अष्टमी व नवमी आज, भक्तों ने महागौरी और मां सिद्धिदात्री से की सर्वमंगल की कामना
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है, जिसका समापन नवमी तिथि पर होता है।
भारत में नवरात्रि के त्योहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जो 9 दिनों तक चलता है। इस दौरान पंड़ालों में देवी दुर्गा की मूर्ति को स्थापित कर विधि विधान से उनकी पूजा की जाती हैं। साथ ही गरबा, डांडिया व जागरण जैसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।इस वर्ष 3 अक्तूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, और अब ये पर्व समाप्ति की ओर है। आज नवरात्रि का नौवां दिन है। आज ही अष्टमी और महानवमी मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में 10 अक्तूबर को सप्तमी-अष्टमी एक ही दिन थी।
परंतु शास्त्रों के अनुसार जब भी सप्तमी-अष्टमी एक दिन होती है, तो दुर्गा अष्टमी का उपवास नहीं रखना चाहिए। इसलिए आज अष्टमी-नवमी साथ में मनाई जा रही है।शारदीय नवरात्र का वर्णन मार्कंडेय पुराण में दुर्गा सप्तशती के द्वारा प्रकट किया गया है। उसमें वर्णित है कि शुंभ-निशुंभ और महिषासुरादि तामसिक स्वभाव वाले असुरों के जन्म होने से देवगण दुखी हो गए।
सभी देवगणों ने मिलकर महामाया भगवती की स्तुति की। तब देवी ने प्रसन्न होकर देवगणों को वरदान दिया कि डरो मत, मैं अचीर काल में प्रकट होकर अतुल पराक्रमी असुरों का संहार करूंगी।मेरी प्रसन्नता के लिए तुम लोगों को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नौ दिनों तक मेरी आराधना करनी चाहिए। इसी आधार पर देवी नवरात्र का महोत्सव अनादि काल से आज तक चला आ रहा है। नौ रात्रियों तक व्रत-पूजन करने से इस व्रत का नाम नवरात्र पड़ा।
देवी आराधना का पवित्र पर्व शारदीय नवरात्र शुक्रवार को महाष्टमी और नवमी पूजन के साथ संपन्न हो गया। अष्टमी में महागौरी का पूजन करने के बाद श्रद्धालुओं ने आदिशक्ति के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की। इस दौरान मंदिरों और पूजा पंडालों में हवन और कन्या पूजन किया गया। शनिवार को असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक पर्व दशहरा मनाया जाएगा।
शुक्रवार को देवी मंडप में आदिशक्ति के महागौरी स्वरूप की उपासना की गई। इसके बाद नवमी पूजन भी किया गया। इस दौरान हवन के साथ ही कन्याओं को भोजन कराया गया। बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने महाष्टमी का व्रत रखा। नवमी तिथि में हवन करने का विधान है। हालांकि मंदिरों पर पूरे दिन हवन-पूजन के जरिए देवी का आह्वान किया गया। नौ दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन कर मंगल कामना की।
ज्ञानपुर के हरिहरनाथ धाम, घोपइला देवी के अलावा गोपगंज, सीतामढ़ी, भदोही आदि देवी मंदिरों पर नवरात्र की महाष्टमी और नवमी पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी। हरिहरनाथ धाम परिसर में सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान जयकारे और वैदिक मंत्रोच्चार गूंजते रहे।
Oct 14 2024, 18:01