अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता होगी और मजबूत: सीएम योगी
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट बैठक हुई। इसमें इन-स्पेस के तत्वावधान में अंतरिक्ष क्षेत्र को समर्पित 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को मंजूरी दी गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता और मजबूत होगी।

अभिनन्दनीय है केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट किया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को महाशक्ति बनाने के लिए सतत समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इन-स्पेस के अंतर्गत 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को स्थापित करने का निर्णय अभिनंदनीय है।

यह फंड 40 स्टार्टअप्स को सहायता भी प्रदान करेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि यह फंड अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ ही लगभग 40 स्टार्टअप्स को सहायता भी प्रदान करेगा। उन्होंने अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने वाले इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार भी जताया।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के माध्यम से गरीब बुजुर्गों का आर्थिक सशक्तीकरण कर रही योगी सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 56 लाख गरीब बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन देने का अपना वादा पूरा कर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ही 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन उनके खाते में जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने अपनी जनकल्याणकारी नीतियों से प्रदेश के हर वर्ग के प्रगति का खाका खींचा है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश आज प्रगति की राह पर तेजी से दौड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी की योजनाओं में प्रदेश के बुजुर्गों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। प्रदेश के नागरिकों को बुढ़ापे में किसी पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए योगी सरकार वृद्धावस्था पेंशन योजना माध्यम से उनका आर्थिक सशक्तीकरण कर रही है। योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वित्तीय परेशानियों से जूझने को मजबूर न हो और गरिमा व सम्मान के साथ जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर शासन ने विभागीय अधिकारियों को विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर के माध्यम से वृद्धों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था। कहा गया था कि अगर तय लक्ष्य से ज्यादा पात्र
वृद्ध अगर मिलते हैं तो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह मुख्यमंत्री योगी की कार्यशैली और समाज कल्याण विभाग की सक्रियता का नतीजा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही तय लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।

गरीब बुजुर्गों का ख्याल रख रही योगी सरकार

प्रदेश में बुजुर्गों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजनों को हर महीने 1000 रुपयेकी पेंशन का लाभ मिल रहा है, जिससे उनके जीवन-यापन में सहायता मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 6,46,434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही में 55,99,997 लाख लाभार्थियों के खाते में 1,67,975 लाख सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया से तहत पात्र बुजुर्गों को मिल रहा लाभ

योगी सरकार द्वारा वृद्धजनों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। अब कोई भी पात्र व्यक्ति योजना का लाभ पाने के लिए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट https://sspy-up.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकता है। इससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होती। आवेदन की पुष्टि ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा की जाती है।

गरीब बुजुर्गों के लिए वरदान बनी योजना

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना मुख्य रूप से उन वृद्धजनों तक पहुंचने के लिए बनाई गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पेंशन के माध्यम से अपने जीवन की आवश्यकताएं पूरी कर सकें।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। साथ ही, उनकी आय निर्धारित आय सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए। शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 56,460 है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा 46,080 है।

योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि

इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2018-19 में 40,71,580 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला, जिसमें 187913.10 लाख की धनराशि खर्च की गई। 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 47,99,480 हो गई और 269774.45 लाख का व्यय हुआ। 2020-21 में 51,24,155 लाभार्थियों को 369449.13 लाख की पेंशन मिली। 2021-22 में 51,92,779 वृद्धजनों को 427790.56 लाख की पेंशन दी गई। 2022-23 में यह संख्या 54,97,237 तक पहुंच गईऔर इस पर कुल 608374.50 लाख खर्च हुए। 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 646434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही में 55,99,997 लाख लाभार्थियों के खाते में 1,67,975 लाख सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट बनाने में पहले नंबर पर यूपी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं में पूरे देश में अपना परचम लहराया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की विभिन्न इकाइयाें में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट(ABHA) बनाने में भी यूपी देश में पहले स्थान पर है।

प्रदेश में अब तक 12.45 करोड़ आभा आईडी बनायी गयी

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव रंजन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पूरे प्रदेश में युद्धस्तर पर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएस) के तहत प्रदेशवासियों की हेल्थ यूनिक आईडी बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश पूरे देश में एबीडीएस की विभिन्न इकाइयों को बनाने में पहले स्थान पर है। इनमें उत्तर प्रदेश आभा आईडी, हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, 100 माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट, स्कैन एण्ड शेयर मॉड्यूल के मामले में पूरे देश में पहले पायदान पर है जबकि इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।

12.45 करोड़ आभा आईडी को बनाकर पूरे देश में पहले पायदान पर यूपी

सचिव रंजन कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा (ABHA) को प्रदेश में पिछले एक वर्ष से लागू किया गया है। अब तक प्रदेश लगभग 12.45 करोड़ आभा आईडी को बनाकर पूरे देश में पहले पायदान पर है। वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है।इसी तरह हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री (HPR) में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के स्वास्थ्य कर्मियों जैसे डॉक्टर, नर्सेज, सीएचओ, एएनएम, आशा इत्यादि का पंजीकरण किया जा रहा है। अब तक 74,789 रजिस्ट्री की जा चुकी है और वर्तमान में प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। वहीं दूसरे स्थान पर कर्नाटक है, जहां पर अभी तक लगभग 58,919 हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री का सृजन किया जा चुका है।

61,015 हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री को फैसिलिटीज़ रजिस्टर किया जा चुका

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव रंजन कुमार ने बताया कि हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) में सभी चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र, प्राइवेट चिकित्सालय, क्लीनिक, डायग्नाोस्टिक इत्यादि का पंजीकरण होना है। अब तक 61,015 हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री को फैसिलिटीज़ रजिस्टर किया जा चुका है। इस मामले में भी वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

प्रदेश भर में 35 माइक्रोसाइट का किया जा रहा संचालन

भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा लागू 100 माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट में से 35 माइक्रोसाइट का संचालन प्रदेश में किया जा रहा है। माइक्रोसाइट निजी क्षेत्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंगीकरण के लिए लागू किया गया है। इसमें वर्तमान में सर्वाधिक हेल्थ रिकार्ड प्रदेश से ही जोड़े जा रहे हैं। इसमें राजधानी लखनऊ देश में पहला माइक्रोसाइट है, जिसने निर्धारित लक्ष्य को सर्वप्रथम प्राप्त किया है। इसके जरिये न सिर्फ मरीजों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं बल्कि अस्पतालों में बेहतर ढंग से कतार प्रबंधन, अस्पताल प्रबंधन एवं डाटा प्रबंधन करते हुए चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को और पारदर्शी एवं सरल बनाया जा रहा है।

5.25 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड का सृजन

प्रदेश में अब तक लगभग 5.25 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड का सृजन किया जा चुका है। वर्तमान में प्रदेश भारत में द्वितीय स्थान पर है जबकि प्रथम स्थान पर आंध्र प्रदेश है, जिसने अभी तक 5.32 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड सृजन कर लिया है। सचिव ने बताया कि जल्द ही प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बनाने में पूरे देश में पहले स्थान पर होगा।
पूर्व आईएएस से एक करोड़ ठगने वाला गिरफ्तार,आरोपी की पत्नी की भूमिका की पुलिस कर रही जांच

लखनऊ। शराब की तीन दुकानें दिलाने के नाम पर सेवानिवृत्त आईएएस हरि प्रसाद सिंह से एक करोड़ रुपये ठगने वाले आरोपी को गोमतीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अब आरोपी की पत्नी की भी भूमिका जांच रही है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि विपुलखंड निवासी हरि प्रसाद सिंह 2017 में विशेष सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

मई 2024 में उनकी मुलाकात चिनहट के गणेशपुर निवासी राकेश शर्मा से हुई थी। उसने खुद को पूर्व पुलिस अधिकारी बताया था। साथ ही उनका मोबाइल नंबर और घर का पता ले लिया था। अगले ही दिन कॉल करके वह पत्नी शकुंतला शर्मा के साथ उनके घर पहुंच गया था।राकेश ने हरिप्रसाद को बताया कि पुलिस की नौकरी छोड़कर शराब का कारोबार शुरू किया है। उसके पास शराब की 84 दुकानें हैं। आबकारी विभाग में अच्छी पकड़ होने का दावा किया।

शाहनजफ रोड की दो और वृंदावन योजना रायबरेली रोड पर शराब की एक दुकान दिलाने के नाम पर पूर्व आईएएस से 22.62 लाख का चेक और 75.50 लाख रुपये नकद ऐंठ लिए थे। उनके बेटे के पारिवारिक मुकदमे में भी पैरवी और केस खत्म कराने के नाम पर भी रुपये लिए थे। काम न होने पर रकम वापसी पर आरोपी दंपती टालमटोल करने लगे।

इसके बाद पूर्व आईएएस ने गोमतीनगर थाने में केस दर्ज कराया था। बुधवार देर रात पुलिस ने गोसाईंगंज टोल प्लाजा के पास से आरोपी राकेश को गिरफ्तार किया। वह मूलरूप से मऊ के सराय लाखन सिंह का रहने वाला है। उसके खिलाफ वजीरगंज में दो और हजरतगंज में एक आपराधिक मामला दर्ज है। डीसीपी ने बताया कि आरोपी की पत्नी शकुंतला की भूमिका की जांच की जा रही है।

अनियंत्रित होकर गुमटी में घुसी बाइक,दो की मौत
लखनऊ । राजधानी के चिनहट थानाक्षेत्र में गुरुवार की सुबह गड्ढे में बाइक का पहिया जाने से वह अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गुमटी में जा घुसी। गुमटी में लगी सीमेंट की टिन से टकराकर बाइक सवार के चेहरे के चीथड़े उड़ गए और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने गंभीर रूप से जख्मी चालक के साथियों को अस्पताल पहुंचाया जहां एक और ने दम तोड़ दिया। हादसा इतना भीषण था कि देखने के बाद लोगों की रूक कांप उठी। उधर मौत की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मचा गया।

उदयगंज निवासी बब्बू (20) बाइक मैकेनिक थे। बुधवार रात करीब 11 बजे वह बाइक से अपने दोस्त हजरतगंज के बालूअड्डा निवासी अरशद (19) और कामरान के साथ देवा शरीफ गए थे। गुरुवार की  सुबह करीब सात बजे तीनों एक बाइक से घर लौट रहे थे। बब्बू बाइक चला रहा थे। जिसकी रफ्तार काफी तेज थी तभी देवा रोड पर बने गड्ढे में बाइक का पहिया फंस गया और बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी गुमटी में जा घुसी। हादसा इतना भयानक था कि गुमटी में पड़ी सीमेंटड टीन बब्बू के चेहरे में जा धंसी और चीथड़े उड़ गए। पुलिस ने अरशद और कामरान को अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टर ने अरशद को मृत घोषित कर दिया। हादसा इतना भीषण था कि बाइक दो हिस्सों में बंट गई। बाइक की हालत देख लोगों की रूह कांप उठी। अपर पुलिस आयुक्त पूर्वी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को सूचित करने के बाद शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया गया है।
सपा ने गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट पर उतारे प्रत्याशी


लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को दो और सीटों पर उपचुनाव में प्रत्याशी उतार दिए हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत सभी सीटों पर सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। कांग्रेस ने उपचुनाव में एक भी पार्टी के प्रत्याशी को नहीं उतारने का निर्णय लिया है।

प्रदेश की 09 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार न उतारने के निर्णय के तुरंत बाद सपा ने दोनों सीटों पर अपने पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सपा ने गाजियाबाद सीट से सिंह राज जाटव और और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से डॉ. चारु कैन को चुनाव मैदान में उतारा है। सपा इससे पूर्व प्रदेश की 07 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के टिकट की घोषणा कर चुकी थी।
उप्र विधान सभा उपचुनाव : बसपा ने आठ सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश में हो रहे विधान सभा उपचुनावों के लिए गुरुवार को आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। केन्द्रीय कार्यालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से अमित

वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से जितेंद्र कुमार सिंह, मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर शाहनजर, कानपुर नगर की शीशामऊ विधानसभा सीट से वीरेंद्र कुमार शुक्ला, मैनपुरी की करहल सीट से अवनीश कुमार शाक्य,

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रफतुल्ला उर्फ नेता छिद्दा, गाजियाबाद की गाजियाबाद विधानसभा सीट से परमानंद गर्ग और मीरजापुर की मझवा विधानसभा सीट से दीपक तिवारी को बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है।
उप्र विधानसभा उपचुनाव : भाजपा के सात उम्मीदवारों की सूची जारी
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव 2024 के लिए सात उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी सूची के अनुसार कुंदरकी विधानसभा से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर विधानसभा से सुरेन्द्र दिलेर और करहल से अनुजेश यादव को उम्मीदवार घोषित किया है। इसी तरह फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिस्मिता मौर्या को उम्मीदवार घोषित किया गया है।

प्रत्याशियों की घोषणा पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि स्थानीय इकाई से परामर्श कर प्रत्याशी घोषित किये गये हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव में जीत हासिल करेंगे। 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास' केवल नारा नहीं बल्कि भाजपा के हर निर्णय में इसकी झलक है।
मुख्यमंत्री योगी ने 1950 सरकारी पदों पर चयनित युवाओं को दिए नियुक्ति पत्र
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चयनित 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारी, 360 ग्राम विकास अधिकारी (समाज कल्याण) एवं 64 समाज कल्याण पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर और समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त युवाओं के परिजनों, शुभचिंतकों को बधाई दी और उन्हें बेहतर कार्य करने की सीख दी।इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तो विपक्ष को केटघरे में भी खड़ा किया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दिवाली से ठीक पहले की नियुक्ति आप सब युवाओं के लिए दीपावली पर्व का उपहार है। मुझे पता है कि हमारी सरकार ने पिछले साढ़े सात साल में विकास की जो रूपरेखा तैयार की थी, उसमें पारदर्शी तरीके से भर्ती हो, इसकी भी रणनीति शामिल थी। मुझे प्रसन्नता है कि पिछले साढ़े सात साल में लगभग सात लाख सरकारी नौकरियां देने की ओर अग्रसर है। पहले यूपी में कोई निवेश करने नहीं आता था, आज उद्यमी लाखों करोड़ निवेश कर रहे हैं। प्रदेश का युवा पहले नौकरी के लिए देश और दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में भटकना पड़ रहा था। आज उसे अपने ही गांव और शहर में नौकरी मिल रही है। वह नौकरी करने के साथ ही अपने परिवार की देखरेख भी कर पा रहा है।

आज प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी कार्यक्रम हो रहे हैं। वे लोग आॅनाइन इस कार्यक्रम से जुड़ हुए हैं। जिलों में मंत्री प्रभारी व अन्य जन प्रतिनिधि पहुंचे हैं। आज उप्र बदल रहा है। प्रदेश में नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शी व्यवस्था लागू है। जो उप्र देश में छठी सातवीं अर्थव्यवस्था थी, वह उप्र आज दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसीलिए चयनित अभ्यर्थियों से अपील है कि ग्राम पंचायत हो समाज कल्याण दोनों ही विभाग बहुत महत्वपूर्ण है। 2047 में आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के लिए हम सबको कार्य करना होगा।
जमीन व प्लाट के नाम पर इनवेस्ट कराकर करोड़ों की ठगी करने वाला इनामी गिरफ्तार


लखनऊ । एसटीएफ उत्तर प्रदेश को साइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में जमीन व प्लाट के नाम पर इनवेस्ट कराकर हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का सक्रिय सदस्य एवं 50,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी राहुल शर्मा को लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। एसटीएफ ने अभियुक्तों के कब्जे से एक डीएल, एक पैन कार्ड, एक एटीएम कार्ड और 610 रुपये नकद बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से थी इनकी तलाश

एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से फरार व पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एस०टी०एफ० की विभिन्न इकाईयो/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में श्री विषाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 लखनऊ के पर्यवेक्षण में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।

अभियुक्त पर रखा गया था पचास हजार का इनाम

निरीक्षक शिवनेत्र सिंह के नेतृत्व में मु.आ. सुधीर सिंह, रमेश उपाध्याय, अमित कुमार की टीम जनपद लखनऊ में भ्रमणशील थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि साइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में जमीन व प्लाट के नाम पर इनवेस्ट कराकर ठगी करने वालों लोगों के विरूद्ध थाना गोमती नगर लखनऊ में मु0अ0सं0 630/2021 धारा 409, 420, 467, 467, 468, 471, 120-बी भा0द0वि0 का अभियोग पंजीकृत हुआ था। जिसमें अभियुक्त राहुल शर्मा वांछित है, और उसके गिरफ्तारी हेतु 50 हजार का पुरस्कार घोषित है। वह आज आर0आर0 बन्धा पर किसी से मिलने के लिए आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुॅचकर वांछित अभियुक्त राहुल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।

साइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी में हस्ताक्षरी नियुक्ति था

पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि उसने छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से एमए किया है। मार्च-2016 में साइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा0लि0, म0नं0- ए-105, साउथ सिटी, रायबरेल रोड, थाना-पीजीआई, लखनऊ में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्य शुरू किया था। कम्पनी में अलग-अलग कार्यो के लिए अलग अलग डिपार्टमेन्ट एवं अलग अलग एच0ओ0डी0 थे। 04 माह बाद कम्पनी बोर्ड के चेयरमैन व सदस्यों की मीटिग में प्रस्ताव के माध्यम से आवंटियों को कम्पनी की तरफ से रजिस्ट्री करने के लिए उसे अधिकृत हस्ताक्षरी नियुक्त किया गया था।

इन्वेस्ट करने के नाम पर प्रलोभन देकर उनसे करोडों की ठगी की गयी

अभियुक्त ने यह भी बताया कि कम्पनी का मुख्यालय आर स्क्वायर काम्प्लेक्स, पॉचवॉ तल, विपुल खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में था। कम्पनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) राशिद नसीम एवं एमडी-आसिफ नसीम थे। साइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा0लि0 द्वारा लोगों सेे जमीन/प्लाट खरीदने एवं विभिन्न प्रकार के इन्वेस्ट करने के नाम पर प्रलोभन देकर उनसे करोडों की ठगी की गयी है, जिस सम्बन्ध में जनपद लखनऊ सहित प्रदेष के विभिन्न जनपदों में लगभग सैकड़ों अभियोग पंजीकृत है।