आजमगढ़: देशव्यापी ऐतिहासिक किसान आंदोलन की चतुर्थ वर्षगांठ की तैयारी बैठक सम्पन्न
निजामाबाद ( आजमगढ़
)। संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हानपर 26 नवम्बर को जिला मुख्यालय पर संयुक्त किसान मोर्चा आजमगढ़ के विभिन्न किसान संगठन किसान संग्राम समिति,अ भा किसान महासभा,अ भा किसान सभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, जनमुक्ति मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति, संयुक्त किसान मजदूर संघ, जनवादी लोक मंच के नेतृत्वकारी किसान नेताओं की बैठक अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में संपन्न हुई। बैठक में ऐतिहासिक किसान आन्दोलन की चौथी बरसी पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आह्वान आगामी 26 नवम्बर 2024 को आजमगढ़ में तैयारी की योजना बनाकर सफल बनाने का फेैसला लिया .गया। जिला स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा 26 नवम्बर 2024 को संयुक्त प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति कोे जिलाधिकारी के माध्यम से मांगपत्र भेजना है। एसकेएम ने एन डी ए की मोदी सरकार द्वारा किसान आंदोलन के साथ वादाखिलाफ़ी की चर्चा है।बैठक में निम्नलिखित मांग उठाने का निर्णय लिए गये- 1. सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के साथ स्वामीनाथन के फार्मूले के अनूरूप एमएसपी सी2 + 50 % अर्थात लागत का डेढ गुना 2. किसानों कीआत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना और कर्जा से मुक्ति लागू करो। किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं बटाईदार किसानों को दी जाय। 3. बिजली विल 2022 निजीकरण वापस लो। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना वापस लो। फर्जी विलिंग को रोका जाए। सभी घरेलू उपभेक्ताओं को 300 यूनिट फ्री व किसानों को बिना शर्त.सिंचाई हेतु फ्री बिजली देने का योगी सरकार वायदा पूरा करे। 4 कॉरपोरेट कंपनियों व अन्य के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद होऔर भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 का खुला उल्लंघन बन्द करो। भूमि अधिग्रहण के नाम पर बैनामा से भूमि लेना बन्द किया जाय। वैकल्पिक व्यवस्था किे बिना लोगों को उजाडना बन्द किया जाय। उ0प्र0 में 2017 से न बढाये गये सर्किल रेट को बढाया जायं। 5. फसलोंऔर पशुपालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में व्यापक बीमा योजना लागू की जाएं। 6. किसान व खेतमजदूरों को 60 साला पेंसन 10000 रु मासिक लागू की जाएं। 7.डीएपी व यूरिया की सहकारी समितियों/ संघों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराओ। वितरण में धांधली, कालाबाजारी व नकली खाद बीज व कीटनाशकों पर रोक लगाओ तथा किसानों कृषि यंत्रों, कीटनाशक आदि पर से जीएसटी समाप्त की जाय। 8. आंधी पानी से प्रदेश में हुई फसलों की बर्बादी, धान में रोग से हुई उत्पादन में कमी का प्रति एकड 30000रू0 मुआबजा दियाऔर नुकसान के अनुसार फसल बीमा दिलाया जाय। 9. प्रदेश में आवारा पशुओं, जंगली जानवरों से बढे पैमाने पर हो रही जनहानिऔर फसलों को भारी क्षति का मुआबजा दिलाया जाय और पशु मेलो में गौबंश की खरीद फरोख्त पर लगाई गई बन्दिशें हटाई जायं। उ0प्र0 में सरकारी संरक्षण में चलाई जा रही नफरत की राजनीति पर रोक लगे। 10. प्रदेश की बन्द सभी चीनी मिलो को चालू किया जाय।गन्ना bकिसानों का बकाया का भुगतान किया जाय। गन्ने की फसल का एमएसपी 530 रू0 प्रति कुन्टल तय किया। 11.चारों श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाय. 12. न्यूनतम वेतन 26000 रुपये प्रतिमाह का राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना 13.सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण न करना 14.राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन (एनएमपी) को समाप्त करनाऔर श्रम में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करना शामिल है। 15. पुरानी पेंशन बहालीहो, ईपीएफओ की पेंशन न्यूनतम 10000रू0 माह की जाय। 16.स्कीम वर्कसआशा, रसोईया, आंगनवाडी को 26000 रू0 माह वेतन व कर्मचारी का दर्जा दिया जाय। 17.मनरेगा में 200 दिन काम देने और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने तथा इस योजना को कृषि,पशुपालन और वाटरशेड आधारित योजना से जोड़ा जाय। उपस्थिति:-दुखहरन राम, दान बहादुर मौर्य,रामराज, नंदलाल, वेदप्रकाश उपाध्याय, विनोद सिंह,डा.रवींद्रनाथ राय,जय प्रकाश नारायण, रामकुमार यादव, प्रेमनारायण,अवधराज यादव, भीमराव , राजेश आज़ाद आदि। अध्यक्षता कामरेड नंदलाल और संचालन राजेश आज़ाद ने किया।


)। संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हानपर 26 नवम्बर को जिला मुख्यालय पर संयुक्त किसान मोर्चा आजमगढ़ के विभिन्न किसान संगठन किसान संग्राम समिति,अ भा किसान महासभा,अ भा किसान सभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, जनमुक्ति मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति, संयुक्त किसान मजदूर संघ, जनवादी लोक मंच के नेतृत्वकारी किसान नेताओं की बैठक अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में संपन्न हुई। बैठक में ऐतिहासिक किसान आन्दोलन की चौथी बरसी पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आह्वान आगामी 26 नवम्बर 2024 को आजमगढ़ में तैयारी की योजना बनाकर सफल बनाने का फेैसला लिया .गया। जिला स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा 26 नवम्बर 2024 को संयुक्त प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति कोे जिलाधिकारी के माध्यम से मांगपत्र भेजना है। एसकेएम ने एन डी ए की मोदी सरकार द्वारा किसान आंदोलन के साथ वादाखिलाफ़ी की चर्चा है।बैठक में निम्नलिखित मांग उठाने का निर्णय लिए गये- 1. सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के साथ स्वामीनाथन के फार्मूले के अनूरूप एमएसपी सी2 + 50 % अर्थात लागत का डेढ गुना 2. किसानों कीआत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना और कर्जा से मुक्ति लागू करो। किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं बटाईदार किसानों को दी जाय। 3. बिजली विल 2022 निजीकरण वापस लो। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना वापस लो। फर्जी विलिंग को रोका जाए। सभी घरेलू उपभेक्ताओं को 300 यूनिट फ्री व किसानों को बिना शर्त.सिंचाई हेतु फ्री बिजली देने का योगी सरकार वायदा पूरा करे। 4 कॉरपोरेट कंपनियों व अन्य के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद होऔर भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 का खुला उल्लंघन बन्द करो। भूमि अधिग्रहण के नाम पर बैनामा से भूमि लेना बन्द किया जाय। वैकल्पिक व्यवस्था किे बिना लोगों को उजाडना बन्द किया जाय। उ0प्र0 में 2017 से न बढाये गये सर्किल रेट को बढाया जायं। 5. फसलोंऔर पशुपालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में व्यापक बीमा योजना लागू की जाएं। 6. किसान व खेतमजदूरों को 60 साला पेंसन 10000 रु मासिक लागू की जाएं। 7.डीएपी व यूरिया की सहकारी समितियों/ संघों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराओ। वितरण में धांधली, कालाबाजारी व नकली खाद बीज व कीटनाशकों पर रोक लगाओ तथा किसानों कृषि यंत्रों, कीटनाशक आदि पर से जीएसटी समाप्त की जाय। 8. आंधी पानी से प्रदेश में हुई फसलों की बर्बादी, धान में रोग से हुई उत्पादन में कमी का प्रति एकड 30000रू0 मुआबजा दियाऔर नुकसान के अनुसार फसल बीमा दिलाया जाय। 9. प्रदेश में आवारा पशुओं, जंगली जानवरों से बढे पैमाने पर हो रही जनहानिऔर फसलों को भारी क्षति का मुआबजा दिलाया जाय और पशु मेलो में गौबंश की खरीद फरोख्त पर लगाई गई बन्दिशें हटाई जायं। उ0प्र0 में सरकारी संरक्षण में चलाई जा रही नफरत की राजनीति पर रोक लगे। 10. प्रदेश की बन्द सभी चीनी मिलो को चालू किया जाय।गन्ना bकिसानों का बकाया का भुगतान किया जाय। गन्ने की फसल का एमएसपी 530 रू0 प्रति कुन्टल तय किया। 11.चारों श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाय. 12. न्यूनतम वेतन 26000 रुपये प्रतिमाह का राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना 13.सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण न करना 14.राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन (एनएमपी) को समाप्त करनाऔर श्रम में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करना शामिल है। 15. पुरानी पेंशन बहालीहो, ईपीएफओ की पेंशन न्यूनतम 10000रू0 माह की जाय। 16.स्कीम वर्कसआशा, रसोईया, आंगनवाडी को 26000 रू0 माह वेतन व कर्मचारी का दर्जा दिया जाय। 17.मनरेगा में 200 दिन काम देने और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने तथा इस योजना को कृषि,पशुपालन और वाटरशेड आधारित योजना से जोड़ा जाय। उपस्थिति:-दुखहरन राम, दान बहादुर मौर्य,रामराज, नंदलाल, वेदप्रकाश उपाध्याय, विनोद सिंह,डा.रवींद्रनाथ राय,जय प्रकाश नारायण, रामकुमार यादव, प्रेमनारायण,अवधराज यादव, भीमराव , राजेश आज़ाद आदि। अध्यक्षता कामरेड नंदलाल और संचालन राजेश आज़ाद ने किया।














। जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम), सोशलिस्ट किसान सभा, पूर्वांचल किसान यूनियन ने आज़मगढ़ जनपद में मनरेगा योजना के प्रति जारी सरकार की लापरवाही पर विरोध जताया है। एनएपीएम के राजशेखर, किसान नेता राजीव यादव और पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने जारी बयान में कहा कि सरकार दीपोत्सव का ढिंढोरा पीट रही है पर मजदूर को उसकी मजदूरी नहीं दे रही है। दशहरा, दीपावली बीत गया आजमगढ़ के मनरेगा श्रमिकों की नब्बे लाख बकाया मजदूरी नहीं दी गई। मजदूर के घर दिया जले यह सरकार की प्राथमिकता में नहीं है इसीलिए डीसी मनरेगा कह रहे हैं कि इसके लिए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जबकि मनरेगा योजना में लंबित देनदारी रोज़गार गारंटी अधिनियम का उल्लंघन है। गौरतलब है कि वर्तमान आंकड़ों के हिसाब से जनपद के जॉबकार्ड धारक श्रमिकों की मज़दूरी और निर्माण सामग्री आपूर्ति मद में 27 करोड़, 43 लाख, सात हज़ार रूपये की देनदारी हो गई है। इसमें श्रमिकों के 90 लाख रूपये मज़दूरी शामिल है और शेष 26 करोड़, 53 लाख, सात हज़ार रूपये निर्माण सामग्री आपूर्ति का भुगतान शेष है। इसका बुरा असर मनरेगा में काम कर रहे लाखों परिवारों की आजीविका पर पड़ रहा है। मज़दूरी मिलने में देरी और निर्माण सामग्री आपूर्ति मद की देनदारी निपटाने में हो रही देरी मनरेगा कार्यों के सुचारु रूप से चलने में बाधा आ सकती है। ऐसी परिस्थितयों में श्रमिक मनरेगा से दूर होते जाएंगे और काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन को मजबूर होंगे। किसान नेताओं ने कहा कि लंबित देनदारी की स्थिति मनरेगा योजना में लगातार कम हो रहे बजटीय आवंटन से जन्म ले रही है। पिछले दस सालों में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के लिए हुए बजट आवंटन में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इसका असर उत्तर प्रदेश में बजट आवंटन पर भी पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश के ऊपर कुल 955 करोड़ की लंबित देनदारियां हैं। इसमें लंबित मज़दूरी 50 करोड़ है और निर्माण सामग्री आपूर्ति 822.5 करोड़ है। वित्तीय वर्ष खत्म होने में 5 महीने बाकी हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के कुल बजट का 90 प्रतिशत उपयोग हो चूका है। मनरेगा जो लाखों परिवारों के आजीविका का एक मज़बूत साधन है उसपर कम बजट, लंबित मज़दूरी और काम न मिलने के कारण एक बड़ा हमला किया जा रहा है। किसान संगठनों ने मनरेगा योजना को मज़बूत करने की मांग की है। इस दिशा में सबसे ज़रूरी मनरेगा मज़दूरी को बढ़ाया जाए जो फिलहाल 230 रुपए प्रतिदिन है। इसे महंगाई दर के अनुसार बढ़ाकर 800 रुपये प्रतिदिन करनी चाहिए। इसके साथ ही बजट आवंटन में तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी किया जाना चाहिए। मनरेगा में जारी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए शिकायत निवारण प्रणाली और सामाजिक अंकेक्षण को अमल में लाया जाए।
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िजामाबाद (आजमगढ़)। ब्लाक मुहम्मदपुर के ग्राम मोहिउद्दीनपुर में शिव नारायण पंथ के राष्ट्रीय संगठन सचिव व कानून गो पद से रिटायर्ड अच्छेलाल के निधन पर श्रद्धांजलि सभा , सत्संग,व भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व सांसद डॉक्टर बलिराम ने कहा कि अच्छेलाल शिवनारायण पंथ के संत के साथ एक मजबूत सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। पूर्व मंत्री डॉ कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा ने कहा कि अच्छे लाल का निधन गांव व समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। श्रद्धांजलि सभा में बाबा राजकुमार महंत ने अपने प्रबचन कहाकि संत अच्छे लाल लेखपाल (कानून गो ) ने राष्ट्रीय संगठन सचिव के रूप में शिवनारायण पंत के मार्ग को आगे बढ़ाने का कार्य किया। बाबा चंद्रबली महंत ने कहा की शिवनारायण पंत के राष्ट्रीय संगठन सचिव अच्छे लाल के निधन से समाज को अपूर्णिय क्षति हुई जौनपुर से आए महंत राजनाथ मास्टर ने कहाकि अच्छेलाल लेखपाल हमेशा संगठन में लोगों को जोड़ने के लिए एवं समाज को दिशा देने के लिए कार्य करते थे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिप्रकाश मास्टर ने अच्छेलाल लेखपाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। समाजसेवी राम अवतार सनेहीं ने कहाकि अच्छे लाल युवाओं एवं नौजवानों को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते थे। वह एक निर्भीक एवं निडर के साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
कार्यकाल में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को बताने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गैर बसपाई दलों को जनता भली-भांति जान चुकी है। आने वाले समय में मुंहतोड़ जवाब देंगी। श्री शास्त्री ने कार्य कर्ताओं से मतदाता सूची में छूटे हुए अपने लोगों का नाम बढ़ाने के लिए कार्य करने की अपील किया। बैठक की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष राम पूजन व संचालन विधानसभा सचिव डाक्टर बाबू राम ने किया।
साले खाद्य पदार्थों की बिक्री जोरों पर रहीं। मेले में जैसा देखा जा रहा है कि मिठाई के नाम पर जलेबी विकती है। लेकिन दीपावली में किस्म किस्म की मिठाई की खूब बिक्री हुई। बाजारों में भीम भाड़ के चलते बार बार जाम लग जाया कर रहा था। लेकिन जगह जगह पुलिस के जवान मुस्तैद दिखाई दिये। बार-बार भीड़भाड़ हटाते रहे। दीपावली को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखाई दिया।
Nov 09 2024, 18:12
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