दिवाली की सुबह धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली, शाम से देर रात तक खूब छूटे पटाखें, कहां सोई रही सरकार की टीमें
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देश की राजधानी पहले से ही प्रदूषद की ज़द है। आज दिवाली की सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता 418 के पार पहुंच गई है। धुंध के साए में राजधानी धुंधली नजर आई। दरअसल, प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाने के कारण दिल्ली में पटाखे जलाने पर बैन है। लेकिन बुधवार को पटाखों की गूंज देर रात तक सुनाई देती रही। नतीजा गुरुवार की सुबह दिल्ली की सड़कों पर धुंध की चादर दिखी।
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राजधानी दिल्ली में दो दिन की हल्की सी राहत के बाद आज दिवाली के दिन प्रदूषण बहुत खराब स्थिति में पहुंच गया है। सुबह आनंद विहार इलाके में धुंध की चादर छाई हुई है। सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 है जो 'गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास के इलाके में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है।
गुरुवार सुबह दिल्ली के नरेला में एक्यूआई 311 दर्ज किया गया. वहीं, अलीपुर में एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। इसके अलावा अशोक विहार फेज वन में 282 , सिविल लाइन में 251, दिल्ली कैंट में 210, द्वारका सेक्टप 10 में 245, आईटी जहांगीरपुरी में 309 और कश्मीरी गेट आइएसबीटी में एक्यूआई 244 दर्ज किया। इसके अलावा दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 200 के पार ही दर्ज किया गया, जिसका मतलब है कि दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में है।
दिवाली के दिन आतिशबाजी होने से अगले दिन शुक्रवार को हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज होने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार को बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। साथ ही, आतिशबाजी और पराली का धुआं हवा को जहरीला बना सकता है। ऐसे में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पटाखों पर बैन है। इसके बावजूद, दिल्ली में कई जगहों पर पटाखों की बिक्री जारी है, जिससे दिल्ली का वायु प्रदूषण और भी ज्यादा गंभीर हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैन के बावजूद पटाखों की बिक्री कैसे हो रही है। आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार की वो टीमें कहां हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के कामों में लगे हुए हैं?
जबकि दिल्ली सरकरा की माने तो पटाखे इस दिवाली पर न जलें और न ही बिकें, इसके लिए 377 टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी। उन्होंने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करवाने के लिए मंगलवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की और पटाखों पर बैन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पुलिस की 300 टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।







कनाडा ने भारत पर आरोप लगाए थे कि वहां होने वाली हिंसा में भारत की संलिप्तता रही है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दो सीनियर अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत के बारे में 'खुफिया जानकारी' अमेरिकी मीडिया को लीक कर दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने इस मामले में संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया। मॉरिसन ने संसदीय पैनल में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था कि इस मामले में भारत के गृह मंत्री शामिल हैं। मॉरिसन ने कहा कि अमेरिकी अखबार को भारत-कनाडा मीटिंग से जुड़ी जानकारी उन्होंने ही दी थी। हालांकि, इस दौरान मॉरिसन यह नहीं बता पाए कि उन्हें अमित शाह को लेकर ये जानकारी कैसे मिली। यह पहली बार है, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया है। नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है। *क्या था अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में?* वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है। डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं। *वॉशिंगटन पोस्ट की खबर पर भारत ने क्या कहा?* जब पहली बार वॉशिंगटन पोस्ट में निज्जर के मर्डर पर ख़बर छपी थी तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने अख़बार की रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा था, “रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है। बयान में कहा गया, संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है। इसे लेकर अटकलें लगाना और गैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा। *भारत-कनाडा संबंध और होंगे खराब ?* कनाडा के मंत्री के इस बयान के बाद भारत-कनाडा संबध और और ख़राब होने की आशंका जताई जा रही है। कनाडा में ख़ालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शनों और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ा है। कनाडा का आरोप है कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, जबकि भारत इससे इनकार करता रहा है। पिछले दिनों इस मामले में दोनों देशों के बीच तल्ख़ी इतनी बढ़ी कि पिछले दिनों दोनों देशों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों को निकाल दिया है। एक-दूसरे के राजनयिकों को निकालने का फ़ैसला तब सामने आया है जब निज्जर हत्या मामले में कनाडा ने भारतीय राजनयिकों और उच्चायोग के दूसरे अधिकारियों को ‘पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट’ बताया। इसमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।

Oct 31 2024, 11:54
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