ग्यारहवीं शरीफ : हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी की याद में निकाला जुलूस, पढ़ी फातिहा

गोरखपुर। हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमा (गौसे आज़म) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ के रूप में अदबो-एहतराम के साथ मनाया गया। मदरसा, मस्जिद व घरों में फातिहा हुई। महफिल-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन हुआ। सुबह फज्र की नमाज़ के बाद फातिहा का सिलसिला शुरू हुआ जो पूरे दिन चलता रहा। कई जगह लंगर भी बांटा गया। गौसे आज़म फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली, हाफिज मो. अमन, मो. फैज, रियाज़ अहमद, मो. जैद, मो. जैद कादरी, अहसन खान, अमान अहमद, वसीम अहमद, अब्दुर्हमान आदि ने दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद नार्मल के पास गरीबों में फल बांटा।

वहीं फैजाने गौसिया नौजवान कमेटी की ओर से अहमदनगर चक्शा हुसैन से जुलूस-ए-गौसिया निकाला गया। जो जुमनहिया बाग, जाहिदाबाद, गोरखनाथ, अंसारी रोड, हुमायूंपुर होता हुआ नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन पर समाप्त हुआ। जुलूस में इस्लामी परचम, मस्जिद-ए-अक्सा का माडल, नात व मनकबत पढ़ते युवा आकर्षण का केंद्र रहे। जुलूस समापन पर महफ़िल हुई। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। शीरीनी बांटी गई। जुलूस में मौलाना शादाब अहमद रजवी, मो. दानिश रजवी, सिमनान रजवी, हैदर हसन, मो. फैसल, फैजान रजवी, शहान, सूफियान, शान, मुनाजिर हसन, अफरोज कादरी, अजीम अहमद, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

बसंतपुर में महफिल-ए-गौसे आज़म हुई। जिसमें कारी मोहम्मद अनस रजवी ने कहा कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मर्तबा हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी (गौसे आज़म) का है। हमारे औलिया किराम व मशायख जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-नबी का नूर व खुशबू फैल गई। हिन्दुस्तान में ईमान व दीन-ए-इस्लाम हमारे इन्हीं बुजुर्गों, औलिया व सूफिया के जरिए आया। ऐसे लोग जिनके चेहरों को देखकर और उनसे मुलाकात करके लोग ईमान लाने पर मजबूूर हो जाते थे। हमें भी इनकी शिक्षाओं पर पूरी तरह से अमल करना चाहिए। जिससे हमें दुनिया व आखिरत की कामयाबी मिलेगी।

मौलाना महमूद रज़ा कादरी व हाफिज अशरफ रज़ा इस्माईली ने कहा कि हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमा नबियों के सच्चे जानशीन हैं। इस्लाम व ईमान की रोशनी इन्हीं के जरिए से हम तक पहुंची है। अंत में कुल शरीफ की रस्म अदा कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। बड़गो में जलसा-ए-गौसुलवरा का प्रोग्राम हुअा। जिसमें उलमा किराम ने हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी की जिंदगी पर रोशनी डाली।

कम लागत की वैज्ञानिक तकनीकी से खेती कर बढ़ाएं उत्पादन: दिवाकर

गोरखपुर। देश की बढ़ती जनसंख्या घटते क्षेत्रफल के कारण आज देश के हर नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अधिकतम खाद्यान्न उत्पादन की आवश्यकता है ।देश में अधिकतम उत्पादन के लिए किसान भाई आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग और उन्नतशील बीज संतुलित उर्वरक वैज्ञानिक तकनीकी और सरकार की कृषि उपयोगी योजनाओं का उपयोग कर खेती कर देश को आत्मनिर्भर बनाएं।

उक्त जानकारी गोला विकास खंड परिसर में कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कृषि गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि खंड विकास अधिकारी दिवाकर सिंह ने दी। मुख्य अतिथि क्षेत्र पंचायत प्रमुख कुसुमावती देवी ने किसान भाइयों से अपील किया कि सरकार की योजनाओं वैज्ञानिक तकनीकी का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करें।गोष्ठी में उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बद्री नारायण तिवारी शस्य वैज्ञानिक पीजी कॉलेज बड़हलगंज डॉ वीरभद्र तिवारी पुर्व अपर जिला कृषि अधिकारी राम अधार यादव ने पशुपालन टीकाकरण संतुलित पशु आहार मृदा परीक्षण बीज का चुनाव और शोधन कृषि यंत्रों की खेती में उपयोगिता फसल अवशेष प्रबंधन फसल बीमा कृषि वैज्ञानिक तकनीकी फसल सुरक्षा आदि पर विस्तार से दी जानकारी।

अरुणाकर सिंह राज नरायन भगवान दास बृजेंद्र शेषनाथ अनुराग आर्या ने खेती की तकनीकी कृषि निवेश की व्यवस्था प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि आदि की दी जानकारी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने 25 किसान भाइयों को सरसों के मिनी किट को निशुल्क दिया।अध्यक्षता खंड विकास अधिकारी दिवाकर सिंह और संचालन राजनरायन बीज भंडार प्रभारी और धन्यवाद ज्ञापन आलोक राय ने किया। इस अवसर पर सुसमा सिंह राधिका मौर्या निशा मौर्या फूलमती सावित्री घनश्याम अमृत सिंह प्रेम सागर रमेश दुबे नागेंद्र कुमार देव नाथ बसंत कुमार रामनिवास महेंद्र सिंह सहित अधिक संख्या में जनप्रतिनिधि एवं किसान गण मौजूद रहे।

मनोविज्ञान विभाग में अंतराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम एवं रैली

गोरखपुर। मनोविज्ञान विभाग , दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वियादलय में अंतराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ दिवस के उपलक्ष्य में ह्लसार्वभौमिक मानवीय मूल्यों का अभ्यास करके कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम की शुरूआत कुलगीत एवं माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वल्लन एवं मलायार्पण के साथ हुआ. मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. धनञ्जय कुमार ने मुख्य अतिथि एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं यह कहा कि इस वर्ष के थीम के अनुरूप यदि मानसिक स्वस्थ को बेहतर बनाना है तो मानवीय मूल्यों को महत्त्व देना आवश्यक है .

अधिष्ठाता, छात्र कल्याण , प्रो अनुभूति दूबे ने कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि आज के समाज में तनाव भयप्रद होता जा रहा है, क्यूंकि अब मृत्यु के एक प्रमुख कारणों में से यह एक है . अपने उद्बोधन में प्रो . दूबे ने कहा कि मानसिक बिमारियों के लक्षण पहचानने में हम अब भी गलती कर रहे हैं, क्यूंकि प्राय: अन्य बिमारियों के लक्षण से हम मानसिक बिमारियों के लक्षण को अलग नही कर पाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सभी से सर्वोपरि हमे मानसिक स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकता में रखना होगा .

तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित प्रो. राजवंत राव , अधिष्ठाता, कला संकाय ने कहा कि मनोविज्ञान विभाग की भांति अन्य विभागों में भी समाज उन्मुखी कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए . उन्होंने कहा यह बहुत पीड़ादायक है कि देश की नीवं रखने वाले युवा के चेहरे की स्निग्धता गायब हो रही . इसके पीछे कि वजह है भारतीय संस्कृति से परिवार के व्यवस्था का खत्म होना . उन्होंने कहा कि आज समाज के लिए आवश्यक है कि मनुष्य जिस भी भूमिका में हो पहले स्वयं मनुष्य होने तथा उसके बाद अन्य भूमिका को चरितार्थ करें .

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं माननीय कुलपति, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय , प्रोफेसर पूनम टंडन महोदया, ने अपने उद्भोधन में यह कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जीवन का वह अदृश्य पहलु है जिसके ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करना अति आवश्यक है . कार्यस्थल पर सृजनात्मक एवं नए तरह के चुनौतियों के कारण व्यक्ति निरंतर तनाव में है और यदि वह कार्य-जीवन संतुलन को स्थापित कर पाने में समर्थ नही होगा तो मानसिक बिमारियों से घिर जायेगा. माननीय कुलपति महोदया ने यह भी कहा कि कार्य-जीवन संतुलन को स्थापित करने में समय प्रबंधन एक महत्वपूर्ण बिंदु है . इसके साथ ही उन्होंने भागवत गीता का उल्लेख करते हुए स्वांत सुखाय की भावना को प्रत्येक कार्य में सम्मिलित करने को अभिप्रेरित किया. अंत में अपने उद्बोधन में उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के तीन प्रमुख कारकों को इंगित किया : बातचीत, कार्य जीवन संतुलन और सकारात्मकता .

कार्यक्रम की अगली कड़ी में स्नातकोत्तर प्रथम एवं तृतीय के छात्रों ने एक लघु नाटक के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को स्टिग्मा (वर्तिकाग्र) न समझने का एक सन्देश दिया . तत्पश्चात कुलपति महोदया ने मानसिक जागरूकता रैली को हरि झंडी दिखाई , जिसके पश्चात सभी विद्यार्थी विभागीय शिक्षकों के निर्देश में विश्विद्यालय के विभिन्न विभागों में जाकर मानसिक स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल पे होने वाले मानसिक तनावों के प्रति अन्य को जागरूक किया .

मनोविज्ञान विभाग के तत्वाधान में डॉ विस्मिता पालीवाल ने इस कार्यकम का सफल संचालन एवं आयोजन सम्पन्न कराया . कार्यक्रम में प्रो सुधीर श्रीवास्तव , प्रोफ वी. एस. वर्मा , विभिन्न विभागों के शिक्षकगण एवं विभागीय शिक्षक डॉ गिरिजेश यादव, डॉ गरिमा सिंह, डॉ राम कीर्ति सिंह, डॉ प्रियंका गौतम, डॉ अमित त्रिपाठी एवं विभागीय छात्र उपस्थित रहे।

सफेद छड़ी दृष्टिबाधितों की मार्गदर्शिका: डॉ रामकुमार जायसवाल

गोरखपुर। विश्व सफेद छड़ी दिवस के अवसर पर आज सीआरसी गोरखपुर ने एक जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल और सीआरसी गोरखपुर के निदेशक श्री जितेंद्र यादव ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार से होकर मुगलाहा पेट्रोल पंप होते हुए वापस सीआरसी गोरखपुर के मुख्य द्वार पर संपन्न हुई।

इस अवसर पर गोपाल कृष्ण अग्रवाल वरिष्ठ सलाहकार एनएबी, इंडिया, डॉ अशोक पांडे, निदेशक, आईसीएमआर, डॉ रामयश सिंह, विभागाध्यक्ष नेत्र रोग विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, डॉ आमिल हयात खान, डॉ पीएन सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। रैली को संबोधित करते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल ने कहा कि सफेद छड़ी दृष्टि दिव्यांगों के लिए मार्गदर्शिका का काम करती है।

आम जनमानस को सफेद छड़ी के प्रति जागरूक होना चाहिए। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि सफेद छड़ी दृष्टिबाधितों के लिए एक सशक्त उपकरण है जिसके माध्यम से उनको रास्ते का ओरिएंटेशन होता है। आम जनमानस में सफेद छड़ी के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए सीआरसी गोरखपुर ने इस रैली का आयोजन किया है। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक नागेंद्र पांडे सहित सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण मौजूद रहे। बड़ी संख्या में रैली में दृष्टिबाधितजन एवं सीआरसी गोरखपुर के मानव संसाधन विकास कार्यक्रम के प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया।

जिले की 39 चिकित्सा इकाइयों को मिला 20.35 लाख का कायाकल्प पुरस्कार

गोरखपुर, जिले की 39 चिकित्सा इकाइयों को 20.35 लाख रुपये का कायकल्प पुरस्कार मिला है। इनमें छह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), 16 अर्बन पीएचसी और सत्रह आयुष्मान आरोग्य मंदिर इस योजना के तहत पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं । पुरस्कार की राशि से इन इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही कायाकल्प योजना में जो गैप पाए गए होंगे उन्हें ठीक भी कराया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने पुरस्कार जीतने वाली सभी इकाइयों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद, डीपीएमयू टीम, शहरी स्वास्थ्य मिशन समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, एसीपीए क्वॉलिटी एश्योरेंस विजय श्रीवास्तव और स्वास्थ्य इकाइयों के प्रभारी, चिकित्सक और स्टॉफ को बधाई दी है । उन्होंने सभी इकाइयों से अपील की है कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार अधिकाधिक चिकित्सा इकाइयों को एनक्वास के लिए तैयार किया जाए।

टॉप रहीं यह इकाइयां

सीएमओ ने बताया कि चरगांवा पीएचसी पहले प्रयास में जिले में पहले स्थान पर रही । इलाहीबाग यूपीएचसी तीसरी बार पुरस्कार जीती है और जिले में टॉप पर रही है। शाहपुर यूपीएचसी लगातार चौथी बार पर पुरस्कार जीतने में सफल रही और फर्स्ट रनर अप रही है। पिपरौली ब्लॉक का कालेसर आयुष्मान आरोग्य मंदिर तीसरी बार पुरस्कृत हुआ है और अपने श्रेणी में जिले में टॉप पर रहा है। खोराबार ब्लॉक का लहसड़ी आयुष्मान आरोग्य मंदिर तीसरी बार और मोतीराम दूसरी बार पुरस्कृत रहा है एवं दोनों को क्रमशः फर्स्ट रनर अप और सैकेंड रनर अप का पुरस्कार मिला है।

इन्हें भी मिला पुरस्कार

खोराबार पीएचसी पांचवी बार, डेरवा पीएचसी छठवीं बार, खजनी पीएचसी दूसरी बार, विशुनपुरा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पीएचसी और उनवल आयुष्मान आरोग्य मंदिर पीएचसी ने पहली बार यह पुरस्कार जीता है। शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में गोरखनाथ, झरना टोला, शिवपुर सहबाजगंज, बिछिया ने चौथी बार, बसंतपुर और दीवान बाजार ने पांचवी बार, हुमायूंपुर, झरना टोला, तुर्कमानपुर, इस्लामचक, मोहद्दीपुर, तारामंडल, नथमलपुर, निजामपुर, बिछिया और अंधियारीबाग ने तीसरी बार कायाकल्प पुरस्कार जीता है।

इन्हें पहले प्रयास में मिली सफलता

डॉ दूबे ने बताया कि डुमरी, छताई, चौरी, टेकवार, बघराई, राजधानी, राघोपट्टी, नदुवाज्ञानपार, मुंडेरा बाबू, मोहम्मदपुर, महावनखोर, मठवारी, अगया और हरपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने पहले प्रयास में कायाल्प पुरस्कार हासिल किया है ।

ऐसे होगा विकास

सीएमओ ने बताया कि पुरस्कार की 75 फीसदी की धनराशि पुरस्कृत इकाइयों के विकास में खर्च की जाएगी, जबकि 25 फीसदी धनराशि से कर्मियों के एक्सपोजर विजिट, पुरस्कार समारोह और इंसेंटिंव आदि की गतिविधियां की जाएंगी ।

ऐसे होता है मूल्यांकन

सीएमओ ने बताया कि इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी सर्विसेज, स्वच्छता जैसे मानकों के आधार पर चिकित्सा इकाइयों का मूल्यांकन किया जाता है।

मदरसा गौसिया गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल के बच्चों ने मनाई डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की 93 वीं जयंती

गोरखपुर। महान वैज्ञानिक, भारत के 11वें राष्ट्रपति, भारतरत्न आदरणीय डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम साहब (अबुल पक्कीर जैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम) की यौमे पैदाइश (जन्मदिन) के मौके पर, मदरसा गौसिया गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल मानबेला में, समाजवादी पार्टी के पूर्व महानगर सचिव आफ़ताब अहमद एवं हाफिज मोहम्मद हदीस साहब के नेतृत्व में मदरसे के बच्चों के साथ पौधा लगाकर, फल, मिठाई, चाकलेट वगैरह बांटकर मनाया गया।

इस यौमे पैदाइश के कार्यक्रम में सपा महानगर सचिव आफ़ताब अहमद एवं हाफिज मोहम्मद हदीस साहब ने अपना विचार रखते हुए कहा कि महान वैज्ञानिक डॉक्टर क़लाम साहब की शुरुआती शिक्षा मदरसे में हुई थी। डॉक्टर क़लाम साहब का भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान विभाग को नई दिशा देने में, परमाणु ऊर्जा विभाग, एरोनॉटिक्स विभाग और इसरो में विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम करते हुए परमाणु टेक्नोलॉजी, मिसाइल. टेक्नोलॉजी और उपग्रह प्रक्षेपण टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान रहा है l देश को आधुनिक स्वदेशी मिलाइल बनाने के लिए सक्षम बनाने के लिए डॉक्टर क़लाम साहब का अद्वितीय योगदान रहा है। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ कलाम साहब का पूरा जीवन साधारण रहकर भी असाधारण रहा। पूरा देश 15 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर उन्हें याद कर रहा है।

इस मौके पर इम्तियाज अहमद, मौलाना नुरुल्लाह साहब, मामून अली घोसी, शहाबुद्दीन अली घोंसी, आमिर अली अंसारी, इरशाद अली, तौशीफ अहमद, आफरीदा खातून, शवरीन खातून, हिना फातिमा, नाहिद हाशमी, शाहिद अली हिमालय कुमार, शुभम यादव, अनूप यादव, वगैरह लोग शामिल थें।

ब्लॉक प्रमुख ने स्मृति द्वार का किया उद्घाटन

गोरखपुर I गोला कौड़ीराम मार्ग स्थित जानीपुर से लाहीडाड़ी संपर्क मार्ग मोड़ पर स्व. रंग लाल यादव की स्मृति में जयश्रीकृष्ण द्वार का भव्य उद्‌घाटन हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिवाजी चन्द प्रमुख तथा विशिष्ट अतिथि दिनकर चन्द, आयोजक मनोज कुमार यादव प्रधान रहे। ब्लॉक प्रमुख शिवाजी चंद द्वारा द्वार का पूजन अर्चना तथा फीता काटकर विधिविधान से लोकार्पण किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधान मनोज ने अपने पूज्य पिता की स्मृति में इस द्वार का निर्माण कराया है। लोगों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

आगे कहा कि भाजपा सरकार में विकास की गंगा बह रही है। सबका साथ, सबका विकास के तर्ज पर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर प्रधान जानीपुर रामानंद यादव, राजन सिंह, गुड्डू सिंह, प्रधुम्न सिंह, रविन्द्र तिवारी, अशोक तिवारी, योगेश मणि, योगेश चन्द उर्फ पप्पू, अखिलेश्वर चन्द उर्फ़ मुन्ना, रविन्द्र यादव, छन्नेलाल प्रधान, बाबूराम मौर्य, संजय यादव, उमेश तिवारी, शिवराम तिवारी, रविंद्र तिवारी, प्रदीप गौड़, अरविन्द श्रीवास्तव, अनिल यादव, प्रकाश यादव, बबलू, राजेश मौर्या, रामचंद्र तिवारी, मनदीप प्रसाद, रामरक्षा, जबीउल्ला खान, संतोष यादव, प्रमोद जायसवाल इत्यादि लोग मौजूद रहे।

पीआरकेएस की हुई बैठक में चुनावी प्रक्रिया में जोरशोर से लग जाने का लिया गया संकल्प

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी (पीआरकेएस) की बैठक केन्द्रीय कार्यालय अध्यक्ष माधव प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन संघ के महामंत्री विनोद राय ने किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सारे लोग मिलजुल कर गोपनीयता के साथ मतदान करें। जिसमें सभी लोग मिलकर महामंत्री विनोद राय के नेतृत्व में प्रचार व प्रसार करने में सहायता प्रदान करें। बैठक में तय किया गया है कि समय रहते हुए अभी से चुनावी प्रक्रिया में लग जायें। बैठक में पीआरकेएस के समस्त सदस्यों संकल्प लिया कि कर्मचारी हित में कार्य करते हुए पीआरकेएस को जीत दिलाने की दिशा में कार्य करने पर बल दिया गया।

बैठक में संयुक्त महामंत्री एके सिंह, आरके भट्ट, संगठन मंत्री डीके तिवारी, देवेन्द्र प्रताप यादव, कोषाध्यक्ष मनोज द्विवेदी, सहायक मंत्री रामकृपाल शर्मा, केन्द्रीय सदस्य अनवर अली, मंडल अध्यक्ष बीपी मिश्रा, मंत्री एससी अवस्थी, लक्ष्मी श्रीवास्तव, सत्येन्द्र सिंह, दीपक चौधरी, जयप्रकाश सिंह, कुलदीप मणि, राजू सिंह, हेमंत कुमार, अभिषेक गुप्ता, राकेश श्रीवास्तव, नवीन मिश्रा, शमशाद अहमद, फिरोजुल हक, देवेश सिंह आदि लोग मौजूद थे।

कृषकों के लिए बहु उपयोगी सिद्ध होगा ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन : एडीएम वित्त

गोरखपुर। एनेक्सी भवन सभागार में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा), गोरखपुर के नेतृत्व में जनपद में मौसम संबंधी पूर्व सूचना तंत्र को मजबूत करने तथा आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एवं ऑटोमेटिक रैन गेज के क्रियान्वयन तथा भौतिक सत्यापन हेतु बैठक आहूत की गई है।

उक्त बैठक में भारत मौसम विभाग, भारत सरकार के प्रतिनिधि श्री प्रदीप पटेल, मौसम वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण मय जानकारी उपलब्ध कराई।

उसके पश्चात आज से 18 अक्टूबर के मध्य जनपद में स्थापित किए गए समस्त 16 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एवं 87 ऑटोमेटिक रेन गेज का भौतिक सत्यापन हेतु निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्थापित उपकरणों की जांच हेतु क्षेत्र भ्रमण किया।

बैठक का संचालन करते हुए आपदा विशेषज्ञ ने शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रारूप के संबंध में समस्त को अवगत कराया।

उक्त कार्य में सहयोग प्रदान करने हेतु तहसील स्तर से नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल तथा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 53 सहायक अभियंता व अवर अभियंता तैनात किए गए हैं।

सायं काल प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 10 स्थलों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया।

एम.एम.एम.यू.टी. में हुआ भारतीय ज्ञान परंपरा पर एकदिवसीय विमर्श

गोरखपुर। भारत को विश्व गुरु बनाने में प्रत्येक देशवासियों के सहयोग और समर्पण की आवश्यकता: बी. आर. शंकरानन्द (अखिल भारतीय संगठन मंत्री) मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा भारतीय शिक्षण मंडल - युवा आयाम, गोरक्ष प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में प्रांत स्तरीय शोधार्थी सम्मेलन/ विविभा प्रमाण पत्र वितरण समारोह सहित 'भारतीय ज्ञान परंपरा का विकसित भारत में योगदान' विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन उपस्थित रहीं।जबकि राष्ट्रीय संगोष्ठी के सारस्वत वक्ता के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मा. बी. आर. शंकरानन्द उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में गोरक्ष प्रांत के सह प्रचारक सुरजीत की उपस्थिति रही। संगोष्ठी की अध्यक्षता मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित किया ।