आइए जानते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल में पेशाब में दिखने वाले लक्षण क्या हैं?
डेस्क:– कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में मौजूद चिपचिपा पदार्थ है, जो पीले रंग का पोता है। इसकी अधिकता कई तरह की परेशानियों को जन्म ले सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर छाती में दर्द, दबाव बढ़ना, चक्कर आना, पैरों में दर्द इत्यादि की परेशानी हो सकती हैं। वहीं, इसके कारण स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा रहता है। ऐसे में हाई कोलेस्ट्रॉल को घटाना बहुत ही जरूरी हो जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में पेशाब करने के दौरान भी कई तरह के लक्षण दिखते हैंं। इसपर ध्यान देकर आप स्थिति में सुधार कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पेशाब में दिखने वाले लक्षणों के बारे में बताएंगे।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पेशाब में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसपर ध्यान देकर आप स्थिति का इलाज समय पर शुरू करा सकते हैं।

*1. पेशाब में कोलेस्ट्रॉल के क्रिस्टल निकलना*

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में पेशाब में कोलेस्ट्रॉल के क्रिस्टल निकलने लगते हैं। यूरिन में कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल की थोड़ी मात्रा सामान्य है, लेकिन हाई स्तर में किडनी डैमेज होने का खतरा रहता है। यह नेफ्रोटिक सिंड्रोम का भी संकेत हो सकता है। अगर आपको इस तरह के संकेत दिख रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लें। ताकि स्थिति का समय पर इलाज हो सके।

2. पेशाब झागदार होना
कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में मरीजों का पेशाब झागदार आने लगता है। अगर आपके पेशाब का रंग काफी डार्क या फिर झागदार हो रहा है, तो इस स्थिति में एक बार डॉक्टर की सलाह लें। ताकि स्थिति का इलाज समय पर किया जा सके।

शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं।आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

डिहाइड्रेशन की परेशानी होना

काफी ज्यादा थकान महसूस होना

स्किन पर खुजली होना

स्किन ड्राई होना

हाई ब्लड प्रेशर होना, इत्यादि।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
भारतीय महिलाएँ केवल अपनी सुन्दरता के लिए ही नहीं जानी जाती है, बल्कि उन्होंने अपने कार्य क्षेत्र में भी अहम मुकाम हासिल किया है

डेस्क :–भारतीय महिलाएँ केवल अपनी सुन्दरता के लिए ही नहीं जानी जाती है, बल्कि उन्होंने अपने कार्य क्षेत्र में भी अहम मुकाम हासिल कर खुद को स्थापित किया है।

*1. ऐश्वर्या राय*

ऐश्वर्या राय बच्चन को अक्सर ‘दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला’ के रूप में जाना जाता है। वह एक भारतीय अभिनेत्री और मिस वर्ल्ड 1994 प्रतियोगिता की विजेता रही हैं। उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान दिए गए हैं जिसमें से प्रमुख हैं फिल्मफेयर अवॉर्ड, भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और फ्रांस सरकार द्वारा दिया गया अवॉर्ड ऑर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस।

वह भारतीय सुंदरता को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले गईं और सही मायने में सुन्दरता में भारत की राजदूत हैं। मैडम तुसाद संग्रहालय में उनकी मोम की प्रतिमा स्थापित की गई है।

*2. नीता अंबानी*

एक कॉलेज की छात्रा से लेकर भारत के सबसे अमीर व्यवसायी की पत्नी तक – नीता अंबानी की कहानी किसी परी कथा से कम नहीं है। नीता अंबानी एक उदार एवं परोपकारी महिला होने के साथ ही रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक भी हैं। उन्हें समृद्ध जीवन शैली जीना पसंद है। उन्हें महँगे कारों का शौक है। नीता अंबानी के गहने और कपड़े बेस्ट ब्रांड के द्वारा खास उनके लिए डिजाईन किए जाते हैं।

*3. नताशा पूनावाला*

नताशा पूनावाला ‘वैक्सीन प्रिंस’ के नाम से मशहूर अदार पूनावाला की पत्नी हैं।  37 वर्षीय नताशा एक फैशनिस्ट हैं और लक्ज़री लाइफ जीती हैं। वह विल्लू पूनावाला फाउंडेशन की अध्यक्ष, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक, एवं पूनावाला साइंस पार्क की निदेशक हैं। इसके अतिरिक्त वह नीदरलैंड में पूनावाला रेसिंग एंड ब्रीडिंग प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक भी हैं।

*4. बी. चन्द्रकला*

‘लेडी दबंग’ के नाम से मशहूर बी. चन्द्रकला एक बेहद ही खुबसूरत महिला होने के साथ ही 2008 बैच की IAS अधिकारी हैं। उनकी छवि एक ईमानदार अधिकारी की रही है। वह जनता और आम लोगों खासकर युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया पर इनके अनुयायियों की संख्या तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी अधिक है।

*5. सानिया मिर्ज़ा*

सानिया मिर्ज़ा एक भारतीय पेशेवर टेनिस खिलाड़ी रही हैं और उन्होंने 6 ग्रैंड स्लैम युगल ख़िताब जीता है। वह भारत में सर्वोच्च स्थान पाने वाली भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी रही है। पद्म भूषण से सम्मानित सानिया मिर्ज़ा को खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए अर्जुन अवॉर्ड और राजीव खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। बेहद खुबसूरत सानिया मिर्ज़ा अपने ड्रेस को लेकर भी चर्चा में रही हैं। उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी कर ली।

6. दिव्या खोसला कुमार

दिव्या ने एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया, और फिर एक अभिनेत्री बनी। उन्होंने टी-सीरीज़ कंपनी के मलिक भूषण कुमार से शादी की। दिव्या फिल्म निर्माण और संगीत निर्माण के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। इसके अलावा वह टी-सीरीज़ यूट्यूब चैनल की प्रमुख हैं। 37 वर्षीय दिव्या फैशन के क्षेत्र में भी हाथ आज़माती रहती है।
कई अभिनेत्रियां हैं, जिन्होंने छोटे पर्दे से खूब पहचान हासिल करने के बाद अभिनय को अलविदा कह दिया। तो चलिए जानते हैं इन अभिनेत्रियों के बारे में


डेस्क :–टीवी सितारों के भी बॉलीवुड की तरह खूब चाहने वाले होते हैं। छोटे पर्दे के ये सितारे लोगों की जिंदगी का खास हिस्सा बन जाते हैं। दर्शक हर रोज जब तक इनका शो नहीं देखते, तब तक मानो उनका दिन ही पूरा नहीं होता है। खासतौर पर महिलाओं का टीवी सीरीयल से खास जुड़ाव होता है। अपने पसंदीदा शो के सितारों के किरदार को दर्शक खूब पसंद करते हैं।

*दिशा वकानी*

कॉमेडी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ से घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री दिशा वकानी का नाम इस लिस्ट में पहले नंबर पर आता है। दिशा वकानी अका दया बेन कई वर्षों से टीवी से गायब हैं। शो में उनकी वापसी का दर्शकों लंबे वक्त से इंतजार कर रहे हैं। मगर उनकी वापसी को लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं है।

*दीपिका कक्कड़*

छोटे पर्दे की जानी-मानी अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ का नाम इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर आता है। दीपिका भी काफी समय से पर्दे से गायब हैं। दीपिका कक्कड़ को ससुराल सिमर का सीरीयल से घर-घर में पहचान मिली थी। टीवी की दुनिया में खूब नाम कमाने के बाद दीपिका ने अभिनय की दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है।

*सनाया ईरानी*

अभिनेत्री सनाया ईरानी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। सनाया भी लंबे वक्त से छोटे पर्दे से गायब है। अभिनेत्री को सीरीयल ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’ से घर-घर में पहचान मिली थी। सनाया ईरानी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह फैंस के साथ अक्सर अपनी तस्वीरें साझा करती हैं।

*कविता कौशिक*

अभिनेत्री कविता कौशिक ने हाल ही में टीवी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। अभिनेत्री अब अपने पति के साथ पहाड़ों में रहती हैं, जहां वे आयुर्वेदिक व्यवसाय चलाते हैं। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कविता ने कहा कि वह अब 30 दिन काम नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘टीवी तो मुझे करना ही नहीं है , मैं 30 दिन काम नहीं कर सकती। मैं वेब शो या फिल्में करने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं कोई आम दिखने वाली हीरोइन नहीं हूं, जिसे आसानी से हर तरह की शूटिंग में कास्ट किया जा सके।’
नवरात्रि में करें गुजरात के दिव्य दुर्गा माता मंदिर के दर्शन

डेस्क :– गुजरात सिर्फ व्यवसाय या पर्यटन स्थलों के लिए ही नहीं, तीर्थ स्थानों के लिए भी काफी मशहूर है। यहां द्वारकाधीश मंदिर से लेकर कालिका माता मंदिर जैसे शक्तिपीठ स्थित हैं, जहां हर साल हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सिर्फ देश ही नहीं विदेशों से भी हर साल हजारों सैलानी गुजरात पहुंचते हैं। गुजरात अपनी संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। खासतौर पर यहां नवरात्रि बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है।

इस बार 3 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होने जा रही है। इस दौरान पूरा देश ही रंग-बिरंगी सजावट में सराबोर और भक्ति के रंग में नजर आता है, लेकिन गुजरात की बात ही और है। अगर आप भी नवरात्रि में गुजरात जा रहे हैं तो हम आपको यहां स्थित कुछ ऐसे देवी मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।

*उनाई माता मंदिर*

गुजरात के नवसारी जिले में स्थित उनाई माता मंदिर गुजरात के प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। उनाई माता मंदिर के महत्व के बारे में बात करें तो यहां गर्म जल कुंड हैं, जिनका धार्मिक और औषधीय महत्व है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। खासतौर पर नवरात्रि के दौरान यहां की रौनक देखते ही बनती है।

*खोडियार माता मंदिर*

खोडियार माता मंदिर गुजरात के भावनगर के पास स्थित है, जो काफी चर्चित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां जाने से हर मनोकामना पूरी होती है। ये मंदिर 200 साल पुराना है और इसे पूरे गुजरात में शक्ति का केंद्र माना गया है। यहां का वातावरण बिलकुल अलग होता है और नवरात्रि के दौरान यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह गुजरात के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

*आशापुरा माता मंदिर*

यह मंदिर गुजरात के कच्छ में स्थित है और इस राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर में स्थित देवी मां को ‘आशा पूरी करने वाली’ माना गया है, इसलिए इसका नाम आशापुरा माता मंदिर है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए भी प्रख्यात है। अगर आप नवरात्रि के दौरान गुजरात जा रहे हैं तो इस मंदिर में जाना ना भूलें।

*गुजरात में तीन शक्तिपीठ हैं*

गुजरात में 1-2 नहीं बल्कि तीन शक्तिपीठ स्थित हैं। इनमें बहुचरा जी, आबू पर्वत के निकट स्तित अम्बा जी और पावागढ़ पर्वत के ऊपर विराजमान कालिका देवी हैं।

*बहुचरा माता मंदिर*

बहुचरा मां शक्तिपीठ गुजरात के मेहसाणा क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। हर साल अनेक भक्तगण अपनी मनोकामना लेकर बहुचरा माता मंदिर पहुंचते हैं। बहुचरा मां सिंध के हिंगलाज माता का स्वरूप भी मानी जाती हैं। मान्यता है कि बहुचरा देवी को धातु का चकोर पत्र चढ़ाया जाए, जिस पर शरीर का कोई अंग उत्क्रीर्णित हो तो शरीर के जिस अंग में कष्ट है या रोग है तो उससे मुक्ति मिलती है।

आपदाओं से निपटने के लिए अब दूसरे विभागों से भी मदद ले सकेंगे वन कर्मी

डेस्क:– केंद्र सरकार मंत्रालय की वन परामर्श समिति की 27 अगस्त को हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे खत में कहा कि वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 और संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार आपातकालीन स्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदाओं में उन वन क्षेत्रों में कुछ वानिकी गतिविधियां की जा सकती हैं, जहां वन्यजीवों, मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। है कि राज्य वन विभाग के पास जरूरी तकनीकी विशेषज्ञता के अभाव में आपात परिस्थितियों में अन्य सरकारी विभागों को प्राकृतिक आपदाओं को रोकने के लिए वन क्षेत्रों में वानिकी गतिविधियों की इजाजत दी जा सकती है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को जारी दिशानिर्देशों में विस्तार से उन उपायों का जिक्र किया है जिन्हें वन क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं को रोकने या उनके प्रबंधन के लिए किया जा सकता है।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पत्र लिखकर जंगल में बार-बार आग लगने की आशंका वाले क्षेत्रों के लिए प्रभावी उपाय तलाशने और विकसित करने को कहा था।

इसके बाद ये दिशानिर्देश जारी किए गए। इसमें आग लगने की आशंका वाले क्षेत्रों में समय से पहले वन कर्मचारियों को तैयार करने के लिए ‘मॉक ड्रिल’ करने को भी कहा गया है। साथ ही सरकारी विभागों को वन क्षेत्रों में मृदा एवं जल संरक्षण कार्य करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है।

मंत्रालय की वन परामर्श समिति की 27 अगस्त को हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे खत में कहा कि वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 और संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार आपातकालीन स्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदाओं में उन वन क्षेत्रों में कुछ वानिकी गतिविधियां की जा सकती हैं, जहां वन्यजीवों, मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

नारी शक्ति का प्रतीक है नवरात्रि का पर्व, महिलाओं के सम्मान के लिए अपनाएं ये आचरण
डेस्क :– शारदीय नवरात्रि का पर्व 3 अक्तूबर 2024 से 11 अक्तूबर 2024 तक मनाया जा रहा है। इस दौरान देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती नवरात्रि के समापन पर कन्या पूजन होता है, जिसमें छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। उन्हें भोजन कराया जाता है और फिर उपहार और दान दिए जाते हैं।

नवरात्रि का पर्व नारी के सम्मान का प्रतीक है। मान्यता है कि जिस घर में मां दुर्गा की पूजा होती है, वहां सुख और समृद्धि बनी रहती है। यह पर्व केवल देवी की मूर्ति की पूजा ही नहीं, बल्कि हर नारी मां, बहन, बेटी का सम्मान करने का संदेश देता है।

इसलिए सिर्फ कन्या पूजन ही नहीं, बल्कि हर महिला का सम्मान करें। अगर आप देवी की पूजा करते हैं, तो केवल नवरात्रि में ही नहीं, बल्कि हमेशा महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान का भाव बनाए रखें। इस नवरात्रि, महिलाओं के सम्मान का संकल्प लें और अपने व्यवहार में बदलाव लाएं, ताकि हर महिला चाहे वह मां हो, बेटी हो या कोई और सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सके।

*मां को समय दें*

महिलाओं का सम्मान करने के लिए आपको कुछ खास करने की जरूरत नहीं है। शुरुआत अपने घर से करें। जैसे मां दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं, वैसे ही आपकी मां भी आपका पालन-पोषण करती हैं और आपकी भलाई के लिए काम करती हैं। लेकिन हम अपने व्यस्त जीवन में अक्सर अपनी मां को नजरअंदाज कर देते हैं। इस नवरात्रि, संकल्प लें कि आप अपनी मां के साथ समय बिताएंगे। उनका स्वास्थ्य और जरूरतों का ख्याल रखें। रोज़ कुछ समय अपनी मां के साथ बैठकर बात करें।

*बहन को स्वतंत्रता दें*

बहनें और बेटियां घर की खुशी होती हैं। देवी की पूजा करने वाले हर भक्त को अपनी बहन-बेटी की मुस्कान का ध्यान रखना चाहिए। बहन-बेटियों की सुरक्षा जरूरी है, लेकिन उन्हें बंदिशों में न बांधें। अक्सर लड़कियां परिवार के पुरुष सदस्यों की इच्छाओं के मुताबिक जीवन जीती हैं। इस नवरात्रि, संकल्प लें कि आप अपनी बहन-बेटियों को आजादी देंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगे।

*पत्नी का सम्मान करें*

नवरात्रि केवल कन्या पूजन तक सीमित नहीं है। मां, बहन, और बेटी का सम्मान करने वाले कई लोग अपनी पत्नी को वह आदर नहीं देते। पत्नी को गृहलक्ष्मी और अन्नपूर्णा कहा जाता है, इसलिए पत्नी और बहू का भी सम्मान करें। उन्हें महसूस कराएं कि ससुराल उनका अपना घर है, जहां उनका पूरा अधिकार है।
रोजाना करें इन योगासनों का अभ्यास, उपवास के दौरान आप दिनभर रहेंगे ऊर्जावान

डेस्क :– नवरात्रि 3 अक्तूबर 2024 से मनाई जा रही है। देवी मां को समर्पित यह पर्व नौ दिन तक मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु उपवास करते हैं। उपवास में लोग नौ दिनों तक फलाहार करते हैं। बिना अनाज के नवरात्रि के उपवास में फलाहार करके दिनभर ऊर्जावान रहना मुश्किल हो सकता है। एनर्जी लो होने के साथ ही कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है। इसका असर आपके दैनिक कामकाज पर भी पड़ सकता है।

ऐसे में उपवास के दौरान खुद को ऊर्जावान रखने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। जैसे शरीर को हाइड्रेट रखें। पूरा दिन पर्याप्त पानी पीएं ताकि भोजन न करने पर शरीर में जो ऊर्जा कम हो रही है, उसकी पूर्ति हो सके। साथ ही फलाहार करके खुद को तरोताजा रखें। ऐसी चीजों का सेवन करें जो सेहत को स्वस्थ रखें।

वहीं दिनभर ऊर्जावान बने रहने के लिए योग का सहारा ले सकते हैं। योग केवल शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ ही नहीं रखता, बल्कि फिट और एक्टिव भी रखता है। योग के दीर्घकालिक लाभ हैं।

*उत्कटासन योग*
इस आसन को चेयर पोज भी कहते हैं, जो पैरों की मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में काफी सहायक माना जाता है। शरीर में रक्त को पंप करने में भी उत्कटासन योग  असरदार है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक, शरीर को पूरे दिन सक्रिय बनाए रखने के लिए इस योग का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है।

*शलभासन योग*
शरीर को स्फूर्तिदायक बनाने के लिए शलभासन योग को बेहतर माना गया है। इस योग के अभ्यास से पीठ, हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स मजबूत होता है। साथ ही रक्त के संचार को बढ़ावा मिलता है। रोजाना 5-10 मिनट शलभासन का अभ्यास करके शरीर को पूरे दिन एक्टिव बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

*प्राणायाम का अभ्यास*

ऊर्जा के संचार के लिए प्राणायाम का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है। दिनचर्या की शुरुआत कई प्रकार के प्राणायाम के अभ्यास से कर सकते हैं। जिससे आप खुद दिनभर ऊर्जावान बने रह सकते हैं। मस्तिष्क में ऑक्सीजन युक्त रक्त के संचार को बढ़ावा देने के लिए प्राणायाम करें, जो कई प्रकार  की गंभीर समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।

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रोजाना एक अनार खाने से मिलेंगे यह पांच स्वास्थ्य लाभ

डेस्क :–अनार को स्वर्ग का फल (Fruit Of Heaven) कहा जाता है, जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक कारण है। अनार को सभी का पसंदीदा माना जाता है। अगर अनार को छीलने की मेहनत को अलग कर दिया जाए तो अनार के प्रत्येक चमकीले मोती जैसे दाने स्वाद विशिष्ट और पोषण रहित होता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर फल, जिसे बेरी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, अपने मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है। इस फल में सैकड़ों खाद्य बीज होते हैं जिन्हें एरिल कहा जाता है और इसका उपयोग विभिन्न पाक अनुप्रयोगों में किया जाता है।

*अनार में पोषक तत्व*

पोषण विश्लेषण के मुताबिक, एक कटोरी (144 ग्राम) अनार में 93 कैलोरी, 2.30 ग्राम प्रोटीन, 20.88 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0.14 ग्राम वसा होती है। यहां रोजाना एक कटोरी अनार खाने के कुछ खास स्वास्थ्य लाभ होते हैं-

*ब्लड प्रेशर*

अगर आप हाइपरटेंशन या रक्तचाप में उतार-चढ़ाव से जूझ रहे हैं तो अनार सेहतमंद हो सकता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों पर किए गए शोध से पता चलता है कि अनार का जूस रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।

*संक्रमण से लड़ना*

आए दिन बीमार रहते हैं तो इसका कारण आपकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकता है। अनार के अर्क में मजबूत एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल के गुण पाए गए हैं। रोजाना एक कटोरी अनार खाने से शरीर की बीमारियों से बचाव की क्षमता बढ़ती है और आप स्वस्थ और मजबूत रहते हैं।

*याददाश्त में सुधार*

चार सप्ताह तक अनार के जूस का नियमित सेवन करने से याददाश्त में सुधार होता है। यह पोस्ट हार्ट सर्जरी और अल्जाइमर रोग जैसे याददाश्त संबंधी विकार के उपचार में भी मददगार साबित होता है।

*बेहतर कोलेस्ट्रॉल*

वर्कआउट से पहले एक कटोरी अनार खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स की वजह से, अनार का सेवन व्यायाम से 30 मिनट पहले करने पर मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार होता है। अनार का रस विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो खून में मौजूद लिपिड (वसा) को ऑक्सीडेशन से बचाता है और धमनियों में प्लाक बनने से रोक सकता है। अनार के बीज के तेल का सेवन उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्तियों को करना चाहिए, ये उनके कोलेस्ट्रॉल से स्तर में सुधार करता है।

*कैंसर की रोकथाम*

अनार में पॉलीफेनॉल जैसे तत्व होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और कैंसर रोधी गुण होते हैं। ये खासतौर पर प्रोस्टेट, फेफड़ों और स्तन कैंसर के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं। रोजाना एक कटोरी अनार खाने से शरीर को ऐसे कंपाउंड मिलते हैं जो सूजन को कम करते हैं और जोड़ों की समस्या या हड्डियों की मरम्मत में मदद करते हैं।


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अब अलग-अलग चार्जर रखने का झंझट खत्म,ये एडेप्टर iOS और Android दोनों डिवाइस को करता है सोपर्ट

डेस्क :– ये एडेप्टर iOS और Android दोनों डिवाइस को सोपर्ट करता है। इसके अलावा एक साथ मल्टीपल डिवाइस को चार्ज कर सकता है। आपको स्मार्टफोन और ईयरबड्स आदि के लिए अलग-अलग चार्जर लेकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसमें आपको UFCS फ्यूजन फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट मिलता है।

अगर आप अपने लिए मल्टीपल डिवाइस को चार्ज करने के लिए कोई अच्छा ऑप्शन तलाश रहे हैं तो ये ऑप्शन आपके लिए है। यहां हम आपको बताएंगे कि हाल में मार्केट में आए DeperAI मल्टीपल डिवाइस चार्जर के अलावा और कौन-कौन से ऑप्शन मिल रहे हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन-फ्लिपकार्ट पर आपको ये सस्ते दाम में मिल रहे हैं।

*Portronics POR 343*

ये मल्टीपल पोर्ट्स के साथ आने वाला एडेप्टर आपके बहुत काम आस सकता है, इसमें आपको 8 स्मार्टफोन चार्ज करने का ऑप्शन मिलता है। ये राउंड शेप में आता है, फोन के साथ ये टैबलेट्स को भी चार्ज कर सकता है।इसे आप अमेजन से 62 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ केवल 499 रुपये में मिल रहा है।

*DeperAI एडेप्टर*

ये एडेप्टर आपको 500 रुपये से कम में मिल रहा है। इसकी ऑफिशियली शुरू भी हो चुकी है। अमेजन पर ये आपको केवल 499 रुपये में मिल रहा है। इसमें 50/60Hz पर 100-240V का सपोर्ट मिलता है। UFCS फ्यूजन फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आने वाला एडेप्टर आईओएस और एंड्रॉयड दोनों डिवाइस को चार्ज कर सकता है।

*MX Universal Socket ट्रैवल एडेप्टर*

इसमें आपको 3 यूएसबी पोर्ट्स 5 इन वन, 100V-250V एसी प्लग भी मिलता है। इस एडेप्टर को लेने के बाद आपका काफी आसान हो सकता है। इसमें आपको केवल एक ही कलर ऑप्शन व्हाइट मिलता है। 40 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ आपको ये 799 रुपये में मिल रहा है।

*Amazon Basics*

ये एडेप्टर आपको दो कलर ऑप्शन में मिलता है, इसमें ब्लैक और व्हाइट दो कलर शामिल हैं। ये एडेप्टर फोल्डेबल पिन सुविधा देता है, इसका मतलब बिना जरूरत के पिन अडेप्टर से बाहर नहीं रहेगी. ये भी बाकी एडेप्टर की तरह मल्टीपल डिवाइस को चार्ज कर सकता है, एंड्रॉयड और आईओएस दोनों डिवाइस को चार्ज कर सकता है। इसे आप अमेजन से 50 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ केवल 3,999 रुपये में खरीद सकते हैं./।

*Destinio Multi USB Charger*

मल्टीपल डिवाइस चार्जर ऊपर वाले सभी डिवाइस की तरह अलग फोन को एक बार में फुल चार्ज कर सकते हैं। इसमें आपको स्मार्टफोन-टैबलेट आदि चार्ज करने का ऑप्शन मिलता है। इसे आप डिस्काउंट के साथ केवल 1,089 रुपये में खरीद सकते हैं।

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नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को लगाएं झंगोरे की खीर का भोग

डेस्क :– झंगोरे को आम बोलचाल की भाषा में सामा के चावल और अंग्रेजी में बार्नयार्ड मिलेट के नाम से भी जाना जाता है। झंगोरे की खीर ना सिर्फ खाने में बेहद टेस्टी बल्कि सेहत के लिए बहुत पौष्टिक भी होती है।

हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व माना गया है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के भक्त मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की उपासना और व्रत करते हैं। इस दौरान मां के हर स्वरूप को उनका पसंदीदा भोग प्रसाद में बनाकर चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि सच्चे मन से मां की आराधना करने वाले भक्त की मां सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। बता दें, नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। देवी को सफेद रंग अत्यंत प्रिय माना जाता है, इसलिए उन्हें सफेद रंग की चीजें जैसे बर्फी, खीर और रबड़ी का भोग लगाना चाहिए। अगर आप नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को खीर का प्रसाद बनाकर भोग में चढ़ाना चाहती हैं तो ट्राई करें उत्तराखंड स्पेशल झंगोरे की खीर। झंगोरे को आम बोलचाल की भाषा में सामा के चावल और अंग्रेजी में बार्नयार्ड मिलेट के नाम से भी जाना जाता है। झंगोरे की खीर ना सिर्फ खाने में बेहद टेस्टी बल्कि सेहत के लिए बहुत पौष्टिक भी होती है। तो आइए जान लेते हैं कैसे बनाई जाती है ये पहाड़ी झंगोरे की खीर।

*झंगोरे की खीर बनाने के लिए सामग्री*

झंगोरा-300 ग्राम

चीनी-150 ग्राम

दूध-5 कप

कटे बादाम-30 ग्राम

किशमिश-30 ग्राम

इलायची पाउडर-आधा चम्मच

*झंगोरे की खीर बनाने का तरीका*

झंगोरे की खीर को बनाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसे हमेशा खुली मोटे तले वाली पतीली में पकाया जाता है और बनाने से पहले उसे पानी में करीब दो घंटे के लिए भिगोकर रख देना चाहिए। इस खीर को बनाने के लिए सबसे पहले दूध उबालकर अलग रख लें। अब गहरे मोटे पतीले में घी गर्म करके कद्दूकस किया गया सूखा नारियल और झंगोरा डालकर धीमी आंच पर भूनें। झंगोरा भूनते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि झंगोरा का हर दाना भूनकर अलग-अलग हो जाना चाहिए। इसके बाद झंगोरे में गर्म किया हुआ दूध डालकर अच्छी तरह चलाते हुए मिलाएं। आप इस खीर को गाढ़ा या पतला अपनी इच्छा अनुसार बना सकते हैं। खीर को करछी से बराबर चलाते रहें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि खीर में गुठलियां नहीं बननी चहिए। करीब 15 मिनट तक खीर को लो फ्लेम पर पकाने के बाद आप इस खीर में इलायची पाउडर, कटे हुए किशमिश, काजू, बादाम डाल दें। आपकी टेस्टी झंगोरे की खीर बनकर तैयार है। आप गैस बंद कर दें। आप इसे गर्म और ठंडा करके, दोनों तरह से सर्व कर सकते हैं।