सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर दिया बयान

दिल्ली दंगों के मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी को लेकर के देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से सवाल पूछा गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कई मामले का जो मीडिया में दिखाया जाता है उससे वे काफी अलग हो सकते हैं. एक जज किसी मामले की सुनवाई करते समय अपने दिमाग का इस्तेमाल करता है और बिना किसी पक्षपात के उसके मैरिट के आधार पर फैसला करता है.

इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मीडिया में एक विशेष मामला महत्वपूर्ण हो जाता है और फिर उस विशेष मामले पर कोर्ट की आलोचना की जाती है. उन्होंने कहा, ‘सीजेआई के रूप में पदभार संभालने के बाद मैंने जमानत के मामलों को प्राथमिकता देने का फैसला किया क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है. यह फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट की कम से कम हर पीठ को 10 जमानत मामलों की सुनवाई करनी चाहिए. 9 नवंबर 2022 से 1 नवंबर 2024 के बीच सुप्रीम कोर्ट में 21,000 जमानत मामले दायर किए गए. इस दौरान 21,358 जमानत मामलों का निपटारा किया गया है.’

मनी लॉन्ड्रिंग के 901 मामले निपटाए गए- सीजेआई

सीजेआई ने बताया कि इसी अवधि में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज 967 मामलों में से 901 का निपटारा किया गया. उन्होंने कहा, ‘एक दर्जन राजनीतिक मामले प्रमुख लोगों से जुड़े हैं, जिनमें हाल के महीनों में जमानत दी गई है. अक्सर मीडिया में किसी मामले के एक खास पहलू को पेश किया जाता है. जब कोई जज किसी मामले के रिकॉर्ड पर ध्यान देता है, तो जो सामने आता है वह उस विशेष मामले के मैरिट्स के बारे में मीडिया में दिखाई गई पिक्चर से काफी अलग हो सकता है. जज संबंधित मामलों पर अपना ध्यान केंद्रित करता है और फिर मामले का फैसला करता है.’

मैंने ए से लेकर जेड तक जमानत दी- सीजेआई

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अपनी बात करूं तो मैंने ए से लेकर जेड (अर्नब गोस्वामी से लेकर जुबैर तक) को जमानत दी है और यही मेरा दर्शन है. “जमानत नियम है और जेल अपवाद है” के सिद्धांत का प्रमुख रूप से पालन किया जाना चाहिए, लेकिन इसे अभी ट्रायल कोर्ट तक पहुंचना बाकी है.’

कानपुर में महिला सुरक्षा पर सवाल,अस्पताल के डायरेक्टर ने नर्स को बंधक बनाकर किया दुष्कर्म"आरोपी डायरेक्टर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से रेप की हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक अस्पताल के डायरेक्टर ने नर्स के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी घटना को अंजाम दिया है. नर्स की शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, मामले में आगे की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने नर्स को बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया है. वहीं बाद में जान से मारने की धमकी भी दी थी.

कानपुर के कल्याणपुर इलाके में एक प्राइवेट अस्पताल के डायरेक्टर ने नर्स के साथ रेप किया. युवती पिछले कुछ महीने से अस्पताल में बतौर नर्सिंग स्टाफ काम रही थी. रविवार की शाम डायरेक्टर के बुलाने पर युवती अस्पताल में आयोजित पार्टी में शामिल हुई थी. डायरेक्टर ने युवती को नाइट ड्यूटी करने के लिए कहा था. इसी दौरान डायरेक्टर ने नर्स को आधी रात में अपने कमरे में बुलाया और फिर उससे जबरदस्ती करते हुए कमरे को बंद कर लिया.

डायरेक्टर ने किया नर्स के साथ रेप

इसके बाद डायरेक्टर ने उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया. वहीं, नर्स का कहना है कि आरोपी ने रेप के बाद उसे धमकी दी थी कि अगर किसी को भी घटना के बारे में बताया तो जान से मार दूंगा. घटना के बाद युवती ने कल्याणपुर थाने में पहुंचकर आरोपी के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, आरोपी की पहचान इश्तियाक अहमद उर्फ सीटू के तौर पर हुई है.

परिवार ने की सख्त सजा की मांग

घटना के बाद से ही पूरे इलाके में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोग आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त से सजा की मांग कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि पीड़ित युवती की मेडिकल जांच कराई जाएगी और फिर उसका मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. यह हमला रविवार को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया, जिन्होंने मंदिर में लाठी-डंडों से हमला किया और धार्मिक माहौल को भंग किया. घटना के बाद कनाडा में भारतीय समुदाय और सरकार में चिंता बढ़ गई है. पीएम मोदी ने इस घटना पर पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की हिंसात्मक हरकतों से भारत का संकल्प कमजोर नहीं होगा.

इस घटना को लेकरप्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं. हिंसा के ऐसे कामों से भारत के संकल्प कभी कमजोर नहीं होंगे. हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी’

ब्रैम्पटन हिंदू मंदिर पर हमला

ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर पर हुए इस हमले में खालिस्तानी समर्थकों ने मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडों से हमला किया. हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे और वे धार्मिक माहौल को खराब करने के उद्देश्य से वहां आए थे. मंदिर पर हमले के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई है. पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैली हुई है.

क्या बोले जस्टिन ट्रूडो?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता. हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है.” ट्रूडो के इस बयान ने दर्शाया कि कनाडाई सरकार इन हमलों को गंभीरता से ले रही है और दोषियों को कानून के दायरे में लाने का प्रयास करेगी.

हरदोई के किसान की मेहनत रंग लाई: सलाद पत्ता की खेती से मालामाल हुआ किसान

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक किसान की मेहनत ऐसी रंग लाई कि अब वह मालामाल हो गया है. उसकी उगाई हुई फसल की डिमांड मुंबई और ताजमहल के 5 स्टार होटलों में हो रही है. दरअसल किसान ने सलाद पत्ता यानी लेटस की खेती शुरू की है. किसान ने अपनी मेहनत और लगन से पूरे जिले का नाम रोशन किया है. खास बात यह है कि उसने पारंपरिक खेती से हटकर विदेशी फसल को अपनाया है.

जैविक खाद की मदद से की जा रही इस सलाद की खेती की मांग अब देश के कई भागों से आने लगी है. किसान का कहना है कि लेटस का पत्ता पौष्टिक होने के साथ-साथ देखने में भी खूबसूरत लगता है. इसकी फसल की मांग देश के कई पांच सितारा होटलों में होने लगी है. जहां से अच्छा पैसा मिल रहा है.

बिलग्राम तहसील क्षेत्र के रहने वाले अनुभवी किसान सुधीर ने बताया कि वह अपनी पुश्तैनी खेती में पारंपरिक फसलें काफी समय से उगा रहे थे. कोरोना काल में खेती के बाद बचने वाले समय का भी सदुपयोग नहीं हो पा रहा था. वह खेती का काम निपटा कर मेहनत मजदूरी शहर जाकर कर लेता था. लेकिन, कोरोना के कारण इसकी बाहरी आमदनी का जरिया पूरी तरीके से बंद हो गया था. उसका ज्यादातर समय मोबाइल के साथ बीतने लगा. एक दिन उसने विदेशी खेती सलाद पत्ता के बारे में एक आर्टिकल पढ़ा. वह इस फसल के विषय में पहली बार जान रहा था उसने तुरंत ऑनलाइन बीच का ऑर्डर कर दिया.

फाइव स्टार में होता है इस्तेमाल

कुछ दिन बाद बीज भी आ गए और तब से लेकर आज तक वह सलाद पत्ता की खेती कर रहा है. करीब 1 साल तक मेहनत करने के बाद अब इसकी खेती और मेहनत दोनों रंग लाने लगी हैं. उसकी सलाद की ज्यादातर मांग ताज नगरी आगरा और और माया नगरी मुंबई तक होने लगी है. सुधीर ने बताया कि इस फसल के पत्ते का उपयोग ज्यादातर फाइव स्टार होटलों में सलाद को सजाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा भी इसे कई महंगे फास्ट फूड के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है. मार्केट में इसकी भारी मांग है और इसका काफी अच्छा मूल्य भी मिल जाता है. इसकी खेती ने आर्थिक स्थिति में काफी सुधार किया है.

किसी भी सलाद में इस्तेमाल

हरदोई के कृषि उप निदेशक नंदकिशोर ने बताया कि विदेशी फसलों में सलाद पत्ता की फसल मुख्य होती है. इसकी पत्तियों को प्याज, चुकंदर, मूली, गाजर, खीरा आदि की सलाद में प्रयोग किया जाता है. इसकी पत्तियों को बड़े होटलों में सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खेती के लिए सर्दी का मौसम सबसे बेहतरीन माना गया है. 15 डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान सलाद के लिए सबसे मुफीद होता है. हल्की बलुई दोमट और मटियार दोमट खेती युक्त जमीन कारगर मानी गई हैं. खेती का पीएच मान 7 के अंदर ही उचित है. इसकी प्रजातियों में स्लोवाट, चाइनीस येलो, ग्रेट लेकस मुख्य प्रजातियां शामिल है.

खेती की जमीन को खरपतवार और कीटों से शोधित करने के बाद में क्यारियां बनाकर पौध तैयार की जाती है. इसका बीज प्रति हेक्टेयर 500 ग्राम उचित है 25 सेमी की दूरी पर पौधे से पौध की दूरी उचित मानी गई है सलाद का पत्ता पोषक तत्वों से भरपूर होता है एक हेक्टेयर में करीब 30 से 40 टन तक इसकी पैदावार होती है. इसके प्रति किलो की बाजार में मांग ₹100 किलो तक है.

पद्मनाभस्वामी मंदिर पर जीएसटी विभाग का बड़ा नोटिस, 1.57 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने का दिया आदेश

केरल के तिरुवनन्तपुरम में पद्मनाभ स्वामी मंदिर है. यह मंदिर सालों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. अब जीएसटी विभाग ने मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर 1.57 करोड़ रुपये के बकाया जीएसटी भुगतान की मांग की है.

नोटिस में इस बात का जिक्र है कि मंदिर पर सात साल से जीएसटी बकाया है.

विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस के मुताबिक, मंदिर को कई तरीके से आय होती है. इनमें भक्तों की ओर से चढ़ाये गए कपड़े भी शामिल हैं, जिनसे मंदिर प्रबंधन को काफी आय होती है. इसके अलावा मूर्तियों की बिक्री से होने वाली आय भी शामिल है. साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालु हाथियों को किराए पर लेते हैं, जिससे मंदिर को आमदनी होती है.

सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया

अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. इसके बाद मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजा गया है. वहीं, इस मामले पर मंदिर के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. उनका कहना है कि मंदिर को टैक्स में कई तरीके की छूटें हैं. इस अवधि के दौरान टैक्स योग्य आय केवल 16 लाख रुपये ही है, जिनमें से तीन लाख रुपये चुकाए जा चुके हैं. विभाग के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने बकाया टैक्स 2017 से जमा नहीं किया है. राशि का भुगतान नहीं करने पर जुर्माना लगेगा. जुर्माना नहीं देने पर 18 प्रतिशत ब्याज का भी लगेगा

पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुअनन्तपुरम में स्थित है. यहां भगवान विष्णु की पूजा होती है. 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया. त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. यहां मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति है, जोकि श्रद्धालुओं के लिए सालों से आस्था का केंद्र बना हुई है. इस मंदिर में भगवान विष्ण की मूर्ति शयन मुद्रा में विराजमान है. भगवान विष्णु की विश्राम करने की अवस्था को ‘पद्मनाभ’ कहा जाता है, यहीं वजह है इस मंदिर को पद्मनाभस्वामी मंदिर कहा जाता है.

गुजरात के अमरेली में दर्दनाक हादसा: एक ही परिवार के 4 बच्चों की कार में बंद होने से मौत

गुजरात के अमरेली में एक दिल दहलाने वाली घटना हुई है. यहां एक ही परिवार के चार बच्चों की कार में बंद हो जाने की वजह से मौत हो गई है. यह हादसा रविवार की दोपहर अमरेली के रंधिया गांव का है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने चारो बच्चों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अमरेली के डिप्टी एसपी चिराग देसाई के मुताबिक फिलहाल इस मामले को हादसे की धाराओं में दर्ज किया गया है. हालांकि पुलिस इस हादसे की असली वजह की पड़ताल के लिए मामले की हर संभावित एंगल से जांच कर रही है.

डिप्टी एसपी चिराग देसाई के मुताबिक बच्चों के माता पिता मध्य प्रदेश के रहने वाले खेतीहर मजदूर हैं. रविवार को एक खेत मालिक भरत मंदानी उन्हें अपने साथ लेकर खेतों में काम करने के लिए ले गए थे. खेत में जाते समय भरत मंदानी ने अपनी कार बच्चों के घर के बाहर खड़ी कर दी. ऐसे में माता-पिता और खेत मालिक के वहां से जाने के बाद सभी बच्चे कार में घुसकर खेलने लगे. इसी दौरान अचानक से कार का दरवाजा बंद हुआ और गेट लॉक हो गया. चूंकि बच्चों को गेट खोलने या शीशा उतारने नहीं आता था.

कार से निकलने के लिए बच्चों ने खूब किया था संघर्ष

ऐसे में कुछ देर में ही कार के अंदर आक्सीजन की कमी होने लगी और इसकी वजह से बच्चों का दम घुटने लगा. इन बच्चों ने कार से निकलने की काफी कोशिश भी की, लेकिन बाहर से किसी व्यक्ति की इन बच्चों पर नजर तक नहीं पड़ी. ऐसे में समय रहते मदद नहीं मिल पाने की वजह से इन बच्चों की मौत हो गई. डिप्टी एसपी देसाई के मुताबिक इन चारों बच्चों की उम्र दो से सात साल के बीच थी. शाम को जब कार मालिक और इन बच्चों के माता पिता खेत से घर लौटे तो गाड़ी में बच्चों के शव मिले.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

आनन फानन में मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद बच्चों का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है. पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया यह मामला हादसा है. हालांकि पुलिस इस घटना की असली वजह की पड़ताल के लिए पूरे मामले की जांच कर रही है. इसमें पुलिस यह देखने की कोशिश कर रही है कि बच्चे इस कार के अंदर कैसे बंद हो गए.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने तेज की तैयारियां

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी है. बीजेपी नवंबर आखिरी हफ्ते से दिल्ली में प्रचार प्रसार के काम में तेजी लाएगी. हफ्ते भर के अंदर प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति, उम्मीदवार चयन समिति और प्रदेश कोर ग्रुप का गठन किया जाएगा. बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में करीब 10 पार्षद और एल्डरमैन पार्षदों को चुनाव में उतारने की तैयारी में है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी मजबूत पकड़ और अच्छी छवि वाले पार्षदों को चुनाव लड़ाएगी. दिल्ली के कालका से योगिता सिंह, बाबरपुर से मुकेश बंसल और मुंडका से गजेंद्र दलाल जैसे मजबूत पार्षदों को विधानसभा चुनाव में मौका दिया जा सकता है. दिल्ली के पूर्व सांसद जिन्हें इस लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था, उनमें से कई चुनाव लड़ेंगे.

वहीं, पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा का विधानसभा चुनाव लड़ना तय. बीजेपी दिल्ली विधानसभा में 3 सीट गठबंधन में सहयोगी दलों को दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक एनडीए के सहयोगी दल जदयू को दिल्ली में दो सीट और लोजपा (रामविलास) को एक सीट दे सकती है. दिल्ली की सीमापुरी, बुराड़ी और संगम विहार विधानसभा सीट जेडीयू और लोजपा जैसे गठबंधन दलों को दे सकती है.

कई विधायकों का कट सकता है पत्ता, पार्टी करा रही है सर्वे

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के मौजूदा 7 विधायक में से ज्यादातर का टिकट कट सकता है. बीजेपी के कई मौजूदा विधायकों का सर्वे रिपोर्ट नकारात्मक मिला है. दिल्ली के लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से अभय वर्मा, गांधीनगर से अनिल बाजपेई, विश्वास नगर से सिटिंग विधायक ओमप्रकाश शर्मा, गोंडा विधानसभा क्षेत्र से सिटिंग विधायक अजय महावर, जैसे सीटिंग विधायकों की सीट पर पार्टी सर्वे करवा रही है.

फरवरी 2025 में खत्म होगा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल

दिल्ली की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा. इससे पहले कभी भी चुनाव कराए जा सकते हैं. फिलहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद आतिशी दिल्ली की सीएम बनीं. वह दिल्ली की तीसरी महिला सीएम बनी हैं. इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम थीं.

छठ पूजा में आखिर क्यों बांस के सूप का किया जाता है इस्तेमाल, जानें क्या है महत्व

हिन्दू धर्म में छठ पूजा के दौरान बांस के सूप का बहुत अधिक महत्व होता है. बांस एक प्राकृतिक वस्तु है और इसे प्रकृति का प्रतीक माना जाता है. छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है, इसलिए बांस के सूप का इस्तेमाल छठ पूजा में किया जाता है. बांस को शुद्ध और पवित्र माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाता है. छठ पूजा में सूप का इस्तेमाल करने के पीछे यह मान्यता भी है कि इसके उपयोग से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं और व्रती को मनचाहा फल प्राप्त होता है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और यह छठ पूजा का एक हिस्सा बन चुकी है.

छठ पर्व की तिथि

द्रिक पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर दिन गुरुवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 नवंबर दिन शुक्रवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी.

ऐसे उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा. छठ पूजा संपन्न करने के लिए इस तरह से शाम के समय का अर्घ्य 7 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा. इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा.

छठ पूजा में बांस से बनी हुई कई सारी चीजों का उपयोग होता है. जैसे कि बांस की टोकरी, सूप, कोनी आदि. सूप का उपयोग सूर्य देव की पूजा में होता है और इसके बिना पूजा को अधूरा माना जाता है. सूर्यदेव की पूजा में जब अर्घ्य दिया जाता है तब बांस के सूप का ही उपयोग किया जाता है. साथ ही इसमें कई प्रकार के फल और ठेकुआ आदि भी रखा जाता है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

ऐसा माना जाता है कि जो भी पति-पत्नी पूरे श्रद्धा भाव से छठ माता का पूजन करते हैं उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और निःसंतान दम्पत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही परिवार में सभी सुखी जीवन व्यतीत करते हैं.

छठ पूजा में मुख्य रूप से तीन दिनों के लिए मनाया जाता है जिसमें नहाय खाय, खरना और संध्या अर्घ्य प्रमुख हैं. इस पूजा को विधि-विधान के साथ किया जाता है. इस पूजा में बांस के सूप का उपयोग किया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में लोग प्राकृतिक वस्तुओं का ही उपयोग करते थे, बांस आसानी से उपलब्ध होने के कारण इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाने लगा था.

कुछ मान्यताओं के अनुसार, आदिवासी संस्कृति में बांस का विशेष महत्व होता था और इसे पूजा में इस्तेमाल किया जाता था. सूर्य देवता को ऊर्जा और जीवन का दाता माना जाता है. बांस एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, इसलिए इसे सूर्य देवता की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.

छठ पूजा में विशेष रूप से डोम जाति के द्वारा बनाए गए बांस के सूप का उपयोग किया जाता है. इन सूपों को बनाने में विशेष प्रकार की बांस की लकड़ी का उपयोग किया जाता है.

छठ पूजा में सूप का उपयोग केवल अर्घ्य देने के लिए ही नहीं, बल्कि प्रसाद रखने के लिए भी किया जाता है.

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय सूप का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान व्रती महिलाएं बांस से बने सूप, टोकरी या दउरा में फल आदि रखकर छठ घाट ले जाती हैं और सूर्यदेव (सूर्यदेव मंत्र) की आराधना करती हैं. बांस के बने सूप या टोकरी की मदद से ही छठी मैया को भेंट दी जाती है. मान्यताओं के अनुसार. बांस से पूजा करने से लोगों के घर में धन और संतान सुख दोनों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जीवन में आने वाली परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं.

मध्य प्रदेश में हाथी संरक्षण की नई पहल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्यस्तरीय हाथी टास्क फोर्स गठित करने का किया ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में राज्यस्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हाथी-मानव सह अस्तित्व के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे. हाथियों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग लगाई जाएगी. किसानों को कृषि वानिकी एवं अन्य वैकल्पिक कार्यों से जोड़ा जाएगा.

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हाथियों की बसाहट और सह अस्तित्व की भावना की मजबूती देने के लिए सुरक्षित वन क्षेत्र विकसित के संबंध में केंद्रीय वन मंत्री से चर्चा हो चुकी है. हाथी मित्र जन जागरूकता के लिए काम किया जाएगा.

फील्ड डायरेक्टर, अधिकारी रहें जागरूक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उमरिया वन क्षेत्र में 10 हाथियों की अलग-अलग हुई मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने इसे गंभीरता से लिया है. मंत्री समेत अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा किया है. शुरुआती रिपोर्ट में कीटनाशक नहीं मिला है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है. उमरिया और सीधी में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं. फील्ड डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों को जागरूक रहने की दरकार है.

दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में पता चला है कि समय पर फील्ड डायरेक्टर अवकाश से वापस नहीं आए और हाथियों की सुरक्षा में कोताही की गई, इससे हाथियों की मौत हुई. इस लापरवाही के चलते फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और प्रभारी एसीएफ फतेहसिंह निनामा को को निलंबित कर दिया गया है.

कर्नाटक, केरल और असम में होगा अध्ययन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बांधवगढ़ जैसे क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल स्थिति है. छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आने वाले हाथियों के दल अब वापस नहीं जा रहे. यहां बड़े पैमाने पर हाथी दल डेरा डाल रहे हैं. यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा हैं. ऐसे में स्थाई प्रबंधन के लिए हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है.

हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस प्रकार रखा जाए, इसकी योजना बन रही है. कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा. इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा और वे हाथियों के रहवास को लेकर अध्ययन करेंगे.

हाथी की सुरक्षा चिंता और जागरूकता का विषय

उन्होंने कहा कि यह चिंता के साथ जागरूकता का भी विषय है. बफर क्षेत्र में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी हाथियों और मानव के सहअस्तित्व को सुनिश्चित कर सके ताकि यह एक दूसरे के साथ जीना सीख सकें. अभी जो घटना हुई है इसमें जनहानि को लेकर 8 लाख रुपए हर व्यक्ति को दिया जाता था, उसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति करने का निर्णय लिया है. जो इस घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को भी इससे जोड़ा है.

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना: मां ने नवजात बच्ची को फेंका कूड़े के ढेर में ,स्थानीय लोगों ने बचाया जान

उत्तर प्रदेश के जनपद सम्भल से मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. यहां बेरहम मां ने नवजात को 9 महीने कोख में तो रखा. लेकिन जब उसे पैदा किया तो कूड़े और मिट्टी के ढेर में छोड़कर चली गई. बच्चे को स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल संभल ले जाया गया. यहां डॉक्टरों ने नवजात के स्वास्थ्य की जांच की. फिलहाल बच्चा स्वस्थ है, उसे अभी अस्पताल में ही रखा गया है. उधर, पुलिस अब इस मासूम की मां की तलाश में जुट गई है.

मामला नखासा थाना क्षेत्र के गांव मन्नीखेड़ा का है. यहां रविवार को कूड़े और मिट्टी की ढेर में कुछ लोगों को एक नवजात शिशु पड़ा मिला. लोगों का कहना है कि हो सकता है कि किसी बिन ब्याही मां ने बदनामी से बचने के लिये नवजात को कूड़े के ढ़ेर पर छोड़ दिया होगा और खुद फरार हो गई हो. कूड़े के ढेर से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई देने पर लोग वहां पहुंचे. मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी.

नवजात बच्ची को जान लेने के इरादे से सरसो की फसल में गड्ढा खोदकर मिट्टी में दबा दिया गया. लेकिन जब उसके रोने की आवाज वहां खेल रहे बच्चों ने सुन ली. इसके बाद बच्चों ने शोर मचा दिया. बच्चों का शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने नवजात शिशु को मिट्टी से बाहर निकाला. इसके बाद पुलिस को सूचना दी और बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार चल रहा है.

सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे

पुलिस इस मामले की छानबीन करने में जुट गई है. आसपास के इलाकों के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं. जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ. दीपशिखा ने बताया कि नवजात शिशु की आंख और नाक में मिट्टी थी उसको साफ कर दिया है. बच्ची की हालत फिलहाल ठीक है.