स्मोकिंग की लत छुड़ाने में मददगार,किचन में रखा ये छोटा सा मसाला

धूम्रपान की लत से छुटकारा पाना कठिन हो सकता है, लेकिन किचन में रखा एक छोटा सा मसाला आपकी मदद कर सकता है - मुलेठी (लिकोरिस)। यह न केवल स्वाद में अच्छा होता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी हैं जो धूम्रपान की तलब को कम कर सकते हैं।

कैसे करता है मुलेठी मदद?

प्राकृतिक स्वाद: मुलेठी का प्राकृतिक मिठास और हल्का स्वाद धूम्रपान की तलब को संतुष्ट करता है।

अवसाद को कम करना: मुलेठी में पाया जाने वाला ग्लाइसीर्रिज़िन यौगिक मानसिक तनाव और अवसाद को कम करने में सहायक है, जो निकोटिन छोड़ते समय मदद कर सकता है।

गले और सांस की समस्याओं में राहत: मुलेठी फेफड़ों और श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद है, जो धूम्रपान के कारण हुए नुकसान की भरपाई में सहायक हो सकता है।

प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर: जब भी आप थका महसूस करें, मुलेठी चबाने से आप तरोताजा महसूस करेंगे और तंबाकू की तलब से ध्यान हटा पाएंगे।

कैसे करें इस्तेमाल?

जब भी धूम्रपान की तलब महसूस हो, एक टुकड़ा मुलेठी का चबाएं। यह तलब को कम करेगा और धीरे-धीरे आपकी धूम्रपान की आदत को नियंत्रित करने में मदद करेगा।

मुलेठी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आपके लिए एक स्वस्थ और लाभकारी कदम हो सकता है।

टैटू बनवाने के शौकीन महिलाएं हो जाए सावधान टैटू बनवाने के बाद 68 महिलाओं को हुआ एड्स


टैटू बनवाने से पहले जानें ये जरूरी बातें:संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतें

आजकल के युवा स्टाइलिश दिखने के लिए शरीर पर तरह-तरह के टैटू बनवाते हैं, लेकिन यह टैटू आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. टैटू बनवाने वाले लोग सावधान हो जाएं, क्योंकि टैटू बनवाने से ऐसी लाइलाज बीमारियां हो सकती हैं जिनका ना तो कोई इलाज है और ना ही कोई और समाधान. आखिर में सिर्फ और सिर्फ मौत मिलती है.

जिला महिला अस्पताल में प्रसव पूर्व जांच और काउंसिलिंग के दौरान चार साल में 68 महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिली हैं। इनमें से 20 ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि संक्रमण की वजह टैटू बनवाना रही। इन सभी ने सड़क किनारे टैटू बनाने वाले लोगों से टैटू बनवाया था। इसके बाद ही तबीयत बिगड़नी शुरू हुई और एचआईवी के लक्षण नजर आए।

हर साल 15 से 20 महिलाएं एचआईवी संक्रमित

अस्पताल की एचआईवी काउंसलर ने बताया कि हर साल 15 से 20 महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिल रही हैं। जांच के बाद काउंसिलिंग की जाती है। इसी काउंसिलिंग में पता चला कि चार साल में संक्रमित मिलीं 68 में से 20 में संक्रमण की वजह सड़क किनारे टैटू बनवाना रही। सभी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया।

ऐसे होता है टैटू बनवाने से संक्रमण

हालांकि, टैटू बनवाने से संक्रमण नहीं होता है। इसी वजह टैटू बनाने में एक ही सुई का लगातार प्रयोग करना है। अगर किसी सुई से किसी एचआईवी संक्रमित का टैटू बनाया गया हो और उसी से किसी और का भी टैटू बनाया जाए तो संक्रमण का खतरा रहता है। इन सभी मामलों में ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। अगर एक टैटू बनाने के बाद उस सुई को इस्तेमाल न किया जाए तो संक्रमण के खतरे से बचा जा सकता है।

टैटू बनाने में 0.3 प्रतिशत संक्रमण का खतरा

अस्पताल की पैथोलॉजिस्ट डॉ. शैफाली अग्रवाल ने बताया कि टैटू बनाने वाले को प्रत्येक टैटू के लिए अलग सुई ( निडिल) का इस्तेमाल करना चाहिए। टैटू बनाने में 0.3 प्रतिशत संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। यदि सुई किसी संक्रमित के खून के संपर्क में आई है तो इससे दूसरे व्यक्ति में ट्रासफ्यूजन का खतरा बना रहता है।

सावधानी और सतर्कता की है जरूरत

महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अलका शर्मा का कहना है कि ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) और हेपेटाइटिस बीमारी ट्रांसफ्यूजन से फैलती हैं। एचआईवी दूषित रक्त के संपर्क में आने और संक्रमित इंजेक्शन साझा करने से भी फैलता है। संक्रमण से बचने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है।

टैटू बनवाते समय बरतें सावधानी

एमएमजी अस्पताल के सर्जन डॉ. महेंद्र सिंह का कहना है कि सबसे जरूरी चीज होती है कि जिस सुई से टैटू बनवा रहे हैं, वह स्टरलाइज्ड है या नहीं। क्योंकि अगर एक ही सुई से कई लोगों को टैटू बनाया गया है तो उससे किसी भी तरह का संक्रमण होने का खतरा रहता है।

- टैटू बनवाने के लिए इस्तेमाल होने वाली स्याही की एक्सपायरी तिथि जरूर जांच लें।

- टैटू बनवाने से पहले खाली पेट न जाएं और न ही अल्कोहल पीएं।

- टेंपररी टैटू बनवाने से बचें, क्योंकि इनमें इस्तेमाल होने वाली इंक सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

- टैटू बनवाने के बाद, इसे साफ कपड़े या टिशू से ढककर घर लें

- टैटू बनवाने के बाद, इसे धूप से बचाएं

- टैटू बनवाने के बाद, इसे धोने के लिए आर्टिस्ट के बताए गए लिक्विड या एंटी-बैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें

- टैटू बनवाने के बाद, इसे हल्के हाथों से सुखाएं और मॉइस्चराइजर लगाएं

- टैटू बनवाने के बाद, इसे नोचने या खरोंचने से बचें।

फेसबुक पोस्ट बनी कपल के लिए मुसीबत: बेंगलुरु में गांजा उगाने के आरोप में गिरफ्तार


बेंगलुरु : बेंगलुरु के एक कपल को अपने गार्डन की फोटो फेसबुक पर पोस्ट करना भारी पड़ गया. इस दंपति को अपनी बालकनी में फूलों के गमलों में गांजा (घास) उगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

इनकी पहचान के. सागर गुरुंग (37) और उर्मिला कुमारी (38) को रूप में हुई है, जो मूल रूप से सिक्किम के रहने वाले हैं और एमएसआर नगर में फास्ट-फूड जॉइंट चलाते हैं.

बेंगलुरु में रहने वाले इस कपल ने बालकनी में अपने सजावटी पौधों के बीच गांजा लगाया था. उर्मिला ने फेसबुक पर गांजा सहित पौधों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए. उनके एक फॉलोअर ने पौधों में इस गांजे को नोटिस कर लिया और पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद जांच शुरू हुई.

कपल ने की सबूत मिटाने की कोशिश

जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उर्मिला को एक रिश्तेदार ने आगाह किया और उसने जल्दी से गमलों से पौधे उखाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिए. हालांकि, पुलिस को गमलों में गांजे के पौधों के निशान मिले, जिनमें कुछ पत्ते अभी भी गमलों में थे.

क्यों उगाते थे गमले में गांजा

दंपत्ति ने स्वीकार किया कि वे प्रॉफिट कमाने के लिए गांजा उगाते थे. पुलिस ने 54 ग्राम गांजा बरामद किया और उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए, ताकि पता लगाया जा सके कि वे आगे किसी तरह के नशीले पदार्थ के वितरण में शामिल तो नहीं थे. शुरू में उर्मिला ने तस्वीरें पोस्ट करने से इनकार किया, लेकिन बाद में पुलिस ने 18 अक्टूबर को पोस्ट की पुष्टि की.

 

गिरफ्तारी के बाद दंपत्ति को थाने से जमानत पर रिहा कर दिया गया. उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

हाल ही में हुई एक अन्य घटना में, बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) नारकोटिक्स कंट्रोल यूनिट ने शहर के विदेशी डाकघर में 21.17 करोड़ रुपये की भारी मात्रा में नशीली दवाओं की खेप पकड़ी. कस्टम अधिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने 606 पार्सल बरामद किए, जिनमें हाइड्रो गांजा, एलएसडी, एमडीएमए क्रिस्टल, एक्स्टसी टैबलेट, हेरोइन और अन्य नशीली दवाएं शामिल थीं, जिन्हें अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, थाईलैंड और नीदरलैंड जैसे देशों से तस्करी करके लाया गया था.

आज का इतिहास: 2001 में दिन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को किया था संबोधित

नयी दिल्ली : 9 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 2001 में आज ही के दिन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। 

सन 2000 में 9 नवंबर के दिन उत्तराखंड का गठन हुआ था और यह उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बना था।

2005 में आज ही के दिन फ्रांस में आपातकाल घोषित हुआ था।

2001 में 9 नवंबर के दिन ही भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था।

2000 में आज ही के दिन उत्तराखंड का उत्तर प्रदेश से अलग राज्य के रूप में गठन हुआ था।

1995 में 9 नवबंर के दिन ही इजराइल के प्रधानमंत्री यितझाक राबिन की एक शांति रैली के दौरान हत्या हो गई थी।

1989 में आज ही के दिन ब्रिटेन में मृत्यु-दंड की सज़ा पर पूरी तरह से रोक लगाई गई थी।

1984 में 9 नवंबर को ही ओ. बी. अग्रवाल अमेच्योर स्नूकर में विश्व चैंपियन बने थे।

1962 में आज ही के दिन अमेरिका ने नेवाडा में परमाणु परीक्षण किया था।

1954 में 9 नवंबर के दिन ही दार्जिलिंग में हिमालयन पर्वतारोहण की संस्थान की स्थापना की गई थी।

1953 में आज ही के दिन कंबोडिया को फ्रांस से आजादी मिली थी।

1947 में 9 नवंबर के दिन ही भारत सरकार ने सैन्य कार्यवाई द्धारा जूनागढ़ मुक्त कराया था।

1937 में आज ही के दिन जापानी सेना ने चीन के शंघाई शहर पर कब्जा किया था।

1889 में 9 नवंबर के दिन ही स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज का जन्म हुआ था।

1822 में आज ही के दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का मैरी टोड के साथ विवाह हुआ था।

1822 में 9 नवंबर के दिन ही दिल्ली जल आपूर्ति योजना की औपचारिक शुरुआत हुई थी।

9 नवंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1936 में आज ही के दिन प्रसिद्ध हिन्दी कवि सुदामा पांडेय का जन्म हुआ था।

1922 में 9 नवंबर को ही अमेरिकी अभिनेत्री डोरोथी डैंड्रिज का जन्म हुआ था।

1922 में आज ही के दिन फ्रांसीसी विदूषक रेमंड डेवोस का जन्म हुआ था।

1904 में 9 नवंबर को ही भारत के सुप्रसिद्ध वनस्पति विज्ञानी पंचानन माहेश्वरी का जन्म हुआ था।

9 नवंबर को हुए निधन

1941 में आज ही के दिन संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित गंगानाथ झा का निधन हुआ था।

1962 में 9 नवंबर के दिन ही भारत का सबसे बड़ा समाज सुधारक और उद्धारक धोंडो केशव कर्वे का निधन हुआ था।

1970 में आज ही के दिन प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित शम्भू महाराज का निधन हुआ था।

1980 में 9 नवंबर के दिन ही स्वाधीनता सेनानी पूरन चन्द जोशी का निधन हुआ था।

2005 में आज ही के दिन भारत के राष्ट्रपति केआर नारायणन का निधन हुआ था।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: कांग्रेस नेता का शव कब्र से निकालकर होगा री-पोस्टमार्टम


 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कवर्धा लोहारीडीह हत्याकांड को लेकर बड़ा आदेश दिया है। जांच में लापरवाही बरतने पर शासन की गलती स्वीकार की, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने मृतक कांग्रेस नेता कचरू साहू के शव को कब्र खोदकर निकालने और डाक्टरों की टीम से री-पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है।

बीजेपी नेता के बेटे पर हत्या की साजिश का आरोप

उल्लेखनीय है कि 15 सितंबर को लोहारीडीह (मप्र सीमा) में कचरू की लाश पेड़ पर लटकती मिली थी। आरोप था कि बीजेपी नेता के बेटे ने हत्या की साजिश रची थी। मृतक कचरू उर्फ शिव प्रसाद साहू की बेटी व मां की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 

पूर्व में एकलपीठ से याचिका निरस्त होने के बाद युगलपीठ में अपील पेश की गई। अपीलार्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, शशांक शेखर व हर्षित बारी ने पैरवी की।

शार्ट पोस्टमॉर्टम के बाद शव दफनाया

शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें शुरुआती जांच में गलती होना स्वीकार किया। छत्तीसगढ़ शासन ने अपने जवाब में यह भी कहा कि घटना के बाद जिस तरह परिस्थितियां बन रही थी, उसे देखते हुए शार्ट पोस्टमॉर्टम कराया गया था। शार्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर मृतक कचरू साहू के शव को उसकी नौ साल की बेटी को सौंप दिया था। जिसके बाद शव स्वजनों की उपस्थिति में लाश को दफना दिया।

दोनों सरकार के विरोधाभासी बयान

वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, तब वहां के महाधिवक्ता ने जवाब में बताया था कि शव को स्वजनों को सौंपा गया है। जबकि, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश शासन की ओर से कहा गया कि शव उसकी बेटी को सौंपा गया था।

अगर आपका बच्चा करने लगा हैं ज्यादा बदतमीजी तो उसे सुधारने के लिए अपनाए ये टिप्स

अगर आपका बच्चा ज्यादा बदतमीजी करने लगा है और उसकी आदतें बिगड़ रही हैं, तो चिंता न करें। बच्चों का स्वभाव और व्यवहार धीरे-धीरे सुधारने के लिए धैर्य और समझदारी की जरूरत होती है। यहां कुछ असरदार टिप्स दिए गए हैं, जो आपको बच्चे का व्यवहार सुधारने में मदद कर सकते हैं:

1. प्रभावी संवाद करें

बच्चों के साथ सकारात्मक और स्पष्ट संवाद करें। उनकी बात को सुनें और समझें। उनसे पूछें कि वे क्यों गुस्सा या चिड़चिड़े हैं। जब बच्चा सुना और समझा महसूस करता है, तो उसके व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो सकता है।

2. सीमाएं निर्धारित करें

बच्चों को यह स्पष्ट रूप से बताएं कि किन चीजों की अनुमति है और किनकी नहीं। उन्हें नियमों और सीमाओं के बारे में समझाएं और जब वे इन सीमाओं का उल्लंघन करें, तो सख्ती से लेकिन प्यार से उन्हें सही रास्ता दिखाएं।

3. आदर्श बनें

बच्चे माता-पिता को देखकर सीखते हैं। अगर आप शांति, धैर्य और समझदारी से अपनी समस्याओं का सामना करते हैं, तो बच्चा भी यही सीखेगा। आपके अच्छे व्यवहार और आदतों का उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

4. पुरस्कृत और प्रोत्साहित करें

बच्चे के अच्छे व्यवहार को पुरस्कृत करें। उसकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की तारीफ करें। इससे बच्चे को प्रोत्साहन मिलेगा और वह सकारात्मक व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित होगा।

5. बुरे व्यवहार पर प्रतिक्रिया न दें

कभी-कभी बच्चे ध्यान आकर्षित करने के लिए बदतमीजी करते हैं। ऐसे में, उनके बुरे व्यवहार पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय, उसे अनदेखा करना फायदेमंद हो सकता है। इससे उन्हें एहसास होगा कि गलत तरीके से ध्यान पाने का प्रयास सफल नहीं हो रहा है।

6. भावनाओं को समझने में मदद करें

बच्चों को उनकी भावनाओं को पहचानना और व्यक्त करना सिखाएं। उन्हें समझाएं कि गुस्सा, उदासी, या हताशा जैसी भावनाएं सामान्य हैं लेकिन इन्हें सही तरीके से व्यक्त करना जरूरी है।

7. समय-सीमा और अनुशासन

बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए समय-सीमा तय करें। अगर बच्चा गलती करता है तो उसे समझाएं कि यह ठीक नहीं है, और अगले बार से उसे सुधरने का मौका दें।

8. खुद को शांत रखें

जब बच्चा बदतमीजी करता है, तो आपको धैर्य रखना होगा। बच्चे पर चिल्लाना या गुस्सा करना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। खुद को शांत रखते हुए स्थिति का समाधान ढूंढें।

9. प्यार और अपनापन दिखाएं

बच्चों को हमेशा यह महसूस कराएं कि आप उनसे प्यार करते हैं, चाहे वे कैसी भी गलती करें। उनकी गलती सुधारने का प्रयास करें, लेकिन यह भी दिखाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं।

10. पेशेवर मदद लें

अगर बच्चे का व्यवहार ज्यादा बिगड़ चुका है और सामान्य तरीकों से सुधार नहीं हो रहा है, तो किसी काउंसलर या विशेषज्ञ से सलाह लेना भी फायदेमंद हो सकता है। वे आपकी स्थिति को समझते हुए सही मार्गदर्शन दे सकते हैं।

बच्चों का बुरा व्यवहार अक्सर बदलाव के दौर का हिस्सा होता है। धैर्य और सही मार्गदर्शन से धीरे-धीरे उनका स्वभाव बदल सकता है। इन टिप्स को अपनाने से आप उन्हें सही दिशा में ला सकते हैं और उनका सकारात्मक विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।

आज का इतिहास:1913 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने किया था ‘द ग्रेट मार्च’ का नेतृत्व


नयी दिल्ली : 6 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1913 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीतियों के खिलाफ ‘द ग्रेट मार्च’ का नेतृत्व किया था। 

1943 में 6 नवंबर को ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को साैंप दिया गया था।

2000 में आज ही के दिन ज्योति बसु ने लगातार 23 वर्षों तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहने के बाद पद छोड़ा था।

1999 में 6 नवंबर को ही ऑस्ट्रेलिया ने ब्रितानी राजतंत्र को नहीं ठुकराने का फैसला किया था।

1998 में आज ही के दिन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने डेट्रॉइन क्षेत्र को ऑटोमोबाइल राष्ट्रीय स्मारक क्षेत्र घोषित किया था।

1990 में 6 नवंबर के दिन ही नवाज शरीफ़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे।

1965 में आज ही के दिन अमेरिका और क्यूबा में अमेरिका छोड़ना चाहने वाले क्यूबाइयों के लिए विशेष विमान चलाने पर सहमति बनी थी।

1962 में 6 नवंबर को ही राष्ट्रीय रक्षा परिषद की स्थापना हुई थी।

1949 में आज ही के दिन यूनान में गृह युद्ध खत्म हो गया था।

1943 में 6 नवंबर के दिन ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को साैंप दिया था।

1913 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीतियों के खिलाफ ‘द ग्रेट मार्च’ का नेतृत्व किया था।

1903 में 6 नवंबर के दिन ही अमेरिका ने पनामा की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी।

1888 में आज ही के दिन गांधी जी ने बैरिस्टर का प्रशिक्षण लेने के लिए लंदन के इनर टेंपल में प्रवेश लिया था।

1860 में 6 नवंबर के दिन ही अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति चुने गए थे।

1844 में आज ही के दिन स्पेन ने डाेमिनिकन गणराज्य को स्वतंत्र किया था।

1813 में 6 नवंबर के दिन ही मैक्सिको ने स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की थी।

6 नवंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1937 में आज ही के दिन लोकसभा सदस्य यशवंत सिन्हा का जन्म हुआ था।

6 नवंबर को हुए निधन

1985 में आज ही के दिन हिंदी फिल्म अभिनेता संजीव कुमार का निधन हुआ था।

2010 में 6 नवंबर के दिन ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ शंकर राय का निधन हुआ।

गुजरात में बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण स्थल पर हादसा, कई लोग फंसे


गुजरात के आणंद में मंगलवार को बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण स्थल पर एक कंक्रीट ब्लॉक ढह गया. जिसके नीचे कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. बचाव कार्य जारी है. आणंद पुलिस, दमकल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.

यह हादसा शाम 5 बजे के आसपास हुआ, जब निर्माण स्थल पर इस्तेमाल किए गए गर्डर टूट गए और एक बड़ा हिस्सा गिर गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और बचाव कार्रवाई शुरू की.

आणंद जिले के डीएसपी गौरव जसानी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना स्थल पर लगाया जा रहा एक गर्डर आज गिर गया. इस घटना में 2 लोगों को बचा लिया गया. बचाए गए दो श्रमिकों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है. ऐसा माना जाता है कि दो अन्य श्रमिक अभी भी फंसे हुए हैं. 

उन्हें बचाने के लिए हम बचाव अभियान चला रहे हैं."नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने एक बयान में कहा कि वडोदरा के करीब माही नदी के पास निर्माण स्थल पर यह हादसा हुआ.

बयान में कहा गया, "आज शाम माही नदी पर बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण स्थल पर तीन मजदूर कंक्रीट ब्लॉक के बीच फंस गए. क्रेन और जेसीबी मशीनों का उपयोग करके बचाव कार्य जारी है. एक मजदूर को बचा लिया गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है."

प्रदूषण के कारण बढ़ी खांसी से परेशान? इन घरेलू नुस्खों से पाएं राहत

प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ता जा रहा है, खासकर सर्दियों के मौसम में। जब हवा में धूल, धुआं और हानिकारक गैसें घुल जाती हैं, तो इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसका सबसे पहला असर हमारे फेफड़ों और सांस की नलियों पर पड़ता है, जिससे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय अपनाकर हम खांसी और गले की जलन से राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 आसान उपाय जो इस परेशानी में तुरंत राहत दे सकते हैं।

1. अदरक और शहद का सेवन करें

अदरक और शहद के मिश्रण में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की खराश और खांसी में राहत देते हैं। अदरक को छोटे टुकड़ों में काटकर उसका रस निकालें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। इससे गले में तुरंत राहत मिलेगी और खांसी में कमी आएगी।

2. भाप लें (स्टीम इनहेलेशन)

भाप लेने से गले और फेफड़ों में जमा कफ को ढीला करने में मदद मिलती है। आप भाप लेने के लिए गर्म पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल या यूकेलिप्टस ऑयल डाल सकते हैं। इससे सांस लेने में आसानी होती है और खांसी भी कम होती है।

3. हल्दी दूध का सेवन करें

हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। यह शरीर के अंदर से इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करता है और गले की सूजन और दर्द में राहत प्रदान करता है।

4. गर्म पानी और नमक के गरारे करें

गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से गले की सूजन कम होती है और खांसी में आराम मिलता है। यह एक प्राचीन तरीका है जो गले के इंफेक्शन और खराश को दूर करने में कारगर है। दिन में 2-3 बार गरारे करने से खांसी में काफी राहत मिलती है।

5. तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा

तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा भी खांसी और गले के इंफेक्शन में राहत देने का एक असरदार उपाय है। एक कप पानी में 7-8 तुलसी के पत्ते और 2-3 काली मिर्च डालकर उबालें। इसे दिन में 1-2 बार पिएं। यह काढ़ा शरीर को गर्म रखता है और गले की सूजन को कम करता है।

प्रदूषण से बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपनी इम्यूनिटी को मजबूत रखें और समय-समय पर इन घरेलू उपायों का उपयोग करें। बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग भी करें और अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें। इन आसान और असरदार उपायों को अपनाकर आप प्रदूषण के इस मौसम में खांसी और गले की समस्याओं से बच सकते हैं।

ब्रेकिंग : पद्म अवार्ड से सम्मानित बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन,छठ से शुरू हुई लोकप्रियता छठ में हुई खत्म

नई दिल्ली : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली में निधन हो गया। उनका कई दिनों से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। शारदा सिन्हा को छठ के गीतों के लिए जाना जाता था, और उनकी लोकप्रियता छठ से शुरू हुई थी। उनके निधन से उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।

पिछले तकरीबन 15 दिन से उनका दिल्‍लरी AIIMS में इलाज चल रहा था. उनके बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने इससे पहले बताया था कि वह बोलने में भी लड़खड़ाने लगी हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्‍हें आईसीयू से निकाल कर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था. दिल्‍ली एम्‍स से मिली जानकारी के अनुसार, शारदा सिन्‍हा ने रात 9:20 बजे अंतिम सांस ली.

बेटे ने दी थी हेल्थ अपडेट

इससे पहले उनके बेटे अंशुमान ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव होकर अपनी मां की हेल्थ अपडेट दी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी हालत खराब है और डॉक्टर कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें और झूठी खबरें न फैलाएं. अब खबर आई है कि उनका इंतकाल हो गया है.

कौन है शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा छठ पर्व पर गाए गए गीतों के लिए काफी मशहूर हैं. उनका जन्म बिहार के समस्तीपुर में 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था. संगीतमय परिवार में जन्मी शारदा ने बचपन से ही शास्त्रीय संगीत की डिग्री हासिल की. उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में कई लोकगीत गाए हैं. 1980 में शारदा ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से की थी. लेकिन उन्हें लोकप्रियता छठ पर्व के गीत गाकर मिली।

पद्म विभूषण से किया जा चुका है सम्मानित

इतना ही नहीं शारदा सिन्हा ने कुछ मशहूर बॉलीवुड गाने गाए हैं, जिनमें सलमान खान की 'मैंने प्यार किया' में 'काहे तो से सजना', सलमान और अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2' का 'तार बिजली से पतले' शामिल हैं.इसके अलावा उन्होंने माधुरी दीक्षित की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' में 'बाबुल' गाना गाया है. शारदा को 1992 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण और 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।