पलक झपकते ही धुंए में बदल जाएंगे दुश्मन के देश, सेना में हाइपरसोनिक मिसाइलों की होगी एंट्री

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भारतीय सुरक्षा बलों के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास में जुटा है। इस पहल के तहत भारतीय सेना लंबी दूरी की क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों को शामिल करने की योजना बना रही है, जिनमें 2000 किलोमीटर की रेंज वाली निर्भय और 400 किलोमीटर की रेंज वाली प्रलय मिसाइल शामिल हैं।

भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल ए कुमार, ने बताया कि सेना लंबी दूरी की रॉकेट प्रणाली पर भी काम कर रही है। इसके तहत स्वदेशी पिनाका रॉकेट की रेंज को 300 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना बनाई गई है। यह कदम सेना की रणनीतिक क्षमता को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे वह अपनी सीमाओं पर स्थित खतरों का सामना करने में सक्षम होगी। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने बताया कि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल और निर्भय मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद से मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हाइपरसोनिक मिसाइलों का विकास कार्य DRDO द्वारा तेजी से किया जा रहा है। इन मिसाइलों की रेंज, सटीकता, और मारक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए अनुसंधान जारी है।

गोला-बारूद की सटीकता और मारक क्षमता

सेना में गोला-बारूद की सटीकता और मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि सेना निरंतर निजी और सरकारी क्षेत्रों के साथ मिलकर सेंसर फ्यूज्ड म्यूनिशन (SFM), रामजेट का उपयोग करके विस्तारित रेंज गोला-बारूद और कोर्स करेक्टेबल फ्यूज (CCF) विकसित कर रही है। इसके अलावा, सटीकता को और बढ़ाने के लिए लोइटर म्यूनिशन, स्वार्म ड्रोन और रनवे इंडिपेंडेंट RPAS जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जा रही है।

वास्तविक ऑपरेशनल स्थितियों का प्रशिक्षण

उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा ऑपरेशनल स्थिति को देखते हुए, सेना ने अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में वास्तविक ऑपरेशनल परिस्थितियों को शामिल करने का निर्णय लिया है। विशेष तकनीकी उपकरणों जैसे स्वार्म ड्रोन और रनवे इंडिपेंडेंट RPAS के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि सेना के जवान इन अत्याधुनिक तकनीकों का बेहतर उपयोग कर सकें।

अब तक आर्टिलरी रेजिमेंट में 19 महिला अधिकारियों को कमीशन किया गया है। इन्हें विभिन्न उपकरणों और भौगोलिक परिस्थितियों वाले यूनिट्स में तैनात किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने विश्वास जताया कि ये महिला अधिकारी अपने करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगी, जो सेना के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

रूस-यूक्रेन युद्ध से मिले सबक

लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय सेना ने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं। इस संघर्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तकनीकी, रणनीतिक, और परिचालन नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है, ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सके।​ भारतीय सेना अपने तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हाइपरसोनिक और अन्य उन्नत मिसाइल प्रणालियों का विकास भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सेना की यह पहल न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की स्थिति को सुदृढ़ करेगी।

पीएम मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, बोले-हिंदुओं में जाति देखती है, मुसलमानों की नहीं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने हरियाणा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया। कांग्रेस पार्टी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। कांग्रेस और उनके साथियों का एक ही मिशन है, समाज को बांटो और सत्ता पर कब्जा करो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय कौशल संस्थान और विद्या समीक्षा केंद्र का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने नागपुर में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के उन्नयन और शिरडी हवाई अड्डे में नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर खूब हमले किए।

उन्होंने कहा कि अभी कल ही हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणाम आए हैं। हरियाणा ने बता दिया है कि देश का मिजाज क्या है। दो बार कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार तीसरी बार चुनकर आना ऐतिहासिक है। कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम, अर्बन नक्सल का पूरा गिरोह जनता को गुमराह करने में जुटा था, लेकिन कांग्रेस की सारी साज़िशें ध्वस्त हो गईं। इन्होंने दलितों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की, लेकिन दलित समाज ने इनके खतरनाक इरादों को भांप लिया। दलितों को एहसास हो गया कि कांग्रेस उनका आरक्षण छीनकर अपने वोटबैंक को बांटना चाहती है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस का असली रंग खुल कर सामने आ गया है। कांग्रेस को अब अर्बन नक्सल का गैंग चला रहा है। पूरी दुनिया में जो लोग भारत को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं, कांग्रेस अब खुलकर उनके साथ खड़ी है। इसलिए अपनी घोर असफलता के बावजूद कांग्रेस, सरकार बनाने का सपना देख रही है। पीएम ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। कांग्रेस और उनके साथियों का एक ही मिशन है, समाज को बांटो और सत्ता पर कब्जा करो। इसलिए हमारी एकता को ही देश की ढाल बनाना है, हमें याद रखना है कि अगर हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे। हमें कांग्रेस और अघाड़ी वालों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हरियाणा के ओबीसी विकास कार्यों को देखकर बीजेपी के साथ आए। कांग्रेस ने किसानों को भड़काया है। कांग्रेस ने युवाओं को टारगेट किया। उसने अलग-अलग तरीके से भड़काने की लगातार कोशिश की।पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुओं की बात आती है तो कांग्रेस उनकी चर्चा जातियों से करती है. कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा उतना फायदा होगा. कांग्रेस हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है. कांग्रेस ये फार्मूला ही लागू करती है. वो जहर घोलने के हर हथकंडे अपना रही है।

पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला यहीं नहीं रुका। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को तोड़कर, जीत का फॉर्मूला बनाना…यही कांग्रेस का आधार है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस सनातन परंपरा का दमन कर रही है। वो सत्ता में आने के लिए बेचैन है। वो नफरत फैलाने वाली फैक्ट्री हो गई है। कांग्रेस देश को खत्म करने के लिए तुली है।

क्या अब जम्मू-कश्मीर में बहाल होगा अनुच्छेद-370, जानें अपने सबसे बड़े मुद्दा क्या बोले उमर अब्दुल्ला?

#omar_abdullah_on_article_370_after_assembly_elections_result

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) को 42 सीटें मिली हैं। गठबंधन में उसकी सहयोगी कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर दस साल बाद फिर सरकार बनाने का जनादेश हासिल कर लिया।पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का दोबारा मुख्यमंत्री बनना तय है। सत्ता संभालने जा रही एनसी ने जनता से कुछ वादे किए हैं। एनसी सहित कश्मीर घाटी की ज्यादातर पार्टियों ने अनुच्छेद-370 बहाली के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। यहां के मतदाताओं ने एकजुट होकर वोट किया और एनसी को 35 व गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस को 6 सीटें देकर उनकी झोली भर दी। अब सवाल ये है कि क्या एनसी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 बहाल करेगी?

जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत के बाद अनुच्छेद 370 का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 बहाली के सवाल का जवाब खुद उमर अब्दुल्ला ने दिया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे राजनीतिक रुख में कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने वक्त की नजाकत की बात करते हुए कहा कि वो जनता को बेवकूफ नहीं बनाना चाहते। अभी इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता होगी।

श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने कहा कि हमारे राजनीतिक रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। हम कभी भी अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर चुप नहीं रहे हैं और न ही रहेंगे। हमने कभी नहीं कहा कि यह अब हमारे लिए मुद्दा नहीं रहा। लेकिन हम लोगों को बेवकूफ नहीं बनाना चाहते। मैंने हमेशा कहा है कि जिन लोगों ने (बीजेपी) अनुच्छेद 370 को खत्म किया है, उनसे इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता ही होगी।

अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 के मुद्दे को जिंदा रखेगी। अभी इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता होगी, लेकिन हमें उम्मीद है कि एक दिन सरकार बदलेगी, प्रधानमंत्री बदलेंगे और एक ऐसी सरकार आएगी जिससे हम इस मुद्दे पर बातचीत कर सकेंगे। तब हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और प्रयास करेंगे कि इसे वापस लागू कराया जा सके।

क्या अब जम्मू-कश्मीर में बहाल होगा अनुच्छेद-370, जानें अपने सबसे बड़े मुद्दा क्या बोले उमर अब्दुल्ला?*
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) को 42 सीटें मिली हैं। गठबंधन में उसकी सहयोगी कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर दस साल बाद फिर सरकार बनाने का जनादेश हासिल कर लिया।पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का दोबारा मुख्यमंत्री बनना तय है। सत्ता संभालने जा रही एनसी ने जनता से कुछ वादे किए हैं। एनसी सहित कश्मीर घाटी की ज्यादातर पार्टियों ने अनुच्छेद-370 बहाली के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। यहां के मतदाताओं ने एकजुट होकर वोट किया और एनसी को 35 व गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस को 6 सीटें देकर उनकी झोली भर दी। अब सवाल ये है कि क्या एनसी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 बहाल करेगी? जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत के बाद अनुच्छेद 370 का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 बहाली के सवाल का जवाब खुद उमर अब्दुल्ला ने दिया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे राजनीतिक रुख में कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने वक्त की नजाकत की बात करते हुए कहा कि वो जनता को बेवकूफ नहीं बनाना चाहते। अभी इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता होगी। श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने कहा कि हमारे राजनीतिक रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। हम कभी भी अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर चुप नहीं रहे हैं और न ही रहेंगे। हमने कभी नहीं कहा कि यह अब हमारे लिए मुद्दा नहीं रहा। लेकिन हम लोगों को बेवकूफ नहीं बनाना चाहते। मैंने हमेशा कहा है कि जिन लोगों ने (बीजेपी) अनुच्छेद 370 को खत्म किया है, उनसे इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता ही होगी। अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 के मुद्दे को जिंदा रखेगी। अभी इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता होगी, लेकिन हमें उम्मीद है कि एक दिन सरकार बदलेगी, प्रधानमंत्री बदलेंगे और एक ऐसी सरकार आएगी जिससे हम इस मुद्दे पर बातचीत कर सकेंगे। तब हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और प्रयास करेंगे कि इसे वापस लागू कराया जा सके।
भारत के पहले हृदय प्रत्यारोपण करने वाले पद्म भूषण से नवाजे गए डॉ. पी. वेणुगोपाल का हुआ निधन

भारत के पहले हृदय प्रत्यारोपण करने वाले प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पी. वेणुगोपाल का मंगलवार को निधन हो गया। डॉ. वेणुगोपाल एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रह चुके थे और उन्होंने अपने करियर में 50,000 से अधिक हृदय शल्य चिकित्सा कीं।

डॉ. वेणुगोपाल का जन्म 1942 में हुआ था, जब देश में भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था। उन्होंने मात्र 16 वर्ष की उम्र में 1958 में एम्स दिल्ली में छात्र के रूप में प्रवेश लिया। वर्ष 1964 में एम्स की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। 1967 में वह एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर बने और 1970 में उन्होंने देश का पहला पेसमेकर लगाया। डॉ. वेणुगोपाल का सबसे महत्वपूर्ण योगदान 1994 में आया, जब उन्होंने भारत में पहला हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया। उनके असाधारण कार्यों के लिए 1998 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके बाद 2014 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

2023 में उन्होंने अपने संस्मरण 'हार्टफेल्ट' को प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने अपनी जीवन यात्रा और विभिन्न उल्लेखनीय घटनाओं का वर्णन किया। इसमें उन्होंने 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सर्जरी का भी उल्लेख किया, जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पल था। यह सर्जरी गोली लगने के बाद करीब चार घंटे चली थी। डॉ. वेणुगोपाल का अंतिम संस्कार बुधवार को लोधी रोड श्मशान घाट पर दोपहर 3:00 बजे किया जाएगा।

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, कहा- शराब-मांसाहार का सेवन करने वाले पुलिसवालों की नहीं लगेगी महाकुंभ में ड्यूटी

प्रयागराज महाकुंभ के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। डीजीपी मुख्यालय ने कहा है कि शराब पीने वाले और मांसाहार का सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों की ड्यूटी महाकुंभ में नहीं लगाई जाएगी। इस संबंध में सभी कमिश्नरेट और रेंज से महाकुंभ में भेजे जाने वाले पुलिस बल के चयन में इस बात का खास ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी मुख्यालय की ओर से एडीजी स्थापना संजय सिंघल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि महाकुंभ में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों की सत्यनिष्ठा, छवि, आम शोहरत और चाल-चलन भी अच्छा होना चाहिए। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों की आयु सीमा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। आरक्षियों की आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि मुख्य आरक्षियों की आयु 50 वर्ष से कम और उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक की आयु 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। महाकुंभ में ड्यूटी के लिए ऐसे पुलिसकर्मियों को नहीं भेजा जाएगा, जो प्रयागराज के मूल निवासी हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि तैनात होने वाले पुलिसकर्मी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ, सतर्क और व्यवहार कुशल हों। पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए तीन चरणों में नाम भेजने के निर्देश दिए गए हैं। पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 10 नवंबर और तीसरे चरण के लिए 10 दिसंबर तक नाम भेजने को कहा गया है। महाकुंभ में प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए 15 पीपीएस अफसरों को एसपी कुंभमेला क्षेत्र के साथ संबद्ध किया गया है। इनमें तीन एएसपी और 12 डिप्टी एसपी शामिल हैं। इन अफसरों को 15 अक्टूबर तक प्रयागराज में अपनी सेवाएं देने के लिए निर्देशित किया गया है।
आरबीआई गवर्नर का बड़ा एलान, कहा- नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं..., मौद्रिक नीति के टूल्स रहेंगे न्यूट्रल


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 51वीं बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। यह निर्णय तीन दिनों की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया। समिति के सभी सदस्यों ने ब्याज दर को यथावत रखने पर सहमति जताई और मौद्रिक नीति के रुख को 'न्यूट्रल' रखा। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान 7.2% पर स्थिर रहेगा। उन्होंने लचीले मौद्रिक नीति ढांचे की सराहना करते हुए इसे 8 साल का प्रमुख संरचनात्मक सुधार बताया। यह लगातार 10वीं बार है जब रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा गया है। महंगाई के संबंध में शक्तिकांत दास ने कहा कि सामान्य मानसून के आधार पर वित्त वर्ष 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान है। उन्होंने यह भी बताया कि सितंबर में खाद्य कीमतों के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि की आशंका है, लेकिन साल के अंत तक मुद्रास्फीति में कमी आएगी। एमपीसी के फैसले में 5:1 का समर्थन ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में रहा। बैठक के समापन पर, आरबीआई गवर्नर ने महात्मा गांधी की उक्ति "अगर आपके काम करने का तरीका सही है, तो सफलता आनी ही है" का संदर्भ दिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि आरबीआई का यह निर्णय देश के आर्थिक विकास के लिए सही दिशा में है।
हरियाणा में कौन होगा मुख्यमंत्री, नायब सैनी ही रहेंगे या किसी और को मिलेगी कमान?*
#who_will_be_the_chief_minister_of_haryana हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की। उसने 48 सीटों पर जीत हासिल की है। हरियाणा में हैट्रिक लगाने के बाद सभी की निगाहें अगली सरकार के गठन पर टिकी हैं। सवाल है कि पार्टी की तरफ से राज्‍य में मुख्‍यमंत्री कौन होगा, क्‍या नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी जाएगी या किसी नए चेहरे को सीएम बनाया जाएगा? मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हरियाणा में अगली सरकार का नेतृत्व वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ एक या दो उपमुख्यमंत्री कर सकते हैं। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि सरकार का गठन अगले कुछ दिनों में हो जाएगा। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा में विधायकों के साथ बैठक करने के लिए पर्यवेक्षकों को भेजेगा, ताकि औपचारिक रूप से पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन किया जा सके। हालांकि, बीजेपी ने नायब सिंह सैनी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था और नतीजों के बाद सैनी का सीएम बनना तय माना जा रहा है।लेकिन नतीजों के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज और दो केंद्रीय मंत्रियों के बयान ट्विस्ट दे रहे हैं। दरअसल, अनिल विज भी सीएम पद चाह रहे हैं। चुनाव नतीजों के बाद उन्होंने कहा कि आलाकमान ने मुझे सीएम बनाया तो मैं उसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं। नायब सैनी का कोई विरोध नहीं, लेकिन मैं सीनियर मोस्ट हूं। ये आलाकमान तय करे कि मुझे सीएम बनाना है या नहीं। उधर, मोदी सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इशारों-इशारों में दक्षिण हरियाणा से मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। हरियाणा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, हमने दक्षिण हरियाणा में 13-14 सीटें जीती हैं। पार्टी ने फैसला कर रखा है कि नायब सिंह को मुख्यमंत्री बनाएंगे। लेकिन यहां से हमारे लोगों को महत्व देने के लिए पार्टी को कुछ न कुछ सोचना चाहिए। दस साल से दक्षिणी हरियाणा पार्टी की मदद कर रहा है तो पार्टी को भी दक्षिणी हरियाणा की मदद करनी चाहिए। वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला संसदीय बोर्ड तय करेगा। मनोहर लाल खट्टर ने सीएम के सवाल पर कहा कि ये पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी काम कर रहे हैं। नीतियां काम कर रही हैं। हरियाणा में बीजेपी की शानदार जीत के बाद नायब सिंह सैनी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
एमपी के उज्जैन में गरबा पंडाल में राहुल बन घुसा फ़िरोज़...जब धराया तो मिला कंडोम, लोगों ने की जमकर धुनाई

मध्य प्रदेश के उज्जैन में गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की अपील के बावजूद एक मुस्लिम युवक ने अपनी पहचान बदलकर पंडाल में प्रवेश किया। यह घटना मक्सी रोड स्थित पंड्याखेड़ी क्षेत्र की है, जहां हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने युवक पर शक होने पर उसे पकड़ लिया। पूछताछ करने पर युवक ने पहले अपना नाम राहुल बताया, लेकिन जब पुलिस के सामने लाया गया, तो उसने अपनी असली पहचान फिरोज बताई। मंगलवार रात को गरबा कार्यक्रम के दौरान हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता रितेश महेश्वरी को पंडाल में एक युवक की गतिविधियों पर शक हुआ। जब उन्होंने उससे नाम पूछा, तो उसने खुद को राहुल बताया और कहा कि वह मक्सी रोड का निवासी है और रोज़ गरबा देखने आता है। कार्यकर्ताओं ने उसे पुलिस के पास ले जाकर उसकी असल पहचान का खुलासा कराया। पुलिस द्वारा पूछताछ में जब युवक ने अपना असली नाम फिरोज बताया, तो कार्यकर्ताओं ने गुस्से में आकर उसे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। इसके बाद युवक किसी को फोन करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लोगों ने उसका फोन छीन लिया। जब उसकी जेब की तलाशी ली गई, तो उसमें से कंडोम मिले। कंडोम मिलने के बाद युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। हिंदू जागरण मंच की जिला संयोजिका नीलू रानी चौहान ने बताया कि युवक के पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है, और उसे पंवासा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और युवक से पूछताछ कर रही है।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी परिणाम के बाद राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा?*
#assembly_election_result_congress_lost_rahul_gandhi_reaction
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को हुए नुकसान पर हर तरफ से प्रतिक्रिया आ रही है। यहां तक इंडिया गठबंधन में सहयोगियों ने कांग्रेस की रणनीति और क्षमता पर सवाल उठा दिए हैं। इस बीच राहुल गांधी गायब का ना उनका कोई बयान सामने आया था और ना ही उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किया था। अब रिजल्ट के करीब 24 घंटे बाद राहुल गांधी ने का पहला रिएक्शन सामने आया है। एक तरफ उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को शुक्रिया कहा। तो दूसरी तरफ, हरियाणा में मिली करारी हार पर को अप्रत्याशित बयाता। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया- प्रदेश में INDIA की जीत संविधान की जीत है, लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है। हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे। सभी हरियाणा वासियों को उनके समर्थन और हमारे बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए दिल से धन्यवाद। हक़ का, सामाजिक और आर्थिक न्याय का, सच्चाई का यह संघर्ष जारी रखेंगे, आपकी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे।’ हरियाणा में वोटिंग के बाद नतीजों से पहले यह लग रहा था कि कांग्रेस चुनाव जीत रही है। लेकिन जब रिजल्ट आए तो एकदम उल्टा हुआ। कांग्रेस चुनाव हार गई। माना जा रहा है कि कांग्रेस की हार के पीछे प्रमुख वजह है पार्टी के अंदर गुटबाजी। वहीं सीट बंटवारे में गड़बड़ी भी एक वजह रही। कांग्रेस के कास्ट फैक्टर कैलकुलेशन में हुई गलती को भी हार की वजह माना जा रहा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतकर भाजपा ने न सिर्फ सारे एग्जिट पोल्स को झूठा साबित कर दिया, बल्कि अपने विरोधियों को भी चौंका दिया है। इसके बाद से ही कांग्रेस अपने साथियों के निशाने पर है। हालांकि, कांग्रेस इन नतीजों को मानने के लिए तैयार नहीं है। उसने नतीजों में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत भी की है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में 48 सीट जीतकर भाजपा सत्ता बरकरार रखने और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है। वहीं कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत मिली है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने दो सीटें जीतीं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीट मिलीं। जननायक जनता पार्टी (जजपा) और AAP दोनों को चुनावों में कोई सफलता नहीं मिली। बीजेपी और कांग्रेस का मत प्रतिशत लगभग बराबर रहा। बीजेपी को 39.94 प्रतिशत मत मिले, जबकि कांग्रेस को 39.09 प्रतिशत मत मिले।