ऐसे महान पुरुष के जयंती में शामिल होकर गौरवांवित महसूस कर रहा हूं। स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने कहा कि संगठन का लक्ष्य है कि भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने का काम किया जाए। जिसके क्रम में हम सभी कार्यकर्ता पदाधिकारी लगातार कार्य कर रहे हैं। संगठन के निर्देश पर आज दत्तोपंत ठेगड़ी का जयंती मनाया गया है।

*देव‌उठनी एकादशी को योग निद्रा से जागेंगे श्रीहरि, 12 नवंबर के बाद शुरू होंगे रूके हुए मांगलिक कार्य*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- आगामी 12 नवंबर को देव‌उठनी एकादशी का महापर्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह बाद योग निद्रा से उठते हैं। जिससे बाद मांगलिक कार्यों का दौर शुरू होता है। 12 नवंबर के बाद सहालग सीजन भी शुरू हो जाएगा। इस साल नवंबर और दिसंबर के दो महीने में शादी विवाह के कुल 18 शुभ मुहूर्त है। भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के बाद आगामी 12 नवंबर से शुभ दिनों की शुरुआत हो जाएगी। देव‌उठनी एकादशी के अवसर पर लोग गन्ने के मंडप में भगवान विष्णु की आराधना और आरती के बाद दिन भर गंगा - यमुना के तटों, मठों - मंदिरों से लेकर घरों तक तुलसी विवाह का आयोजन होगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव‌उठनी एकादशी को करीब चार महीने के बाद भगवान विष्णु नींद से उठते हैं। इस के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। आने वाले सहालग सीजन को देखते हुए जिन - जिन घरों में शादियों की तैयारियां चल रही है। वहां शादी विवाह को लेकर वर और वधु पक्ष तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए मैरिज लॉन ,ब्यूटी पार्लर,हलवाई, कैटरर्स माली आदि की बुकिंग हो चुकी है। लोग विद्वान आचार्यों की सलाह पर शुभ मुहूर्त भी पता कर रहे हैं। वहीं खरीददारी भी शुरू हो चुकी है।

आचार्यों के अनुसार देव‌उठनी एकादशी पर तुलसी - शालिग्राम विवाह के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। चार महीने तक भगवान विष्णु के विश्राम के कारण मांगलिक कार्य विवाह आदि वर्जित रहते हैं। 12 नवंबर से मुहूर्तों की शुरुआत होगी। फिर 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2025 तक खरमास चलेगा। खरमास के समय मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। खरमास के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास

आचार्यों के अनुसार देव‌उठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर है‌। इस दिन घरों में देव यानी भगवान उठाए जाते हैं। 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी, जो 15 जनवरी 2025 मकर संक्रांति तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य बंद रहते हैं। 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त होगा और फिर से लग्न मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी।

नवंबर - दिसंबर में विवाह के मुहुर्त

नवंबर- 16,17,18,22,23,24,25,26,27

दिसंबर - 2,3,4,5,9,10,13,14,15,