बिहार के हवाई यात्रियों के लिए खुशखबरी, 49 जोड़ी समेत कुछ नए विमानों की उड़ाने पटना एयरपोर्ट से होगी

डेस्क : बिहार के हवाई यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। पटना एयरपोर्ट पर आने-जाने विमान यात्रियों की बढ़ती तादाद और टिकटों की मांग को देखते हुए इस ठंड के मौसम में 49 जोड़ी यानी 98 विमानों की आवाजाही होगी। दीपावली, छठ महापर्व, क्रिसमस और नए साल के मौके पर कुछ नई उड़ानें भी शुरू होंगी। कारण है कि विमानन कंपनियों ने पटना से आने-जाने वाली उड़ानों की संख्या बढ़ा दी है।

आज रविवार से पटना एयरपोर्ट पर विमानों की नई समय सारणी लागू हो जाएगी, जो अगले साल 29 मार्च तक प्रभावी होगी। नई समय सारणी के अनुसार, पटना एयरपोर्ट पर पहला विमान सुबह 7.10 बजे आएगा और आखिरी विमान रात सवा 12 बजे यहां से उड़ान भरेगा। हालांकि मौसम को देखते हुए इसमें तात्कालिक बदलाव भी संभावित है। शनिवार को पटना एयरपोर्ट से रोजाना आने-जाने वाली 49 जोड़ी उड़ानों की सूची जारी कर दी गई। 26 अक्टूबर तक पटना एयरपोर्ट से 33 जोड़ी यानी 66 विमानों की आवाजाही हुई।

विमानों की नई सूची में इंडिगो ने छह और स्पाइसजेट ने 10 जोड़ी नई फ्लाइट शुरू की है। स्पाइसजेट की इन 10 नई फ्लाइट में नौ जोड़ी फ्लाइट 15 नवंबर तक ही उपलब्ध होंगी। नए साल में पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इसको देखते हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस ने आठ जोड़ी विमानों का स्लॉट ले लिया है, लेकिन इनके परिचालन में थोड़ी देरी है।

सूची के अनुसार, पटना से दिल्ली जाने के लिए पहली फ्लाइट इंडिगो की सुबह 8.30 बजे होगी और आखिरी उड़ान इंडिगो की ही रात 1215 बजे होगी। हालांकि एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह और जनवरी में घने कोहरे की स्थिति में इसमें बदलाव संभावित है। पटना एयरपोर्ट पर 27 अक्टूबर से पहली फ्लाइट इंडिगो की सुबह 7.10 बजे आएगी और 7.35 बजे यहां से पहली उड़ान उपलब्ध होगी। उधर, इंडिगो ने जयपुर-पटना-जयपुर के बीच एक फ्लाइट का स्लॉट 30 नवंबर से 29 मार्च तक के लिए लिया है, लेकिन अभी इसकी बुकिंग शुरू नहीं हुई है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी द्वारा बिहार में शराबबंदी को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर सत्ता पक्ष का पलटवार, जदयू ने मांगा इस बात का जबाव

डेस्क : बिहार में शराबबंदी और जहरीली शराब से मौत को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार जारी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में शराब उपलब्ध हो रही है तो यह सरकार की असफलता है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने एनडीए सरकार पर सबसे अधिक शराब की दुकानें खुलवाने का आरोप लगाया है और कहा कि पंचायत तक में शराब की दुकानें खोली गई। अब शराबबंदी हुई तो जहरीली शराब से लोगों की लगातार मौत हो रही है।

इधर तेस्जवी के इस आरोप के जवाब में जदयू ने राजद पर शराब बनाने वाली कंपनियों से पैसा लेने का आरोप लगाया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधानपार्षद नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा और हिमराज राम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चंदा के रूप में शराब कंपनियों से इलेक्ट्रॉल बान्ड के रूप में 46.64 करोड़ लिये।

पत्रकारों से बात करते हुए प्रवक्ताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव का शराबबंदी पर अनर्गल प्रलाप महज संयोग नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयोग है। वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। उन्हें सामने आकर इस आरोप का जवाब देना चाहिए। वे बताएं कि आखिर उन्होंने शराब कंपनियों से करोड़ों रुपये क्यों लिये? नीरज ने कहा कि जहरीली शराब से होने वाली मौत पर राजनीतिक टीका-टिप्पणी करने से पहले नेता प्रतिपक्ष को एनसीआरबी का डाटा जरूर देख लेना चाहिए।

जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि राबड़ी देवी के शासनकाल (1999-2005) में जहरीली शराब से 456 मौत हुई। इस मामले में पूरे देश में बिहार का स्थान छठा था। इस नरसंहार की जिम्मेदारी लालू प्रसाद लेंगे, राबड़ी देवी लेंगी या तेजस्वी यादव लेंगे? यह राजद को स्पष्ट करना चाहिए। जदयू नेता ने कहा कि नीतीश सरकार में जब शराबबंदी लागू नहीं थी तो बिहार आठवें स्थान पर था। तब 367 मौत हुई थीं, लेकिन शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार 13वें स्थान पर आ गया। इस दौरान केवल 157 मौतें हुईं।

दीपावली को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, धनतेरस पर बाजारों में चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की तैनाती

डेस्क : धनतेरस और दीपावली पर इसबार राजधानी पटना का बाजार गुलजार नजर आ रहा है। दीवाली की खरीददारी को लेकर अभी से बाजारों में भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं धनतेरस के दिन गहना और बर्तन दुकानों पर खरीददारों की भारी भीड़ जुटेगी। इस दौरान लोगों के साथ कोई आपराधिक घटना को इसके लिए पुलिस और प्रशासन अभी से सतर्क हो गई है। बाजारों की पुख्ता सुरक्षा की योजना बना ली गई है।

धनतेरस पर बाजारों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रहेगी। खास कर जेवर की दुकानों के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से पुलिस पूरे बाजार पर नजर रखेगी। वहीं, स्थानीय थाने की टीम को वहां 24 घंटे गश्त के निर्देश दिए गए हैं। वरीय पुलिस अधिकारी का दावा है कि गड़बड़ी करते ही आरोपित को धर दबोचा जाएगा। धनतेरस पर सुरक्षा को लेकर स्थानीय थाना पुलिस लगातार व्यापारियों के साथ बैठक कर रही है। कारोबारियों को अपने स्तर पर प्रतिष्ठान की सुरक्षा के प्रबंध करने को कहा गया है।

बाजार और सड़कों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनाती की जाएगी। ऐसी व्यवस्था की गई है कि बाजार में मौजूद सभी लोग पुलिस की निगरानी में रहेंगे। पुलिस अधिकारी सीसीटीवी कैमरे के द्वारा बाजार पर नजर रखेंगे। वहीं, भीड़भाड़ वाले इलाके में ड्रोन की मदद ली जाएगी। इस दौरान थाने की पुलिस इलाके में पूरी तरह सक्रिय रहेगी ही, वरीय अधिकारी धूम-घूम कर स्थिति का जायजा लेते रहेंगे।

गहने की दुकानों पर भीड़भाड़ के कारण कोई अव्यवस्था ना हो इसके लिए कारोबारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं।

धनतेरस और दीपावली पर राजधानी पटना का बाजार गुलजार, हल्के आभूषण की बढ़ी भारी डिमांड

डेस्क : धनतेरस और दीपावली पर इसबार राजधानी पटना का बाजार गुलजार नजर आ रहा है। त्योहारको लेकर पटना का सर्राफा बाजार तैयार हो रहा है। बाकरगंज, बोरिंग रोड, जगदेव पथ, अशोक राजपथ आदि इलाकों में ब्रांडेंड और गैर ब्रांडेंड सोना-चांदी की दुकानों में तैयारियां जोरों से चल रही है। ग्राहकों की पसंद पर उतरने के लिए सोना, चांदी, हीरे और प्लेटिनम आभूषणों के नए-नए रेंज और कलेक्शन मंगाया गया है।

इस बार धनतेरस-दीपावली में लाइट वेट (हल्के वजन की) ज्वेलरी की काफी मांग है। इसे देखते हुए बाजार में लाइटवेट कलेक्शन का बड़ा रेंज विभिन्न ब्रांडेंड और नन-ब्रांडेंड सर्राफा शोरूम द्वारा उतारा गया है। लाइटवेट में एंटीक आभूषणों की भी काफी मांग दिख रही है। चेन, झूमका आदि आभूषण 2 ग्राम के रेंज में और वेडिंग सेट 50 ग्राम से शुरू हो रहा है। हीरे के आभूषणों में लाइटवेट सिंगल हीरा, इयर रिंग, नोजल पिन, लॉकेट आदि बाजार में उतारे गए है।

बाजार में नए कलेक्शन और आकर्षक ऑफर, स्पेशल छूट का लाभ उठाने सोने-चांदी के शोरूम में ग्राहक पहुंचने लगे हैं। सोने, चांदी और हीरे के आभूषणों की एडवांस बुकिंग पन्द्रह दिन पहले से ही शुरू हो गई है। धनतेरस में सर्राफा बाजार में रहने वाली भीड़-भाड़ और अंतिम समय की हड़बड़ाहट से बचने के लिए ग्राहर अपने गहनों को पसंद कर उसे बुक करा रहे है। पसंद किए गए आभूषणों की डिलीवरी धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त पर ली जाएगी। बाजार से जुड़े जानकारों की माने तो अब तक 15 से बीस करोड़ रुपये तक के आभूषणों की बुकिंग धनतेरस-दीपावली पर हो चुकी है। जानकारों की माने तो इस वर्ष धनतेरस-दीपावली पर सर्राफा कारोबार 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का होने की उम्मीद है।

सबसे बड़ी बात यह है कि ब्रांडेंड और नॉन ब्रांडेड सर्राफा शो-रूम में ग्राहकों को लुभाने के लिए कई तरह के ऑफर दिए जा रहे है। इनमें सोने-चांदी के आभूषणों पर बनवाई शुल्क जीरो प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक की छूट का ऑफर दिया जा रहा है। कही हीरे के कुल कीमत में 20 प्रतिशत तक की छूट का ऑफर दिया जा रहा है। कुछ शोरूम ऑफर के अलावा निश्चित उपहार देने की पेशकश कर रहे है।

बाजार में सौ मिलीग्राम से लेकर सौ ग्राम तक तक के सिक्के भी ग्राहकों के लिए उतारे गए है। कई शोरूम में हीरा के आभूषणों की बनवाई शुल्क को शून्य किया गया है।

नेपाल से आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए बिहार में बनेगा नया बैराज, केंद्र की हरी झंडी

डेस्क: इस वर्ष नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार में बाढ़ की भयावह हुई स्थिति को देखते हुए भीमनगर की तर्ज पर बिहार सीमा में एक और बैराज का निर्माण होगा। नेपाल के पहाड़ों से बिहार में प्रवेश करने वाली नदियों के उफान पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरु की है। 

बिहार सरकार के इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने भी सहमति दे दी और अब इसके आकार व कार्ययोजना पर कार्य आरंभ कराया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को बिहार सरकार के जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने दी।

जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, मुख्यमंत्री सेतु योजना समिति व शहरी विकास योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री के रुप में भाग लेने पहुंचे विजय चौधरी ने कहा कि इस बार 72 घंटें में नेपाल में हुई रिकार्ड बारिश ने बाढ़ नियंत्रण की यहां की तैयारी को निश्चित रुप से ध्वस्त कर दिया।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी आपदा थी, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। देश में आपदा प्रबंधन में नंबर वन बिहार की सरकार ने पीड़ितों की मदद के लिए पूरी ताकत झोंक दी। पीड़ितों को आरंभिक सहायता भी मुख्यमंत्री द्वारा तत्परता से दिया गया।

उन्होंने कहा कि नेपाल से आने वाली दर्जनों नदियों ने यहां के बांध को भी लांघ दिया। बैराज के उपर से पानी बहने लगा। यह आने वाले समय के लिए पुख्ता तैयारी करने का संकेत है।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाढ़ से स्थायी निदान के लिए बिहार सरकार 2004 से ही प्रयासरत है। नेपाल सरकार के साथ-साथ केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त बैठक भी कई बार हुई है। नेपाल क्षेत्र में एक बड़े डैम व फिर बैराज से पानी पर नियंत्रण की बात तकनीकी विशेषज्ञों ने भी माना।

उन्होंने बताया कि नेपाल ने इसकी आरंभिक सहमति भी दी, लेकिन वहां के नागरिकाें के उग्र आंदोलन के कारण नेपाल सरकार पीछे हट रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने अब बिहार सीमा में ही भीमनगर से आगे एक बैराज निर्माण का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि बैराज निर्माण से पानी का स्टोरेज दो जगहों पर हो सकेगा और तबाही की संभावना कम रहेगी। इस मौके पर पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, पूर्व विधायक सबा जफर, जदयू जिलाध्यक्ष प्रकाश पटेल, मंत्री के ओएसडी ब्रजेश कुमार विकल आदि मौजूद थे।

लोक गायिका शारदा सिन्हा को तबीयत बिगड़ी, एम्स दिल्ली के ICU वार्ड में कराया गया भर्ती

डेस्क : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है। एम्स सूत्रों ने बताया कि फिलहाल उन्हें ICU में रखा गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। हालांकि, आज सुबह उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई।

बता दें कि हाल ही में उनके पति ब्रज किशोर का 80 वर्ष की उम्र में ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था। इसी साल शारदा और उनके पति ब्रज किशोर ने अपनी शादी की 54वीं सालगिरह मनाई थी। शारदा सिन्हा की उम्र 72 साल है।

शारदा सिन्हा बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका हैं। उन्होंने 1980 में अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी। शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं।

वह अपने छठ गानों को लेकर बिहार में काफी प्रसिद्ध हैं। अबतक उन्होंने 62 से अधिक छठ के गानों को आवाज दे चुकी हैं। संगीत में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए शारदा सिन्हा 1991 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वहीं, 2018 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।

स्मार्ट मीटर लगाने के बाद आया 18 लाख का बिल, उपभोक्ता की बढ़ी टेंशन

कटिहार के कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के उत्तरी सिमरिया पंचायत के वार्ड संख्या 12 में बिजली विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता मक्कू टुडू को पिछले चार महीनों का 18 लाख 56 हजार 132 रुपए का बिजली बिल आया है।

घर के सदस्यों ने बताया कि अगस्त महीने में पोस्टपेड मीटर को हटाकर प्रीपेड मीटर लगाया था।

इस परिवर्तन के बाद से पिछले दो महीनों का बिजली बिल बकाया था जिसके एवज में विभाग द्वारा इतना अधिक बिल आया कि विद्युत कनेक्शन काट दिया। वहीं उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है।

जानकारी के अनुसार, वार्ड नंबर 12 के लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण इस तरह का असामान्य बिल आया है। यदि विभाग द्वारा लगाए गए मीटर में इसी प्रकार की खामियां सामने आती हैं। इसपर बिजली उपभोक्ता मक्कू टुडू ने बिजली विभाग के अधिकारियों से तत्काल बिल की समीक्षा व सुधार करने की अपील की है। हालांकि, विद्युत पदाधिकारी व कर्मियों के द्वारा किसी भी प्रकार का संज्ञान नही लिया जा रहा है।

स्कूल में रसोईया के साथ रंगरेलियां मना रहे थे प्रधानाध्यापक साहब, तभी पहुंच गई पत्नी और ग्रामीण...

डेस्क : स्कूल में ही प्रधानाध्यपक साहब रसोईया के साथ रंगरेलियां मना रहे थे। तभी उनकी पत्नी और ग्रामीण वहां पहुंच गए और फिर प्रधानाध्यापक साहब की जमकर फजीहत हुई। मामला बिहार के मधुबनी जिले की है। बताया जा रहा है कि मधुबनी के हरलाखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय तकिया टोल हिसार में ग्रामीणों ने अब प्रधानाध्यापक को महिला रसोइया के साथ आपत्तिजनक अवस्था में रंगे हाथों पकड़ लिया है।

बीते गुरुवार को छुट्टी के बाद शाम 5 बजे रसोइया के साथ एचएम को रंगेहाथों पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने उसे बंधक बना लिया। एचएम की पत्नी ने ही स्कूल पहुंच कर उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। ग्रामीणों ने बताया कि एचएम आशुतोष कुमार का घर कलुआही थाना क्षेत्र के राढ़ गांव में है। वह हरलाखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय तकियाटोल में प्रभारी एचएम है।

बताया जाता है कि आशुतोष कुमार राढ़ गांव निवासी है। वह तकिया टोल हिसार के प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। लेकिन पिछले करीब 3 वर्षों से उनका विद्यालय में ही खाना पकाने वाली महिला रसोइया के साथ विवाहेतर संबंध चल रहा है। इसकी जानकारी उनकी पत्नी को भी थी और इसी को लेकर दोनों के बीच काफी विवाद भी हुआ था।

हालांकि प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को भी बुनियाद बताया है। इधर खिरहर थाना अध्यक्ष ने इस मामले की जांच को लेकर आशुतोष कुमार से पूछताछ भी किए हैं। आशुतोष ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पूरे मामले में खुद को पाक साफ कहा है।

*केन्द्रीय मंत्री मांझी का नेता प्रतिपक्ष पर बड़ा हमला, कहा-तेजस्वी खुद पीते है शराब और राज्य सरकार पर लगाते है आरोप

डेस्क : बिहार के पिछले दिनों सीवान और छपरा के साथ कुछ अन्य जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबरें सामने आई थी। जहरीली शराब से मौत की घटना ने विपक्ष को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया और विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

अब बिहार के पूर्व सीएम व केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में शराब के अवैध कारोबार को लेकर बोले जा रहे हमले पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष पर बड़ा आरोप लगा दिया है। जीतनराम मांझी ने कहा है कि तेजस्वी यादव खुद शराब पीते हैं, इसलिए उनको लगता है कि बिहार में शराब बीक रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार में तो शराबबंदी है, अगर चोरी छीपे लोग पीते हैं तो क्या किया जा सकता है। तेजस्वी शराब की तस्करी में लीन रहते हैं, या करवाते हैं इसलिए उनको इसके बारे में ज्यादा जानकारी है। इस दौरान उन्होंने आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर दावा किया जा चारों सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों की जीत तय है।

जनसुराज के बाद बिहार में एक और नई राजनीतिक पार्टी ! पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी की अपनी पार्टी बनाने की चर्चा जोरों पर

डेस्क : प्रशांत किशोर की जनसुराज के बाद अब बिहार में ऐसा लगता है कि जल्द ही एक और नई राजनीतिक पार्टी बनने वाली है। यह पार्टी बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री आर सीपी सिंह की हो सकती है। यदि आर सीपी सिंह सही मायने में अपनी अलग पार्टी बनाते है तो बिहार के लोगों के सामने जन सुराज के बाद एक और विकल्प मिल सकता है।

दरअसल बीते दिनों राजधानी पटना की सड़कों को टाइगर अभी जिंदा है के नारे की होर्डिंग्स से पाट दिया गया। इस होर्डिंग पर जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामचन्द्र प्रसाद सिंह (आरसीपी) की तस्वीर थी। उनके समर्थक शंकर पटेल व अमर सिन्हा ने पटना में कई स्थानों पर ये होर्डिंग्स लगाए थी। भाजपा के प्रदेश दफ्तर के ठीक गेट पर भी लगाया गया थे। इसके माध्यम से उनके समर्थक यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आरसीपी खत्म नहीं हुए हैं। जिस तरह से ये होर्डिंग्स लगाए हैं, वह एनडीए को ही चेतावनी देते नजर आ रहे थे। जिसके बाद बिहार की सियासत में यह चर्चा तेज हो गई है कि करीब दो साल से सियासी वनवास झेल रहे आरसीपी क्या कोई पार्टी बनाएंगे? अगर हां तो वह किसको निशाना बनाएंगे?

गौरतलब है कि आरसीपी कभी सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीब और जदयू व सरकार में सबसे ताकतवर हुआ करते थे। नीतीश कुमार की छाया में उन्होंने भरपूर ताकत बटोरी। राज्यसभा गए और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। फिर केन्द्र की मोदी सरकार में मंत्री भी बन गए। उनके मंत्री बनने पर कई तरह के सवाल उठने लगे। माना जा रहा था कि उन्होंने नीतीश कुमार की बगैर सहमति के अपने मन से यह फैसला किया। इसके बाद से आरसीपी की नीतीश कुमार और जदयू से दूरी बढ़ने लगी।

माना जा रहा था कि नीतीश कुमार उनसे नाराज हो चुके थे। हाल यह हुआ कि उन्हें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा। यही नहीं राज्यसभा में उन्हें फिर से उम्मीदवार नहीं बनाया गया और 31 जुलाई 2022 को उनका मंत्री पद भी चला गया।

जदयू छोड़ने के लगभग 9 माह बाद 11 मई 2023 को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। धर्मेन्द्र प्रधान ने उन्हें दिल्ली में भाजपा की सदस्यता दिलायी। लिहाजा, आरसीपी काफी मुखर होकर जदयू पर हमलावर रहे। नीतीश कुमार पर भी वे आक्रामक रहे। उन्होंने प्रदेश की यात्राएं की। आरसीपी समसमार कुर्मी हैं जबकि नीतीश कुमार अवधिया। इसको भी आधार बनाकर आरसीपी ने अभियान चलाया। उनके वर्ग की संख्या कम थी, इसलिए उन्हें नालंदा में भी बहुत ताकत नहीं मिली। उधर, उनके अभियान में भी वह आकर्षण नहीं दिखा। इस बीच राजनीति ने नयी करवट ली और जदयू फिर एनडीए का हिस्सा बन गया। इसके बाद आरसीपी की परेशानी और बढ़ गयी। बदले हालात में भाजपा ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया। इस तरह आरसीपी की सियासी पारी पर विराम लग गया।

इधर, भाजपा में मुख्यधारा से वे काफी पहले ही बाहर हो चुके थे। उनके पास राजनीतिक रूप से अधिक विकल्प भी नहीं रह गए थे। ऐसे में उन्हें अपने लिए नया रास्ता चुनना ही था। पार्टी की घोषणा से पहले खुद को टाइगर के बतौर पेश करवाने का निहितार्थ साफ है- यानी वह यह बताना चाह रहे हैं कि उनका जज्बा अभी कायम है। बहरहाल, यह तो तय है कि उनकी पार्टी या आरसीपी संभवत: एनडीए को ही निशाना बनाएंगे। वैसे उनकी पार्टी का आकार-प्रकार कैसा रहेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।

बताते चले कि बीते 2 अक्टूबर को राजनीतिक रणनीतिकार से पॉलिटिशयन बने प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी जन सुराज का एलान किया। जिसे चुनाव आयोग की ओर से मान्यता भी मिल गई। वहीं उन्होंने बिहार में चार विधान सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में भी अपनी पार्टी का भाग्य अजमा रहे है। हालांकि उन्हें इसमें पहले दौर में ही झटका लगा है। उन्होंने बिहार की जनता से जिस साफ-सुथरी छवि के साथ राजनीति करने का वायदा किया था उसपर वे खड़े नहीं उतर पाए है। जिसका उदाहरण बेलागंज सीट पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी है।

वैसे आर सीपी सिंह यदि अपनी अलग पार्टी का गठन करते है तो निश्चित तौर पर बिहार की जनता के सामने एक और विकल्प होगा। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आर सीपी सिंह किस तरह की राजनीति करते है। क्या वे बिहार में चली आ रही जातिगत और बाहुबल के सहारे राजनीति के मैदान में आते है या फिर उससे कुछ अलग हटकर।