जयप्रकाश नारायण जी तानाशाही और पूंजीवाद के खिलाफ अजीवन संघर्ष रहे
बलिया।समाजवादी पार्टी कार्यालय पर आज लोकतन्त्र के सजग प्रहरी महान स्वतन्त्रता सेनानी संपूर्ण क्रांति के महानायक लोकनायक जयप्रकाश समाजवादी विचारधारा के नारायण जी के जन्म जयंती पर विचार गोष्ठी आयोजित किया गया जिसमे उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी तानाशाही और पूंजीवाद के खिलाफ अजीवन संघर्ष रहे।
आज उसी जयप्रकाश जी को मल्यार्पण करने से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को लखनऊ में रोका जा रहा हैं पूर्व मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष वहा न जाने पाए इसके लिए लोहे की चादर लगाकर सरकार ने यह साबित कर दिया कि भाजपा आजादी और आजादी के सेनानियो की विरोधी रही हैं और आज भी हैं आजादी की लड़ाई लड़ने वाले शहीदों और सेनानियो का अपमान प्रदेश की जनता देख रही हैं और इसका जवाब 2027 में अवश्य देगी।
संगोष्ठी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी द्वारा सरकार के दमन के खिलाफ लखनऊ में बीच सड़क पर धरना देना चर्चा में रहा और सभी लोगो ने यह कहा कि रामगोविन्द चौधरी ने आज साबित कर दिखाया कि जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन से निकला व्यक्ति जहां भी रहेगा अन्याय और तानाशाही के खिलाफ सीना ठोक के खड़ा रहेगा।
संगोष्ठी/श्रद्धांजलि सभा में सर्वश्री सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजीरामजी गुप्ता,कामेश्वर सिंह,रामेश्वर पासवान,रोहित चौबे, डा. प्रमोद यादव, रामनाथ पासवान,धनजी यादव, कृष्ण भारती राकेश यादव, दिग्विजय पासवान,अमित सिंह,सर्वजीत यादव, कृष्णा नन्द यादव, अनिल राय,सुभाष यादव आदि उपस्थित रहे।अध्यक्षता डा.विश्राम यादव और संचालन बीरबल राम ने किया।










बलिया।नगरा नगर पंचायत में नगरा सार्वजनीक रामलीला समिति के तत्वाधान में जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित ऐतिहासिक रामलीला के तीसरे दिन 5 तारिख- *नगरा रामलीला प्रसंग- पृथ्वी पुकार रामजन्म*का किया गया भारतीय सांस्कृत राम कृष्ण लीला संस्थान वृंदावन से आए कलाकारो ने पृथ्वी पुकार व श्रीराम जन्म लीला का मंचन कर उपस्थित दर्शको का मन मोह लिया। राम जन्म होते ही पूरा पांडाल जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा। कलाकारो द्वारा मंचित लीला के अनुसार रावण के अत्याचारों से पीडि़त पृथ्वी जब गो रूप धारण कर देवताओं की शरण में पहुंचती है तो उसकी पीड़ा सुनकर देवतागण व्यथित हो जाते हैं। इसके बाद सारे देवता एकत्रित होकर धरती को लेकर भगवान विष्णु के पास जाते है। देवता कहते हैं कि रावण का अत्याचार इतना बढ़ गया है कि चारों ओर त्राहि-त्राहि मची है। भगवान विष्णु उन्हें आश्वासन देते है कि रावण का अत्याचार खत्म करने के लिए वे स्वयं मानव रूप में धरती पर जन्म लेंगे। इसके बाद कोई संतान न होने से दुखित राजा दशरथ संतान प्राप्ति के लिए गुरु वशिष्ठ से सलाह मांगते है। गुरु वशिष्ठ दशरथ को श्रृंगी ऋषि के पास भेजते हैं। श्रृंगी ऋषि राजा दशरथ को पुत्रेष्टि यज्ञ कराने के लिए कहते है। दशरथ जी ऋषि की बात मानकर यज्ञ करते है, और यज्ञ में अग्निदेव प्रकट होते हैं यथा राजा को हवि देते हुए कहते है कि यह तीनों रानियों को खिला देना। आपको पुत्र प्राप्ति होगी। इसके बाद माता कौशल्या के कोख से बाल्य रूप में भगवान राम का जन्म होता है साथ ही माता कैकई के भरत एवं माता सुमित्रा के लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। जैसे ही राजा दशरथ को एक साथ चार पुत्रों के जन्म की सुचना मिलती है, वे प्रसन्न होकर हीरे जवाहरात आदि लुटाते है। रामजन्म होते ही पुरा पांडाल जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा। सखियां सोहर गाती है, जिससे दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए। लीला का शुभारम्भ पूर्व प्रधान मनोज कुमार पांडेय ने भगवान की झांकी की आरती पुजन कर किया। पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, राजेश गुप्ता, डा शशि प्रकाश कुशवाहा, रामायण ठाकुर, सुनील गुप्ता, राम प्रसाद गुप्ता,अनिल, बबलू कसेरा, राजू चौहान, रियांशू जायसवाल, राहुल ठाकुर, अमन कुमार आदि की भुमिका सराहनीय रही।
Oct 14 2024, 20:23
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