शराब खरीदने के पैसे नहीं दिए तो मां को मारकर सारे अंग खा गया बेटा, कोर्ट ने कहा, ऐसे नरभक्षी को मौत की सजा भी कम
महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ आज से 7 वर्ष पहले, यानी 2017 में, एक कलयुगी बेटे ने अपनी ही मां का क़त्ल कर दिया था। उसने शव के टुकड़े किए और एक-एक अंग को पकाकर खा गया। कोल्हापुर की जिला न्यायालय ने तब बेटे को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। मामला बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा, जहां अदालत ने मंगलवार को इस केस में अपना फैसला सुनाया। जज ने कहा कि ऐसा बेटा नरभक्षी से कम नहीं है तथा उसकी मौत की सजा बरकरार रखी जाए।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि यह मामला ‘दुर्लभतम में से दुर्लभतम’ है, जिसमें दोषी के सुधार की कोई संभावना नहीं है। इसलिए उसकी मौत की सजा कम नहीं की जा सकती है। अदालती कार्यवाही के चलते, 7 वर्ष पहले हुए इस खौफनाक अपराध की कहानी कोर्टरूम में सुनाई गई। बताया गया कि दोषी कुचकोरवी ने न सिर्फ अपनी 63 वर्षीय मां यल्लामा रामा कुचकोरवी की हत्या की, बल्कि उसने मां की लाश को टुकड़े-टुकड़े कर उसके मस्तिष्क, हृदय, यकृत, गुर्दे एवं आंतों समेत कई अंगों को पकाकर खाया।
अदालत में बताया गया कि नरभक्षी बेटे कुचकोरवी को तब पकड़ा गया जब वह मां की लाश से दिल निकालकर उसे पकाने की तैयारी कर रहा था। अभियोजन पक्ष ने बताया कि जब सुनील कुचकोरवी की मां ने शराब खरीदने के लिए उसे पैसे देने से इनकार किया, तब उसने मां की खौफनाक तरीके से क़त्ल कर दिया। मां की नृशंस हत्या एवं खौफनाक तरीके से लाश को टुकड़े-टुकड़े कर अंग खाने की कहानी जानकर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दुर्लभतम श्रेणी में आता है। पीठ ने कहा कि दोषी ने न सिर्फ अपनी मां की हत्या की है, बल्कि उसके अंगों को पकाकर खाया भी है, जो जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अपराधी की प्रवृत्तियों को देखते हुए उसमें सुधार के कोई लक्षण नहीं हैं।
न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि इसकी मौत की सजा कम कर आजीवन कारावास में तब्दील की जाती है, तो वह इसी प्रकार के अपराध कर सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि इस अपराधी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो वह जेल के अंदर भी इसी प्रकार का अपराध कर सकता है। फिलहाल कुचकोरवी पुणे की यरवदा जेल में बंद है तथा उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया था।






भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल फ्रांस के यात्रा पर गए हुए हैं। इसी कड़ी में अजीत डोभाल की मुलाकात आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से हुई। इससे पूर्व अपनी यात्रा पर अजित डोभाल ने फ्रांस के सशस्त्र मंत्री सेबस्टियन लेकॉर्नू संग व्यापक चर्चा की थी। उनकी बातचीत का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करना और अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाना था। साथ ही उभरते हुए अंतरराष्ट्रीय भू-रातनीतिक परिदृश्य पर अंतर्दृष्टि साझा भी करना था। इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पश्चिम एशिया में छिड़ी जंग के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल फ्रांस पहुंचे। एनएसए डोभाल ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान फ्रांस के साथ रक्षा सौदों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई। अजीत डोभाल ने फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु से मुलाकात की और रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों देश मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उद्योग साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। इसके अलावा, उन्होंने असैन्य परमाणु संबंधों पर भी चर्चा की। लेकोर्नु ने एक्स पर लिखा कि हमने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान राफेल मरीन, स्कॉर्पीन पनडुब्बी और स्पेस क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर बात की। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्थिति, खासकर यूक्रेन पर भी बातचीत हुई। सवाल उठ रहा है डोभाल का फ्रांस जाना क्यों अहम है। इसकी वजह है भारत और फ्रांस के बीच होने वाली राफेल मरीन जेट डील। मौजूदा वक्त में भारत इंडियन नेवी के लिए 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए फ्रांस सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। अगल डील पक्की हो जाती है तो बहुत जल्द भारत को राफेल एम फाइटर जेट मिल जाएगा। राफेल जहां भारतीय वायुसेना की ताकत में चार चांद लगा रहा है। वहीं, राफेल एम जेट इंडियन नेवी की ताकत को और बूस्ट करेगा। भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन जेट यानी समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए डील हो रही है। यह डील करीब 50 हजार करोड़ रुपए की होगी। मैक्रों के साथ बातचीत में राफेल एम फाइटर जेट को लेकर भी डोभाल ने मुद्दा उठाया है। बता दें कि इससे पहले अजित डोभाल रूस की यात्रा पर थे, जहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन से मुलाकात की थी। रूस जाकर पुतिन से मुलाकात करने वाले अजीत डोभाल अब फ्रांस गए। उन्होंने फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और कई अहम डील पर चर्चा की। अजीत डोभाल ने रूस-यूक्रेन जंग पर फ्रांस को पीएम मोदी का संदेश भी सुनाया है। साथ ही भारत कैसे रूस-यूक्रेन जंग खत्म कर सकता है, अजीत डोभाल ने मैक्रों को पूरा प्लान बताया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पीएम मोदी की क्या-क्या बातचीत हुई, इससे एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अवगत कराया।
Oct 02 2024, 17:39
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