झारखंड कृषि ऋण माफी योजना में सीएम हेमंत सोरेन ने 1 लाख 76 हज़ार 977 किसानों के 400 करोड़ 66 लाख रुपए का ऋण किया माफ
मुख्यमंत्री ने बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का किया अनावरण, किसानों को एक ही पोर्टल पर कृषि विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं की मिलेगी पूरी जानकारी

रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड के मुखिया हेमंत सोरेन ने आज 1लाख 76हजार 977 किसानों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने 400 करोड़ से अधिक का कृषि लोन माफ कर दिया। राजधानी रांची के प्रभाततारा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने डीबीटी के जरिए राशि का हस्तांतरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देहात से होकर विकास का दरवाजा खुलता है। ऐसे में किसानों की  खुशहाली से ही राज्य मजबूत बनेगा। हमारी सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार ठोस निर्णय ले रही है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के  बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का भी अनावरण किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों के समक्ष तरह- तरह की चुनौतियां आ रही है। किसानों की गरीबी और पूंजी  के अभाव में कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में किसानों को राहत देने के मकसद से उनके दो लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर उन्हें उन्हें कृषि के क्षेत्र में नई शुरुआत करने का मौका मिल सके।


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची में आज ऋण माफी जुटान नहीं है, बल्कि किसानों के सम्मान का महाजुटान है।मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश में रहती है। हमारे किसानों का बैंक खेत होता है और किसानों का एटीएम उनका खलिहान होता है। हमारी सरकार किसानों को विपरीत परिस्थितियों से निकलने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में कृषि कार्य के लिए जिन किसानों ने दो लाख रुपये तक का लोन लिया है उसे माफ करने का हमारी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया, ताकि किसानों को आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान कर सकें।


सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश के किसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में घेर कर बैठ गए थे। दिल्ली में किसान इस तरह घेर कर बैठे कि भारत सरकार उस चहारदीवारी से बाहर नहीं निकल पा रही थी। उस आंदोलन में कई किसानों की जान भी चली गयी, लेकिन किसान डटे रहे, क्योंकि यही एनडीए भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के लिए काला कानून लेकर आ रही थी। उन्होंने कहा कि काला कानूनों के जरिए केंद्र सरकार किसानों का हक मारने की फिराक में थी, लेकिन किसानों ने आंदोलन के जरिए एकजुटता दिखाकर सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था।


मुख्यमंत्री ने कहा की किसान इस देश और राज्य की रीढ़ हैं। जब तक किसान आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे, तब तक यह राज्य आगे नहीं बढ़ेगा। आज किसानों को अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है। जिस तरह हमारे किसान खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं, उसी तरह उन्हें अपने मान- सम्मान एवं हक- अधिकार की खातिर एकजुट होकर कदम बढ़ाना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस तरह मौसम में अनिश्चित बनी हुई है, उसमें किसानों को परंपरागत खेती के साथ वैकल्पिक खेती के लिए भी आगे होगा। इसके लिए हमारी सरकार की ओर से बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, नीलांबर- पीतांबर जल समृद्धि योजना और दीदी बगिया योजना जैसी कई योजनाएं संचालित है। हमारी सरकार ने पहली बार कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की है, ताकि वे किसानों को फसल उत्पादन की नवीन और आधुनिक तकनीक से अवगत करा सकें। किसान पाठशाला के जरिए किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी देने के साथ कृषि कार्य के लिए प्रशिक्षण भी मिल रहा है। इतना ही नहीं, किसानों को अंडा, दुग्ध और मछली उत्पादन के लिए लगाकर प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है।  हमारा प्रयास है कि हमारे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो, ताकि वे राज्य को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभा सकें।


मुख्यमंत्री की उपस्थिति में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कृषि विभाग के सचिव  अबु बकर सिद्दीक तथा एनडीडीबी, आनंद , गुजरात के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस रघुपति के बीच 5 वर्षों के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर संपन्न हुआ।  इसके तहत लगभग  68 हज़ार दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को दूध उत्पादन के उचित मूल्य के अलावा 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
साहिबगंज में CM हेमंत सोरेन का बड़ा बयान; RSS की तुलना चूहों से की, सियासी पारा हाई!

RSS है तभी आज भारत में सनातन धर्म के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं - अमर बावरी


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें।



मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
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रिपोर्टर जयंत कुमार रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
जेएसएससी (CGL) परीक्षा में गड़बड़ी मिली तो रद्द होगी भर्ती, आयोग ने स्वीकारा पेपर का सील हो सकता है खुला लेकिन प्रश्न पत्र लीक नहीं

छात्रों का प्रतिनिधिमंडल आज जेएसएससी के अध्यक्ष को पेपर लीक का देगा सबूत


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की ओर से आयोजित हुई सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। 24 सितंबर को जिस तरह से छात्रों ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान, बापू वाटिका में प्रदर्शन किया।

छात्रों ने आयोग के खिलाफ कई आरोप लगाए थे। जिसके बाद जेएससीसी ने परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्रों की सील खुली होने और सीरियल नंबर गड़बड़ होने की शिकायतें को सिरे से खारिज किया है। JSSC के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि अगर कोई पुख्ता सबूत देगा तो जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि परीक्षा में पारदर्शिता के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे।

प्रशांत कुमार ने बताया परिक्षा को लेकर कुछ गलतफहमी फैली हुई है। जिसे दूर करना संस्था का दायित्व है। झारखण्ड के सभी 24 जिलों में 823 परिक्षा केंद्र मे परीक्षा हुई। सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की गई। स्टेटिक मजिस्ट्रेट, परीक्षा ऑबजर्वर और गश्ती दल तैनात किए गए थे। परीक्षा में आयोग के अनुसार जिला प्रशासन ने 824 स्टैटिक दंडाधिकारी परीक्षा केंद्र पर और 415 गस्ती दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी। हर जिले में नोडल अधिकारी और वज्रगृह प्रभारी नियुक्त किए गए थे।

उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्रों को कई परतों में सील करके रखा गया था। प्रश्नपत्रों की सील टूटने के दावे बेबुनियाद हैं। ऐसी कोई भी शिकायत नहीं मिली है।

JSSC के चेयरमैन प्रशांत कुमार ने परीक्षा पेपर लीक के सवाल पर जवाब दिया कि किसी के पास कोई जानकारी हो साक्ष्य हो तो आयोग के पास जमा करें. आरोप लगाने के से कुछ नहीं होगा। जिसके पास भी सबूत हो तो आयोग के पास दे उसकी जांच की जाएगी।


वही आज 26 सितंबर को छात्रों के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा दोपहर 1:00 बजे JSSC चेयरमैन को JSSC CGL पेपर लीक के सारे सबूत सौंपने जा रहा है।
झारखंड में बजने वाला है चुनावी बिगुल! झारखंड के अधिकारियों ने निर्वाचन आयोग से कहा- हम पूरी तरह से तैयार, कभी भी करा लें विधानसभा चुनाव


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा की दो दिवसीय चुनावी तैयारियों की समीक्षा के बाद दिल्ली जाने के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बताया कि अधिकतर राजनीति दलों ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने का आग्रह किया है। अब आयोग की टीम 26 सितंबर को महाराष्ट्र जाएगी। वहां से लौटने पर झारखंड में चुनाव पर निर्णय लिया जा सकता है।

संभवत झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। झारखंड में भारत निर्वाचन आयोग की दो दिवसीय बैठक में पहले दिन राजनीतिक दलों के साथ चर्चा हुई वहीं दूसरे दिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने जिलों के निर्वाची पदाधिकारियों, एसएसपी, एसपी, आईजी, डीआईजी आदि प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उनसे पूछा कि वे चुनाव को लेकर कितने तैयार हैं। अधिकारियों ने चुनाव की तैयारी मुकम्मल होने की बात बताते हुए प्रजेंटेशन दिया।

वहीं अगर आयोग राजनीतिक दलों के सुझावों पर सहमत हुआ तो 2019 की तुलना में इस बार कम चरणों में चुनाव हो सकता है। गौरतलब है कि 2019 में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग की टीम ने चतरा, खूंटी और लातेहार जैसे सेंसिटिव क्षेत्र में ड्रग्स पर पूरी तरह से लगाम लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही बॉर्डर को सील करने का निर्देश दिया गया है। अगल-बगल के राज्य से चुनाव के समय झारखंड में डिस्टरबेंस नहीं होना चाहिए।

झारखंड में इस बार 2.59 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं में करीब 11 लाख पहली बार वोट डालने वाले युवा हैं। चुनाव को एक उत्सव की तरह बनाने के लिए स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करने और शहरी क्षेत्रों में मतदान की जागरूकता बढ़ाने पर आयोग का जोर है। एसपी- डीसी को निर्देश दिया गया है कि चुनाव के समय आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहेगा। अफसरों को अपने रास्ते पर अडिग रहना है।

झारखंड High Court को रांची नगर निगम ने बताया 36 रूफ टॉप बार-रेस्टोरेंट में से केवल 2 के पास लाइसेंस

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में हाई कोर्ट ने बिना नक्शे के चल रहे रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट को तुरंत बंद करने का निर्देश रांची नगर निगम को दिया था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि बार-रेस्टोरेंट बंद होने से जुड़ी एक रिपोर्ट भी सौंपी जाए। 

वही कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट को रांची नगर निगम में बताया कि 36 रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट में से केवल दो के पास ही लाइसेंस है। 34 रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट के पास लाइसेंस नहीं है

झारखंड हाई कोर्ट को रांची नगर निगम ने बताया कि रूफ टॉप बार व रेस्टोरेंट को नोटिस जारी किया गया है। जिनके पास लाइसेंस नहीं होगा उन पर कानूनी सम्मत कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो उन्हें सील भी किया जाएगा।

कोर्ट ने सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत बार एवं रेस्टोरेंट नियंत्रण लगाने व मादक पदार्थ जैसे चरस, गांजा, अफीम की बिक्री पर सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस पर अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।

JSSC-CGL पेपर लीक में सरकार और आयोग पर छात्रों ने उठाया सवाल,छात्रों ने स्ट्रीटबज न्यूज़ के सामने रखा कई तथ्य


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची: जेएसएससी परीक्षा में आए दिन गड़बड़ियां होती रही। एक बार फिर कुछ ऐसा ही देखने को मिला। माना की सरकार को लगता है की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई लेकिन आयोग इसमें गड़बड़ी न करें तो झारखंड में कहां कोई परीक्षा शुभ मानी जाती है। ऐसा ही गड़बड़ी एक बार फिर सामने आया है। 21 और 22 सितंबर को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा होती है और 24 सितंबर को पेपर लिख का मामला सामने आता है मामला बहुत ही गंभीर है आयोग और सरकार पर छात्रों ने कई सवाल उठाए हैं।

छात्रों ने जो बताया उसे गड़बड़ी कहा जाये या मिस्टेक, षड्यंत्र,साजिश या कहिए इत्तेफाक यह आपके ऊपर निर्भर करता है।हालांकि स्ट्रीटबज़्ज़ इसकी पुष्टि नहीं करता लेकिन छात्रों ने जो कहा उसके अनुसार सवाल जरूर उठता है.

दरसल 21 और 22 सितंबर को हुए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पर अभ्यार्थी कई सवाल उठा रहे है। Question paper का सील खुला होने से लेकर गलत Question paper बांटने तक के कई आरोप छात्रों द्वारा लगाया जा रहा है। 

ये तो आपने सुना कि प्रश्न पत्र का सील खुला हुआ था वहीं अब दूसरी घटना आपको बताते हैं कि किस तरह सेकंड पेपर लैंग्वेज का फर्स्ट शिफ्ट में छात्रों के बीच दे दिया जाता है। यहां तक की जो परीक्षा लेने वाले परीक्षक होते हैं उन्हें भी नहीं मालूम होता की किस विषय का परीक्षा किस समय है। बेरो में 21 सितंबर को हुई इस गड़बड़ी को वहां परीक्षा दे रही महिला अभ्यार्थी ने पूरी घटना बताई। 

आपने प्रश्न पत्र खुला होने का सुना प्रश्न पत्र बदलने का सुना अब देखिए कि किस तरह यह छात्र जो तस्वीरों में दिख रहा है यह परीक्षा से पहले Answer को रट रहा था। जब अन्य छात्रों ने उससे पूछा तो उसे फाड़ कर फेंक दिया और वहां से भाग रहा था। जब उसे टुकड़े को मिलाया गया तो आए हुए प्रश्न पत्र से मैच कर रहा था उस वक्त जो समय था छात्रों के द्वारा यह बनाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है। 

अब देखिए की जेएसएससी में जो परीक्षा में प्रश्न पत्र सेट करते हैं उनकी क्या करामात है। दरअसल JSSC परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गए वह 2019 के एसएससी के रिजनिंग में पूछे गए 25 में से 20 सवालों को जैसे सी ने हूबहू पूछा गया है। बस सिर्फ इतना है कि उस प्रश्न की नंबर संख्या बदल दी गई है। 

अब यहां सवाल है PAPERLEAK करने की जरुरत भी क्या थी QUESTION बनाने वालो को बस ईतना ही बोलना है की SSC CGL MAINS का 2019 का इस SET से PAGE NO ईतना का MATHS REASONING रट्ट लो। 

अब आयोग से लेकर सरकार तक सवाल कई है और छात्रों का गुस्सा तो चरम पर है। काफी लंबे सालों से यह परीक्षा लंबित चली आ रही है और अभी भी यह क्लियर नहीं हो पाई। वहीं सरकार मईया योजना में व्यस्त है और विपक्ष की बात करें तो वह परिवर्तन करने में लगी है। तो इन छात्रों का सूद और उनकी जो व्यथा है वह आखिरकार सुनेगा कौन? क्या इसी तरह सड़कों पर छात्र आंदोलन करते रहेंगे? उनकी जो पिछले 8 सालों की मेहनत है उनका हिसाब देगा कौन?

मंईयाँ सम्मान यात्रा का दूसरे दिन, गढ़वा के रामा साहू उच्च विद्यालय मैदान से हुई शुरू महिलाओं की यात्रा को लेकर दिखा ख़ास उत्साह


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क: मंईयाँ सम्मान यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत हज़ारों महिलाओं के साथ गढ़वा जिले के रामा साहू उच्च विद्यालय के मैदान से हुई। यात्रा के दौरान आयोजित कार्यक्रम को मंत्री बेबी देवी, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह एवं विधायक श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन ने संबोधित किया। सभी ने सरकार द्वारा चलायी जा रही झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना समेत सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। 

वही बाल विकास सामाजिक कल्याण मंत्री बेबी देवी ने कहा कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना से महिलाएं सशक्त हो रही हैं। महिलाओं के हितों को देखते हुए भविष्य में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना की राशि मे वृद्धि भी की जाएगी। 

झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर वर्ष 12000 रुपए (प्रत्येक माह 1000 रुपये) की राशि सीधे उनके खाते में दी जा रही है, जिससे वे स्वालंबन की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि जिन माताओं, बहनों का नाम मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अब तक नहीं जुड़ पाया है, उनका भी नाम युद्धस्तर पर जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। 

कुछ आंशिक त्रुटियों के कारण जिनका पैसा खाते में अब तक नहीं पहुंचा है, ऐसे लोगों के भुगतान प्रक्रिया में आ रही समस्याओं को दूर कर जल्द से जल्द उनके खाते में राशि देने का कार्य किया जा रहा है।

मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार द्वारा झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाई गई है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की मंशा है कि झारखंड की माताएँ एवं बहने पूरे मान- सम्मान के साथ रहें। सरकार उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में गढ़वा जिला समेत झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य किया गया है। उन्होंने गढ़वा जिला के बात करते हुए कहा कि पहले गढ़वा जिला एक पिछड़े जिले के तौर पर होती थी, परन्तु अब मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गढ़वा की सूरत बदल गयी है। सड़क, खेल मैदान, पार्क, नगर भवन समेत कई योजनाओं के तहत विकास कार्य किया गया है। 

वहीं कृषि मंत्री दीपिका पांडे ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा आम जनों के हितों के लिए बहुत सारी कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिये सौभाग्य की बात हैं कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना से जुड़ी महिलाओं के प्रति आभार प्रकट करने का मौक़ा उन्हें मंईयाँ सम्मान यात्रा के दौरान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि काफ़ी कम समय के लिए मिले दायित्वों का निर्वहन झारखंड के लोगों की सेवा कर रहीं हैं। कृषकों के हितों में कार्य करने का काम किया है। बड़ी संख्या में कृषकों के ऋण की माफ़ी कराने का कार्य किया जा रहा है। 

 विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा सेवा, सरोकार और सम्मान के तहत महिलाओं को उनका अधिकार झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना के रूप में देकर सम्मानित करने का कार्य किया गया है। सरकार द्वारा चलायी जा रही सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, अबुआ आवास योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना से लाभुकों को लाभान्वित कर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सोच गरीब-गुरबा, पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं जरूरतमंद लोगों के लिए हमेशा कल्याणकारी रही है। 

विदित हो कि इसके पूर्व मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान यात्रा का शुभारंभ गढ़वा जिले के बंशीधर नगर प्रखंड से होते हुए सभा का आयोजन क्रमशः रमना एवं मेराल प्रखंड में भी हुआ। साथ ही सदर प्रखंड गढ़वा में रात्रि चौपाल का भी आयोजन किया गया।

मंईयाँ सम्मान यात्रा के उक्त आयोजन के मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा समेत अन्य पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड में "आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार" कार्यक्रम में सम्मिलित हुए सीएम हेमंत सोरेन

खूंटी व सिमडेगा जिले को लगभग 734 करोड़ 55 लाख रूपए की योजनाओं की सौगात दी हेमंत सोरेन ने।

 मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास एवं लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का किया वितरण।

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क : वर्ष 2021 में खूंटी की वीर भूमि उलिहातु से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने"आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार" कार्यक्रम का शुरुआत की थी। आज इस कार्यक्रम के चौथे चरण में पुणे सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने साल 2019 में हमें जो जिम्मेवारी दी है, उसका निर्वहन हम कर रहे हैं। आपसभी ने मुझे राज्य का मुख्य सेवक बनाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और आज भी यह बात कह रहा हूं। वर्तमान राज्य सरकार गांव से चलने वाली सरकार है। आज राज्य सरकार के अधिकारी आपके द्वार पहुंचकर आपकी समस्याओं का समाधान कर रहें हैं। आपको सरकार की योजनाओं से जोड़ रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के सभी वर्ग-समुदाय को उनका हक-अधिकार देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से अपील किया कि आपसभी अपना हौसला बुलंद रखिए। आप मजबूती के साथ खड़े रहिए। आपका यह बेटा आपके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। 

आप सिर्फ अपना आशीर्वाद हमें देते रहे ताकि हम दिन रात जनहित का काम करते रहें। 

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य की महिलाओं को सम्मान, वृद्धजनों को बुढ़ापे की लाठी दी है। हमारी सरकार ने राज्य की नारी शक्ति को सम्मान के साथ-साथ आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" की शुरुआत की है। सभी वर्ग-समुदाय की महिलाओं को हमारी सरकार उनका हक-अधिकार दे रही है।

 

केंद्र से 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया राशि मिले तो विकास कार्यों में और तेजी आएगी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज फिर एक बार राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखकर 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया राशि की मांग की गई है। अगर केंद्र सरकार यह बकाया राशि नही देता हैं तो उसका ब्याज ही दे ताकि राज्य सरकार द्वारा यहां की महिलाओं को सम्मान राशि के रूप में प्रतिमाह 2 हजार रुपए यानी कि सालाना 24 हजार रुपए भुगतान किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि याद कीजिए आज से चार वर्ष पहले पेंशन लेने के लिए लोगों को कितनी परेशानियों का सामना कर पड़ता था, लेकिन आज घर-घर जाकर लोगों को पेंशन और महिलाओं को सम्मान राशि से जोड़ने का कागज बनता है। 

उन्होंने कहा राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब सरकारी पदाधिकारी गांव जाएंगे और आपकी समस्या का समाधान करेंगे। कुछ वर्ष पहले तक आपने कभी सुना था कि कोई पदाधिकारी आपके गांव पहुंचते थे। आज परिस्थियां बदली है। आज सरकारी पदाधिकारियों द्वारा समस्याओं का समाधान आपके द्वार पहुंचकर किया जा रहा है। यह कार्य अनवरत चलने वाला है। आज हर पदाधिकारी "जोहार" बोलकर आपको सम्मान देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सुनिश्चित किया है कि झारखंडियों का अभिवादन "जोहार" से होगा। 

राज्य के भीतर बड़े पैमाने पर राइस प्रोसेसिंग उद्योग को दी है स्वीकृति*

मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी जद्दजोहद के बाद सरना धर्म कोड विधेयक विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा लेकिन दुर्भाग्य है कि केंद्र सरकार की उदासीनता की वजह से यहां के आदिवासी समुदाय को सरना धर्म कोड की मान्यता अभी तक नही मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के भीतर बड़े पैमाने पर चावल बनाने के उद्योग को स्वीकृति दी है। बहुत जल्द धान खरीद की व्यवस्था को तेज करेंगे और जो हमारा फैक्ट्री बन रहा है, इस फैक्ट्री से चावल बनाकर राज्य के गरीबों के बीच वितरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार यहां के लोगों को रोटी, कपड़ा, मकान उपलब्ध कराने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य कर रही है। झारखंड देश का इकलौता राज्य है जो यहां की युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजता है।

JMM ने भाजपा के परिवर्तन यात्रा पर कसा तंज, कहा -22 सालो में भाजपा को आदिवासी अस्मिता की याद नही आई



भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार भाजपा राष्ट्रपति को चुनावी मुद्दा बना रहा है - JMM

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी के एक्सटेंडेड राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा झारखंड के खूंटी में परिवर्तन यात्रा के जनसभा को षड्यंत्र यात्रा बताया।

 उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में आए नड्डा जी ने बीजेपी के लिए ऐसा गड्ढा खोदा कि, मुंडा जी को उस बड़े गड्ढे में डालने का काम किया। वही जेपी नड्डा ने आदिवासी अस्मिता की बात की उनके संगठन में आए घुसपैठिए ही दल के पहले सीएम बने, फिर अर्जुन मुंडा सी एम बने, फिर सबसे प्रख्यात सीएम मधु कोड़ा आपकी पार्टी में हैं , रघुबर दास को भी पांच साल मिला, विश्व आदिवासी दिवस को राज्य गठन के बाद बीजेपी को याद करने में 22 वर्ष लगा। क्यों हेमंत सोरेन को आदिवासी दिवस शुरु करने में 22 साल लगे। 

 वहीं भाजपा के द्वारा आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाए जाने को लेकर बार-बार मंच पर बताने के मुद्दे पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के लोकतांत्रिक में यह पहली बार होगा कि भाजपा राष्ट्रपति को ही चुनावी मुद्दा बना रही है। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि बीजेपी परास्त और हताश हो गई है। बीजेपी के शासन में मां बेटी सुरक्षित नही हैं। आपने गरीबों का निवाला छीना , रोटी छीनी । 

भाजपा का परिवर्तन यात्रा का जवाब कहीं ना कहीं जनता मईया यात्रा से देगी। आज से शुरु होने वाली मईया यात्रा में 52 लाख मईया सम्मान के लाभार्थी हैं। जो इन्हें जवाब देगी। बीजेपी इससे घबरा गई है। अब जनता जवाब देने को तैयार है।