दिवाली पर खूब जले पटाखे, कहां रही पटाखों पर बैन के लिए बनाई गई 377, जानिए किस लेवल तक पहुंचा AQI

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सरकार और सुप्रीम कोर्ट के सख्‍त आदेश के बावजूद दिल्‍ली-एनसीआर मे दिवाली की रात लोगों ने जमकर पटाखे चलाए। जिसके चलते दिल्‍ली सहित नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत एनसीआर के अन्‍य शहरों की हवा दमघोंटू हो गई। कुछ स्‍थानों पर रात के वक्‍त वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्‍यूआई का स्‍तर 700 के पार पहुंच गया था। हालांकि शुक्रवार सुबह इसमें कुछ गिरावट जरूर दर्ज की गई।दिल्ली के कई इलाकों में रात में एक्‍यूआई 700 के पार चला गया है। वहीं कुछ इलाकों में एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया है। दिल्ली का औसत एक्यूआई 556 दर्ज किया गया। वहीं, आनंद विहार में 714, डिफेंस कॉलोनी में 631, पटपड़गंज में 513 एक्यूआई दर्ज किया गया। हालांकि, आनंद विहार इलाके में शुक्रवार सुबह प्रदूषण का स्‍तर 395 दर्ज हुआ, जो पूरी दिल्‍ली में सबसे अधिक है. इसके अलावा अशोक विहार में 384, मथुरा रोड पर 369, आया नगर में 352, अलीपुर में 350 और चांदनी चौक में प्रदूषण का स्‍तर 336 नामा गया। कुल मिलाकर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता काफी खराब स्थिति में पहुंच चुका है।

दिल्ली में पांच साल से लग रहा प्रतिबंध

बढ़ते प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है। दिवाली की पूर्व संध्या पर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध क्रियान्वित करने के लिए टीमें गठित की गई हैं। इसके बावजूद पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन हुआ।

पटाखों पर बैन के लिए बनाई गई 377 टीमें

बता दें कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन का अनुपालन कराने के लिए 377 टीमें भी गठित की थीं। इसके अलावा लोगों के बीच जागरुकता अभियान भी चलाए गए। इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में जमकर पटाखे जलाए गए। दिल्ली में बीते 24 घंटे में औसत एक्यूआई 330 दर्ज किया गया। वहीं रात 9 बजे दिल्ली का पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 145.1 और 272 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक दर्ज किया गया।

पिछले सालों में दिवाली पर प्रदूषण का स्‍तर

2015 दीवाली के दिन AQI343

2016 दीवाली के दिन AQI431

2017 दीवाली के दिन AQI319

2018 दीवाली के दिन AQI281

2019 दीवाली के दिन AQI337

2020 दीवाली के दिन AQI414

2021 दीवाली के दिन AQI382

2022 दीवाली के दिन AQI 312

2023 दीवाली के दिन AQI 218

नेपाल ने चीनी कंपनी को दिया विवादित नक्शे वाले नोट छापने का ठेका, मैप में 3 भारतीय इलाके

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नेपाल ने भारत से पंगा लेने का काम किया है। नेपाल के केंद्रीय बैंक ‘नेपाल राष्ट्र बैंक’ ने चीन की एक कंपनी को 100 रुपए के नए नेपाली नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इन नोटों पर बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी इलाके को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। इस इलाके को लेकर भारत-नेपाल के बीच करीब 35 साल से विवाद है।

नेपाल राष्ट्र बैंक ने 100 रुपये के नोटों की छपाई का काम चीन की कंपनी को सौंपा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रतिस्पर्धी वैश्विक निविदा प्रक्रिया के बाद चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन को 100 रुपये के नोट छापने का ठेका दिया गया है। चीनी कंपनी नोटों की 30 करोड़ प्रतियां छापेगी। एनआरबी ने कंपनी से 300 मिलियन 100 रुपये के नोटों को डिजाइन, प्रिंट, आपूर्ति और वितरित करने को कहा है, जिसकी कीमत लगभग 8.99 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। 

इस नोट में बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी क्षेत्र को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया है। नेपाल ने एक संवैधानिक संशोधन के जरिए 20 मई, 2020 को लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपना हिस्सा बताते हुए नया नक्शा जारी किया था। इसमें पश्चिमी तिब्बत के न्गारी क्षेत्र में स्थित सभी विवादित क्षेत्रों को नेपाल ने अपना कहा है। ये क्षेत्र बीते 60 वर्षों से पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में हैं। यहां के लोग भारतीय नागरिक हैं। भारत में कर चुकाते हैं और भारतीय में मतदान करते हैं।

नेपाल के मंत्रिमंडल ने इस साल मई में इस नोट के डिजाइन में बदलाव को मंजूरी दी थी। तब नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रधानमंत्री थे। केपी शर्मा ओली इस सरकार का समर्थन कर रहे थे। 12 जुलाई को ओली ने प्रचंड सरकार सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अब वे नेपाल के पीएम हैं। 

भारत ने पहले ही नेपाल की ओर से किए गए क्षेत्रीय दावे को आर्टिफिशियल विस्तार करार दिया और अस्थिर करने वाला बताया है। भारत ने साफ कर दिया है कि पश्चिमी नेपाल की सीमा पर स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसका हिस्सा हैं।

हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक और पैराग्लाइडर चेक गणराज्य के नागरिक की पहाड़ी से टकराने के बाद मौत, दो से नौ नवंबर को होना है बड़ा इवेंट

बेल्जियम के पैराग्लाइडर की मौत के एक दिन बाद हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक और पैराग्लाइडर की बुधवार को पहाड़ी से टकराने के बाद मौत हो गई। यह पैराग्लाइडर चेक गणराज्य का नागरिक था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बीड बिलिंग में दो नवंबर से शुरू होने वाले पैराग्लाइडिंग विश्व कप-2024 से पहले हिमाचल प्रदेश में दो दिनों में दो पैराग्लाइडर की मौत के मामले सामने आए हैं।

6 सालों से पैराग्लाइडिंग कर रही थी डीटा

मृत पैराग्लाइडर की पहचान डीटा मिसुरकोवा (43) के रूप में हुई है, जो मनाली में माढ़ी के पास पहाड़ों से टकरा गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तेज हवाओं के कारण उसका ग्लाइडर से नियंत्रण खो गया। उन्होंने बताया कि पैराग्लाइडर को तुरंत मनाली के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अनुभवी पैराग्लाइडर, मिसुरकोवा पिछले 6 वर्षों से पैराग्लाइडिंग कर रही थीं।

पैराशूट नहीं खुलने से बेल्जियम के पैराग्लाइडर की मौत

बीड़ बिलिंग में मंगलवार को बेल्जियम के एक पैराग्लाइडर की एक अन्य पैराग्लाइडर से हवा में टकराने के बाद पैराशूट नहीं खुलने से मौत हो गई। मनाली में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान (एबीवीआईएमएएस) के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया, “दुर्घटनाओं के मद्देनजर दुर्घटना स्थलों को चिन्हित करने के लिए ऊंचे पहाड़ों पर विशेष टावर लगाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।” यहां दो से नौ नवंबर को होने वाले विश्व कप में 50 देशों के 130 पैराग्लाइडर हिस्सा लेंगे।

मेक्सिको सुप्रीम कोर्ट के 8 जजों ने कहा, वे चुनाव में खड़े होने के बजाय अदालत ही छोड़ देंगे, जानिए, पूरा मामला

मेक्सिको के सुप्रीम कोर्ट के आठ न्यायाधीशों ने कहा है कि वे चुनाव में खड़े होने के बजाय अदालत छोड़ देंगे, जैसा कि पिछले महीने पारित एक विवादास्पद न्यायिक बदलाव के लिये आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एवं सात अन्य न्यायाधीशों ने मंगलवार और बुधवार को यह कहते हुए त्यागपत्र सौंप दिया कि अगले साल चुनाव में उतरने के बजाय वे अपना पद छोड़ देंगे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य न्यायाधीशों ने चुनाव में उतरने का संकेत दिया है। पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का चयन सीनेट द्वारा किया जाता था। पिछले महीने मेक्सिको की कांग्रेस ने न्यायाधीशों को चुनाव में उतारने की तत्कालीन राष्ट्रपति एंड्रिस मैन्युअल लोपेज ओब्राडोर द्वारा की गयी पहल को अनुमोदित कर दिया था और उसपर अधिकतर प्रांतों की मुहर लग चुकी है।

ओब्राडोर और उनके उत्तराधिकारी क्लाडिया शीनबॉम समेत उनके सहयोगियों का कहना है कि इस क्रांतिकारी बदलाव से न्यायपालिका को भ्रष्टाचार से निजात मिलेगा। हालांकि विरोधी कहते हैं कि इससे अदालतें कम स्वतंत्र हो जाएंगी और राजनीतिक शक्तियों के इशारे पर काम करेंगी।

भारत की यह है एकमात्र ट्रेन, जिसे पास देने के लिए रुक जाती है राजधानी, दुरंतो जैसी VVIP ट्रेनें, डिटेल में जानिए

भारत की ऐसी इकलौती ट्रेन है जिसे पास देने के लिए राजधानी शताब्दी और वंदे भारत जैसी ट्रेन भी रुक जाती है। भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यहां रोजाना करीब एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए लगभग 13,000 से अधिक ट्रेनें संचालित होती है। लाखों की संख्या में यात्री ट्रैवल करते हैं। इस दौरान उन्हें अलग-अलग तरीके का अनुभव मिलता है। पहले ट्रेन को सामान के लिए संचालित किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार किया गया। अब ट्रेन भी क्लासिफाइड हो चुके हैं। एक ही रेल में आपको बहुत से प्रकार के कोच्स देखने को मिलेंगे। जिनमें जनरल कोच, स्लीपर कोच, 3 टायर, 3 इकोनॉमिक्स टायर, 2 टायर और 1 टायर शामिल है।

सफर करते समय लोग काफी बोर भी हो जाते हैं, इसलिए वह ट्रेन में बेचे जाने वाली तरह-तरह की चीज खरीदते हैं। कुछ लोग तो घर से भी बनाकर लाते हैं। कुछ सफर ऐसे होते हैं, जो चंद घंटे में खत्म हो जाते तो कुछ 1 से 2 दिन का समय लेते हैं। इस दौरान ट्रेन बहुत से राज्यों से होकर निकलती है, जिससे यात्रियों को विभिन्न राज्यों के संस्कृति, वातावरण और खान-पान से रूबरू होने का मौका मिलता है।

यदि आप राजधानी, शताब्दी या दुरंतो जैसी ट्रेन में सफर कर रहे होते हैं, तो कुछ ऐसी ट्रेन होती हैं जिन्हें साइड में खड़ा कर दिया जाता है और इन ट्रेनों को पास कराया जाता है, लेकिन शायद आपको भारत की इकलौती ऐसी ट्रेन के बारे में नहीं पता। जिसे पास देने के लिए राजधानी शताब्दी और वंदे भारत जैसी ट्रेन भी रुक जाती है।

रुक जाती हैं VVIP ट्रेनें

दरअसल, इस ट्रेन को एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल ट्रेन के नाम से जानते हैं। यह भारत की वीवीआईपी ट्रेन है, जो किसी को भी पास नहीं देती, बल्कि अच्छी से अच्छी वीआईपी ट्रेन भी इसे पास देने के लिए रुक जाती है। इस ट्रेन का भारतीय रेलवे में काफी बड़ा महत्व है। यह ट्रेन जब सफर पर निकलती है, तो अच्छे-से-अच्छे ट्रेनों को भी रोकना पड़ता है। यूं तो भारत में रेल का जाल बहुत बड़े स्तर पर फैला हुआ है और पिछले 2 महीने से लगातार एक-के-बाद-एक कई रेल हादसे हो रहे हैं। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी रेल एक्सीडेंट होते आए हैं। ऐसे में ट्रेन मेडिकल सुविधा देने के लिए मौके पर पहुंचती है, जिसमें हर तरह की दवाई और चिकित्सक की सुविधा उपलब्ध रहती है।

इंडियन रेलवे के महत्वपूर्ण यार्ड और स्टेशनों पर इन ट्रेनों को खड़ा किया जाता है, जो कि राहत और बचाव कार्य के लिए बहुत ही कम समय में दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती है और लोगों को राहत प्रदान करती है।

सेना की वर्दी में दिखे पीएम मोदी, कच्छ में जवानों के साथ मनाई दिवाली, अपने हाथों से खिलाई मिठाई

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हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों के साथ दिवाली मनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 31 अक्टूबर को गुजरात के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने सरदार पटेल की मूर्ति के सामने से देश को एकता का संदेश दिया। वहीं, सीमा पर देश की सरहदों की रक्षा करने वाले जवानों के पास भी पहुंचे। पीएम मोदी गुजरता के कच्छ पहुंचे और जवानो के साथ दिवाली सेलिब्रेट किया और सैनिकों को मिठाई खिलाई।

देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में दिवाली पर्व की धूम दिखाई दे रही है। वहीं, सेना के जवान इस पावन त्योहार पर भी सीमा पर देश की रक्षा में तैनात हैं और मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के कच्छ पहुंचे। यहां उन्होंने दिवाली का पर्व सैनिकों के साथ मनाया। अपने हाथों से जवानों को मिठाई खिलाई। पीएम मोदी ने जवानों की हौसला आफजाई की।

पीएम मोदी ने पहली बार जवानों के साथ दिवाली नहीं मनाई है। पीएम मोदी ने जब से देश की सत्ता संभाली है वे हर बार दिवाली का त्योहार सेना के जवानों संग ही मनाते हैं। पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लेपचा में जवानों संग दिवाली मनाई थी। वहीं, 2022 में पीएम मोदी ने कारगिल में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी। इस दौरान उन्होंने 1999 कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। पीएम मोदी इस साल लगातार 11वीं बार जवानों के साथ दिवाली मनाई है।

अब तक कहां-कहां दिवाली मना चुके हैं पीएम मोदी

• साल 2014: पीएम मोदी ने सियाचिन में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2015: पाकिस्तान की सीमा (पंजाब बॉर्डर) पर जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2016: हिमाचल प्रदेश में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2017: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट की थी।

• साल 2018: पीएम मोदी ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आइटीबीपी के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2019: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2020 में राजस्थान के जैसलमेर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2021: जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2022: पीएम मोदी ने कारगिल में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी।

• साल 2023: हिमाचल प्रदेश के लेपचा में जवानों संग दिवाली मनाई थी।

एलएसी पर भारत-चीन तनाव खत्म! दिवाली पर दोनों देशों के जवानों ने एक दूसरे को दी मिठाई

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दिवाली पर दिलों की दूरियां मिट गई। पहले भारत-चीन बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे, अब मिठाइयों का आदान-प्रदान एक रिश्तों को नए सिरे से शुरू करने की कोशिश हुई है। भारत और चीन के बीच देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो गया है। भारत-चीन बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हट चुके हैं। आज या कल से दोनों देशों की सेना यहां गश्त शुरू करेगी। वहीं, आज दिवाली के मौके पर दोनों देशों के सैनिकों (भारत-चीन) ने एक दूसरे को मिठाई दी है।

सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में डेमचोक एवं देपसांग में दो टकराव वाले बिंदुओं पर दोनों देशों की सेनाओं की वापसी के एक दिन बाद यह पारंपरिक प्रथा देखी गई। इस सहमति से चीन और भारत के संबंधों में मधुरता आई है। सेना के एक सूत्र ने बताया, ‘‘दिवाली के अवसर पर एलएसी के साथ कई सीमाओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ।''

सूत्रों ने बताया कि यह आदान-प्रदान एलएसी सहित पांच बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) बिंदुओं पर हुआ। जहां जहां मिठाई बांटी गई है, उनमें लद्दाख में चुशुल मोल्दो, सिक्कम में नाथूला, अरुणाचल में बुमला सहित कई अन्य जगह भी शामिल हैं।

सेना के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो गया था। इसके बाद पेट्रोलिंग को लेकर लोकल कमांडर स्तर की बातचीत हुई। संभवत: आज या कल से दोनों देनों की सेना देपसांग और डेमचोक इलाके में गश्त शुरू कर देगी।

बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी। कई हफ्तों की बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को समझौते को अंतिम रूप दिया गया। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के सैनिक उसी तरह गश्त कर सकेंगे जैसे वे दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध शुरू होने से पहले किया करते थे।

गृहमंत्री अमित शाह पर कनाडा के आरोपों पर आई अमेरिका की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कनाडा के आरोपों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। अमेरिका ने अमित शाह पर कनाडा के आरोप को चिंताजनक बताया है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘(भारत के गृह मंत्री के खिलाफ) कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए आरोप चिंताजनक हैं और हम इन आरोपों को लेकर कनाडा सरकार से परामर्श जारी रखेंगे।

इससे पहले कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार नथाली ड्रोइन, उप विदेश मंत्री डेविड मॉरीसन एवं कनाडा के संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्यों ने वाशिंगटन पोस्ट की एक लीक रिपोर्ट की पुष्टि की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने के अभियान के पीछे भारत के गृह मंत्री शाह का हाथ था। एक सवाल के जवाब में मॉरीसन ने कहा था कि उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट को शाह के नाम की ‘‘पुष्टि'' की है। उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकार ने मुझे फोन करके पूछा कि क्या यह वही व्यक्ति है। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति है।''

नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है। डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं।

इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले दावा किया था कि कनाडा के पास विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। कनाडाई अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात के सबूत साझा किए हैं।

दिवाली आज: ये है लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त, जानें पूजन विधि, उपाय और क्या है महत्व

दिवाली, भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है. यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और ज्ञान पर अज्ञानता की जीत का प्रतीक है.दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है, जो अंधकार को दूर कर प्रकाश लाते हैं. यह प्रतीक है कि ज्ञान और अच्छाई हमेशा अज्ञानता और बुराई पर विजय प्राप्त करती है.

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं. माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. भारत के कुछ हिस्सों में दिवाली को नए साल की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है, इस दिन नए काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है. इस साल दिवाली का पर्व आज यानी 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दिवाली की शाम को किस शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी- गणेश जी का पूजा करें.

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. यह समय देवी लक्ष्मी की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है. 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे से मध्य रात्रि तक रहेगा. इस दौरान घरों में साफ-सफाई करके, दीप जलाकर, और मां लक्ष्मी एवं भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन 3 शुभ मुहूर्त में भी कर सकते है लक्ष्मी पूजा

प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त का समय – 31 अक्टूबर 2024, शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक पूजा की जा सकती है.

वृषभ काल में पूजा मुहूर्त का समय – 31 अक्टूबर 2024, शाम 06 बजकर 21 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक पूजा का समय रहेगा.

निशिता काल में पूजा मुहूर्त का समय – 31 अक्टूबर 2024, रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात 21 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दिवाली पर ऐसे करें पूजा

सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की अच्छे से साफ सफाई करें. ध्यान रखें दिवाली के दिन घर के किसी भी कोने में धूल या गंदगी जमा नहीं होनी चाहिए. मान्यता है कि लक्ष्मी मां सिर्फ ऐसे ही घरों में निवास करती हैं जहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. सफाई के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें, इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल में पूजा अर्चना करें. इसके बाद शाम के समय की पूजा के लिए पूरे घर को फूल और पत्तियां से सजाएं. दरवाजों पर तोरण लगाएं और घर के मुख्य द्वार को विशेष रूप से सजाएं. मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए मुख्य द्वार और पूजा स्थल के पास रंगोली बनाएं.

अब पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. इस दिन धन की भी पूजा की जाती है इसलिए पूजा स्थल पर धन भी जरूर रखें. कुबेर जी की भी तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. पूजा स्थल पर फूल, रंगोली और चंदन से सजावट करें. अब शुद्ध घी का दीपक और सुगंधित धूप जलाकर गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी को रोली, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें और आरती करें. आप चाहें तो पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्र और कुबेर मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. पूजा के बाद भोग लगाएं. इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है. पूजा के बाद पूरे घर में दीपक जलाएं.

करें ये उपाय

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को हाथी बहुत प्रिय माना जाता है. इसलिए मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर में चांदी या सोने की धातु का ठोस हाथी रखें. मान्यता है कि ऐसा करने से राहु के बुरे प्रभाव का असर कम हो जाता है. पीली कौड़ियां देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती हैं. दिवाली के दिन सफेद कौड़ियों को हल्दी के घोल में भिगोकर उन्हें पीला कर लें और इनको लाल कपड़े में बांधकर दिवाली के पूजन में रखें. पूजा के बाद इनको घर की तिजोरी में रखें दें. मान्यता है कि ऐसा करने से धन धान्य में वृद्धि होती है.

दिवाली का महत्व

दिवाली का पर्व भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधनों को मजबूत करता है. दिवाली के दौरान लोग विभिन्न प्रकार के उत्सव मनाते हैं. दीपदान करना दिवाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. माना जाता है कि दीपदान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.दिवाली के दिन पटाखे जलाने की परंपरा है, दिवाली के दिन मिठाई बनाना और बांटना भी एक परंपरा का हिस्सा है.

क्या चाहता है बांग्लादेश? अब इस्कॉन मंदिर के सचिव चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का केस, जानें क्या है वजह

#bangladesh_hindu_voice_krishna_das_bramhachari_sedition_case

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से वहां के हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। वहां की हिंदू आबादी पर विभिन्न प्रकार के हमले हो रहे हैं।बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ मुखर आवाज चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की मुश्किलों में घिरते दिख रहे हैं। दरअसल, बांग्लादेश में इस्कॉन ग्रुप के प्रमुख चेहरों में से एक चिन्मय दास के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। चिन्मय दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश में इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव हैं और हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लगातार रैलियों और प्रदर्शनओं का आयोजन कर रहे हैं।

चिटगांव जिले में बुधवार (20 अक्टूबर) शाम को चिन्मय दास ब्रह्मचारी के साथ 19 अन्य हिंदू संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।चिन्मय दास पर 25 अक्टूबर को चिटगांव में आयोजित एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे की अवमानना और अपमान करने का आरोप लगाया गया है।चिटगांव पुलिस ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे के ऊपर इस्कॉन का भगवा पताका फहराया गया।

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के आह्वान पर चटगांव डिवीजन के हजारों हिंदू इकट्ठा हुए थे। चिन्मय दास पर आरोप है कि उन्होंने इस रैली के दौरान देश की संप्रभुता के प्रति अवमानना दिखाई है और योजनाबद्ध तरीके से देश की अखंडता को नकारने के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अनादर किया है।

दर्ज की गई शिकायत की कॉपी के मुताबिक इस्कॉन समूह ने अपने प्रदर्शन में चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन के न्यू मार्केट चौराहे पर सरकारी विरोधी छात्र प्रदर्शनों में बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर धार्मिक झंडा फहराया है। शिकायत में इस्कॉन के धार्मिक झंडे को इस तरह फहराने को एक स्वतंत्र राज्य की अखंडता को नकारने के समान माना गया है।