सूरजपुर डबल मर्डर: पूर्व डिप्टी सीएम ने मुख्य आरोपी के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को बताया असंवैधानिक
बलरामपुर-   सूरजपुर में दोहरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप साहू के अवैध घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने गलत बताया है। उन्होंने इसे गलत करार देते हुए कहा कि “हम एक विकसित समाज में रह रहे हैं, न कि जंगलराज में।” उनका कहना था कि संविधान और प्रजातंत्र की स्थापना इसीलिए की गई थी ताकि हर नागरिक के अधिकार और हितों की रक्षा हो सके और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी पर भी कार्रवाई करना अनुचित है।

अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान बलरामपुर पहुंचे सिंहदेव ने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि कानून का पालन सुनिश्चित करना ही लोकतंत्र की नींव है। “हमने राजा की व्यवस्था इसीलिए बदली क्योंकि कानून का शासन और निष्पक्ष न्याय हर नागरिक का अधिकार होना चाहिए। संविधान इसलिए बनाया गया ताकि हर व्यक्ति के साथ उचित और समान व्यवहार हो। उनका मानना था कि ऐसी कार्रवाइयां कानून की प्रक्रिया का उल्लंघन करती हैं और जनता में एक गलत संदेश भेजती हैं कि बिना न्यायिक प्रक्रिया के भी कार्रवाई की जा सकती है।

पूर्व डिप्टी CM ने आरोपी को संरक्षण देने का लगाया आरोप

पूर्व डिप्टी सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि जिला बदर का आरोपी पुलिस के संरक्षण में थाने में बैठकर पुलिसवालों को निर्देश दे रहा था। उन्होंने कहा, “सूरजपुर के थाने में बैठकर आरोपी पुलिसकर्मियों को निर्देश दे रहा था, यहाँ तक कि उनसे अपने लिए चीज़ें मंगवा रहा था। ऐसा व्यक्ति कानून का पालन करने के बजाय कानून का मजाक बना रहा था, और इसके पीछे पुलिस का सहयोग था।” उन्होंने इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिले के एसपी और कलेक्टर के ट्रांसफर कर देने से भी न्याय नहीं मिला है, क्योंकि असली जिम्मेदार वे लोग हैं जिन्होंने खुलेआम इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा दिया और आरोपी को संरक्षण प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज में अनुशासनहीनता और अराजकता को बढ़ावा देती हैं। “जब आरोपी को संरक्षण प्राप्त था, तो उसके मन में कानून का भय नहीं रह गया था। इसका परिणाम यही हुआ कि उसने अपनी शक्ति का गलत उपयोग किया और उसने ह्त्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दिया।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि बीते 13 अक्टूबर को आरोपी कुलदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर प्रधान आरक्षक तालिब शेख की बेटी और पत्नी की नृशंस हत्या कर दी थी। इसके बाद सूरजपुर में बवाल मचा रहा और लोग आरोपी के घर को जमीदोज करने की मांग करने लगे थे। इसके बाद सूरजपुर नगर पालिका ने आरोपी के घर पर नोटिस चस्पा किया था और आज तड़के सुबह नगर पालिका और जिला प्रशासन की टीम ने आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

कुलदीप एनएसयूआई का जिला सचिव और आदतन बदमाश है। आरोपी की गिरफ्तारी के चंद घंटे पूर्व ही एसपी सूरजपुर ने उस पर 10 हजार रुपए के इनाम की भी घोषणा की थी। कुलदीप साहू के पिता अशोक कुमार साहू निवासी बाजारपारा सूरजपुर के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज है।

CJM कोर्ट ने 11 नवंबर तक बढ़ाई गैंगस्टर अमन साव की न्यायिक रिमांड

रायपुर-    राजधानी रायपुर में CJM कोर्ट ने जेल में बंद झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर और तेलीबांधा शूटआउट के मास्टरमाइंड अमन साव की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है. यानि अनाम साव अब 11 नवंबर तक रायपुर जेल में ही बंद रहेगा। कारोबारी पर शूटआउट मामले में तेलीबांधा थाना पुलिस ने अमन साव को कोर्ट में पेश न करके रिमांड बढ़ाने का आवेदन लगाया था, जिसपर CJM कोर्ट ने रिमांड बढ़ाने का फैसला सुनाया है।

बता दें कि झारखण्ड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव फिलहाल रायपुर पुलिस की रिमांड पर है। अमन पर रंगदारी वसूलने और राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में पीआरए ग्रुप के ऑफिस के बाहर कारोबारी पर फायरिंग कराने का आरोप है। इसके लिए उसने गुर्गे भी भेजे थे। इसके अलावा अन्य मामलों में भी रायपुर पुलिस अमन से पूछताछ कर रही है।

बिना अनुमति पर्यावरण विभाग के PRO ने लगाया होर्डिंग्स, मंत्री ओपी चौधरी ने किया निलंबित
रायपुर-     छत्तीसगढ़ के आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बिना अनुमति होर्डिंग्स लगाने के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए प्रदूषण बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अमर प्रकाश सावंत को निलंबित कर दिया है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने राजधानी रायपुर में दिवाली के दौरान पटाखों के संबंध में बिना मंत्री की अनुमति के होर्डिंग्स लगवाए गए. होर्डिंग्स में मंत्री ओपी चौधरी के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भी फोटो थी.

सरकार ने सूक्ष्म अनुमति के बिना होर्डिंग्स लगाने को सरकारी मुलाजिम का मनमानापूर्ण व्यवहार करार देते हुए सावंत के खिलाफ एक्शन लिया है. पौल्यूशन बोर्ड के सदस्य सचिव द्वारा जारी निलंबन आदेश में इसे प्रशासनिक कारण बताया गया है, लेकिन अंदरूनी जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर में बिना अनुमति होर्डिंग्स लगवाना पीआरओ को महंगा पड़ गया.

9 फिल्म डायरेक्टर बनाए गए फिल्म विकास निगम एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य, फिल्म सिटी के प्रस्ताव पर जल्द मुहर लगा सकती है सरकार
रायपुर-     लंबे समय से छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माताओं की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष की घोषणा से पहले एक एडवाइजरी कमेटी बनाई है. इसमें भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक, फिल्म अभिनेता एवं छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष राजेश अवस्थी समेत 9 लोगों को सदस्य बनाए गए हैं. संस्कृति विभाग के संचालक एवं पर्यटन के एमडी विवेक आचार्य केंद्र सरकार ने सरकार को फिल्म सिटी एवं नया रायपुर के लिए विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव दिया है. इस पर भी जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है.

डॉ. रमन सिंह के तृतीय कार्यकाल में राजेश अवस्थी को अंतिम महीने में फिल्म विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था. उसके बाद भूपेश बघेल की सरकार में इस पद पर नियुक्ति नहीं हुई थी. फिल्म निर्माता लंबे समय से पुनः नियुक्ति की मांग कर रहे थे. इस पर विचार कर विष्णु देव सरकार ने नई नीति निर्धारण करने राजेश अवस्थी सहित 9 सदस्यों की एडवाइजरी कमेटी बनाई है. यह कमेटी फिल्म इंडस्ट्री के लिए जो आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सरकार को देगी. इसके बाद सरकार नए सुझाव को फिल्म नीति में लागू कर फिल्म विकास निगम के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेगी.

फिल्म सिटी समेत अन्य योजनाओं पर जल्द लग सकती है मुहर

राजेश अवस्थी छत्तीसगढ़ी एवं बॉलीवुड की फिल्मों में काफी लंबे समय से सक्रिय हैं. उन्होंने बतौर अभिनेता एवं लाइन प्रोड्यूसर बहुत सारे फिल्मों में एवं सीरियलों एवं वेब सीरीज में काम किया है. अन्य सदस्यों के अनुभव को देखते हुए यह निर्णय सरकार ने लिया है. बता दें कि कुछ दिनों पहले संस्कृति विभाग के संचालक एवं पर्यटन के एमडी विवेक आचार्य केंद्र सरकार ने प्रस्ताव मांगे जाने पर फिल्म सिटी एवं नया रायपुर के लिए विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव लेकर गए थे. इसकी भी जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है, जिससे आने वाले समय में छत्तीसगढ़ फिल्मों के साथ-साथ बॉलीवुड फिल्मों की भी भारी मात्रा में शूटिंग होने की संभावना है.

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सभी यूनिट हड़ताल पर, केंद्र के समान वेतन समेत 10 मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन

दुर्ग-      स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सभी यूनिट अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. ठेका श्रमिक यूनियनों की मांग है कि उन्हें प्रतिमाह 26000 वेतन दिया जाए जो वर्तमान में 10 से 12 हजार है. ठेका श्रमिकों को केंद्र के समान न्यूनतम वेतनमान दिया जाए। उन्हें भी रात्रि, आवास, कैंटीन भत्ता दी जाए। वहीं बीएसपी के स्थायी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 39 माह का बकाया एरियर दिया जाए. ग्रेज्युटी सीलिंग हटा जाए, बोनस का पुराना फार्मूला हटाएं, इंसेंटिव स्किम में संसोधन किया जाए. 13 प्रतिशत पर्क्स से उन्हें नुकसान हो रहा है.

सेल की सबसे बड़ी यूनिट भिलाई स्टील प्लांट के सभी गेटों पर कर्मचारियों को आंशिक तौर पर रोकने के बाद ड्यूटी जाने दिया जा रहा है. भारी संख्या में पुलिस बल भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद हैं. सभी गेट पर विवाद की स्थिति बनी हुई है. वर्कर खुद ही ड्यूटी नहीं आ रहे हैं. रात में ही करीब 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को वापस कर दिया गया था. बीएसपी के चारों गेट पर कर्मचारी खुद खड़े हैं. मेन गेट पर सीटू और बोरिया गेट पर इंटक और बीएमएस के बैनर दिख रहे हैं.

अन्य गेट पर एचएमएस, लोइमू, एटक, एक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच के झंडे नजर आ रहे हैं. खास बात यह है कि किसी भी गेट से कोई कर्मचारी वापस नहीं लौट रहा है. चंद मिनट के ठहराव के बाद कर्मचारियों को ड्यूटी जाने दिया जा रहा है. इस वजह से बीएसपी प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. रेम मिल, यूआरएम और क्रेन ऑपरेशन से जुड़े कर्मचारियों के बारे में बताया जा रहा है कि वे ड्यूटी नहीं गए हैं. कर्मचारी खुद से ही ड्यूटी से नदारद हैं.

श्रमिक यूनियनों ने बीएसपी के हड़ताल को सफल बताया है. हड़ताल से हर दिन पांच रैक आयरन ओर का डिस्पैच होता है, जो खतरे में पड़ गया है. यूनियन चुनाव की वजह से वहां भी कोई यूनियन विवाद करने के मूड में नहीं है. हर गेट पर शांति का माहौल है. हाथों में झंडे और बैनर लिए यूनियन नेता समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन कर्मचारी ड्यूटी जाते हुए नजर आ रहे हैं.

सीएम साय ने पुलिस विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को दी बधाई, कहा – कानून व्यवस्था को मिलेगी मजबूती

रायपुर-     लंबे इंतजार के बाद आज एसआई भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुलिस विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा, हमारी सरकार ने पुलिस विभाग में सूबेदार/एसआई संवर्ग/प्लाटून कमाण्डर भर्ती-2021 परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए हैं. चयनित सभी 959 अभ्यर्थियों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.

सीएम ने आगे लिखा है कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन युवाओं की ऊर्जा और प्रतिभा का लाभ छत्तीसगढ़ को प्राप्त होगा. प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं जनसुरक्षा को और भी मजबूती मिलेगी. चयनित युवाओं एवं उनके परिजनों को पुनः बधाई.

‘शर्म छोड़ो, गांठों पे बोलो’ अभियान : बाल्को ने निकाली बाइक रैली, स्तन कैंसर से बचने लोगों को किया जागरूक
रायपुर-     बाल्को मेडिकल सेंटर ने रायपुर में “शर्म छोड़ो, गांठों पे बोलो” अभियान के तहत बाइक रैली का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। बता दें कि अक्टूबर को विश्व स्तर पर स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोगों को इसके लक्षणों और समय पर पहचान से मिलने वाले जीवनरक्षक लाभों के बारे में शिक्षित किया जाता है।

बाइक रैली का शुभारंभ रायपुर के मरीन ड्राइव से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया। उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर पहचान और उचित इलाज से इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। बाल्को मेडिकल सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. भावना सिरोही ने बताया कि भारत में हर दस में से एक महिला को स्तन कैंसर होने की संभावना है, जिसमें जीवनशैली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि यदि शुरुआती चरण में कैंसर का पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है और अब उन्नत तकनीकों के माध्यम से स्तन-संरक्षण सर्जरी भी की जा सकती है।

नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRANVP) और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) द्वारा समर्थित इस रैली में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया गया। इसमें 10 बाइकर्स समूहों, भारतीय सेना, सीआरपीएफ, कॉर्पोरेट और समुदाय के सदस्यों समेत 250 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। रैली का समापन बाल्को मेडिकल सेंटर में एक प्रतीकात्मक वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ हुआ, जो स्तन कैंसर से प्रभावित लोगों के लिए आशा, दृढ़ता और विकास का प्रतीक है।

बड़ी खबर : 6 साल बाद SI भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, देखें पूरी लिस्ट…
रायपुर-    SI भर्ती परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के खुशखबरी है. राज्य सरकार ने रिजल्ट जारी कर दिया है. बता दें कि 975 पदों के लिए 2018 में भर्ती परीक्षा ली गई थी, जिसका रिजल्ट जारी नहीं होने पर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हाईकोर्ट ने 15 दिनों में रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था. 6 साल बाद अब जाकर रिजल्ट जारी हुआ है।

2018 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया

बता दें, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार के दौरान साल 2018 के अगस्त महीने में कुल 655 पदों के लिए SI भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसमें सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा) समेत कई अन्य पदों की भर्ती होनी थी. 2019 में सरकार बदल गई, लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं हुई. इसके बाद राज्य की नई सरकार (कांग्रेस) ने साल 2021 के अक्टूबर में 975 पोस्ट के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया था.

कांग्रेस सरकार में दूसरी बार शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया

SI भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई और 8 सितंबर 2023 तक चली. इस दौरान शारीरिक नापजोख जून-जुलाई 2022 में हुआ, प्रारंभिक परीक्षा 29 जनवरी 2023 को आयोजित की गई, जबकि मुख्य परीक्षा 26 मई से 29 मई 2023 तक हुई. इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 से 30 जुलाई 2023 के बीच आयोजित की गई और अंत में इंटरव्यू 17 अगस्त से 8 सितंबर 2023 के बीच लिया गया. परीक्षा को पूरा हुए 1 साल से अधिक हो गया, इस बीच एक बार फिर सरकार बदल गई. 2023 में भाजपा ने फिर से सरकार बनाई, लेकिन परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुए.

कई बार आंदोलन कर चुके थे अभ्यर्थी

परीक्षा परिणाम जारी करने को लेकर अभ्यर्थी कई बार आंदोलन कर चुके थे. आमरण अनशन, मुंडन संस्कार, स्वच्छता अभियान और रक्तदान के जरिये अभ्यर्थी कई बार रिजल्ट की मांग कर चुके थे. कई बार गृहमंत्री के निवास के सामने भी धरना दे चुके थे.

SI भर्ती परीक्षा का मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट

29 जनवरी 2023 को प्रारंभिक परीक्षा के बाद 16 मई, 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इस चयन के बाद, जो अभ्यर्थी मेरिट सूची में नहीं आए, उन्होंने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 प्लाटून कमांडर के थे और मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थियों का होना आवश्यक था, जबकि सूची में 6,013 महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल थे. इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई. 20 मई, 2024 को बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिलाओं को शामिल करना गलत था और उनकी जगह पुरुषों को शामिल करने का निर्देश दिया. हालांकि, कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ, जिससे अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और अनशन किया. अब जाकर 6 साल बाद राज्य सरकार ने एसआई भर्ती का रिजल्ट जारी किया है.

सूरजपुर डबल मर्डर : प्रशासन ने मुख्य आरोपी के अवैध घरों पर चलाया बुलडोजर
सूरजपुर-       छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सूरजपुर डबल मर्डर मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी कुलदीप साहू के घर पर बुलडोजर कार्रवाई की है. कुलदीप साहू के अवैध घरों को बुलडोजर चलाकर गिराया जा रहा है. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद हैं.

बता दें कि बीते 13 अक्टूबर को आरोपी कुलदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर प्रधान आरक्षक तालिब शेख की बेटी और पत्नी की नृशंस हत्या कर दी थी. इसके बाद सूरजपुर में बवाल मचा रहा और लोग आरोपी के घर को जमीदोज करने की मांग करने लगे थे. इसके बाद सूरजपुर नगर पालिका ने आरोपी के घर पर नोटिस चस्पा किया था और आज तड़के सुबह नगर पालिका और जिला प्रशासन की टीम ने आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की.

कुलदीप एनएसयूआई का जिला सचिव और आदतन बदमाश है. आरोपी की गिरफ्तारी के चंद घंटे पूर्व ही एसपी सूरजपुर ने उस पर 10 हजार रुपए के इनाम की भी घोषणा की थी. कुलदीप साहू के पिता अशोक कुमार साहू निवासी बाजारपारा सूरजपुर के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज है.

जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव के परिवार से मिले युकां के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु, कहा – द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही भाजपा सरकार

दुर्ग-   बलौदाबाजार हिंसा मामले में रायपुर जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव के परिवार से मिलने आज युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु भिलाई पहुंचे, जहां उन्होंने उनकी माता पुष्पा यादव, पत्नी श्रुतिका यादव और बड़े भाई धर्मेंद्र यादव सहित परिवार से मुलाकात की. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु ने विधायक देवेंद्र माता को ढांढस बंधाया और जल्द ही जेल से बाहर आने की बात कही.

मीडिया से मुखातिब होते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु ने कहा कि विधायक देवेंद्र यादव की लोकप्रियता और उनके बढ़ते कद को देख भाजपा सरकार ने यह पूरी कार्रवाई द्वेषपूर्ण की है. विधायक के खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है और यही वजह है कि आज 60 दिन से ज्यादा हो गए पुलिस अपना चालान प्रस्तुत नहीं कर सकी है.

इस मौके पर विधायक देवेंद्र की माता ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु संविधान की एक प्रति भी भेंट की. इस अवसर पर मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े सहित युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव कोको पाढ़ी एवं प्रदेश युवक कांग्रेस के कई पदाधिकारी मौजूद थे.