बलिया में आज नहीं आएंगे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक कार्यक्रम हुआ रद्द
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संजीव सिंह बलिया। सुबे के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता बृजेश पाठक का 9 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार को बलिया में आगमन होना था। जिसके लिए सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई थी ।
बलिया पहुंचकर वह विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी हिस्सेदारी निभाना था ।
प्रोटोकॉल के अनुसार उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बृजेश पाठक लगभग 1:15 पर रसड़ा तहसील के ताड़ी बड़ागांव अंतर्गत श्री सुभाष इंटर कॉलेज के मैदान में पहुंचना था जहां पंचायत भवन पर स्वास्थ्य विभाग की जनपदीय समीक्षा बैठक में अपनी हिस्सेदारी निभाना था।
तत्पश्चात वह बलिया जनपद के विभिन्न गांवों का दौरा करने वाले थे। लगभग 2:20 पर बृजेश पाठक उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बलिया जनपद के शांभवी धाम शंकरपुर, कसेसर, बलिया में पहुंचना था जहां बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उनकी उपस्थिति थी ज्ञातव्य हो कि शांतनु जी महाराज के सानिध्य में आयोजित सात दिवसीय राम कथा 5अकटूबर से शुरु होकर 11अक्टूबर तक चलेगा।
09.10.2024 को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का प्रस्तावित बलिया भ्रमण कार्यक्रम अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गया है। इसकी पुष्टि अपर जिला सूचना अधिकारी रवि जायसवाल ने की है। पुनःसम्भवत:11अक्टूबर को बलिया आयेंगे। शांतनु जी महाराज की रामकथा शंकरपुर सरोवर कसेसर पर इसकी जानकारी शांभवी पीठ ट्रस्ट के पीठाधीश्वर व काली सेना के संस्थापक आनंद स्वरूप महाराज ने दिये।









बलिया।नगरा नगर पंचायत में नगरा सार्वजनीक रामलीला समिति के तत्वाधान में जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित ऐतिहासिक रामलीला के तीसरे दिन 5 तारिख- *नगरा रामलीला प्रसंग- पृथ्वी पुकार रामजन्म*का किया गया भारतीय सांस्कृत राम कृष्ण लीला संस्थान वृंदावन से आए कलाकारो ने पृथ्वी पुकार व श्रीराम जन्म लीला का मंचन कर उपस्थित दर्शको का मन मोह लिया। राम जन्म होते ही पूरा पांडाल जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा। कलाकारो द्वारा मंचित लीला के अनुसार रावण के अत्याचारों से पीडि़त पृथ्वी जब गो रूप धारण कर देवताओं की शरण में पहुंचती है तो उसकी पीड़ा सुनकर देवतागण व्यथित हो जाते हैं। इसके बाद सारे देवता एकत्रित होकर धरती को लेकर भगवान विष्णु के पास जाते है। देवता कहते हैं कि रावण का अत्याचार इतना बढ़ गया है कि चारों ओर त्राहि-त्राहि मची है। भगवान विष्णु उन्हें आश्वासन देते है कि रावण का अत्याचार खत्म करने के लिए वे स्वयं मानव रूप में धरती पर जन्म लेंगे। इसके बाद कोई संतान न होने से दुखित राजा दशरथ संतान प्राप्ति के लिए गुरु वशिष्ठ से सलाह मांगते है। गुरु वशिष्ठ दशरथ को श्रृंगी ऋषि के पास भेजते हैं। श्रृंगी ऋषि राजा दशरथ को पुत्रेष्टि यज्ञ कराने के लिए कहते है। दशरथ जी ऋषि की बात मानकर यज्ञ करते है, और यज्ञ में अग्निदेव प्रकट होते हैं यथा राजा को हवि देते हुए कहते है कि यह तीनों रानियों को खिला देना। आपको पुत्र प्राप्ति होगी। इसके बाद माता कौशल्या के कोख से बाल्य रूप में भगवान राम का जन्म होता है साथ ही माता कैकई के भरत एवं माता सुमित्रा के लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। जैसे ही राजा दशरथ को एक साथ चार पुत्रों के जन्म की सुचना मिलती है, वे प्रसन्न होकर हीरे जवाहरात आदि लुटाते है। रामजन्म होते ही पुरा पांडाल जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा। सखियां सोहर गाती है, जिससे दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए। लीला का शुभारम्भ पूर्व प्रधान मनोज कुमार पांडेय ने भगवान की झांकी की आरती पुजन कर किया। पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, राजेश गुप्ता, डा शशि प्रकाश कुशवाहा, रामायण ठाकुर, सुनील गुप्ता, राम प्रसाद गुप्ता,अनिल, बबलू कसेरा, राजू चौहान, रियांशू जायसवाल, राहुल ठाकुर, अमन कुमार आदि की भुमिका सराहनीय रही।

Oct 11 2024, 12:05
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