कनाडा में दिवाली सेलिब्रेशन रद्द, भड़के लोगों ने कहा-राजनीतिक तुष्टीकरण और सांस्कृतिक असंवेदनशीलता का प्रतीक
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भारत में आज दिवाली मनाई जा रही है। भारत के इस त्योहार को दुनियाभर के कई देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। यहां तक की दुनिया का सबसे ताकतवर कहे जाने वाले देश अमेरिका में भी दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है। व्हाइट हाउस में खुज राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिवाली मनाई। यहां तक की अमेरिका में तो दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। हालांकि, कनाडा तो मानों भारत के साथ दुश्मनी निभाने में लगा हुआ है। दरअसल, भारत संग तल्खी के बीच कनाडा में दिवाली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। यह कार्यक्रम पार्लियामेंट में होना था।
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे ने पार्लियामेंट हिल में दिवाली पर होने वाले समारोह को रद्द कर दिया है। ओटावा स्थित पार्लियामेंट हिल में ही देश की संसद है। इसका मतलब है कि इस बार कनाडा की संसद में दिवाली उत्सव नहीं होगा। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पोइलिवरे ने दिवाली से ठीक पहले कार्यक्रम में ना जाने का फैसला लिया है। पियरे की ओर से ये कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद कनाडा के चलते दोनों मुल्कों के रिश्ते तनाव के दौर में हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली का यह कार्यक्रम बुधवार 30 अक्टूबर को होना था, लेकिन इसे बिना किसी कारण के रद्द कर दिया गया। इस समारोह का आयोजन प्रवासी भारतीय समूह, ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) ने किया था और और इसकी मेजबानी कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी को करनी थी। कनाडा में पिछले 23 सालों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। यह आयोजन पिछले 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है और इसमें कनाडा में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध भाग लेते हैं। मगर इस बार कनाडा में दिवाली उत्सव पर रोक लग गई।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के आयोजक ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) को दिवाली उत्सव रद्द करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। कार्यक्रम बुधवार (30 अक्टूबर) को कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था। अब ये कार्यक्रम नहीं किया जाएगा।
विपक्षी नेता पॉइलीवरे के फैसले से कनाडा में रहने वाले हिंदू काफी नाराज हैं। ओएफआईसी के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पॉइलीवरे को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने समारोह रद्द होने पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि यह कार्यक्रम दिवाली के सम्मान में एक खुशी का अवसर होता। यह त्योहार न केवल भारतवंशी कनाडाई समुदाय के लिए बहुत अहम है, बल्कि कनाडा की बहुसांस्कृतिक भावना का भी प्रतीक है, जिस पर उसे गर्व है। भारत और कनाडा के बीच मौजूदा राजनयिक स्थिति के कारण इस कार्यक्रम से नेताओं के अचानक पीछे हटने से हमें विश्वासघात और अन्याय का एहसास हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद चिंताजनक है।
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