बिहार में छठ पूजा के दौरान तालाब में डूबने से हादसा, 59 लोगों की मौत, 11 लापता

बिहार में छठ पूजा के दौरान पिछले 36 घंटे में नदियों व तालाब में डूबने से 59 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लापता हैं। इनकी तलाश की जा रही है। मृतकों में बेगूसराय के सात, समस्तीपुर व रोहतास के पांच-पांच, पटना व मुजफ्फरपुर के चार-चार, गया, मुंगेर, पूर्णिया, खगड़िया, मधेपुरा व सहरसा के तीन-तीन, सारण, औरंगाबाद व आरा के दो-दो, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, लखीसराय, अररिया, कटिहार, रोहतास, वैशाली, जहानाबाद और नालंदा जिले के एक-एक लोग शामिल हैं।

इन जिलों में हुआ हादसा

बेगूसराय में गुरुवार को अलग-अलग घाटों पर तीन व शुक्रवार को चार लोग डूब गए।

रोहतास जिले में गुरुवार को नहर व नदी में डूबने से चार लोगों की, वहीं शुक्रवार को एक की मौत हो गई।

पटना जिले के फुलवारी शरीफ में दो, मनेर व बख्तियारपुर में एक-एक की मौत हुई है।

मनेर में शुक्रवार को तीन अलग-अलग स्थानों पर भाई-बहन समेत छह लोग डूब गए। जिसमें से दो को बचा लिया गया। वहीं एक का शव बरामद किया गया। तीन लोगों की नदी में तलाश जारी है।

मनेर में बरामद शव झारखंड के गुमला जिले के निवासी का है, जो खासपुर में भट्ठा मजदूर था।

पुनपुन प्रखंड में दो लोग डूब गए, एक को ग्रामीणों ने बचा लिया। दूसरे की तलाश जारी है।

भोजपुर जिले के सोन नदी में पांच बच्चे डूब गए। दो का शव बरामद किया गया है। एक बालक लापता है। दो बच्चियों को स्थानीय लोगों के प्रयास से बचा लिया गया।

सारण में पलटी नाव

सारण जिले के तरैया के पाचभिंडा में छठ पूजा के दौरान शुक्रवार सुबह युवकों से भरी नाव पोखर में पलट गई। नाव में बच्चे के साथ लगभग दस युवक सवार थे।

इसमें दो युवकों की डूबने से मौत हो गई है। मृतक पचभिंडा गांव के दसई मांझी के पुत्र सूरज कुमार मांझी (18) व वैद्यनाथ सिंह पुत्र बिट्टू कुमार (20) थे।

गांव के सरकारी पोखर पर छठ पूजा के दूसरे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने छठ व्रती पहुंचे थे। इसी बीच एक नाविक कुछ युवकों को नाव में बैठा कर पोखर में घुमाने लगा। तभी अचानक नाव पोखर में पलट गई। इस घटना को कुछ युवकों ने अपने मोबाइल में कैद कर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया, जिसमें दिख रहा है कि नाव सीधे पानी में डूब रही है।

औरंगाबाद में दो लोगों की मौत

औरंगाबाद जिले में अलग-अलग घटनाओं में तालाब में डूबने से दो की मौत हो गई। पहली घटना में नगर थाना क्षेत्र के शाहपुर स्थित सूर्य मंदिर के समीप घाट पर 12 वर्षीय किशोरी की डूबकर मौत हुई है। किशोरी साधनी कुमारी शहर के वार्ड नंबर 32 के रामडीहा निवासी प्रदीप चौधरी की पुत्री थी। दूसरी घटना बारुण में तालाब में डूबने से खैरा गांव निवासी धर्मेंद्र यादव की नौ वर्षीय पुत्री वैष्णवी कुमारी की मौत हुई है।

वैशाली जिले के राजापाकड़ थाना के जाफर पट्टी पंचायत में पोखर में शुक्रवार की सुबह डूबने से रविंद्र पासवान के 17 वर्षीय पुत्र धर्मवीर कुमार की मौत हो गई। वहीं काजीपुर थाना क्षेत्र के चांदी घाट पर बीते गुरुवार की दौलतपुर चांदी निवासी बाबन राम के पुत्र राजू कुमार की नदी में स्नान करने के दौरान डूबने की आशंका है।

गया जिले में नदी व सरोवर में डूबने से अलग-अलग जगहों पर तीन की मौत हो गई। मुंगेर में गुरुवार की शाम में प्रिंस कुमार बेलहरणी नदी में डूब गया। शुक्रवार की सुबह सन्नी कुमार व शीतल कुमारी की डूबने से मौत हो गई। वहीं, अभिषेक कुमार की तलाश जारी है।

मधेपुरा में आनंद कुमार, सोनू कुमार व कामेश्वर मंडल की डूबने से मौत हो गई। वहीं 24 वर्षीय युवक लापता है। खगड़िया में विजय कुमार, मुकेश कुमार व पारो कुमारी उर्फ पार्वती कुमारी डूब गई। वहीं साधना कुमारी की तलाश की जा रही है।

पूर्णिया में ज्योति देवी, तारा रिषी और पप्पू कुमार की डूबने से मृत्यु हो गई। जबकि आसु कुमार लापता है। लखीसराय के हिमांशु कुमार, कटिहार में 10 वर्ष के बच्चे व अररिया के राजेश कुमार मल्लिक की मौत डूबने से हो गई।

उत्तर बिहार के जिलों में छठ घाट पर डूबने से 9 लोगों की मौत हो गई। समस्तीपुर में विशाल कुमार, निशांत कुमार, बादल पंडित व कृष्ण कुमार की डूबने से मौत हो गई।

वहीं, हरिपुर गांव के पोखरा में भैंस को नहलाने के दौरान डूबने से पितांबर पासवान की मृत्यु हो गई। सीतामढ़ी में लव कुमार, दरभंगा में भाग्यरंजन कुमार, पूर्वी चंपारण में संजय साह व मुजफ्फरपुर में अरुण राम, रीतू कुमारी, निधि कुमारी व राजहंस की मौत हो गई।

छठ से जैसे महापर्व का भी अपराधियों के अंदर नही रहा डर, व्रर्ती की धारदार हथियार से काटकर कर दी हत्या

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ से सभी डरते है। यह एक ऐसी पूजा है जिसमें अबतक लोगों की आस्था बरकरार है और लोग इसमें भूल से भी कोई गलती नहीं करना चाहते है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि अपराधियों की अंदर से इस पूजा का भी भय खत्म हो चुका है। एक ऐसी ही घटना पश्चिम चंपारण जिले से सामने आई है। जहां एक छठ व्रर्ती की धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई। अपराधियो ने उन्हें सुबह का अर्घ्य देने का मौका भी नहीं दिया।

बेतिया में छठ व्रत कर रही एक महिला संध्या का अर्घ्य देकर अपने घर आई लेकिन सुबह के भगवान भास्कर को अर्घ्य नही दे सकीं। क्योंकी रात में ही महिला को बदमाशों ने मौत की नींद सुला दी। मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है।

मृतिका के पति ने बताया कि बड़े ही धूमधाम से छठ पूजा मनाया जा रहा था और पत्नी अपने दो छोटे बच्चों के साथ संध्या का अर्घ्य देकर आई थी। और सभी लोग सो गए तभी आधी रात में अपराधियों ने कमरे में सो रही मेरी पत्नी को धारदार हथियार से सर पर वार कर दिया जिससे उसकी की मौत हो गई। वहीं मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। वहीं पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई हैं।

बेतिया एसपी डॉ शौर्य सुमन ने बताया कि बेतिया के बसवरिया में मधुबाला सिंह नाम की एक महिला को अपराधियों ने धारदार हथियार से महिला के सिर पर वार कर दिया है जिससे महिला की मौत हो गई हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी हैं। वही एफएसएल की टीम डॉग स्क्वाड को बुलाया गया हैं। हर एक बिंदुओं पर जांच की जा रही हैं। बहुत जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।

आरसीपी की पार्टी के चुनाव मैदान में आने से किसका होगा फायदा और किसका होगा नुकसान ?

डेस्क : बिहार में पिछले 30-35 सालों से तीन दलों राजद, जदयू और बीजेपी ही सत्ता में है। इन्हीं तीन पार्टियों को बिहार की जनता अबतक अपना मत देती रही है। हालांकि इसके पीछे यह भी वजह रहा है कि अन्य कोई विकल्प नही था। लेकिन 2025 के चुनाव से पहले जनता को दो अन्य विकल्प मिल गए है। प्रशांत किशोर ने अपना जन सुराज पार्टी बना लिया है। जिसे चुनाव आयोग से मान्यता भी मिल गई है। वहीं अब आर.सी.पी सिंह ने अपनी नई पार्टी बना एक और विकल्प बिहार की जनता को दे दिया है। अब ऐसे में सबसे अहम सवाल यह है कि आरसीपी सिंह की पार्टी के चुनाव मैदान में आने से किसका फायदा होगा किसे नुकसान होगा।

यहां आपको हम बता दें कि अपनी पार्टी का एलान करते समय ही आरसीपी ने कहा था कि हमारे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 140 मजबूत उम्मीदवार तैयार हैं। वहीं आरसीपी नई पार्टी के गठन के बाद नीतीश कुमार पर ही ज्यादा हमलावर दिखे और बीजेपी का गुणगान किया। आरसीपी सिंह बिहार की राजनीति में कितना प्रभाव छोड़ेंगे ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी नाई पार्टी नालंदा, नवादा, पटना, बेगूसराय, समस्तीपुर और मुंगेर जैसे जिलों में कोइरी-कुर्मी वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते आऱसीपी ने इन जिलों पर विशेष फोकस किया था। खासकर कहा जा है कि आरसीपी सिंह के पास संजय गांधी जैसे कई ऐसे नेता हैं, जो उनके लिए आने वाले दिनों में टूल का काम करेंगे। ऐसे में यह समीकरण यदि काम कर जाता है तो निश्चित तौर पर इसका सबसे ज्यादा नुकसान जदयू को फायदा राजद को होगा।

बहरहाल आरसीपी सिंह बिहार की राजनीति में अपना कितना प्रभाव छोड़ेंगे ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तय है कि अगले चुनाव में बिहार की राजनीति में एक अलग माहौल देखने को जरुर मिलेगा।

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व छठ का हुआ समापन, चार दिनों तक शहर से लेकर गांव तक रहा आस्था और भक्ति का माहौल

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को संपन्न हो गया। व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मैया को नमन किया। सुबह-सुबह भगवान भास्कर के उषा किरण को सभी ने पूरी श्रद्धा से आराधना की। सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का महापर्व संपन्न हो गया। पटना गंगा घाट, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, वैशाली, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सिवान, छपरा सहित पूरे बिहार में छठ पूजा की गयी।

महापर्व के दौरान चार दिनों तक बिहार के सभी जिलों में जगह-जगह आस्था का अद्भूत माहौल देखने को मिला। वहीं छठ घाटों और तालाबों में छठ व्रतियों के श्रद्धा का विहंगम दृश्य देखने को मिला। शुक्रवार को उगते सूरर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने पूरे विधि विधान से छठी मैया की पूजा-अर्चना की। इसके बाद व्रत का पारण किया। व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म हुआ।

गौरतलब है कि बिहार समेत देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ अब विदेशो में भी छठ पूजा मनाया जाता है। छठ घाटों पर भारी तादाद में व्रतियों ने पानी में उतरकर छठी मैया की आराधना की। यह व्रत छठी मैया और भगवान भास्कर को समर्पित होता है। मान्यता है कि छठी मैया की पूजा से घर में सुख, समृद्धि और वंश की वृद्धि होती है।

11 नवंबर तक पटना जंक्शन पर नहीं मिलेगा प्लेटफार्म टिकट, जानिए क्यों

डेस्क : पटनावासियों के लिए एक बड़ी खबर है। आज से अगले चार दिनों यानि 11 नवंबर तक पटना जंक्शन पर प्लेटफार्म टिकट नहीं मिलेगा। ऐसे मे वे अपने लोगों को स्टेशन छोड़ने जाने पर प्लेटफार्म तक नहीं जा पाएंगे। रेलवे के अनुसार यह बड़ा निर्णय सुरक्षा को लेकर लिया गया है।

दरअसल हर साल छठ पूजा के बाद पटना जंक्शन जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ जमा होती है। लाखों लोग छठ पूजा का उत्सव मनाकर वापस अपने काम पर लौटते हैं। इस साल भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए दानापुर रेल डिविजन ने विशेष कदम उठाया है।

प्लेटफॉर्म टिकट पर रोक

रेलवे प्रशासन ने 8 से 11 नवंबर के बीच पटना जंक्शन पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इसका मतलब यह है कि इस अवधि में बिना वैध यात्रा टिकट के कोई भी व्यक्ति स्टेशन पर प्रवेश नहीं कर सकेगा। इस फैसले का उद्देश्य प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ को रोकना है, ताकि केवल वे यात्री ही प्लेटफॉर्म पर प्रवेश कर सकें, जिनके पास यात्रा के लिए वैध टिकट होगा।

दानापुर रेल डिविजन के डीआरएम जयंत चौधरी ने इस कदम की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि छठ पूजा के बाद यहां विशेष भीड़ होती है, और आमतौर पर यात्री अपने परिजनों के साथ स्टेशन तक आते हैं, जिससे प्लेटफॉर्म पर भीड़ और अव्यवस्था पैदा हो जाती है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है, जिससे यात्रियों को अपनी ट्रेन पर चढ़ने में कोई कठिनाई न हो।

यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए यह कदम

उन्होंने कहा है कि पटना जंक्शन जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों पर जहां हर दिन हजारों यात्रियों की आवाजाही होती है, वहां प्लेटफार्म पर भीड़ नियंत्रित करना बेहद आवश्यक हो जाता है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है, ताकि प्लेटफॉर्म पर अधिक संख्या में लोग न हों और किसी प्रकार की अनहोनी या दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न न हो।

छठ पूजा के बाद पटना से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और अन्य प्रमुख शहरों की ओर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हो जाती है। इन यात्रियों के लिए रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनों और विशेष इंतजामों की आवश्यकता होती है। इस समय के दौरान पटना जंक्शन पर टिकटों की मांग में भी वृद्धि देखी जाती है, क्योंकि लोग अपने काम पर लौटने के लिए यात्रा करते हैं। रेलवे की इस नई व्यवस्था के बाद यात्री किसी प्रकार की असुविधा से बच सकेंगे और अपनी यात्रा को आराम से पूरा कर सकेंगे। यह कदम यात्री सुरक्षा और प्रबंधन के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

11 नवंबर के बाद यह विशेष व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री सामान्य रूप से शुरू हो जाएगी। रेलवे प्रशासन ने साफ किया है कि इस व्यवस्था का उद्देश्य केवल छठ पूजा के बाद बढ़ी हुई भीड़ को नियंत्रित करना है और स्थिति सामान्य होते ही सभी सामान्य सेवाएं फिर से बहाल कर दी जाएगी।

छठ महापर्व : पटना के उल्लारधाम में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, लाखों की संख्या में व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया। पटना के विभिन्न छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा। छठ महापर्व के उमंग में पूरा बिहार डूबा हुआ है। रंगीन रोशनी से नहा उठे पटना के गंगा घाटों की नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बन रही है। हर गली, हर घर में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं।

वहीं पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के दुल्हन बाजार प्रखंड स्थित भगवान भास्कर की नगरी उल्लारधाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। लाखों श्रद्धालु छठव्रतियों ने अस्तचलगामी सूर्य (डूबते सूर्य) की पहली आर्ग देकर भगवान भास्कर और छठी मईया की सूर्य उपासना करते हुए भगवान भास्कर और छठी मइया की दरबार में हाजरी लगाते हुए पूजा अर्चना कर अपने परिवार की सुख शांति और समृद्धि की मंगलकामना करते हुए अपने मनोवांक्षित मनोकामनाएं पूर्ण करने की आशीर्वाद लिया।

गौरतलब है कि पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के दुल्हन बाजार प्रखंड के उल्लारधाम स्थित द्वापर कालीन पौराणिक और ऐतिहासिक विश्व विख्यात सूर्य उपासना की बारह सूर्य पीठों में से एक मुख्य केंद्र स्थलियों में एक उल्लार्क सूर्य मंदिर है। जिसको द्वापरयुग भगवान श्रीकृष्ण के जामवंती पुत्र राजा शांब द्वारा स्थापित किया गया था।

ऐसी मान्यता है राजा शांब को दुर्वासा ऋषि की श्राप से पूरे शरीर में भयंकर कुष्ठ व्याधि हो गई थी। जिससे निजात पाने के लिए ऋषि दुर्वासा ने राजा शांब को कुष्ठ व्याधि से मुक्ति के लिए बारह अलग अलग जगहों पर बाहर सूर्य पीठों की स्थापना कर वहां बारह वर्ष सूर्य उपासना करने की उपाय बताए थे। जिसके बाद राजा शांब ने देश विभिन्न हिस्सों में कोणार्क, लोलार्क, पंडारक, देवार्क, अंगारक के साथ साथ बारह सूर्य पीठों में से एक उल्लार्क सूर्य मंदिर और एक तलाब की निर्माण कर यहां सूर्य उपासना किया था। जोकि अब उल्लारधाम के नाम से विश्व विख्यात और सुप्रसिद्ध है।

सीएम आवास एक अणे मार्ग में हो रहा महापर्व छठ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिए अर्ध्य

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य देने के लिए छठ महापर्व करने वाले व्रती छठ घाट पर पूरे परिवार के साथ पहुंच चुके है। पटना के विभिन्न छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा है और अर्घ्य देने सिलसिला शुरु हो चुका है। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा।

इधर पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में भी पूरे धूमधाम से महापर्व छठ किया जा रहा है। जहां सीएम नीतीश कुमार ने भी डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।

बता दें कि मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार के परिवार के सदस्य छठ पूजा कर रहे हैं। पटना के गंगा घाटों का जायजा लेने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद मुख्यमंत्री स्टीमर से पटना के विभिन्न छठ घाटों का जायजा लेने निकल गये।

स्मृति शेष : पंचतत्व में विलिन हुई स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

डेस्क : बिहार कोकिला शारदा सिन्हा आज पंचतत्व में विलीन हो गई। पटना के गुलबी घाट पर आज उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पुलिस जवानों द्वारा उन्हें सलामी दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान पुत्र अंशुमान के साथ वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गई।

उनके अंतिम संस्कार के दौरान पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने अर्थी को कंधा दिया, वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान के साथ चिता के लिए लकड़ियों को सहजते नजर आए। वहीं घाट पर पुलिस जवानों ने उन्हें सलामी देकर विदा किया।

बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने की घोषणा की है। उन्होंने पटना के जिलाधिकारी को इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है। वहीं शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने बताया कि गुरुवार की सुबह राजेंद्रनगर आवास से गुलबी घाट के लिए अंतिम यात्रा निकलेगी। उन्होंने अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर हो।

बीते बुधवार को शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना पहुंचा। मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा के राजेंद्रनगर स्थित आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और सांत्वना दी। इस दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा सांसद संजय कुमार झा आदि मौजूद रहे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को शरदा सिन्हा के परिवार के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर उनका पार्थिव शरीर वायुयान से पटना भिजवाने का निर्देश दिया।

पार्थिव शरीर के पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री माहेश्वर हजारी, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सहित अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्थिव शरीर राजेंद्र नगर रोड नंबर छह स्थित उनके आवास पर ले जाया गया जहां तमाम गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्मृति शेष : आज पंचतत्व में विलिन होगी स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार

डेस्क : बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा आज गुरुवार को पंचतत्व में विलिन हो जाएगी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने की घोषणा की है। उन्होंने पटना के जिलाधिकारी को इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है। वहीं शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने बताया कि गुरुवार की सुबह राजेंद्रनगर आवास से गुलबी घाट के लिए अंतिम यात्रा निकलेगी। उन्होंने अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर हो।

बीते बुधवार को शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना पहुंचा। मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा के राजेंद्रनगर स्थित आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और सांत्वना दी। इस दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा सांसद संजय कुमार झा आदि मौजूद रहे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को शरदा सिन्हा के परिवार के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर उनका पार्थिव शरीर वायुयान से पटना भिजवाने का निर्देश दिया।

पार्थिव शरीर के पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री माहेश्वर हजारी, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सहित अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्थिव शरीर राजेंद्र नगर रोड नंबर छह स्थित उनके आवास पर ले जाया गया जहां तमाम गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

छठ महापर्व : अर्घ्य के लिए पटना के घाट सज-धजकर तैयार, प्रशासन की ओर से किए गए है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

* डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य दिया जायेगा। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा। इधर छठ महापर्व के उमंग में पूरा बिहार डूबा हुआ है। हर ओर उत्सवी माहौल है। साफ-सफाई के बाद सूर्य मंदिरों से लेकर नदी-तालाब के घाट अर्घ्य के लिए सजकर तैयार हैं। रंगीन रोशनी से नहा उठे पटना के गंगा घाटों की नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बन रही है। हर गली, हर घर में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं। इधर पटना जिले के घाट अर्घ्य के लिए सज-धजकर तैयार हो गए हैं। गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के साथ तालाब और पार्कों में लगभग 550 घाटों पर छठव्रतियों के लिए नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है। जिला प्रशासन, नगर निगम और नगर परिषदों ने गंगा किनारे घाटों, पार्कों और तालाबों को तैयार कर लिया है। सुरक्षित, खतरनाक और अनुपयुक्त घाटों को भी चिह्नित कर उनकी सूची जारी कर दी गई है। बुधावार तक सभी घाटों पर छोटी-छोटी कमियों को भी दूर कर लिया गया है। छठ व्रतियों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सभी घाटों पर पदाधिकारी और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। गुरुवार को पहले अर्घ्य की तैयारी पूरी हो गई है। छठ व्रतियों के लिए कलेक्ट्रेट घाट पर रेड कारपेट बिछाया गया है। कच्चे संपर्क पथों पर धूलकण न उड़े इसके लिए नियमित तौर पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। छठ व्रतियों को किसी भी तरह का दिक्कत नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है। *डीएम ने दिए है यह सख्त निर्देश* जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कर्मियों और पदाधिकारियों को छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं के साथ विनम्र व्यवहार रखने का निर्देश दिया है। सफाई कार्य में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में नगर आयुक्त ने सभी सफाई कर्मियों और कार्यपालक पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है। *नियंत्रण कक्ष को दें सूचना* किसी भी प्रकार की संदेहास्पद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष की दूरभाष संख्या 0612-2219810/ 2219234, डायल-112 और पुलिस नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नम्बर 9470001389 पर तुरंत दें। किसी भी प्रकार की लावारिस वस्तु या संदिग्ध वस्तु अगर आपको दिखाई पड़े, तो इसकी सूचना तुरंत डायल 112 या वहां पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष या नियंत्रण कक्ष को दें और उस संदिग्ध वस्तु को बिल्कुल ना छुएं।