मंईयां सम्मान यात्रा के पांचवें दिन की शुरुआत कोल्हान प्रखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िला के बोराम में पहुंचा

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क :- मंईयां सम्मान यात्रा के पाँचवे दिन की शुरुआत पूर्वी सिंहभूम ज़िला के बोराम से हुई। मंईयाँ सम्मान यात्रा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय मंत्री बेबी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कुशल नेतृत्व एवं दृढ़ संकल्प के कारण ही झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना धरातल पर उतर सकी। झारखंड की बेटियों , माताओं , बहनों को सम्मान देने का प्रण मुख्यमंत्री ने लिया और आज झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना लागू कर उनके खातों में प्रतिवर्ष 12000रुपये (प्रति माह 1000 रुपये) दिये जा रहे हैं। आप सभी इसी तरह मज़बूती के साथ मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ खड़ी रहें, तो आने वाले दिनों में झारखंड की आधी आबादी को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। 

माननीय मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मंईयाँ सम्मान यात्रा के तहत झारखंड के जिस कोने में भी जा रहे हैं, आप सभी महिलाओं का अपार समर्थन मिल रहा है। आपका उत्साह और जोश हमे आगे बढ़ने की ताक़त दे रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में हमारी सरकार ने महिलाओं को हर स्तर पर बराबरी का हक़ एवं अधिकार देने का काम किया है चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो ,स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो या फिर रोज़गार के क्षेत्र में हो । महिलाओं को रोज़गार , व्यवसाय के लिए हमारी सरकार ऋण उपलब्ध करा रही है। हमारी सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से मज़बूत करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड की 18 से 50 वर्ष तक की बेटियों , माताओं , बहनों को झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना के तहत मिलने वाली 1000 रुपये की राशि ने आर्थिक रूप से सहयोग किया है ।

विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि झारखंड में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने झारखंड की महिलाओं के मान-सम्मान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल की है। आज झारखंड की बेटियों, माताओं और बहनों के खाते में हर महीने 1000 रुपये आ रहे हैं । खाते में पैसे पहुँचने का काम अगर कोई कर रहा है, तो वह है आपका बेटा , दादा मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन। उन्होंने कहा कि हर महीने मिलने वाली राशि बंद होने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना परिवार को भी मज़बूत करेगी, क्योंकि अगर एक परिवार में जितनी अधिक बेटियाँ , बहने , बहुएँ होंगी ,उनके परिवार में ये राशि बढ़ती जाएगी । उन्होंने कहा कि मंईयाँ सम्मान यात्रा में आज हज़ारों की संख्या में महिलाएँ आयीं हैं । यात्रा से हम झारखंड की लाखों महिलाओं को जोड़ने का काम कर रहे हैं। हम आपका प्यार और आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ रहे हैं। 

माननीय कल्पना सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि ऋण माफ़ी योजना के तहत 2 लाख तक के क़र्ज़ को माफ़ किया है । 200 यूनिट मुफ़्त बिजली योजना से राज्य के लाखों परिवारों को राहत देने का काम किया है। लोगों का बिजली बिल माफ़ किया है। बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दी है। बिरसा हरित ग्राम योजना से किसानों को मज़बूती दी है। मुख्यमंत्री ना जाने कितनी ही योजनाओं से लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। आप सभी खुश रहें यही मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन का उद्देश्य है।

JSSC द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में चयनित 527 अभ्यर्थियों को सीएम हेमंत सोरेन ने दिया नियुक्ति पत्र


लंबी लड़ाई के बाद नियुक्ति पत्र पाकर चयनित अभ्यर्थी हेमंत सोरेन का जताया आभार

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची के जैप 1 सभागार में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेएसएससी द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में चयनित 327 अभ्यर्थियों और री-काउंसलिंग के माध्यम से 200 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यहां के युवा ऊर्जावांत होते है। कभी-कभी उस ऊर्जा का उपयोग सही चीजों के लिए भी हो जाता है कभी-कभी गलत चीजों में भी उस ऊर्जा का उपयोग हो जाता है। उन्होंने कहा झारखंड अलग राज्य बनने के बाद अलग-अलग क्षेत्र में इस राज्य को कई तूफानों का सामना करना पड़ा। फिर हमारी सरकार ने सभी विभागों के अंदर सभी से संपर्क करके नियमावली बनाना प्रारंभ किया फिर नियुक्तियां प्रारंभ हुई। 

हेमंत सोरेन ने जेपीएससी परीक्षा को याद करते हुए कहा कि हम लोगों ने जेपीएससी का एग्जाम कंडक्ट कराया था। देश में भी वह रिकॉर्ड रहा है कि सबसे कम समय में उसका रिजल्ट प्रकाशित करके हम लोगों ने नियुक्तियां दी। 

नियुक्ति पत्र मिलने से अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल है। उन्होंने कहा कि वे इस दिन का काफी समय से इंतजार कर रहे थे। बताया कि उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई बार नियुक्ति में अड़चनें आईं, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और हाईकोर्ट का भी सहारा लिया, फिर जाकर आज हम इस स्थिति में पहुंचे हैं।

बता दें कि जेएसएससी द्वारा अनुशंसित 331 पदों के अलावा स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के 150 से अधिक ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला, जिन्हें पहले नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाया था। जिसमें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 44, पथ निर्माण विभाग के 7, जल संसाधन विभाग के 39, नगर विकास विभाग के 18 और परिवहन विभाग के 4 अभ्यर्थियों को भी झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में नियुक्ति पत्र मिला।

जेएसएससी (CGL) परीक्षा में अभ्यार्थियों का पेपर लीक होने का दावा, राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी कहा सीजीएल परीक्षा की हो जांच


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 21 व 22 सितंबर को आयोजित JSSC सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत कई छात्र संगठनों ने की है। छात्रों ने कहा है कि 22 सितंबर को प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने के पहले ही प्रश्नों का उत्तर कई अभ्यर्थियों के पास उपलब्ध था।

 परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने, सवालों के पहले की परीक्षाओं से रिपीट होने जैसे आरोप लगाए हैं।

जेएसएससी आयोग के द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा लिए जाने के बावजूद जेएसएससी परीक्षार्थी परीक्षा में हुए गड़बड़ी को लेकर परीक्षा रद्द कराने की माँग कर रहे हैं। इधर आयोग के चेयरमैन का बयान आता है कि अगर परीक्षा में हुई गड़बड़ी का सबूत अभ्यर्थी देते है तो परीक्षा को रद्द करवा दिया जाएगा। इसके बाद छात्रों ने सैकड़ो की संख्या में जेएसएससी कार्यालय इकट्ठा होते हैं और जेएसएससी के सचिव से मुलाकात कर परीक्षा में हुई गड़बड़ी के कई सबूत पेश किया। 

साथ ही आयोग से जाँच की भी माँग की है। अभ्यर्थियों ने कहा कि आयोग के ओर से आश्वासन देते हुए कहा गया कि सोमवार को इस मामले में जांच किया जाएगा कि यह आरोप सही है या नही। साथ ही अगर अभ्यर्थियों की ओर से लगाए जा रहे आरोप सही निकले तो परीक्षा को रद्द करवा दिया जाएगा।

जेएसएससी परीक्षा को लेकर असंतुष्ट उम्मीदवारों का दल राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंपा। छात्र प्रतिनिधि कुणाल प्रताप ने बताया कि हमने राज्यपाल से मिल कर परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर बिंदुवार जानकारी दी है। राज्यपाल संतोष गंगवार ने कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित CGL की परीक्षा को लेकर मिली शिकायतों के आधार पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर पूरे मामले की जांच कराने को कहा है जिससे कि परीक्षा के साथ आयोग की विश्वसनीयता पर किसी तरह का कोई सवाल नहीं उठ सके।

झारखंड कृषि ऋण माफी योजना में सीएम हेमंत सोरेन ने 1 लाख 76 हज़ार 977 किसानों के 400 करोड़ 66 लाख रुपए का ऋण किया माफ
मुख्यमंत्री ने बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का किया अनावरण, किसानों को एक ही पोर्टल पर कृषि विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं की मिलेगी पूरी जानकारी

रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड के मुखिया हेमंत सोरेन ने आज 1लाख 76हजार 977 किसानों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने 400 करोड़ से अधिक का कृषि लोन माफ कर दिया। राजधानी रांची के प्रभाततारा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने डीबीटी के जरिए राशि का हस्तांतरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देहात से होकर विकास का दरवाजा खुलता है। ऐसे में किसानों की  खुशहाली से ही राज्य मजबूत बनेगा। हमारी सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार ठोस निर्णय ले रही है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के  बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का भी अनावरण किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों के समक्ष तरह- तरह की चुनौतियां आ रही है। किसानों की गरीबी और पूंजी  के अभाव में कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में किसानों को राहत देने के मकसद से उनके दो लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर उन्हें उन्हें कृषि के क्षेत्र में नई शुरुआत करने का मौका मिल सके।


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची में आज ऋण माफी जुटान नहीं है, बल्कि किसानों के सम्मान का महाजुटान है।मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश में रहती है। हमारे किसानों का बैंक खेत होता है और किसानों का एटीएम उनका खलिहान होता है। हमारी सरकार किसानों को विपरीत परिस्थितियों से निकलने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में कृषि कार्य के लिए जिन किसानों ने दो लाख रुपये तक का लोन लिया है उसे माफ करने का हमारी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया, ताकि किसानों को आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान कर सकें।


सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश के किसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में घेर कर बैठ गए थे। दिल्ली में किसान इस तरह घेर कर बैठे कि भारत सरकार उस चहारदीवारी से बाहर नहीं निकल पा रही थी। उस आंदोलन में कई किसानों की जान भी चली गयी, लेकिन किसान डटे रहे, क्योंकि यही एनडीए भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के लिए काला कानून लेकर आ रही थी। उन्होंने कहा कि काला कानूनों के जरिए केंद्र सरकार किसानों का हक मारने की फिराक में थी, लेकिन किसानों ने आंदोलन के जरिए एकजुटता दिखाकर सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था।


मुख्यमंत्री ने कहा की किसान इस देश और राज्य की रीढ़ हैं। जब तक किसान आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे, तब तक यह राज्य आगे नहीं बढ़ेगा। आज किसानों को अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है। जिस तरह हमारे किसान खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं, उसी तरह उन्हें अपने मान- सम्मान एवं हक- अधिकार की खातिर एकजुट होकर कदम बढ़ाना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस तरह मौसम में अनिश्चित बनी हुई है, उसमें किसानों को परंपरागत खेती के साथ वैकल्पिक खेती के लिए भी आगे होगा। इसके लिए हमारी सरकार की ओर से बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, नीलांबर- पीतांबर जल समृद्धि योजना और दीदी बगिया योजना जैसी कई योजनाएं संचालित है। हमारी सरकार ने पहली बार कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की है, ताकि वे किसानों को फसल उत्पादन की नवीन और आधुनिक तकनीक से अवगत करा सकें। किसान पाठशाला के जरिए किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी देने के साथ कृषि कार्य के लिए प्रशिक्षण भी मिल रहा है। इतना ही नहीं, किसानों को अंडा, दुग्ध और मछली उत्पादन के लिए लगाकर प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है।  हमारा प्रयास है कि हमारे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो, ताकि वे राज्य को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभा सकें।


मुख्यमंत्री की उपस्थिति में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कृषि विभाग के सचिव  अबु बकर सिद्दीक तथा एनडीडीबी, आनंद , गुजरात के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस रघुपति के बीच 5 वर्षों के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर संपन्न हुआ।  इसके तहत लगभग  68 हज़ार दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को दूध उत्पादन के उचित मूल्य के अलावा 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
साहिबगंज में CM हेमंत सोरेन का बड़ा बयान; RSS की तुलना चूहों से की, सियासी पारा हाई!

RSS है तभी आज भारत में सनातन धर्म के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं - अमर बावरी


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें।



मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
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रिपोर्टर जयंत कुमार रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
जेएसएससी (CGL) परीक्षा में गड़बड़ी मिली तो रद्द होगी भर्ती, आयोग ने स्वीकारा पेपर का सील हो सकता है खुला लेकिन प्रश्न पत्र लीक नहीं

छात्रों का प्रतिनिधिमंडल आज जेएसएससी के अध्यक्ष को पेपर लीक का देगा सबूत


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की ओर से आयोजित हुई सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। 24 सितंबर को जिस तरह से छात्रों ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान, बापू वाटिका में प्रदर्शन किया।

छात्रों ने आयोग के खिलाफ कई आरोप लगाए थे। जिसके बाद जेएससीसी ने परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्रों की सील खुली होने और सीरियल नंबर गड़बड़ होने की शिकायतें को सिरे से खारिज किया है। JSSC के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि अगर कोई पुख्ता सबूत देगा तो जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि परीक्षा में पारदर्शिता के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे।

प्रशांत कुमार ने बताया परिक्षा को लेकर कुछ गलतफहमी फैली हुई है। जिसे दूर करना संस्था का दायित्व है। झारखण्ड के सभी 24 जिलों में 823 परिक्षा केंद्र मे परीक्षा हुई। सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की गई। स्टेटिक मजिस्ट्रेट, परीक्षा ऑबजर्वर और गश्ती दल तैनात किए गए थे। परीक्षा में आयोग के अनुसार जिला प्रशासन ने 824 स्टैटिक दंडाधिकारी परीक्षा केंद्र पर और 415 गस्ती दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी। हर जिले में नोडल अधिकारी और वज्रगृह प्रभारी नियुक्त किए गए थे।

उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्रों को कई परतों में सील करके रखा गया था। प्रश्नपत्रों की सील टूटने के दावे बेबुनियाद हैं। ऐसी कोई भी शिकायत नहीं मिली है।

JSSC के चेयरमैन प्रशांत कुमार ने परीक्षा पेपर लीक के सवाल पर जवाब दिया कि किसी के पास कोई जानकारी हो साक्ष्य हो तो आयोग के पास जमा करें. आरोप लगाने के से कुछ नहीं होगा। जिसके पास भी सबूत हो तो आयोग के पास दे उसकी जांच की जाएगी।


वही आज 26 सितंबर को छात्रों के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा दोपहर 1:00 बजे JSSC चेयरमैन को JSSC CGL पेपर लीक के सारे सबूत सौंपने जा रहा है।
झारखंड में बजने वाला है चुनावी बिगुल! झारखंड के अधिकारियों ने निर्वाचन आयोग से कहा- हम पूरी तरह से तैयार, कभी भी करा लें विधानसभा चुनाव


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा की दो दिवसीय चुनावी तैयारियों की समीक्षा के बाद दिल्ली जाने के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बताया कि अधिकतर राजनीति दलों ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने का आग्रह किया है। अब आयोग की टीम 26 सितंबर को महाराष्ट्र जाएगी। वहां से लौटने पर झारखंड में चुनाव पर निर्णय लिया जा सकता है।

संभवत झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। झारखंड में भारत निर्वाचन आयोग की दो दिवसीय बैठक में पहले दिन राजनीतिक दलों के साथ चर्चा हुई वहीं दूसरे दिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने जिलों के निर्वाची पदाधिकारियों, एसएसपी, एसपी, आईजी, डीआईजी आदि प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उनसे पूछा कि वे चुनाव को लेकर कितने तैयार हैं। अधिकारियों ने चुनाव की तैयारी मुकम्मल होने की बात बताते हुए प्रजेंटेशन दिया।

वहीं अगर आयोग राजनीतिक दलों के सुझावों पर सहमत हुआ तो 2019 की तुलना में इस बार कम चरणों में चुनाव हो सकता है। गौरतलब है कि 2019 में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग की टीम ने चतरा, खूंटी और लातेहार जैसे सेंसिटिव क्षेत्र में ड्रग्स पर पूरी तरह से लगाम लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही बॉर्डर को सील करने का निर्देश दिया गया है। अगल-बगल के राज्य से चुनाव के समय झारखंड में डिस्टरबेंस नहीं होना चाहिए।

झारखंड में इस बार 2.59 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं में करीब 11 लाख पहली बार वोट डालने वाले युवा हैं। चुनाव को एक उत्सव की तरह बनाने के लिए स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करने और शहरी क्षेत्रों में मतदान की जागरूकता बढ़ाने पर आयोग का जोर है। एसपी- डीसी को निर्देश दिया गया है कि चुनाव के समय आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहेगा। अफसरों को अपने रास्ते पर अडिग रहना है।

झारखंड High Court को रांची नगर निगम ने बताया 36 रूफ टॉप बार-रेस्टोरेंट में से केवल 2 के पास लाइसेंस

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में हाई कोर्ट ने बिना नक्शे के चल रहे रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट को तुरंत बंद करने का निर्देश रांची नगर निगम को दिया था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि बार-रेस्टोरेंट बंद होने से जुड़ी एक रिपोर्ट भी सौंपी जाए। 

वही कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट को रांची नगर निगम में बताया कि 36 रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट में से केवल दो के पास ही लाइसेंस है। 34 रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट के पास लाइसेंस नहीं है

झारखंड हाई कोर्ट को रांची नगर निगम ने बताया कि रूफ टॉप बार व रेस्टोरेंट को नोटिस जारी किया गया है। जिनके पास लाइसेंस नहीं होगा उन पर कानूनी सम्मत कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो उन्हें सील भी किया जाएगा।

कोर्ट ने सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत बार एवं रेस्टोरेंट नियंत्रण लगाने व मादक पदार्थ जैसे चरस, गांजा, अफीम की बिक्री पर सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस पर अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।

JSSC-CGL पेपर लीक में सरकार और आयोग पर छात्रों ने उठाया सवाल,छात्रों ने स्ट्रीटबज न्यूज़ के सामने रखा कई तथ्य


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची: जेएसएससी परीक्षा में आए दिन गड़बड़ियां होती रही। एक बार फिर कुछ ऐसा ही देखने को मिला। माना की सरकार को लगता है की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई लेकिन आयोग इसमें गड़बड़ी न करें तो झारखंड में कहां कोई परीक्षा शुभ मानी जाती है। ऐसा ही गड़बड़ी एक बार फिर सामने आया है। 21 और 22 सितंबर को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा होती है और 24 सितंबर को पेपर लिख का मामला सामने आता है मामला बहुत ही गंभीर है आयोग और सरकार पर छात्रों ने कई सवाल उठाए हैं।

छात्रों ने जो बताया उसे गड़बड़ी कहा जाये या मिस्टेक, षड्यंत्र,साजिश या कहिए इत्तेफाक यह आपके ऊपर निर्भर करता है।हालांकि स्ट्रीटबज़्ज़ इसकी पुष्टि नहीं करता लेकिन छात्रों ने जो कहा उसके अनुसार सवाल जरूर उठता है.

दरसल 21 और 22 सितंबर को हुए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पर अभ्यार्थी कई सवाल उठा रहे है। Question paper का सील खुला होने से लेकर गलत Question paper बांटने तक के कई आरोप छात्रों द्वारा लगाया जा रहा है। 

ये तो आपने सुना कि प्रश्न पत्र का सील खुला हुआ था वहीं अब दूसरी घटना आपको बताते हैं कि किस तरह सेकंड पेपर लैंग्वेज का फर्स्ट शिफ्ट में छात्रों के बीच दे दिया जाता है। यहां तक की जो परीक्षा लेने वाले परीक्षक होते हैं उन्हें भी नहीं मालूम होता की किस विषय का परीक्षा किस समय है। बेरो में 21 सितंबर को हुई इस गड़बड़ी को वहां परीक्षा दे रही महिला अभ्यार्थी ने पूरी घटना बताई। 

आपने प्रश्न पत्र खुला होने का सुना प्रश्न पत्र बदलने का सुना अब देखिए कि किस तरह यह छात्र जो तस्वीरों में दिख रहा है यह परीक्षा से पहले Answer को रट रहा था। जब अन्य छात्रों ने उससे पूछा तो उसे फाड़ कर फेंक दिया और वहां से भाग रहा था। जब उसे टुकड़े को मिलाया गया तो आए हुए प्रश्न पत्र से मैच कर रहा था उस वक्त जो समय था छात्रों के द्वारा यह बनाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है। 

अब देखिए की जेएसएससी में जो परीक्षा में प्रश्न पत्र सेट करते हैं उनकी क्या करामात है। दरअसल JSSC परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गए वह 2019 के एसएससी के रिजनिंग में पूछे गए 25 में से 20 सवालों को जैसे सी ने हूबहू पूछा गया है। बस सिर्फ इतना है कि उस प्रश्न की नंबर संख्या बदल दी गई है। 

अब यहां सवाल है PAPERLEAK करने की जरुरत भी क्या थी QUESTION बनाने वालो को बस ईतना ही बोलना है की SSC CGL MAINS का 2019 का इस SET से PAGE NO ईतना का MATHS REASONING रट्ट लो। 

अब आयोग से लेकर सरकार तक सवाल कई है और छात्रों का गुस्सा तो चरम पर है। काफी लंबे सालों से यह परीक्षा लंबित चली आ रही है और अभी भी यह क्लियर नहीं हो पाई। वहीं सरकार मईया योजना में व्यस्त है और विपक्ष की बात करें तो वह परिवर्तन करने में लगी है। तो इन छात्रों का सूद और उनकी जो व्यथा है वह आखिरकार सुनेगा कौन? क्या इसी तरह सड़कों पर छात्र आंदोलन करते रहेंगे? उनकी जो पिछले 8 सालों की मेहनत है उनका हिसाब देगा कौन?