अवैध है जामा मस्जिद, इसे गिराओ', हिमाचल की राजधानी शिमला के बाद अब कुल्लू में हिन्दुओं ने किया प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पश्चात् अब हिन्दू संगठनों ने कुल्लू में स्थित एक अन्य मस्जिद को अवैध बताते हुए विरोध शुरू कर दिया है। इस बार कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित जामा मस्जिद को गिराने की माँग की जा रही है। सोमवार (30 सितंबर 2024) को हिन्दू संगठनों ने एक बड़े जुलूस के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। वर्तमान में मस्जिद के आसपास सुरक्षा के मद्देनज़र भारी आंकड़े में पुलिस बल तैनात किया गया है। यह मांग अब तक जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विवादित मस्जिद कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित है तथा इसे मुस्लिम समुदाय जामा मस्जिद के नाम से जानता है। प्रशासन ने इस मस्जिद को वैध ठहराया है, किन्तु हिन्दू संगठनों का दावा है कि इसका निर्माण अवैध है। सोमवार को इन संगठनों ने लगभग 3 किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला, जिसे ‘धर्म जागरण यात्रा’ का नाम दिया गया। इस यात्रा के चलते ढोल-नगाड़े बजते रहे तथा लोगों ने पारंपरिक परिधान पहनकर भगवा ध्वज लहराया। जुलूस का आरम्भ रामशिला से हुआ, जिसमें बड़े आंकड़े में लोग सम्मिलित थे। जब यह जुलूस जामा मस्जिद के पास पहुँचा, तो कुछ प्रदर्शनकारी उत्तेजित हो गए और मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन्हें रोकने का प्रयास किया, जिसके चलते हल्की धक्का-मुक्की हुई।
हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ने दिया तथा मस्जिद के पास कोई प्रदर्शन नहीं होने दिया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 163 लागू कर दी थी।प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ करने के पश्चात् सनातन धर्म की रक्षा की शपथ ली और मस्जिद को गिराने की माँग को लेकर प्रशासन से वार्ता की। उपायुक्त तोरुल एस रवीश एवं SDM विकास शुक्ला ने मस्जिद के वैध दस्तावेज़ दिखाए, मगर प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं हुए। SDM विकास शुक्ला ने बताया कि अखाड़ा बाजार की जामा मस्जिद वक्फ बोर्ड के अधीन है, इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने अधिक उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
गौरतलब है कि 21 जून 2017 को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस मस्जिद को अवैध बताते हुए नगर परिषद कुल्लू से शिकायत की थी। 28 जून को नगर परिषद ने एक नोटिस जारी किया, तत्पश्चात, मस्जिद का निर्माण कार्य रोक दिया गया था। यह मस्जिद 14 जुलाई 2000 से अस्तित्व में है, जहाँ पहले एक मंजिल थी तथा बाद में तीन मंजिलें बनाई गईं। हालांकि, आरोप है कि मस्जिद का निर्माण स्वीकृत नक्शे के अनुरूप नहीं हुआ, जिसकी तहकीकात शहरी विकास विभाग द्वारा की जा रही है। हिन्दू संगठनों ने अब प्रशासन पर सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए इस मामले को अदालत में ले जाने की घोषणा की है।






भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल फ्रांस के यात्रा पर गए हुए हैं। इसी कड़ी में अजीत डोभाल की मुलाकात आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से हुई। इससे पूर्व अपनी यात्रा पर अजित डोभाल ने फ्रांस के सशस्त्र मंत्री सेबस्टियन लेकॉर्नू संग व्यापक चर्चा की थी। उनकी बातचीत का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करना और अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाना था। साथ ही उभरते हुए अंतरराष्ट्रीय भू-रातनीतिक परिदृश्य पर अंतर्दृष्टि साझा भी करना था। इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पश्चिम एशिया में छिड़ी जंग के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल फ्रांस पहुंचे। एनएसए डोभाल ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान फ्रांस के साथ रक्षा सौदों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई। अजीत डोभाल ने फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु से मुलाकात की और रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों देश मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उद्योग साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। इसके अलावा, उन्होंने असैन्य परमाणु संबंधों पर भी चर्चा की। लेकोर्नु ने एक्स पर लिखा कि हमने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान राफेल मरीन, स्कॉर्पीन पनडुब्बी और स्पेस क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर बात की। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्थिति, खासकर यूक्रेन पर भी बातचीत हुई। सवाल उठ रहा है डोभाल का फ्रांस जाना क्यों अहम है। इसकी वजह है भारत और फ्रांस के बीच होने वाली राफेल मरीन जेट डील। मौजूदा वक्त में भारत इंडियन नेवी के लिए 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए फ्रांस सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। अगल डील पक्की हो जाती है तो बहुत जल्द भारत को राफेल एम फाइटर जेट मिल जाएगा। राफेल जहां भारतीय वायुसेना की ताकत में चार चांद लगा रहा है। वहीं, राफेल एम जेट इंडियन नेवी की ताकत को और बूस्ट करेगा। भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन जेट यानी समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए डील हो रही है। यह डील करीब 50 हजार करोड़ रुपए की होगी। मैक्रों के साथ बातचीत में राफेल एम फाइटर जेट को लेकर भी डोभाल ने मुद्दा उठाया है। बता दें कि इससे पहले अजित डोभाल रूस की यात्रा पर थे, जहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन से मुलाकात की थी। रूस जाकर पुतिन से मुलाकात करने वाले अजीत डोभाल अब फ्रांस गए। उन्होंने फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और कई अहम डील पर चर्चा की। अजीत डोभाल ने रूस-यूक्रेन जंग पर फ्रांस को पीएम मोदी का संदेश भी सुनाया है। साथ ही भारत कैसे रूस-यूक्रेन जंग खत्म कर सकता है, अजीत डोभाल ने मैक्रों को पूरा प्लान बताया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पीएम मोदी की क्या-क्या बातचीत हुई, इससे एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अवगत कराया।
Oct 02 2024, 18:24
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