*झारखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शाम पांच बजे की बजाय चार बजे तक ही मतदान हो सकते हैं

झारखंड डेस्क 

झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान अति नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम पांच बजे की बजाय चार बजे तक ही मतदान हो सकते हैं. सुरक्षा की दृष्टि से इस दिशा में पुलिस मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए आइजी अभियान सह स्टेट पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होमकर ने रांची, जमशेदपुर और धनबाद जिले के एसएसपी के अलावा सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है. उन्हें इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है.

प्रभावित मतदान केंद्रों की सूची बनाने का निर्देश

इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वह अपने-अपने जिले के डीसी से समन्वय बनाकर अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों के बारे में सूची बनायेंगे. इसके अलावा वैसे मतदान केंद्रों की भी सूची तैयार करेंगे, जहां किसी अन्य कारण से पांच बजे के स्थान पर शाम के चार बजे तक मतदान कराना उचित प्रतीत होता है. 

संबंधित जिले के एसपी को सूची तैयार करने के लिए एक फॉरमेट भी दिया गया है. जिसमें जिला का नाम, विधानसभा क्षेत्र, प्रखंड व थाना का नाम, मतदान केंद्र की संख्या और नाम, मतदान भवन का नाम और किस वजह से शाम के चार बजे मतदान कराना आवश्यक है, इसके बारे पूरा ब्योरा देने को कहा गया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से मामले की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अलावा एडीजी अभियान और सभी रेंज डीआइजी और जोनल आइजी को दी गयी है.

जनजाति सुरक्षा मंच ने आदिवासी से ईसाई बने लोगों को आरक्षण सूची से हटाने का किया मांग, इस मसले को लेकर कर रहा आंदोलन की तैयारी

झारखंड डेस्क 

 जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांतीय कार्यालय में प्रदेश व जिला टोली की बैठक में संगठन के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि झारखंड में जो आदिवासी धर्मांतरण कर लिया है उसे एसटी आरक्षण की सूची से हटाना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा इस मसले को लेकर राज्य में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जायेगा। जिसमे मांग किया जायेगा कि आदिवासी से ईसाई लोगों को आरक्षण सूची से हटाया जाए.

उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र के कारण झारखंड में गोत्र का प्रचलन है और धर्मांतरित भी उरांव, मांगा, कड़िया लिख रहे हैं, जबकि गोत्र एवं टाइटल का प्रयोग केवल शादी -विवाह में किया जाता है। 

उन्होंने कहा कि गोत्र का प्रयोग होने से यह पता नहीं चल रहा है कि कौन ईसाई है या अपनी मूल जनजाति का सरना है। इसलिए गोत्र का प्रयोग नहीं होना चाहिए। जनजातीय समाज की महिलाएं अन्य धर्म के पुरुषों से शादी कर लेती हैं और उस महिला के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर जमीन, जगह, नौकरी, पेशा, संवैधानिक अधिकार एकल पद वार्ड पार्षद, मुखिया, पंचायत समिति, सदस्य, जिला परिषद प्रमुख के पद एवं अन्य व्यवस्था छिना जा रहा है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दर्ज होगा।

जनजाति सुरक्षा मंच के प्रवक्ता मेघा उरांव, मीडिया प्रभारी सोमा उरांव, राजू उरांव, रवि प्रकाश उरांव, लक्ष्मी बारला, छत्रपति बड़ाईक, हिंदुवा उरांव ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में निशा उरांव, जय मंत्री उरांव, विश्वकर्मा पाहन, डॉ बुटन महली, मनोज भगत, जगन्नाथ भगत, विशु उरांव, दुर्गा उरांव, छोटे राय मुंडा, परांगना मरांडी, देवनंदन सिंह, तुलसी प्रसाद गुप्ता, अर्जुन राम, प्रदीप टोप्पो समेत राज्यभर से आये प्रतिनिधि शामिल हुए।

ब्रेकिंग गुड न्यूज़ : कोयला कामगारों को मिलेगा 93,750 रुपए बोनस, 2023 में हुआ था 85,500 रुपए का भुगतान

धनबाद : कोयला कामगारों के बोनस तय करने हेतू मानकीकरण कमेटी की बैठक में प्रबंधन और यूनियनों में चली रस्सा-कस्सी‌ । कोयला कामगारों को दुर्गा पूजा में बोनस भुगतान को लेकर नई दिल्ली में मानकीकरण कमेटी की बैठक हुई। आयोजित बैठक में यूनियन की ओर से डेढ़ लाख रुपए का प्रस्ताव रखा था, जिसपर कोल इंडिया प्रबंधन ने 85 हजार रुपए देने की बात कही। 

इस पर लंबी चर्चा और बहस हुई। बाद में यूनियन ने एक लाख पच्चीस हजार रुपए देने कहा। प्रबंधन इस पर राजी नहीं हुआ। यूनियन लीडर्स मीटिंग से बाहर निकल गए और आगे की बातचीत के लिए रणनीति बनाई। बैठक दोबारा प्रारंभ हुई।

 अंततः 93,750 रुपए पर सहमति बनाते हुए मुहर लगाई गई। यह जानकारी एचएमएस शिव कुमार यादव ने दी।

 मानकीकरण समिति की बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन पीएम प्रसाद ने की। करीब छह घण्टे तक चली बैठक में प्रबंधन की ओर से डीपी सीआईएल विनय रंजन, डीपी एमसीएल केशव राव, डीपी सीसीएल एचएन मिश्रा, डीपी एनसीएल मनीष कुमार, डीपी बीसीसीएल एमके रमैय्या, डीपी ईसीएल डीपी मंजर आलम, एसईसीएल बिरंची दास, डीपी डब्ल्यूसीएल बिक्रम घोष, डीपी सिंगरेनी जीवी रेड्डी, डीटी सीएमपीडीआई शंकर नागचारी की मौजूदगी रही जबकि यूनियन नेताओं में बीएमएस से सुधीर घुरडे, मजरूल हक अंसारी, एचएमएस से नाथूलाल पाण्डेय, शिव कुमार यादव, एटक से रामेन्द्र सिंह, सीटू से डीडी रामनंदन शमिल हुए। इसी तरह अल्टरनेटिव मेंबर के तौर पर बीएमएस से यदगिरी सथाइहा, एचएमस से रियाज अहमद, एटक से हरिद्वार सिंह, सीटू से आरपी सिंह भी सम्मिलित हुए।

झारखंड स्किल कांक्लेव 2024: उपायुक्त व एसएसपी ने किया अंतिम चरण की तैयारियों का निरीक्षण

धनबाद : झारखंड स्किल कांक्लेव 2024 का आयोजन सोमवार, 30 सितंबर 2024, को बलियापुर स्थित हवाई पट्टी में किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री हृदीप पी जनार्दन सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों ने रविवार की देर शाम कार्यक्रम स्थल का भ्रमण कर अंतिम चरण की तैयारियों का निरीक्षण किया। 

इस दौरान हेलीपैड, माननीय मुख्यमंत्री का स्वागत, स्टेज, वॉर रूम, लंच स्पेस, माननीय मुख्यमंत्री के लिए रेस्ट रूम, रैंप, पेवेलियन, पगोड़ा, स्टॉल, बंटिंग व ब्रैंडिंग, कार्यक्रम स्थल की साफ सफाई, सुरक्षा, पेयजल, मोबाइल टोइलेट सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

 निरीक्षण के दौरान उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा व एसएसपी श्री हृदीप पी जनार्दनन के साथ नगर आयुक्त श्री रविराज शर्मा, सिटी एसपी श्री अजीत कुमार, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री पीयूष कुमार, एसडीओ श्री राजेश कुमार, श्रम अधिक्षक श्री प्रवीण कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी श्री आनंद कुमार, डीटीओ श्री दिवाकर सी द्विवेदी, बीडीओ बलियापुर श्री राजेश सिन्हा, सीओ श्री सुदीप एक्का, थाना प्रभारी बलियापुर श्री आशिष भारती, डीएसपी ट्रैफिक श्री अरविंद सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, जेएसएलपीएस के डीपीएम श्री शैलेश रंजन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

झारखंड में चुनावी घमासान में हेमंत सोरेन के रडार पर बाबूलाल, चम्पाई और अर्जुन मुंडा के बजाय हिमंत विश्व सरमा क्यों...?

झारखंड डेस्क 

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो गयी है। कभी भी चुनाव की तिथि घोषित हो सकती है। इस चुनावी सुगबुगाहट के बीच नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और पूर्व सीएम चंपई सोरेन,लोबिन हेम्ब्रम,सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार पर हमलावर हैं. 

वहीं, दूसरी तरफ झामुमो के हेमंत सोरेन अलग रणनीति अपनाते हुए मरांडी, मुंडा और चंपई को छोड़कर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को निशाने पर ले रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा को भाजपा ने झारखंड में बीजेपी की तरफ से चुनाव के सह प्रभारी बनाया हैं। प्रभारी मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं।और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजनीति को काट करने के लिए इन दोनों नेताओं को यहां का रणनीतिकार बनाया गया है।

अब इस घड़ी दोनों पक्ष के लिए चुनौती की घड़ी है।अगर झारखंड को फतह करने में शिवराज सिंह चौहान और हिमंत चूकते हैं तो उनके लिए भी आगे आने वाले दिनों में भाजपा के आलाकमान के सामने स्थिति कमजोर होगी ।

वहीं झामुमो को सत्ता में बरकरार रहना और इतने महारथियों को एक साथ पराजय का मुह दिखाना उनके लिए भी कड़ी चुनौती है।

झारखंड में हेमन्त सोरेन के प्रभाव को डगमगाने के लिए कई बड़े आदिवासी चेहरा हैं। बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपई सोरेन बीजेपी के बड़े नेता हैं। अमर कुमार बाउरी भी नेता प्रतिपक्ष हैं, लेकिन हेमंत सोरेन को लगता है कि जनता स्थानीय नेताओं की तुलना में उनके साथ ज्यादा मजबूती से हैं।इस लिए इन नेताओं को टारगेट करने के बजाय जनता के माइंड में यह बात बैठाया जाय कि झारखंड में भाजपा अपने लोगों पर भरोसा करने के बजाय बाहरी लोगों पर ज्यादा भरोसा करती है।

इसी लिए यहां की रणनीति तय करने के लिए असम और एमपी से नेता भेज रही है।इन्ही सभी कारणों से झामुमों पार्टी की रडार पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हैं और शिवराज सिंह चौहान है।

पिछले महीने जब हिमंत झारखंड दौरे पर लगातार आने लगे तो हेमंत ने उन्हें बाहरी बताते हुए बीजेपी की घेराबंदी शुरू कर दी। हेमंत लगातार अपनी रैली में हिमंत के लिए बाहरी शब्द का प्रयोग कर रहे थे।

इतना ही नहीं, हेमंत की सरकार ने हिमंत के सुरक्षा में खर्च होने वाले पैसे का भी जिक्र किया था। सरकार का कहना था कि हिमंत संवेदनशील राज्य असम के मुख्यमंत्री हैं और उनके बार-बार झारखंड आने से प्रोटोकॉल लागू करना पड़ता है, जिसमें पैसे खर्च होते हैं।

हेमंत सोरेन हिमंत को सियासी तौर पर भी घेर रहे हैं। पिछले दिन उन्होंने असम के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था। इसमें हेमंत ने कहा था कि चाय बागान में काम करने वाले टी-ट्राइब को आदिवासियों का दर्जा दिया जाए। असम में इन समुदाय को ओबीसी का दर्जा प्राप्त है।

इधर राजनीति के जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन के रडार पर हिमंत विश्व सरमा क्यों, है इसके कई कारण हैं …

,बैकफुट पर असम के सीएम को धकेलने कि कोशिश 

सबसे पहला कारण है कि हिमंत मुखर नेता हैं और जब से वे झारखंड के भाजपा ने उन्हें सह प्रभारी नियुक्त किया वे लहर हेमंत सोरेन पर हमालावर हैं.

हिमंत विश्व सरमा का हर डिविजन के लिए अलग-अलग प्लान तैयार हैं. संथाल में उन्होंने डेमोग्राफी को बड़ा मुद्दा बनाया है. इसी तरह कोल्हान में जेएमएम के भीतर ही सेंध लगा दिया. हिमंत लगातार नाराज नेताओं को भी साध रहे हैं.

ऐसे में हेमंत पर सीधे हिमंत की घेराबंदी कर उन्हें बैकफुट पर धकेलने के कोशिश में झारखंड मुक्ति मोर्चा लग गयी है.

दूसरा कारण है स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे को हवा देने की कोशिश!

झारखंड में शुरुआत से ही स्थानीय बनाम बाहरी एक बड़ा मुद्दा रहा है. राज्य में स्थानीय नीति की भी मांग लंबे वक्त से हो रही है. हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी हिमंत के जरिए बीजेपी को बाहरी बताने में जुटी है.

हेमंत इसलिए अपनी हर रैली में हिमंत को बाहरी बता रहे हैं. हेमंत सोरेन हिमंत के जरिए झारखंड को लोगों को गोलबंद करना चाहते हैं. 2019 में इसी गोलबंदी के सहारे हेमंत ने बीजेपी की मजबूत सरकार को उखाड़ दिया था.

वहीं इसके बहाने हेमंत आदिवासी को भी साध रहे हैं. हेमंत ने हाल ही में जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने संथाल, ओरांव और मुंडा समेत आदिवासियों के 4 समुदाय को असम में आरक्षण देने की मांग की है.

हेमंत इस बहाने झारखंड के 25 प्रतिशत आदिवासियों को अपने पक्ष में करना चाह रहे हैं.

तीसरा कारण बीजेपी के स्थानीय नेताओं को कमजोर बताने की रणनीति- 

सीएसडीएस के मुताबिक 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड के 21 प्रतिशत लोग ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे. हेमंत मुख्यमंत्री बने भी. कहा जा रहा है कि इस साल की शुरुआत में जिस तरह से हेमंत जेल गए, उसने उनकी लोकप्रियता और बढ़ा दी है.

झामुमो अब पूरे चुनाव को हेमंत वर्सेज कौन में बदलना चाहती है. बीजेपी में वर्तमान में मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर खींचातनी मची हुई है. इस पद पर बाबू लाल मरांडी और चंपई सोरेन की मजबूत दावेदारी है.

साल के अंत में होगा 81 सीटों पर चुनाव

झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित है. हाल ही में चुनाव आयोग ने तैयारियों की समीक्षा की है. राज्य में मुख्य मुकाबला झामुमो और बीजेपी गठबंधन के बीच है.

झारखंड में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 42 सीटों पर जीतना जरूरी है. 24 साल पहले गठित झारखंड में अब तक झामुमो के 3 और बीजेपी के 3 मुख्यमंत्री बने हैं.

जन आक्रोश मार्च में गरजे चिराग पासवान, कहा- हेमंत सोरेन के कारण झारखंड के लोगों को होना पड़ा शर्मसार

धनबाद :शहर के कोयला नगर स्थित नेहरू कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में आयोजित जन आक्रोश मार्च में लोक जन शक्ति पार्टी (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय चिराग पासवान शामिल हुए. इस कार्यक्रम में पार्टी के सांसद भी इस दौरान मौजूद रहे. कार्यकर्ताओं की आपार भीड़ कार्यक्रम में देखने को मिली.

इस मंच से अपने संबोधन में चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यह चुनाव हम लोग के आने वाले 5 साल के भविष्य तय करेगी. गलत चुनाव कर हम लोगों ने पिछले 5 साल खराब करने का काम किया है. पिछले 5 वर्षों में झारखंड में विकास के कार्य नहीं हुए.

 वहीं पिछले 5 सालों में झारखंड को शर्मसार होना पड़ा है. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा, इससे बड़ी शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती है. मुख्यमंत्री की वजह से झारखंड के लोगों को देश और दुनिया में शर्मसार होना पड़ा.

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आप सभी का एक-एक वोट बेहद कीमती है यह वोट झारखंड के निर्माण के लिए है. यह बड़ी जिम्मेवारी आप सभी की बनती है. अपने एक-एक मत का उपयोग कर एनडीए प्रत्याशी को विधानसभा में भेजें. हम एक ऐसे प्रत्याशी का चुनाव करेंगे, जो झारखंड को विकसित राज्य बनाएंगे. 

विकसित झारखंड बनाने के संकल्प के साथ आज यहां आया हूं, झारखंड के लोगों को कभी दूसरे राज्य ना जाना पड़े.

अपने पिता रामविलास पासवान के बारे में चिराग पासवान ने कहा कि रेल मंत्री रहते उन्होंने कई कार्य किए हैं. शोषित वर्ग को उन्होंने मुख्य धारा से जोड़ा. आज पिता नहीं हैं लेकिन हम उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है. कई पार्टियां राम विलास के सपनों को पूरा होते नहीं देखना चाहती हैं. वह चिराग पासवान को तोड़ना चाहते हैं. पार्टी से निकाला, घर से निकाला लेकिन चिराग टूटने वाला नहीं है. जातियों में बांटकर कुछ पार्टियां राजनीतिक रोटी सेंकते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि एनडीए की सरकार बनी तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, हम आरक्षण और संविधान दोनों को खत्म नहीं होने देंगे.

जन आक्रोश मार्च में गरजे चिराग पासवान, कहा- हेमंत सोरेन के कारण झारखंड के लोगों को होना पड़ा शर्मसार

झा. डेस्क

धनबाद :शहर के कोयला नगर स्थित नेहरू कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में आयोजित जन आक्रोश मार्च में लोक जन शक्ति पार्टी (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय चिराग पासवान शामिल हुए. इस कार्यक्रम में पार्टी के सांसद भी इस दौरान मौजूद रहे. कार्यकर्ताओं की आपार भीड़ कार्यक्रम में देखने को मिली.

इस मंच से अपने संबोधन में चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यह चुनाव हम लोग के आने वाले 5 साल के भविष्य तय करेगी. गलत चुनाव कर हम लोगों ने पिछले 5 साल खराब करने का काम किया है. पिछले 5 वर्षों में झारखंड में विकास के कार्य नहीं हुए.

 वहीं पिछले 5 सालों में झारखंड को शर्मसार होना पड़ा है. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा, इससे बड़ी शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती है. मुख्यमंत्री की वजह से झारखंड के लोगों को देश और दुनिया में शर्मसार होना पड़ा.

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आप सभी का एक-एक वोट बेहद कीमती है यह वोट झारखंड के निर्माण के लिए है. यह बड़ी जिम्मेवारी आप सभी की बनती है. अपने एक-एक मत का उपयोग कर एनडीए प्रत्याशी को विधानसभा में भेजें. हम एक ऐसे प्रत्याशी का चुनाव करेंगे, जो झारखंड को विकसित राज्य बनाएंगे. 

विकसित झारखंड बनाने के संकल्प के साथ आज यहां आया हूं, झारखंड के लोगों को कभी दूसरे राज्य ना जाना पड़े.

अपने पिता रामविलास पासवान के बारे में चिराग पासवान ने कहा कि रेल मंत्री रहते उन्होंने कई कार्य किए हैं. शोषित वर्ग को उन्होंने मुख्य धारा से जोड़ा. आज पिता नहीं हैं लेकिन हम उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है. कई पार्टियां राम विलास के सपनों को पूरा होते नहीं देखना चाहती हैं. वह चिराग पासवान को तोड़ना चाहते हैं. पार्टी से निकाला, घर से निकाला लेकिन चिराग टूटने वाला नहीं है. जातियों में बांटकर कुछ पार्टियां राजनीतिक रोटी सेंकते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि एनडीए की सरकार बनी तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, हम आरक्षण और संविधान दोनों को खत्म नहीं होने देंगे.

महिला पर्यवेक्षिका परीक्षा-2023 के एक विषय में सिलबेस से बाहर प्रश्न पूछे जाने की शिकायत लेकर अभ्यर्थी पहुंची JPSC कार्यालय


रांची: महिला पर्यवेक्षिका परीक्षा-2023 के एक विषय में सिलबेस से बाहर प्रश्न पूछे जाने को लेकर शनिवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में कुछ महिला अभ्यर्थियों ने ज्ञापन सौंपा। परीक्षा विगत 9 सितंबर को हुई थी।

 अभ्यर्थियों का कहना था कि पेपर के तकनीकी विषय मनोविज्ञान के 90 प्रतिशत प्रश्न सिलेबस से बाहर के थे। 

अभ्यर्थियों ने उचित कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन सौंपने वाले में टिशू कुमारी, पल्लवी कुमारी, शोभा कुमारी, राखी कुमारी शामिल थीं।

रांची विश्‍वविद्यालय के स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन सभागार में ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला संपन्न


झा. डेस्क 

रांची विश्‍वविद्यालय के स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन सभागार में ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला का समापन शनिवार को हुआ। 

आइक्‍यूएसी द्वारा आयोजित कार्यशाला के इन छह दिनों में 27 प्रतिभागियों ने ई-कंटेंट डेवलप करने के विभिन्‍न तकनीक को सीखा। 

समापन सत्र में कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्‍हा ने कहा कि कार्यशाला के बाद अपने प्रशिक्षणार्थियों के रचनात्मकता को देखकर मैं अभिभूत हूं। हमारे रांची विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों में बहुत प्रतिभा है।

 उन्होंने कहा कि तकनीक में तेजी से बदलाव हो रहा है, हमें उसके साथ चलना ही होगा, अन्‍यथा तकनीक आगे बढ़ती चली जाएगी और हम पीछे रह जाएंगे। कुलपति ने कहा कि हम जल्द‌ ही डाटा एनालिसिस पर भी एक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कराएंगे।

आइक्यूएसी के डॉ बीके सिन्हा ने कहा कि इस कार्यशाला से प्राप्त जानकारियों से रांची विश्वविद्यालय समृद्ध हुआ है और भविष्य में इसका एक बहुत ही अच्छा रिजल्ट प्राप्त होगा। 

इस कार्यशाला में दिल्‍ली से आए प्रो के श्रीनिवास, प्रो एमजे चंद्रा और प्रो दीपक बिस्‍ला ने एआई, यूट्युब, मल्‍टीमीडिया सॉफ्टवयरों तथा एनिमेशन के माध्‍यम से पढ़ाई के लिए बेहतर ई-सामग्री निर्माण की बारीकियों को सीखाया।

मौके पर कार्यशाला के कोओर्डिनेटर डॉ विनोद कुमार महतो, आइक्‍यूएसी के निदेशक डॉ सुदेश कुमार सिन्हा, डिप्‍टी डायरेक्‍टर वोकेशनल डॉ स्मृति सिंह, डॉ शिप्रा, डॉ सोनी तिवारी, मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा, मास कॉम के निदेशक डॉ बीपी सिन्हा, डॉ आनंद ठाकुर मौजूद थे।

रांची से गिरफ्तार रेडियालॉजिस्ट डॉक्टर इश्तियाक समेत चार संदिग्धों ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी

झा. डेस्क 

झारखंड में आतंकी संगठन अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के छह और संदिग्ध सक्रिय हैं। इस खुलासे के बाद झारखंड एटीएस ने उनकी तलाश तेज कर दी है। एटीएस अधिकारियों के अनुसार, संदिग्धों के नाम और पता की जानकारी मिली है, जिसके आधार पर सत्यापन किया जा रहा है। सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं, जिसके बाद गिरफ्तारी होगी।

पूछताछ में बड़ा खुलासा

दरअसल, दिल्ली से तीन सितंबर को फील्ड वेरिफिकेशन के लिए चान्हो लाए गए रांची से गिरफ्तार रेडियालॉजिस्ट डॉक्टर इश्तियाक समेत चार संदिग्धों ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है। संदिग्धों ने झारखंड एटीएस को बताया कि रांची के चान्हो, लोहरदगा के कुड़ू और हजारीबाग के छह संदिग्ध अलकायदा मॉड्यूल का हिस्सा है। इन्हें ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भेजने की तैयारी थी। एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि संदिग्धों का सत्यापन किया जा रहा है। वहीं गिरफ्तार डॉ इश्तियाक समेत चारों संदिग्धों को फिर से रिमांड पर लिया जाएगा।

बता दें कि दिल्ली पुलिस और झारखंड एटीएस की टीम ने 24 अगस्त को राज्य की 16 जगहों पर छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें रेडियोलॉजिस्ट डॉ इश्तियाक अहमद, मतिउर रहमान, रिजवान बाबर, फैजान अहमद शामिल हैं। वहीं छह अन्य लोगों को राजस्थान के भिवाड़ी से गिरफ्तार किया गया था।

फरार सूफियान से इश्तियाक के संबंधों की भी हो रही जांच

झारखंड एटीएस अलकायदा के फरार संदिग्ध अबू सूफियान से डॉ इश्यियाक के संबंध खंगाल रहा है। सूफियान का नाम वर्ष 2009-10 में अलकायदा से जुड़ा था, तब से वह फरार है। एटीएस अधिकारियों के अनुसार, सभी पुराने कांडों को लेकर जांच की जा रही है। जैसे-जैसे सूचनाएं सामने आ रही हैं, जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। उसी के अनुसार कार्रवाई भी तेज की जा रही है। इधर, डॉ इश्तियाक समेत अन्य संदिग्धों के पास से जब्त लैपटॉप, मोबाइल आदि की एफएसएल जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद गिरफ्तार संदिग्धों से क्रॉस इंक्वायरी की जाएगी।